क्या आप जानते हैं कौन देगा King Charles 3 के राज्याभिषेक का खर्चा?

राज्याभिषेक समारोह के साथ-साथ आने वाले तीन दिनों तक रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा.

Last Modified:
Friday, 05 May, 2023
King charles 3

क्वीन एलिजाबेथ 2 (Queen Elizabeth 2) की मृत्यु के बाद से ब्रिटिश सिंहासन खाली पड़ा है. लेकिन जल्द ही उनके सबसे बड़े बेटे किंग चार्ल्स 3 (King Charles 3) का राज्याभिषेक (Coronation) कर दिया जाएगा जिसके बाद वह इस सिंहासन पर विराजमान हो सकते हैं. किंग चार्ल्स 3 का राज्याभिषेक 6 मई 2023 को किया जाना है और ऐसे में लन्दन के Westminster Abbey में तैयारियां जोरों पर हैं. हम सभी ने किसी न किसी किंग के राज्याभिषेक का जिक्र किसी फिल्म या कहानी या किताब में देखा, सुना और पढ़ा जरूर होगा लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि राज्याभिषेक में कितने पैसे खर्च होते होंगे? आइये जानते हैं कि किंग चार्ल्स 3 के राज्याभिषेक में कितने पैसे खर्च होने वाले हैं और यह पैसे कौन देगा?

किंग चार्ल्स 3 और क्वीन कंसोर्ट कैमिला (Consort Camilla)
किंग चार्ल्स 3 का राज्याभिषेक लन्दन के Westminster Abbey में किया जाएगा और BBC पर इसका लाइव प्रसारण भी देखा जा सकता है. खास बात ये है कि किंग चार्ल्स के साथ-साथ क्वीन कंसोर्ट कैमिला को भी ताज पहनाया जाएगा. राज्याभिषेक समारोह के साथ-साथ आने वाले तीन दिनों तक रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा. सामने आ रही मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस राज्याभिषेक समारोह में 100 मिलियन से 150 मिलियन यूरो यानी लगभग 9 अरब रुपयों का खर्चा किया जाएगा. साल 1953 में ब्रिटेन की पूर्व क्वीन एलिजाबेथ 2 के राज्याभिषेक समारोह में लगभग 1.57 मिलियन यूरो खर्च किये गए थे जो आज के समय के 55 मिलियन यूरो के बराबर है. 

कम खर्च करना चाहते हैं किंग चार्ल्स 3
लेकिन यूरोप और दुनिया भर में जारी वित्तीय संकट को देखते हुए अपने ही राज्याभिषेक समारोह में खुद किंग चार्ल्स 3 इतना खर्च नहीं करना चाहते. उन्होंने समारोह को छोटे से छोटा रखने की गुजारिश की है और इसीलिए किंग चार्ल्स 3 के समारोह में सिर्फ 2000 VIP मेहमानों को ही बुलाया गया है. किंग चार्ल्स 3 के राज्याभिषेक की शुरुआत बकिंघम में स्थित उनके महल से होगी. किंग चार्ल्स 3 और क्वीन कंसोर्ट कैमिला पहले एक शाही रथ द्वारा बकिंघम के महल से Westminster Abbey तक पहुंचेंगे. यह वही रथ है जिसे क्वीन एलिजाबेथ 2 द्वारा सिंहासन पर 60 साल पूरे करने का जश्न मानाने के लिए तैयार किया गया था. 

किंग चार्ल्स 3 का ताज
ताज पहनाने के लिए किंग चार्ल्स जिस शाही तख्त पर बैठेंगे वह 700 साल पुराना है. यह तख्त सेंट एडवर्ड के लिए तैयार किया गया था और समय के साथ ही इसमें जरूरी बदलाव भी किये गए हैं. किंग चार्ल्स की ताजपोशी के लिए इस तख्त में रत्नजड़ित ज्वेलरी, स्पेक्टर, तलवारें और अंगूठियां लगाई जायेंगी. किंग चार्ल्स 3 सिर्फ सेंट एडवर्ड का तख्त ही नहीं बल्कि उनका ताज भी पहनने वाले हैं. किंग चार्ल्स 3 जिस ताज को पहनने वाले हैं उसमें लगे सोने का वजन लगभग 5 पाउंड यानी 2.2 किलोग्राम है. इतना ही नहीं, इस ताज में 400 से ज्यादा कीमती रत्न लगे हुए हैं और इस ताज की कीमत लगभग 57 मिलियन यूरो है. 

कोहिनूर नहीं होगा समारोह का हिस्सा
आपको यह जानकर शायद हैरानी होगी कि कोहिनूर इस बार शाही ताज का हिस्सा नहीं होगा. दुनिया के सबसे बेशुमार हीरों में शामिल होने वाले कोहिनूर को क्वीन कंसोर्ट कैमिला ने अपने सर पर सजाने से मना कर दिया है. दरअसल कोहिनूर की उत्पत्ति एक काफी विवादित विषय है जिसकी वजह से क्वीन कंसोर्ट कैमिला ने कोहिनूर जड़ित ताज को पहनने से मना कर दिया है. अपने राज्याभिषेक समारोह में क्वीन कंसोर्ट कैमिला, ब्रिटेन की पूर्व क्वीन मैरी का ताज पहनने वाली हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोहिनूर की कीमत 10 से 12 मिलियन डॉलर्स यानी लगभग 98 करोड़ रुपये है. 

कौन देगा समारोह के पैसे?
इस वक्त पूरी दुनिया पर वित्तीय संकट की तलवार लटक रही है और इसी बीच किंग चार्ल्स 3 का राज्याभिषेक समारोह किया जा रहा है. ऐसे में यह सवाल जान लेना भी जरूरी है कि दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक के लिए पैसे कौन देने वाला है? आपको जानकर हैरानी होगी कि किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक समारोह के लिए होने वाला खर्चा ब्रिटेन के टैक्सपेयर्स की जेब से आएगा. हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया गया है कि समारोह का खर्चा रॉयल ट्रेजरी से दिया जाएगा. 
 

