भारत का पहला सोलर मिशन Aditya L1 हुआ लॉन्च, पढ़िए पूरी जानकारी

ISRO का आदित्य L1 (Aditya L1) मिशन सूर्य से संबंधित है और आज 2 सितंबर 2023 को इस मिशन को लॉन्च किया जा चुका है.

Last Modified:
Saturday, 02 September, 2023
Aditya L-1

हाल ही में भारत के चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) मिशन ने चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी, जिसके बाद चंद्रमा के दक्षिणी पोल पर लैंड करने वाला भारत पहला देश बन गया. जब देश भर में चंद्रयान 3 की सफलता का जश्न मनाया जा रहा था तब देशवासियों की नजरें, भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO के अगले मिशन पर भी टिकी हुई थी. आज ISRO का यह मिशन लॉन्च हो चुका है और इसे आदित्य L1 (Aditya L1) नाम दिया गया है. 

लॉन्च हुआ Aditya L1

भारत के लिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से बहुत ही शानदार खबर आ रही है. सूर्य को स्टडी करने के लिए भारत द्वारा अपना पहला सोलर मिशन, आदित्य L1 (Aditya L1) लॉन्च किया जा चुका है. इस मिशन को PSLV-C57 रॉकेट की मदद से लॉन्च किया गया है और इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लांच किया जा चुका है. इस स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी और सूर्य के बीच मौजूद लंग्रंगियन पॉइंट (Langrangian Point) पर स्थिर किया जाएगा, जो सूर्य से 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर स्थित है. 

Aditya L1 को कैसे मिला इसका नाम?
भारत हिंदी भाषी देश है और हिंदी में सूरज या सूर्य का एक पर्यायवाची आदित्य भी होता है. भारतीय स्पेस रिसर्च संस्था (ISRO) का यह मिशन सूर्य से संबंधित है और आज यानी 2 सितंबर 2023 को यह मिशन लॉन्च किया गया है. ISRO का यह मिशन असल में एक सोलर ऑब्जर्वेटरी क्लास मिशन है और भारत के भविष्य में आने वाले स्पेस मिशनों में इसका महत्त्व अत्यंत गंभीर है. ISRO द्वारा इस स्पेसक्राफ्ट को सूरज से 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थिर किया जाएगा और यह स्पेसक्राफ्ट इस पॉइंट पर रहकर सूर्य का निरिक्षण करेगा. इस पॉइंट को लंग्रंगियन पॉइंट (Langrangian Point) के नाम से जाना जाता है और इसके आधार पर ही ISRO ने अपने मिशन को Aditya L1 नाम दिया है. इस मिशन को आज सुबह 11:50 मिनट पर श्रीहरिकोटा से लॉन्च कर दिया गया है.

Aditya L1 का महत्त्व
अभी तक ISRO द्वारा 2023 में 6 मिशन लॉन्च किए जा चुके हैं. आदित्य L1 के लिए PSLV रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है. भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO की तरफ से यह पहला ऑब्जर्वेटरी क्लास मिशन है. आपको बता दें कि ऑब्जर्वेटरी क्लास में ऐसे मिशनों को रखा जाता है जिनका मकसद सिर्फ और सिर्फ किसी गृह को स्टडी करना होता है. इस स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी और सूर्य के बीच मौजूद हेलो ऑब्जर्वेटरी में स्थिर किया जाएगा और इस जगह पर रहने की वजह से सूर्य ग्रहण के दौरान भी सूर्य पर नजर रखी जाएगी. ISS (अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन) के पूर्व कमांडर Chris Hadfield ने भारत की तकनीकी शक्ति को नमन किया है और साथ ही यह भी कहा है कि पृथ्वी पर मौजूद सभी लोगों की नजर भारत के इस मिशन और भारतीय तकनीक पर होगी.
 

यह भी पढ़ें: Adani के संकटमोचक का इस बैंक पर आया दिल, खरीद डाले करोड़ों शेयर


अरब में जन्म लेने वाला है London से 17 गुना बड़ा शहर

पिछले कुछ सालों में सऊदी अरब में काफी बदलाव हुए हैं और अब वो एक और बड़ा काम करने जा रहा है.

