शख्स ने Apple की वेबसाइट से iPhone 15 आर्डर किया लेकिन जब फोन उसके पास पहुंचा तो कुछ ऐसा हुआ जिसकी उसे उम्मीद तक नहीं थी.
कभी-कभी कुछ वाकये ऐसे होते हैं जो हमें चौंकाकर रख देते हैं. हाल ही में ऐसी ही एक अजीबो-गरीब घटना ब्रिटेन से सामने आ रही है. आपने ऐसी बहुत सी घटनाएं सुनीं होंगी जिनमें लोग ई-कॉमर्स वेबसाइट से एप्पल (Apple) के स्मार्टफोन ऑर्डर करते हैं लेकिन उन्हें साबुन की टिकिया या फिर कोई और ही सामान मिलता है, लेकिन अगर कोई शख्स एप्पल की वेबसाइट से स्मार्टफोन ऑर्डर करे और उसे एप्पल का iPhone नहीं बल्कि एंड्राइड फोन मिले तो?
iPhone 15 की जगह पहुंचा एंड्राइड फोन
आपको शायद ही इस बात का विश्वास हो क्योंकि हम दुनिया की सबसे टॉप स्मार्टफोन कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट की बात कर रहे हैं. दरअसल हुआ यूं कि ब्रिटेन में रहने वाले एक शख्स ने हाल ही में एप्पल की आधिकारिक वेबसाइट से iPhone 15 आर्डर किया था लेकिन जब इस शख्स के पास फोन की डिलीवरी पहुंची तो उस शख्स के साथ कुछ ऐसा हुआ जिसकी उम्मीद उसे दूर-दूर तक नहीं थी. दरअसल इस शख्स को एप्पल का iPhone 15 तो नहीं मिला लेकिन iPhone 15 की शक्ल में छुपाया हुआ एक एंड्राइड फोन जरूर मिला.
iPhone 15 की नकल
फोन मंगाने वाले शख्स को अचानक ही तब इस फोन के बारे में शक होने लगा जब उसने इस स्मार्टफोन को डब्बे से बाहर निकालना शुरू किया. सबसे पहले तो स्मार्टफोन पर एक स्क्रीन प्रोटेक्टर लगा हुआ था. इसके बाद जांच में सामने आया कि किसी भी क्षेत्र में लाइट जल रही है. इसके साथ ही फोन को सेटअप करने की प्रक्रिया अपर भी शख्स को थोड़ा शक हुआ और आखिरकार जब कस्टमर ने फोन को स्विच ऑन किया तब उसका शक सही निकला और उसे पता चला कि उसे एप्पल का एक नकली फोन प्राप्त हुआ है. शख्स ने अपना यह अनुभव Reddit पर साझा किया है.
मामले की पेंचीदा बातें
वैसे तो इस पूरे मामले में बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो परेशान कर सकती हैं लेकिन इन सभी चीजों में सबसे प्रमुख बात ये है कि कस्टमर को प्राप्त हुआ फोन पूरी तरह से iPhone 15 जैसा दिखता है. इसके साथ ही एक अन्य चीज जो काफी परेशान कर सकती है वो ये है कि इस फोन को किसी थर्ड पार्टी वेबसाइट से नहीं, किसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से नहीं बल्कि सीधा एप्पल की आधिकारिक वेबसाइट से मंगवाया गया था. इतना ही नहीं, इस नकली फोन में एप्पल के सारे आधिकारिक ऐप भी मौजूद थे.
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अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच लगभग 96,917 भारतीय लोगों को अमेरिका में घुसते हुए गिरफ्तार किया गया है.
अमेरिका दुनिया के सबसे विकसित और ताकतवर देशों में से एक है और लगभग हर भारतीय नागरिक चाहता है कि वह एक बार तो अमेरिका जरूर जाए. वहीँ, अगर अमेरिका में जीवन बिताने का मौका मिले तो शायद ही कोई इंसान होगा जो इस मौके को ठुकरा दे. विदेश जाने की इच्छा रखने वाले भारतीय लोगों के लिए भी अमेरिका पहली पसंद होता है. हाल ही में अमेरिकी एजेंसी द्वारा एक ऐसा खुलासा किया गया है जिसे सुनकर आप हैरान रह जायेंगे.
5 साल में 5 गुना ज्यादा लोग हुए गिरफ्तार
अमेरिका की कस्टम और बॉर्डर सुरक्षा एजेंसी UCBP (US कस्टम्स एवं बॉर्डर प्रोटेक्शन) द्वारा जारी किये गए डेटा की मानें तो अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच लगभग 96,917 भारतीय लोगों को गैर कानूनी तौर पर अमेरिका में घुसते हुए गिरफ्तार किया गया है. अगर पिछले सालों को देखें तो यह आंकडा काफी भयानक नजर आता है क्योंकि गैर कानूनी तरीके से अमेरिका में घुसने की कोशिश में गिरफ्तार हुए भारतीय लोगों की संख्या में लगभग 5 गुना इजाफा हुआ है. साल 2019-2020 के बीच गैर कानूनी तरीके से अमेरिका में प्रवेश करने के चलते लगभग 19,883 भारतीय लोग गिरफ्तार हुए थे. साल 2020-21 के बीच यह संख्या 30,662 भारतीय लोगों तक पहुंच गई थी, वहीं इसके बाद साल 2021-22 में यह आंकड़ा 63,927 भारतीय लोगों तक जा पहुंचा था.
