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अश्विनी वैष्णव बोले, safe Harbour क्लॉज का फायदा नहीं ले पाएंगे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म
वहीं दिल्ली पुलिस ने रश्मिका मंदाना वाले मामले में मेटा से यूआरएल और उस शख्स की जानकारी मांगी है जिसने इस वीडियो को पोस्ट किया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago
रश्मिका मंदाना के डीपफेक वीडियो के सामने आने के बाद अब केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक अहम बात कही है. केन्द्रीय मंत्री ने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अगर इस तरह की सामाग्री को तुरंत नहीं हटाते हैं तो वो सेफ हॉर्बर क्लॉज का फायदा नहीं ले पाएंगे. उन्होंने सभी सोशल मीडिया साइट से इस तरह के मामले सामने आने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा.
क्या बोले केन्द्रीय मंत्री?
दरअसल रश्मिका मंदाना के वीडियो के सामने आने के बाद सरकार लगातार कार्रवाई करने की बात तो कर रही है लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह के मामले रूक नहीं रहे हैं. रश्मिका मंदाना के बाद जिस तरह से काजोल का डीपफेक वीडियो सामने आया उसने कई चीजों को सामने रख दिया था. आज केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जब भी इस तरह के मामले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामने आए तो कंपनियां इसे जल्द से जल्द हटा दें. उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें हाल ही में नोटिस जारी किया गया है और इस पर तुरंत कार्रवाई करने को कहा गया है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर वो इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करते हैं तो सेफ हॉर्बर क्लॉज लागू नहीं हो पाएगा. उन्होंने कहा कि ज्यादातर कंपनियों इसका आनंद ले रही हैं.
क्या होता है सेफ हॉर्बर क्लॉज?
दरअसल सेफ हॉर्बर क्लॉज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को एक तरह का संरक्षण प्रदान करता है. सेफ हॉर्बर क्लॉज फेसबुक या ट्विटर जैसे ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई सामाग्री के लिए उन्हें जवाबदेह तय नहीं करता है. इस प्रावधान का जिक्र आईटी अधिनियम 2000 की धारा 79 के तहत किया गया है. इसकी कानूनी भाषा कहती है कि एक मध्यस्थ किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी, डेटा या उसके द्वारा उपलब्ध या होस्ट किए गए संचार लिंक के लिए उत्तरदायी नहीं होगा. लेकिन इसी कानून में प्रावधान किया गया है कि अगर मध्यस्थ यानी कंपनियां गलत कंटेट को हटाने में या किसी दूसरी कार्रवाई में शीघ्रता से विफल रहता है तब उसे सेफ हॉर्बर नहीं दिया जाएगा.
दिल्ली पुलिस ने मेटा से ली है जानकारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वहीं रश्मिका मंदाना मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस ने मेटा से उस यूआरएल की जानकारी मांगी है, जिससे सबसे पहले रश्मिका के वीडियो को इंटरनेट पर पोस्ट किया गया था. पुलिस के इस कदम की जानकारी दिल्ली पुलिस द्वारा इस मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के एक दिन बाद सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इंटेलीजेंस फयूजन और स्ट्रैटजिक ऑपरेशन यूनिट के डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया है कि उन्होंने उस आदमी की जानकारी भी मांगी है जिसने इस वीडियो को शेयर किया था.
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