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Bharat से बैर लेकर अब पछता रहा होगा Maldives, टूरिज्म पर ऐसे पहुंच रही चोट
भारत और मालदीव के बीच तनाव की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद हुई थी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 3 months ago
हिंदी की एक प्रसिद्ध कहावत है - 'आ बैल मुझे मार'. मालदीव (Maldives) को भी अब इसका मतलब अच्छे से समझ आ गया होगा. बेवजह भारत (India) से बैर लेकर मालदीव ने हाल ही में अपनी मुश्किलों को दावत दी थी और इसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं. मालदीव की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर टिकी हुई है. यहां के द्वीपों की अर्थव्यवस्था भी पर्यटन पर ही निर्भर है. इस देश की अर्थव्यवस्था में राष्ट्रीय आय का एक चौथाई से अधिक हिस्सा पर्यटन से आता है. अब तक मालदीव पहुंचने वाले में भारतीयों की संख्या काफी ज्यादा रहती थी, लेकिन विवाद के बाद से इसमें एकदम से कमी आ गई है. जाहिर है, ऐसे में मालदीव की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी.
अब इस रैंकिंग पर आया Bharat
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले तीन हफ्ते में मालदीव की टूरिज्म रैंकिंग में भारत तीसरे से पांचवें स्थान पर चला गया है. पिछले लगातार तीन साल तक मालदीव जाने वाले पर्यटकों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा थी, मगर 28 जनवरी के आंकड़े बताते हैं भारत की हिस्सेदारी घटकर महज आठ फीसदी रह गई है. मालदीव की टूरिज्म रैंकिंग में अब रूस पहले नंबर पर है. इटली दूसरे, चीन तीसरे और UK चौथे स्थान पर है. भारत इस रैंकिंग में 5वें स्थान पर आ गया है. पिछले तीन सप्ताह के दौरान 13,989 भारतीय पर्यटक मालदीव पहुंचे हैं.
इतने टूरिस्ट पहुंचे मालदीव
मालदीव सरकार के आंकड़े खुद गवाही दे रहे हैं कि भारतीय पर्यटकों ने मालदीव से दूरी बना ली है. इस देश में 28 जनवरी तक कुल 174,400 पर्यटक पहुंचे. इनमें इंडियन टूरिस्ट की संख्या 13,989 थी. जबकि इस दौरान रूस के 18,561, इटली के 18,111, चीन के 16,529 और यूके के 14,588 पर्यटक मालदीव पहुंचे. 2023 में दो लाख से अधिक भारतीय पर्यटक मालदीव की खूबसूरती का गवाह बनने गए थे. 2021 और 2022 में भी मालदीव जाने वाले पर्यटकों में भारतीय पहले नंबर पर थे. 2021 में 2.91 लाख और 2022 में 2.41 लाख से अधिक इंडियन ने मालदीव की यात्रा की थी.
आकर्षित करने की कोशिश बेकार
करीब 4 लाख की आबादी वाले मालदीव में धिवेही और इंग्लिश भाषा बोली जाती है. मालदीव जलवायु परिवर्तन का सामना कर रहा है. इसका कोई भी द्वीप समुद्र तल से छह फुट से अधिक ऊंचा नहीं है. इस देश की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर टिकी हुई है. भारत से विवाद के बीच पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए मालदीव ने अपने यहां घूमने का खर्चा भी आधा कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद भारतीय वहां जाने को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं हैं. ऐसे में मालदीव को आने वाले समय में बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. 2023 में बड़ी संख्या में भारतीय मालदीप गए थे और उन्होंने 38 करोड़ डॉलर यानी करीब 3,152 करोड़ रुपए खर्च किए थे.
ऐसे शुरू हुईं मालदीव की मुश्किलें
अब यह भी जान लेते हैं कि आखिर मालदीव भारत और भारतीयों को नाराज करने की स्थिति में कैसे पहुंचा. भारत और मालदीव के बीच तनाव की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद हुई. सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की मालदीव से तुलना मालदीव के तीन मंत्रियों को रास नहीं आई. उन्होंने भारत को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की और भारतीयों की दुश्मनी मोल ले बैठे. भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद भले ही इन तीनों मंत्रियों को हटा दिया गया हो, लेकिन मालदीव के प्रति लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ. सोशल मीडिया पर #BoycottMaldives ट्रेंड करने लगा. कई भारतीयों ने मालदीव की बुकिंग कैंसल कराकर उसका स्क्रीन शॉट सोशल माडिया पर शेयर किया. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मालदीव को भारत की नाराजगी की बड़ी कीमत चुकानी होगी.
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