SCO के सदस्य देश वैश्विक जीडीपी में लगभग 30% का योगदान देते हैं और विश्व की 40 फीसदी जनसंख्या भी SCO देशों में निवास करती है.
समरकंदः उज्बेकिस्तान के समरकंद में शुरू हुए शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन समिट में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत जल्द ही दुनिया के सामने एक मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा और इस साल जीडीपी के 7.5 फीसदी रहने की उम्मीद है. यह दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी वाले देशों में सबसे ऊंची जीडीपी होगी. SCO के सदस्य देश वैश्विक जीडीपी में लगभग 30% का योगदान देते हैं और विश्व की 40 फीसदी जनसंख्या भी SCO देशों में निवास करती है. प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि देश पीपुल्स सेंट्रिक मॉडल पर काम करते हुए डेवलपमेंट की नई परिभाषा लिखेगा और इसको पूरी दुनिया देखने वाली है. इस समिट में भारत के अलावा रूस, चीन के राष्ट्रपति और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री समेत अन्य सदस्य देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.
भारत में विश्व के सबसे ज्यादा स्टार्टअप्स
पीएम ने कहा कि आज पूरे भारत में 70 हजार से अधिक स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं, जिनमें से 100 से अधिक यूनिकॉर्न का स्टेटस पा चुके हैं. ऐसा भारत कर सकता है तो एससीओ के सदस्य देश भी कर सकते हैं. हम इसके लिए एक स्पेशल वर्किंग ग्रुप ऑन स्टार्टअप्स एंड इनोवेशन की स्थापना करेंगे ताकि एससीओ के सदस्य देशों को भी इसका फायदा मिल सके.
पूरे विश्व में अभूतपूर्व खाद्य संकट
पीएम मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि कोरोना महामारी और यूक्रेन संकट के चलते आज पूरे विश्व को अभूतपूर्व खाद्य और उर्जा संकट का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि सप्लाई चेन बाधित हुई हैं. हिंदी में दिए अपने उद्बोधन में पीएम मोदी ने आगे कहा कि एससीओ को इस क्षेत्र में रेजिलिएंट और डावर्सिफाइड सप्लाई चेन विकसित करने के लिए प्रयत्न करनी चाहिए. इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता तो होगी ही साथ ही यह भी महत्वपूर्ण होगा कि हम सभी एक दूसरे को ट्रांजिट का पूरा अधिकार दें.
भारत मेडिकल टूरिज्म में सबसे किफायती डेस्टिनेशन
पीएम ने आगे कहा कि भारत पूरे विश्व में मेडिकल टूरिज्म और वेलनेस का सबसे किफायती हब बन गया है. लोग बाहर के देशों से भारत में अपना इलाज कराने के लिए आते हैं. हमें एससीओ देशो के बीच ट्रेडिशनल मेडिसिन पर सहयोग बढ़ाना चाहिए. इसके लिए भारत एक नए एससीओ वर्किंग ग्रुप ऑन ट्रेडिशनल मेडिसिन पर पहल लेगा. अप्रैल 2022 में गुजरात में WHO ग्लोबल सेंटर फार ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन किया गया. पारंपरिक चिकित्सा के लिए यह WHO का पहला और एक मात्र ग्लोबल सेंटर होगा.
बाजरे की खेती से मिटेगा खाद्य संकट
पीएम ने सदस्य देशों को बाजरे की खेती करने पर जोर दिया और कहा कि इससे पूरे विश्व में जो खाद्य संकट उत्पन्न हुआ है, उस समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा. बाजरा एक ऐसा सुपरफूड है, जो एससीओ देशों में सदियों से उगाया जा रहा है. वर्ष 2023 को यूएन इंटनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के रूप में मनाया जाएगा. उन्होने कहा कि हमें एससीओं के अतंर्गत एक मिलेट फूड फेस्टिवल के आयोजन पर विचार करना चाहिए.
VIDEO: चाइनीज फूड से स्वास्थ्य को लेकर के है ये बड़ा खतरा
भारत में दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) दिव्यांग लोगों को ट्रेनिंग देकर, उन्हें रोजगार दिलाने की दिशा में काम कर रही है.
अब बड़ी बड़ी कंपनियां दिव्यांग (People With Disabilies) उम्मीदवारों की डिमांड कर रही हैं. वहीं, कंपनियां जितनी डिमांड कर रही हैं, उसकी तुलना में कैंडिडेट्स नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन भारत में दिव्यांग लोगों को ट्रेनिंग देकर, उन्हें नौकरी दिलाने के लिए तेजी से काम कर रहा है.
700 लोकेशन पर चल रहा प्रोग्राम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमेजन देशभर में 700 से अधिक लोकेशन पर ये ग्लोबल रिसोर्स सेंटर (GRC) के तहत ट्रेनिंग प्रोग्राम चला रहा है, जिनमें से 500 लोकेशन गांव में है. गुरुग्राम स्थित ग्लोबल रिसोर्स सेंटर (GRC) में देश के 20 अलग-अलग राज्यों के बच्चों को ट्रेंड किया जा रहा है.
