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Hinduja भाइयों में होगा इस महीने के अंत तक संपत्ति का बंटवारा, इतनी है नेटवर्थ
ब्रिटेन के नामी हिंदुजा परिवार के चार भाइयों के बीच इस महीने के अंत तक संपत्ति का बंटवारा होगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः ब्रिटेन के नामी हिंदुजा परिवार के चार भाइयों के बीच इस महीने के अंत तक संपत्ति का बंटवारा होगा. अभी तक हिंदुजा समूह की कमान चार भाइयों के पास है और इनके बीच बंटवारे जैसी बात नहीं थी, लेकिन अब आपसी कलह को सुलझाने के लिए ऐसा करना पड़ रहा है. इस फैसले के पीछे एक अग्रीमेंट है जिसे एसपी, जीपी, अशोक और प्रकाश द्वारा हस्ताक्षरित 2014 के समझौते की कानूनी वैधता है - कि "सब कुछ सबका है, और कुछ भी किसी का नहीं है" जिसे भाइयों के अलावा परिवार के बाकी सदस्य मानने के लिए तैयार नहीं हैं. इसके अतिरिक्त, तब यह भी सहमति हुई कि प्रत्येक भाई एक दूसरे की इच्छा का निष्पादक होगा.
इस वजह से भाइयों में हुआ झगड़ा
हिंदुजा बंधुओं में सबसे बड़े 86 साल के श्रीचंद हिंदुजा ने अपने तीन भाईयों के साथ मिलकर जुलाई 2014 में एक अग्रीमेंट किया था. इसमें चारों भाइयों ने हस्ताक्षर किए थे. श्रीचंद हिंदुजा ने अपने भाइयों जी पी हिंदुजा, पी पी हिंदुजा और ए पी हिंदुजा के खिलाफ केस किया था. यह 2014 के समझौते की वैधता संबंधित था. इस पर कानूनी विवाद नवंबर, 2019 से चल रहा था. श्रीचंद हिंदुजा के तीन छोटे भाइयों की दलील थी कि यह चिट्ठी 100 साल से अधिक पुराने हिंदुजा ग्रुप की उत्तराधिकार योजना थी. लेकिन श्रीचंद हिंदुजा की बेटियों शानू और वीनू ने इसे चुनौती दी थी. ब्रिटेन ही नहीं यूरोप के कई देशों में हिंदुजा ब्रदर्स के बीच कानूनी जंग चल रही है. इससे परिवार को नुकसान पहुंच रहा है.
बेटियों ने दायर किया था मुकदमा
परिवार में दरार की पहली खबर तब आई, जब श्रीचंद हिंदुजा की बेटियों ने स्विट्जरलैंड में स्थित SP Hinduja Banque Privée SA नामक स्विस बैंक पर नियंत्रण को लेकर के मुकदमा दायर किया था. यह बैंक हिंदुजा ग्रुप की बाकी कंपनियों के मुकाबले बहुत छोटा है लेकिन इसमें अहम क्रॉस होल्डिंग्स है. श्रीचंद की बेटी शानू इस बैंक की चेयरमैन हैं और उनके बेटे करम इसके सीईओ हैं. स्विट्जरलैंड में हिंदुजा ग्रुप का बैंक एसपी हिंदुजा ग्रुप के पास ही रह सकता है.
38 कंपनियां हैं समूह में शामिल
समूह में 38 कंपनियां शामिल हैं, जिनमें से प्रमुख इंडसइंड बैंक सहित आधा दर्जन सूचीबद्ध हैं. ग्रुप का कारोबार ट्रक बनाने से लेकर, बैंकिंग, केमिकल्स, पावर, मीडिया और हेल्थकेयर तक फैला है. ग्रुप की कंपनियों में ऑटो कंपनी अशोक लीलेंड (Ashok Leyland) भी शामिल है. हर भाई के पास कारोबार की अलग-अलग जिम्मेदारी है.
श्रीचंद हिंदुजा पूरे ग्रुप के चेयरमैन है. उन्होंने ही इंडसइंड बैंक को शुरू किया था, जो भारत के प्रमुख प्राइवेट बैंकों में से एक है. कोर्ट ऑफ प्रोटेक्शन के जस्टिस हेडन द्वारा अगस्त 2022 के फैसले में नवंबर-अंत की समय सीमा का उल्लेख किया गया है.
पूरे ग्रुप की नेटवर्थ 14 अरब डॉलर है. 108 साल पुराने हिंदुजा ग्रुप का कारोबार 38 देशों तक फैला है और उनमें 150,000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. हिंदुजा ग्रुप की स्थापना 1914 में श्रीचंद परमानंद ने ब्रिटिश इंडिया में सिंध इलाके से की थी. हिंदुजा समूह कभी कमोडिटी-ट्रेडिंग फर्म हुआ करता था लेकिन श्रीचंद और उनके भाइयों ने लगातार अपने कारोबार को दूसरे क्षेत्रों में फैलाया.
अलग-अलग जिम्मेदारी
गोपीचंद हिंदुजा इस ग्रुप के को-चेयरमैन है. ये हिंदुजा ऑटोमोटिव लिमिटेड, यूके के चेयरमैन भी हैं. तीसरे भाई प्रकाश इस समय यूरोप में हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन हैं, जबकि अशोक भारत में हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन है. श्रीचंद और गोपीचंद लंदन में रहते हैं. प्रकाश मोनैको में रहते हैं जबकि अशोक भारत में रहते हैं. Forbes' Real Time Net Worth लिस्ट के मुताबिक हिंदुजा बंधु दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 110वें नंबर पर हैं.
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