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आदित्य बिड़ला सन लाइफ में करीब 5 प्रतिशत हिस्सेदारी क्यों बेच रही है AB Capital?
कल दोनों ही कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए थे, जबकि बाजार में तेजी देखने को मिली.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
आदित्य बिड़ला समूह (Aditya Birla Group) से एक बड़ी खबर सामने आई है. आदित्य बिड़ला कैपिटल (Aditya Birla Capital) ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC में करीब 4.99 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी. कंपनी ऐसा फंड जुटाने या किसी और वजह से नहीं कर रही, बल्कि मिनिमम शेयरहोल्डिंग से जुड़े नियमों के चलते उसे ऐसा करना पड़ रहा है. कंपनी OFS के तहत लगभग 1.43 करोड़ शेयर बेचेगी.
बोर्ड से मिल गई मंजूरी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आदित्य बिड़ला कैपिटल ने एक फाइलिंग में बताया है कि कंपनी के बोर्ड ने एक प्रस्ताव के माध्यम से आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC के 1,43,88,662 इक्विटी शेयरों की बिक्री को मंजूरी दे दी है, जो 4.99 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है. वहीं, Aditya Birla Capital के शेयर कल गिरावट के साथ बंद हुए थे. 0.26% लुढ़ककर कंपनी के शेयर 173.35 रुपए पर आ गए थे. इसी तरह, Aditya Birla Sun Life AMC के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली थी. कंपनी के शेयर करीब डेढ़ फीसदी नुकसान के साथ 472.70 रुपए पर पहुंच गए थे.
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ऐसा है शेयरहोल्डिंग पैटर्न
आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC के शेयरहोल्डिंग पैटर्न की बात करें, तो कंपनी की 86.47% हिस्सेदारी प्रमोटर्स के पास है. इसमें से Aditya Birla Capital Limited के पास 49.99 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इस बिक्री के बाद कंपनी की हिस्सेदारी कुछ कम हो जाएगी. AB कैपिटल को ऐसा मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियम के चलते करना पड़ रहा है. इस नियम के मुताबिक स्टॉक मार्केट में लिस्टेड सभी कंपनियों के कम से कम 25 फीसदी इक्विटी शेयर नॉन-प्रमोटर्स के पास होना जरूरी है, ताकि आम जनता के लिए खरीदने और बेचने के लिए अधिक शेयर उपलब्ध हो सकें.
ऐसे कर सकते हैं बिक्री
बाजार नियामक सेबी (SEBI) के नियम सभी लिस्टेड कंपनियों के लिए कम से कम 25% इक्विटी शेयर नॉन-प्रमोटर्स के पास होना अनिवार्य बनाते हैं. इसी वजह से सरकार 5 सरकारी बैंकों में अपनी कुछ हिस्सेदारी कम करने जा रही है. पीएसयू बैंकों को इस इन नियम को पूरा करने के लिए अगस्त 2024 तक का समय दिया गया है. स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के प्रमोटर अतिरिक्त हिस्सेदारी बेचने के लिए OFS, राइट्स इश्यू, पब्लिक शेयरहोल्डर्स को बोनस इश्यू या क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट का इस्तेमाल करते हैं.
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