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यहां नौकरी करने वालों की मौज, जल्द घर जाने पर मिलता है Bonus

जापान में सरकार कामकाजी लोगों का जीवन आसान बनाने के लिए लगातार प्रयास करती रहती है.

Last Modified:
Thursday, 08 June, 2023
photo credit:  TLNT

ऑफिस पहुंचने का तो टाइम होता है और देरी पर सैलरी भी कटती है, लेकिन वापसी का कोई टाइम नहीं होता. दरअसल, अधिकांश बॉस चाहते हैं कि उनके कर्मचारी देर तक बैठकर काम करें. ये कल्चर केवल प्राइवेट ही नहीं, सरकारी दफ्तरों और बैंकों में भी मौजूद है. इस वजह से कर्मचारी मानसिक तौर पर परेशान रहते हैं और इस परेशानी का असर उनके कामकाज पर भी नजर आता है. इसी को ध्यान में रखते ही जापान में कुछ ऐसा हो रहा है, जिसे जानकर आप भी कहेंगे - हमारे एम्प्लॉयर इतने समझदार कब बनेंगे?  

प्रेरित कर रही सरकार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जापान (Japan) में कर्मचारियों को जल्द घर जाने के लिए बोनस दिया जाता है. जापान में सरकारी कर्मचारियों को काम जल्द खत्म कर घर जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. ऐसा इसलिए ताकि कर्मचारी निजी जिंदगी और ऑफिस के कामकाज में संतुलन बना सकें. जापान की सरकार का मानना है कि यदि कर्मचारी परिवार और दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिताएंगे, तो मेंटली फिट रहेंगे. सरकार चाहती है कि कर्मचारी अपना समय और पैसा जिंदगी को बेहतर बनाने पर खर्च करें.

फिर लागू हुई ये योजना  
जापान की सरकार ने पिछले साल जुलाई में युकाईसू नाम की यह योजना लागू की थी. अब इस साल के गर्मी के मौसम के लिए सोमवार से फिर से इसे लागू कर दिया गया है. इस योजना के तहत 7:30 से 8:30 बजे के बीच ऑफिस का कामकाज शुरू होगा. वहीं शाम 5 बजे ऑफिस बंद कर दिए जाएंगे. इससे ऑफिस में बिजली की भी बचत होगी. सरकार चाहती है कि कर्मचारी ऑफिस में देर तक बैठकर काम न करें, उन्हें जल्दी घर जाने के लिए बोनस भी दिया जाता है. 

अपने यहां ऐसे हैं हाल
इसके उलट भारत में ऑफिस टाइमिंग अघोषित तौर पर लगातार लंबा होता जा रहा है. लंबे समय से मांग उठ रही है कि दफ्तरों के कामकाज को कर्मचारियों के अनुकूल बनाया जाए. सरकारी बैंक भी 5 डेज वर्किंग कल्चर की मांग कर रहे हैं. अभी बैंक महीने के दूसरे और आखिरी शनिवार को बंद रहते हैं. हालांकि, बैंक यूनियन की मांग है कि यह व्यवस्था हर शनिवार को लागू की जाए, भले ही इसके एवज में बैंक के खुलने का समय कुछ पहले कर लिया जाए. बता दें कि मोदी सरकार के कार्यकाल में बैंकों का कामकाज काफी ज्यादा बढ़ गया है. क्योंकि अनगिनत योजनाओं का क्रियान्वयन बैंकों के माध्यम से ही किया जा रहा है. 


मोबाइल फोन के लिए बहाया था 41 लाख लीटर पानी, सिर्फ इतना लगा जुर्माना!

छत्तीसगढ़ राज्य के जल संसाधन विभाग ने भी सख्त कार्यवाही करते हुए राजेश विश्वास पर जुर्माना लगा दिया है.

Last Modified:
Thursday, 01 June, 2023
Rajesh vishwas

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बहुत ही चौंकाने वाला मामला सामना आया था. छत्तीसगढ़ के पंखाजूर नामक इलाके में पोस्टेड एक फ़ूड इंस्पेक्टर का मोबाइल फोन जलाशय में जा गिरा और अधिकारी पर आरोप है कि फोन खोजने के लिए उसने जलाशय में मौजूद 41 लाख लीटर पानी को बहा दिया. अब सरकार द्वारा अधिकारी पर जुर्माना लगाया गया है.

क्या है पूरा मामला?
इस अधिकारी का नाम राजेश विश्वास है और इन्हें पंखाजूर क्षेत्र के कांकेर जिले में पोस्ट किया गया था. राजेश विश्वास 21 मई को अपने दोस्तों के साथ जलाशय घूमने गए थे और सेल्फी लेने के दौरान उनका फोन जलाशय में जा गिरा. उनपर आरोप है कि ऐसा होने के बाद उन्होंने गांव वालों को बुलावाकर डीजल पंप मंगवाए और जलाशय को खाली करवाना शुरू कर दिया. आखिरकार 25 मई को जलाशय में उनका फोन मिला और तब तक 41 लाख लीटर पानी बहाया जा चुका था. 

पहले हो चुके हैं सस्पेंड 
अगले दिन जब यह मामला जिला अधिकारी प्रियंका शुक्ला के सामने आया तो उन्होंने इस पूरे मामले की एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा और रिपोर्ट की जांच करने के बाद राजेश विश्वास को सस्पेंड कर दिया गया था. इसके बाद जिला अधिकारी ने जल संसाधन विभाग के सब-डिविजनल अधिकारी RC धीवर को उनके सामने पेश होने के लिए नोटिस जारी किया. RC धीवर पर आरोप है कि उन्होंने ही मौखिक रूप से जलाशय से पानी बहाने की अनुमति दी थी.

