आगरा में गोवा का स्वाद, पहली बार शुरू हुआ Goa Food Festival

आगरा में पहली बार गोवा फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. डबलट्री बाय हिल्टन आगरा के होटल में इसका लुत्फ उठाया जा सकता है.

Last Modified:
Saturday, 28 January, 2023
festival

ताजनगरी आगरा (Agra) में रहने वाले गोवा के लजीज व्यंजनों का स्वाद उठा सकेंगे. डबलट्री बाय हिल्टन आगरा (DoubleTree by Hilton Agra) के प्रसिद्ध रेस्तरां नॉर्थ 27 में गोवा फूड फेस्टिवल (Goa Food Festival) शुरू हो गया है. यह फेस्टिवल पहली बार आगरा में हो रहा है. इस खास अवसर पर 'नॉर्थ 27' के प्रवेश द्वार को गोवा के रंगों में सजाया गया है. होटल का दावा है कि रेस्टोरेंट का माहौल बिल्कुल ऐसा अनुभव देगा, जैसे कि आप गोवा में हैं.

शेफ भी हैं गोवा के 
डबलट्री बाय हिल्टन आगरा की तरफ से बताया गया है कि गोवा फूड फेस्टिवल, गोवा के जायके का उत्सव है और इसे हेड शेफ अमित राणे ने तैयार किया है, जो खुद गोवा से हैं. होटल के महाप्रबंधक श्याम कुमार ने कहा कि हम लगातार दुनिया भर के बेहतरीन व्यंजनों को आगरा लाते रहे हैं और इस बार गोवा फूड फेस्टिवल आयोजित कर रहे हैं. ताकि आगरावासी गोवा के लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठा सकें.

5 फरवरी तक चलेगा
उन्होंने आगे बताया कि गोवा के व्यंजन कई संस्कृतियों से प्रभावित हैं, जो सदियों से इसके संपर्क में आए हैं और इसलिए भोजन का चयन बहुत खास तरह से किया गया है. ये व्यंजन पोर्तुगीज, अरब, ब्राजीलियन, अफ्रीकी, फ्रेंच, कोंकण, मालाबार आदि का मिश्रण हैं. गोवा फूड फेस्टिवल नॉर्थ 27 में 5 फरवरी तक चलेगा. होटल में हिल्‍टन ऑनर सदस्‍यों के लिए विशेष ऑफर भी हैं.


Zee-Sony deal: आखिर टूट ही गई ZEE और Sony की मर्जर डील

ZEE एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के बोर्ड ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT), मुंबई बेंच के समक्ष दायर मर्जर इम्प्लीमेंटेशन आवेदन को वापस लेने का फैसला किया.

Last Modified:
Tuesday, 16 April, 2024
zee

जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEE) ने आज घोषणा की है कि कंपनी ने  National Company Law Tribunal यानी (NCLT) में विलय के लिए दायर किए अपने आवेदन को वापस ले लिया है. विलय को लागू करने ये आवदेन ZEE द्वारा 24 जनवरी 2024 को दायर किया गया था, जिसमें ZEE, Culver Max Entertainment Pvt. Ltd. और Bangla Entertainment Pvt. Ltd. के बीच विलय के लागू होने के संबंध में निर्देश मांगे गए थे. 

कानूनी सलाह पर लिया फैसला

बोर्ड ने उचित कानूनी सलाह और बोर्ड के निर्देशों के आधार पर यह फैसला किया है. कंपनी इस समय अपना पूरा ध्यान संस्थान और अपने शेयरधारकों की बेहतरी पर फोकस करना चाहती है. ये निर्णय बोर्ड के उन निर्णयों को लागू करने में मदद करेगा जो कंपनी की बेहतरी के लिए हाल ही निर्धारित किए गए थे. विलय के आवेदन को लागू ना करने का ये निर्णय सिंगापुर अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (SIAC) और अन्य मंचों पर चल रही मध्यस्थता कार्यवाही में Sony के खिलाफ Zee के दावों को और मजबूत बनाएगा.

इस निर्णय से कंपनी का होगा विकास

इस रणनीतिक निर्णय पर अपनी राय रखते हुए Zee के Chairman,  R. Gopalan ने कहा कि फिलहाल कंपनी का फोकस अपने प्रदर्शन पर है और जो लक्ष्य भविष्य के लिए निर्धारित किए गए हैं उनको हासिल करना है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में प्रबंधन ने जो कंपनी की बेहतरी के लिए जो बड़े कदम उठाए उनकी समीक्षा की गई है और उनके बेहतर परिणाम आने की उम्मीद है इसलिए कानूनी राय के आधार पर बोर्ड ने कंपनी के प्रबंधन को NCLT के समक्ष दायर किए गए कार्यान्वयन आवेदन को वापस लेने की सलाह दी है. आर गोपालन ने कहा कि बोर्ड ने महत्वपूर्ण व्यावसायिक पहलुओं पर प्रबंधन के साथ नियमित रूप से समीक्षा करने और सलाह देने के लिए एक मेंटरशिप कार्यक्रम (3M) भी शुरू किया है.

2023 में विलय को मिली थी मंजूरी

NCLT ने 10 अगस्त, 2023 को Zee एंटरटेनमेंट और Sony पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के विलय को मंजूरी दी थी, जिससे देश में 10 अरब डॉलर की मीडिया दिग्गज कंपनी के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया था लेकिन जनवरी 2024 में, Sony और Zee के बीच विलय को 20 से ज़्यादा अनुपालन मुद्दों पर असहमति के कारण रद्द कर दिया गया था. असहमति में Zee द्वारा कुछ रूसी संपत्तियों का निपटान करने में विफलता और डिज़नी के साथ 1.4 बिलियन डॉलर के क्रिकेट अधिकार सौदे जैसे मुद्दे शामिल थे.


अब ये बड़ा धमाका करने की तैयारी कर रहे हैं मुकेश अंबानी, इस शख्‍स से मिलाया हाथ 

मुकेश अंबानी ने एसेट मैनेजमेंट कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए जिस कंपनी के साथ हाथ मिलाया है वो दुनिया की नंबर वन एसेट मैनेजमेंट कंपनी है. 

Last Modified:
Tuesday, 16 April, 2024
BlackRock

भारत के सबसे अमीर और रिलायंस इंडस्‍ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी आने वाले दिनों में एक और बिजनेस धमाका करने की तैयारी कर रहे हैं. इससे पहले जियो(Jio) और रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) के जरिए बड़ा धमाका कर चुकी  है. अब इसी कड़ी में रिलायंस (Reliance) दुनिया के जाने माने एसेट मैनेजर ब्‍लैकरॉक के साथ हाथ मिलाने जा रही है. कंपनी की ओर से स्‍टॉक एक्‍सचेंज को दी गई जानकारी में बताया है कि उसने ब्रोकरेज कंपनियां शुरू करने के लिए ब्‍लैकरॉक के साथ एक ज्‍वॉइंट वेंचर बनाया है. रिलायंस इसके जरिए वेल्‍थ मैनेजमेंट में आगे बढ़ने की तैयारी कर रही है. 