Canada के बॉर्डर पर भी पकड़े गये भारतीय
अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच गिरफ्तार हुए 96,917 भारतीय लोगों में से 30,010 लोगों को कनाडा के बॉर्डर पर और 41,770 लोगों को मैक्सिको के बॉर्डर पर गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार किये गए लोगों को AM (नाबालिगों के साथ), FMUA (एक परिवार की इकाई में मौजूद व्यक्ति), अकेले व्यस्क और बिना किसी व्यस्क के बच्चों जैसी 5 विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है. गिरफ्तार किये गए लोगों में सबसे बड़ी संख्या अकेले वयस्कों की है. वित्त वर्ष 2023 के दौरान लगभग 84,000 भारतीय व्यस्क अमेरिका में गैर कानूनी रूप से घुसने के प्रयास में गिरफ्तार हुए थे और साथ ही 730 बच्चे ऐसे हैं जिनके साथ कोई भी व्यस्क नहीं है.
इन कारणों से अमेरिका बना भारतीयों की पहली पसंद
जैसा कि हमने ऊपर कहा कि अमेरिका दुनिया के सबसे आधुनिक और विकसित देशों में से एक है, लेकिन हम 5 ऐसे कारण लेकर आये हैं जिनकी बदौलत अमेरिका भारतीय लोगों की पहली पसंद बन गया है.
ज्यादा सैलरी: हर आदमी अपने पेशे में ज्यादा पैसे कमाना चाहता है और अमेरिका में भारत के मुकाबले कहीं ज्यादा सैलरी और मजदूरी मिलती है और इसीलिए ज्यादातर भारतीय लोग अमेरिका जाकर अपने वित्तीय मौकों में बढ़ोत्तरी करना चाहते हैं. इसके साथ ही आपको बता दें कि अमेरिका में मजदूरी भी भारत से ज्यादा मिलती है.
बेहतर करियर: अमेरिका में बहुत सारी विभिन्न इंडस्ट्रीज मौजूद हैं और इसीलिए करियर के मौके भी ज्यादा और ज्यादा बेहतर हैं. इसके साथ ही अमेरिका में उद्यम के लिए भी काफी अनुकूल माहौल है और वहां इनोवेशन को ज्यादा महत्त्व दिया जाता है जिससे अमेरिका लोगों की पहली पसंद बन जाता है.
बेहतर शिक्षा: शिक्षा बहुत ही जरूरी उपकरण है और इसीलिए हर व्यक्ति ज्यादा बेहतर शिक्षा प्राप्त करना चाहता है. क्योंकि अमेरिका एक विकसित देश है इसलिए यहां पर बहुत से शानदार विश्वविद्यालय और एजुकेशनल इंस्टिट्यूट मौजूद हैं, जिन्हें दुनिया भर में अपनी काबिलियत के लिए जाना जाता है और इसीलिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले भारतीय विद्यार्थियों के लिए अमेरिका पहली पसंद बन जाता है.
बिजनेस एवं उद्यम: जैसा की हमने आपको बताया कि अमेरिका में इनोवेशन को ज्यादा महत्त्व दिया जाता है और इसीलिए अमेरिका में बिजनेस का वातावरण काफी जबरदस्त है और अमेरिका आपके बिजनेस के लिए शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर भी उपलब्ध करवाता है. साथ ही वेंचर कैपिटल तक बेहतर पहुंच की वजह से कारोबार करने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए भी अमेरिका पहली पसंद बन जाता है.
जीवन की बेहतर क्वालिटी: पैसे कमाने के साथ-साथ अच्छी और क्वालिटी लाइफ भी कई लोगों का सपना होती है. अमेरिका क्योंकि एक विकसित देश है इसलिये यहां आपको हेल्थकेयर, इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य सुविधाओं तक ज्यादा बेहतर पहुंच मिलती है और इसलिए भी अमेरिका बहुत से लोगों की पहली पसंद बन जाता है.
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White Hydrogen भी हाइड्रोजन का ही एक प्रकार है और इसका इस्तेमाल भी इंधन के रूप में किया जा सकता है.
क्या आप जानते हैं, ईंधनों का एक प्रकार ऐसा भी है जिससे बिलकुल भी प्रदूषण नहीं होता है? इतना ही नहीं, इंधन के इस प्रकार को न तो लैब में बनाया जाता है और न ही इसे इंडस्ट्री में बनाया जाता है यह प्राकृतिक रूप से ही बनता है जमीन की सतह पर यह जमीन के नीचे मौजूद होता है. हम वाइट हाइड्रोजन (White Hydrogen) के बारे में बात कर रहे हैं.
