होम / बिजनेस / रक्षा मंत्रालय ने बैन किये 715 करोड़ के इम्पोर्ट्स, बढ़ेगी आत्मनिर्भरता!
रक्षा मंत्रालय ने बैन किये 715 करोड़ के इम्पोर्ट्स, बढ़ेगी आत्मनिर्भरता!
हाल ही में जारी की गयी लिस्ट में वह चीजें भी शामिल हैं जिन्हें देश में ही PSU (पब्लिक सेक्टर यूनिट्स) द्वारा बनाया जाता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
दिन प्रतिदिन भारत आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ता जा रहा है. अलग-अलग क्षेत्रों में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की बढ़ती संख्या और मेक इन इंडिया जैसे अभियानों की बदौलत हर क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता बेहतर हो रही है. ऐसा ही एक क्षेत्र है डिफेन्स का क्षेत्र. डिफेन्स के क्षेत्र में अपनी आत्मनिर्भरता को बेहतर बनाते हुए रक्षा मंत्रालय ने ऐसे पुर्जों और उपकरणों की एक लिस्ट जारी की है जिन्हें आने वाले भविष्य में इम्पोर्ट नहीं किया जाएगा. इस फैसले की बदौलत भारतीय इंडस्ट्रीज द्वारा भारतीय सेना को देश में बना ज्यादा से ज्यादा सामान बेचने में मदद मिलेगी.
लिस्ट में क्या-क्या है शामिल?
रक्षा मंत्रालय द्वारा लगातार चौथी बार ऐसी कोई लिस्ट जारी की गयी है और इस बार जारी की गयी लिस्ट में 928 ऐसे रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट्स, स्पेयर पार्ट्स और पुर्जे मौजूद हैं जिनका इम्पोर्ट भारत द्वारा अगले पांच सालों के दौरान पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा. हाल ही में जारी की गयी लिस्ट में वह चीजें भी शामिल हैं जिन्हें देश में ही PSU (पब्लिक सेक्टर यूनिट्स) द्वारा बनाया जाता है. साथ ही इस लिस्ट में प्रमुख रूप से उन वस्तुओं को भी शामिल किया गया है जिन्हें MDL (Mazagaon Dockyards Limited) द्वारा बनाया जाता है. इन डिवाइसों में से अधिकतर डिवाइस गैस टरबाइन जनरेटर, शाफ्टिंग सिस्टम और मैगजीन फायर-फाइटिंग सिस्टम से संबंधित हैं. इस लिस्ट में HTT 40 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट और Su 30MKI फाइटर प्लेन के पुर्जे भी शामिल हैं.
इम्पोर्ट बैन करने का क्या होगा फायदा?
अधिकारियों की मानें तो इस लिस्ट में शामिल प्रोडक्ट्स काफी अच्छे मैटेरियल्स से बने पार्ट्स और स्पेयर पार्ट्स हैं और इनकी कीमत 715 करोड़ रुपयों से ज्यादा है. एक अधिकारी ने बताया कि DPSU (डिफेन्स पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग) द्वारा इन चीजों के स्वदेशीकरण का ठेका लिया जाएगा. DPSU के द्वारा मेक इन इंडिया कैटेगरी और अन्य तरीकों की मदद से लिस्ट में मौजूद सभी पुर्जों और उपकरणों का स्वदेशीकरण किया जाएगा. इससे भारत के इकॉनोमिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा, डिफेन्स में इन्वेस्टमेंट बढ़ेगी और साथ ही इम्पोर्ट्स पर DPSU की निर्भरता कम होगी. अधिकारियों का मानना है कि इस फैसले से देश की मिलिट्री इंडस्ट्री के डिजाईन करने की क्षमता में मजबूती आएगी.
इससे पहले भी बहुत कुछ हुआ है बैन
इससे पहले अप्रैल 2022 में रक्षा मंत्रालय द्वारा ऐसी ही एक लिस्ट जारी कर बहुत से हथियारों और सामानों को बैन कर दिया गया था जिनमें हेलिकॉप्टर, लाइट टैंक, मिसाइलों और गोला बारूद जैसी चीजें शामिल थीं. पानी के जहाज से लॉन्च की जाने वाली क्रूज मिसाइलों, हथियारों का पता लगाने वाले रेडार, नवल एंटी ड्रोन सिस्टम, तट पर पेट्रोलिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली नेक्स्ट जनरेशन नावें और छोटे हथियारों का गोला बारूद भी इस लिस्ट में शामिल था. साल 2021 के मई और अगस्त के महीने में भी मंत्रालय द्वारा पहले 101 और फिर 108 वेपन-सिस्टम्स को बैन कर दिया गया था.
यह भी पढ़ें: RBI लौटाएगा लावारिस पड़े पैसे, लॉन्च हुआ ‘100 Days 100 Pays’!
टैग्स