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भारत के व्यापार घाटे में हुआ इजाफा, कर संग्रह का स्तर पहुंचा नए आंकड़े पर
अगर पिछले साल के मुकाबले इस साल के राजकोषीय घाटे पर नजर डालें तो नजर आता है कि वो 81 प्रतिशत कम है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago
भारतीय लेखा महानिरीक्षक ने भारत सरकार के व्यापार घाटे से लेकर कर संग्रह तक के आंकड़ों को जारी किया है. लेखा महानिरीक्षक के अनुसार अप्रैल से लेकर जुलाई के बीच में जो व्यापार घाटा 6.06 लाख करोड़ रुपये था वो अप्रैल से लेकर अगस्त तक 6.43 लाख करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है. पूरे साल के लिए होने वाले राजकोषीय घाटे के आंकड़े पर नजर डालें तो समझ में आता है कि वो 17.87 लाख करोड़ रुपये है, लेकिन अप्रैल से लेकर अगस्त तक 6.43 लाख करोड़ पूरे साल का 36 प्रतिशत है. जबकि वहीं 22-23 के आंकड़ों पर नजर डालें तो ये 32.6 प्रतिशत था.
अगस्त में इतना था राजकोषीय घाटा
अगस्त में अगर राजकोषीय घाटे की ओर नजर डालें तो पता चलता है कि ये 37233 करोड़ रुपये था. अगर पिछले अगस्त से इसकी तुलना करें तो ये 81 प्रतिशत कम है. इसका कारण कुल प्राप्तियां शुद्ध कर राजस्व से अधिक होने के कारण चार गुना बढ़कर 2.54 लाख करोड़ रुपये हो गई थी. वहीं अगर कर संग्रह की बात करें तो उसमें भी इजाफा देखने को मिला है. इसमें हायर टैक्स कलेक्शन से लेकर राज्यों को दिया गया कम लाभांश शामिल है.
कितना रहा है सरकार का रेवेन्यू?
अगर कॉरपोरेट टैक्स की बात करें तो उसमें बड़ा इजाफा देखने को मिला है. ये अगस्त 2022 से पांच गुना बढ़कर 62817 करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है. ये वर्ष 2023-24 में अब तक का सबसे बड़ा कर संग्रह है. वहीं अगर आयकर संग्रह की बात करें तो चार गुना अधिक बढ़कर 1.03 लाख करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है. अगर पिछले साल के सकल कर संग्रह से तुलना की जाए तो ये दोगुने से ज्यादा पहुंच चुका है. कर संग्रह में बढ़ोतरी के बावजूद 72961 करोड़ रुपये के छोटे टैक्स ट्रांसफर से राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखा गया है. अगस्त 2022 में केन्द्र सरकार ने राज्यों को 1.17 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे जबकि इस साल ये 3.82 लाख रुपये से ज्यादा है. अगर केन्द्र सरकार राज्यों को कर ट्रांसफर करती है तो इससे केन्द्र के शुद्ध लाभ में कमी आती है.
कितना हुआ इजाफा?
अगर केन्द्र सरकार के कर लाभ में इजाफे पर एक नजर डालें तो उससे समझ में आता है कि इस अप्रैल-अगस्त की कुल प्राप्तियां अप्रैल-अगस्त 2022 की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक 10.29 लाख करोड़ रुपये थी. इसमें कॉर्पोरेट टैक्स 15 प्रतिशत और आयकर संग्रह क्रमश: 36 प्रतिशत अधिक है. वहीं अप्रैल से लेकर अगस्त में अगर गैर कर राजस्व पर नजर डालें तो ये साल दर साल 79 प्रतिशत बढ़कर 2.10 लाख करोड़ रुपये हो गया, क्योकि मई में आरबीआई द्वारा ट्रांसफर किए गए लाभांश उम्मीद से ज्यादा रहा.
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