AI को लेकर इन दो कंपनियों के सीईओ के बीच शुरू हुई जुबानी जंग, जानते हैं किसने क्‍या कहा?

दरअसल एआई को लेकर पिछले कुछ समय में माइक्रोसॉफ्ट और गूगल में एक तरह से कोल्‍ड वॉर और कड़ी प्रतिस्‍पर्धा चल रही है. दोनों कंपनियां एक दूसरे से मुकाबला कर रही हैं.

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Friday, 10 May, 2024
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एआई को लेकर एक ओर जहां पूरी दुनिया में इनोवेशन पर जोर दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर सरकारें भविष्‍य में इसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. लेकिन इसी इनोवेशन को लेकर दुनिया की दो नामी कंपनियों गूगल(Google) और माइक्रोसॉफ्ट(Microsoft) के सीईओ के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है.  माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ के बयान पर अब गूगल के सीईओ ने अपना जवाब देते हुए कहा है कि वो किसी और की धुन पर नहीं नाचते हैं. 

आखिर गूगल के सीईओ ने क्‍या जवाब दिया
 दरअसल माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ की प्रतिक्रिया पर पूछे गए सवाल के जवाब में गूगल के सीईओ सुंदर पिचई ने कहा कि वो अपने काम पर फोकस कर रहे हैं, हम किसी और की धुन पर नहीं नाचते हैं. उन्‍होंने एक मीडिया हाउस को दिए अपने इंटरव्‍यू में आगे कहा कि मुझे लगता है कि जिन तरीकों से आप गलत काम कर सकते हैं उनमें सबसे अहम है बाहर के शोर को सुनना और किसी और इशारों पर नाचना. उन्‍होंने कहा कि मैं हमेशा ही इस बात को लेकर स्‍पष्‍ट हूं कि हमें क्‍या करने की जरूरत है.  इसके आगे जब उनसे पूछा गया तो क्‍या आप अपनी धुन पर चल रहे हैं?  इसके जवाब में पिचई ने कहा कि जी आप बिल्‍कुल सही कह रहे हैं. 

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आखिर विवाद की शुरुआत कहां से हुई? 
दरअसल सुंदर पिचई ने जो आज माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ की ओर से की गई एक टिप्‍पड़ी के बाद ये जवाब दिया है. सत्‍य नडेला ने एआई सर्च के मामले में खुद की कंपनी के गुगल से आगे होने की बात कही थी. उनकी इसी बात को लेकर जब पिचई से सवाल पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि वो खुद की धुन पर नाचना पसंद करते हैं. सत्‍य नडेला ने ये भी कहा था कि एआई सभी टेक कंपनियों के लिए नया युद्धक्षेत्र बन चुका है. सत्‍य नडेला ने कहा कि हमने आज प्रतिस्‍पर्धा की है, उन्‍होंने गूगल को लेकर कहा था जहां तक सर्च बिजनेस की बात आती है तो गूगल अभी भी 800 पाऊंड गोरिल्‍ला है. उन्‍होंने गूगल को चुनौती देते हुए ये भी कहा था कि हमारे इनोवेशन के बाद वो निश्चित तौर से आगे आना चाहेंगे और दिखाना चाहेंगे कि वो भी कुछ कर सकते हैं. साथ ही लोगों को ये पता चले कि हमने उन्‍हें नचाया है. वो एक बड़ा दिन होगा. 

AI पर माइक्रोसॉफ्ट ने किया है निवेश 
हाल ही में आई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि एआई में गूगल से पिछड़ने के डर से कंपनी ने बड़ा निवेश किया है. इसे लेकर जब पिचई से सवाल पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि टेक्‍नोलॉजी के क्षेत्र में हमेशा ही बहुत मुकाबला रहा है. उन्‍होंने कहा कि इनोवेशन आगे रहने का सबसे बेहतर तरीका है. आज ये हर समय जरूरी हो गया है और आज रफ्तार भी बहुत तेज हो गई है. उन्‍होंने कहा कि आज तकनीक पहले से कई तेजी से बदल रही है. उन्‍होंने कहा कि ये मेरे लिए कोई आश्‍चर्य की बात नहीं है.
 


बैंकिंग सेक्‍टर के आए अच्‍छे दिन, पीएम मोदी बोले 10 साल में बदल गई हालत

बैंकिंग सेक्‍टर की ग्रोथ के पीछे कई कारण हैं. इनमें सरकार की ओर से उठाए गए कई कदमों से लेकर आरबीआई ने जो रेग्‍यूलेशन लाए हैं उन्‍होंने भी बैंकिंग को बेहतर करने में मदद की है. 

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Monday, 20 May, 2024
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बैंकिंग सेक्‍टर के लिए वर्ष 2024 बेहतर खबर लेकर आया है. पहली बार ऐसा हुआ है जब बैंकिंग सेक्‍टर का मुनाफा 3 लाख करोड़ को पार कर गया है. बैंकिंग सेक्‍टर की इस उपलब्धि पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि 10 साल पहले क्‍या हाल थे. इस साल प्राइवेट से लेकर सरकारी बैंकों ने बेहतरीन प्रदशर्न किया है. प्राइवेट बैंकों का मुनाफा जहां 1.78 लाख करोड़ रुपये पार कर गया है वहीं दूसरी ओर सरकारी बैंकों का मुनाफा 1.41 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है. दोनों को मिला दें तो पूरे बैंकिंग सेक्‍टर का मुनाफा 3 लाख करोड़ को पार गया है. 

पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में क्‍या कहा? 
बैंकिंग सेक्‍टर की इस बेहतरीन परफॉर्मेंस पर पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा,  पिछले 10 वर्षों में एक उल्लेखनीय बदलाव में, भारत के बैंकिंग क्षेत्र का शुद्ध लाभ पहली बार 3 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है. जब हम सत्ता में आए, तो हमारे बैंक यूपीए की फोन-बैंकिंग नीति के कारण घाटे और उच्च एनपीए से जूझ रहे थे. गरीबों के लिए बैंकों के दरवाजे बंद कर दिये गये. बैंकों की सेहत में यह सुधार हमारे गरीबों, किसानों और एमएसएमई को ऋण उपलब्धता में सुधार करने में मदद करेगा.

इस सेक्‍टर के बैंकों का मुनाफा रहा सबसे ज्‍यादा 
बैंकिंग सेक्‍टर का ओवरऑल मुनाफा 3 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा रहा है. वर्ष 2024 में कुल 26 प्राइवेट बैंकों ने मिलकर 1.78 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा का शुद्ध मुनाफा कमाया तो वहीं देश के 12 सरकारी बैंकों ने 1.41 लाख करोड़ का मुनाफा कमाया है. वहीं बैंकिंग सेक्‍टर की ग्रोथ की असली वजह को लेकर जानकारों का कहना है कि इसकी मुख्‍य वजह उनकी क्रेडिट ग्रोथ का बरकरार रहना है. इससे उन्‍हें नेट इंट्रेस्‍ट इनकम को बढ़ाने में मदद मिली है. यही नहीं बैंकों ने अपनी एसेट क्‍वॉलिटी को भी कंट्रोल में रखा है. इससे उनका बैड लोन बुक भी बहुत अच्‍छा बना हुआ है. 

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क्‍या आपने भी लगाया है विराट कोहली के निवेश वाले इस IPO में पैसा? जानिए कब होगा अलॉटमेंट

GO digit आईपीओ को लेकर जबरदस्‍त रिस्‍पांस मिला था, इस आईपीओ में क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्‍नी ने बड़ा निवेश किया है. सिर्फ विराट ही नहीं कई और नामी लोगों ने भी इसमें निवेश किया है. 

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Monday, 20 May, 2024
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इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में काम करने वाली कंपनी गो डिजिट के आईपीओ पर निवेशकों ने जमकर पैसा लगाया है. पैसा लगाने के बाद अब इंतजार है लोगों को इस आईपीओ के अलॉटमेंट का और उसके बाद लिस्टिंग का. लिस्टिंग राउंड तक वही पहुंचेगा जिसका अलॉटमेंट सक्‍सेसफुल होगा. सोमवार को शेयर बाजार के बंद होने के कारण अब इस आईपीओ का अलॉटमेंट मंगलवार को होगा. बुधवार से उन उम्‍मीदवारों का पैसा वापस आ जाएगा जिन्‍हें आईपीओ अलॉट नहीं होगा. 

जानिए कब होगी लिस्टिंग? 
गो डिजिट कंपनी का आईपीओ 15 मई को खुला था और 17 मई तक लोग इसमें पैसा लगा सकते थे. सबसे खास बात ये है कि 19 और 20 मई को छुट्टी होने के कारण इस आईपीओ का मंगलवार को अलॉटमेंट हो सकता है. मंगलवार को अलॉटमेंट के बाद बुधवार से पैसा रिफंड होना शुरू हो जाएगा. आईपीओ की लिस्टिंग 23 मई गुरुवार को होगी. आखिरी दिन आईपीओ को 9.60 गुना तक सब्‍सक्रिप्‍शन मिला था. ये वही आईपीओ है जिसमें भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली उनकी पत्‍नी अनुष्‍का शर्मा से लेकर कई अन्‍य उद्योगपतियों का पैसा लगा है. 

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क्‍या चल रहा है ग्रे मार्केट प्राइस? 
Go Digit आईपीओ को लेकर ग्रे मार्केट में फिलहाल पॉजिटिव रूख चल रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ग्रे मार्केट प्राइस 22 रुपये सबसे कम और 70 रुपये सबसे ज्‍यादा चल रहा है. प्‍लस 22 रुपये का मतलब ये है कि आईपीओ पर 22 रुपये से ज्‍यादा का प्रीमियम चल रहा है. हालांकि अभी आने वाले दिनों में इसके ग्रे मार्केट प्राइस के और बढ़ने की खबर है. लेकिन असली स्थिति गुरुवार को ही सामने आएगी जब ये आईपीओ बाजार में लिस्‍ट होगा. 

आखिर कैसे चेक करें अपना अलॉटमेंट? 
अब आपको बताते आखिर मंगलवार को आपको अपना अलॉटमेंट कैसे चेक करना है. 
-    सबसे पहले आपको आईपीओ रजिस्ट्रार की वेबसाइट लिंक https://linkintime.co.in/initial_offer/public-issues.html इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर जाना होगा. 
-    ड्रॉपबॉक्स से, आईपीओ का विकल्‍प चुनें.  अलॉमेंट खत्म होने के बाद ही नाम लॉट अलॉट किया जाएगा.
-    स्टेटस की जांच करने के लिए पैन, डीमैट खाता या एप्लिकेशन नंबर पर क्लिक करें.
-    आवेदन प्रकार फील्ड में ASBA या गैर-ASBA चुनें.
-इसके बाद आपको मोड के विकल्‍प को चुनना होगा. 
- कैप्‍चा पूरा होने के बाद सबमिट पर क्लिक करें और आपको अपना स्‍टेटस पता चल जाएगा. 

 
 


इस डेयरी कंपनी के साथ शुरू करें बिजनेस, कम निवेश में होगी अच्छी कमाई, जानिए कैसे?

दिग्गज डेयरी कंपनी अमूल की फ्रेंचाइजी लेकर आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसके लिए आपको कम से कम 2 लाख रुपये तक निवेश करना होगा.