क्‍या कारोबार करने वाली है रिलायंस? 
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को पिछले साल जुलाई में बाजार में लिस्‍ट किया गया था. इस कंपनी को जब रिलायंस ने बाजार में लिस्‍ट किया था तो उस वक्‍त उसने ऐलान किया था कि वो एसेट मैनेजमेंट के क्षेत्र में सबसे बड़ी कंपनी ब्‍लैकरॉक के साथ मिलकर इस क्षेत्र में वेंचर कंपनी की स्‍थापना करेगी. जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का इस वेंचर के जरिए एसेट मैनेजमेंट के क्षेत्र में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है. दोनों कंपनियों ने इसमें 15-15 करोड़ डॉलर लगाने की तैयारी की है. माना जा रहा है इस वेंचर के  आने के बाद एसेट मैनेजमेंट का बाजार और तेजी से आगे बढ़ेगा. 

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जानिए आखिर क्‍या होता है एसेट मैनेजमेंट का कारोबार? 

एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) एक ऐसी कंपनी होती है जो अपने ग्राहकों के पूल किए गए फंडों को बाजार में अलग-अलग निवेश के साधन जैसे म्यूच्यूअल फण्ड, इक्विटी में निवेश करने में सहायता करती है जो कंपनी के उद्देश्‍यों को पूरा करती है. एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) निवेशकों को कई तरह के निवेश विकल्प प्रदान करती हैं, जो उनके पास होते हैं. एएमसी म्यूचुअल फंड, हेज फंड और पेंशन योजनाओं का प्रबंधन करते हैं, और ये कंपनियां अपने ग्राहकों को सेवा शुल्क या कमीशन चार्ज करके आय कमाती हैं.
 

ब्‍लैकरॉक है दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी 
ब्‍लैकरॉक दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों में से एक है. इस कंपनी के कारोबार का विस्‍तार यहां तक है कि दुनिया के 10 प्रतिशत शेयरों का कारोबार यही कंपनी करती है. इस कंपनी के एसेट अंडर मैनेजमेंट पर नजर डालें तो वो कोई 10 ट्रिलियन डॉलर है. यह भारत की जीडीपी का करीब ढ़ाई गुना है. इस एसेट मैनेजमेंट के क्षेत्र में शैडो बैंक भी कहा जाता है. दुनिया के लगभग हर देश की बड़ी कंपनी में इसकी हिस्‍सेदारी है. अगर ब्‍लैकरॉक की दुनिया की बड़ी कंपनियों में हिस्‍सेदारी पर नजर डालें तो जेपी मॉर्गन में 6.5 प्रतिशत, 4.48 प्रतिशत, ऐप्‍पल में 6.5% डॉयचे बैंक में 4.8 प्रतिशत, अल्‍फाबेट इंक में ब्‍लैकरॉक की मेटा में 6.5%, वेल्‍स फर्गो में 7 प्रतिशत, , वेरिजॉन और फोर्ड में 7.25%, हिस्‍सेदारी है. 

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सियासत से लेकर शेयर मार्केट तक, गर्म है गॉसिप का बाजार

उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद नई दिल्ली में सत्तारूढ़ भाजपा के करीबी राजनीतिक हलकों में तोड़फोड़ की खबरें आ रही हैं.

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Tuesday, 16 April, 2024
gossip

पलक शाह

परमेश्वर लाल सैनी बने गले की हड्डी

बीजेपी द्वारा उत्तर प्रदेश की संबल लोकसभा सीट से परमेश्वर लाल सैनी को अपना उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद नई दिल्ली में सत्तारूढ़ भाजपा के करीबी राजनीतिक हलकों में तोड़फोड़ की खबरें आ रही हैं. 2019 में, सैनी भाजपा के टिकट पर उसी संबल लोकसभा सीट से चुनाव हार गए थे और मोदी लहर के बीच भी भाजपा के टिकट पर बिलारी सीट से यूपी विधानसभा नहीं जीत सके. हाल ही में, अमर उजाला ने एक खबर छापी थी कि सैनी के बेटे ने अपने पिता के कथित अश्लील वीडियो प्रसारित करने वाले कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. इसके बाद सैनी के अन्य नकारात्मक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. हालात को देखते हुए बीजेपी के पार्टी कार्यकर्ताओं में यह राय है कि इस बार भी सैनी की संभावनाएं ज्यादा अच्छी नहीं दिख रही हैं. फिर भी, शीर्ष नेतृत्व द्वारा उन्हें टिकट दिए जाने एक पहेली ही है. 80 सीटों वाला यूपी, बीजेपी के लिए 350 से 400 सीटों के सपने को साकार करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण राज्य है.

इंश्योरेंस रेगुलेटर और IRDA के बीच टकराव

रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए हिंदुजा समूह की बोली से जुड़े हालिया मामले ने भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) के साथ टकराव पैदा कर दिया है. बीमा नियामक, हिंदुजा समूह के छिपे हुए अंतिम लाभार्थियों के बारे में जानना चाहता है, जिनका इरादा रिलायंस कैपिटल के सामान्य और जीवन बीमा व्यवसाय को हड़पने का है. हिंदुजा समूह की 9661 करोड़ रुपये की बोली मॉरीशस स्थित इकाई इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स के माध्यम से की गई है, जिसके 600 शेयरधारक हैं, जो भारतीय अधिकारियों के लिए अभी तक अज्ञात हैं. इसके अलावा, IRDA को एशिया एंटरप्राइजेज एलएलपी के किसी भी व्यवसाय की भी कोई जानकारी नहीं है. रेगुलेटर का कहना है कि इस सौदे की संरचना अस्पष्ट है और अधिग्रहणकर्ता द्वारा प्रस्तुत सौदे के दस्तावेजों के पूरे भी नहीं है, लेकिन IRDA के अनुसार सौदे के प्रमुख पहलुओं पर संदेह होने के बावजूद, शेयर बाजार नियामक सेबी ने हिंदुजा समूह को रिलायंस कैपिटल के वेल्थ मैनेजमेंट बिजनेस का अधिग्रहण करने की मंजूरी देने में देर नहीं की. स्पष्ट रूप से, जब बड़े अधिग्रहण सौदों की बात आती है तो कुछ नियामक मध्यस्थता मौजूद होती है.

