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BW Disrupt: लॉन्च हुआ WESA का 5वां एडिशन, इस बार क्या है खास?
पिछले दशक के दौरान महिला उद्यमियों की संख्या देश में बहुत तेजी से बढ़ी है लेकिन अभी भी उनके सामने तय करने के लिए एक लंबा रास्ता बाकी है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
BW बिजनेसवर्ल्ड (Businessworld) ने आज दिल्ली में WESA (Women Entrepreneurship Summit & Awards) के पांचवें एडिशन की शुरुआत कर दी है. इस मौके पर BW बिजनेसवर्ल्ड के चीफ एडिटर और चेयरमैन, डॉक्टर अनुराग बत्रा ने अपने संबोधन के दौरान बिजनेसवर्ल्ड में महिलाओं के महत्त्व के बारे में विशेष बातचीत की.
महिलाओं को मिले बराबरी का हिस्सा
अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए डॉक्टर बत्रा ने कहा कि BW बिजनेसवर्ल्ड द्वारा हर बार कोशिश की जाती है कि हम अपनी हर पहल में कम से कम 50% महिलाओं को शामिल करें. हालांकि, ज्यादातर हम हर बार महिलाओं की 30% संख्या तक ही पहुंच पाते हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि BW बिजनेसवर्ल्ड की जूरी और जूरी में शामिल सदस्यों में 30% की संख्या में महिलाएं मौजूद हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि BW बिजनेसवर्ल्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली कांफ्रेंसों में महिलाएं 40% की संख्या में मौजूद होती हैं.
अपने दम पर ही बढ़ रही हैं महिलाएं
अपने संबोधन के दौरान आगे डॉक्टर बत्रा ने कहा कि पिछले एक दशक के दौरान महिला उद्यमियों की संख्या देश में बहुत ही तेजी से बढ़ी है लेकिन, अभी भी उनके सामने तय करने के लिए एक काफी लंबा रास्ता बाकी है. संबोधन के दौरान आगे उन्होंने कहा – वैसे तो सरकार द्वारा महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा से ज्यादा योजनाओं की शुरुआत की जा रही है लेकिन, अभी भी ज्यादातर महिलाएं अपने खुद के दम पर ही अपने बिजनेस की शुरुआत कर रही हैं और उसे आगे बढ़ा रही हैं. पिछले एक दशक के दौरान महिलाओं को उद्यमियों के रूप में ज्यादा पहचान मिली है. महिलाओं को साथ मिलकर ज्यादा सहायक समूहों की शुरुआत करनी चाहिए.
बदल रही हैं भूमिकाएं
अपने संबोधन की समाप्ति की तरफ बढ़ते हुए उन्होंने कहा कि आज भारत में महिला उद्यमियों की संख्या बहुत ज्यादा है लेकिन, अभी भी महिलाओं कि यह संख्या उद्यमियों के इकोसिस्टम का कुल 10% भी नहीं है. यह बताने के साथ ही अनुराग बत्रा ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आने वाले सालों में महिला उद्यमियों की संख्या 10% से बढ़कर 20% हो सकती है. उन्होंने कहा कि महिलाओं पर पुरुषों से कहीं ज्यादा जिम्मेदारियां होती हैं. एक उद्यमी के तौर पर भी एक महिला पर पुरुष के मुकाबले ज्यादा जिम्मेदारी होती है लेकिन पिछले कुछ सालों में हालात बदलते हुए दिख रहे हैं. अब महिलाओं की जगह पुरुष घर संभाल रहे हैं और महिलाओं के कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. इस तरह से पुरुष और महिलाओं की भूमिकाएं भी बदल रही हैं.
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