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Monday, 20 May, 2024
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अगर आप कोई नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो आप दिग्गज डेयरी कंपनी अमूल (Amul) के साथ हाथ मिला सकते हैं. ये कंपनी देशभर में लोगों को अमूल की फ्रेंचाइजी (Amul Franchise) ऑफर करती है. हम सभी के घरों में दिनभर में दूध, दही, ब्रेड से लेकर तमाम डेयरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल होता है और इन प्रोडक्ट की डिमांड 12 महीने मार्केट में रहती है . ऐसे में आप इस डेयरी बिजनेस से जुड़कर अच्छी कमाई कर सकते हैं और महीने में लाखों रुपये तक कमा सकते हैं. तो चलिए बताते हैं आप कैसे अमूल की फ्रेंचाइजी लेकर अपना काम शुरू कर सकते हैं?

इतना करना होगा निवेश
कंपनी देशभर के अमूल की फ्रेंचाइजी (Amul Franchise) ऑफर करता है. ऐसे में आप इस डेयरी बिजनेस से जुड़कर अच्छी कमाई कर सकते हैं और महीने में लाखों रुपये तक कमा सकते हैं. आप 2 से 5 लाख रुपये का निवेश करके अमूल की फ्रेंचाइजी ले सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको कंपनी की ओर से तय कुछ शर्तों को पूरा करना होगा.

इन शर्तों को करना होगा पूरा

आपके पास मुख्य सड़क पर या मार्केट में एक दुकान होनी चाहिए. साथ ही आपके पास करीब 100 स्क्वायर फीट जगह होनी चाहिए. इसके अलावा दुकान का साइज इस बात पर भी निर्भर करेगा कि आप कौन सी फ्रेंचाइजी लेना चाहते हैं. अमूल दो तरह की फ्रेंचाइजी ऑफर कर रहा है. पहली अमूल आउटलेट, अमूल रेलवे पार्लर या अमूल क्‍योस्‍क की फ्रेंचाइजी और दूसरी अमूल आइसक्रीम स्‍कूपिंग पार्लर की फ्रेंचाइजी. इसमें नॉन रिफंडेबल ब्रैंड सिक्‍योरिटी के तौर पर 25 से 50 हजार रुपये देने होते हैं.

इतना आएगा खर्च
अगर आप अमूल आउटलेट खोलना चाहते हैं तो आपको नॉन रिफंडेबल सिक्योरिटी के तौर पर 25,000 रुपये देने होंगे. इसके अलावा 1 लाख रुपये रिनोवेशन और इक्वीपमेंट के लिए 75 हजार रुपये आपसे लिए जाएंगे. कुल मिलाकर एक आउटलेट खोलने में आपके 2 लाख रुपये लगेंगे. अमूल आइसक्रीम पार्लर के लिए खर्च ज्यादा होगा, जिसमें 50,000 रुपये सिक्योरिटी, रिनोवेशन के लिए 4 लाख रुपये और इक्वीपमेंट के लिए 1.50 लाख रुपये लगेंगे.

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हर प्रोडक्ट पर मिलेगा अलग अलग कमीशन

अमूल आउटलेट लेने पर कंपनी अमूल प्रोडक्‍ट्स के मिनिमम सेलिंग प्राइस (MRP) पर कमीशन देती है. इसमें एक मिल्‍क पाउच पर 2.5 प्रतिशत, मिल्‍क प्रोडक्‍ट्स पर 10 प्रतिशत और आइसक्रीम पर 20 प्रतिशत कमीशन मिलता है. अमूल आइसक्रीम स्‍कूपिंग पार्लर की फ्रेंचाइजी लेने पर रेसिपी बेस्‍ड आइसक्रीम, शेक, पिज्‍जा, सेंडविच, हॉट चॉकेलेट ड्रिंक पर 50 प्रतिशत कमीशन मिलता है. वहीं, प्री पैक्‍ड आइसक्रीम पर 20 प्रतिशत और अमूल प्रोडक्‍ट्स पर कंपनी 10 प्रतिशत कमीशन देती है.

FSSAI से लाइसेंस जरूरी

इस काम को शुरू करने के लिए आपको एफएसएसएआई से लाइसेंस लेना जरूरी है. एफएसएसएआई आपको लाइसेंस के रूप में 15 डिजिट का एक रजिस्ट्रेशन नंबर देता है. ये रजिस्ट्रेशन नंबर सुनिश्चित करता है कि आपके यहां तैयार होने वाला सामान एफएसएसएआई के क्वालिटी स्टैंडर्ड को पूरा करता है.

ऐसे करें अप्लाई

अगर आप अमूल की फ्रेंचाइजी लेना चाहते हैं तो आपको retail@amul.coop पर मेल करना होगा. इसके अलावा अमूल की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर भी इसकी पूरी जानकारी ले सकते हैं.  एक बार आपका आवेदन स्वीकार हो जाता है तो आपको ये दस्तावेज जरूर पूरे करने होंगे, जिनमें पासपोर्ट साइज फोटो, एड्रेस प्रूफ, पहचान पत्र, जमीन के दस्तावेज, एनओसी, ईमेल आईडी, लीज एग्रीमेंट, फोन नंबर, बैंक खाता पासबुक की जरूर होगी.


बेहद खास मकसद से 18 लाख मोबाइल नंबरों को ब्लॉक करने की है तैयारी, क्या आपको है खबर?

पूरे देश में करीब 18 लाख सिम कार्ड ब्लॉक करने की तैयारी चल रही है. एक खास मकसद से ऐसा किया जा रहा है.