इतना लगा जुर्माना
अब खबर आ रही है कि छत्तीसगढ़ राज्य के जल संसाधन विभाग ने भी कार्यवाही करते हुए राजेश विश्वास पर जुर्माना लगा दिया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास को मामले की जानकारी मिलने के बाद ही सस्पेंड कर दिया गया था. राजेश विश्वास को लिखे पत्र में जल संसाधन विभाग ने कहा है कि उन्होंने बिना उचित संस्था से अनुमति लिए ही जलाशय का पानी बहा दिया और इसीलिए उन पर 10.50 रुपये प्रति क्यूबिक लीटर के हिसाब से 43,092 रुपयों का जुर्माना लगाया गया है. इतना ही नहीं अनुमति के बिना पानी बहाने के लिए उन पर 10,000 रुपये की पेनल्टी भी लगाई गई है.
 

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एंप्लॉयीज की पत्नियों को बिना काम सैलरी दे रही Indian Boss वाली ये कंपनी

मरीन इंजीनियर से बिजनेसमैन बने सोहन राय (Sohan Roy) की कंपनी को 25 साल पूरे हो गए हैं.

Last Modified:
Wednesday, 24 May, 2023
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ऐसे समय में जब कंपनियां कॉस्ट कटिंग के नाम पर वर्कफोर्स घटा रही हैं, कर्मचारियों को इन्क्रीमेंट देने से इनकार कर रही हैं. यूएई के शारजाह की एक कंपनी ने उदाहरण पेश किया है. खास बात ये है कि इस कंपनी चलाने वाला कोई विदेशी नहीं बल्कि भारतीय ही है. एरीज ग्रुप ऑफ कंपनीज (Aries Group of Companies) ने अपने 25 साल पूरे होने के मौके पर कर्मचारियों को 30 करोड़ रुपए का तोहफा दिया है. इतना ही नहीं, कंपनी अपने कर्मचारियों की पत्नियों को भी सैलरी दे रही है.  

25 साल की हुई कंपनी
यूएई के शारजाह में रहने वाले भारतीय बिजनेसमैन सोहन रॉय (Sohan Roy) एरीज ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक हैं. कंपनी की 25वीं सालगिरह के मौके पर उन्होंने 30 करोड़ की रकम स्टाफ के साथ-साथ उनके माता-पिता, पत्नी और बच्चों को बांटने की घोषणा की है. इसके अलावा, कंपनी अपने ऐसे कर्मचारियों की पत्नियों को भी सैलरी दे रही है, जिनकी वाइफ कोई नौकरी नहीं करतीं यानी हाउसवाइफ हैं. सोहन रॉय ने इसकी शुरुआत 2021 में की थी, क्योंकि उनका मानना है कि कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवार के सपोर्ट की बदौलत ही कंपनी इतना कुछ हासिल कर पाई है.

ऐसे मिलती है सैलरी
कर्मचारियों की वाइफ को कितनी सैलरी मिले, इसका फॉर्मूला भी सोहन रॉय ने ही तय किया है. इस फॉर्मूले के तहत कर्मचारी की टेकहोम सैलरी का 25 प्रतिशत उनकी पत्नियों को दिया जाता है. हालांकि, ये लाभ केवल उन कर्मचारियों को मिलेगा, जिन्होंने कंपनी में 3 साल पूरे कर लिए हैं और जिनकी पत्नियां हाउसवाइफ हैं. कंपनी से CEO सोहन रॉय का कहना है कि पति जितना कमाएंगे, उसका 25% पत्नियों को जाएगा. खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी के दौरान एरीज ग्रुप ऑफ कंपनीज ने अपने कर्मचारियों के साथ-साथ उनकी पत्नी को भी सैलरी देने का फैसला लिया था.  मैनेजमेंट ने अपने ऐसे कर्मचारियों की पत्नियों का डेटाबेस तैयार किया, जो नौकरीपेशा नहीं हैं. फिर उन्हें नियमित रूप से सैलरी देने का फैसला लिया गया.

इंजीनियर से बिजनेसमैन
मरीन इंजीनियर से बिजनेसमैन बने सोहन राय (Sohan Roy) ने कहा कि कंपनी की स्थापना को 25 साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर हम अपने स्टाफ और उनके परिवार के योगदान के लिए आभारी हैं, जिन्होंने हर हालत में हमारा समर्थन किया है. इसलिए हमने अपने कर्मचारियों के लिए 'सिल्वर जुबली गिफ्ट' का ऐलान किया है. 30 करोड़ की रकम स्टाफ के साथ-साथ उनके माता-पिता, पत्नी और बच्चों में भी बांटी जाएगी. बता दें कि मूल रूप से भारतीय सोहन रॉय की कंपनी का हेडक्वार्टर यूएई में है. कभी मरीन इंजीनियर रहे सोहन रॉय ने 1998 में एरीज मरीन एंड इंजीनियरिंग सर्विसेज की शुरुआत की. बिजनेस के साथ-साथ वो फिल्म प्रोडक्शन से जुड़े हुए हैं. उनकी कंपनी में 2200 से अधिक कर्मचारी हैं और उनका कारोबार 25 देशों में फैला हुआ है.

 


6 शर्ट, 3 सूट और दो जोड़ी जूते...कसम से ऐसा अरबपति नहीं देखा होगा!

अनिल मणिभाई नाइक 58 सालों तक L&T की कमान संभालने के बाद अब अपनी पारी को विराम देना चाहते हैं. कंपनी के बोर्ड ने उन्हें चेयरमैन एमेरिटस का दर्जा दिया है.

