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क्या ओटीटी पर महंगा होने वाला है सब्सक्रिप्शन, सरकार कर सकती है ये फैसला
सरकार नए टेलीकॉम बिल के जरिए कई तरह के रेग्यूलेशन पर काम कर रही है. इस कदम को भी उसी दिशा में देखा जा रहा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
भारत में ओटीटी ( OTT ) का बाजार तेजी से आगे बढ़ रहा है. इस बाजार के जहां आने वाले कुछ सालों में और तेजी से बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है तो वहीं दूसरी ओर अब इन्हें लेकर सरकार एक फैसला करने जा रही है. सरकार इन पर वन टाइम नेटवर्क चार्जेस लगाने की तैयारी कर रही है. इस फीस के लगने के बाद माना जा रहा है कि ये कंपनियां भी अपने सब्सिक्रिप्शन रेट में इजाफा कर सकती हैं! अगर ऐसा हुआ तो आपके लिए ओटीटी देखना महंगा हो सकता है.
आखिर क्या है ये मामला
दरअसल केन्द्र सरकार नए टेलीकॉम बिल को मानसून सेशन में टेबल करने की तैयारी कर रही है. ऐसे में सरकार व्हाट्स अप, टेलीग्राम, स्काईप जैसे कम्यूनिकेशन एप को रेग्यूलेशन के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है. सरकार ऐसी योजना पर काम कर रही है कि इन एप कंपनियों को टेलीकॉम ऑपरेटरो को उनका नेटवर्क इस्तेमाल करने के लिए इंटरकनेक्ट यूजेस चार्जेज देने पड़ सकते हैं. इन कंपनियों पर वन टाइम लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन फी भी लगाई जा सकती है. हालांकि अभी ये तय नहीं है. अभी ये विचार बेहद शुरुआती दौर में है.
ट्राई इस पर ला सकता है कंसल्टेशन पेपर
जानकारी के अनुसार ट्राई इस पूरे मामले पर कंसल्टेशन पेपर भी ला सकता है. इस पूरे मामले पर ट्राई तेजी से काम कर रहा है. इस मामले में जानकारी ये भी मिली है कि सरकार सभी ओटीटी प्लेयरों की एक मीटिंग भी बुला सकती है. इस मामले में केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव पहले ही कह चुकी है दुनिया भर में ओटीटी को लेकर रेग्यूलेटरी बदलाव हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार जो भी करेगी वो वैश्विक परिदृश्य को ध्यान में रखकर ही करेगी.
मानसून सत्र में आ सकता है टेलीकॉम बिल
टेलीकॉम मंत्रालय मानसून सत्र में नए बिल को लाने की तैयारी कर रहा है. इस मामले में खुद केन्द्रीय मंत्री भी अपना बयान दे चुके हैं. अगर मानसून सत्र में ये बिल टेबल हो जाता है तो टेलीकॉम सेक्टर के लिए इस बिल के जरिए सरकार ने जो बदलाव सुझाए हैं वो लागू हो जाएंगें. इन बदलावों में कई तरह के नए प्रावधान शामिल हैं. इस बिल के आने के बाद सरकार का मानना है कि कंज्यूमर के साथ होने वाला फर्जीवाड़ा खत्म हो जाएगा और कंज्यूमर को पहले से ज्यादा अधिकार मिल जाएंगें. ऐसे में अगर सरकार ओटीटी को लेकर ये नए प्रावधान लागू करने में कामयाब हो जाती है तो आम आदमी के लिए ओटीटी सब्सिक्रिप्शन महंगा हो सकता है.
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