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SGB स्कीम में निवेश करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, जानिए कौन सी हैं वो बातें ?
SGB स्कीम सब्सक्रिप्शन के लिए खुल चुकी है लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने में 10-15% निवेश करके आप अपने पोर्टफोलियो में विविधता ला सकते हैं, उसके लिए ये एक बेहतर समय है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
अगर आप बाजार में पैसा निवेश करते हैं और अपने पोर्टफोलियों में अलग-अलग तरह के शेयर रखना चाहते हैं तो उनके लिए इस वित्तीय वर्ष की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम 2022-23 की अंतिम किश्त एक अच्छा विकल्प हो सकती है. ये योजना सोमवार से सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध हो जाएगी. SGB सीरीज IV 2022-23 का इश्यू रेट 5,611 रुपये प्रति ग्राम सोने पर तय किया गया है, जो दिसंबर 2022 में जारी मूल्य 5,409 रुपये प्रति ग्राम की तुलना में 202 रुपये अधिक है। आप इसकी सदस्यता लेकर 10 मार्च तक निवेश कर सकते हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार बढ़ती महंगाई, मौजूदा वैश्विक अस्थिरता और कमजोर प्रदर्शन वाले इक्विटी बाजारों को देखते हुए यह पीली धातु में 10-15 प्रतिशत निवेश करके अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने का एक अच्छा समय है. SGB का पहला अंक नवंबर 2015 में 2,684 रुपये प्रति ग्राम पर लॉन्च किया गया था, जिसका मतलब है कि ये बॉन्ड मौजूदा दरों पर लगभग 10.5 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न दे रहा है.
निवेश करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप भी सोवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं तो इसके लिए आपको इस बॉन्ड को सही तरीके से जानने की जरूरत है. आज अपनी इस स्टोरी में हम आपको उन्हीं 10 बातों के बारे में बता रहे हैं जिनका आपको निवेश से पहले ध्यान रखना है.
1. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए गए सोने के ग्राम में जारी प्रतिभूतियां हैं.
2. हालांकि सोवरेन गोल्ड एक संप्रभु गारंटी वाला निवेश है लेकिन इसे किसी तरह का फिजिलक सपोर्ट नहीं प्राप्त है.
3. कुछ चीजें एसजीबी को अन्य डिजिटल संपत्तियों से बेहद अलग कर देती हैं. इसके पीछे का तथ्य यह है कि यह 2.50 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज दर भी प्रदान करता है. मैच्योरिटी के समय मौजूदा बाजार कीमतों पर सोने का मूल्य ब्याज आय के साथ वापस कर दिया जाता है. याद रखें, सोने की कीमतें बाजार की ताकतों से संचालित होती हैं और इसलिए कीमतें किसी भी तरह से बढ़ सकती हैं.
4. इसे सोना खरीदने के सबसे सस्ते तरीकों में से एक है क्योंकि इश्यू प्राइस में कोई जीएसटी और अन्य शुल्क नहीं जोड़े जाते हैं.
5. सब्सक्रिप्शन अवधि से पहले सप्ताह के अंतिम तीन कार्य दिवसों के औसत समापन मूल्य के आधार पर निर्गम मूल्य तय किया जाता है। ये दरें इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा प्रकाशित की जाती हैं। दरें तय करने के लिए 999 शुद्धता वाले सोने की कीमत पर विचार किया जाता है.
6. अगर आप ऑनलाइन खरीदारी करते हैं तो डिजिटल मोड से भुगतान करने वालों के लिए कीमतें 50 रुपये प्रति ग्राम कम हो जाती हैं.
7. इन बॉन्ड्स में अधिकतम 4 किलो सोने में सालाना निवेश किया जा सकता है। इसमें निवेश की न्यूनतम सीमा 1 ग्राम सोना है.
8. बॉन्ड आठ साल की अवधि के साथ आते हैं. हालांकि, आप ब्याज भुगतान की तारीखों पर 5वें, 6वें और 7वें साल में इससे बाहर निकल सकते हैं. समयपूर्व इसका लाभ लेने के लिए, निवेशक को कूपन भुगतान तिथि से कम से कम एक दिन पहले संबंधित बैंक/डाकघर से संपर्क करना होगा.
9. जब आप एसजीबी में निवेश करते हैं, तो होल्डिंग सर्टिफिकेट जारी किया जाता है. आप इसे डीमैट रूप में भी लगा सकते हैं लेकिन कभी-कभी कम तरलता के कारण एक्सचेंजों पर बेचना मुश्किल हो सकता है.
10. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद एसजीबी के भुगतान पर कोई कर नहीं लगाया जाता है. हालांकि, अगर आप इसे 36 महीने से पहले बेचते हैं, तो यह शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स के रूप में कर योग्य होगा और आपके आयकर स्लैब के अनुसार कर लगाया जाएगा. 36 महीने से अधिक समय तक रखे गए सोने के लिए, इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के रूप में माना जाता है और इंडेक्सेशन के बाद 20 प्रतिशत पर कर योग्य होता है.
अगर आप इन बातों का ध्यान रखते हैं तो निश्चित तौर पर आप लाभ पा सकते हैं और अगर आपको इस बॉन्ड की जरूरत समय से पहले पड़ती है तो आप उसका भी लाभ उठा सकते हैं.
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