महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में कंडोम बनाने वाली छह कंपनियों के प्लांट हैं, जिनका सालाना टर्नओवर 200 से 300 करोड़ रुपए का है.
कंडोम (Condoms) बनाने वाली कंपनी मैनकाइंड फार्मा का IPO बीते दिनों आया था. इस आईपीओ को निवेशकों ने हाथों-हाथ लिया. सब्सक्रिप्शन के आखिरी दिन Mankind Pharma IPO 15.32 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ था. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कंपनी में निवेश को लेकर लोग कितने आतुर थे. देश में Condoms का काफी बड़ा बाजार है और इसमें अभी भी ग्रोथ की काफी संभावना मौजूद है. अब जब बात कंडोम की निकली है, तो यह भी जान लेते हैं कि भारत में सबसे ज्यादा कंडोम किस शहर में बनाए जाते हैं.
6 कंपनियां यहां मौजूद
महाराष्ट्र के औरंगाबाद की पहचान Auto Hub के साथ-साथ अब Condom Hub के तौर पर भी हो गई है. देश की 10 में से 6 कंडोम निर्माता कंपनी औरंगाबाद में हैं. इन कंपनियों से केवल भारत में ही कंडोम की सप्लाई नहीं होती, बल्कि दुनिया के 36 देशों को Condom औरंगाबाद से जाते हैं. इसमें यूरोप, लैटिन अमेरिका, अफ्रीका के अलावा कुछ एशियाई देश भी शामिल हैं. औरंगाबाद में जिन 8 कंपनियों के प्लांट हैं, उनकी 10 करोड़ कंडोम प्रति महीने तैयार करने की क्षमता है.
20 हजार लोगों को जॉब
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि औरंगाबाद में स्थित Condom कंपनियों का सालाना टर्नओवर 200 से 300 करोड़ रुपए का है. वहीं, इस इंडस्ट्री के चलते रही के लगभग 20 हजार लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है. Kamasutra से लेकर Night Riders तक कई फेमस Condom Brand यहीं तैयार किए जाते हैं. इसके अलावा, औरंगाबाद की फैक्ट्रियों में 40 से 50 फ्लेवर के कंडोम भी बनाए जाते हैं. बता दें कि फ्लेवर कंडोम की डिमांड पिछले कुछ वक्त में काफी बढ़ गई है. यही वजह है कि कंपनियां नए-नए फ्लेवर वाले Condom पेश कर रही हैं.
देश दूसरा सबसे बड़ा ब्रैंड
Kamasutra कंडोम देश का दूसरा सबसे बड़ा कंडोम ब्रैंड है. कुछ दिन पहले तक इसका मालिकाना हक रेमंड ग्रुप के पास था, लेकिन अब यह गोदरेज समूह का हो गया है. दरअसल, रेमंड ने अपने FMCG कारोबार को बेचने के लिए गोदरेज ग्रुप के साथ डील की है, इसके तहत पार्क एवेन्यू, कामसूत्र और KS गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (GCPL) के पोर्टफोलियो में आ गए हैं. Kamasutra कंडोम का उत्पादन भी औरंगाबाद में होता है. बता दें कि कामसूत्र 1991 में बाजार में लॉन्च हुआ था. पिछले साल रेमंड ने 320 मिलियन Kamasutra कंडोम का उत्पादन किया था.
ग्लोबल मार्केट इतना बड़ा
औरंगाबाद में कंडोम बनाने के लिए आवश्यक रबर केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों से लाया जाता है. Condom के ग्लोबल मार्केट की बात करें, तो यह काफी तेजी से बढ़ रहा है. इसके साल 2032 तक 17.2 अरब डॉलर के आंकड़े को पार करने की उम्मीद है. जबकि साल 2022 में Global Condom Market 7.1 अरब डॉलर का था. मेल के साथ-साथ Female Condom की डिमांड भी तेजी से बढ़ रही है. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होने के चलते Condom की बिक्री में तेजी आई है
चीन में सरकार से लेकर आम जनता तक लगातार सोना खरीदते जा रहे हैं. इस वजह से सोने की डिमांड बढ़ रही है.
सोने (Gold) की कीमतें नई ऊंचाई पर बनी हुई हैं. कल यानी छह मई को भी इसके दाम में इजाफा दर्ज हुआ. सोने की कीमत 71 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच चुकी है. वहीं, चांदी का भाव 80 हजार रुपए प्रति किलो से अधिक चल रहा है. वैसे, तो सोने की कीमतों में उछाल के कई कारण होते हैं, लेकिन इसका एक कारण हमारा पड़ोसी चीन भी है. दरअसल, चीन की सरकार से लेकर आम जनता तक ऐसे सोना खरीद रहे हैं, जैसे ये पीली धातु धरती से खत्म होने वाली है. चीन में लगातार बढ़ रही डिमांड के चलते सोने की कीमतों में तेजी आ रही है.
