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अडानी ग्रीन ने इस सोलर एनर्जी को लेकर इस कंपनी के साथ की साझेदारी, इतना हो जाएगा उत्पादन
अडानी ग्रीन के सीईओ ने इस मौके पर कहा कि वो इस लक्ष्य के जरिए सिर्फ इंडिया के डिकार्बनाइज्ड बनने के मिशन में भागीदार नहीं बनेगा बल्कि देश को आत्मनिर्भर बनाने में भी अहम भूमिका निभाएंगे.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
अक्षय ऊर्जा को लेकर काम करने वाली कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने 1700 मेगावाट सोलर एनर्जी की आपूर्ति के लिए सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ बड़ी साझेदारी की है. अडानी ग्रीन एनर्जी ने इसे लेकर एक पीपीई (Power purchase Agreement) पर दस्तखत किए हैं.अडानी समूह की इस कंपनी ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन के साथ ये समझौता अगले 25 सालों के लिए किया है.
2020 के समझौते का हिस्सा है एग्रीमेंट
दरअसल सोलर एनर्जी लिमिटेड ने अडानी ग्रीन एनर्जी के साथ जून 2020 में 8000 मेगावाट सौर ऊर्जा को लेकर एक समझौता किया था. ये पीपीई भी उसी का एक हिस्सा है. ये ऑर्डर दुनिया का सबसे बड़ा ऑर्डर था. अडानी ग्रीन एनर्जी ने सौर ऊर्जा के विकास के लिए गुजरात के मुंडरा में 2 गीगावॉट का फोटो वोल्टैक और मॉड्यूल मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी का प्लांट लगाया है. AGEL की मुंडरा के इस पोर्ट में 26 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. AGEL ने 19.8 गीगावॉट PPA को सिक्योर्ड कर लिया है.
2030 तक हासिल होगी इतनी पावर
कंपनी ने इस सौर ऊर्जा के उत्पादन के लिए 2 लाख एकड़ जमीन को भी सुरक्षित कर लिया है. कंपनी इसके जरिए 2030 तक 45 गीगावाट की क्षमता को आसानी से हासिल कर लेगी. AGEL के सीईओ अमित सिंह ने इस मौके पर कहा कि वो 45 GW सौर ऊर्जा के उत्पादन को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. ये लक्ष्य कंपनी के पोर्टफोलियो में पांच गुना से ज्यादा का इजाफा है. उन्होंने ये भी कहा कि इस लक्ष्य के जरिए वो भारत के 2030 तक 500 GW के लक्ष्य में अपनी अहम भूमिका निभा पाएंगे. उन्होंने कहा वो केवल भारत को डीकार्बनाइज्ड करने के लक्ष्य की ओर ही आगे नहीं बढ़ रहे हैं बल्कि देश को आत्मनिर्भर भी बनाने को लेकर काम कर रहे हैं.
बड़ी तैयारी के बीच आई है ये खबर
ये समझौता ऐसे समय में हुआ है जब कंपनी अगले साल 2 बिलियन का कर्ज जुटाने की तैयारी कर रही है. अडानी ग्रीन कर्ज लेने की अपनी इस योजना में विभिन्न प्रकार के निवेशों की खोज कर रहा है. इसमें कर्ज का निजी प्लेसमेंट, ऑफशोर बैंक कर्ज, साथ ही डॉलर और रुपया बांड शामिल है. अडानी समूह इसके लिए वैश्विक वित्तीय संस्थानों से बातचीत कर रहा है.
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