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Monday, 20 May, 2024
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टेलीकॉम कंपनियां (Telecom Companies) करीब 18 लाख मोबाइल नंबर बंद करने वाली हैं. दरअसल, सरकार साइबर क्राइम और ऑनलाइन फ्रॉड पर अंकुश लगाने के लिए व्यापक अभियान चला रही है. इसी के तहत दूरसंचार कंपनियां जल्द ही 18 लाख सिमकार्ड ब्लॉक करेंगी. इससे पहले, 9 मई को दूरसंचार विभाग (DoT) ने 28 हजार से ज्यादा मोबाइल हैंडसेट डिसकनेक्ट करने का आदेश दिया था. क्योंकि उनका इस्तेमाल साइबर क्राइम में किया गया था. अब सरकार ने इन मोबाइल हैंडसेट में इस्तेमाल किए जाने वाले सिमकार्ड को ब्लॉक करने का टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है.

री-वेरिफाई के भी दिए हैं आदेश
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार साइबर क्राइम और ऑनलाइन फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए तेजी से काम कर रही है. इसी के तहत पूरे देश में लगभग 18 लाख मोबाइल नंबरों को ब्लॉक किया जाएगा. अलग-अलग विभागों की जांच एजेंसियों ने इन मोबाइल नंबर को फाइनेंशियल फ्रॉड में लिप्त पाया गया है. 9 मई को दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को 28,220 मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक करने का आदेश देने के साथ ही ऐसे करीब 20 लाख मोबाइल नंबरों को री-वेरिफाई करने के लिए भी कहा था, जिसका इस्तेमाल इन हैंडसेट में किया गया है.

2023 में 10,319 करोड़ की चपत
रिपोर्ट में दूरसंचार विभाग के अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि 20 लाख में से लगभग 10% मोबाइल नंबरों को ही दोबारा वेरिफाई किया जा सका है. पिछले कुछ समय में साइबर क्राइम के मामलों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) के मुताबिक, 2023 में डिजिटल फाइनेंशियल फ्रॉड के पीड़ितों को 10,319 करोड़ रुपए का चूना लगाया गया. इस दौरान NCRP पोर्टल पर साइबर फ्रॉड की कुल 6.94 लाख शिकायतें दर्ज हुई थीं.

इस तरह के हथकंडे अपनाते हैं अपराधी 
अधिकारियों के अनुसार, साइबर अपराधी धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए अलग-अलग टेलीकॉम सर्किल का SIM इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा, वे मोबाइल नंबर और हैंडसेट बार-बार बदलते रहते हैं, ताकि जांच एजेंसियों से बचा जा सके. उदाहरण के तौर पर बिहार का सिम कार्ड दिल्ली में इस्तेमाल किया जा सकता है. जांच एजेंसियों ने पिछले साल ऐसे करीब 2 लाख SIM कार्ड को ब्लॉक किया था, जिनसे वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया था. इनमें से सबसे ज्यादा हरियाणा के मेवात में 37 हजार सिम ब्लॉक हुए थे. सरकार का कहना है कि साइबर अपराधियों को ट्रैक करने के लिए दूरसंचार कंपनियों को सिम कार्ड के इस्तेमाल के पैटर्न पर नजर रखनी पड़ेगी. खासतौर पर ऐसे सिम कार्ड पर विशेष ध्यान रखना होगा, जो होम सर्किल से बाहर इस्तेमाल किए जा रहे हैं.


TATA Motors ने इस फाइनेंस कंपनी के साथ मिलाया हाथ, अब झट से मिलेगा लोन

TATA Motors के चौथी तिमाही के नतीजों में कंपनी को अच्‍छा फायदा हुआ है. जहां एक ओर कंपनी का राजस्‍व बढ़ा है वहीं दूसरी ओर ऑपरेशनल आय भी बेहतर रही है. 

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Monday, 20 May, 2024
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ऑटोमोबाइल सेक्‍टर की बड़ी कंपनी टाटा मोटर्स ने अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए फाइनेंस सेक्‍टर की बड़ी कंपनी बजाज फाइनेंस के साथ हाथ मिलाया है. दोनों कंपनियों के बीच हुए इस एमओयू में टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी कंपनियां टाटा मोटर्स पैसेंजर व्‍हीकल और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जैसी कंपनियां अपन ग्राहकों को आसानी से फाइनेंस की सुविधा उपलब्‍ध करा पाएंगी. वही बजाज फाइनेंस भी टाटा मोटर्स की सप्‍लाई चेन को बाजार से उचित दामों में कर्ज मुहैया कराएगा. 

दोनों के बीच हुआ करार क्‍या कहता है? 
दोनों कंपनियों के बीच हुए इस समझौते के बाद टीपीईएम के चीफ फाइनेंस ऑफिसर और टीएमपीवी के निदेशक धीमान गुप्‍ता ने कहा कि बजाज फाइनेंस के साथ साझेदारी डीलरों की कार्यशील पूंजी तक पहुंच को और आसान बनाएगी. इस साझेदारी के बाद बजाज फाइनेंस न्‍यूनतम गारंटी में टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी कंपनियों के ग्राहकों को कर्ज मुहैया करा पाएगी. 

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बजाज फाइनेंस सह प्रबंध निदेशक ने कही ये बात 
टाटा मोटर्स और बजाज फाइनेंस के बीच हुई इस साझेदारी के बाद बजाज फाइनेंस के सह प्रबंध निदेशक अनूप साहा ने कहा कि हम इस साझेदारी के बाद टीएमपीवी और टीपीईएम के ग्राहकों और इलेक्ट्रिक वाहन डीलरों को और सशक्‍त करने का काम करेंगे. उन्‍होंने कहा कि इससे सिर्फ डीलरों को ही फायदा नहीं होगा बल्कि ये पूरी इंडस्‍ट्री को फायदा करेगा. उन्‍होंने कहा कि हमने हमेशा ही भारत स्‍टैक का फायदा उठाकर व्‍यवसायियों से लेकर ग्राहकों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की है. 