रियल एस्टेट के बुरे हाल
चीन इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है. रियल एस्टेट से लेकर शेयर मार्केट तक में उसकी स्थिति खराब है. इसलिए चीन ने अब पूरा फोकस सोना खरीदने पर लगा दिया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में सोने की कीमत 2400 डॉलर प्रति औंस के हाई पर पहुंचने के पीछे चाइना कनेक्शन की बात कही गई है. इसमें कहा गया है कि सोने की वैश्विक कीमत अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, क्योंकि चीनी निवेशक और उपभोक्ता रिकॉर्ड तेजी के साथ सोने में निवेश कर रहे हैं. चीन के गोल्ड रिजर्व (China Gold Reserve) में लगातार 17वें महीने में बढ़ोतरी हुई है.
इसलिए लगा रहे दांव
Gold Market में पहले से ही चीन का दबदबा है और अब उसने अपने सोने के भंडार में लगातार वृद्धि करना शुरू कर दिया है. पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने लगातार 17वें महीने अपने गोल्ड रिजर्व में बढ़ोतरी की है. चाइना गोल्ड एसोसिएशन का कहना है कि चीन में सोने की खपत पहली तिमाही में 6 फीसदी बढ़ी है. दरअसल, सोने को निवेश का सुरक्षित विकल्प माना जाता है. इसलिए चीन के लोग रियल एस्टेट और शेयर बाजार के बजाए सोने में पैसा लगा रहे हैं. क्योंकि उन्हें पता है कि सोने में लगा पैसा उन्हें कुछ न कुछ रिटर्न देकर ही जाएगा.
सोना सबसे अच्छा विकल्प
अक्सर जब भी वैश्विक तौर पर उथल-पुथल होती है, सोने के दाम बढ़ जाते हैं. जैसा कि इजरायल-ईरान संघर्ष के दौरान देखने को मिला था. अमेरिकी फर्म स्पार्टन कैपिटल सिक्योरिटीज के चीफ मार्केट इकोनॉमिस्ट पीटर कार्डिलो ने इजरायल-हमास युद्ध के समय कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उथल-पुथल के दौरान इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो की सुरक्षा के लिए सोना अच्छा विकल्प है. तब से अब तक सोने के भाव काफी बढ़ चुके हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि इजरायल और ईरान के बीच स्थिति ज्यादा खराब हो जाती तो सोना और भी महंगा हो सकता था.
कौन तय करता है Gold Price?
जब सोने की बात निकली है, तो यह भी जान लेते हैं कि इसकी कीमत कैसे तय होती है. दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा सोने की कीमत तय की जाती है. वह यूएस डॉलर में सोने की कीमत प्रकाशित करता है. यह कीमत बैंकरों और बुलियन व्यापारियों के लिए एक वैश्विक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है. भारत में, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आयात शुल्क और अन्य लागू टैक्स को जोड़कर यह तय करता है कि रिटेल विक्रेताओं को सोना किस दर पर दिया जाएगा.
Bharat यहां से करता है इम्पोर्ट
भारत के लिए स्विट्जरलैंड सोने के आयात का सबसे बड़ा स्रोत है. यहां से हमारे कुल गोल्ड आयात की हिस्सेदारी करीब 41 प्रतिशत है. इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात से भारत लगभग 13 फीसदी और दक्षिण अफ्रीका से करीब 10 प्रतिशत सोना आयात करता है. भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Gold कंज्यूमर है. देश में सोने का आयात मुख्य रूप से ज्वैलरी इंडस्ट्री की मांग पूरी करने के लिए किया जाता है. देश के कुल आयात में सोने की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत से ज्यादा की है.
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग आज हो रही है. 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 93 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं.
शेयर बाजार (Stock Market) कल उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार करता नजर आया. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) सेंसेक्स 17.39 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 73,895.54 पर बंद हुआ. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 33.15 अंक फिसलकर 22,442.70 पर आ गया. सेंसेक्स की कंपनियों में कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों ने 5% की बढ़त हासिल की. RBI की कार्रवाई के बाद यह पहली बार है जब बैंक का शेयर इतनी तेजी से आगे बढ़ा. इसी तरह, TCS, हिंदुस्तान यूनिलीवर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, सन फार्मा और इंडसइंड बैंक के शेयरों में भी बढ़त दर्ज हुई. PSU बैंकों के शेयर जरूर कल गिरावट के साथ कारोबार करते दिखाई दिए. चलिए जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.
