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क्या है ‘जयपुर कॉल फॉर एक्शन’, जिस पर सहमत हुए G20 राष्ट्र?
MSME तक सूचना की बेहतर पहुंच के लिए जी20 (G20) देशों के मंत्रियों ने ‘जयपुर कॉल फॉर एक्शन’ भी जारी किया गया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago
पिछले कुछ सालों के दौरान भारत में जहां तेजी से स्टार्टअप्स की संख्या बढ़ी है, वहीं देश में छोटे बिजनेसों की संख्या में भी काफी तेजी से वृद्धि हुई है. अब 8 से 10 सितंबर के बीच जी20 समिट (G20) का आयोजन भारत की राजधानी दिल्ली में होना है और आज छोटे बिजनेसमैन और बिजनेसों के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है.
पांच लक्ष्यों को लेकर बनी सहमती
हाल ही में (G20) देशों के व्यापार मंत्रियों की बैठक जयपुर में आयोजित हुई थी. इस बैठक के दौरान G20 देशों के व्यापार मंत्रियों के बीच 5 लक्ष्यों को लेकर सहमती बनी है. इन पांच लक्ष्यों में से पहला लक्ष्य है व्यापार एवं निवेश संबंधित दस्तावेजों के डिजिटलाइजेशन को लेकर उच्च-स्तरीय सिद्धांतों को अपनाया जाना. सभी देश कोशिश करेंगे कि मौजूदा व्यापार सिस्टम को पेपरलेस बनाने के लिए विभिन्न कदम उठाए जाएं एवं उन्हें पूरी तरह कवर किया जाए. इसके साथ ही ये सिद्धांत विभिन्न देशों के बीच इलेक्ट्रॉनिक व्यापार से संबंधित डेटा के आदान-प्रदान को लेकर विभिन्न देशों को मार्गदर्शन भी प्रदान करेंगे और देशों के बीच एक सुरक्षित एवं पारदर्शी पेपरलेस सिस्टम बनाने में मदद करेंगे.
जयपुर कॉल फॉर एक्शन
इन सिद्धांतों के साथ ही समावेशिता को भी एक सिद्धांत के रूप में प्राथमिकता दी गई है ताकि इस बात को सुनिश्चित किया जा सके कि इन बदलावों में हर आकर और प्रकार के व्यापारों को शामिल किया जा सके. MSME (माइक्रो, स्मॉल एवं मीडियम एंटरप्राइजेज) तक सूचना की बेहतर पहुंच के लिए जी20 (G20) देशों के मंत्रियों ने ‘जयपुर कॉल फॉर एक्शन’ भी जारी किया गया है. देशों के बीच इन्फोर्मेशन गैप की समस्या दूर करने के लिए व्यापर मंत्रियों ने UNCTAD और WTO की सलाह के आधार पर जिनेवा स्थित ITC (अंतरराष्ट्रीय ट्रेड सेंटर) के वैश्विक व्यापार हेल्पडेस्क को अपग्रेड करने के लिए एक विस्तृत योजना पर काम करने का अनुरोध किया है.
सहमत और असहमत
जहां एक तरफ बहुत से प्रमुख मुद्दों पर व्यापार मंत्रियों की सहमती बन गई है, वहीं एक विज्ञप्ति ऐसी है जिसपर सहमती नहीं बन पाई है. युक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध और चीन का अपनी जिद से पीछे न हटना कुछ ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से कुछ मुद्दों पर सहमती नहीं बन पाई है. इस बारे में बात करते हुए कहा कि सभी देश ज्यादातर मुद्दों पर सहमत हैं लेकिन अनुच्छेद 32, जिसकी लंबाई 17 पृष्ठों वाले एक डॉक्यूमेंट का एक चौथाई है, एक ऐसा क्षेत्र है जिसके लिए हमें विभिन्न देशों की सहमती नहीं मिली है. भारत की जी20 (G20) प्रेसीडेंसी में बैंगलोर में वित्त मंत्रियों एवं केंद्र बैंकों की पहली बैठक का आयोजन हुआ था जिसके बाद से ही युक्रेन विवाद ने जी20 (G20) के सदस्यों के बीच मतभेद पैदा कर दिए थे.
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