यहां मिला White Hydrogen का भंडार
वाइट हाइड्रोजन (White Hydrogen) भी हाइड्रोजन का ही एक प्रकार है और इसका इस्तेमाल भी इंधन के रूप में किया जा सकता है. हर प्रकार के इंधन के इस्तेमाल से किसी न किसी तरह कार्बन का उत्सर्जन होता ही है और इसकी वजह से प्रदूषण भी होता है. लेकिन वाइट हाइड्रोजन के इस्तेमाल से कार्बन का उत्सर्जन नहीं होता है और इसीलिए इसे ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) से भी ज्यादा बेहतर विकल्प माना जाता है. साथ ही आपको बता दें कि ग्रीन हाइड्रोजन, पानी का इलेक्ट्रोलीज करके बनाया जाता है लेकिन वाइट हाइड्रोजन प्राकृतिक रूप से उपलब्ध होता है. हाल ही में फ्रांस में वाइट हाइड्रोजन (White Hydrogen) का काफी बड़ा भंडार पाया गया है.
जलवायु के लिए बेहतर है White Hydrogen
वाइट हाइड्रोजन (White Hydrogen) को ग्रीन हाइड्रोजन से विभिन्न होने के कारण यह नाम मिला है. क्योंकि वाइट हाइड्रोजन प्राकृतिक रूप से उपलब्ध होता है इसीलिए इसे जलवायु के लिए काफी अच्छा माना जाता है और इसे प्राकृतिक हाइड्रोजन (Natural Hydrogen) के नाम से भी जाना जाता है. फ्रांस में मिला वाइट हाइड्रोजन का भंडार, दुनिया भर के सबसे बड़े भंडारों में से एक है और वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु संकट से निपटने में वाइट हाइड्रोजन काफी बड़ी भूमिका निभा सकता है.
6 से 250 मिलियन मीट्रिक टन White Hydrogen
जैक्स पिरोनोन और फिलिप डी डोनाटो जमीन के भीतर मौजूद फॉसिल फ्यूल तलाश रहे थे और इसी दौरान उन्हें वाइट हाइड्रोजन की प्राप्ति हुई. वैज्ञानिकों का कहना है कि फ्रांस में मिले हाइड्रोजन के भंडार में 6 मिलियन से 250 मिलियन मीट्रिक टन हाइड्रोजन हो सकता है. वाइट हाइड्रोजन के विपरीत भूरा हाइड्रोजन या फिर ग्रे हाइड्रोजन फॉसिल यानी जीवाश्म से उत्पन्न होते हैं.
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दौलत का नशा कभी फीनी के सिर चढ़कर नहीं बोला. उन्हें बिजनेस क्लास के बजाए इकॉनमी क्लास में सफर करना पसंद था.
आयरिश-अमेरिकी रिटेल एंटरप्रेन्योर चार्ल्स फ्रांसिस 'चक' फीनी (Charles Francis 'Chuck' Feeney) दुनिया को अलविदा कह गए हैं. 92 वषीय फीनी ने सोमवार को आखिरी सांस ली. फीनी एक ऐसे कारोबारी थे, जिन्होंने खून-पसीना बहाकर जो कुछ कमाया, मौत से पहले वो सबकुछ दान कर गए. अपने जीवन के आखिरी समय में वह बेहद साधारण जिंदगी जी रहे थे, उनके पास न कोई कार थी और न ही घर. वह किराए के मकान में रहते थे.
सादगी बन है थी पहचान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चार्ल्स फ्रांसिस 'चक' फीनी ने अपनी 8 अरब डॉलर की संपत्ति दान कर दी थी. उन्होंने अपनी संस्था Atlantic Philanthropies के माध्यम से यह भारी-भरकम राशि शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान और सामाजिक कार्यों पर खर्च की. संस्था की तरफ से बताया गया है कि फीनी ने सोमवार को San Francisco में आखिरी सांस ली. फीनी को उनकी सादगी के लिए पहचाना जाता था. वह अरबों की दौलत होते हुए भी महज 15 डॉलर की घड़ी पहनते थे. वह अपने साथ एक प्लास्टिक बैग और ब्रीफकेस ही रखते थे.
इकॉनमी क्लास में सफर
दौलत का नशा कभी फीनी के सिर चढ़कर नहीं बोला. उन्हें बिजनेस क्लास के बजाए इकॉनमी क्लास में सफर करना पसंद था. वह अक्सर कहते थे - प्लेन के अगले हिस्से में बैठने से अप जल्दी नहीं पहुंच जाएंगे. बता दें कि विमानों में बिजनेस क्लास फ्लाइट के अगले हिस्से में होती है. पिछले तीन दशकों से फीनी के पास न तो खुद की कोई कार थी और न ही घर. वह साधारण से किराए के मकान में रहते थे. Feeney ने बेशुमार दौलत Duty-Free Shoppers (DFS) से कमाई. इसकी स्थापना उन्होंने 1960 में की थी. यह एयरपोर्ट्स पर लग्जरी गुड्स के ड्यूटी-फ्री स्टोर्स की चेन है.
