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मुकेश अंबानी को टक्कर देने का प्लान बना रहे हैं एलन मस्क, जानें क्या है तैयारी
एलन मस्क दुनियाभर में स्टारलिंक का जाल फैला रहे हैं. इस साल जापान में उनकी कंपनी ने अपनी सेवाएं शुरू की हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
भारत के दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच वैसे कोई सीधा मुकाबला नहीं है, लेकिन आने वाले दिनों में दोनों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. दरअसल, दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क भारत के टेलीकॉम सेक्टर में एंट्री करना चाहते हैं. इसके लिए उनकी कंपनी Starlink ब्रांड के तहत भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस लॉन्च करने की परमिशन के लिए अप्लाई करने की योजना बना रही है. यदि उसे अनुमति मिल जाती है, तो इससे देश के टेलीकॉम सेक्टर में तो बड़ा बदलाव आएगा ही रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी कंपनियों के लिए भी चुनौती बढ़ जाएगी.
एयरटेल ने भी किया अप्लाई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्टारलिंक ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन सेवा शुरू करना चाहती है. इसके लिए कंपनी भारत के दूरसंचार विभाग से संपर्क साधे हुए हैं. हालांकि, अभी तक इस बारे में कंपनी की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. वहीं, मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के मालिकाना हक वाली OneWeb ने भी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज के लिए आवेदन किया है. ऐसे में स्टारलिंक की एंट्री से रिलायंस जियो और एयरटेल के साथ उसका सीधा मुकाबला होगा.
दुनिया में जाल फैला रहे मस्क
एलन मस्क दुनियाभर में स्टारलिंक का जाल फैला रहे हैं. इस साल जापान में कंपनी ने इंटरनेट सर्विसेज देना शुरू किया है. इसके अलावा साल 2023 तक दक्षिण कोरिया साउथ कोरिया में भी उनकी कंपनी सैटेलाइट सर्विसेज के जरिए इंटरनेट सेवा देने लगेगी. एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल सैटेलाइट इंटरनेट मार्केट साइज़ 2020 में 2.93 बिलियन डॉलर का था, जिसके 2030 तक 18.59 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. माना जाता है कि सैटेलाइट इंटरनेट से हाई स्पीड मिलती है, लेकिन खराब मौसम इसकी राह में सबसे बड़ा रोड़ा है.
क्या है सैटेलाइट इंटरनेट?
भारत में अधिकतर इंटरनेट यूजर्स फाइबर आधारित टेक्नोलॉजी पर निर्भर हैं. ऐसे में आज भी दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी एक समस्या बनी हुई है. चूंकि सैटेलाइट इंटरनेट में सबकुछ सैटेलाइट के माध्यम से होता है, इसलिए ये समस्या वहां नहीं आएगी. एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक का उद्देश्य भी उन क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाना है, जहां अभी भी कनेक्टिविटी एक बड़ी चुनौती है. इस तरह के इंटरनेट के लिए ट्रेडिशनल ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं होती है. यह वायर से नहीं, बल्कि लेजर बीम का इस्तेमाल कर डाटा ट्रांसफर करता है. एक रिपोर्ट बताती है कि इस तरह के इंटरनेट के लिए Lower Orbit Satellite इस्तेमाल की जाती है, जिससे लेटेंसी दर काफी कम हो जाती है. लेटेंसी दर का मतलब उस समय से होता है, जो डाटा को एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट तक पहुंचाने में लगता है. यानी सैटेलाइट इंटरनेट में ऑनलाइन बफरिंग, गेमिंग और वीडियो कालिंग की क्वालिटी बेहतर हो जाती है.
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