Last Modified:
Tuesday, 16 May, 2023
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लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के नॉन एक्जीक्यूटिव चेयरमैन अनिल मणिभाई नाइक (Anil Manibhai Naik) ऐसी अरबपति हैं, जो अपनी सादगी के लिए पहचाने जाते हैं. कुछ वक्त पहले उन्होंने कहा था कि उनकी अलमारी में सिर्फ छह शर्ट, तीन सूट और दो जोड़ी जूते हैं. नाइक की एक साधारण नौकरीपेशा से अरबपति बनने की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. वह एकदम से चर्चा में इसलिए आ गए हैं, क्योंकि उन्होंने अपना पद छोड़ने का फैसला लिया है. अनिल मणिभाई नाइक 30 सिंतबर 2023 को L&T के नॉन एक्जीक्यूटिव चेयरमैन की कुर्सी छोड़ देंगे. 

L&T ने किया था रिजेक्ट
करीब 58 सालों तक L&T की कमान संभालने के बाद वह अब अपनी पारी को विराम देना चाहते हैं. कंपनी के बोर्ड ने उन्हें चेयरमैन एमेरिटस का दर्जा दिया है. जिस कंपनी में नाइक ने इतने साल गुजारे, कभी उसी ने उन्हें नौकरी पर रखने से इनकार कर दिया था. ETPanache को 2018 में दिए एन इंटरव्यू में नाइक ने बताया था कि कैसे उन्हें L&T में रिजेक्ट किया गया और बाद में उन्हें पहले से ही कम सैलरी में काम करना पड़ा. 

पहले से कम सैलरी पर काम
नाइक ने बताया था कि पहली बार Larsen & Toubro में रिजेक्ट होने के बाद उन्होंने नेस्टर बॉयलर्स जॉइन की थी. कुछ वक्त उन्हें पता चला कि L&T में हायरिंग चल रही है. वह तुरंत अपनी किस्मत आजमाने पहुंच गए, लेकिन कमजोर अंग्रेजी के चलते उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा. उनसे अंग्रेजी में सुधार करने को कहा गया. हालांकि, उन्हें जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्त कर लिया गया, मगर सैलरी पहले से भी कम थी. 15 मार्च 1965 में वह एलएंडटी का हिस्सा बने थे.

मिलते थे महज 670 रुपए
अनिल मणिभाई नाइक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता और दादा दोनों टीचर थे. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव से की, फिर गुजरात के बिड़ला विश्वकर्मा माहविद्यालय से ग्रेजुएट किया. L&T में पहली नौकरी के दौरान उन्हें बतौर सैलरी 670 रुपए प्रति महीने मिलते थे. छह महीने बीतने के बाद जब उनकी नौकरी कन्फर्म हो गई, तो सैलरी बढ़कर 760 रुपए महीना हो गई. फिर धीरे-धीरे बढ़ते-बढ़ते उन्हें 1025 रुपए महीने वेतन मिलने लगा. नाइक का प्रदर्शन देखते हुए उन्हें जूनियर इंजीनियर से उन्हें असिस्टेंड इंजीनियर बना दिया गया.

1999 में बने कंपनी के CEO
L&T में 670 रुपए सैलरी से शुरुआत करने वाले नाइक 1999 में कंपनी के सीईओ बने. जुलाई 2017 में उन्हें एलएंडटी समूह का चेयरमैन नियुक्त किया गया. उनके नेतृत्व में L&T ने की तरक्की का ग्राफ लगातार ऊपर चढ़ता गया. 2023 में कंपनी का कुल असेट 41 अरब डॉलर था. नाइक ने अलग-अलग क्षेत्रों में L&T के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मौजूदा वक्त में एलएंडटी का 90% रिवेन्यु उन कारोबार से आता है, जिसे नाइक ने शुरू किया था. नाइक दिखावा करने वाले एग्जीक्यूटिव्स में शामिल नहीं हैं. उन्हें सादगी पसंद माना जाता है. उन्होंने एक बार कहा था कि वह इस पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देते कि उनका वार्डरोब भरा है कि नहीं, उनके पास कितने जूते-चप्पल हैं. 

...तो सबकुछ कर देंगे दान 
2017-18 में नाइक की सैलरी 137 करोड़ और नेटवर्थ 400 करोड़ रुपए थी. वर्ष 2016 में उन्होंने अपनी 75 प्रतिशत संपत्ति दान कर दी थी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि यदि उनके बेटे-बहू भारत नहीं लौटे, तो वह अपनी 100 फीसदी संपत्ति दान कर देंगे. नाइक अपनी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा स्कूल-अस्पताल की चैरिटी पर खर्च करते हैं. पिछले साल यानी 2022 में उन्होंने 142 करोड़ रुपए दान दिए थे. अनिल मणिभाई नाइक के बारे में इतना सब जानकर आप भी निश्चित रूप से यही सोच रहे होंगे कि ऐसा अरबपति आज तक नहीं देखा.


बड़े-बड़े वादे करना इस अरबपति को पड़ा भारी, ढह गया दौलत का पहाड़

अरबपति के शिक्षण संस्थान ने फेल होने पर 100% फीस वापस करने का वादा किया था. परीक्षा में अधिकांश उम्मीदवार फेल हो गए.

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Monday, 15 May, 2023
Photo Credit: edge360creative

बड़े-बड़े वादे कभी इतने भारी पड़ जाते हैं कि व्यक्ति अर्श से सीधा फर्श पर आ गिरता है. चीन के एक अरबपति के साथ भी यही हुआ. दरअसल, ये अरबपति एक शिक्षण संस्थान चलाता है. उसने सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा में सफल होने की गारंटी दी थी. साथ ही यह वादा भी किया था कि परीक्षा में पास नहीं होने पर विद्यार्थियों को 100% फीस वापसी की जाएगी. परीक्षा हुई और अधिकांश उम्मीदवार फेल हो गए. इसके बाद शिक्षण संस्थान के बाहर अपनी पूरी फीस वापस लेने वालों की लाइन लग गई. अब वादा निभाने में अरबपति कारोबारी के पसीने छूट रहे हैं.  