रोजगारार्थी ऐप के जरिए रोजगार का मौका
जीआरसी मूक-बधिर, नेत्रहीन और लोकोमोटर विकलांगता वाले छात्रों की सेवा करता है. वहां अमेजन की टेक टीम छात्रों को इस तरीके से ट्रेंड करती है, जिससे उन्हें नौकरी करने का अवसर मिल सके. प्रतिभागियों को अंग्रेजी भाषा से लैस करती है, मोबाइल डिवाइस प्रदान करती है और 20,000 रुपये तक का मासिक वेतन भी प्रदान करती है और साथ में यात्रा और आवास में मदद करती है. रोजगारार्थी ऐप इस कार्यक्रम का एक प्रमुख हिस्सा है और पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों को अमेजन और अन्य संगठनों में रोजगार के अवसरों से जोड़ता है.
एक बच्चे को तैयार करने में कितना आता है खर्च?
एक बच्चे की ट्रेंनिंग में करीब 16,500 रुपये का खर्च आता है. अभी तक 70 हजार से अधिक बच्चों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. अमेजन का लक्ष्य हर साल 7 हजार नए बच्चों को ट्रेंड करना है.
सरकार भी कर रही मदद
अमेजन ने कहा है कि अब कंपनियां पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों की डिमांड कर रही हैं, लेकिन उस संख्या में ट्रेंड बच्चे अभी नहीं हैं. यानी अगर बच्चे ट्रेंड हो जाते हैं, तो उन्हें रोजगार से जुड़े मौकों की कमी नहीं होती है. इसमें सरकार योजनाओं से भी आर्थिक मदद मिलती है, जिससे बच्चों को अलग-अलग डिवाइस खरीद कर दिया जाता है.
एशियन पेंट्स के शेयर आज उछाल के साथ कारोबार कर रहे है. इस साल अब तक स्टॉक 18% से ज्यादा लुढ़क चुका है.
एशियन पेंट्स (Asian Paints) ने हाल ही में अपने मार्च 2024 तिमाही के वित्तीय परिणाम घोषित किए हैं. ये परिणाम वैसे नहीं रहे, जैसी उम्मीद की जा रही थी. लिहाजा, ब्रोकरेज फर्म्स में एशियन पेंट्स के शेयरों को लेकर कोई खास दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने इस शेयर के लिए 'सेल' और 'न्यूट्रल' रेटिंग को बरकरार रखा है. हालांकि, यह बात अलग है कि एशियन पेंट्स का मुनाफा बढ़ा है. मार्च 2024 तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 1,275.3 करोड़ रुपए रहा, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 1258.41 करोड़ था. जबकि तिमाही के दौरान ऑपरेशंस से कंसोलिडेटेड रिवेन्यु सालाना आधार पर 0.64 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 8,730.76 करोड़ रुपये रहा है.
इस वजह से बिगड़ेगा खेल
इसी तरह, कंपनी का EBITDA मार्जिन सालाना आधार पर 170BPS 21.1% रह गया है. हालांकि, कंपनी को ग्रामीण बाजारों में तेजी दिखाई दे रही है और उसे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही (Q1FY25) उसके लिए अच्छी जाएगी. एक रिपोर्ट में ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर के हवाले से बताया गया है कि पेंट्स कारोबार में ग्रासिम इंडस्ट्रीज की एंट्री से एशियन पेंट्स के लिए निकट अवधि में संभावनाएं कमजोर बनी हुई हैं. वहीं, मोतीलाल ओसवाल का मानना है पेंट्स कैटेगरी में ग्राहकों की वफादारी बड़ी भूमिका निभाती है. एशियन पेंट्स के पास चैनल और उपभोक्ता दोनों स्तरों पर एक मजबूत ब्रैंड रिकॉल है.
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इतना है Target Price
अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज कंपनी Citi ने एशियन पेंट्स के शेयर के लिए 2600 रुपए के Target Price के साथ 'सेल' कॉल बरकरार रखी है. इसी तरह, CLSA ने भी 'सेल' कॉल बरकरार रखते हुए इसके Target Price को 2,410 रुपए से घटाकर 2,337 रुपए प्रति शेयर कर दिया है. वहीं, मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि वह वित्तवर्ष 25/26 में मूल्य वृद्धि और मार्जिन दोनों को लेकर सतर्क है. प्रतिस्पर्धी दबाव का जोखिम अभी भी कंपनी की कमाई पर मंडरा रहा है. लिहाजा, ब्रोकरेज फर्म ने 3000 रुपए के टार्गेट प्राइज के साथ 'न्यूट्रल' रेटिंग बरकरार रखी है. आज कंपनी के शेयर के प्रदर्शन की बात करें, तो खबर लिखे जाने तक यह करीब 3 प्रतिशत के उछाल के साथ 2,781 रुपए पर कारोबार कर रहा था. हालांकि, इस साल ये अब तक 18.11% लुढ़क चुका है.
दरअसल एआई को लेकर पिछले कुछ समय में माइक्रोसॉफ्ट और गूगल में एक तरह से कोल्ड वॉर और कड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है. दोनों कंपनियां एक दूसरे से मुकाबला कर रही हैं.
