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Amrit Mahotsav में 101 परिवारों के चेहरे पर आई खुशी, 'सक्षम' ने दिया आजीविका का सहारा
दिल्ली में हाल में ही 38 ऐसे उद्योग जगत के प्रतिनिधि आए थे, जिन्होंने करीब 6 से 8 हजार लोगों को स्व-रोजगार करने के लिए साधन उपलब्ध कराए थे.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
आगराः रोजगार भारती व सक्षम डावर मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा परिवार आजीविका अभियान के तहत 101 ऐसे परिवारों को निःशुल्क स्व-रोजगार हेतु कार्ट व स्मार्ट कार्ड का वितरण किया गया, जिससे हुनरमंद लोगों को अपना खुद का रोजगार स्थापित करने में बड़ी मदद मिलेगी.
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सह-कार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने मुख्य वक्ता के तौर पर अपने विचार भी प्रस्तुत किए. उन्होंने ट्रस्ट के कार्यों की सरहाना करते हुए कहा कि ऐसे ट्रस्ट पूरे देश में होने चाहिए ताकि हर व्यक्ति अपने पैरों पर खड़ा हो सके.
आजादी के अमृत महोत्सव में बढ़ गया स्व-रोजगार का महत्व
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. कृष्णगोपाल ने कहा कि आज जब पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव बना रहा है, ऐसे में स्व-रोजगार का महत्व काफी बढ़ गया है. दिल्ली में हाल में ही 38 ऐसे उद्योग जगत के प्रतिनिधि आए थे, जिन्होंने करीब 6 से 8 हजार लोगों को स्व-रोजगार करने के लिए साधन उपलब्ध कराए थे. आज समाज को समाज के लिए खड़े होने की आवश्यकता है.सद्भाव, पुण्य करम और सेवा भाव का आचरण जीवन में आपकी आपकी प्रगति के लिए आवश्यक है. रोजगार भारती के कार्यक्रम को मौलिक दर्शन पर आधारित बताते हुए इस पुण्य योजना के संचालन के लिए पूरन डावर के प्रयासों को सराहा.
उन्होंने कहा, "आज लोगों को अपने पुरुषार्थ और मेहनत से अपने परिश्रम से उन्नति के लिए क्षमता विस्तार करते हुए आगे बढ़ना है और जो आगे आ चुके हैं उनका कर्त्तव्य है कि वे दूसरों को आगे लाने में सहायक बनें. आज समाज को समाज के लिए खड़े होने की जरुरत है. सद्भाव, पुण्य कर्म और सेवा भाव का आचरण जीवन में आपकी प्रगति के लिए आवश्यक है."
ट्रस्ट द्वारा लोगों को दिया जा रहा है स्व-रोजगार अपनाने के लिए प्रेरित
ट्रस्ट के कार्यकलापों के बारे में बात करते हुए सक्षम डावर मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष पूरन डावर ने बताया कि ये अभियान लोगों को स्व-रोजगार अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है. 1998 से गठित यह सामाजिक ट्रस्ट लगातार समाज के उत्थान के लिए गतिविधियों का संचालन कर रहा है.
महामारी के दौर में भी ट्रस्ट ने कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं. अपने पैरों पर खड़ा किया जा सके और लोगों को सम्मान छोटे-छोटे कार्यों से दिलाया जा सके, जिससे उनके लिए कमाई का एक जरिया तैयार हो सके.
कोई भी व्यापार छोटा नहीं होता
पूरन डावर ने कहा, "कोई भी व्यापार छोटा नहीं होता. सिर्फ शुरुआत करने की आवश्यकता है. आज जिन 101 लोगों को कार्ट दी गईं हैं उनको हम सिर्फ कार्ट निशुल्क नहीं दे रहे हैं उनको किस प्रकार अपने कार्य को कुशलता पूर्वक करना है इसके लिए उनको प्रशिक्षित भी किया जाएगा. खासतौर से डिजाइन की गई इन गाड़ियों में कुल 6 प्रकार की गाड़ियां शामिल हैं."
युवाओं के लिए यह एक स्वर्णिम अवसर
भारतीय वायुसेना महिला कल्याण एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्षा आशा भदौरिया ने कहा, "भारत पुनः सोने की चिड़िया तभी बन सकता है जब हम आत्मनिर्भर होंगे यह योजना बेरोजगार युवाओं के लिए एक वरदान है. स्वरोजगार की दिशा में एक युवाओं के लिए यह एक स्वर्णिम अवसर है. अब जरूरत है हम इस दिशा में सरकार के साथ आगे बढ़कर सकारात्मक प्रयास करें."
ट्रस्ट के अध्यक्ष किशोर खन्ना ने कहा, "हमारा उदेश्य समाज के गरीब, पीडित, उपेक्षित व बेरोज़गार व्यक्तियों को परिवार की आजीविका चलाने के लिए मार्गदर्शन करना तथा सहायता प्रदान करना है. भारत का आर्थिक इतिहास अत्यंत समृद्ध रहा है. कैंब्रिज के आर्थिक सर्वे के अनुसार प्रथम शताब्दी में विश्व अर्थव्यवस्था में भारत की भागीदारी 33 % थी, जो कि 17वी शताब्दी में घटकर 24.9% रह गयी थी. हमें स्वरोगार से इस खोये हुए गौरव को हासिल करने के लिए सकारात्मक प्रयास करने होंगे."
इस मौके पर भारतीय वायुसेना के पूर्व अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के क्षेत्र प्रचारक महेंद्र, प्रांत प्रचारक डॉ. हरीश रौतेला, आनंद जी, स्क्वाड्रन लीडर ए.के. सिंह, आईटीएचएम के निदेशक प्रो. लवकुश मिश्रा, डॉ. रंजना बंसल, डॉ पंकज नगाइच, कुलदीप जादौन, BW हिंदी के संपादक अभिषेक मेहरोत्रा, डॉ. तरुण शर्मा, इनक्रेडिबल इंडिया फाउण्डेशन के महासचिव अजय शर्मा, ब्रजेश शर्मा, डॉ. राम नरेश शर्मा, डॉ. मुनीश्वर गुप्ता, दीपक माहेश्वरी, अविनाश वर्मा आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे. कार्यक्रम का संचालन रोजगार भारती के महासचिव प्रमोद चौहान ने किया.
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