20 अरब डॉलर गंवाएं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के शिक्षण तकनीकी फर्म ‘ऑफसीएन एजुकेशन टेक्नोलॉजी’ के संस्थापक मां-बेटे लू झोंगफांग और ली जोंगजिन 21 अरब डॉलर के मालिक थे, लेकिन बड़े-बड़े वादे करने के चक्कर में कंगाल हो चुके हैं. अपना बिजनेस मॉडल बिखरने की वजह से दोनों 20 अरब डॉलर गंवा चुके हैं. यह केस चीन ही नहीं बल्कि सभी शिक्षण संस्थानों और कारोबारियों के लिए एक सबक की तरह है कि अति आत्मविश्वास में जरूरत से ज्यादा बड़े वादे करना नुकसानदायक साबित हो सकता है. 

कोरोना ने बिगाड़ा खेल 
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन में नवंबर 2019 में 10 लाख उम्मीदवारों ने 24 हजार पदों के लिए परीक्षा दी थी. तीन साल बाद 37 हजार पदों के लिए परीक्षा देने वालों की संख्या बढ़कर 26 लाख हो गई. ली जोंगजिन के संस्थान ने बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी करवाई, लेकिन कोरोना उनके लिए एक बुरे सपने की तरह आया. परीक्षा में पास होने वाले बच्चों की संख्या कम और फेल होने वालों की संख्या एकदम से बढ़ गई. अब चूंकि 100% फीस वापसी का वादा किया था, संस्थान को वादा निभाना पड़ा.   

शेयर बाजार में भी झटका
2019 में औसत फीस वापसी दर 44% थी, जो 2022 तक बढ़कर 70% हो गई. इस बीच कंपनी के शेयरों में 87 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई. इससे कंपनी की हालत और बिगड़ गई. लू झोंगफांग और ली जोंगजिन अब तक 20 अरब डॉलर गंवा चुके हैं. बता दें कि चीन में पुलिस अधिकारी, या आयकर अधिकारी जैसे पदों पर भर्ती प्रक्रिया बेहद कठिन है. इसके लिए डिग्री के साथ राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा से गुजरना पड़ता है, जिसकी सफलता दर 1.5 प्रतिशत से भी कम है,


इस आदमी के सर ऐसा चढ़ा Trading का भूत, उतारने के लिए लेना पड़ा थेरेपी का सहारा!

व्यक्ति ने शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के दौरान 30 लाख रुपये गंवा दिए थे जिसके बाद उसके परिवार ने उसे एक थेरेपिस्ट को दिखाने की सलाह दी.

Last Modified:
Monday, 01 May, 2023
TRADING

लोगों को अलग अलग तरह की आदतें लग जाती हैं जिनसे वह छुटकारा पाना चाहते हैं और अक्सर ऐसा करने के लिए वह थेरेपिस्ट का सहारा लेते हैं. लेकिन हाल ही में बैंगलोर से एक चौंका देने वाला मामला सामने आया जहां एक व्यक्ति स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के अपने नशे को कम करने के लिए NIMHANS यानी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज के नशा-मुक्ति क्लिनिक में जा पहुंचा.

अपने जैसा इकलौता मामला
व्यक्ति ने शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के दौरान 30 लाख रुपये गंवा दिए थे जिसके बाद उसके परिवार ने उसे एक थेरेपिस्ट को दिखाने की सलाह दी और उनकी सलाह मानते हुए वह शख्स SHUT (सर्विस फॉर हेल्थी यूज ऑफ टेक्नोलॉजी) क्लिनिक में जा पहुंचा. क्लिनिकल साइकोलॉजी के प्रोफेसर और SHUT क्लिनिक के को-ऑर्डिनेटर डॉक्टर मनोज कुमार शर्मा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जुए और गेमिंग के नशे जैसे मामलों के बजाय इस मामले में हमें मरीज की दिक्कतों को बहुत ध्यान से समझना पड़ा क्योंकि साइकोलॉजिस्ट्स के लिए भी अपने जैसा यह पहला मामला है. 

क्यों लेनी पड़ी थेरेपी?
यह शख्स पहले भी बहुत भारी भरकम नुकसान उठा चुका था और उसने शेयर मार्केट में ट्रेडिंग जारी रखने के लिए अपनी सारी सेविंग्स खर्च कर दी थीं, साथ ही लोगों से उधार लेना भी शुरू कर दिया था. इससे उसकी पारिवारिक जिंदगी पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ा और उसे थेरेपी लेने के लिए मजबूर होना ही पड़ा. अपने इलाज के तौर पर उसने अभी तक दो सेशन अटेंड कर लिए हैं. SHUT क्लिनिक में मौजूद डॉक्टरों का कहना है कि स्टॉक ट्रेडिंग का नशा उनके क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आता पर यह एक डिसफंक्शनल समस्या के रूप में उनके सामने आया है. 

क्या है एक्सपर्ट्स की राय?
एक वरिष्ठ साइकोलॉजिस्ट ने बताया कि स्टॉक ट्रेडिंग के नशे का इलाज करना हमारे लिए भी बहुत चुनौती भरा है क्योंकि इसके लिए बहुत ही ध्यानपूर्वक एक सटीक तरीके का इस्तेमाल करना होगा. मरीज में ऐसे कोई लक्षण नहीं हैं जिसके लिए उसे दवाओं की जरूरत हो. ऐसे मामले में दो सवाल मुख्य रूप से सामने आते हैं, पहला, क्या व्यक्ति को ट्रेडिंग से पूरी तरह छुटकारा चाहिए और दूसरा, या फिर वह एक नियंत्रित तरीके से ट्रेडिंग को जारी रखना चाहता है. 
 