एआई को लेकर एक ओर जहां पूरी दुनिया में इनोवेशन पर जोर दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर सरकारें भविष्य में इसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. लेकिन इसी इनोवेशन को लेकर दुनिया की दो नामी कंपनियों गूगल(Google) और माइक्रोसॉफ्ट(Microsoft) के सीईओ के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ के बयान पर अब गूगल के सीईओ ने अपना जवाब देते हुए कहा है कि वो किसी और की धुन पर नहीं नाचते हैं.
आखिर गूगल के सीईओ ने क्या जवाब दिया
दरअसल माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ की प्रतिक्रिया पर पूछे गए सवाल के जवाब में गूगल के सीईओ सुंदर पिचई ने कहा कि वो अपने काम पर फोकस कर रहे हैं, हम किसी और की धुन पर नहीं नाचते हैं. उन्होंने एक मीडिया हाउस को दिए अपने इंटरव्यू में आगे कहा कि मुझे लगता है कि जिन तरीकों से आप गलत काम कर सकते हैं उनमें सबसे अहम है बाहर के शोर को सुनना और किसी और इशारों पर नाचना. उन्होंने कहा कि मैं हमेशा ही इस बात को लेकर स्पष्ट हूं कि हमें क्या करने की जरूरत है. इसके आगे जब उनसे पूछा गया तो क्या आप अपनी धुन पर चल रहे हैं? इसके जवाब में पिचई ने कहा कि जी आप बिल्कुल सही कह रहे हैं.
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आखिर विवाद की शुरुआत कहां से हुई?
दरअसल सुंदर पिचई ने जो आज माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ की ओर से की गई एक टिप्पड़ी के बाद ये जवाब दिया है. सत्य नडेला ने एआई सर्च के मामले में खुद की कंपनी के गुगल से आगे होने की बात कही थी. उनकी इसी बात को लेकर जब पिचई से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो खुद की धुन पर नाचना पसंद करते हैं. सत्य नडेला ने ये भी कहा था कि एआई सभी टेक कंपनियों के लिए नया युद्धक्षेत्र बन चुका है. सत्य नडेला ने कहा कि हमने आज प्रतिस्पर्धा की है, उन्होंने गूगल को लेकर कहा था जहां तक सर्च बिजनेस की बात आती है तो गूगल अभी भी 800 पाऊंड गोरिल्ला है. उन्होंने गूगल को चुनौती देते हुए ये भी कहा था कि हमारे इनोवेशन के बाद वो निश्चित तौर से आगे आना चाहेंगे और दिखाना चाहेंगे कि वो भी कुछ कर सकते हैं. साथ ही लोगों को ये पता चले कि हमने उन्हें नचाया है. वो एक बड़ा दिन होगा.
AI पर माइक्रोसॉफ्ट ने किया है निवेश
हाल ही में आई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि एआई में गूगल से पिछड़ने के डर से कंपनी ने बड़ा निवेश किया है. इसे लेकर जब पिचई से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हमेशा ही बहुत मुकाबला रहा है. उन्होंने कहा कि इनोवेशन आगे रहने का सबसे बेहतर तरीका है. आज ये हर समय जरूरी हो गया है और आज रफ्तार भी बहुत तेज हो गई है. उन्होंने कहा कि आज तकनीक पहले से कई तेजी से बदल रही है. उन्होंने कहा कि ये मेरे लिए कोई आश्चर्य की बात नहीं है.
Businessworld समूह के चेयरमैन व एडिटर इन चीफ और Exchange4Media समूह के चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा ने BW CFO उद्घाटन सत्र को संबोधित किया.
BW Business World के वेंचर BW CFO के द्वारा BEST CFO & Finance strategy अवॉर्ड का आयोजन नई दिल्ली में किया गया. इस मौके पर Businessworld समूह के चेयरमैन व एडिटर इन चीफ और Exchange4Media समूह के चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा ने उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. डॉ बत्रा ने कहा कि कि CFO किसी संस्थान का भविष्य तय करते हैं.
डॉ अनुराग बत्रा ने आगे कहा कि CFO किसी भी संस्थान के लिए चीफ फ्यूचर ऑफिसर होते हैं. CFO की भूमिका किसी भी संस्थान के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है कि क्योंकि वो संस्थान का भविष्य तय करते हैं और किसी संस्थान के सिर्फ आर्थिक पहलू ही नहीं बल्कि संस्थान को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए जिम्मेदारी CFO की ही होती है. उन्होंने कहा कि कोई भी बिजनेस घराना सफलतापूर्वक तभी चल सकता है जब वो फायदे में हो और इस स्थिति को मजबूत बनाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी CFO की ही है.
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डॉ अनुराग बत्रा ने CFO की भूमिका को औऱ स्पष्ट करते हुए कहा कि CFO वो है जो काम तो आज के लिए करता है, लेकिन सोचता भविष्य के बारे में हैं. यानी कोई भी कंपनी आज जिस स्थिति में है आगे चलकर उसका बड़ा और आर्थिक तौर पर मजूबत आकार कैसा होगा ये सीएफओ ही तय करता है. उन्होंने कहा कि आज ये मंच एक प्लेटफॉर्म है जिस पर एक साथ कई कंपनियों के CFO इकट्ठा है और चर्चा कर रहे हैं कि किन आधार औऱ आइडिया से किसी भी बिजनेस घराने को आर्थिक तौर पर मजबूत किया जा सकता है.