कैसे रहे हैं टाटा मोटर्स के Q4 के नतीजे? 
टाटा मोटर्स के चौथी तिमाही के नतीजे 10 मई को जारी कर दिए हैं. कंपनी की ओर से जारी किए गए इन आंकड़ों के अनुसार, कंपनी के मुनाफे में 221.89 प्रतिशत और राजस्‍व में 13.27 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. वहीं क्‍वॉर्टर आय में 16.2 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है जबकि सालाना आधार पर ये ग्रोथ 80.94 प्रतिशत रही है. कंपनी का मार्केट कैप 377663.8 करोड़ रहा है जिसका 52 हफ्तों हाई 1065.6 रुपये और 52 हफ्तों का लो 504.75 रुपये रहा है.  
 


मसालों के बाद अब भारतीय दवाओं पर सवाल, आखिर ये हो क्या रहा है?

भारत की कुछ दिग्गज कंपनियां अमेरिका से अपनी दवाएं रिकॉल कर रही हैं, क्योंकि उनमें गड़बड़ी की बात कही गई है.

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Monday, 20 May, 2024
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दुनिया के कई देशों ने भारतीय मसालों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए उससे जुड़ी कुछ कंपनियों पर बैन लगा दिया है. अब मसालों वाली परेशानी का शिकार भारतीय दवाएं भी हो गई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉक्टर रेड्डीज लैबोट्रीज, सन फार्मा और अरबिंदो फार्मा जैसी दिग्गज फार्मास्युटिकल्स कंपनियां अपनी अलग-अलग दवाओं को अमेरिकी बाजार से वापस मंगा (Recalls) रही हैं. इनकी दवाओं में मैन्युफैक्चरिंग में खामियों की बात सामने आई है.

सुरक्षा पर जताई चिंता
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने इन रिकॉल्स को क्लास I और Class II के रूप में वर्गीकृत किया है. यूएस FDA ने भारत से आयात होने वाली जेनेरिक दवाओं की क्वालिटी और सेफ्टी पर चिंता जताई है. बता दें कि जेनेरिक दवाओं का मतलब है किसी ब्रैंडेड मेडिसिन के फॉर्मूले के आधार पर दूसरी दवा बनाना, जो अपेक्षाकृत काफी सस्ती होती है. भारत जेनेरिक दवाओं का सबसे निर्माता और निर्यातक भी है. इन दिग्गज कंपनियों की दवाओं पर सवाल उठाना देश के फार्मा सेक्टर के लिए भी चिंता का विषय है. 

प्रभावी इलाज न करने का दावा
डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज Javygtor (सैप्रोप्टेरिन डाइहाइड्रोक्लोराइड) के करीब 20,000 डिब्बे वापस मंगा रही है. यह मेडिसिन फेनिलकेटोनुरिया वाले मरीजों में हाइपरफेनिलएलनिनमिया (HPA) के इलाज के लिए इस्तेमाल होती है. फेनिलकेटोनुरिया एक तरह का आनुवंशिक विकार (Genetic Disorder) होता है, जिससे बौद्धिक विकास पर बुरा असर पड़ता है. साथ ही मरीज का व्यवहार भी काफी असामान्य हो जाता है, उसे दौरे भी पड़ते हैं. अमेरिकी रेगुलेटर ने पाया है कि डॉ. रेड्डीज की दवा काफी कम असरदार है. दूसरे शब्दों में कहें तो यह प्रभावी तरीके से बीमारी का इलाज नहीं कर पाती.

क्वालिटी सही नहीं होने का हवाला 
वहीं, जेनेरिक दवा निर्माता सन फार्मा Amphotericin B Liposome की 11,000 से अधिक शीशियों को वापस मना रही है. यह इंजेक्शन एंटीफंगल के इलाज के लिए है. अमेरिकी ड्रग रेगुलेटर ने अपनी जांच में पाया कि सन फार्मा के इस इंजेक्शन की क्वालिटी सही नहीं है. इसी तरह, अरबिंदो फार्मा Clorazepate Dipotassium Tablets की 13,000 से अधिक बॉटल वापस ले रही है. यह एंटी-एंग्जायटी मेडिसिन है, यानी इसे तनाव कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. अरबिंदो फार्मा की इन गोलियों पर बिंदीदार पीले धब्बे थे, जिसके चलते इसे वापस मंगाया जा रहा है. महाराष्ट्र की दवा कंपनी FDC लिमिटेड भी ग्लूकोमा के इलाज में इस्तेमाल होने वाले आई-ड्रॉप टिमोलोल मैलेट ऑप्थेलमिक सॉल्यूशन की 3,80,000 से अधिक यूनिट को वापस ले रही है. 


क्‍या NHAI के इस नए कदम से कम हो पाएगी हादसों की संख्‍या, जानते हैं क्‍या है ये कदम? 

देश में सड़क हादसों में मरने वाले लोगों की संख्‍या का एक बड़ा हिस्‍सा नेशनल हाइवे पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुआ है. एनएचएआई उसी को कम करने का प्रयास कर रहा है. 

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Monday, 20 May, 2024
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नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की सड़कों का विकास उसके लिए उतना चुनौतीपूर्ण नहीं है जितना उन पर हादसों की संख्‍या को कम करने की चुनौती है. क्‍योंकि बढ़ती हादसों की संख्‍या नेशनल हाईवे की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगाती है. हालांकि एनएचएआई इस दिशा में कई कदम उठाता रहा है लेकिन अब इस रोड बनाने वाली इस संस्‍था की ओर से एक बड़ा कदम उठाया गया है. एनएचएआई ने इसके लिए एक डेडीकेटेड टीम बनाकर इस समस्‍या से लड़ने का फैसला किया है जो सिर्फ और सिर्फ इन सड़कों पर होने वाले हादसों को कम करने के लिए काम करेगी. 