हरि टिबरेवाल से जुड़ा मामला

हरि टिबरेवाल से जुड़े हालिया विवादों पर गौर किया जाए, तो यह स्पष्ट रूप से सामने आता है कि पार्टिसिपेटरी नोट्स और भारत में हॉट मनी इंस्ट्रूमेंट्स को दुबई, मॉरीशस और अन्य टैक्स हेवन्स में रजिस्टर्ड कंपनियों द्वारा रिपेलेस्ड किया गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कई छापों से पता चला है कि टिबरेवाल ने क्रिकेट सट्टेबाजी ऐप महादेव के माध्यम से अपनी और अपने सहयोगियों की कमाई का बड़ा हिस्सा भारत के शेयर बाजारों में लगाया. लगभग दो दर्जन कंपनियों में टिबरेवाल की हिस्सेदारी से पता चलता है कि उन्होंने होल्डिंग कंपनियों के माध्यम से हवाला या अवैध सट्टेबाजी के पैसे को शेयर बाजारों में पहुंचाया और कई छोटी और मिड-कैप कंपनियों के स्टॉक की कीमतों में हेरफेर किया. कुछ हफ्ते पहले सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच ने कहा था कि नियामक छोटे और मिडकैप शेयरों में बड़े पैमाने पर हेरफेर की जांच कर रहा है लेकिन अभी तक कुछ भी सामने नहीं आया है. 

BSE के शेयर की कीमत में उछाल

बीएसई का शेयर मूल्य डेरिवेटिव कारोबार रिवाइवल पर है. एक्सचेंज का मार्केट कैप इस वक्त 38,000 करोड़ रुपये से अधिक है. एनएसई पर, बीएसई लिमिटेड का प्राइस अर्निंग रेश्यो 54.96 है. डेटा से पता चलता है कि एक्सचेंज पर अधिकांश वॉल्यूम का मूल्यांकन, डेरिवेटिव समाप्ति के दिन होता है. 8 अप्रैल से 12 अप्रैल के बीच के सबसे हालिया साप्ताहिक व्यापार डेटा से पता चलता है कि पूरे सप्ताह के दौरान सेंसेक्स इंडेक्स ऑप्शन वॉल्यूम 92 प्रतिशत समाप्ति रहा.  इसी तरह, बीएसई बैंकेक्स इंडेक्स ऑप्शन वॉल्यूम का 88 फीसदी रहा.  तुलनात्मक रूप से, सप्ताह के दौरान निफ्टी के लिए इंडेक्स ऑप्शन वॉल्यूम का केवल 27 प्रतिशत और निफ्टी बैंक इंडेक्स के लिए कुल इंडेक्स ऑप्शन वॉल्यूम का 34 प्रतिशत पर समाप्त हुआ. हाल ही में, एनएसई ने भी अपने लेनदेन शुल्क में कटौती की है और इसमें अभी और कटौती की काफी गुंजाइश है. इसके अलावा, जिन एक्सचेंजों में अधिक डेरिवेटिव वॉल्यूम हैं, उनकी बॉटम लाइन गंभीर रूप से प्रभावित होगी क्योंकि उन्हें लेनदेन शुल्क के रूप में सेबी को बड़ी रकम का भुगतान करना होता है. एनएसई ने पिछले साल अनुमानित कारोबार के आधार पर कई सौ करोड़ रुपये का भुगतान किया था. बीएसई को अपने प्लेटफॉर्म पर डेरिवेटिव अटकलों को किसी सार्थक कमाई में बदलने से पहले एक लंबा रास्ता तय करना है.
 


अब लोन पर लगने वाले सभी चार्जेज का ग्राहक की भाषा में देना होगा जवाब, बतानी होगी हर बात

आरबीआई की ओर से इस जानकारी को देने के लिए जिस दस्‍तावेज की व्‍यवस्‍था बनाई जा रही है उसकी अवधि भी निर्धारित की गई है.

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Tuesday, 16 April, 2024
RBI

मौजूदा दौर में भले ही लोन लेना बेहद आसान हो गया हो लेकिन ग्राहक के सामने सबसे बड़ी समस्‍या बैंक के द्वारा पीछे से लगाए जाने वाले चार्जेस (हिडन चार्जेज) के चलते आती है. कई बार ग्राहक के सामने वो बड़ी परेशानी बन जाते हैं. ग्राहक की इन्‍हीं परेशानियों को दूर करते हुए अब आरबीआई(रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) ने सभी बैंकों से लेकर दूसरी वित्‍तीय संस्‍थाओं को निर्देश जारी किया है कि वो लोन देते वक्‍त एक बार तय होने वाली Key Fact Statement (KFS) से परे कोई चार्ज नहीं लगा सकते हैं.

आखिर क्‍या है ये पूरा मामला?

आरबीआई की ओर से KFS की जो व्‍यवस्‍था लागू की जा रही है उससे जहां लोन देने के मामलों में पारदर्शिता बढ़ेगी वहीं दूसरी ओर ग्राहको को लोन लेने से लगने वाले सभी चार्जेस की जानकारी मिल पाएगी. इस व्‍यवस्‍था से कर्ज लेने वाले रिटेल उपभोक्‍ता, कर्ज लेने वाले एमएसएमई को किसी भी लोन को लेकर एक सही दृष्टिकोण मिल पाएगा. जबकि आरबीआई ने इस गाइडलाइन में क्रेडिट कार्ड से कर्ज को शामिल नहीं किया है. आरबीआई की ओर से इन नियमों को बैंकिंग रेग्‍यूलेशन 1949 की धारा 21, 35ए और 56 के तहत बनाया गया है.

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RE’s बनाएंगे इसे लेकर नियम

आरबीआई(RBI) ने नियमों को समय पर लागू करने के लिए आरई के द्वारा जल्‍द से जल्‍द इसे लेकर नियम कायदे बनाने को कहा है. आरबीआई की ओर से कहा गया है कि 1 अक्‍टूबर 2024 से इस व्‍यवस्‍था को किसी भी स्थिति में लागू कर दिया जाएगा. 1 अक्‍टूबर 2024 के बाद स्‍वीकृत होने वाले लोग के KFS के नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है. आरबीआई की ओर से कहा गया है कि सभी संस्‍थाओं को इन नियमों का अक्षरश: पालन करना होगा.

आखिर ये क्‍या है Key Fact Statement?