इस मुहिम से थे जुड़े
1996 में, फीनी ने DFS में अपने शेयरों को बेच दिया था. डीएफएस के कई महाद्वीपों में फैले 850 से अधिक बुटीक हैं. फीनी Giving Pledge मुहिम का भी हिस्सा थे, जिसकी शुरुआत Bill Gates, Melinda Gates और Warren Buffet ने की थी. उनका मानना था कि मरने के बाद अपनी दौलत दान देने से ज्यादा अच्छा है, जीवित रहते हुए ऐसा करना. Atlantic Philanthropies की स्थापना के साथ ही उन्होंने सोच लिया था कि वह अपनी पूरी दौलत दान कर देंगे.
दोस्त को पैसे भेजने के बाद बैंक बैलेंस चेक करने पर उन्होंने पाया कि उनके अकाउंट में 753 करोड़ रुपये का बैलेंस मौजूद है.
हाल ही में चेन्नई में कुछ ऐसा हुआ जिसे सुनकर आप भी दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर हो जायेंगे. चेन्नई के एक आदमी ने अपने दोस्त को 2000 रुपए ट्रांसफर किये और पैसे ट्रान्सफर करने के बाद जब उस व्यक्ति ने अपना बैंक बैलेंद देखा तो उसके होश उड़ गए. उस आदमी ने पाया कि उसके अकाउंट में 753 करोड़ रुपये मौजूद हैं.
गलती से ट्रांसफर हुए पैसे
मोहम्मद इदरिस, चेन्नई में रहते हैं और वह एक फार्मेसी में काम करते हैं. 6 अक्टूबर को मोहम्मद इदरिस ने अपने कोटक महिंद्रा बैंक अकाउंट से अपने दोस्त को पैसे भेजे और पैसे भेजने के बाद जब उन्होंने अपना बैंक बैलेंस देखा तो उनके होश उड़ गए. बैंक बैलेंस चेक करने पर उन्होंने पाया कि उनके अकाउंट में 753 करोड़ रुपये का बैलेंस मौजूद है. इदरिस ने यह बात फौरन अपने बैंक को बतायी और इसके बाद बैंक ने उनके अकाउंट को फ्रीज कर दिया. इसके बाद बैंक ने इदरिस को बताया की उनके खाते में एक तकनीकी गलती की चलते पैसे ट्रांसफर हो गए थे.
पहले भी सामने आया है मामला
ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी व्यक्ति के बैंक अकाउंट में तकनीकी गलती की वजह से पैसे पहुंच गए हों. पिछले कुछ समय के दौरान ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. आपको बता दें कि कुछ ही समय पहले चेन्नई से ही एक अन्य ऐसा मामला सामने आया था जब एक कैब ड्राईवर के खाते में अचानक 9000 करोड़ रुपये पहुंच गए थे. उस मामले में भी जब व्यक्ति ने अपने दोस्त को 21,000 रुपए ट्रांसफर किये तब ही उन्हें एहसास हुआ कि उनके खाते में लगभग 9000 करोड़ रुपए आ चुके हैं. आधे घंटे के भीतर ही बैंक (Tamilnad Mercantile Bank) ने इस गलती को पहचानते हुए बाकी बचे पैसे वापस ले लिए थे.
बैंक के CEO ने दिया इस्तीफा
कैब ड्राईवर को ट्रांसफर हुए 9000 करोड़ रुपयों के मामले ने आगे चलकर एक काफी रोचक मोड़ ले लिया था. कैब ड्राईवर को पैसे ट्रांसफर हुए कुछ दिन ही हुए थे कि TMB (Tamilnad Mercantile Bank) के CEO S कृष्णन (S Krishnan) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. कैब ड्राईवर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि 3 बजे के आस-पास मुझे एक सन्देश प्राप्त हुआ और इस मैसेज में मेरे खाते में पैसे जमा करने के बारे में जानकारी दी गई थी लेकिन संख्या में इतने ज्यादा जीरो थे कि मेरी आंखों को विश्वास ही नहीं हुआ.
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चेन्नई के कैब ड्राइवर के अकाउंट में गलती से 9000 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए गए थे और उसका खाता TMB में ही मौजूद है.
तमिलनाड मर्सेंटाइल बैंक (Tamilnad Mercantile Bank) की तरफ से एक काफी चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है. खबर है कि बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO S कृष्णन (S Krishnan) ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
TMB के MD ने दिया इस्तीफा
हाल ही में चेन्नई के एक कैब ड्राइवर के अकाउंट में गलती से 9000 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए गए थे और उस कैब ड्राइवर का खाता इसी तमिलनाड मर्सेंटाइल बैंक (TMB) में ही मौजूद है. इस घटना के एक हफ्ते के भीतर ही बैंक के MD S कृष्णन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वैसे तो S कृष्णन ने अपने इस्तीफे के लिए निजी कारणों को वजह बताया है, लेकिन कुछ लोग इस घटना और S कृष्णन को जोड़कर देखने की कोशिश भी कर रह हैं. आपको बता दें कि S कृष्णन के पास बैंक के MD और CEO के पद पर काम करने के लिए अभी दो तिहाई समय शेष था.