Businessworld समूह के चेयरमैन व एडिटर इन चीफ ने कहा कि BW CFO अवार्ड के जरिए उन सभी अवार्ड के काम को पहचान देने की कोशिश है जिन्होंने अपने क्षेत्र में सबसे बेहतर काम किया है. उन्होंने कहा कि इस अवॉर्ड के लिए विजेताओं का चयन एक प्रतिष्ठित ज्यूरी ने किया है. BW CFO अवॉर्ड मैं सभी विजेताओ को मैं अपनी शुभकामनाएं देता हूं.
BF BEST CFO & Finance strategy अवॉर्ड से पहले पैनल डिस्कशन में कई प्रतिष्ठित बिजनेस घरानों ने हिस्सा लिया, जिसमें इस बात पर चर्चा हुई कि किसी संस्थान की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए संसाधनों और टेक्नॉलिजी का इस्तेमाल कैसे किया जाए
विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने करीब चार साल पहले गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस में निवेश किया था.
विराट कोहली (Virat Kohli) एक शानदार क्रिकेटर के साथ-साथ समझदार इन्वेस्टर भी हैं. उन्होंने कई ऐसी कंपनियों में पैसा लगाया है, जो उनके भविष्य को और बेहतर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. कोहली के निवेश वाली बेंगलुरु स्थित कंपनी गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस का इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO आने वाला है. इसका आईपीओ 15 मई को खुलेगा और रिटेल निवेशक इसमें 17 मई तक बोली लगा सकेंगे. खास बात यह है कि इस कंपनी में निवेश विराट को मल्टीबैगर रिटर्न दे रहा है.
ये है कंपनी की योजना
कंपनी द्वारा सेबी में दाखिल दस्तावेज के अनुसार, आईपीओ के जरिए कंपनी 2,614.65 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है. इसके लिए 1,125 करोड़ के नए शेयर जारी किए जाएंगे और 1,489.65 करोड़ रुपए के शेयर को कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बेचेंगे. Go Digit के मौजूदा निवेशकों में विराट कोहली के साथ-साथ उनकी वाइफ अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma) भी शामिल हैं. दोनों ने करीब 4 साल पहले इसमें पैसा लगाया था और कंपनी द्वारा आईपीओ के लिउए निर्धारित प्राइज बैंड के आधार पर उन्हें अपने शुरुआती निवेश पर 200% से ज्यादा का रिटर्न हासिल हो रहा है.
कुल इतना किया निवेश
क्रिकेटर विराट कोहली ने 2020 में Go Digit में 2 करोड़ रुपए निवेश किए थे. इसके बदले उन्हें 266,667 शेयर मिले थे. वहीं, उनकी पत्नी और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा ने कंपनी में 50 लाख का निवेश किया था. इस सेलेब्रिटी कपल ने कुल मिलाकर 2.5 करोड़ मूल्य के शेयर 75 रुपए के भाव पर लिए थे. कंपनी ने अपने आईपीओ के लिए 258-272 रुपए का प्राइज बैंड फिक्स किया है. अब इस बैंड के ऊपरी स्तरों के आधार पर देखें तो कपल को अपने निवेश पर 262.7 फीसदी का रिटर्न मिल रहा है और उनके निवेश की रकम 2.5 करोड़ से बढ़कर 9 करोड़ रुपए से अधिक हो चुकी है. यानी स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने से पहले ही Go Digit ने विराट और अनुष्का को शानदार रिटर्न दे दिया है.
आर्थिक सेहत है दुरुस्त
गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस के IPO के लिए रिटेल निवेशक को न्यूनतम एक लॉट यानी 55 शेयर के लिए आवेदन करना होगा. कंपनी ने इश्यू का 75% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित रखा गया है. करीब 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी करीब 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए आरक्षित रखा गया है. कंपनी की आर्थिक सेहत दुरुस्त है, लिहाजा माना जा रहा है कि उसके आईपीओ को अच्छा -खासा रिस्पांस मिल सकता है.
मुकेश अंबानी की कंपनी में जिस शख्स को सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है वो आज से नहीं बल्कि कंपनी से 1986 से जुड़ा हुआ है. उनके पिता मुकेश अंबानी के मेंटर रह चुके हैं.
मुकेश अंबानी देश के सबसे रईस कारोबारियों में शामिल हैं. उनकी कंपनी मौजूदा समय में कई तरह के कारोबार कर रही है. उसमें रिटेल, पेट्रोकैमिकल, एनर्जी, टेलीकम्यूनिकेशन से लेकर कई अन्य क्षेत्रों में ये कंपनी काम कर रही है. मुकेश अंबानी की नेटवर्थ 11080 करोड़ डॉलर है. वैसे तो अंबानी परिवार से जुड़ी कई बातों को लोग जानते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं मुकेश अंबानी की कंपनी में वो कौन शख्स है जो सबसे ज्यादा सैलरी लेता है. जी हां आज अपनी इस स्टोरी में हम आपको यही बताने वाले हैं.
आखिर कौन है ये शख्स?