इनमें आ सकती है तेजी
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए APL Apollo Tubes, Radico Khaitan, Fortis Healthcare, Zydus Lifesciences और Triveni Turbine पर तेजी का रुख दर्शाया है. इसका मतलब है कि इन शेयरों के भाव आज उछल सकते हैं और दांव लगाकर आपके लिए मुनाफा कमाने की गुंजाइश भी बन सकती है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श ज़रूर कर लें, अन्यथा नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
ये भी पढ़ें - सोने की चढ़ती कीमतों का आखिर क्या है China कनेक्शन, जानें पूरी कहानी
इन पर भी रखें नजर
MACD ने DOMS Industries के साथ ही आज Info Edge (India), Craftsman Automation, Blue Star, Aavas Financiers और Safari Industries में मंदी के संकेत दिए हैं. यानी कि इन शेयरों में आज गिरावट देखने को मिल सकती है. लिहाजा इनमें निवेश को लेकर सावधान रहें. अब बात करते हैं उन शेयरों की जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में Godrej Properties, Rainbow Children's Medicare, Prestige Estate, Brigade Enterprises, Asahi India Glass, Sterling and Wilson Renewable और Supreme Industries का नाम शामिल है. जबकि Zee Entertainment Enterprises के शेयर में बिकवाली का दबाव दिखाई दे रहा है.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
यदि आपका घर उन लोकसभा क्षेत्रों में से किसी में है जहां आज मतदान होना है, तो आपके यहां बैंक बंद रहेंगे.
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के तीसरे चरण में आज यानी 7 मई को 93 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की इन लोकसभा सीटों पर होने वाले मतदान के चलते बैंकिंग गतिविधियां प्रभावित रहेंगी. कहने का मतलब है कि जिन शहरों में आज तीसरे चरण के तहत मतदान होना है, वहां बैंकों में छुट्टी रहेगी. बता दें कि लोकसभा चुनाव के इस चरण में 94 सीटों पर वोटिंग होनी थी, लेकिन गुजरात के सूरत लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के निर्विरोध चुने जाने से वहां मतदान नहीं होगा.
MP में इतनी प्रतिष्ठा दांव पर
तीसरे चरण में मध्य प्रदेश की 9 सीटों पर चुनाव होना है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के राजनीतिक भविष्य का फैसला आज होने वाले मतदान से होगा. मध्य प्रदेश की भोपाल, मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, राजगढ़ और बैतूल सीट पर वोटिंग होनी है. शिवराज सिंह चौहान विदिशा और ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से चुनावी मैदान में हैं. जबकि राजगढ़ से कांग्रेस लीडर और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मैदान में हैं.
यहां भी होनी है वोटिंग
महाराष्ट्र की कुल 11 सीटों पर आज वोटिंग होगी. इसी तरह, उत्तर प्रदेश की 10, पश्चिम बंगाल की 4 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा. असम की 4, बिहार की 5, छत्तीसगढ़ की 7, दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव की 2, गोवा की 2, गुजरात की 26, जम्मू और कश्मीर की 1 और कर्नाटक की 14 सीटों पर इस चरण में वोट डाले जाएंगे. अखिलेश यादव के पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ रही हैं. उनकी सीट पर भी आज ही वोटिंग होनी है. इसी तरह, सपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव के भाग्य का भी आज फैसला होना है. वह फिरोजाबाद सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
इन शहरों में बंद रहेंगे बैंक
मध्यप्रदेश के भोपाल, मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, राजगढ़ और बैतूल, असम में कोकराझार (आरक्षित), धुबरी, बारपेटा और गुवाहाटी, बिहार में झाझानपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और खगड़िया, छत्तीसगढ़ में सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा, बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर, गोवा के कुछ शहरों, गुजरात में कच्छ, बनासकांठा, पाटन, महेसाणा, साबरकांठा, गांधीनगर, अहमदाबाद पूर्व, अहमदाबाद पश्चिम, सुरेंद्रनगर, राजकोट, पोरबंदर, जामनगर, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, आणंद, खेड़ा, पंचमहल, दाहोद, वडोदरा, छोटा उदयपुर, भरूच, बारडोली, सूरत, नवसारी और वलसाड में बैंक आज बंद रहेंगे. इसी तरह, कर्नाटक में चिक्कोडी, बेलगाम, बागलकोट, बीजापुर, गुलबर्गा, रायचूर, बीदर, कोप्पल, बेल्लारी, हावेरी, धारवाड़, उत्तर कन्नड़, दावणगेरे और शिमोगा, महाराष्ट्र में रायगढ़, बारामती, उस्मानाबाद, लातूर, सोलापुर, माधा, सांगली, सतारा, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर और हाटकन्नांगले में आज बैंकों में कामकाज नहीं होगा.
