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BW Disrupt: स्टार्टअप्स के अपने लक्ष्यों से कैसे पूरे होंगे भारत के लक्ष्य?
जिस तरह भारत ने आने वाले समय में अपने लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित किए हैं उसी तरह, कंपनियां भी अपने लिए कुछ लक्ष्यों का निर्धारण करती हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
आज देश की राजधानी दिल्ली में BW बिजनेसवर्ल्ड (BusinessWorld) द्वारा टेक क्षेत्र के कुछ प्रमुख स्टार्टअप्स को सम्मानित करने के लिए Techtors के 5वें एडिशन की शुरुआत की गई. इस दौरान टेक क्षेत्र के लक्ष्यों को भारत के अपने लक्ष्यों से समायोजित करने पर एक पैनल भी आयोजित किया गया. तो आइए जानते हैं कैसे टेक क्षेत्र के इन स्टार्टअप्स के लक्ष्य, भारत के लक्ष्यों से किस प्रकार जुड़े हुए हैं.
भारत के प्रमुख लक्ष्य
इससे पहले कि हम मुद्दे की बात शुरू करें पहले ये जान लेते हैं कि आखिर आने वाले समय में भारत ने अपने लिए क्या लक्ष्य निर्धारित किए हैं? भारत का सबसे पहला लक्ष्य भुखमरी और अत्यंत गरीबी की अवस्था से मुक्ति पाना है. इसके बाद भारत ने सबसे ज्यादा प्राथमिकता पर्यावरण को दी है. भारत ने तय किया है कि साल 2070 तक देश, कार्बन उत्सर्जन की शुन्य अवस्था तक पहुंच सके और 2030 तक अपने कार्बन उत्सर्जन को 45% तक कम भी कर सके.
भारत के लिए आवश्यक है दुनिया से जुड़ना
लेकिन जिस तरह भारत ने आने वाले समय में अपने लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित किए हैं उसी तरह, कंपनियां भी अपने लिए कुछ लक्ष्यों का निर्धारण करती हैं. भारत में पिछले कुछ समय के दौरान स्टार्टअप्स की संख्या में बहुत ही तेजी से वृद्धि देखने को मिली है और इसीलिए यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण हो जाता है कि आखिर इन स्टार्टअप्स के लक्ष्य क्या हैं और भारतीय स्टार्टअप्स के लक्ष्य, भारत के अपने लक्ष्यों से कितना मेल खाते हैं? इस विषय पर अपनी राय रखते हुए Leverage Edu & Fly के को-फाउंडर और CEO अक्षय चतुर्वेदी ने कहा कि भारत के लिए आवश्यक है कि वह ज्यादा से ज्यादा दुनिया से जुड़े और अपनी ‘नर्म-शक्तियों’ को दुनिया के साथ साझा करे.
दुनिया का सबसे बड़ा ट्रैक्टर निर्माता
अपनी कंपनी के लक्ष्यों को भारत के लक्ष्यों के साथ समायोजित करने के विषय पर बात करते हुए AutoNXT Automation के को-फाउंडर और COO पंकज गोयल ने कहा कि किसान भारतीय वर्कफोर्स का एक काफी बड़ा हिस्सा हैं और उन्हें समय के साथ थोड़ा और आधुनिक होने और उत्पादक होने की आवश्यकता है. AutoNXT, इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों का निर्माण करती है और अपनी बातचीत के दौरान पंकज गोयल ने बताया कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा ट्रैक्टर निर्माता देश है. कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो भारत में हर साल लगभग 20 बिलियन डॉलर्स का तेल, सिर्फ ट्रैक्टरों के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है.
इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और भारत के लक्ष्य
पंकज गोयल ने आगे बताया कि उनकी कंपनी ऐसे इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों का निर्माण कर रही है जो 45 हॉर्सपावर तक की ताकत जनरेट कर सकें. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उनके ट्रैक्टरों का ट्रायल भी हो चुका है और जल्द ही वह इन्हें भारत में लॉन्च कर सकते हैं. पंकज ने बताया कि उनके प्रोडक्ट का एक बड़ा फायदा ये भी होगा कि देश द्वारा इम्पोर्ट किए जाने वाले तेल की मात्रा में कमी आएगी जिससे आर्थिक के साथ-साथ पर्यावरणीय फायदे भी शामिल हैं.
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