इस्तीफा हो गया मंजूर
अपने इस्तीफे के बारे में बात करते हुए S कृष्णन (S Krishnan) ने कहा कि हालांकि मेरे पास बैंक के CEO और MD के रूप में अभी दो तिहाई से ज्यादा समय बाकी है लेकिन निजी कारणों की वजह से मैं अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लेता हूं. पिछले साल सितंबर में ही S कृष्णन ने TMB (Tamilnad Mercantile Bank) के MD और CEO के पद पर काम करना शुरू किया था. TMB की तरफ से की गई रेगुलेटरी फाइलिंग में यह भी कहा गया है कि बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 28 सितंबर 2023 को हुई बैठक के दौरान S कृष्णन के इस्तीफे को मंजूर कर लिया है और इस्तीफे के पत्र को भारत के केंद्रीय बैंक RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) के पास भी भेज दिया है.
कैब ड्राईवर को मिले 9000 करोड़
TMB (Tamilnad Mercantile Bank) द्वारा यह जानकारी भी साझा की गई है कि जब तक आगे का रास्ता साफ नहीं हो जाता तब तक S कृष्णन ही बैंक के CEO और MD के रूप में कार्यरत रहेंगे. हाल ही में मीडिया द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि चेन्नई के एक कैब ड्राइवर को गलती से 9000 करोड़ रुपए ट्रान्सफर हो गए थे. इस कैब ड्राइवर का नाम राजकुमार है और पहले पहल राजकुमार को लगा कि उनके साथ किसी तरह का स्कैम किया गया है. इसी बात को जांचने के लिए राजकुमार ने 21,000 रुपए अपने दोस्त को ट्रान्सफर किये और ऐसा होने के बाद जब उन्होंने जांच की तो पाया कि बैंक ने ही उनके अकाउंट में यह पैसे ट्रान्सफर किये हैं.
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27 सितंबर को बैंगलोर के बाहरी रिंग रोड (Outer Ring Road) पर ऐसा जाम लगा कि लोग 4 घंटों तक जाम में फंसे रह गए थे.
बैंगलोर का टेक कॉरिडोर कहे जाने वाले बाहरी रिंग रोड (ORR) पर कल यानी 27 सितंबर को काफी भयानक ट्रैफिक जाम (Traffic Bangalore) देखने को मिला. जाम इतना ज्यादा भीषण था कि ट्रैफिक पुलिस को एडवाइजरी जारी करते हुए सभी IT कंपनियों से अनुरोध करना पड़ा कि लॉगआउट में थोड़ी देरी कर दें जिससे की सड़क पर और वाहन इकट्ठा न हों. अब सोचिये इतने भीषण जाम में अगर आप पिज्जा करें तो क्या लगता है, पिज्जा आप तक पहुंच पाएगा? ज्यादातर लोग यही सोचेंगे कि जाम में पिज्जा कैसे आएगा, लेकिन जानी-मानी पिज्जा कंपनी डोमिनोज (Dominos) ने यह कारनामा कर दिखाया है.
कल भीषण जाम हुआ था बैंगलोर
27 सितंबर को बैंगलोर के बाहरी रिंग रोड (Outer Ring Road) पर ऐसा जाम लगा कि लोग 4 घंटों तक जाम में फंसे रह गए थे. ट्रैफिक पुलिस की मानें तो 26 सितंबर को बेंगलुरु बंद की घोषणा की गई थी और इसी की वजह से अगले दिन सड़कों पर वाहनों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई जिसकी वजह से इतना भीषण ट्रैफिक जाम लग गया और लोगों को लगभग 4 घंटों तक सड़क पर अपनी अपनी कारों में ही बंद रहना पड़ा. लेकिन इस भीषण ट्रैफिक जाम के बीच फ्लिप्कार्ट में सीनियर डिजाईन मैनेजर के पद पर काम करने वाले ऋषि वत्स (Rishi Vaths) का मन पिज्जा खाने का हुआ और उन्होंने फैसला किया कि वह डोमिनोज से पिज्जा ऑर्डर करेंगे.