मुकेश अंबानी की कंपनी में सबसे ज्यादा सैलरी लेने वाले इस शख्स का नाम है निखिल मेसवानी. रिलायंस इंडस्ट्रीज में निखिल मेसवानी वो शख्स हैं जो जिन्हें सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है. उन्हें रिलायंस इंडस्ट्री 24 करोड़ रुपये सालाना बतौर वेतन देती है. दरअसल निखिल मेसवानी का रिश्ता अंबानी परिवार में उनसे नहीं जुड़ा है बल्कि उनके पिता के जमाने से जुड़ा है. उनके पिता रसिकलाल मेसवानी धीरूभाई अंबानी के बेहद खास थे. वो जहां धीरूभाई अंबानी के प्रिय थे वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज के बोर्ड में भी शामिल थे. निखिल की सैलरी मुकेश अंबानी के परिवार के किसी भी सदस्य से काफी ज्यादा है. निखिल के पिता रसिकलाल मुकेश अंबानी के भी मेंटर रहे हैं.
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निखिल के नाम दर्ज हैं ये उपलब्धियां
निखिल मेसवानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज 1986 में ज्वॉइन की थी. ज्वॉइन करने के अगले 2 सालों बाद 1 जुलाई 1988 में निखिल को रिलायंस इंडस्ट्रीज के बोर्ड में एक्सिक्यूटिव डॉयरेक्टर बनने के साथ फुल टाइम डॉयरेक्टर का पद दिया गया था. वैसे तो निखिल मेसवानी के नाम रिलायंस में कई उपलब्धियां शामिल हैं लेकिन उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि रिलायंस को पेट्रोकैमिकल इंडस्ट्री की दिग्गज बनाना रही है. निखिल मेसवानी आईपीएल क्रिकेट मुंबई इंडियंस से जुड़े मामलों को भी देखते रहे हैं.
यहां से हुई है निखिल की पढ़ाई
निखिल मेसवानी ने मुंबई विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, अमेरिका के मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की है. उन्होंने कई और प्रोजेक्ट को भी सफलता पूर्वक आगे बढ़ाया है. मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत के सबसे बड़े समूहों में से एक है. वहीं देखा जाए तो मुकेश अंबानी ने पिछले कुछ सालों में रिलायंस इंडस्ट्रीज से कोई सैलरी नहीं ली है. कोविड के बाद से मुकेश अंबानी ने कंपनी के हित में कोई सैलरी नहीं ली है. कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022-23 में अंबानी ने कोई सैलरी नहीं ली. वो उससे पहले कोविड से कोई सैलरी नहीं ले रहे हैं. जबकि पहले उनकी सैलरी 15 करोड़ रुपये सालाना थी.
SBI कार्ड ने अपने दर्जनों क्रेडिट कार्ड के रिवार्ड पर बड़ा फेरबदल किया है. ऐसे में आपके पास भी है SBI का क्रेडिट कार्ड तो ये बातें जान लें, वरना आपका नुकसान हो सकता है.
अगर आपके पास भी SBI का क्रेडिट कार्ड है तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. SBI ने अपने करोड़ों क्रेडिट कार्ड यूजर्स को झटका दिया है. बैंक अपने क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड सिस्टम में बदलाव करने जा रहा है. इस बदलाव के बाद सरकारी विभागों से जुड़े लेन-देन पर रिवार्ड का फायदा नहीं मिलेगा. हालांकि, आज जो बात हम आपको बताने जा रहे हैं उससे रिवार्ड के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले कई यूजर्स को कुछ निराशा हो सकती है. ऐसे में क्रेडिट कार्ड के रिवार्ड में हुए बदलाव के बारे में आप सभी को जनना चाहिए.
अगले महीने से बदलाव लागू
क्रेडिट कार्ड इश्यू करने वाली देश की प्रमुख कंपनियों में एक SBI कार्ड ने अपने कई क्रेडिट कार्ड को लेकर रिवार्ड के नियमों में बदलाव किया है. इस बदलाव के बाद सरकारी विभागों से जुड़े लेन-देन पर रिवार्ड का फायदा नहीं मिलेगा. SBI कार्ड ने इस बदलाव की जानकारी दी है. उसने बताया कि यह बदलाव जून 2024 से लागू हो जाएगा.