अब आपको बताते हैं कि आखिर ये Key Fact Statement क्‍या है जिसे आरबीआई 1 अक्‍टूबर से लागू करने जा रहा है. KFS वो दस्‍तावेज होगा जो लोन देने वाले और लोन लेने वाले कर्जदाता के बीच होगा जिसमें लोन की सभी अहम जानकारियों और चार्जेज की जानकारी दी गई होगी. इस एग्रीमेंट को अगर आसान भाषा में समझें तो लोन लेने वाले ग्राहक को बैंक या लोन देने वाली संस्‍था की ओर से एक डॉक्‍यूमेंट दिया जाएगा जिसमें उस लोन पर लगने वाले चार्जेज से लेकर नियम और शर्तें लिखी हुई होंगी.

सालाना ब्‍याज दर क्‍या होती है?

सालाना ब्‍याज दर वो होगी जो जिसमें उसकी कर्ज की सालाना लागत और लगने वाले सभी चार्जेज की जानकारी शामिल होगी. इस केएफएस को लेकर और जो अहम बात कही गई है वो ये है कि इस केएफएस को ग्राहक की समझने वाली भाषा में तैयार किया जाएगा. यही नहीं अगर लोन सात दिन या उससे ज्‍यादा का है तो उसके लिए इस केएफएस की अवधि तीन दिन होगी जबकि सात दिन से कम वाले के लिए अवधि एक दिन होगी.

आखिर इस टाइमलाइन का क्‍या है मतलब?

केएफएस के लिए दी जाने वाली अवधि का मतलब ये है कि अगर ग्राहक उस पर राजी हो जाता है तो फिर बैंक उससे पीछे नहीं हट सकता है. यही नहीं इसमें सालाना ब्‍याज दर का भी आंकलन किया जाएगा. बैंक के द्वारा लोन दिए जाने से पहले लिए जाने वाले चार्जेज जैसे थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर चार्ज, लीगल चार्ज, इंश्‍योरेंस चार्ज ये भी एपीआर का हिस्‍सा होंगे.

 


Adani के लिए सब अच्छा ही अच्छा, दौलत बढ़ रही और विदेशी निवेशकों का भरोसा भी!

विदेशी निवेशकों ने अडानी समूह की कई लिस्टेड कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है.

Last Modified:
Tuesday, 16 April, 2024
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गौतम अडानी (Gautam Adani) के हर लिहाज से अच्छे दिन लौट आए हैं. उनकी लिस्टेड कंपनियां स्टॉक मार्केट में अच्छा प्रदर्शन का रही हैं. उनकी पर्सनल वेल्थ में भी इजाफा हुआ है. इस साल अब तक अडानी अपनी संपत्ति में 15.2 अरब डॉलर जोड़ चुके हैं. इसके अलावा, उनकी विस्तार की योजनाएं फिर आकार ले रही हैं. पिछले साल की शुरुआत में आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर समाप्त होने के बाद अडानी अपनी पुरानी फॉर्म में वापस आ गए हैं और इस वजह से विदेशी निवेशकों का उनकी कंपनियों पर भरोसा बढ़ा है.   

छह कंपनियों में बढ़ाई हिस्सेदारी
एक रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह की लिस्टेड कंपनियों में विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. मार्च तिमाही में FIIs ने अडानी ग्रुप की शेयर बाजार में सूचीबद्ध 10 में से छह कंपनियों में स्टेक बढ़ाया है. आज यानी मंगलवार के गिरावट वाले बाजार में भी करीब 3 प्रतिशत की बढ़त हासिल करने वाले Adani Power में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी दिसंबर तिमाही में 15.86% थी, जो मार्च तिमाही में बढ़कर 15.19% हो गई. इस शेयर ने बीते 1 साल में अपने निवेशकों को 219.87% का शानदार रिटर्न दिया है.

म्यूचुअल फंड्स ने भी लगाया दांव
इसी तरह, Adani Ports में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 14.98% हो गई है, जो दिसंबर तिमाही में 14.72 प्रतिशत थी. FIIs ने अडानी विल्मर, अडानी टोटल गैस और NDTV में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. इसके साथ ही म्यूचुअल फंड्स ने भी मार्च तिमाही में समूह की कुछ कंपनियों में अपना स्टेक बढ़ाया है. जबकि अडानी ग्रीन एनर्जी में उनकी हिस्सेदारी पहले जितनी ही है. यानी इसमें न इजाफा हुआ है, न ही कोई कमी आई है. जिस कंपनी को गौतम अडानी बेचने का मन बना रहे हैं उस अडानी विल्मर में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़कर 0.77 प्रतिशत हो गई है.

इनमें कुछ कम की हिस्सेदारी
वहीं, कुछ कंपनियों में FIIs ने अपनी हिस्सेदारी कम भी की है. जैसे, अडानी समूह की सीमेंट कंपनी ACC में मार्च तिमाही में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 6.17% रही, जो दिसंबर के 6.24% से कम है. इसी तरह, Ambuja Cements में विदेशी निवेशकों के पास पहले 11.88% हिस्सेदारी थी, जो मार्च तिमाही में घटकर 11.11% रह गई. अडानी एंटरप्राइजेज में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी जहां दिसंबर तिमाही में 14.65% थी, वो मार्च में 14.41% रह गई. हालांकि, इन तीनों कंपनियों में म्यूचुअल फंड्स ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. उधर, देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी ने अडानी ग्रुप की दो सीमेंट कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी मार्च तिमाही में कम कर दी है. LIC की अडानी ग्रुप की कुल 7 कंपनियों में हिस्सेदारी है.

क्या विल्मर का साथ छोड़ देंगे Adani?
विदेशी निवेशकों ने जिस अडानी विल्मर पर भरोसा बढ़ाया है, गौतम अडानी उसका साथ छोड़ना चाहते हैं. हालांकि, उन्हें इसके लिए अब तक सही खरीदार नहीं मिल पाया है. साल की शुरुआत में खबर आई कि प्राइसिंग को लेकर बात नहीं बन पा रही है, इसलिए अडानी समूह सही डील मिलने तक इंतजार करेगा. अडानी समूह और सिंगापुर के विल्मर ग्रुप की पार्टनरशिप में अडानी विल्मर (Adani Wilmar) अस्तित्व में आई थी. कंपनी फॉर्च्यून ब्रैंड (Fortune Brand) नाम से खाद्य तेल और पैकेज्ड ग्रोसरी बेचती है. Adani Wilmar में हिस्सेदारी की बात करें, तो अडानी ग्रुप की 43.97% और विल्मर इंटरनेशनल की इसमें 43.97 प्रतिशत हिस्सेदारी है. जबकि कंपनी में पब्लिक शेयरहोल्डिंग 12.06 प्रतिशत है.  