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कई देशों की GDP से ज्यादा है कोहिनूर की कीमत, लेकिन Queen Consort Camilla को नहीं है पसंद?

Queen Consort Camilla को शाही ताज पहनना होगा लेकिन दिलचस्प बात यह है कि रानी Camilla ने इस ताज को पहनने से मना कर दिया है.

Last Modified:
Monday, 24 April, 2023
queen Consort camilla

ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा भारतीय शाही साम्राज्य से कोहिनूर का हीरा लिए जाने के बाद से ही यह भारत और ब्रिटेन के बीच कंट्रोवर्सी का एक मुद्दा बना हुआ है. इस हीरे को आखिरी बार रानी एलिजाबेथ की मृत्यु से पहले उनके द्वारा पहने जाने वाले असाधारण ताज में देखा गया था. 

रानी को पसंद नहीं कोहिनूर हीरा?
परम्परा के अनुसार रानी एलिजाबेथ की मृत्यु के बाद अब रानी Consort Camilla को इस शाही ताज को पहनना होगा लेकिन दिलचस्प बात यह है कि रानी Consort Camilla ने इस ताज को पहनने से मना कर दिया है. उन्होंने बहुमूल्य कोहिनूर के हीरे से जुड़े विवादित इतिहास को देखते हुए इस ताज को पहनने से इनकार कर दिया है. आधिकारिक तौर पर रानी Camilla का राजा चार्ल्स की पत्नी के रूप में राज्याभिषेक किया जाएगा. उन्होंने कहा है कि, वह कोहिनूर के हीरे से दूरी बनाकर रखेंगी और इसकी बजाय रानी Mary के पुराने ताज को पहनेंगी. 

कोहिनूर के हीरे की कीमत?
मीडिया के साथ एक इंटरव्यू के दौरान ब्रिटेन के मशहूर अखबार ‘दि डेली टेलीग्राफ’ (The Daily Telegraph) के एसोसिएट एडिटर ने बताया कि, शायद राज परिवार कोहिनूर से जुड़े विवाद को लेकर जागरूक है और इसीलिए वह नहीं चाहते कि इस हीरे कि उत्पत्ति को लेकर कोई और विवाद हो. पंजाब पर कब्जा करने के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा रानी विक्टोरिया के ताज में कोहिनूर का हीरा लगाया गया था. रानी विक्टोरिया के ताज में लगाए जाने से पहले इस हीरे का वजन पुरानी मीट्रिक व्यवस्था के हिसाब से 186 कैरेट (191 मीट्रिक कैरेट या 38.2 ग्राम) था. इतने बड़े साइज और वजन की बदौलत यह दुनिया का सबसे महंगा हीरा है और इस वक्त इसकी कीमत लगभग 20 बिलियन डॉलर यानी 1.64 लाख करोड़ रुपये के आस पास है. 

क्या है कोहिनूर का विवादित इतिहास? 
दुनिया के सबसे महंगे हीरे की उत्पत्ति भारत के पंजाब राज्य से मानी जाती है. यह हीरा राजा दिलीप सिंह के पास हुआ करता ठा जो भारत में सिख साम्राज्य पर शासन करते थे. ब्रिटिश शासन के दौरान ईस्ट इंडिया कंपनी ने पंजाब पर कब्जा करके रानी विक्टोरिया को भारत की रानी घोषित कर दिया था और इसी दौरान कोहिनूर के हीरे को ब्रिटिशर्स द्वारा कब्जा लिया गया. रानी विक्टोरिया इस हीरे को एक गोल ब्रूच में पहना करती थीं. इसके बाद यह हीरा रानी Alexandra के ताज में लगा दिया गया जिसके बाद यह रानी एलिजाबेथ के ताज तक पहुंच गया. इस ताज को ‘Queen Mother’s Crown’ के नाम से जाना जाता है.

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एक-दो नहीं, इस फैमिली के 5 सदस्य बने जज; सभी हैं सगे भाई-बहन

सोशल मीडिया पर राजस्थान की एक फैमिली छाई हुई है. दरअसल, इस परिवार के 5 सदस्य जज बन गए हैं और सभी आपस में सगे भाई-बहन हैं.

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Tuesday, 11 April, 2023
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राजस्थान के अलवर जिले का एक परिवार इन दिनों सुर्खियों में है. वजह ही कुछ ऐसी है कि हर तरफ बस इस परिवार की ही चर्चा हो रही है. दरअसल, भागीरथ मीणा परिवार के 5 सदस्य जज हैं और सभी आपस में भाई-बहन हैं. यानी साथ खेलकर बड़े हुए भाई-बहन अब जज बनकर अलग-अलग अदालतों में फैसले सुना रहे हैं. भागीरथ मीणा अलवर शहर के नयाबास में रहते हैं और अपने बच्चों की सफलता पर फूले नहीं समा रहे हैं.  

5 बेटियां और 2 बेटे 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भागीरथ मीणा की पांच बेटियां और दो बेटे हैं, जिसमें से चार बेटियां और एक बेटा जज बन गए हैं. भागीरथ मीणा का कहना है कि उन्होंने कभी बेटे-बेटियों में फर्क नहीं किया, सभी को खूब पढ़ाया. बेटियों को बिना रोकटोक के दूसरे शहर में अकेले पढ़ने के लिए भेजा. मीणा परिवार का एक बेटा अभी लॉ कर रहा है. जबकि एक बेटी पंजाब सिंध बैंक में पीओ है.

