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Byju's को लगा जोर का झटका, कर्ज चुकाने के लिए अब नहीं कर पाएगी ये काम!
एडटेक यूनिकॉर्न Byju's के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं. कर्ज चुकाने के लिए कंपनी अपनी कुछ संपत्तियां बेचना चाहती थी, लेकिन अब वो भी मुमकिन नहीं हो सकेगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 7 months ago
दिग्गज एडटेक कंपनी बायजू (Byju's) पिछले कुछ वक्त से मुश्किलों का सामना कर रही है. कैश की कमी से जूझ रही कंपनी अपनी सब्सिडरी कंपनियों को बेचने की संभावना तलाश रही है और बाहरी फंडिग जुटाने की कोशिश में भी है. इस बीच, एडटेक यूनिकॉर्न Byju's के लेंडर्स ने लोन के लिए गिरवी रखी संपत्तियों को लेकर बड़ा कदम उठाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लेंडर्स ने इन एसेट्स को सुरक्षित रखने के लिए रिस्क एडवायजरी फर्म क्रोल (Kroll) को जिम्मेदारी सौंपी है. दरअसल, बायजू के कर्जदाताओं को ऐसा करने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि कंपनी अपनी संपत्तियों को बेचने की योजना बना रही है. ऐसे में लोन डिफॉल्ट होने की स्थिति में लेंडर्स इन एसेट्स को जब्त नहीं कर पाएंगे.
इनका करने वाली थी सौदा
क्रोल को ग्रेट लर्निंग और बायजू की सिंगापुर इकाई को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी मिली है. जिसका मतलब है कि ग्रेट लर्निंग की बिक्री की संभावनाओं पर फिलहाल के लिए विराम लगा है. पिछले महीने ही यह खबर सामने आई थी कि Byju's करीब दो साल पहले लिए गए 120 करोड़ डॉलर के टर्म लोन को चुकाने के लिए अपनी 2 प्रमुख एसेट्स बुक रीडिंग प्लेटफॉर्म 'एपिक' और 'ग्रेट लर्निंग' की बिक्री की योजना बना रही है. Byju's इन संपत्तियों का सौदा करके 80-100 करोड़ डॉलर जुटाना चाहती थी.
जारी है लागत में कटौती
एडटेक यूनिकॉर्न Byju's ने सितंबर में लेंडर्स को छह महीने के भीतर ही पूरा लोन चुकाने के लिए एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें दिसंबर तक 30 करोड़ डॉलर का एकमुश्त भुगतान करने की बात कही गई थी. 'एपिक' और 'ग्रेट लर्निंग' की बिक्री से कंपनी को आर्थिक रूप से काफी मदद मिल सकती थी, लेकिन अब वो ऐसा नहीं कर पाएगी. बता दें कि कंपनी लंबे समय से फंड जुटाने की कोशिश कर रही है, लेकिन उसे खास सफलता नहीं मिल पाई है. इस वजह से वो लागत में कटौती के लिए कारोबारी ढांचे में बदलाव कर रही है. Byju's ने बेंगलुरु और दिल्ली NCR जैसे शहरों में अपने ऑफिस भी खाली कर दिए हैं.
बड़े पैमाने पर होगी छंटनी!
वहीं, रीस्ट्रक्चरिंग के चलते Byju's फिर से बड़े पैमाने पर छंटनी करने की योजना बना रही है. माना जा रहा है कि इस बार कम से कम 4000 लोगों की नौकरी जा सकती है. बता दें कि Byju's पहले भी छंटनी कर चुकी है. कोरोना महामारी के दौर में कंपनी एकदम से आसमान पर पहुंच गई थी, लेकिन हालात सामान्य होने के साथ ही उसकी आर्थिक सेहत कमजोर होती गई. इसके अलावा, भी कंपनी और उसके फाउंडर कई वजहों से चर्चा में रहे हैं. कुछ दिन पहले आईं रिपोर्ट्स में कंपनी के बयान का भी जिक्र है. बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी को लेकर Byju's का कहना है कि ऑपरेशनल स्ट्रक्चर को आसान बनाने और लागात कम करने की योजना पर काम चल रहा है. बेहतर कैश फ्लो मैनेजमेंट के लिए बिजनेस को रीस्ट्रक्चर किया जा रहा है और अब यह अपनी आखिरी स्टेज में पहुंच चुका है.
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