क्यों बेच रहे हैं हिस्सेदारी?
अडानी समूह (Adani Group) की तरफ से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन माना जा रहा है कि समूह इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस बढ़ाना चाहता है. इसके अलावा, विल्मर का घाटा भी समूह को इसका साथ छोड़ने के लिए मजबूर कर रहा है. कंपनी को पिछले वित्त वर्ष की जून तिमाही में 79 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था. खाने के तेल की कीमत में आई कमी और हाई-कॉस्ट इंवेंट्री के कारण उसे नुकसान का सामना करना पड़ा. इसके अलावा, वित्त वर्ष 2023-24 के दूसरे क्वार्टर (Q2FY24) के नतीजे भी अच्छे नहीं रहे थे. जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी को 131 करोड़ रुपए का लॉस हुआ. जबकि इससे पहले के पिछले वित्त वर्ष के समान अवधि के दौरान कंपनी ने 48.76 करोड़ का मुनाफा कमाया था. हालांकि, छह अप्रैल जो जारी बिजनेस अपडेट में कंपनी ने मजबूती की बात कही है.

क्या-क्या बेचती है कंपनी?
अडानी विल्मर ने IPO के जरिए 3600 करोड़ रुपए जुटाए थे. मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि Adani Wilmar पर फोकस करने के बजाए अडानी अपने कोर बिजनेस पर ध्यान देना चाहते हैं, जहां ग्रोथ की संभावना काफी ज्यादा है. लिहाजा, इस जॉइंट वेंचर से अलग होने से अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को अपने कोर बिजनस के लिए पैसा मिल जाएगा. विल्मर सिंगापुर की कंपनी है, जिसकी स्थापना Martua Sitorus और Kuok Khoon Hong ने सन 1991 में की थी. जबकि अडानी एंटरप्राइजेज और विल्मर के बीच साझेदारी 1999 में हुई थी और इससे Adani Wilmar अस्तित्व में आई थी. Adani Wilmar खाने के तेल से लेकर आटा, चावल, दाल-चीनी तक बेचती है. भारत में इसका मुकाबला ITC और हिंदुस्तान यूनिलीवर से है.


'मोदी की गारंटी' से ये शेयर आपको बना देंगे करोड़पति!

अगर एक बार फिर से लोग बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार को चुनते हैं तो किन सेक्टर में किन कंपनियों के शेयरों पर असर पड़ सकता है.

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Tuesday, 16 April, 2024
Modi ki Guarantee

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के संकल्प पत्र को देश के सामने रखा है. बीजेपा का घोषणा पत्र दरअसल, विकसित भारत के निर्माण और सबका साथ, सबका विकास के पीएम मोदी के विजन पर आधारित है. मोदी की गारंटी से इन शेयरों को मिलेगा फायदा मिलेगा. अगर एक बार फिर से लोग बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार को चुनते हैं तो बीजेपी इस विजन लागू करती है तो किन सेक्टर में किन कंपनियों के शेयरों पर असर पड़ सकता है आइए जानते हैं.

इंफ्रा डेवलपमेंट पर फोकस

केंद्र की भाजपा सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर काफी जोर दिया है और देश को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की घोषणा की है. केंद्र सरकार का यह महत्वाकांक्षी एजेंडा उन कंपनियों के लिए शानदार अवसर पैदा कर सकता है जो कंस्ट्रक्शन, इंजीनियरिंग और संबंधित सेक्टर में कामकाज करती हैं. शेयर बाजार के इस सेगमेंट में कामकाज करने वाली कंपनियों के शेयर मोदी सरकार की जीत के बाद अच्छी तेजी देख सकते हैं.

आवास योजना पर बीजेपी का फोकस

केंद्र सरकार के घोषणा पत्र के हिसाब से गरीबों के लिए तीन करोड़ और पक्के मकान बनाने के लिए बैंक और हुडको जैसी कंपनियों के साथ स्टील कारोबार की दिग्गज कंपनियां, एनबीएफसी और सीमेंट जैसी कंपनियों के शेयर में अच्छी तेजी देखी जा सकती है.

टूरिज़्म पर फोकस बढ़ा

इंडियन होटल्स, एविएशन और क्रेडिट कार्ड कंपनियों के लिहाज से भी यह घोषणा पत्र पॉजिटिव हो सकता है. एपीएल अपोलो (APL Apollo), जेटीएल (JTL), सूर्या (Surya), हाईटेक (Hitech) जैसी कंपनियां रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए काम करती हैं जिनके शेयरों में भी अच्छी तेजी देखी जा सकती है.

ईवी और इलेक्ट्रिक बस पर ज़ोर

इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली टाटा मोटर्स (Tata Motors), टीवीएस मोटर्स (TVS Motors) और श्रीराम फाइनेंस (Shriram Finance) एवं चोला (Chola) जैसी कंपनियों के शेयरों पर भी इसका पॉजिटिव असर देखा जा सकता है. PM ई-बस योजना का फायदा Ashok Leyland, Tata Motors, JBM Auto, Olectra Greentech जैसी कंपनियों को मिलने वाला है. ऑटो पार्ट्स सप्लायर और मुद्रा लोन से जुड़ी कंपनियों पर भी मोदी सरकार की जीत का अच्छा असर देखा जा सकता है.

NBFC भी हैं फोकस में

MSMEs के लिए कामकाजी पूंजी जुटाने के हिसाब से श्रीराम फाइनेंस (Shriram Finance) और बजाज फाइनेंस (Bajaj Fianace) जैसी कंपनियों के शेयरों में तेजी आ सकती है. गेल (GAIL), पेट्रोनेट एलएनजी (Petronet LNG), आईजीएल (IGL), महानगर गैस (Mahanagar Gas), गुजरात गैस (Gujrat Gas), अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas) और वेल्सपन कॉर्प (Welspun Corp), महाराष्ट्र सीमलेस (Maharashtra Seamless), रत्नमनी मेटल (Ratnamani Metals) जैसी कंपनियों के शेयरों में भी तेजी आ सकती है.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर ज़ोर

एस्कॉर्ट कुबोटा (Escorts Kubota) और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) के साथ NBFC के लिए भी भाजपा का यह घोषणा पत्र पॉजिटिव रह सकता है. केंद्र सरकार के हर घर जल स्कीम की वजह से जिंदल शॉ (Jindal Saw), वैल्सपन कॉर्प (Welspun Corp), इलेक्ट्रो स्टील कास्टिंग (Electrosteel Castings), हाईटेक, जेटीएल इंडस्ट्रीज, सूर्या और एपीएल अपोलो ट्यूब्स के शेयरों में तेजी आ सकती है. डिवीज लैब, सिंजीन, एमी ऑर्गेनिक जैसी कंपनियों के शेयरों के साथ डाबर, इमामी, बजाज कंज्यूमर और एचयूएल, कोलगेट और ब्रिटानिया जैसे शेयरों में भी तेजी आ सकती है.
 