इन क्रेडिट कार्ड के यूजर्स को नुकसान
• ऑरम
• SBI कार्ड एलीट
• SBI कार्ड एलीट एडवांटेज
• SBI कार्ड पल्स
• सिंपलीक्लिक एडवांटेज SBI कार्ड
• सिम्पलीक्लिक एडवांटेज SBI कार्ड
• SBI कार्ड प्राइम
• SBI कार्ड प्राइम एडवांटेज
• SBI कार्ड प्लैटिनम
• SBI कार्ड प्राइम प्रो
• SBI कार्ड प्लैटिनम एडवांटेज
• गोल्ड SBI कार्ड
• गोल्ड क्लासिक SBI कार्ड
• गोल्ड डिफेंस SBI कार्ड
• गोल्ड एंड मोर SBI कार्ड
• गोल्ड एंड मोर एडवांटेज SBI कार्ड
• गोल्ड एंड मोर SBI कार्ड
• सिंपलीसेव SBI कार्ड
• सिंपलीसेव एम्प्लॉई SBI कार्ड
• सिंपलीसेव एडवांटेज SBI कार्ड
• गोल्ड एंड मोर टाइटेनियम SBI कार्ड
• सिंपलीसेव प्रो SBI कार्ड
• कृषक उन्नति SBI कार्ड
• सिंपलीसेव मर्चेंट SBI कार्ड
• सिंपलीसेव यूपीआई SBI कार्ड
• एसआईबी SBI प्लैटिनम कार्ड
• एसआईबी SBI सिंपलीसेव कार्ड
• केवीबी SBI प्लैटिनम कार्ड
• केवीबी SBI गोल्ड एंड मोर कार्ड
• केवीबी SBI सिग्नेचर कार्ड
• कर्नाटक बैंक SBI प्लैटिनम कार्ड
• कर्नाटक बैंक SBI सिंपलीसेव कार्ड
• कर्नाटक बैंक SBI कार्ड प्राइम
• इलाहाबाद बैंक SBI कार्ड एलीट
• इलाहाबाद बैंक SBI कार्ड प्राइम
• इलाहाबाद बैंक SBI सिंपलीसेव कार्ड
• सिटी यूनियन बैंक SBI कार्ड प्राइम
• सिटी यूनियन बैंक सिंपलीसेव SBI कार्ड
• सेंट्रल बैंक SBI कार्ड एलीट
• सेंट्रल बैंक SBI कार्ड प्राइम
• सेंट्रल बैंक सिंपलीसेव SBI कार्ड
• यूको बैंक SBI कार्ड प्राइम
• यूको बैंक सिंपलीसेव SBI कार्ड
• यूको बैंक SBI कार्ड एलीट
• पीएसबी SBI कार्ड एलीट
• पीएसबी SBI कार्ड प्राइम
• पीएसबी SBI सिंपलीसेव
इनको भी हो सकता है नुकसान
SBI कार्ड के उन क्रेडिट कार्ड होल्डर्स को भी नुकसान होने वाला है, जिन्हें अब तक क्रेडिट कार्ड से रेट पेमेंट करने पर रिवार्ड पॉइंट का लाभ मिल चुका है. SBI कार्ड्स के अनुसार, प्रभावित होने वाले कार्ड पर रेंट पेमेंट से जमा हुए रिवार्ड पॉइंट 15 अप्रैल 2024 के बाद एक्सपायर हो गए हैं. मतलब अगर आप भी SBI क्रेडिट कार्ड यूज करते हैं और रेंट पेमेंट पर रिवार्ड पॉइंट मिले हैं तो उसे अभी ही यूज कर लें, वर्ना जल्दी ही वे रिवार्ड पॉइंट खत्म हो जाएंगे.
SBI कार्ड की नई सीरिज
SBI कार्ड ने इससे पहले क्रेडिट कार्ड की नई रेंज को लॉन्च किया था. SBI के नए क्रेडिट कार्ड SBI कार्ड माइल्स सीरिज के हैं. ये क्रेडिट कार्ड हैं- SBI कार्ड माइल्स एलीट, SBI कार्ड माइल्स प्राइम और SBI कार्ड माइल्स. ये क्रेडिट कार्ड ट्रैवल करने वाले यूजर्स पर फोकस्ड हैं. इन कार्ड के यूजर्स को कई तरह के फायदे मिलते हैं.
लोकसभा चुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किश्त किसान के खातों में जल्द ही आ आएगी.
देश के किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) योजना की 17वीं किश्त का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि, अभी पूरे देश में लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है. 1 जून तक पूरे देश में वोटिंग हो जाएगी और 4 जून को चुनाव का परिणाम भी घोषित हो जाएगा. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किश्त किसान के खातों में 4 जून के बाद आएगी.
जून के दूसरे हफ्ते में जारी हो सकती है किश्त
जानकारी के अनुसार पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किश्त जून के दूसरे हफ्ते में जारी हो सकती है. हालांकि अभी सरकार की ओर से इसे लेकर कोई तारीख तय नहीं की गई है. पीएम किसान की 16वीं किश्त इस साल फरवरी के महीने में जारी की गई थी, जिसमें 9 करोड़ से अधिक किसानों को 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक रुपये जारी किए गए थे. 15वीं किश्त 15 नवंबर 2023 को जारी हुई थी.
2 हजार रुपये मिलेगी किश्त
पीएम किसान योजना के तहत योग्य किसानों को हर 4 महीने में 2 हजार रुपये मिलते हैं. जो सालाना 6 हजार रुपये हैं. यह पैसा हर साल तीन किश्तों में आता है, अप्रैल से जुलाई, अगस्त से नवंबर और दिसंबर-मार्च में जदी जाती है. ये पैसा किसानों के खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर किया जाता है.
किसान e-KYC कर लें अपडेट
पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ उठाने के लिए किसान अपने बैंक अकाउंट को आधार से लिंक करा लें. वही, जिन किसानों का 17वीं किश्त की लिस्ट में नाम नहीं है, वो दोबारा से इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं. किसानों को ई-सेवा के जरिए e-KYC कराने की भी सलाह दी गई है. ओटीपी आधारित ई-केवाईसी पीएम किसान पोर्टल पर कर सकते हैं. वहीं, बाय़ोमैट्रिक आधारित ई-केवाईसी के लिए अपने पास के सीएसके सेंटकर जा सकते हैं. आधार कार्ड और बैंक अकाउंट में अगर नाम में कुछ गलती है वो भी ठीक करा लें, नहीं तो 17वीं किश्त के पैसे फंस सकते हैं.