भीषण जाम में पहुंचा डोमिनोज
इसके बाद जो हुआ वह काफी चौंकाने वाला था. जैसा की हमने आपको ऊपर बताया कि सड़क पर दोगुने वाहन मौजूद थे और जाम इतना भीषण था कि लोग 4 घंटों तक इस जाम में ही फंसे हुए थे. इतने भीषण ट्रैफिक के बीच में एक कार को खोजकर उस तक पिज्जा पहुंचाने का करिश्मा जानी-मानी कंपनी डोमिनोज (Dominos) ने करके दिखाया है. ऋषि वत्स और उनके कुछ दोस्त भी इस जाम में फंसे हुए थे और उन्होंने फैसला किया कि पिज्जा मंगाया जाए और अपनी लाइव लोकेशन का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने पिज्जा ऑर्डर कर दिया. ऋषि ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X, जिसे पूर्व में ट्विटर के नाम से जाना जाता है, पर एक विडियो भी साझा किया है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुई विडियो
इस विडियो में देखा जा सकता है कि कार के सामने आकर एक स्कूटी रूकती है जिसपर डोमिनोज के दो कर्मचारी सवार हैं और फिर वह कार में पिज्जा डिलीवर कर देते हैं. विडियो शेयर करते हुए ऋषि ने लिखा है कि जब हमने निर्णय लिया कि बैंगलोर के जाम में डोमिनोज से ऑर्डर करते हैं. उन्होंने (डोमिनोज ने) हमारी लाइव लोकेशन से हमें ढूंढा और ट्रैफिक जाम में भी डिलीवर किया. ऋषि की यह विडियो फिलहाल सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है और विडियो को अब तक 4 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है.
https://x.com/rishivaths/status/1707102839141748740?t=ehx3PwZQ0fJk4-tS53BOKA&s=09
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सोशल मीडिया पर एक डिबेट का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक नेता ने एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के वजूद पर ही सवाल उठाया है.
आपने कोई बीमा पॉलिसी ली हो या नहीं, लेकिन आपने एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस (SBI Life Insurance) का नाम जरूर सुना होगा. ये स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की बीमा कंपनी है. हालांकि, ये बात अलग है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी (Sudhanshu Trivedi) इसे कंपनी नहीं मानते. उनका कहना है कि एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस महज एक स्कीम है. डॉ त्रिवेदी के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मचा हुआ है. लोग अपने-अपने अंदाज में उनकी चुटकी ले रहे हैं.
क्या है पूरा मामला?
चलिए समझते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है. दरअसल, सुधांशु त्रिवेदी एक TV डिबेट में शामिल हुआ थे, जहां कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinate) भी मौजूद थीं. सुप्रिया ने देश की अर्थव्यवस्था पर अपने विचार रखते हुए SBI की एक रिपोर्ट का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने वाले देश के 47% लोगों ने या तो प्रीमियम नहीं भरा या पॉलिसी सरेंडर कर दी. ये आर्थिक तंगी के नतीजे हैं. श्रीनेत ने कहा कि एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस की फाइनेंशियल इम्यूनिटी रिपोर्ट के अनुसार 47 प्रतिशत लोगों ने पिछले 5 साल में या तो अपनी जीवन बीमा पॉलिसी बंद कर दी है या प्रीमियम नहीं भरा है.
क्या SBI की कंपनी है?
कांग्रेस प्रवक्ता श्रीनेत की बात का जवाब देते हुए सुधांशु त्रिवेदी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के वजूद पर ही सवाल उठा गए. उन्होंने कहा - आपने कहा SBI लाइफ इंश्योरेंस. थोड़ा पढ़-लिखकर बात करें. एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी नहीं है, एक स्कीम है. यह SBI बैंक की इंश्योरेंस स्कीम है. स्कीम एक्सपायर हो जाती है, तो लोग उससे पैसा निकालते हैं और दूसरी स्कीम में लगा लेते हैं. यह सुनते ही सुप्रिया श्रीनेत ने पहले तो अपना सिर पकड़ लिया, फिर उन्होंने बीजेपी प्रवक्ता को जमकर सुनाया. इस दौरान, सुधांशु त्रिवेदी यह पूछते नजर आए कि क्या यह एसबीआई की कंपनी है? सुप्रिया ने इस डिबेट का वीडियो अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया है.
शेयर बाजार में है लिस्टेड
अब जब सुधांशु त्रिवेदी ने कंपनी के वजूद पर सवाल उठा दिया है, तो चलिए उसके बारे में भी जान ही लेते हैं. SBI लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड भारतीय जीवन बीमा कंपनी है और शेयर बाजार में लिस्टेड है. इसकी शुरुआत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और फ्रांस की वित्तीय संस्था BNP Paribas Cardif के जॉइंट वेंचर के रूप में हुई थी. अपनी इस बीमा कंपनी में SBI की 55.50% और BNP की 0.22% हिस्सेदारी है. इसके 12% शेयर पब्लिक इन्वेस्टर्स के पास हैं. खबर लिखे जाने तक SBI लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड के शेयर उछाल के साथ 1,374.10 रुपए पर ट्रेड कर रहे थे.
यहां कई हजार लोगों के अकाउंटों में हजारों और लाखों की संख्या में एक साथ रूपए पहुंच गए हैं.
