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Railway से जुड़ी ये कंपनी अपने निवेशकों को देने वाली है Dividend का तोहफा
इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन की 2 नवंबर को होने वाली बोर्ड की बैठक में डिविडेंड पर फैसला लिया जाना है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 6 months ago
रेलवे से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में पिछले कुछ वक्त से अच्छा-खासा उछाल देखने को मिल रहा है. इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (Indian Railway Finance Corporation) बीते छह महीनों में अपने निवेशकों को 160.74% का रिटर्न दे चुकी है. अब कंपनी अपने शेयरधारकों को डिविडेंड का तोहफा देने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक 2 नवंबर को होगी. इस बैठक में सितंबर तिमाही के नतीजों के साथ ही वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अंतरिम डिविडेंड पर फैसला लिया जाएगा.
कैसी है वित्तीय सेहत?
इंडियन रेलवे फाइनेंस ने BSE फाइलिंग में बताया है कि कंपनी के बोर्ड की बैठक गुरुवार, 2 नवंबर 2023 को होने वाली है, जिसमें वित्तीय परिणामों पर विचार-विमर्श के साथ अंतरिम डिविडेंड पर फैसला लिया जाएगा. कंपनी की वित्तीय सेहत की बात करें, तो जून 2023 में इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन ने अपनी शुद्ध बिक्री 6,679.17 करोड़ रुपए घोषित की, जो जून 2022 में 5,627.44 करोड़ थी. यानी इसमें 18.69 फीसदी का उछाल आया है. इसी तरह, जून 2023 में कंपनी का तिमाही नेट प्रॉफिट 1,556.57 करोड़ रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 1,661.58 करोड़ था. यानी प्रॉफिट में 6.32 फीसदी की कमी. इसी तरह, जून 2023 में कंपनी का EBITDA 18.68% बढ़कर 6,651.77 करोड़ हो गया, जो जून 2022 में 5,604.73 करोड़ रुपए था.
क्या होता है डिविडेंड?
डिविडेंड की बात निकली है, तो चलिए इसे विस्तार से समझ लेते हैं. जब कोई कंपनी साल भर में कमाए गए अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा शेयरहोल्डर्स में बांटती है तो उसे डिविडेंड कहते हैं. हालांकि कई बार ऐसे भी होता है कि कंपनियां मुनाफे की बजाय सरप्लस कैश से भी शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड बांटती हैं. कंपनियों के लिए डिविडेंड देना जरूरी नहीं होता है, क्योंकि इससे कंपनियों को कुछ हासिल नहीं होता, सिवाय शेयरहोल्डर्स की खुशी और भरोसे के. इसलिए कंपनी चाहे तो वो अपने मुनाफे में से एक भी पैसा शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड के रूप में न दे. अक्सर देखा गया है कि छोटी-छोटी कंपनियां या जिन्होंने अभी-अभी अपना काम शुरू किया है, वो कंपनियां डिविडेंड नहीं देतीं. क्योंकि वो अपने मुनाफे को शेयरहोल्डर्स को देने की बजाए वापस बिजनेस के विस्तार और ग्रोथ में लगा देती हैं. जो कंपनियां डिविडेंड देती हैं वो आमतौर पर पूरी तरह से स्थापित और बड़ी कंपनियां होती हैं, लेकिन हर बड़ी कंपनी डिविडेंड दे ये भी जरूरी नहीं.
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