उत्तर प्रदेश में हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, बरेली और संभल, पश्चिम बंगाल में मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण, जंगीपुर और मुर्शिदाबाद, संघ शासित प्रदेश में दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव के साथ ही जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में अनंतनाग और राजौरी में भी बैंक बंद रहेंगे.
Indegen आईपीओ को हर कैटेगिरी में निवेशक का जबरदस्त रिस्पांस मिला है. जहां इंस्टीट्यूशनल बॉयर्स ने जमकर खरीददारी की वहीं रिटेल निवेशकों ने भी जमकर खरीदा है.
इस हफ्ते आने वाले तीन आईपीओ में Indegen आईपीओ को जबरदस्त रिस्पांस मिला है. खुलने के पहले ही दिन आईपीओ पूरी तरह से स्ब्सक्राइब हो चुका है. निवेशक इस आईपीओ में 8 तारीख की शाम तक निवेश कर सकते हैं. 1800 करोड़ रुपये से ज्यादा के इस आईपीओ पर निवेशक बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं. खास बात ये है कि इस आईपीओ का ग्रे मार्केट प्राइस बेहतर बना हुआ है.
किस कैटेगिरी में कितना हुआ सब्सक्राइब
Indegen आईपीओ को हर तरह के निवेशक ने बड़े पैमाने पर सब्सक्राइब किया. ये आईपीओ गैर-संस्थागत निवेशकों की श्रेणी में 4.13 गुना सब्सक्राइब हुआ, जबकि रिटेल निवेशक के हिस्से में आईपीओ 1.50 गुना सब्सक्राइब हुआ और योग्य संस्थागत खरीदारों का हिस्सा 5% सब्सक्राइब हुआ. खुद Indegen के कर्मचारियों ने भी बड़े पैमाने पर निवेश करते हुए 1.31 गुना सब्सक्राइब किया. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, इंडीजीन आईपीओ पहले दिन 1.67 गुना सब्सक्राइब हुआ.
ये भी पढ़ें:नोएडा के इस लग्जरी प्रोजेक्ट में क्या आपने भी किया है निवेश, NCLT ने लिया ये एक्शन
इतना है प्राइज बैंड
1,841.76 करोड़ रुपए के इस आईपीओ के तहत 750 करोड़ रुपए के फ्रेश शेयर जारी किए जाएंगे. कंपनी के इन्वेस्टर्स और प्रमोटर्स ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए 2.93 करोड़ शेयरों की बिक्री करेंगे. इंडेजीन ने 430-452 रुपए का प्राइज बैंड तय किया है. लाइफ साइंसेज इंडस्ट्री को डिजिटल सर्विसेज उपलब्ध कराने वाली इस कंपनी ने 3 मई को एंकर निवेशकों से 548.77 करोड़ रुपए जुटाए थे.
जानिए कब हो रहा है बाजार में लिस्ट
इस आईपीओ के लिए जो लिस्ट होने की तारीख है वो हम आपको बताएंगे. लेकिन पहले जानिए कि 8 तारीख तक इसमें पैसा लगाया जा सकता है. उसके बाद 9 मई तक इसमें अलॉटमेंट किया जाएगा. 10 मई को उन लोगों को रिफंड कर दिया जाएगा जिन्हें आईपीओ अलॉट नहीं होगा. इसी तरह से बाजार में इसके लिस्ट होने की तारीख 13 मई तय की गई है. उस दिन पता चलेगा आईपीओ को बेहतर रिस्पांस मिलने के बाद ये लिस्ट कितने पर होता है.
वोडाफोन-आइडिया (Vi) ने अपने 4जी नेटवर्क को अपग्रेड और 5G को रोलआउट करने के लिए यूरोपीय कंपनियों के साथ बातचीत तेज कर दी है. माना जा रहा है कि खरीद ऑर्डर जून-जुलाई में जारी हो सकता है.
वोडाफोन आइडिया (Vi) ने हाल ही में सफल फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) पूरा किया है और अब वह अपने 4G नेटवर्क को अपग्रेड करने की योजना बना रही है. इस अपग्रेड के लिए कंपनी ने नोकिया और एरिक्सन के साथ बातचीत तेज कर दी है. उम्मीद है कि जून-जुलाई 2024 में ही इन कंपनियों को नेटवर्क अपग्रेड का ऑर्डर दे दिया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी दौरान Vodafone-Idea, 5G नेटवर्क के लिए भी इन कंपनियों के साथ शुरुआती एग्रीमेंट कर सकती है.
चुनाव के बाद जारी हो सकता है पर्चेजिंग ऑर्डर!
