होम / बिजनेस / मोदी सरकार के लिए आई खुशखबरी! देशवासियों को भी मिली राहत भरी खबर
मोदी सरकार के लिए आई खुशखबरी! देशवासियों को भी मिली राहत भरी खबर
सरकारी आंकड़ों के हिसाब से अप्रैल 2022 से जो महंगाई दर 7 फीसदी से ऊपर बनी थी, वो जुलाई में घट गई है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः शुक्रवार शाम को इकोनॉमी से जुड़ी दो ऐसी खबरें आईं जो रिकवरी का संकेत दे रही हैं, जो सरकार के साथ-साथ आम आदमी को भी राहत देंगी. सरकारी आंकड़ों के हिसाब से अप्रैल 2022 से जो महंगाई दर 7 फीसदी से ऊपर बनी थी, वो जुलाई में घट गई है. इसके अलावा औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में भी हल्का सा सुधार देखने को मिला है. रिजर्व बैंक और सरकार के कठिन फैसलों से इसमें सुधार देखा गया है. हालांकि अभी फल-सब्जियों की महंगाई ज्यादा है, लेकिन इसके लिए इस समय मानसून को जिम्मेदार बताया जा रहा है, क्योंकि अत्याधिक बारिश से फसलें चौपट हो गईं हैं.
पांच माह के निचले स्तर पर आई खुदरा महंगाई
जुलाई के महीने में रिटेल महंगाई दर जून के 7.01 फीसदी के मुकाबले घटकर 6.71 फीसदी पर आ गई है. जुलाई महीने में महंगाई 5 महीने के निचले स्तर पर है. जून में यह 7.01 फीसदी पर थी, जबकि जुलाई में यह 6.71 फीसदी पर है. तीन महीने बाद रिटेल महंगाई दर 7 फीसदी के नीचे आई है.
खाद्य महंगाई दर
खाद्य महंगाई दर जून के 7.75 फीसदी के मुकाबले गिरकर 6.75 फीसदी पर आई है. महंगाई में कमी की प्रमुख वजह दालें, अंडे, मांस-मछली और दूसरी खाने-पाने वाली चीजों की कीमतों में आई कमी की वजह है. हालांकि यह जुलाई 2021 की तुलना में अभी भी ज्यादा है. जुलाई 2021 में महंगाई दर 5.3 फीसदी थी.
मार्च तक घटकर 5 फीसदी पर आएगी
लगातार बढ़ रही खुदरा महंगाई अगले साल मार्च तक दो फीसदी घटकर पांच फीसदी के स्तर पर आ सकती है. एसबीआई ने रिपोर्ट में कहा गया कि देश में खुदरा महंगाई दर लगातार छठे महीने छह फीसदी से ऊपर रही है. हालांकि, पिछले तीन महीने में सरकार और आरबीआई की ओर से उठाए गए कदमों से महंगाई के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिली है. इन कदमों में पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती, खाद्य निर्यात पर प्रतिबंध शामिल हैं.
आईआईपी में 12.3 फीसदी की ग्रोथ
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की तरफ से शुक्रवार को जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के अनुसार, जून के महीने में औद्योगिक उत्पादन 12.3 फीसदी बढ़ गया है. एक साल पहले जून 2021 के दौरान आईआईपी में 13.8 फीसदी की वृद्धि हुई थी.
क्या होता है IIP?
आईआईपी का किसी भी देश की इकोनॉमी में खास महत्व होता है. इससे पता चलता है कि उस देश की इकोनॉमी में औद्योगिक वृद्धि किस गति से हो रही है. आईआईपी के अनुमान 15 एजेंसियों से जुटाए जाते हैं, जिनमें डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन, इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस, सेंट्रल स्टेटिस्टिकल आर्गेनाइजेशन और सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी शामिल हैं.
VIDEO: WhatsApp लेकर आ रहा जबरदस्त फीचर
टैग्स