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Diwali पर डिफॉल्टर्स का मुंह मीठा कराना चाहता था ये Bank, लेकिन फिर आया ट्विस्ट
कुछ वक्त पहले SBI ने लोन न चुकाने वालों के घर चॉकलेट भेजने की योजना बनाई थी. यूको बैंक भी कुछ ऐसा करना चाहता था, लेकिन बाद में कदम पीछे खींच लिए.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 6 months ago
कर्ज लेकर वापस न देने वालों से बैंक अक्सर परेशान रहते हैं. ऐसे कर्जधारकों से रिकवरी के लिए बैंक समय-समय पर अभियान भी चलाते हैं. सरकारी सेक्टर के यूको बैंक ने रिकवरी के लिए एक नायाब तरीका निकाला था, लेकिन योजना को अमल में लाने से पहले ही उसे अपने कदम वापस खींचने पड़ गए. अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि आखिर बैंक को डिफॉल्टर्स का मुंह मीठा कराने के अभियान को ठंडे बस्ते में क्यों डालना पड़ा.
ब्रांच हेड पर थी जिम्मेदारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूको बैंक ने दिवाली पर अपनी हर ब्रांच के टॉप 10 डिफॉल्टर्स को मिठाई भेजने की योजना बनाई थी. बैंक ने इस बारे में बाकायदा एक सर्कुलर जारी किया था, लेकिन अब इसे वापस ले लिया गया है. बैंक ने अपने एक नवंबर के सर्कुलर में कहा था कि हर ब्रांच के 10 टॉप डिफॉल्टर्स को दिवाली पर मिठाई का डिब्बा भेजा जाएगा. ऐसे लोगों को वैल्यूबल कस्टमर की तरह ट्रीटमेंट देना था ताकि वो शर्मिंदगी महसूस कर सकें. प्रत्येक ब्रांच हेड से कहा गया था कि वे खुद जाकर टॉप डिफॉल्टर्स को मिठाई देंगे. हालांकि अब बैंक ने इस सर्कुलर को वापस ले लिया है.
यूको को भी थी अच्छे की उम्मीद
कुछ वक्त पहले देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI ने भी लोन के डिफॉल्टर्स को चॉकलेट भेजने का फैसला लिया था. SBI का कहना था कि इस योजना का मकसद कर्जदारों, खासकर खुदरा ग्राहकों को समय पर किश्त के भुगतान के लिए प्रोत्साहित करना था. SBI को इसका फायदा भी मिला था. इसी तर्ज पर यूको बैंक ने भी दिवाली पर डिफॉल्टर्स का मुंह मीठा कराने की योजना बनाई थी. इसके तहत शाखा प्रबंधक को व्यक्तिगत तौर पर टॉप 10 डिफॉल्टर्स से मिलकर उन्हें मिठाई का डिब्बा देना था, मगर अब इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. बता दें कि जून तिमाही में बैंक का GNPA घटकर 4.48% रह गया था और NPA में भी 1.18 प्रतिशत की कमी आई थी.
काम कर गया SBI का Idea
SBI के आइडिया की बात करें, तो चॉकलेट भेजने के चलते उसे करीब 2 करोड़ रुपए की पर्सनल और बिजनेस लोन की EMI मिली थी. इस योजना के तहत बैंक के प्रतिनिधि ऐसे ग्राहकों के घर चॉकलेट का डिब्बा लेकर जाते हैं, जिनके मंथली इंस्टॉलमेंट पर डिफॉल्ट होने की आशंका सबसे ज्यादा है. कर्ज लेकर EMI न चुकाने वालों को किश्त की याद दिलाने के लिए यह तरीका अपनाया जाएगा है. जो ग्राहक बैंक के फोन कॉल का जवाब नहीं देते, EMI नहीं भरते, बैंक प्रतिनिधि उनके घर पर चॉकलेट लेकर पहुंचते हैं. स्टेट बैंक ने उम्मीद जताई थी कि इस पहले से लोन के रीपेमेंट कलेक्शन में अच्छा रिस्पांस मिलेगा और ऐसा बाकायदा होता नजर आ रहा है. इस पहल को अंजाम देने के लिए बैंक ने दो फिनटेक कंपनियों के साथ साझेदारी की है. जिन कर्जदारों के डिफॉल्ट की आशंका सबसे ज्यादा है, फिनटेक कंपनी के प्रतिनिधि उनके घर बिना किसी पूर्व सूचना जाते हैं. वो अपने साथ चॉकलेट का एक पैकेट लेकर जाते हैं और उनसे मिलकर उन्हें लोन की EMI चुकाने की याद दिलाते हैं.
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