इस टेलीकॉम कंपनी ने हाल ही में 18,000 करोड़ रुपये का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) सफलता पूर्वक पूरा किया है. कंपनी इस फंड में से कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए लगभग 13,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसमें से आधे से अधिक 4जी विस्तार के लिए होगा. उम्मीद है कि जून में स्पेक्ट्रम नीलामी और चुनाव समाप्त होने के बाद खरीद का ऑर्डर जारी किया जाए. एरिक्सन के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम भारत में सभी ग्राहकों के साथ जुड़े हुए हैं, लेकिन हमारी व्यावसायिक चर्चाओं पर टिप्पणी नहीं करते हैं.
कार खरीदने की सोच रहे हैं, तो Honda दे रहा है भारी भरकम डिस्काउंट, जानिए ऑफर
₹25,000 करोड़ जुटा रही है कंपनी
FPO के जरिए फंड जुटाने के अलावा टेलीकॉम कंपनी कर्ज के जरिए ₹25,000 करोड़ जुटाने की कोशिश कर रही है. इसके अलावा कंपनी ने प्रेफरेंशियल शेयर इश्यू के जरिए प्रमोटर यूनिट से ₹2,075 करोड़ जुटाने की पहले ही मंजूरी दे दी थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वोडाफोन-आइडिया को 5G शुरू करने से पहले 4 नेटवर्क को अपग्रेड करना होगा. वोडाफोन आइडिया के 4G नेटवर्क में चीनी वेंडर्स की बड़ी हिस्सेदारी है, लेकिन चीनी फर्म को 5G नेटवर्क के लिए अनुमति नहीं है. इसलिए टेलीकॉम कंपनी को पहले यूरोपीय वेंडर्स के माध्यम से 4G नेटवर्क को अपग्रेड करना होगा और फिर 5G रोलआउट की योजना बनानी होगी.
वोडाफोन-आइडिया पर 2,10,000 करोड़ का कर्ज
वोडाफोन आइडिया वित्तीय दिक्कतों से जूझ रही है, जिसपर 2,10,000 करोड़ का कर्ज है. वोडाफोन आइडिया अपने कॉम्पिटिटर्स (Jio और Airtel) के साथ कॉम्पिटिशन करने के लिए अपनी सर्विस और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करना चाहती है. कंपनी अभी रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसे बड़े कॉम्पिटिटर्स से काफी पीछे है.
पतंजलि के विज्ञापनों को लेकर बाबा रामदेव को पिछले कुछ वक्त से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
विज्ञापनों में बड़े-बड़े दावे करने के चलते जहां बाबा रामदेव (Baba Ramdev) को सुप्रीम कोर्ट से कड़ी फटकार लगी थी. वहीं, उत्तराखंड सरकार ने भी उनकी कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी. राज्य सरकार ने पतंजलि की दिव्य फार्मेसी (Divya Pharmacy) के 14 उत्पादों पर बैन लगाते हुए उनके लाइसेंस रद्द कर दिए थे. इसके साथ ही उत्तराखंड की लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने बाबा की कंपनी के खिलाफ हरिद्वार की एक अदालत में कानूनी कार्यवाही भी शुरू कर दी है.
पीएमओ से मिले थे निर्देश
अब सवाल यह उठता है कि राज्य सरकार ने खुद ही रामदेव की कंपनी के बड़े-बड़े दावों पर आपत्ति जताते हुए कार्रवाई की या फिर इसके आदेश कहीं और से आए थे? एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय यानी PMO के निर्देश के बाद ही उत्तरखंड सरकार हरकत में आई थी. दरअसल, पीएमओ को भेजी गई एक शिकायत में कहा गया था पतंजलि आयुर्वेद आयुष उत्पादों के बारे में भ्रामक विज्ञापनों से जुड़े कानून का लगातार उल्लंघन कर रही है, लिहाजा कंपनी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए.
ये भी पढ़ें - उतार-चढ़ाव वाले बाजार में लाल रंग में क्यों डूबे नजर आए सरकारी बैंकों के शेयर?
इन्होंने की थी शिकायत
इसके बाद PMO से कार्रवाई के निर्देश मिले और उत्तराखंड की लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने पतंजलि आयुर्वेद की दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों का लाइसेंस रद्द कर दिया. इसके अलावा, कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी शुरू कर दी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि बाबा की कंपनी के खिलाफ दोनों एक्शन यानी पहले उत्पाद पर प्रतिबंध और फिर कानूनी कार्यवाही पीएमओ के निर्देश पर हुए हैं. आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. वी के बाबू ने पीएमओ से शिकायत में कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद बार-बार Drugs and Magic Remedies कानून 1954 का उल्लंघन कर रही है. अब उत्तराखंड की ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी ने बाबू को भेजे जवाब में बताया कि PMO ने उनकी शिकायत की जांच और उचित कार्रवाई करने को कहा था.