आखिर क्‍या है NHAI के द्वारा उठाया गया कदम? 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनएचएआई की नई योजना में हर प्रोजेक्‍ट पर एक डेडीकेटेड मैनेजमेंट टीम बनाई जाएगी. एनएचएआई की ओर से इस बारे में 17 मई को एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है. इस टीम का सबसे प्रमुख काम किसी भी परिस्थिति में हाईवे का ऑपरेशन, मेंटीनेंस और सुरक्षा को लेकर काम करना है. एनएचएआई की ओर से इस मामले में विस्‍तार से सभी चीजों को समझाया गया है जिसमें मेंटीनेंस (रिपेयर, साइनेज और मार्किंग ) मैनेजमेंट ( ट्रैफिक और टोलिंग) और मॉनिटरिंग (एक्‍सीडेंट और ब्‍लैक स्‍पॉट) इन सभी कामों को एक एनएचएआई की ओर से बनाई गई एक डेडीकेटेड टीम करेगी. 

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अभी क्‍या है एनएचएआई का सिस्टम? 
मौजूदा समय में कुल एनएचएआई का एक बड़ा हि‍स्‍सा अंडर मेंटीनेंस में है. अभी इस काम की जिम्‍मेदारी प्रोजेक्‍ट इंप्‍लीमेंटेशन यूनिट के पास होती है. वो ही इस काम को अवॉर्ड करती है और वो ही इस काम को करवाती है. लेकिन अब इस काम को एनएचएआई ने प्रोजेक्‍ट इंप्‍लीमेंटेशन यूनिट में ही एक डेडीकेटेड टीम बनाकर देने का निर्णय लिया है. अगर इससे जुड़ी कोई भी समस्‍या होती है तो उसी टीम की जिम्‍मेदारी होगी. इस टीम का प्रमुख काम हाईवे की सुरक्षा, उसका मेंटीनेंस, अलॉट किए जाने वाले काम को एग्‍जीक्‍यूट करने से लेकर सभी प्रकार के इससे जुड़े कामों को देखने का होगा. 

क्‍या कहते हैं हमारे देश में हाईवे पर होने वाले हादसों के आंकड़े? 
हमारे देश में हाईवे पर होने वाले हादसों के आंकड़े बहुत कुछ कहते हैं. अकेले 2022 में देश में पर होने वाले हादसों की संख्‍या 461312 तक पहुंच गई है, इनमें से 32.9 प्रतिशत यानी 151997 हादसे नेशनल हाईवे और एक्‍सप्रेस वे पर हुए हैं. इसी तरह 23.1 प्रतिशत यानी 106,682 हादसे स्‍टेट हाईवे पर हुए हैं और बाकी बचे 43.9 प्रतिशत हादसे यानी 202633 एक्‍सीडेंट देश की बाकी सड़कों पर हुए हैं. 

गांव या शहर कहां ज्‍यादा हुए हैं हादसे 
भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के द्वारा जारी किए आंकड़ों के मुताबिक 68 प्रतिशत मौतें ग्रामीण इलाकों में हुई हैं जबकि 32 प्रतिशत मौतें शहरी इलाकों में हुई हैं. आंकड़े बता रहे हैं सबसे ज्‍यादा हादसे और उनमें मरने वाले टू पहिया वाहन चालक रहे हैं. इनकी संख्‍या 44.5 प्रतिशत रही है. यही नहीं 19.5 प्रतिशत मरने वाले वो लोग रहे हैं जो सड़क पर पैदल चलते हैं. आंकड़े ये भी बताते हैं कि 83.4 फीसदी हिस्‍सा 18 से 60 वर्ष के कामकाजी आयु वर्ग के व्‍यक्तियों का रहा है.   
 


शेयर बाजार पर कुछ ऐसा बोल गए Modi, खिल जाएगा निवेशकों का चेहरा

अमित शाह के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेयर बाजार पर खुलकर बात की है.

Last Modified:
Monday, 20 May, 2024
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लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के बाद शेयर बाजार में तेजी की संभावनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) भी मुहर लगा दी है. PM मोदी ने कहा है कि 4 जून 2024 को जब लोकसभा चुनाव के परिणाम आएंगे, तो भारतीय शेयर बाजार अपने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा. उन्होंने यहां तक कहा कि चुनाव के नतीजे आने के बाद पूरे हफ्ते इस कदर ट्रेडिंग होगी कि उसे ऑपरेट करने वाले थक जाएंगे. बता दें कि इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भी कहा था कि 4 जून के बाद बाजार में तेजी देखने को मिलेगी.

10 सालों का दिया हवाला
प्रधानमंत्री मोदी ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में आगे कहा कि जिस सप्ताह लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होंगे, बाजार का प्रदर्शन दिखाएगा कि कौन सत्ता में वापस आ रहा है. उन्होंने कहा कि 10 साल पहले जब हमारी सरकार आई, तो सेंसेक्स 25,000 पर था और अब यह 75,000 पर है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को मजबूत करने के लिए सबसे ज्यादा आर्थिक सुधार किए हैं और इसका असर दिखाई दे रहा है. मोदी ने इस दौरान, PSUs बैंकों के प्रदर्शन का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सरकारी बैंक पहले से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.