Last Modified:
Friday, 03 May, 2024
BWHindia

अपने रेगिस्तान के लिए मशहूर सऊदी अरब (Saudi Arabia) कुछ बड़ा करने जा रहा है. कुछ ऐसा, जिससे वहां पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या में जबरदस्त इजाफा देखने को मिल सकता है. पिछले कुछ सालों में इस अरब देश में कई बदलाव हुए हैं. रेगिस्तान का सीना चीरकर लंबी-लंबी सड़कें बनाई गई हैं. टापुओं पर शानदार शहर बसाए गए हैं, तो पाम आइलैंड जैसे नए टापुओं का निर्माण भी किया गया है. अब सऊदी एक और बड़ी योजना पर काम कर रहा है. 

इतनी आई है लागत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सऊदी अरब सैलानियों के लिए एक ऐसा शहर बसाने जा रहा है, जो लंदन से 17 गुना बड़ा होगा. सऊदी अरब 500 अरब डॉलर की लागत से तैयार निओम मेगासिटी का पहला हिस्सा जल्द सैलानियों के लिए खोल सकता है. माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक ऐसा किया जा सकता है. यहां आए टूरिस्ट सिंदलाह में तैयार किए जा रहे आइलैंड रिसॉर्ट का अनुभव कर सकेंगे और भव्य होटलों में ठहर पाएंगे. इससे उनका सऊदी का सफर हमेशा के लिए यादगार बन जाएगा.

क्राउन प्रिंस का ड्रीम प्रोजेक्ट
बताया जाता है कि 500 बिलियन डॉलर की निओम मेगासिटी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में शुमार है. यह प्रोजेक्ट क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के मिडिल ईस्ट के सबसे महत्वाकांक्षी मेगा सिटी डेवलपमेंट में से एक है. इस मेगा सिटी को लाल सागर के खास दरवाजे के रूप में पेश किया गया है. सिंदलाह प्रोजेक्ट की शुरुआत 2017 में क्राउन प्रिंस ने की थी. एक रिपोर्ट बताती है कि पूरी तरह तैयार होने के बाद यह स्मार्ट सिटी 26,500 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैल जाएगी, जो ब्रिटेन के शहर लंदन के आकार का लगभग 17 गुना है.

मिलेंगी तमाम सुविधाएं
सिंदलाह को इस साल के अंत तक जनता के लिए खोला जाएगा. यहां लोगों को कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. यहां एक बेहद शानदार और चमकदार रिसॉर्ट में बीच क्लब, यॉट क्लब, स्पा और वेलनेस सेंटर होंगे. साथ ही 51 लग्जरी रिटेल आउटलेट, 400 से अधिक कमरे और 300 सुइट्स वाले तीन भव्य होटल भी होंगे. सऊदी प्रशासन का मानना है कि इसके पूरी तरह से खुलने के बाद सऊदी आने वाले सैलानियों की संख्या में इजाफा होगा. साथ ही उनका सऊदी घूमने का अनुभव भी पहले से कई गुना बेहतर हो जाएगा.


पूरी फिल्मी है मौत के 3 साल बाद लौटे इस अरबपति की कहानी, सामने आया गर्लफ्रेंड का एंगल

जर्मनी मुख्यालय वाले Tengelmann Group की कमान संभालने वाले कार्ल-एरिवान हाउब को 2021 में मृत घोषित किया गया था.

Last Modified:
Saturday, 20 April, 2024
Photo Credit: IBTimes Singapore

एक अरबपति कारोबारी जिसे पूरी दुनिया मरा मान चुकी थी, उसके जिंदा होने का राज जब खुला तो हर कोई हैरान रह गया. अमेरिकी मूल के जर्मन कारोबारी कार्ल-एरिवान हाउब (Karl-Erivan Haub) को रूस में देखा गया है. कार्ल वहां सबसे छिपकर अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रह रहे हैं. अरबपति कार्ल-एरिवान हाउब 2018 में अचानक गायब हो गए थे. एक अदालत ने उन्हें 2021 में मृत घोषित कर दिया था. लेकिन अब उनके जिंदा होने की खबर सामने आई है.  

