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RBI के इस नए नियम का अपडेट के बाद, कई सरकारी कंपनियों के शेयर पाताल में
इंफ्रा प्रोजेक्ट (Infra Project) फाइनेंसिंग के लिए RBI के नए प्रस्ताव के बीच पावर फाइनेंस कॉर्पोर्शन (PFC), आरईसी (REC) और IREDA सहित कई सरकारी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 week ago
सोमवार यानी 06 मई 2024 की सुबह सरकारी कंपनियों में निवेश करने वालों को बड़ा झटका लगा है. इन कंपनियों में निवेश करने वाले लोगों को बड़ा नुकसान हुआ है. यह गिरावट आरबीआई (RBI) द्वारा जारी एक ड्राफ्ट तैयार करने के बाद आई है. दरअसल, बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स डूबने के कारण बैंक को उनके कर्ज के बोझ से बचाने के लिए आरबीआई ने ये नया प्रस्ताव रखा है. इसमें इंफ्रा प्रोजेक्ट्स फाइनेंसिंग के नियमों में सख्त बदलाव किए गए हैं.
इतने गिरे शेयर
सोमवार को शेयर बाजार बंद होने के बाद पावर फाइनेंस कॉर्पोर्शन (PFC)के शेयर में 8.95 प्रतिशत, आरईसी (REC) के शेयर में 7.46 प्रतिशत और इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) के शेयर में 4.01 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है. वहीं, भारतीय स्टेट बैंक(SBI) 2.64 ,पंजाब नेशनल बैंक (PNB) 6.41 , केनरा बैंक (Canara Bank)5.38, यूनियन बैंक (Union Bank) 2.62, बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) 4.04 और बैंक ऑफ इंडिया (BOI) के शेयर 2.20, बैंक ऑफ महाराष्ट्र 2.19 से ज्यादा टूट गए. वहीं, निफ्टी पीएसयू इंडेक्स 3.66 प्रतिशत लुढ़ककर 7252.85 रुपये पर आ गया.
क्या है आरबीआई का नया प्रस्ताव?
आरबीआई के ड्राफ्ट के अनुसार बैंकों को प्रोजेक्ट के कंस्ट्रक्शन के दौरान लोन अमाउंट का 5 प्रतिशत हिस्सा अलग से रिजर्व रखना होगा. इसे प्रोजेक्ट के चालू हो जाने पर 2.5 प्रतिशत और रीपेमेंट की स्थिति में आ जाने के बाद 1 प्रतिशत पर भी लाया जा सकेगा. 2021 के सर्कुलर में इस रकम को फिलहाल 0.4 प्रतिशत रखा जाता है. आरबीआई ने कहा अगर कई बैंक मिलकर कंसोर्टियम बनाकर 15 अरब रुपये तक के प्रोजेक्ट की फाइनेंसिंग कर रहे हैं, तो उन्हें 10 प्रतिशत लोन अमाउंट रिजर्व रखना होगा.
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आरबीआई ने क्यों बनाया नया ड्राफ्ट?
बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर लोन डूबने के कारण आज कई बैंक मुसीबत में फंसे हुए हैं. इससे देश के बैंकिंग सिस्टम पर बुरा असर पड़ रहा है. ऐसे में आरबीआई ने क्रियान्वित हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को लोन देने से संबंधित नियमों को सख्त बनाने का प्रस्ताव रखा है. पिछली लोन साइकल में प्रोजेक्ट्स लोन की वजह से बैंकों के बही-खातों पर दबाव बढ़ गया था. हालांकि इन नए मानकों को लाने की घोषणा आरबीआई ने पहली बार सितंबर, 2023 में की थी. अब प्रस्तावों पर 15 जून तक संबंधित पक्षों से राय मांगी गई है. ऐसे में अभी ये ही सरकारी बैंक और कंपनियों के शेयर लुढ़कने लगे हैं.
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