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भारतीय लक्जरी रियल एस्टेट बाजार से आई अच्छी खबर…क्या है इसकी असली वजह?
भारत के लक्जरी अचल संपत्ति बाजार में आई तेजी की कई वजहें हैं. इसका प्रमुख कारण HNI और UHNI की बढ़ती संख्या शामिल है यही नहीं इसका कारण उनकी बदलती लाइफस्टाइल भी है.
ललित नारायण कांडपाल 11 months ago
भारत के रियल स्टेट बाजार में भले ही जिस तेजी का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था वो अभी भी न आई हो लेकिन रियल स्टेट के लग्जरी बाजार में बड़ी तेजी देखी जा रही है. आधुनिक सुविधाओं में इजाफा और उत्तम डिजाइन प्रदान करने वाली उच्च-स्तरीय संपत्तियों की मांग करने वाले संपन्न खरीदारों की बढ़ती मांग इसका प्रमुख कारण हैं, यही नहीं देश के एक बड़े तबके में डिसपोजेबल आय में भी बढ़ोतरी भी इसकी बड़ी वजह है.
क्या है इसकी सबसे बड़ी वजह
यही नहीं इसका एक महत्वपूर्ण कारण ये भी है कि मौजूदा शानदार लाइफस्टाइल की ओर बढ़ता यह बदलाव शहरीकरण में बढ़ोतरी और डिस्पोजेबल आय (वो आय जिसे आप अपने जीवन की अलग-अलग जरूरतों के लिए खर्च करते हैं) में वृद्धि के कारण हुआ है. भारत में लक्ज़री रियल एस्टेट के बाज़ार का विकास भी संपन्न खरीदारों की बदलते लाइफस्टाइल के कारण हुआ है. आज, लक्ज़री होमबॉयर्स उन संपत्तियों की तलाश कर रहे हैं जो लोग उन घरों के लिए प्रीमियम का भुगतान करने को तैयार हैं जो अद्वितीय डिजाइन, असाधारण शिल्प कौशल और विस्तार पर ध्यान देते हैं.
क्यों लग्जरी घरों की ओर जा रहे हैं लोग
लक्ज़री रियल एस्टेट बाज़ार की वृद्धि के कुछ प्रमुख कारणों से प्रभावित होती है. 2023 में 7.5% की अनुमानित विकास दर के साथ भारत की अर्थव्यवस्था तीव्र गति से बढ़ रही है. भारत में तेजी से हो रहे शहरीकरण ने भी इस विकास में योगदान दिया है, बेहतर नौकरी के अवसरों, उच्च जीवन स्तर की तलाश में अधिक लोग शहरों में जा रहे हैं. यही नहीं बुनियादी ढांचे में सुधार भी इसका एक प्रमुख कारण है. इस वृद्धि के परिणामस्वरूप कई लोगों की डिस्पोजेबल आय में वृद्धि हुई है, इसने अधिक लोगों को लक्ज़री संपत्तियों को वहन करने में सक्षम बनाया है और लक्ज़री रियल एस्टेट बाज़ार के विकास को गति दी है.
कितनी तेजी से बढ़ सकती है इन लोगों की संख्या
भारत में महानगरीय शहरों में हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) और अल्ट्रा-हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (UHNIs) के बढ़ते परिवारों की संख्या अब काफी अधिक है. ये वो परिवार हैं जो हाई वैल्यू संपत्तियों को हासिल करने के लिए बड़ी रकम तक खर्च करने को तैयार हैं. इन लग्जरी अपार्टमेंट में उच्च स्तर की सुविधाएं शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट कहती है कि भारत में HNI की संख्या 2020 और 2025 के बीच 63% बढ़ने की उम्मीद है, जो कुल 1,02,000 व्यक्तियों तक पहुंच जाएगी. इन व्यक्तियों के पास डिस्पोजेबल आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और उच्च जीवन स्तर की पेशकश करने वाली प्रीमियम संपत्तियों में निवेश करने को तैयार हैं.
किन प्रोजेक्ट को मिली है सफलता
इस तरह के विकास के प्रमुख उदाहरणों में से एक डीएलएफ लिमिटेड की प्रीमियम लक्जरी परियोजना, द आर्बर, गुरुग्राम में स्थित है. 2023 की शुरुआत में लॉन्च होने के बाद से, द आर्बर को खरीदारों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है, कुछ ही हफ्तों में अधिकांश अपार्टमेंट बिक गए हैं. परियोजना की सफलता का श्रेय गुणवत्ता निर्माण और अभिनव डिजाइन के लिए डीएलएफ की प्रतिष्ठा के साथ-साथ भारत में लक्जरी संपत्तियों की बढ़ती मांग को दिया जा सकता है. अंत में, भारत में लक्ज़री रियल एस्टेट बाजार में तेजी से आए उछाल के कई कारण हैं. इनमें प्रमुख तौर पर तेजी से शहरीकरण, संपन्न खरीदारों की बदलती लाइफ स्टाइल की प्राथमिकताएं, और देश में महानगरीय शहरों में HNI और UHNI की बढ़ती संख्या शामिल हैं.
देश में लोगों की बढ़ते निवेश की प्रक्रिया के अनुसार उनके लिए उच्च अंत लक्जरी संपत्तियों का निर्माण कर रहे हैं जो विश्व स्तरीय सुविधाएं देती हैं. डीएलएफ की द आर्बर के साथ भारत में लक्जरी रिहाईशों की शुरुआत हो चुकी है. देश में लक्ज़री संपत्तियों की बढ़ती मांग आने वाले वर्षों में जारी रहने की उम्मीद है, जिससे डेवलपर्स और खरीदारों के लिए समान रूप से आकर्षक निवेश के अवसर उपलब्ध होंगे.
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