ऐसे हो गए थे गायब
58 साल के हाउब जब लापता हुए थे, तब वह स्विट्जरलैंड में थे. यहां उन्हें Ski Mountaineering Race में शामिल होना था. हालांकि, वो स्विट्जरलैंड  से कभी वापस नहीं लौटे. इसके बाद स्विट्जरलैंड और जर्मनी सरकार ने उन्हें खोजने के लिए बड़ा तलाशी अभियान शुरू किया. हाउब का पता लगाने के लिए पांच हेलीकॉप्टरों ने 6 दिन तक सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. इसके अब्द उन्हें अदालत ने मृत घोषित कर दिया. कोई सोच भी नहीं सख्त कि वो इस तरह सबके सामने आएंगे. 

Tengelmann Group के प्रमुख 
लापता होने से पहले हाउब दिग्‍गज रिटेल समूह टेंजेलमैन ग्रुप (Tengelmann Group) के प्रमुख थेम जिसके दुनियाभर में 75 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं. टेंजेलमैन ग्रुप को फिलहाल कार्ल-एरिवान हाउब के भाई क्रिस्चियन चला रहे हैं. हाउब के दो बच्चे भी हैं. उन्हें खोजने के तमाम प्रयासों के असफल होने के बाद 2021 में कोर्ट ने ही मृत घोषित कर दिया था. सब यही मानकर चल रहे थे कि शायद हाउब किसी दुर्घटना का शिकार हो गए. मगर एक बार फिर उन्होंने सबको चौंका दिया है. कार्ल-एरिवान हाउब की नेटवर्थ 5.2 बिलियन पाउंड है. 

ऐसे खुला कार्ल का राज
जांच के बाद पता चला कि अरबपति कारोबारी हाउब इस समय रूस की राजधानी मॉस्को में हैं. वह एर्मिलोवा नामक महिला के साथ रह रहे हैं. जांच में यह भी सामने आया है कि जिस दिन कार्ल गायब हुए थे, उस दिन उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड एर्मिलोवा को 13 बार फोन किया था. दोनों की करीब एक घंटे तक फोन पर बात भी हुई थी. एर्मिलोवा सेंट पीटर्सबर्ग की एक इवेंट एजेंसी में ऑपरेटर के रूप में काम करती हैं. शक है कि उनका रूस की FSB सिक्‍योरिटी सर्विस से रिश्ता है. जांच में हाउब और एर्मिलोवा के बीच करीबी रिश्‍ते सामने आए हैं.  


नीतीश का मोबाइल ज्ञान आपको कर देगा हैरान, बोले - दुनिया खत्म हो जाएगी

मोबाइल से दूर रहते हैं बिहार के CM नीतीश कुमार, वजह जान आप पकड़ लेंगे सिर

Last Modified:
Saturday, 20 April, 2024
file photo

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का मानना है कि मोबाइल से धरती खत्म हो सकती है. लोकसभा चुनाव के बांका में प्रचार के लिए पहुंचे नीतीश ने कहा कि मोबाइल देखना छोड़ देना चाहिए, क्योंकि इसके कारण सौ साल में धरती खत्म हो जाएगी. दरअसल, प्रचार कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार की नजर मोबाइल चला रहे राज्यसभा सांसद संजय झा पर गई, इसके बाद उन्होंने मोबाइल को लेकर बोलना शुरू कर दिया. CM ने कहा झा की ओर इशारा करते हुए कहा कि देखिए ये भी हमेशा अपना मोबाइल देखते रहते हैं, पहले नहीं देखते थे, अब खूब देखते हैं.  

इसलिए छोड़ दिया देखना
नीतीश कुमार ने मोबाइल से दूरी बनाने की वजह भी बताई. उन्होंने कहा कि मैं तो यह बात पहले भी बता चुका हूं, लेकिन इस बात को समझिए कि मोबाइल के कारण 100 साल में धरती खत्म हो जाएगी. पहले तो हम भी खूब देखते थे, 2019 में हमको पता चला कि सौ साल के अंदर धरती खत्म हो जाएगी, तब से हमने इसे देखना बंद कर दिया है. हालांकि, बाद में उन्होंने हंसते कहा कि मैं मजाक कर रहा हूं, लेकिन क्या कीजिएगा. जब पॉपुलर है तो आजकल देखिएगा ही. 

