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JSW Paints में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचना चाहता है JSW Group, जानें क्या है वजह
पेंट बाजार पर इस समय एशियन पेंट का दबदबा है. कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 40 फीसदी है. इसके अलावा, बर्जर पेंट्स सहित कई दिग्गज कंपनियां भी बाजार पर पकड़ बनाने के लिए जोर लगा रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
JSW Group अपनी पेंट कंपनी JSW Paints में कुछ हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है. दरअसल, JSW ग्रुप ने JSW Paints के विस्तार की योजना बनाई है. साथ ही ग्रुप पेंट सेक्टर की अन्य कंपनियों के सामने कड़ी टक्कर पेश करना चाहता है. इसके लिए उसे बड़े पैमाने पर पैसों की जरूरत है और इस जरूरत को वो अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचकर पूरा करने की योजना पर काम कर रहा है. एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि समूह JSW Paints से पूरी तरह बाहर नहीं निकलना चाहता, बस कुछ हिस्सेदारी बेचकर फंड जुटाना चाहता है.
इस कंपनी का है दबदबा
पेंट बाजार पर इस समय एशियन पेंट का दबदबा है. कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 40 फीसदी है. इसके अलावा, बर्जर पेंट्स सहित कई दिग्गज कंपनियां भी बाजार पर पकड़ बनाने के लिए जोर लगा रही है. बर्जर पेंट्स की सालाना बिक्री 9,000 करोड़ रुपए के आसपास है. जेएसडब्ल्यू समूह JSW Paints की क्षमता में विस्तार करना चाहता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा मार्केट तक अपनी पहुंच बनाई जा सके. इसलिए समूह ने JSW पेंट्स की कुछ हिस्सेदारी बेचकर बेचने की योजना बनाई है.
इतना फंड जुटाने की योजना
रिपोर्ट में बताया गया है कि JSW समूह ने इस ट्रांजैक्शन के लिए बतौर सलाहकार एक्सिस कैपिटल को हायर किया है. इतना ही नहीं, कंपनी ने कई ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी फंड्स के साथ शुरुआती दौर की बातचीत भी शुरू कर दी है. समूह अपने पेंट बिजनेस की वैल्यू दो अरब डॉलर आंकता है और इसकी छोटी हिस्सेदारी बेचकर करीब 10 करोड़ डॉलर जुटाना चाहता है. फिलहाल माना जा रहा है कि 5% हिस्सेदारी बेचने की योजना है, लेकिन इसमें इजाफा भी हो सकता है. हालांकि, कंपनी ने अभी तक इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है.
पार्थ जिंदल के हाथों में कमान
JSW Paints की शुआती 2016 में हुई थी. इस बिजनेस की कमान ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सज्जन जिंदल के बेटे पार्थ जिंदल के हाथों में है. JSW पेंट्स इंडस्ट्रियल और डेकोरेटिव पेंट्स बनाती है. कंपनी के महाराष्ट्र और कर्नाटक में एक-एक प्लांट है. महाराष्ट्र प्लांट की कैपिसिटी 40,000 किलोलीटर प्रतिवर्ष है और यहां इंडस्ट्रियल पेंट तैयार किया जाता है. जबकि कर्नाटक प्लांट की सालाना क्षमता 90,000 किलोलीटर पेंट बनाने की है और यहां डेकोरेटिव पेंट बनता है.
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