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Google को इस दिग्गज बिजनेसमैन ने क्यों करार दे डाला 'नई डिजिटल ईस्ट इंडिया' कंपनी?
गूगल द्वारा उठाए गए एक कदम से तमाम ऐप्स के फाउंडर्स काफी नाराज हैं और सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 months ago
सोशल मीडिया पर इस समय गूगल ट्रेंड कर रहा है. दिग्गज उद्योगपति उसे पानी पी-पीकर कोस रहे हैं. Shaadi डॉट कॉम के फाउंडर अनुपम मित्तल (Anupam Mittal) ने तो गूगल को 'नई डिजिटल ईस्ट इंडिया' करार दे डाला है. दरअसल, गूगल ने कई दिग्गज ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया है. इस लिस्ट में Shaadi डॉट कॉम के साथ-साथ Naukri डॉट कॉम, 99acres, STAGEdotin और Matrimony आदि शामिल हैं. Google के इस एक्शन से सभी कंपनियों के फाउंडर्स नाराज हैं और सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं.
इंटरनेट के लिए काला दिन
Shaadi डॉट कॉम के संस्थापक अनुपम मित्तल ने तो गुरुवार को भारतीय इंटरनेट के लिए काला दिन करार दिया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि इस तरह का कदम उठाकर गूगल को 'नई डिजिटल ईस्ट इंडिया' कंपनी बन गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Google ने भारतीय डेवलपर्स के ऐसे ऐप्स को Play Store से हटाने का फैसला किया है, जो उसकी बिलिंग पॉलिसी का पालन नहीं कर रहे हैं. वहीं, इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) भी इस मामले में कूद गई है. उसने गूगल से भारतीय कंपनियों के ऐप्स को प्ले स्टोर से न हटाने का आग्रह किया है.
Today is a dark day for India Internet. Google has delisted major apps from its app store even though legal hearings are underway @CCI_India & @indSupremeCourt Their false narratives & audacity show they have little regard for Make no mistake - this is the new Digital East…
— Anupam Mittal (@AnupamMittal) March 1, 2024
हम तो पालन कर रहे थे
इन्फो एज के संस्थापक संजीव बिखचंदानी ने भी Google की कार्रवाई पर आश्चर्य जताया है. उन्होंने कहा- ऐसा लगता है कि गूगल ने भारतीय डेवलपर्स के लिए अपनी ऐप बिलिंग पॉलिसी लागू करने के लिए यह कदम उठाया है. उन्होंने बताया कि गूगल की ऐप पॉलिसी के खिलाफ एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद इन्फो एज के Naukri और 99acres ऐप 9 फरवरी से गूगल की ऐप नीति का पालन कर रहे थे. इसके बावजूद उन्हें गूगल प्ले स्टोर से हटाना आश्चर्यजनक है.
सरकार से लगाई गुहार
इसी तरह, डेटिंग ऐप QuackQuackin के फाउंडर और सीईओ रवि मित्तल ने Google की ओर से ऐप को बिना किसी पूर्व चेतावनी के डीलिस्ट करने पर हैरानी जताई है. उन्होंने कहा कि कोर्ट में मामला लंबित है इसके बावजूद Google के इस कदम का मतलब है कि हमारे पास उसकी मनमानी नीतियों का पालन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता. मित्तल ने आगे कहा कि हमारा ज्यादातर यूजरबेस एंड्रॉइड पर है, जहां प्रतिदिन 25,000 से ज्यादा डाउनलोड होते हैं. Google का यह कदम न केवल हमारे ऐप बल्कि पूरे स्टार्टअप इकोसिस्टम को खतरे में डालता है. उन्होंने भारत सरकार से हस्तक्षेप की गुहार भी लगाई है.
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