अभी नहीं होगा...बाद में होगा
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पहले तो हम भी खूब देखते थे, लेकिन हमको लगा कि ये तो खराब चीज है, तो छोड़ दिए. हम सबको बोलते रहते हैं, लेकिन हमारी बात लोग सुनते नहीं है. खैर ठीक है, अभी उम्र ही ऐसी है. अभी उसके चलते कुछ नहीं होना है, लेकिन बाद में होगा. इसमें कोई दोराय नहीं है कि आजकल मोबाइल का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ गया है. लोगों का स्क्रीन टाइम पिछले कुछ वक्त से तेजी से बढ़ रहा है. इसकी वजह से कई तरह के दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं. हालांकि, मोबाइल से धरती खत्म होने का नीतीश कुमार का लॉजिक कुछ अलग ही है.  

इस तरह बीमार बन रहे लोग
वहीं, मोबाइल के अत्यधिक इस्तेमाल से बीमारियों की बात करें, तो एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्मार्टफोन पर पोस्ट को देखते और स्क्रॉल करते वक्त सिर और गर्दन को झुकाकर रखना सेहत के लिए नुकसानदायक है. ऐसा करने से गर्दन पर काफी प्रेशर पड़ता है. इससे गर्दन की मांसपेशियों में सूजन और जलन होने लगती है. इस अवस्था को टेक्स्ट नेक कहते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) हद से ज्यादा ऑनलाइन गेम खेलने को भी एक मानसिक बीमारी के रूप में स्वीकार कर चुका है. गेम खेलने वाले करीब 10 प्रतिशत लोग गेमिंग डिसऑर्डर से पीड़ित होते हैं. मोबाइल की लत लोगों में इस कदर बढ़ गई है कि एक सर्वे के मुताबिक 53 प्रतिशत लोग मोबाइल फोन इस्तेमाल न करने पर बेचैन होने लगते हैं. इसके चलते उन्हें पैनिक अटैक भी आ सकता है.
 


रामनवमी पर उस बैंक की बात, जहां मिलता है राम नाम का लोन, ऐसे खुलता है अकाउंट

97 साल पुराने इस बैंक में लेनदेन का सारा काम भगवान राम के नाम पर ही होता है. रामनवमी से 10 दिनों तक इस बैंक में भक्त राम नाम के इस जमा पूंजी का दर्शन करने आते हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 17 April, 2024
Last Modified:
Wednesday, 17 April, 2024
ram

कहते हैं राम का नाम सारे बिगड़े काम बना देता है और इस नाम का स्मरण करने मात्र से सारे कष्ट मिट जाते हैं, आज राम नवमी के मौके पर आपको वाराणासी के अनोखे बैंक के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी कार्य प्रणाली तो बिलकुल किसी साधारण बैंक की ही तरह है. लेकिन इस अनोखे बैंक में राम नाम का लोन दिया जाता है. राम रमापति बैंक में पूरे साल यह लोन दिया जाता है. इसके लिए बैंक की ओर से कुछ नियम भी तय किए गए हैं. भक्त अपने मनचाहे मुरादों को पूरा करने के लिए इस बैंक से राम नाम का लोन ले सकते हैं. लेकिन, 250 दिनों में पैसा लौटाना होता है.

भक्तों को मिलता है राम नाम का लोन

राम रमापति बैंक लोन प्रदान करता है, जिसे कागज पर भगवान राम का नाम लिखकर चुकाया जाता है. बैंक तीन प्रकार के लोन प्रदान करता है. जाप लोन, मंत्र लोन और राम नाम लोन. राम नाम लोन सबसे लोकप्रिय है और उधारकर्ताओं को इसे आठ महीने और दस दिनों के भीतर भगवान राम के नाम को 1,25,000 बार कागज पर लिखकर और बैंक के पास जमा के रूप में रखकर चुकाना होता है. बैंक कोई मौद्रिक जमा नहीं मांगता है. लोगों के राम रमापति बैंक से लोन लेने के दो उद्देश्य होते है, पहला आध्यात्मिक आवश्यकता को पूरा करना और दूसरा, राम भक्ति को बढ़ावा देना. बैंक हर दिन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहता है.

बैंक में अकाउंट खोलने की शर्तें

राम रमापति बैंक में देश-विदेश के लाखों भक्तों के हाथों से लिखे 19 अरब 45 करोड़ 35 लाख 25 हजार श्री रामनाम जमा हैं. लगभग 2 सालों में इस बैंक के अस्तित्व के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे. लगभग अपने 100 वर्ष के कार्य खंड में इस बैंक में 1.50 लाख से अधिक लोगों ने अपना खाता खोला है. इस बैंक में खाता खोलने के लिए कुछ शर्तों का पालन करना होता है जैसे, भक्त केवल सुबह 4 बजे से 7 बजे तक ही भगवान राम का नाम लिख सकते है और नाम ठीक 1.25 लाख बार लिखा जाना चाहिए. यह कार्य आठ महीने और दस दिनों के भीतर पूरा होना चाहिए.

काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित है बैंक

इस बैंक का संचालन सरकार नहीं, बल्कि भगवान राम के भक्त ही करते हैं. वाराणसी में विश्वनाथ मंदिर के करीब दुनिया का ये सबसे अनोखा बैंक स्थित है. बैंक का संचालन करने वाले आकाश मल्होत्रा ने बताया कि हर साल भक्तों की आस्था और विश्वास के कारण इस बैंक में रामनाम की पूंजी बढ़ती जा रही है.

97 साल पहले हुई थी बैंक की स्थापना

97 साल पहले राम रमापति बैंक की स्थापना दास छन्नू लाल ने हिमालय निवासी बाबा सतरामदास की प्रेरणा से इसे लोगों के कष्ठ और दुखों को दूर करने के लिए जनकल्याण के लिए शुरू किया था. कम समय में ही यह बैंक पूरे विश्व में एक अलग पहचान बन चुका है. इस अनुष्ठान को पूरा करने के लिए बैंक की तरफ से ही सादा कागज, कलम और दवात दी जाती है. इन सारी चीजों का प्रयोग करके ही सुबह सूर्य उदय से पहले इस अनुष्ठान को शुरू करना होता है.
 


बच्चे की फीस ने उड़ाए होश, पिता ने कहा - इतने में तो मेरी पूरी पढ़ाई हो गई

प्ले स्कूल, वह शुरुआती पाठशाल होती है जहां बच्चे खेलना, पढ़ना और बैठना सीखते हैं. ऐसे स्कूल की इतनी फीस किसी को भी हैरान कर सकती है.

Last Modified:
Saturday, 13 April, 2024
Play School

देश में आय दिन पढ़ाई के खर्चे में बढ़ोतरी देखने को मिलती रहती है. हालांकि, इसके बावजूद भी माता-पिता अपने बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए वैसे सारे खर्च उठाने को तैयार रहते हैं. उनका सपना होता है कि पैसे कितने भी लगे बस उनके बच्चे कामयाब हो जाएं. इस दौरान कुछ ऐसे भी पैरेंट्स होते हैं,जो महंगी फीस देने में असमर्थ होते हैं. इसी बीच दिल्ली से एक हैरान कर देने वाला फीस का मामला सामने आया है. एक पिता ने अपने बच्चे को प्लेस्कूल में एडमिशन कराया है और उसकी उन्होंने फीस 4.3 लाख रुपये जमा की है. प्लेस्कूल की फीस की रसीद को उन्होंने सोशल मीडिया एक्स(X) पर शेयर किया है, जिसके बाद ये तस्वीर वायरल हो रही है.

सोशल मीडिया पर शेयर की अपनी पीड़ा

परेशान अभिभावक ने प्लेस्कूल की फीस की रसीद को सोशल मीडिया एक्स(X) पर शेयर करते हुए कहा कि छोटे-से बेटे की पढ़ाई पर खर्च हुई यह रकम उनकी पूरी स्कूली शिक्षा से ज्यादा है. यानी प्ले स्कूल में बच्चे की पढ़ाई पर एक साल में 4 लाख रुपये खर्च हुए उससे कम रकम में पिता की पूरी स्कूली पढ़ाई हो गई.

 

प्ले स्कूल में खेलने के लिए 4 लाख फीस

पिता आकाश कुमार द्वारा शेयर की गई तस्वीर में स्कूल का रजिस्ट्रेशन चार्ज और एनुअल फीस के अलावा, अन्य फीस का ब्रेकअप दिया गया. इस फीस ब्रेकअप के अनुसार, स्कूल ने रजिस्ट्रेशन शुल्क 10,000 रुपये, 25,000 रुपये का वार्षिक शुल्क, चार तिमाही अवधि के लिए 98,750 रुपये फीस का भुगतान करने को कहा गया. फीस की कुल राशि 4.3 लाख रुपये रही. आकाश कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि इतनी फीस देने के बाद मेरा बेटा प्ले स्कूल में गेम खेलना सीखेगा.