पहले कामाक्षी बनीं जज
भागीरथ मीणा के परिवार में बेटी कामाक्षी मीणा सबसे पहले जज बनीं. इसके बाद एक भाई और तीन छोटी बहनों ने भी उन्‍हीं के नक्‍शे-कदम पर चलकर न्यायिक सेवा परीक्षा पास की. 2016 में सबसे पहले कामाक्षी मीणा, 2019 में निधिश मीणा, 2020 में सुमन मीणा और इसी साल यानी 2023 में मीनाक्षी मीणा व मोहिनी मीणा का न्‍यायिक सेवा में चयन हुआ है. कानून की पढ़ाई कर रहे छोटे भाई खलेश भी बड़े भाई-बहनों की तरह जज बनना चाहते हैं.

देश में पहला मामला!  
संभवतः यह पहला मामला है, जब एक ही परिवार के पांच भाई-बहन विभिन्न न्यायालयों में जज बनकर फैसले सुना रहे हैं. इस परिवार के मुखिया यानी कि भागीरथ मीणा भी सरकारी सेवा में रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि भागीरथ भारी उद्योगों के सार्वजनिक उद्यमों में दिल्‍ली में डिप्‍टी डायरेक्‍टर पद पर थे. करीब छह-सात साल पहले उन्हें अलवर में पेट्रोल पंप अलॉट हुआ था. इसके बाद उन्होंने सरकारी नौकरी से वीआरएस ले लिया था. उन्होंने हमेशा अपने बच्चों को पूरी आजादी दी, क्योंकि उन्हें विश्वास है कि चाहे लड़के हों या लड़कियां, कोई उनका भरोसा नहीं तोड़ेगा.

अभी यहां दे रहे सेवाएं 
कामाक्षी मीणा इस समय राजस्थान के सांगानेर में सिविल जज हैं. उन्होंने पंजाब से एलएलबी और डीयू से एलएलएम किया है. मीनाक्षी मीणा ने जयपुर से एलएलबी और बेंगलुरु से एलएलएम किया है. वह इस वक्त दिल्ली में सिविल जज हैं. मोहिनी मीणा ने पटियाला से एलएलबी के बाद डीयू से एलएलएम किया. वह भी दिल्ली में सिविल जज हैं. सुमन मीणा ने पटियाला से एलएबी के बाद डीयू से एलएलएम किया. वह राजस्थान के चौमू में सिविल जज हैं. निधीश मीणा ने बीए ऑनर्स के बाद एलएलयू गुजरात से एलएलबी किया है.


हार्वर्ड स्टडी ने किया खुलासा, इन वजहों से ज्यादा जीवित रहती हैं महिलायें

65 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों में से 57% महिलायें हैं, वहीं 85 साल के उम्र वाले लोगों में से 67% महिलायें हैं.

Last Modified:
Friday, 31 March, 2023
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हालांकि महिलाओं और पुरुषों में ज्यादातर अंतर समाज और संस्कृति के दिए हुए हैं लेकिन दोनों जेंडरों की शारीरिक बनावट और ताकत में कुछ प्रमुख अंतर मौजूद हैं. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के मुताबिक महिलाओं के मुकाबले पुरुषों के पास ज्यादा मांसपेशियां इसलिए होती हैं ताकि वह तेज दौड़ सकें और भारी-भरकम चीजों को उठा सकें. लेकिन पुरुषों को बीमारियों का ज्यादा खतरा होता है और उनके जीवन की अवधि भी महिलाओं के मुकाबले कम होती है. 

महिलाओं का जीवन होता है ज्यादा लंबा
औसत स्तर पर महिलाओं के जीवन की अवधि पुरुषों से ज्यादा होती है. स्टडी के मुताबिक, 65 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों में से 57% महिलायें हैं, वहीं 85 साल के उम्र वाले लोगों में से 67% महिलायें हैं. US में महिलाओं के जीवन की अवधि पुरुषों के मुकाबले 5 साल ज्यादा है और अगर बात पूरी दुनिया की करें तो महिलाओं के जीवन की अवधि पुरुषों के मुकाबले 7 साल ज्यादा है. हार्वर्ड मेडिकल के रिसर्चर्स की एक टीम द्वारा की गयी स्टडी की मानें, तो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के ज्यादा लम्बे जीवन के पीछे प्राकृतिक के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी मौजूद हैं. ये वह कारण हैं जिनकी वजह से महिलायें, पुरुषों के मुकाबले एक ज्यादा लंबे जीवन का आनंद उठाती हैं: 

जीन (Genes) से होती है शुरुआत
हार्वर्ड मेडिकल द्वारा की गयी स्टडी की मानें तो हालांकि पुरुषों और महिलाओं के पास क्रोमोजोम्स के 23 जोड़ों में से 22 (Chromosomes) बिलकुल एक जैसे होते हैं लेकिन आखिरी यानी 23वां जोड़ा अलग होता है. जहां क्रोमोजोम्स के 23वें जोड़े में महिलाओं के पास दोनों X क्रोमोजोम होते हैं, वहीं पुरुषों में यह X और Y क्रोमोजोम होते हैं. X क्रोमोजोम के मुकाबले इस Y क्रोमोजोम में थोड़े कम जीन होते हैं और यह कुछ प्राचीन बीमारियों से भी जुड़ा हुआ होता है. इसकी वजह से पुरुषों की मृत्यु दर ज्यादा होती है. 

हार्मोन्स भी हैं महत्त्वपूर्ण
टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) दिल की मांसपेशियों को कमजोर बनाने में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और पुरुषों में इस हार्मोन की मात्रा ज्यादा होने की वजह से पुरुष, दिल से जुड़ी बीमारियों से बहुत ज्यादा प्रभावित होते हैं. दिल से सम्बंधित बीमारियों की वजह से होने वाली मृत्यु की बात करें तो महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की संख्या 50% ज्यादा है. जहां पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा ज्यादा होने की वजह से उनका दिल कमजोर होता है, वहीं महिलाओं के पास एस्ट्रोजन (Estrogen) हार्मोन होता है जो उन्हें दिल से सम्बंधित बीमारियों से बचाता है. 