अगर आपके बैंक अकाउंट में अचानक लाखों या हजारों रुपये आ जाएं तो आप क्या करेंगे? जवाब बहुत ही आसान है, कुछ लोग बैंक से पैसे निकालने भागेंगे, कुछ लोग बैंक में पूछताछ करेंगे और कुछ लोगों को इस बात का शायद विश्वास ही न हो. हाल ही में उड़ीसा में कुछ ऐसा ही हुआ है और यहां बैंक के बाहर लोगों की काफी लंबी कतारें देखने को मिली हैं.
हजारों अकाउंट लाखों रूपए
तकनीकी रूप से दुनिया काफी तेजी से आगे बढ़ रही है और साथ ही तकनीक का गलत इस्तेमाल या फिर तकनीक के नुक्सान भी हमें आए दिन देखने को मिलते ही हैं. ऐसा ही कभी कभी हमारे बैंक अकाउंटों के साथ भी होता है. अगर आप ध्यान दें तो पाएंगे कि पिछले कुछ समय के दौरान भारत में गलत अकाउंटों में पैसे पहुंचने या फिर अनजान आदमी के अकाउंट में लाखों रूपए पहुंचने जैसी घटनाएं काफी तेजी से बढ़ी हैं. अब हाल ही में ऐसा ही कुछ उड़ीसा में भी हुआ है, लेकिन यहां कई हजार लोगों के अकाउंटों में हजारों और लाखों की संख्या में एक साथ रूपए पहुंच गए हैं.
बैंक के बाहर लगी भीड़
ये मामला उड़ीसा ग्राम्य बैंक (Odisha Gramya Bank) का है जो कि एक सरकारी बैंक है. कल सुबह जब बैंक को खोला गया तो बैंक के बाहर मौजूदा भीड़ को देखकर बैंक के मेनेजर हैरान रह गए. इस भीड़ में मौजूद ज्यादातर लोग पैसे निकालने आए थे. किसी के अकाउंट में 30,000 रूपए आ गए, किसी के अकाउंट में 40,000 तो किसी के अकाउंट में 50,000 रूपए भी आ गए. इतना ही नहीं, हैरान करने वाली बात ये है कि कुछ लोगों के अकाउंट में तो 1 या फिर 2 लाख रूपए भी जमा हुए हैं. आपको बता दें, यह बैंक उड़ीसा के केंद्रपाड़ा नामक स्थान पर स्थित है.
300 अकाउंट हुए चेक
फिलहाल इस खबर ने तेजी पकड़ ली है और यह खूब वायरल भी हो रही है. बैंक के सभी कस्टमर्स बहुत खुश हैं और अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर ये पैसे आए कहां से हैं और इनके पीछे कौन है? बैंक के मैनेजर ने इस बारे में मीडिया से बात की और बताया कि उन्होंने लगभग 300 से ज्यादा बैंक अकाउंट चेक किए हैं, लेकिन यह पता नहीं चल पाया है कि ये पैसे किसने और क्यों इन खातों में भेजे हैं? साथ ही मैनेजर ने यह भी बताया कि अचानक पैसे आ जाने की वजह से लोग बहुत ही जल्दी-जल्दी बैंक से पैसे निकाल रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि बैंक के खातों में 30,000 रुपयों से लेकर 2 लाख रूपए तक की राशि आई है.
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चेन्नई में रहने वाले P Dillibabu ने आवारा कुत्तों को खिलाने के लिए ITC Sunfeast Marie लाइट बिस्कुट का एक पैकेट लिया था.
हाल ही में एक काफी दिलचस्प मामला सामने आ रहा है. दरअसल हुआ कुछ यूं है कि एक कस्टमर को Sunfeast Marie Light पैकेट में एक बिस्कुट कम मिला और अब जानी मानी कंपनी ITC को इस एक कम पड़े बिस्कुट के लिए कस्टमर को 1 लाख रुपए का भुगतान करना होगा.
क्या है पूरा मामला?
मामला चेन्नई का है, चेन्नई में रहने वाले P Dillibabu ने आवारा कुत्तों को खिलाने के लिए ITC Sunfeast Marie लाइट बिस्कुट का एक पैकेट लिया था. पैकेट लेने के बाद कस्टमर ने ध्यान दिया कि हालांकि, बिस्कुट के पैकेट पर 16 बिस्कुट लिखे हुए हैं लेकिन पैकेट में केवल 15 बिस्कुट ही निकले. Dillibabu ने पहले अपने क्षेत्रीय स्टोर का रुख किया, जहां से उन्होंने वह बिस्कुट का पैकेट लिया था. उसके बाद उन्होंने ITC से भी जवाब मांगा लेकिन उन्हें जवाब नहीं मिला और इसके बाद उन्होंने कंज्यूमर कोर्ट में अपनी याचिका दर्ज करवाई. अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि ITC प्रतिदिन बिस्कुट के 50 लाख पैकेट बनाती है और अगर इस संख्या पर गौर फरमाएं तो प्रतिदिन कंपनी लगभग 29 लाख कस्टमर्स के साथ धोखाधड़ी कर रही है.
