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अब इस विदेशी कंपनी को Bharat लाने की तैयारी में अंबानी, इन्हें मिलेगी सीधी चुनौती!
रिलायंस और ब्रिटिश फैशन रिटेलर प्राइमार्क के बीच बातचीत चल रही है. अंबानी प्राइमार्क की भारत में एंट्री करवा सकते हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 months ago
अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) आजकल अलग-अलग सेक्टर्स की दिग्गज कंपनियों की टेंशन बढ़ाने में लगे हुए हैं. एक तरफ जहां उन्होंने कोला बाजार में श्रीलंका की एलिफेंट हाउस के साथ पार्टनरशिप का ऐलान करके Pepsi और Coca-Cola की चुनौतियों में इजाफा किया है. वहीं, रिटेल स्पेस में उन्होंने टाटा, लैंडमार्क ग्रुप और शॉपर्स स्टॉप को कड़ी टक्कर देने का मन बना लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) दिग्गज ब्रिटिश फैशन रिटेलर प्राइमार्क (Primark) को भारत लाने की तैयारी में है.
पहले से चल रही है कोशिश
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि Primark सस्ते कपड़े और जूतों के लिए प्रसिद्ध है. पिछले कुछ समय से यह ब्रैंड भारत में एंट्री की कोशिशों में लगा है और मुकेश अंबानी उसकी इस कोशिश को सफल बनाने की तैयारी कर रहे हैं. Primark की पैरेंट एसोसिएट्स ब्रिटिश फूड्स (Associated British Foods) है, जो लंदन की लिस्टेड कंपनी है. इसके दुनिया भर में 400 से अधिक स्टोर हैं. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि प्राइमार्क की भारत में एंट्री का सीधा मतलब है टाटा ग्रुप के जूडियो, लैंडमार्क ग्रुप के MAX और शॉपर्स स्टॉप के इनट्यून को कड़ी टक्कर मिलने वाली है.
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आर्थिक सेहत है दमदार
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट्स में बताया गया है कि प्राइमार्क और रिलायंस के बीच साझेदारी एक संयुक्त उद्यम या लाइसेंसिंग समझौते के माध्यम से हो सकती है. बता दें कि कोरोना महामारी के प्रभाव के बावजूद, इस ब्रिटिश ब्रैंड के रिवेन्यु में हाल के वर्षों में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई है. इसका एक प्रमुख कारण ये है कि प्राइमार्क के कपड़े और जूतों की औसत कीमत दूसरे प्रमुख रिटेलर्स से कम है. Primark के सोर्स की बात करें, तो ब्रिटेन की ये कंपनी चीन पर काफी हद तक निर्भर है. इसके बाद दूसरा नंबर भारत का आता है. हमारे देश की कई छोटी-बड़ी कंपनियां इसके लिए सप्लाई करती हैं.
इस पर निर्भर है सफलता
Primark ग्लोबल लेवल पर काफी मजबूत ब्रैंड है, लेकिन भारत में उसकी सफलता कई बातों पर निर्भर है. मसलन, वो भारतीय उपभोक्ताओं की जरूरतों को किस तरह पूरा करता है, उसकी प्रोडक्ट रेंज देश में मौजूद दूसरे ब्रैंड की तुलना में कितनी कम है, आदि. टाटा ग्रुप का जूडियो और लैंडमार्क ग्रुप का MAX इसलिए अपनी पकड़ बना पाए हैं, क्योंकि यहां मिलने वाले उत्पाद सस्ते और अच्छे होते हैं. किफायती फैशन सेगमेंट में इन दोनों ने ही अपनी एक अलग पहचान स्थापित कर ली हो. वैसे, इस कैटेगरी में रिलायंस के ट्रेंड्स और यूस्टा भी आते हैं. बता दें कि प्राइमार्क की मौजूदगी कई देशों में है और इसे 1969 में Arthur Ryan ने स्थापित किया था. पिछले साल तक इसमें करीब 76,000 कर्मचारी काम करते थे.
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