वायरल पोस्ट पर लोगों ने दिया ऐसा रिएक्शन

आकाश कुमार के पोस्ट पर कई यूजर्स ने रिएक्शन दिया. हजारों लोगों ने इतने महंगे संस्थानों में प्रवेश लेने के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया. एक यूजर ने लिखा, क्यों डालना है ऐसे स्कूल में बच्चों को? शिक्षा कितनी अलग है? क्या फीस किसी अच्छी शिक्षा या पालन-पोषण की गारंटी देती है? यदि नहीं, तो क्या आप सिर्फ सुविधाओं के लिए भुगतान कर रहे हैं?, एक अन्य यूजर ने लिखा, सवाल यह है कि माता-पिता इन संस्थानों को क्यों चुनते हैं.

पहले भी आ चुके हैं कई मामले

हालाँकि, यह पहला मामला नहीं है जब किसी व्यक्ति को अपने बच्चे की शिक्षा के लिए इतनी बड़ी रकम खर्च करनी पड़ी हो. गुड़गांव के एक व्यक्ति ने हाल ही में बताया था कि वह अपने क्लास 3 में अपने बेटे की फीस के तौर पर प्रति माह 30,000 रुपये का भुगतान कर रहा. उसने अनुमान लगाया कि जब वह कक्षा 12 में पहुंचेगा तो यह राशि प्रति वर्ष 9 लाख रुपये तक पहुंच सकती है.
 


इस रियल Kerala Story में ऐसा क्या है, जो आम से लेकर खास तक हर कोई कर रहा तारीफ

सउदी अरब में केरल के एक व्यक्ति की जान बचाने के लिए राज्य के लोगों ने करोड़ों रुपये का चंदा जमा किया है. इस एकजुटता को देखते हुए केरल के मुख्यमंत्री ने जनता के प्रति आभार प्रकट किया है.

Last Modified:
Saturday, 13 April, 2024
Kerala Story

सऊदी अरब (Saudi Arabia) में मृत्युदंड की सजा पाने वाले कोझिकोड के एक व्यक्ति अब्दुल रहीम को बचाने के लिए केरल के लोगों ने कामलकर दिखाया है. रहीम को जेल से रिहा कराने और मृत्युदंड से बचाने के लिए लोगों ने चंदा जमा करके 34 करोड़ रुपये जुटाए हैं. रहीम को सजा से बचने के लिए 18 अप्रैल से पहले ब्लड मनी के तौर पर करीब 34 करोड़ रुपये का भुगतान करना है. आपको बता दें, ब्लड मनी का मतलब सजा से बचने के लिए पीड़ित परिवार को धन का भुगतान करना होता है. केरल के लोगों की इस मानवता और एकजुटता के प्रति राज्य के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने भी आभार प्रकट किया  है.   

18 सालों से जेल में बंद है रहीम 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रहीम 18 साल से सउदी अरब की जेल में बद है. उस पर साल 2006 में सऊदी में एक लड़के की हत्या का आरोप है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अबदुल रहीम को सऊदी अरब में 2006 में एक दिव्यांग लड़के की दुर्घटनावश मौत के बाद जेल में डाल दिया गया था, अब्दुल उस लड़के की देखभाल करता था. रहीम के परिवार का कहना है कि उस लड़के की मौत एक दुर्घटना थी, उसमे रहीम की कोई गलती नहीं थी और वह बेकसूर है, लेकिन उस लड़के के परिजनों ने रहीम को माफी देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद 2018 में रहीम को साऊदी अरब की कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी. रहीम की ओर से पेश एक्शन कमेटी की याचिका को सउदी अरहब की शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया था. लेकिन बाद में परिवार रहीम को ब्लड मनी देने शर्त पर माफ करने को सहमत हो गया. ऐसे में अब केरल के लोगों को मानवता की मिसाल देते हुए रहीम की रिहाई के लिए फंड जुटा लिया है.