कार्रवाई नहीं कर रही थी सरकार?
यह दावा भी किया जा रहा है कि बाबू पिछले दो साल से रामदेव की कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे, लेकिन राज्य सरकार कार्रवाई नहीं कर रही थी. इसके बाद उन्होंने पीएमओ के साथ ही सुप्रीम कोर्ट से इसमें हस्तक्षेप करने की मांग की थी. बता दें कि पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को जमकर फटकार लगाई थी. कोर्ट ने लगातार तीन बार बाबा की माफी को भी स्वीकार करने से इंकार कर दिया था. इसके बाद पतंजलि ने बड़े फॉन्ट में अख़बारों में माफीनामा प्रकाशित करवाया था.
इस मामले में कोर्ट की ओर से एक आरई की नियुक्ति की गई है. ये आरई इस बात की प्रमुखता से देखरेख करेंगे कि इसमें निवेश करने वालों को किसी तरह की परेशानी न हो.
रियल स्टेट सेक्टर में धीरे धीरे हो रही ग्रोथ के बीच नोएडा के एक लग्जरी प्रोजेक्ट के लिए बुरी खबर सामने आई है. दरअसल नोएडा के सेक्टर 124 में रियल स्टेट कंपनी ATS अपना लग्जरी प्रोजेक्ट बना रही है. एटीएस के इस लग्जरी प्रोजेक्ट पर भुगतान में देरी करने का आरोप है जिसके चलते एनसीएलटी ने बड़ी कार्रवाई की है. एनसीएलटी ने इस मामले में अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है.
आखिर कौन सा है एटीएस का ये प्रोजेक्ट?
रियल स्टेट कंपनी एटीएस इस क्षेत्र की जानी मानी कंपनी है. एटीएस नोएडा के सेक्टर 124 में अपनी लग्जरी हाउसिंग योजना एटीएस नाइटब्रिज बना रही है. लेकिन अब एनसीएलटी ने इस कंपनी के खिलाफ आरई की नियुक्ति कर दी है जो इस मामले की निगरानी करेगा. दरअसल एटीएस हाईट्स प्राइवेट लिमिटेड पर कर्जदाताओं के 285 करोड़ रुपये और 47 करोड़ रुपये के भुगतान में डिफॉल्ट का आरोप है.
ये भी पढ़ें; जेट एयरवेज के चेयरमैन को मिली राहत, इस आधार कोर्ट ने दी जमानत
इस कंपनी की शिकायत पर शुरू हुई है प्रक्रिया
एनसीएलटी में इस मामले की शिकायत एएसके इंडिया रियल एस्टेट स्पेशल अपॉर्च्यूनिटीज फंड प्राइवेट लिमिटेड, एएसके इन्वेसटमेंट मैनेजर्स लिमिटेड और एएसके ट्रस्टीशिप सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, ने की है. एएसके ट्रस्टीशिप सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के बारे में बताया गया है कि वह एएसके इंडिया रियल एस्टेट स्पेशल अपॉर्च्यूनिटीज फंड और एएसके इंडिया रियल एस्टेट स्पेशल अपॉर्च्यूनिटीज फंड-2 की इन्वेस्टमेंट मैनेजर है.
क्या प्रोजेक्ट पर लगाई गई है रोक?
एनसीएलटी ने इस मामले में गौरव कटियार को आरई नियुक्त किया है. एनसीएलटी ने इस प्रोजेक्ट पर किसी भी प्रकार की रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है. एनसीएलटी की ओर से कहा गया है कि ना तो प्रोजेक्ट में देरी होनी चाहिए और न ही इस प्रोजेक्ट में निवेश करने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी होनी चाहिए. वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में एटीएस की प्रमोटर गीतांबर अंगद ने दलील दी है कि 285 करोड़ और 47 करोड़ रुपये के जिस डिफॉल्ट की बात की है वो डेट नहीं है बल्कि इक्विटी है. लेकिन एनसीएलटी ने इसे स्वीकार नहीं किया.
अधिकांश सरकारी बैंकों के शेयरों में आज अच्छी-खासी गिरावट देखने को मिली. PNB के शेयर सबसे ज्यादा लुढ़के.
शेयर बाजार (Stock Market) में आज भरी उतार-चढ़ाव देखने को मिला. सेंसेक्स लाल निशान पर खुला, लेकिन कारोबार की समाप्ति पर कुछ अंकों की मजबूती के साथ बंद हुआ. जबकि Nifty में लाल रंग बिखरा दिखाई दिया. सप्ताह के पहले दिन यानी सोमवार को BSE सेंसेक्स 17.39 अंकों की तेजी के साथ 73,895.54 और NSE निफ्टी 33.15 पॉइंट्स की गिरावट के साथ 22,442.70 पर बंद हुआ. खासकर, पब्लिक सेक्टर बैंकों के शेयरों में ज्यादा गिरावट देखने को मिली. SBI से लेकर यूनियन बैंक तक के शेयर नरमी के साथ बंद हुए.