PSU बैंकों का दिया उदाहरण
PM मोदी ने कहा कि आप PSU बैंकों को देखें, उनके शेयरों की वैल्यू बढ़ रही है. कई सरकारी कंपनियों के शेयर पिछले दो साल में 10 गुना से ज्यादा बढ़ गए हैं. हमारी सरकार ने PSUs को रिफॉर्म किया है. पहले PSUs का मतलब ही होता था गिरना, अब स्टॉक मार्केट में इनकी वैल्यू कई गुना बढ़ रही है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को ही उदाहरण लें, जिसे लेकर इन लोगों ने जुलूस निकाला, मजदूरों को भड़काने की कोशिश की गई. आज उसी HAL ने चौथी तिमाही में रिकॉर्ड 4000 करोड़ रुपए प्रॉफिट दर्ज किया है. मेरा मानना है कि ये एक बहुत बड़ी प्रगति है.

क्या कहा था Amit Shah ने?
इससे पहले, अमित शाह ने भी कहा था कि शेयर बाजार 4 जून के बाद तेजी से भागेगा. दरअसल, बाजार में आ रही गिरावट को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखे जा रहा है. इस अमित शाह ने कहा था कि बाजार में गिरावट को चुनाव से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए, 4 जून, 2024 को जब लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा होगी, तो बाजार चढ़ेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि स्टॉक मार्केट की गिरावट से चिंतित होने की जरूरत नहीं है. बाजार ने इससे पहले भी कई बार गोते लगाए हैं, इसे चुनाव से नहीं जोड़ना चाहिए. यदि ऐसा अफवाहों के कारण हुआ भी होगा, तो 4 जून के पहले आप खरीदारी कर लेना, बाजार में तेजी आने वाली है.
 


आसमान से बरसती आग से क्या झुलसेगी भारत की अर्थव्यवस्था, रफ्तार में लग सकता है ब्रेक?

भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है. इस झुलसा देने वाली गर्मी का असर अब भारत की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है. ये गर्मी भारत की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में बाधा बन सकती है.

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Monday, 20 May, 2024
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उत्तर भारत में आसमान से 'आग' बरस रही है. चिलचिलाती धूप में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. दिल्ली में शुक्रवार को गर्मी ने 80 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को दिल्ली के नजफगढ़ में तापमान 47.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जिससे यह देश का सबसे गर्म स्थान बन गया. हीटवेव बढ़ने के साथ ही भारत में अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और पावर ग्रिड को काफी चुनौती मिल रही है. इससे देश की अर्थव्यवस्था और लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ने की आशंका ज्यादा है. आइए जानते हैं कैसे झुलसाती गर्मी आर्थिक रफ्तार में बाधा बन रही है.

अर्थव्यवस्था में बाधा बन सकती है गर्मी

भीषण गर्मी भारत की अर्थव्यवस्था में बड़ी बाधा बन सकती है. इसका असर भारत की तेजी से बढ़ती जीडीपी पर देखने को मिल सकता है. आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए ये अच्छी खबर नहीं है. जानकारों के मुताबिक, भीषण गर्मी में सबसे बड़ी समस्या काम करने में आएगी. रिपोर्ट्स बताती हैं कि अभी 10 फीसदी से भी कम भारतीय घरों में एसी हैं. जलवायु परिवर्तन ने दक्षिण एशिया में 30 दिनों की गर्मी की लहर को 45 गुना ज्यादा गर्म बना दिया है. इसका असर फसलों पर भी देखने को मिलेगा. ये तेजी से बढ़ता तापमान दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं के लिए खतरा है, लेकिन भारत में कुछ कारण इस खतरे को और बढ़ा रहे हैं. इसमें कृषि, खनन, निर्माण और परिवहन आदि शामिल हैं, और यह जीडीपी के 150-250 बिलियन डॉलर को प्रभावित कर सकता है.

हीटवेव बढ़ने से पड़ेगा असर

भारत भीषण गर्मी के प्रति जितना संवेदनशील है उससे देश की अर्थव्यवस्था और लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ने की आशंका ज्यादा है. इसका असर गरीबों पर ज्यादा पड़ेगा और वही इसका अधिकतम नुकसान भी झेलेंगे. एक रिसर्च बताती है कि गर्मी और उमस की परिस्थितियों की वजह से दुनियाभर में मजदूरों की कमी होगी और भारत इस मामले में शीर्ष 10 देशों में शामिल होगा जिसके चलते उत्पादकता पर असर भी पड़ेगा. भारत में काम करने वाले कामगारों का तीन चौथाई हिस्सा भीषण गर्मी वाले सेक्टर में काम करते हैं जिनका कि देश की कुल जीडीपी में आधे का योगदान होता है. 

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गर्मी से बढ़ेंगी चुनौतियां

गर्मी बढ़ने पर भारत के लिए चुनौतियां और बढ़ जाएंगी. मौजूदा समय में करीब 10% भारतीय घरों में एयर कंडीशनर हैं, जो 2037 तक केवल 40% तक बढ़ने का अनुमान है. ऐसी स्थिति में, भारत को गर्मी की लहर के दौरान जनता के लिए कोल्ड शेल्टर तैयार करने पड़ सकते हैं. वहीं भीषण गर्मी की वजह से निर्माण कार्य शाम को करने पड़ सकते हैं. ऐसे में गर्मी के असर को कम करने के लिए भारत को कुछ कदम उठाने होंगे. इसमें सबसे आसान उपाय पेड़ों की संख्या बढ़ाना है. हालांकि एक अच्छी बात यह है कि चूंकि भारत में अभी भी बहुत ज़्यादा निर्माण कार्य चल रहा है, इसलिए नियोजन और डिजाइन में जलवायु जोखिम को कम करने का अवसर है.

फसलों का होता है नुकसान

भीषण गर्मी की वजह से खेती से होने वाली आमदनी में कमी आती है. ऐसा गरीब किसान के साथ ज्यादा होता है. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भीषण गर्मी के दिनों में गैर गरीब किसान के मुकाबले गरीब किसान परिवारों की आमदनी में 2.4 प्रतिशत का नुकसान होता है, जो उनकी फसलों से होने वाली आय का 1.1 प्रतिशत और गैर कृषि आय का 1.5 प्रतिशत होता है. FAO की यह रिपोर्ट भारत सहित दुनिया के 23 निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों (LMIC) में एक लाख से अधिक परिवारों के सामाजिक-आर्थिक आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित है.

