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आखिर क्या होता है इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर, क्यों सरकार लगातार इन्हें बढ़ावा दे रही है?
इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर एक ऐसा डेडीकेटेड एरिया होता है जहां एक साथ इसी सेक्टर से जुड़ी कंपनियों को जमीन उपलब्ध कराई जाती है. इसमें किसी दूसरे क्षेत्र को अपनी यूनिट लगाने के लिए जमीन नहीं दी जाती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
केन्द्र सरकार वैसे तो हर क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने को लेकर काम कर रही है, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र के विकास पर सरकार ज्यादा फोकस कर रही है. सरकार एक के बाद एक नए इलेक्ट्रानिक क्लस्टर की घोषणा कर रही है. सोमवार को भी सरकार ने एक नए इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर की घोषणा की है जो महाराष्ट्र के रंजनगांव में बनने जा रहा है.आज हम ये जानेंगे कि आखिर इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर होता क्या है और सरकार और देश को किस तरह का फायदा होता है. क्यों सरकार लगातार देश में इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर की संख्या में इजाफा कर रही है.
आखिर क्या होता है इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर
इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर एक ऐसा डेडीकेटेड एरिया होता है जहां एक साथ इसी सेक्टर से जुड़ी कंपनियों को जमीन उपलब्ध कराई जाती है. इस इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर में किसी दूसरे क्षेत्र को अपनी यूनिट लगाने के लिए जमीन नहीं दी जाती है. सरकार उस क्षेत्र को उस तरह से विकसित करती है, जिससे इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां काम कर सकें. इसमें मोबाइल,टीवी,स्मार्ट डिवाइस,और अलग-अलग तरह के इक्यूपमेंट बनाने वाली कंपनियों को प्राथमिकता दी जाती है.
हमारे देश में कहां-कहां है इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर
हमारे देश में मौजूदा समय में चार राज्यो में पहले से ही इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर स्थापित किए गए हैं. इनमें उत्तर प्रदेश का नोएडा,आंध्र प्रदेश का तिरूपति,कर्नाटक और तमिलनाडु शामिल है. यहां अलग-अलग कंपनियों ने आकर काम करना शुरू कर दिया है. जैसे नोएडा में आज सैमसंग, समतल जैसी कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक इक्यूपमेंट बनाने का काम कर रही हैं.
इससे क्या होता है फायदा
इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर में अगर सरकार विदेशी कंपनियों सहित भारतीय कंपनियों को लाने में कामयाब हो जाती है तो ऐसे में यहां से बना हुआ माल विदेशों में जाने से केन्द्र सरकार को आय होती वहीं राज्य सरकार को भी रेवेन्यू मिलता है.यही नहीं सबसे बड़ा फायदा ये है कि तकनीक के देश में बनने से अपने देश के लोगों को एडवांस तकनीक सस्ती मिलती है. दूसरा सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे रोजगार भी पैदा होता है. सरकार ने महाराष्ट्र के रंजनगांव में जिस इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर को अप्रूवल दिया है उसके लगने के बाद 2000 करोड़ के निवेश के साथ 5000 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है.
लगातार बढ़ रही है इलेक्ट्रॉनिक कारोबार
सरकार के आंकड़े बताते हैं कि हमारे देश में 2014 में जहां इस सेक्टर का टर्न ओवर एक लाख करोड़ रूपये का था वही आज 2022 में 6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. जबकि 2014 में भारत में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल में 92 प्रतिशत विदेशों से आयात किए हुए होते थे वहीं आज 97 प्रतिशत मोबाइल ऐसे हैं जो देश में निर्मित हैं. 2014 के मुकाबले आज इस क्षेत्र में शून्य प्रतिशत आयात हो रहा है.जबकि 79 हजार करोड़ रुपये के इक्यूपमेंट भारत एक्सपोर्ट कर रहा है.
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