किसमें, कितनी गिरावट?
आज भारतीय स्टेट बैंक यानी SBI के साथ-साथ पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ बड़ौदा सहित अधिकांश सरकारी बैंकों के शेयर लाल निशान पर बंद हुए. एसबीआई का शेयर 2.64% की गिरावट के साथ 809.50 रुपए पर बंद हुआ. इसी तरह, PNB में सबसे ज्यादा 6.41%, केनरा बैंक में 5.38%, यूनियन बैंक में 2.62%, Bank of Baroda में 4.04% और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 2.19% की गिरावट दर्ज हुई. इन शेयरों में PNB सबसे बड़ा लूजर रहा. इसके बाद केनरा बैंक को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ.
ये भी पढ़ें - हर्षद मेहता के वो 5 शेयर, जिन पर दांव लगाने वालों की आज भर गई होती झोली!
RBI का ये प्रस्ताव बना वजह
अब यह भी जान लेते हैं कि PSU बैंकों के शेयरों में इतनी गिरावट आखिर क्यों आई? एक्सपर्ट्स के अनुसार, सरकारी बैंक स्टॉक में नरमी की वजह है भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का एक प्रस्ताव. दरअसल RBI ने अपने इस प्रस्ताव में क्रियान्वित हो रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को लोन देने से संबंधित नियमों को सख्त बनाने की बात कही है. RBI के मसौदा नियमों में प्रोजेक्ट्स के चरण के हिसाब से उनका वर्गीकरण करने और निर्माण चरण के दौरान 5% तक का उच्च प्रावधान करने का प्रस्ताव रखा गया है. पिछली लोन साइकिल में प्रोजेक्ट्स लोन की वजह से बैंकों के बही-खातों पर दबाव बढ़ गया था.
इन कंपनियों को भी नुकसान
RBI के प्रस्तावित मानदंडों के अनुसार, बैंक को निर्माण चरण के दौरान कर्ज का 5% अलग रखना होगा. प्रस्ताव पर 15 जून तक संबंधित पक्षों से राय मांगी गई है. आरबीआई के इस प्रस्ताव का असर सरकारी बैंकों के शेयरों पर पड़ा है और उनमें आज अच्छी-खासी गिरावट देखने को मिली है. केवल बैंक ही नहीं, केंद्रीय रिजर्व बैंक के नए प्रस्ताव के चलते Power Finance Corporation (PFC), आरईसी लिमिटेड जैसी NBFC यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट आई. PFC के शेयर जहां 8.95% लुढ़ककर 437.45 पर आ गए. वहीं, REC के शेयर 7.46% नीचे गिरकर 516.20 पर बंद हुए.
इंफ्रा प्रोजेक्ट (Infra Project) फाइनेंसिंग के लिए RBI के नए प्रस्ताव के बीच पावर फाइनेंस कॉर्पोर्शन (PFC), आरईसी (REC) और IREDA सहित कई सरकारी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है.
सोमवार यानी 06 मई 2024 की सुबह सरकारी कंपनियों में निवेश करने वालों को बड़ा झटका लगा है. इन कंपनियों में निवेश करने वाले लोगों को बड़ा नुकसान हुआ है. यह गिरावट आरबीआई (RBI) द्वारा जारी एक ड्राफ्ट तैयार करने के बाद आई है. दरअसल, बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स डूबने के कारण बैंक को उनके कर्ज के बोझ से बचाने के लिए आरबीआई ने ये नया प्रस्ताव रखा है. इसमें इंफ्रा प्रोजेक्ट्स फाइनेंसिंग के नियमों में सख्त बदलाव किए गए हैं.
इतने गिरे शेयर
सोमवार को शेयर बाजार बंद होने के बाद पावर फाइनेंस कॉर्पोर्शन (PFC)के शेयर में 8.95 प्रतिशत, आरईसी (REC) के शेयर में 7.46 प्रतिशत और इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) के शेयर में 4.01 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है. वहीं, भारतीय स्टेट बैंक(SBI) 2.64 ,पंजाब नेशनल बैंक (PNB) 6.41 , केनरा बैंक (Canara Bank)5.38, यूनियन बैंक (Union Bank) 2.62, बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) 4.04 और बैंक ऑफ इंडिया (BOI) के शेयर 2.20, बैंक ऑफ महाराष्ट्र 2.19 से ज्यादा टूट गए. वहीं, निफ्टी पीएसयू इंडेक्स 3.66 प्रतिशत लुढ़ककर 7252.85 रुपये पर आ गया.