महिलाओं के पास होता है बेहतर मेटाबोलिज्म 
महिलाओं में अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत अधिक होती है जिसकी वजह से उनका दिल बहुत हेल्थी होता है और उन्हें दिल से सम्बंधित बीमारियां होने की संभावनाएं बहुत कम हो जाती हैं. इसी की वजह से महिलाओं को मोटापा और डायबिटीज जैसी लाइफस्टाइल सम्बंधित बीमारियों का ख़तरा भी कम हो जाता है.

महिलायें नहीं उठातीं ज्यादा खतरे
दिमाग का सामने वाला हिस्सा खतरे उठाने और उसको जांचने की हमारी क्षमता को दर्शाता है. वैज्ञानिकों की मानें तो पुरुषों में यह हिस्सा पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता. एक्सीडेंट्स में ज्यादातर पुरुषों के शामिल होने का एक कारण यह भी हो सकता है. बहुत से पुरुष ज्यादा धूम्रपान करते हैं और शराब पीते-पीते सभी सीमाएं पार कर जाते हैं उसके पीछे यह एक प्रमुख कारण भी हो सकता है.
 

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92 की उम्र में पांचवीं शादी करने जा रहा है ये अरबपति

प्रभावशाली बिजनेसमैन Rupert Murdoch ने सैन फ्रांसिस्को पुलिस की पूर्व पादरी Ann Lesley Smith से सगाई भी कर ली है.

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Tuesday, 21 March, 2023
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फॉर कॉर्प के 92 वर्षीय चेयरमैन Rupert Murdoch पांचवीं बार शादी करने कि तैयारी कर रहे हैं. प्रभावशाली बिजनेसमैन Rupert Murdoch ने सैन फ्रांसिस्को पुलिस की पूर्व पादरी Ann Lesley Smith से सगाई भी कर ली है. कल Rupert Murdoch के प्रवक्ता ने इस बात पर मोहर लगाकर इस खबर को यकीन में बदल दिया है. Rupert Murdoch गर्मियों के अंत में Ann Lesley Smith के साथ शादी के बंधन में बंधेंगे. 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उनकी होने वाली पत्नी Ann Lesley Smith की उम्र 66 साल है और Rupert से उनकी पहली मुलाकात सितम्बर के महीने में कैलिफोर्निया स्थित Moraga के उनके वाइन-यार्ड में हुई जिसके 2 हफ्तों के बाद Rupert ने उन्हें कॉल भी किया था. Ann Lesley Smith पहले Chester Smith के साथ विवाहित थीं जो एक कंट्री सिंगर, रेडियो और टीवी एग्जीक्यूटिव थे. अगस्त 2008 में Chester Smith की मृत्यु हो गयी थी. 

Rupert Murdoch ने पिछले साल अगस्त में अपनी चौथी पत्नी Jerry Hall को तलाक दिया था. Jerry Hall एक पूर्व टॉप मॉडल हैं. आइये एक नजर डालते हैं Rupert Murdoch के असफल विवाहों की लिस्ट पर:

Patricia Booker: प्रमुख बिजनेसमैन Rupert Murdoch की पहली शादी Patricia Booker से हुई थी जो फ्लाईट अटेंडेंट थीं. Rupert ने Patricia से 1956 में ऑस्ट्रेलिया में शादी की थी और उस वक्त Rupert की उम्र मात्र 25 साल थी. शादी के बाद उन्हें एक बेटी भी हुई जिनका नाम Prudence है और वह एक न्यूजपेपर में एग्जीक्यूटिव के पद पर काम करती हैं. 11 सालों टाक एक साथ रहने के बाद साल 1967 में दोनों ने एक दुसरे से तलाक ले लिया था. 

Anna Torv: Patricia से तलाक लेने के 1 साल बाद Rupert Murdoch ने ग्लासगो में जन्मी पूर्व न्यूजपेपर जर्नलिस्ट Anna Torv से शादी की. Anna, Rupert के न्यूजपेपर ‘द डेली टेलीग्राफ’ में ही काम करती थीं और दोनों की मुलाकात इसी दौरान हुई थी. इस शादी से Anna और Rupert के तीन बच्चे हुए – Elisabeth, Lachlan और James. 32 सालों तक साथ रहने के बाद साल 1999 में दोनों ने तलाक का फैसला किया. 

Wendi Deng: इसके बात 68 वर्षीय Rupert ने Wendi Deng के साथ शादी की जिनकी उम्र उस वक्त 31 वर्ष थी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो Rupert ने Anna से तलाक लेने के मात्र 3 हफ्तों बाद ही Wendi से अपनी यॉट पर शादी रचा ली थी. Wendi उस वक्त हांगकांग के एक टेलीविजन स्टेशन में इंटर्न के तौर पर काम कर रही थीं और उस वक्त यह टेलीविजन स्टेशन Rupert के न्यूज कॉर्प का ही था. इस शादी से Rupert और Wendi को डो बेटियां हुईं जिनके नाम Grace और Chloe हैं. 2013 में Rupert ने Wendi से तलाक ले लिया था. 

Jerry Hall: 70 और 80 के दशक में Jerry Hall बहुत मशहूर थीं. Jerry ने साल 2015 में Rupert के साथ मुलाकात की शुरुआत की थी और साल 2016 में दोनों ने लॉन्ग की सेंट ब्राइड चर्च में एक दूसरे से शादी की थी. इससे पहले सुपर मॉडल Jerry Hall ने रोलिंग स्टोन के मशहूर फ्रंटमैन Mick Jagger को डेट किया था और उनके 4 बच्चे भी थे. Jerry और Rupert के बीच 25 साल का फर्क था और दोनों ने बहुत ही गुपचुप तरीके से शादी की थी. जून 2022 में उन्होंने घोषणा की कि वह तलाक रहे हैं. 

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