होम / बिजनेस / 'हर घर तिरंगा' कैंपेन ने सुधारी कारोबारियों की आर्थिक सेहत, इतने करोड़ के झंडे बिके
'हर घर तिरंगा' कैंपेन ने सुधारी कारोबारियों की आर्थिक सेहत, इतने करोड़ के झंडे बिके
हर घर तिरंगा अभियान के तहत देशभर में 30 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री हुई और इससे करीब 500 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
'हर घर तिरंगा' अभियान ज़बरदस्त हिट रहा. 13 से 15 अगस्त के दौरान लोगों ने अपने घरों पर तिरंगा फहराकर साबित कर दिया कि देशभक्ति के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. वहीं, यह कैंपेन कारोबारियों की आर्थिक सेहत के लिए भी काफी अच्छा रहा.
कई जगह स्टॉक खत्म
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर घर तिरंगा अभियान के तहत देशभर में 30 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री हुई और इससे करीब 500 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ. तिरंगे को लेकर लोगों में जुनून इतना ज्यादा था कि कई जगहों पर उन्हें बिना राष्ट्रीय ध्वज के ही लौटना पड़ा. क्योंकि स्टॉक खत्म हो चुका था.
3000 कार्यक्रम आयोजित
रिपोर्ट में खुदरा कारोबारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के हवाले से बताया गया है कि पिछले 15 दिनों के दौरान पूरे देश में कैट के बैनर तले व्यापारी संगठनों ने 3000 से अधिक तिरंगा कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया गया.
20 दिन में 30 करोड़
उन्होंने कहा कि 'हर घर तिरंगा' आंदोलन ने भारतीय उद्यमियों की क्षमता को भी दर्शाया है, जिन्होंने तिरंगे की अभूतपूर्व मांग को पूरा करने के लिए लगभग 20 दिनों में 30 करोड़ से अधिक तिरंगे तैयार किए. बता दें कि कैट के आह्वान पर देशभर में व्यापारी संगठनों ने रैली, मार्च, मशाल जुलूस, तिरंगा गौरव यात्रा, सार्वजनिक सभाओं और सम्मेलनों जैसे कार्यक्रम आयोजित किए थे.
इससे मिला फायदा
भरतिया और खंडेलवाल के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा फ्लैग कोड में पॉलिएस्टर और मशीनों से झंडे बनाने की अनुमति में किए गए बदलाव ने भी झंडों की आसान उपलब्धता में अहम योगदान दिया. पहले तिरंगे को केवल खादी या कपड़े में बनाने की अनुमति थी. ध्वज संहिता में इस संशोधन से देश में उन 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है, जिन्होंने अपने घर में या छोटे स्थानों पर स्थानीय दर्जी की सहायता से बड़े पैमाने पर तिरंगा झंडा बनाया. पिछले वर्षों में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, राष्ट्रीय ध्वज की वार्षिक बिक्री लगभग 150-200 करोड़ रुपए थी, जो इस बार बढ़कर 500 करोड़ हो गई.
टैग्स