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Double Attack करेगी गर्मी: पसीना तो छूटेगा ही, जेब भी होगी ढीली!
महंगाई पहले से ही आम आदमी का तेल निकाले हुए है. हाल ही में रसोई गैस सिलेंडर भी 50 रुपए महंगा हुआ है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
गर्मी अभी से ही तेवर दिखाने लगी है. जनवरी में जो धूप अच्छी लग रही थी, फरवरी में उसने झुलसाना शुरू किया और अब दिन चढ़ते ही बाहर निकलने में चुभन महसूस होने लगी है. माना जा रहा है कि इस बार गर्मी सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ देगी. ये रिकॉर्ड तोड़ गर्मी केवल आपका पसीना ही नहीं निकालेगी, बल्कि जेब भी ढीली कर देगी. क्योंकि एक्सपर्ट्स मानते हैं कि गर्मी की वजह से आने वाले दिनों में महंगाई और बढ़ सकती है.
बनेगी सूखे जैसी स्थिति
मीडिया रिपोर्ट्स में 'केयर रेटिंग' के आकलन के हवाले से बताया गया है कि अल-नीनो की वजह से देश के कई हिस्सों को सूखे जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. यदि ऐसा होता है, तो इसका असर फसलों पर पड़ेगा और मांग एवं उत्पादन के बीच की खाई चौड़ी हो जाएगी. वहीं, एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मौसम में लगातार परिवर्तन हो रहा है. इससे गेहूं की फसल बुरी तरह प्रभावित हो सकती है. पिछले साल बारिश में देरी के चलते सब्जियों के दामों में आग लग गई थी, इस बार लगभग वैसा या उससे व्यापक असर देखने को मिल सकता है.
इस वजह से बढ़ी गर्मी
इस बार गर्मियों ने समय से पहले दस्तक दे दी है. इसकी एक वजह सर्दियों के मौसम में होने वाली बारिश में कमी है. मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, दिसंबर से फरवरी यानी तीन महीनों में बारिश औसत से कम होने के कारण तापमान सामान्य से अधिक रहा है. दिसंबर का औसत तापमान 27.32 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि सामान्य तापमान 26.53 डिग्री है. जिसका मतलब है कि इस महीने के तापमान में 0.79 डिग्री की वृद्धि हुई. जनवरी और फरवरी में ऐसा ही देखने को मिला. नतीजतन वक्त से पहले ही गर्मी का अहसास होने लगा है.
समय से कम बारिश
बारिश की बात करें, तो दिसंबर में 13.6 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य बारिश के रिकॉर्ड 15.4 मिमी से कम है. इसी तरह, जनवरी और फरवरी में भी बारिश सामान्य रिकॉर्ड से कम रही. गौरतलब है कि महंगाई पहले से ही आम आदमी के घर का बजट बिगाड़े हुए है. आटा-दाल-चावल से लेकर दूध तक सबकुछ महंगा हो गया है. इसके बावजूद हाल ही में गैस सिलेंडर की कीमतों में सीधा 50 रुपए का इजाफा किया गया है. पेट्रोल-डीजल के दाम पहले से ही आसमान पर चल रहे हैं. यदि कम बारिश या सूखे की आशंका सही साबित होती है, तो महंगाई से निपटना बेहद मुश्किल हो जाएगा.
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