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सहारा प्रमुख की मौत के बाद अब यहां ट्रांसफर हो सकता है पैसा, होगा इसका ये फायदा
सहारा इंक इंडिया किसी समय में टीम इंडिया की प्रमुख स्पांसर हुआ करती थी.यही नहीं किसी समय में इसकी संपत्तियों में न्यूयॉर्क का प्लाजा होटल और लंदन का ग्रोसनोवर हाउस हुआ करता था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago
सहारा प्रमुख की मौत के बाद निवेशकों को अपने पैसे की चिंता सता रही है. इस बीच अब खबर ये आई है कि सहारा, सेबी फंड को सरकार के समेकित फंड में हस्तांतरित करने की तैयारी की कानूनी वैद्यता का पता लगा रही है. इस फंड को वहां ट्रांसफर इसलिए किया जा रहा है जिससे अगर बाद में कोई निवेशक, जिसका पैसा इसमें फंसा था वो क्लेम करता है तो उसे पैसा वापस किया जा सके. ये जानकारी सहारा प्रमुख के निधन के बाद सामने आई है.
11 सालों में कुछ ही लोगों ने किया है आवेदन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 11 सालों में कुछ ही लोगों ने अपनी राशि के लिए दावा पेश किया है. अब ऐसे में एक अलग खाते के साथ इस राशि को भारत सरकार के समेकित फंड में ट्रांसफर करने पर विचार किया जा रहा है. साथ ही उसकी वैद्यता पर भी विचार किया जा रहा है. इस जानकारी में ये बात भी निकलकर सामने आई है कि अगर सेबी अपने सभी माध्यमों के सत्यापन से किसी निवेशक का पता नहीं ढूढ़ पाता है तो इस फंड को भारत सरकार को ट्रांसफर कर दिया जाएगा. आने वाले समय में इस फंड का इस्तेमाल गरीब कल्याण योजनाओं के लिए किया जा सकता है.
अब तक इतने लोगों को दिया गया है रिफंड
सेबी के द्वारा 31 मार्च तक जमा की गई कुल राशि 25163 करोड़ रुपये थी, 48326 खातों से जुड़े 17526 आवेदनों पर 138 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था. जिन लोगों को इसका भुगतान किया जाना है उसके लिए सहकारी समितियों के केन्द्रीय रजिस्ट्रार को 5000 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए थे. रिफंड की इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने एक पोर्टल भी बनाया था, जिसके जरिए निवेशक अपने रिफंड के लिए आवेदन कर सकते थे.
2011 में शुरू हुआ सहारा का कठिन समय
सहारा समूह किसी समय में क्रिकेट की नेशनल टीम के प्रमुख स्पॉन्सर हुआ करते थे. यही नहीं समूह की संपत्ति में किसी दौर में न्यूयॉर्क का प्लाजा होटल और लंदन में ग्रोसनोवर हाउस शामिल थे. सहारा समूह पूर्व में फोर्स वन इंडिया टीम के मालिक भी हुआ करते थे. लेकिन उनकी परेशानियों का दौर 2010 में शुरू हुआ. जब सहारा को इक्विटी बाजार से और निवेशकों से धन जुटाने पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद सुब्रत रॉय अवमानना के एक मामले में पेश नहीं हुए तो उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया. ये परेशानी उनकी कंपनी के द्वारा निवेशकों को 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक वापस न करने के कारण उत्पन्न हुई थी. सेबी की ओर से निवेशकों को पैसा देने के लिए 24 हजार करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया था जबकि सहारा का कहना है कि उसने पैसा दे दिया है और ये दोहरा भुगतान है.
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