क्या है आरबीआई का नया प्रस्ताव?
आरबीआई के ड्राफ्ट के अनुसार बैंकों को प्रोजेक्ट के कंस्ट्रक्शन के दौरान लोन अमाउंट का 5 प्रतिशत हिस्सा अलग से रिजर्व रखना होगा. इसे प्रोजेक्ट के चालू हो जाने पर 2.5 प्रतिशत और रीपेमेंट की स्थिति में आ जाने के बाद 1 प्रतिशत पर भी लाया जा सकेगा. 2021 के सर्कुलर में इस रकम को फिलहाल 0.4 प्रतिशत रखा जाता है. आरबीआई ने कहा अगर कई बैंक मिलकर कंसोर्टियम बनाकर 15 अरब रुपये तक के प्रोजेक्ट की फाइनेंसिंग कर रहे हैं, तो उन्हें 10 प्रतिशत लोन अमाउंट रिजर्व रखना होगा.
BW Hindi के व्हाट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें.
आरबीआई ने क्यों बनाया नया ड्राफ्ट?
बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर लोन डूबने के कारण आज कई बैंक मुसीबत में फंसे हुए हैं. इससे देश के बैंकिंग सिस्टम पर बुरा असर पड़ रहा है. ऐसे में आरबीआई ने क्रियान्वित हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को लोन देने से संबंधित नियमों को सख्त बनाने का प्रस्ताव रखा है. पिछली लोन साइकल में प्रोजेक्ट्स लोन की वजह से बैंकों के बही-खातों पर दबाव बढ़ गया था. हालांकि इन नए मानकों को लाने की घोषणा आरबीआई ने पहली बार सितंबर, 2023 में की थी. अब प्रस्तावों पर 15 जून तक संबंधित पक्षों से राय मांगी गई है. ऐसे में अभी ये ही सरकारी बैंक और कंपनियों के शेयर लुढ़कने लगे हैं.
जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल को जमानत भले ही मिली हो लेकिन उन पर कई तरह की पाबंदियां भी लगाई गई हैं, जिसमें पासपोर्ट जमा कराने और बाहर जाने से पहने अनुमति लेने की बात शामिल है.
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल को बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. नरेश गोयल को 2 महीने की अंतरिम जमानत दी गई है. अदालत ने उनकी जमानत के साथ कई तरह शर्तों को भी शामिल किया है जिसमें उन पर एक लाख रुपये के जुर्माने से लेकर पासपोर्ट जमा कराने और मुंबई से बाहर जाने से पहले ट्रायल कोर्ट की अनुमति लेने जैसी शर्तें शामिल हैं.
इस आधार पर मिली जमानत
जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल ने बॉम्बे हाईकोर्ट से खराब स्वास्थ्य और मानवीय आधार पर जमानत मांगी थी, क्योंकि वो और उनकी पत्नी अनीता गोयल दोनों ही कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं. इससे पहले फरवरी में ट्रायल कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. ट्रायल कोर्ट ने जमानत तो खारिज की थी लेकिन उन्हें उनके पसंदीदा अस्प्ताल में इलाज कराने की अनुमति दे दी थी. लेकिन स्वास्थ्य और मानवीयता को आधार बनाकर उनके वकील हरीश साल्वे की ओर से बॉम्बे हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन किया गया जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. हालांकि ईडी की ओर से उन्हें जमानत देने का विरोध किया गया था.
ये भी पढ़ें: HCL ने AI सर्विसेज मुहैया कराने के लिए इस कंपनी से मिलाया हाथ, बदल जाएंगी ये सेवाएं
अस्पताल में रहने का बढ़ाया जा सकता है समय
ईडी के वकील वेनेगांवकर ने जमानत का तो विरोध किया लेकिन कहा कि अगर उनकी अदालत में रहने की अवधि बढ़ाई जाती है तो उसे कोई समस्या नहीं है. ईडी ने कहा कि एक महीने बाद उनके स्वास्थ्य की स्थिति जानने के लिए नई मेडिकल रिपोर्ट की मांग कर सकती है. जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि उनका मानसिक स्वास्थ्य भी सही नहीं है.
पिछले साल सितंबर में हुई थी शादी
जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल को ईडी ने पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया था. उन पर केनरा बैंक की ओर से जेट एयरवेज को मिले 538.62 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा था.इस आरोप में ईडी ने उनकी पत्नी अनीता गोयल को भी गिरफ्तार किया था. लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण अदालत ने उन्हें जमानत दे दी.