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देश के 26 पावर प्लांट्स में कोयला सप्लाई करेगी अडानी एंटरप्राइजेज, लगाई सबसे कम बोली
कोल इंडिया का कोयला इंपोर्ट करने का ठेका गौतम अडानी के स्वामित्व वाली कंपनी को मिला है. अडानी एंटरप्राइजेज ने सबसे कम 4033 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी.
अर्जुन यादव 1 year ago
नई दिल्लीः देश भर में कुल 26 पावर प्लांट्स में अब कोयला पहुंचाने का जिम्मा अडानी एंटरप्राइजेज को मिलने जा रहा है. कोल इंडिया का कोयला इंपोर्ट करने का ठेका गौतम अडानी के स्वामित्व वाली कंपनी को मिला है. अडानी एंटरप्राइजेज ने सबसे कम 4033 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी.
करेगी 2.416 मिलियन टन कोयले की आपूर्ति
अडानी समूह सरकार को इस दौरान 2.416 मिलियन टन कोयले की आपूर्ति करेगी. पहले कोयला की आपूर्ति करने का ठेका पावर जेनरेशन कंपनियों को ही मिलता था, लेकिन अब देश में कार्यरत 7 सरकारी प्लांट्स और 21 निजी प्लांट्स में कोयला पहुंचाएगी, जिससे यह प्लांट्स बिजली बना सकेंगे.
इन कंपनियों ने भी लगाई थी बोली
बोली में भाग लेने वाली चार फर्मों में अडानी एंटरप्राइजेज, चेट्टीनाड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड, मोहित मिनरल्स लिमिटेड और बड़ा दया एनर्जी शामिल हैं. हालांकि, बारा दया एनर्जी को अमान्य पावर ऑफ अटॉर्नी प्रस्तुत करने और कंसोर्टियम समझौते को प्रस्तुत न करने के कारण खारिज कर दिया गया था.
बाकी तीन वैध बोलियों में अडानी इंटरप्राइजेज ने सबसे कम 4,033 करोड़ रुपये की बोली लगाई. 4,182 करोड़ रुपये की बोली के साथ मोहित मिनरल्स दूसरी सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी थी, और चेट्टीनाड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने 4,222 करोड़ रुपये की बोली लगाई.
जिन राज्यों को अपने उत्पादन स्टेशनों के लिए आयातित कोयला प्राप्त होगा, वे हैं पंजाब, गुजरात, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, झारखंड और मध्य प्रदेश.
इससे पहले 21 जून को, कोल इंडिया ने एक नियामक फाइलिंग में सूचित किया था कि ग्यारह कोयला आयातकों ने अपनी बोली पूर्व बैठक में पहली निविदा में रुचि दिखाई थी। विदेशों से कुछ कोयला निर्यातक एजेंसियों ने भी दिलचस्पी दिखाई थी. एनटीपीसी ने जून में 8,308 करोड़ रुपये के 6.25 मिलियन टन कोयले के आयात के लिए अडानी एंटरप्राइजेज को कई अनुबंध भी दिए।
इनका भी दिया है टेंडर
इस टेंडर के अलावा कोल इंडिया ने बिजली पैदा करने वाली कंपनियों के लिए आयातित कोयले की खरीद के लिए दो और मध्यम अवधि के टेंडर जारी किए हैं. दोनों टेंडर पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों के लिए 3,850 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 30 लाख मीट्रिक टन आयातित कोयले की आपूर्ति के लिए हैं.
पिछले महीने बिजली मंत्रालय ने सीआईएल को राज्य और निजी कंपनियों के लिए कोयला आयात करने का निर्देश दिया था. यह दो सप्ताह के बाद आया जब राज्य और निजी स्वामित्व वाली जेनको को 10 फीसदी सम्मिश्रण के लिए कोयले का आयात करने के लिए कहा गया था, लेकिन बाद में उन्हें अपनी निविदाओं को 'स्थगित' रखने के लिए कहा गया था.
कई राज्यों ने कोयला आयात करने में अनिच्छा व्यक्त की और सीआईएल को वैश्विक बाजारों से सूखे ईंधन की व्यवस्था करने के लिए कहा था.
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