कैसे सुलझा मामला?
इस याचिका के खिलाफ गुहार लगाते हुए ITC ने दलील दी कि बिस्कुटों को वजन के आधार पर बेचा जाता है न कि संख्या के आधार पर और Sunfeast Marie लाइट बिस्कुट के प्रत्येक पैकेट पर 76 ग्राम वजन का उल्लेख किया गया होता है. लेकिन बाद में कोर्ट को पता चला कि बिस्कुट के प्रत्येक पैकेट का वजन केवल 74 ग्राम ही है. इसके बाद ITC ने दलील देते हुए कहा कि कानूनी नियमों के अनुसार पैकेज्ड चीजों के पैकेट में 4.5 ग्राम तक के वजन का फर्क पाया जा सकता है. लेकिन कोर्ट ने इस दलील को भी यह कहते हुए खारिज कर दिया कि ऐसे सिर्फ कुछ एक गिने चुने प्रोडक्ट्स के साथ हो सकता है और यह कानून बिस्कुटों पर लागू नहीं होता है. इसके बाद 29 अगस्त को कोर्ट ने FMCG कंपनी को आदेश दिया था कि वह P Dillibabu को 1 लाख रुपयों का भुगतान करे.
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एक चोर बैंक में चोरी करने के लिए घुसा, लाख कोशिशों के बाद भी चोरी नहीं कर पाया और हार मानते हुए उसने फीडबैक छोड़ दिया.
कभी-कभी हमारे सामने कुछ ऐसी रोचक विडियो और कहानियां आती हैं जिन्हें पढ़कर हमें यकीन नहीं होता कि क्या ऐसा सच में हुआ होगा और हम खुद से ये सवाल पूछते हैं कि ऐसा भी होता है? अब सोचिए कि एक चोर बैंक में चोरी करने के लिए घुसे और चोरी करने कि बजाय फीडबैक छोड़कर चला जाए, तो यकीन नहीं होगा न? ऐसा हमने फिल्मों में या फिर सोशल मीडिया पर वायरल हुई कई विडियोज में देखा ही होगा लेकिन हाल ही में ऐसा सच में हुआ है.
चोर ने छोड़ा फीडबैक
मामला तेलंगाना राज्य की राजधानी हैदराबाद का है. दरअसल हुआ यूं कि यहां स्थित नेन्नल मंडल में एक चोर चोरी करने के लिए घुसा, लाख कोशिशों के बाद भी वह चोरी नहीं कर पाया और हार मानते हुए उसने एक फीडबैक छोड़ दिया जिसमें उसने बैंक के लॉकर की मजबूती की तारीफ की है. बैंक की तारीफ करने के साथ-साथ चोर ने पुलिस से कुछ आग्रह भी किया है. चोर ने पुलिस से आग्रह किया है कि वह उसे न पकड़ें. तेलंगाना के इस बैंक का जब ताला खोला गया तो बैंक के अंदर सब कुछ इधर-उधर फैला पड़ा हुआ था और यह नजारा देखकर बैंक के सभी कर्मचारी घबरा गए. लेकिन कर्मचारियों को हैरानी तब हुई जब उन्होंने सब कुछ सुरक्षित पाया. बैंक में मौजूद कीमती सामान, लॉकर और यहाँ तक की पैसे भी सुरक्षित थे, जिसका मतलब ये था कि बैंक में चोरी तो नहीं हुई थी.
नहीं मिलेंगे फिंगरप्रिंट
इसके बाद बैंक के कर्मचारियों द्वारा पुलिस को सूचना दी गई और पुलिस ने जानकारी के अनुसार बैंक में जांच के लिए अपनी दो टीमें रवाना कीं. पुलिस की टीमें अभी जांच कर ही रही थीं कि उन्हें एक अखबार मिला जिसमें एक नोट लिखा हुआ था. इस नोट में चोर ने लिखा था कि मेरे फिंगरप्रिंट आपको वहां नहीं मिलेंगे, बैंक काफी अच्छा और सुरक्षित है, एक रूपया भी नहीं मिला, इसलिए मुझे मत पकड़ना. बैंक प्रंबधन ने यह नोट पुलिस को दिखाया और इस वक्त सोशल मीडिया पर यह नोट जमकर वायरल हो रहा है.
CCTV में दर्ज हुई हरकत
इसके बाद बैंक के अधिकारियों और पुलिस ने मिलकर सुनिश्चित किया कि लॉकर सुरक्षित हैं या नहीं और उधर चोर CCTV कैमरा में कैद हो गया. पुलिस ने जब CCTV फुटेज चेक की तो उन्हें चोर के अन्दर अआने और बैंक के अन्दर की उसकी हरकतें विडियो फॉर्मेट में मिल गईं लेकिन चोर के चेहरे पर नकाब था और चोर दीवार तोड़कर बैंक के अन्दर घुसा था. चोर ने हर संभव प्रयास किया लेकिन उसे एक रुपया भी प्राप्त न हो सका.
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