क्या प्रभावी हो सकता है HAP?

भारत की केंद्र सरकार हीटवेव से प्रभावित 23 राज्यों के और 130 शहरों और जिलों के साथ मिलकर देशभर में हीट एक्शन प्लान HAP लागू करने का काम कर रही है. पहला हीट एक्शन प्लान साल 2013 में अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने लॉन्च किया था और आगे चलकर इस क्षेत्र में यही टेम्पलेट बन गया. HAP अहम भूमिका निभाते हैं ताकि व्यक्तिगत और समुदाय के स्तर पर जागरूकता फैलाई जा सके और हीटवेव की स्थिति में लोगों को सुरक्षित रखने के लिए सही सलाह दी सके. इसमें, कम समय और ज्यादा समय के एक्शन का संतुलन रखा जाता है. कम समय वाले HAP प्राथमिक तौर पर हीटवेव के प्रति तात्कालिक उपाय देते हैं और भीषण गर्मी की स्थिति में त्वरित राहत दिलाते हैं.

तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर भारत

भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में अभी 5वें नंबर पर है. आईएमएफ के अनुमान के मुताबिक 2027 तक भारत टॉप तीन में पहुंच सकता है. जापान और जर्मनी आर्थिक मोर्चे पर संघर्ष कर रहे हैं जबकि भारत की इकॉनमी रॉकेट की रफ्तार से बढ़ रही है. पिछले साल भारत की इकॉनमी सबसे तेजी से बढ़ी थी और आईएमएफ के मुताबिक अगले दो साल भी ऐसा ही अनुमान है.
 


आखिर कौन बनेगा देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक का चेयरमैन, इन नामों की हो रही है चर्चा

SBI के मौजूदा चेयरमैन अगस्‍त में रिटायर हो रहे हैं. मंगलवार को इस पद के लिए होने वाले साक्षात्‍कार में माना जा रहा है कि इसका नतीजा भी उसी दिन आ जाएगा. 

Last Modified:
Monday, 20 May, 2024
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देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक के मौजूदा चेयरमैन दिनेश खारा 21 अगस्‍त को रिटायर्ड हो रहे हैं. लेकिन उससे पहले देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक के नए चेयरमैन की तलाश को लेकर अभियान शुरू हो चुका है. 21 मई यानी मंगलवार को फाइनेंशियल सर्विसेज इंस्‍टीट्यूशन ब्‍यूरो (FSIB) इस पद के लिए इंटरव्‍यू करने जा रहा है. माना जा रहा है मंगलवार को एसबीआई को नया चेयरमैन मिल जाएगा. 

कौन हैं इस पद के सबसे प्रबल दावेदार? 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 21 मई को होने वाले इस साक्षात्‍कार का का नतीजा उसी दिन घोषित कर दिया जाएगा. जिन लोगों का इस पद के लिए इंटरव्‍यू होने जा रहा है उनमें एसबीआई के तीन मौजूदा डायरेक्‍टर शामिल हैं. उनमें सीएस शेट्टी, अश्विनी कुमार तिवारी और विनय एम टोंसे जैसे नाम शामिल हैं. कंपनी के चौथे निदेशक आलोक कुमार तिवारी जून में रिटायर हो रहे हैं. FSIB ही वो संस्‍था है जो देश में पब्लिक सेक्‍टर की फाइनेंशियल इंस्‍टीटयूशन के लिए सीनियर एक्‍जीक्‍यूटिव की नियुक्ति करती है. 

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जानिए किस निदेशक को है कितना अनुभव? 
एसबीआई के चेयरमैन के लिए जिन तीन लोगों का इंटरव्‍यू होने जा रहा है उनमें सीएस शेट्टी सबसे अनुभवी निदेशक हैं. उन्‍हें इस बैंक में 36 सालों का अनुभव है. अश्विनी कुमार तिवारी वो निदेशक हैं जो 57 साल के हैं और वो इस पैनल के सबसे युवा निदेशक हैं. इसी तरह से विनय एम टोंसे वो शख्‍स हैं जो एसबीआई के साथ 2023 में ही जुड़े हैं. उन्‍होंने नवंबर में ही बतौर पर मैनेजिंग डायरेक्‍टर ज्‍वॉइन किया है. उन्‍होंने भी बैकिंग सेक्‍टर को 1988 में बतौर बैंक पीओ ज्‍वॉइन किया था.

नए चेयरमैन के सामने आखिर क्‍या होगी चुनौती? 
तीन उम्‍मीदवारों में से जिसे भी चेयरमैन की जिम्‍मेदारी मिलेगी उसके सामने एसबीआई की मौजूदा ग्रोथ को बनाए रखने के साथ उसे और आगे ले जाने की चुनौती भी होगी. दिनेश खारा की प्रमुख उपलब्धियों में एसबीआई के शेयर की स्थिति पहले के मुकाबले कई गुना बढ़ी है. एसबीआई का शेयर 250 रुपये से आज 820 रुपये के स्‍तर पर आ चुका है. वहीं बैंक की चौथी तिमाही के नतीजों पर नजर डालें तो 23.98 प्रतिशत का मुनाफा कमाया है. पहले जहां ये 16695 रुपये हुआ करता था वहीं अब ये 20698 करोड़ रुपये हो चुका है. कंपनी ने ब्‍याज से जो आय कमाई है उसमें 19.46 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. पूरे क्‍वॉर्टर में ये आय 1.11 लाख करोड़ रुपये रही है.