पैसा नहीं आने पर ये करें
अगर किसानों के अकाउंट में 17वीं किस्त के तहत 2,000 रुपये नहीं आते हैं, तो उन्हें सबसे पहले बेनेफिशियरी लिस्ट में अपना नाम चेक करना चाहिए. इसके साथ ये भी देख लें कि आपने जो डॉक्यूमेंट्स अपनी बैंक अकाउंट डीटेल्स, आधार नंबर जैसी जानकारी भरी थी, वो सही है या नहीं, अगर कहीं कोई गड़बड़ी है तो भी आपका पैसा अटक सकता है.
ऐसे चेक करें स्टेटस
1. पीएम किसान योजना के ऑफिशियल पोर्टल pmkisan.gov.in पर जाएं.
2. थोड़ा सा नीचे स्क्रोल करने पर आपको "Farmers Corner" दिखेगा, उसके नीचे कई बॉक्स बने होंगे. यहां बेनेफिशियरी स्टेटस "Beneficiary Status" वाले बॉक्स पर क्लिक करें.
3. अब पीएम किसान खाता संख्या या रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालें.
4. अगर मोबाइल नंबर रजिस्टर नहीं तो पहले वो रजिस्टर करें. इसके लिए आपके फोन पर एक OTP (One Time Password) आएगा.
5. अब ये प्रोसेस कंप्लीट हो जाने के बाद Get Data पर क्लिक करें.
6. आपके खाते का स्टेटस आपको दिख जाएगा.
ऐसे करें अप्लाई
1. पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाएं.
2. इसके बाद फारमर्स कॉर्नर पर क्ल्कि करें.
3. अब न्यू फार्मर रजिस्ट्रेशन ऑप्शन को सेलेक्ट करें.
4. रूरल फार्मर रजिस्ट्रेशन या अर्बन फार्मर रजिस्ट्रेशन ऑप्शन पर क्लिक करना होगा.
5. इसके बाद आधार, मोबाइल नंबर दर्ज करें और स्टेट सेलेक्ट करें। फिर गेट ओटीपी पर क्लिक करें.
6. अब ओटीपी नबंर दर्ज करें और प्रोसीड फॉर रजिस्ट्रेशन ऑप्शन को सेलेक्ट करें.
7. मोर डिटेल्स पर एंटर करें और स्टेट सेलेक्ट करने के बाद जिला, बैंक और आधार कार्ड के अनुसार जानकारी दर्ज करना होगा.
8. अब आधार ऑथंटिकेशन के लिए सब्मिट बटन पर क्लिक करना है
9. अब खेती की जानकारी और मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें.
10. इसके बाद सेव बटन पर क्लिक करना है.
11. एप्लीकेशन कंफर्मेशन का मैसेज आपकी स्क्रीन पर दिखने लगेगा.
इन हेल्पलाइन नंबर पर कर सकते हैं कॉल
अगर आपको किसी भी मदद की जरूरत है तो आप इन हेल्पलाइन नंबर- 155261, 011-23381092, 1800115526 पर कॉल कर सकते हैं. पीएम किसान योजना की आधिकारिक ईमेल आईडी- pmkisan-ict@gov.in है आप इस पर भी ईमेल कर सकते हैं.
टाटा समूह में इस रॉयल्टी फीस की शुरुआत 1995 से हुई थी तब रतन टाटा ने इसे शुरू किया था. उसके बाद समूह में जितने भी चेयरमैन बदले सभी ने इसमें कोई बदलाव जरूर किया.
Tata समूह ने अपनी रॉयल्टी फीस में बड़ा इजाफा कर दिया है. टाटा समूह ने इस फीस में दोगुना इजाफा कर दिया है. अब टाटा की सब्सिडियरी कंपनी टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा पावर जैसी कंपनियों को इस नाम के लिए मोटी रायल्टी फीस देनी होगी. सबसे दिलचस्प बात ये है कि टाटा समूह ने पांच साल पहले इस फीस को 100 करोड़ रुपये किया था. लेकिन अब समूह ने उसे दोगुना कर दिया है.
आखिर कहां हुई थी इसकी शुरुआत
टीसीएस (Tata Consultancy Services) ने एक्सचेंज के माध्यम से ये जानकारी दी है कि टाटा कंसल्टेंसी कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 के लिए 200 करोड़ रुपये की रायल्टी फीस दी है. दरअसल रतन टाटा ने अपने समूह में 1996 में इस सब्सक्रिप्शन की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत टाटा के नाम का इस्तेमाल करने वालों को या तो उन्हें अपने रेवेन्यू का 0.25 प्रतिशत का भुगतान करना होगा या उन्हें अपने प्री टैक्स प्रॉफिट का 5 प्रतिशत जो भी कम हो वो देना होगा. टाटा संस ने 2023 में इसी रॉयल्टी फीस से 1008 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट किया है.