तेजस्‍वी सूर्या से सीख सकते हैं कि बाजार में कैसे करें निवेश, 30 गुना तक बढ़ा ली संपत्ति

तेजस्‍वी सूर्या के निवेश की परख को ऐसे समझा जा सकता है कि उन्‍होंने जिन 8 शेयरों में पैसे लगाए थे उनमें ज्‍यादातर में 100 प्रतिशत से ज्‍यादा का इजाफा देखने को मिला है.

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Tuesday, 16 April, 2024
Tejasvi Surya

बीजेपी के सबसे युवा सांसद तेजस्वी सूर्या नेता होने के साथ-साथ शेयर मार्केट एक्सपर्ट के तौर पर भी उभरे हैं. तेजस्वी सूर्या की ये पहचान सामने आई उनके चुनावी एफि़डेविट के जरिए. दरअसल तेजस्‍वी सुर्या ने जिन शेयरों में निवेश किया है उनमें ज्‍यादातर में पिछले पांच साल में बड़ा इजाफा देखने को मिला है. जिन शेयर को  तेजस्वी सूर्या ने अपने पोर्टफोलियो में शामिल किया वो पांच साल में लगभग 30 30 गुना तक बढ़ गए हैं 

पांच साल में कितने अमीर हो गए तेजस्वी?
ये युवा नेता हैं तेजस्‍वी सुर्या. बेंगलुरु से चुनाव लड़ रहे तेजस्‍वी सूर्या मौजूदा समय में बीजेपी युवा मोर्चा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष हैं. 2019 में जब उन्‍होंने लोकसभा चुनाव लड़ा था उस वक्‍त उन्‍होंने अपनी संपत्ति को लेकर जो जानकारी दी थी उसके अनुसार उनके पास 13.46 लाख रुपये की संपत्ति थी. लेकिन इस बार उन्‍होंने अपनी संपत्ति को लेकर जो जानकारी दी है उसमें उनकी कुल संपत्ति में 4 करोड़ रुपये हो चुकी है. 

किन शेयरों में किया हुआ है निवेश
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तेजस्‍वी सूर्या ने जिन 8 शेयरों में निवेश किया है उनमें जो शेयर शामिल हैं उनके बारे में अब हम आपको बताने जा रहे हैं. 
1.    तेजस्‍वी सूर्या के पास Indus Towers Ltd के 20,000 शेयर हैं जिसकी वैल्यू 58,23,000 रुपए है. इंडस टावर शेयर कंपनी की मार्केट वैल्‍यू 902. 92 बिलियन है. ये शेयर पांच साल पहले 231 रुपये का था लेकिन आज इस कंपनी का शेयर 335 रुपये पर जा पहुंचा है. 
2.    Jagsonpal Pharmaceuticals Ltd के 1,400 शेयर हैं जिसकी वैल्यू 3,87,240 रुपए है. पांच साल पहले ये शेयर 25 रुपये का था लेकिन आज ये शेयर 294.95 रुपये का हो चुका है. इस कंपनी का मार्केट कैप 779 करोड़ से ज्‍यादा है. 
3.    Network 18 Media & Investments Ltd के 30,000 शेयर हैं जिसकी वैल्यू 25,86,000 रुपए है. 5 साल पहले इस कंपनी का शेयर 30 रुपये का था लेकिन आज इसका शेयर 85 रुपये तक पहुंच चुका है. इस कंपनी का मार्केट कैप 90 बिलियन डॉलर है. 
4.    Strides Pharma Science Ltd के 7,500 शेयर हैं जिसकी वैल्यू 58,85,250 रुपए है. इस कंपनी का शेयर पांच साल पहले 414 रुपये का था और आज 842 रुपये का हो चुका है. कंपनी का मार्केट कैप 77 बिलियन डॉलर है.
5.    Bombay Stock Exchange Ltd के 1,000 शेयर हैं जिसकी वैल्यू 25,15,900 रुपए है. पांच साल पहले इस कंपनी का शेयर 39 हजार का था जो आज 72 हजार का हो चुका है. कंपनी का मार्केट कैप 366 ट्रिलियन है. 
6.    Eveready Industries India Ltd के2,000 शेयर हैं जिसकी वैल्यू 20,83,100 रुपए है. इस कंपनी का शेयर पांच साल पहले 146 रुपये का था जो आज 346 रुपये पर पहुंच चुका है. 
7.    Jagsonpal Pharmaceuticals Ltd के 1,400 शेयर हैं जिसकी वैल्यू 3,87,240 रुपए है. इस कंपनी का शेयर पाचं साल पहले 25 रुपये का था लेकिन आज 296 रुपये का हो गया है. कंपनी का मार्केट कैप 7.83 बिलियन है. 
8.    Tejas Networks Ltd के 800 शेयर हैं जिसकी वैल्यू 5,25,120 रुपए है. इस कंपनी का शेयर पांच साल पहले 187 रुपये का था लेकिन आज 795 रुपये हो चुका है.


DMart वाले Damani ने इस कंपनी पर लुटाया प्यार, क्या आपको है उनके पोर्टफोलियो की खबर?

राधाकिशन दमानी अपनी रिटेल चेन DMart के स्टोर्स की संख्या बढ़ाने की योजना पर काम कर रहे हैं.

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Tuesday, 16 April, 2024
file photo

रिटेल चेन डीमार्ट (DMart) के मालिक राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani) दिग्गज इन्वेस्टर भी हैं. वह सही मौका देखकर दांव लगाते हैं और एक ही झटके के मुनाफा कमा ले जाते हैं. इसलिए आम निवेशकों की हमेशा यह जानने में दिलचस्पी रहती है कि राधाकिशन दमानी के पोर्टफोलियो में कौनसे शेयर हैं. दमानी ने वीएसटी इंडस्ट्रीज पर भरोसा बढ़ाते हुए उसमें अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है. उन्होंने दमानी ने वीएसटी इंडस्ट्रीज के 2.33 लाख शेयर खरीदे हैं. यह सौदा 3689.96 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से हुआ है. 

VST Industries में बढ़ाई हिस्सेदारी
वीएसटी इंडस्ट्रीज (VST Industries) में अब राधाकिशन दमानी की हिस्सेदारी बढ़कर 34.4% हो गई है. दमानी की दिसंबर 2023 तिमाही में इस कंपनी में हिस्सेदारी 32.89% थी. दमानी ने अब कंपनी के 2.33 लाख शेयर करीब 86.25 करोड़ रुपए में खरीदे हैं. वीएसटी इंडस्ट्रीज के शेयरों की बात करें, तो आज के गिरावट वाले बाजार में भी यह बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है. दोपहर 2 बजे के आसपास इसका भाव 3,752.95 रुपए पहुंच गया था. बीते 5 कारोबारी सत्रों में यह शेयर 2.08% और इस साल अब तक 10.92% ऊपर चढ़ चुका है.

