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इस साल नामी आईटी कंपनियों से बाहर हुए इतने हजार कर्मचारी, आंकड़ा जानेंगे तो चौंक जाएंगे
23-24 की दूसरी तिमाही में देश की 10 नामी कंपनियों में काम करने वाले लोगों का हेड काउंट 20.6 लाख रह गई है जबकि इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ये हेडकाउंट 21.1 लाख था. .
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 6 months ago
देश की अर्थव्यवस्था के लिए भले ही हर मोर्चे से अच्छी खबर निकलकर सामने आ रही हो लेकिन दूसरी तिमाही के नतीजों से एक चिंताजनक खबर देखने को मिल रही है. दरअसल देश की नामी आईटी कंपनियों में लगातार नौकरियां कम हो रही हैं. ये आंकड़े डेटा एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म स्टेटिस्टा की ओर से जारी किए गए हैं. जो बताते हैं कि पिछले साल दूसरी तिमाही में जहां कर्मचारियों की संख्या 21.1 लाख थी वो इस साल 20.6 लाख तक हो गई है. इसका मतलब है कर्मचारियों की संख्या में 51744 की कमी हुई है.
क्या कहते हैं आंकड़े?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्टेटिस्टिका के आंकड़े बताते हैं कि विप्रो (Wipro), टीसीएस (TCS), इंफोसिस (Infosys), एचसीएल (HCL), कॉग्नीजेंट (Cognizent), एम्फैसिस (Mphasis), पर्सिस्टेंट सिस्टम (Persistent System) और एलटीआई माइंडट्री ने 25 सालों में पहली बार सभी कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या में गिरावट देखी है. दूसरी तिमाही की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 से लेकर 2023 तक उनके वहां कर्मचारियों की संख्या सबसे ज्यादा थी. इनमें टीसीएस में 616171, विप्रो में 262626, टेक महिंद्रा 163912, एलटीआईमाइंडट्री में 89936, थी. वहीं जिन कंपनियों में कर्मचारियों की संख्या मार्च में चरम पर थी उनमें इंफोसिस (3,46,845), एचसीएलटेक (2,25,944), कॉग्निजेंट (3,55,300) और पर्सिस्टेंट सिस्टम्स (22,889) थी. वहीं एमफैसिस (36899) में कर्मचारियों की संख्या जून 2022 में चरम पर थी.
क्या कह रही हैं कंपनियां?
वहीं अगर दूसरी ओर कंपनियों के हाल ही में आए बयानों पर नजर डालें तो इंफोसिस के सीएफओ नीलांजन रॉय कहते हैं कि कंपनी इस वित्तीय वर्ष में कैंपस हॉयरिंग छोड़ देगी. उनकी कहना है कि इस बात की पूरी संभावना है कि हम हायरिंग के लिए कॉलेजों में न जाएं. लेकिन उनका ये भी कहना है कि हर तिमाही पर नजर रखी जाएगी. वहीं विप्रो के सीएचआरओ सौरभ गोविल ने कहा है कि कंपनी कहीं भी हायरिंग के लिए जाने से पहले उन लोगों को काम पर रखेगी जो नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं.
आई सेक्टर की मांग में दिख रही है कमी
वहीं अगर टीसीएस के नए सीईओ कृतिवासन का कहना है कि आईटी क्षेत्र के लिए मांग में कोई बहुत अच्छी स्थिति नहीं दिखाई दे रही है. उन्होंने ये भी कहा कि जब तक ग्लोबल मार्केट में ग्रोथ में तेजी नहीं आती तब तक भारत में भी आई सेक्टर में तेजी नहीं आ पाएगी. उन्होंने कहा कि कई ग्राहक ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए नकदी को बचाने का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि जब बाजार में स्थिरता आ जाएगी तो उसका असर कंपनियों की ग्रोथ पर जरूर देखने को मिलेगा.
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