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2015 में हुआ बड़ा बदलाव
टाटा समूह में रतन टाटा के बनाए नियम को 2015 में सायरस मिस्त्री ने इस ब्रैंड सब्सक्रिप्शन फीस को अधिकतम 75 करोड़ रुपये तक तय कर दिया था. लेकिन बाद में उनके बाद टाटा समूह के चेयरमैन बने एन चंद्रशेखरन ने इस फीस को 33 प्रतिशत तक बढ़ा दिया. टीसीएस ने इसी आधार पर वित्त वर्ष 2022 और 2023 में 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि इस बार समूह ने इसे बढ़ाकर जो 200 करोड़ रुपये किया है उसमें प्री टैक्स प्रॉफिट को हटा दिया है. अब समूह की कंपनियों को रॉयल्टी फी के लिए मुनाफे का 0.25 प्रतिशत देना होगा जो अधिकतम 200 करोड़ रुपये हो सकता है.
पिछले कुछ सालों में टाटा समूह ने इतना कमाया रेवेन्यू
टाटा समूह की रॉयल्टी से कमाई गई आय पर नजर डालें तो 2022 में जहां कंपनी ने इससे 820 करोड़ रुपये कमाए वहीं 2023 में कंपनी ने इससे 1008 करोड़ रुपये कमाए. 2023 में 2022 के मुकाबले इससे होने वाली आय में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली थी. टाटा समूह रॉयल्टी फीस का इस्तेमाल समूह की सुरक्षा और उसके प्रमोशन में लगाता है. टाटा समूह की संपत्ति पर नजर डालें तो मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये 365 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.
एयर इंडिया एक्सप्रेस और कर्मचारियों के बीच सहमति बन गई है. कर्मचारी अब काम पर लौटेंगे.
एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) के 'बीमार' कर्मचारियों की तबीयत अब ठीक हो गई है और वे काम पर लौटने को तैयार हैं. दरअसल, टाटा समूह की एयरलाइन और कर्मचारियों के बीच समझौता हो गया है. एयरलाइन ने जहां 25 केबिन क्रू सदस्यों को भेजे गए टर्मिनेशन लेटर वापस लेने पर सहमति जताई है. वहीं, केबिन क्रू के सदस्य हड़ताल वापस लेने को तैयार हो गए हैं. अपनी तमाम मांगों को लेकर एयर इंडिया एक्सप्रेस के कर्मचारी सामूहिक रूप से सिक लीव पर चले गए थे, जिसके चलते कंपनी को कम से कम 90 उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं.
100 से ज्यादा हुए थे 'बीमार'
एयर इंडिया एक्सप्रेस के केबिन क्रू सदस्य वेतन, भत्ते और काम की स्थिति से जुड़ी कई मांगों को लेकर प्रबंधन से नाराज चल रहे थे. इसी के चलते 7 मई की रात को 100 से ज्यादा केबिन क्रू मेम्बर्स ने बीमार होने का दावा करते हुए काम पर आना बंद कर दिया था. इसके बाद एयरलाइन ने कुछ कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें टर्मिनेशन लेटर भेजे थे. हालांकि, अब कंपनी का कहना है कि सबकुछ ठीक है. लेकिन सवाल यह है कि क्या वाकई सभी मुद्दे सुलझ गए हैं? क्या भविष्य में कर्मचारी फिर से 'बीमार' नहीं पड़ेंगे?
अभी बनी रहेगी ये आशंका
कल यानी गुरुवार को दोनों पक्ष बातचीत के बाद समझौते पर पहुंच गए. एयरलाइन ने टर्मिनेशन लेटर वापस लेने पर सहमति जताई है. जबकि केबिन क्रू ने हड़ताल वापस ले ली है. उन्होंने अपनी मांगों पर विचार करने के लिए एयरलाइन प्रबंधन को समय दिया है. गौर करने वाली बात ये है कि एयर इंडिया एक्सप्रेस ने अभी कर्मचारियों की मांगें मानी नहीं हैं, प्रबंधन उन पर विचार करेगा. यानी कि यह खतरा अभी भी बना हुआ है कि अगर मैनेजमेंट कर्मचारियों की मांगों पर सहमत नहीं हुआ, तो कर्मचारी फिर से 'बीमार' पड़ सकते हैं. हालांकि, ये बात अलग है कि एयरलाइन और केबिन क्रू ने अब मिलकर काम करने और मुद्दों का समाधान निकालने की इच्छा दर्शाई है.
यात्रियों से मांगी माफी
एयर इंडिया एक्सप्रेस का कहना है कि हम बैठक में हुई प्रगति से खुश हैं और केबिन क्रू सहयोगियों का काम पर वापस लौटने का स्वागत करते हैं. इससे कंपनी को अपनी सेवाओं को तेजी से बहाल करने में मदद मिलेगी. टाटा समूह की इस एयरलाइन ने यात्रियों से माफी भी मांगी है. उसने कहा कि हम इन अनपेक्षित व्यवधानों से हुई असुविधा के लिए यात्रियों से ईमानदारी से माफी मांगते हैं. यह हमारे सामान्य सेवा मानकों के अनुरूप नहीं है. जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए हम आंतरिक रूप से इसकी समीक्षा भी करेंगे.