इन पर भी लगाया है दांव
राधाकिशन दमानी की दिसंबर तिमाही की होल्डिंग के हिसाब से उनके पोर्टफोलियो में 14 शेयर मौजूद हैं. इस साल फरवरी तक दमानी के पोर्टफोलियो की होल्डिंग वैल्यू 1.71 लाख करोड रुपए से अधिक पहुंच गई थी. दमानी के पोर्टफोलियो में 96 फीसदी हिस्सेदारी एवेन्यू सुपरमार्ट की है. इस साल अब तक इस शेयर ने निवेशकों को सिर्फ 14.13% का रिटर्न दिया है. बता दें कि डीमार्ट स्टोर्स को एवेन्यू सुपरमार्ट्स लिमिटेड ऑपरेट करती है. इसके अलावा, 
राधाकिशन दमानी के पोर्टफोलियो में टाटा समूह की कंपनी ट्रेंट लिमिटेड के शेयर भी हैं. पिछले एक साल में इस शेयर ने अपने निवेशकों को 192.51% का रिटर्न दिया है. ट्रेंट लिमिटेड में दमानी की हिस्सेदारी 1.50 फीसदी है.

एक साल में 193.33% का रिटर्न
BF Utilities के शेयरों पर भी दमानी ने दांव लगाया हुआ है. दमानी की इस कंपनी में एक फीसदी हिस्सेदारी है. ये स्टॉक पिछले एक साल में अपने निवेशकों को 140.92% का रिटर्न दे चुका है. जाहिर है ऐसे में दमानी ने भी मोटा मुनाफा कमाया होगा. इसी तरह, उनके पोर्टफोलियो में Sundram Finance Holding के शेयर भी शामिल हैं. उनके पस इस कंपनी की 1.09 फीसदी हिस्सेदारी है. पिछले एक साल में यह शेयर 193.33% ऊपर चढ़ा है. Advani Hotels में दमानी के पास 4.2 फीसदी हिस्सेदारी है. इस स्टॉक ने भी बीते एक साल में अपने निवेशकों की झोली भरी है. यह 107.61% ऊपर चढ़ चुका है.  

2002 में शुरू हुआ था Dmart
राधाकिशन दमानी के Dmart आज रिटल सेक्टर में अपनी एक अलग पहचान रखता है. दमानी ने नवी मुंबई में सस्ती जमीन खरीदकर साल 2002 में पहला डीमार्ट स्टोर खोला था और आज इसके देश में 365 स्टोर्स हैं. डीमार्ट स्टोर्स को एवेन्यू सुपरमार्ट्स लिमिटेड ऑपरेट करती है. दमानी DMart स्टोर्स की संख्या बढ़ाकर 1500 करना चाहते हैं. इस हिसाब से कंपनी की योजना अगले कुछ समय में 1216 नए स्टोर्स खोलने की है. पिछले साल उन्होंने ब्यूटी एवं पर्सनल केयर रिटेल चेन हेल्थ एंड ग्लो (Health and Glow) को खरीद लिया था. यह डील 700-750 करोड़ रुपए में हुई थी. इससे पहले Health and Glow का मालिकाना हक राजन रहेजा और हेमेंद्र कोठारी के पास था. बेंगलुरु स्थित इस कंपनी के पोर्टफोलियो में कई प्रोडक्ट्स हैं और देश के कई शहरों में इसके 175 से ज्यादा स्टोर्स हैं.  
 


अब Apple फोन होगा सस्ता, कैमरा बनेगा और तगड़ा,  खत्म होगी चीन की चाल!

Apple भारत की दो कंपनियों से पार्टस बनाने को लेकर कर रही है बातचीत,जल्‍द हो सकता है फैसला

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Tuesday, 16 April, 2024
Apple

अक्सर आपने लोगों को ये कहते सुना होगा कि Apple के फोन से फोटो तो अच्छी आती है, लेकिन फोन बहुत महंगा है. लेकिन अब आपको आईफोन सस्ता भी मिलेगा साथ ही फोटो क्वालिटी और भी अच्छी होगी. दरअसल  Apple अपने फोन के कैमरे की असेंबली भारत की कंपनियों से करा सकता है. इसके लिए  Apple टाटा की टाइटन से लेकर मुरूगप्‍पा ग्रुप से आईफोन के कैमरा मॉड्यूल के लिए बातचीत कर रही है.अगर ये बातचीत सफल होती है तो ऐसा पहली बार होगा जब एप्‍पल(Apple) भारत की कंपनियों से अपने कैमरे की असेंबली करवाएगा. इससे एप्‍पल की चीन पर निर्भरता भी कम होगी.

डील हुई तो घटेगी आईफोन की कीमत?

IPhone के कुछ पार्ट अगर देश में यानी भारत में ही असेंबल होंगे तो इससे फोन की कीमतों में कमी आ सकती है. क्योंकि चीन से आयात कम होगा और भारत में ही प्रोडक्शन बढेगा तो कीमतें घटेंगीसाथ ही भारत में इन कंपनियों से बात बनने पर एप्‍पल की चीन की निर्भरता भी कम होने की उम्‍मीद है. हाल ही में सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, चीन के द्वारा विदेशी फोन के आयात पर नियंत्रण लगाए जाने के कारण एप्‍पल की सेल में कमी देखने को मिली थी. अब अगर सेल बढ़ेगी तो कीमतें भी कम होंगी. चीन के इस कदम से सैमसंग पिछली तिमाही के सेल के आंकड़ों में नंबर वन बन गई थी इसलिए माना जा रहा है कि Apple अपनी पोजीशन को हासिल करने के लिए कीमतें घटा सकता है.

ये भी पढ़ें: राम नवमी पर कल अयोध्या में प्रभु श्रीराम बरसाएंगे पैसा!

आखिर कहां तक पहुंची है बात?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Apple कंपनी की टाइटन (Titan) मुरूगप्‍पा ग्रुप (Murugappa Group) से इस मामले में बातचीत आखिरी चरण में पहुंच चुकी है. दोनों समूहों से बात बनने के बाद एप्‍पल को उसके कैमरे के लिए भारत से ही पार्टस की आपूर्ति बहाल होने लगेगी.खबरें यहां तक हैं कि आने वाले एक-दो महीने में ही एप्‍पल इसे लेकर ऐलान कर सकता है. अगर ऐसा होता है तो एप्‍पल के कैमरा मॉड्यूल के लिए ऐसा पहली बार होगा जब भारतीय कंपनी काम करेगी.

आखिर इन दोनों से ही बातचीत क्‍यों कर रही है Apple?

सबसे अहम सवाल ये है कि आखिर एप्‍पल जैसी बड़ी कंपनी इन दो कंपनियों से ही क्‍यों बात कर रही है. इसके पीछे की जो वजहें हैं उनमें सबसे अहम ये है कि इन कंपनियां इस तरह के पार्ट्स बनाने में महारत है. टाइटन मौजूदा समय में ये दुनिया की कई कंपनियों को इस तरह के कंपोनेंट मुहैया करा रही है. वहीं अगर मुरूगप्‍पा समूह की बात करें तो इस कंपनी ने नोएडा में स्थित कैमरा मॉड्यूल निर्माता मोशाइन इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स (Moshine Electronics Private Limited) का अधिग्रहण कर 76% हिस्‍सेदारी खरीदकर अपनी क्षमताओं को बढ़ाया है. यही नहीं दोनों कंपनियां आने वाले दिनों में सेमीकंडक्‍टर चिप के निर्माण करने वाली कपंनियों में शामिल हैं. टाटा समूह गुजरात के धौलेरा में अरबों की लागत से अपना प्‍लांट लगाकर निर्माण की तैयारी कर रही है.


राम नवमी पर कल अयोध्या में प्रभु श्रीराम बरसाएंगे पैसा!

राम नवमी के मौके पर बड़ी संख्या में भक्तों के अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है. इसके मद्देनजर खास इंतजाम किए गए हैं.

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Tuesday, 16 April, 2024
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राम नवमी (Rama Navami) के मौके पर यानी कल अयोध्या (Ayodhya) में भक्तों का सैलाब उमड़ेगा. 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के देश-विदेश से बुधवार को अयोध्या पहुंचने का अनुमान है. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार अयोध्या में राम नवमी मनाई जाएगी. लिहाजा इसके लिए खास इंतजाम किए गए हैं. राम नवमी पर भगवान श्रीराम का मंदिर 5 घंटे ज्यादा खुला रहेगा. इस अवसर पर VIP दर्शन पास की सुविधा नहीं मिलेगी. साथ ही सभी विशेष VIP सुविधाएं निरस्त रहेंगी. इतने बड़े पैमाने पर भक्तों के अयोध्या पहुंचने से वहां करोड़ों के कारोबार की उम्मीद जताई जा रही है.

इन्हें मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा
इसी साल जनवरी में अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. इस दौरान, देश में लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हुआ था. राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या तस्वीर पूरी तरह बदल गई है. एक तरफ जहां बड़ी-बड़ी कंपनियां अयोध्या का रुख कर रही हैं. वहीं, स्थानीय लोगों को भी कमाई के कई मौके मिले हैं. 17 अप्रैल को पहुंचने वाले 15 लाख श्रद्धालुओं से स्थानीय स्तर पर कारोबार में तेजी आने की उम्मीद है. खासतौर पर होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, टूर्स एंड ट्रेवल, पूजन-पाठ सामग्री आदि से जुड़े कारोबारियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. दूसरे शब्दों में कहें तो राम नवमी पर कल अयोध्या में प्रभु श्री राम इन कारोबारियों पर पैसा बरसाएंगे. 

पहले से ज्यादा भर लिया स्टॉक
वहीं, किराना कारोबारियों ने भी अपना स्टॉक भर लिया है. वैसे प्राण प्रतिष्ठा के बाद से कारोबारी पहले की तुलना में ज्यादा स्टॉक रखते हैं. लेकिन रामनवमी के मौके पर उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर उन्होंने इसमें और इजाफा कर दिया है. चढ़ती गर्मी को ध्यान में रखते हुए कोल्ड ड्रिंक्स का स्टॉक भी पहले के मुकाबले ज्यादा रखा गया है. प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहले इन कारोबारियों को मिलने वाले ऑर्डर में जबरदस्त उछाल आया था. पेय पदार्थों के ऑर्डर में 60 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला था. जबकि चॉकलेट और कन्फेक्शनरी के ऑर्डर में 52% की बढ़ोतरी हुई थी. उस समय ब्रैंडेड प्रोडक्ट्स की डिमांड में 30% का उछाल आया था.

होम स्टे से होगी मोटी कमाई
अयोध्या के अधिकांश होटल-धर्मशालाएं पहले ही लगभग फुल हो चुकी हैं. रामनवमी से 10 दिन पहले ही शहर के 90% होटल, धर्मशाला फुल हो चुके थे. ज़्यादातर होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस में इसी महीने के अंत तक सभी कमरे बुक हैं. यहां तक कि होम स्टे में कमरे मिलना भी मुश्किल हो गया है. अयोध्या में टूरिस्टों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए लोगों ने इस साल की शुरुआत से ही अपने घरों को होम स्टे बनाना शुरू कर दिया था. 23 जनवरी तक 1000 से ज्यादा लोगों ने होमस्टे प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था. सरकार भी लोगों को अपने घरों को होमस्टे खोलने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. होम स्टे में एक कमरे के लिए करीब 1500 से 2000 रुपए प्रतिदिन का किराया लिया जाता है. लेकिन, रामनवमी जैसे खास मौकों पर इसमें बढ़ोत्तरी भी हो जाती है. लिहाजा, इस रामनवमी अपने घरों को होमस्टे बनाने वालों को भी अच्छे दिन वाली फीलिंग होगी.

इन पर भी हो सकती है धनवर्षा 
अयोध्या में राम मंदिर बनने से ऑटो-रिक्शा चालकों की कमाई भी बढ़ गई है. कल उमड़ने वाली भीड़ के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. सामान्य दिनों से ज्यादा ई-रिक्‍शा, ऑटो और रिक्‍शे अयोध्या बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर मौजूद रहेंगे. अयोध्या रेलवे स्टेशन से राम मंदिर की दूरी वैसे तो मात्र एक किलोमीटर है, लेकिन गर्मी के इस मौसम में लोग पैदल चलने के बजाए ऑटो आदि लेना पसंद करते हैं. अयोध्या बस अड्डे से राम मंदिर की दूरी तीन किलोमीटर है. जबकि एयरपोर्ट से राम मंदिर करीब सात किलोमीटर दूर है. ऑटो-रिक्शा चालकों का मानना है कि कल उन्हें सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा फेरे लगाने होंगे. ऐसे में उनकी कमाई का आंकड़ा भी कई गुना ज्यादा रह सकता है.