मुख्यमंत्री ने जताया केरल की जनता का आभार
राज्य के लोगों की भावना की तारीफ करते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने कहा कि यह करुणा और सच्चाई की 'रियल केरल स्टोरी' है. उन्होंने कहा कि केरल को निशाना बनाने वाले नफरती अभियानों के बीच मलयाली लोगों की भावना उठ खड़ी हुई है. विजयन ने कहा कि सऊदी अरब में मौत की सजा का सामना कर रहे एक व्यक्ति अब्दुल रहीम की कहानी इसी प्रतिरोध का प्रतीक है. उसकी रिहाई के लिए 34 करोड़ करोड़ रुपये जुटाकर केरल के लोगों ने मानवता की मिसाल पेश की है. उन्होंने कहा कि इस मानवीय काम के लिए हाथ बंटाने वाले सभी लोगों का वह आभार व्यक्त करते हैं. एकजुट रहकर हम करुणा और सच्चाई की रियल केरल स्टोरी को साझा करना जारी रखेंगे. मुख्यमंत्री ने अपने एक्स हैंडल पर भी एक पोस्ट शेयर अब्दुल रहीम के लिए फंड इकट्ठा करने पर लोगों का आभार व्यक्त किया है.  

 

इसे भी पढ़ें-IPL 2024: दिग्गज खिलाड़ियों को पछाड़ DC के कप्तान ने तोड़ा ये रिकॉर्ड, कमाई में भी तेज

 


UP के इस शख्स ने कार को बना दिया हेलीकॉप्टर, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट

यूपी के अंबेडकर नगर इलाके में एक शख्स ने अपनी कार को हेलीकॉप्टर बनाने में लाखों रुपये खर्च कर दिए. हालांकि पुलिस ने ये मोडिफाइड कार कॉप्टर जब्त करके शख्स पर जुर्माना लगा दिया है.  

Last Modified:
Saturday, 23 March, 2024
Car Copter

ऐसा कहा जाता है कि भारत देश में जुगाड़ू और क्रिएटिव लोगों की कोई कमी नहीं है. लोग अपने व्हीकल को अनोखा बनाने के लिए किसी भी हद तक गुजर जाते हैं, लेकिन यूपी में एक बहुत ही अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक शख्श ने अपनी कार को हेलीकॉप्टर में बदलने के लिए लाखों रुपये खर्च कर दिए. इस कार हेलीकॉप्टर (कारकॉप्टर) की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है. वहीं, पुलिस ने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत शख्स का चालान भी काटा है.

इस व्यक्ति ने कार को हेलीकॉप्टर में बदला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूपी के अंबेडकर नगर स्थित खजूरी बाजार में रहने वाले ईश्वर दीन ने अपनी कार को हेलीकॉप्टर में बदलने के लिए 2.5 लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर दिए. ईश्वर की मॉडिफाइड कार में पीछे की तरफ एक हेलीकॉप्टर का टेल रोटर लगा हुआ है,  जिसकी वजह से वह एक हेलीकॉप्टर की तरह दिख रही थी.

सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही पोस्ट

अंबेडकर नगर पुलिस स्टेशन के बाहर खड़े उनके अनोखे क्रिएशन कार कॉप्टर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है, जिस पर यूजर्स बड़ी तादाद में कमेंट भी कर रहे हैं. लोग फेसबुक, एक्स आदि प्लेटफॉर्म पर कार कॉप्टर की वीडियो और फोट शेयर करके लिख रहे हैं कि भारत में जुगाड़ की कोई सीमा नहीं है. ट्विटर पर @PaapiPunyatma यूजर ने यह पोस्ट शेयर की है और मजाक बनाते हुए लिखा है कि जुगाड़ की कोई सीमा नहीं है और लिखा है कि इस कारकॉप्टर बनाने वाले आदमी के टैलेंट की कोई पूछ नहीं है. इस पोस्ट पर लोगों से खूब कमेंट किए हैं.  

'कार कॉप्टर' पर  लगा इतना जुर्माना
ईश्वर अपनी 'कार कॉप्टर' को पेंट कराने के लिए एक वर्कशॉप की ओर जा रहे थे, तभी एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी की नजर उनके इस अनोखे क्रिएशन पर पड़ी और उसने अनऑथराइज्ड मॉडिफिकेशन के लिए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत उन पर 2000 रुपये का जुर्माना लगा दिया. उनके व्हीकल को पुलिस ने जब्त कर लिया और बाद में जुर्माना देने पर छोड़ दिया.

शख्स ने ये दी सफाई

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ईश्वर ने बताया है कि उसने  शादी के मौसम के दौरान ज्यादा बुकिंग पाने के लिए अपनी कार को ये अनोखा रूप दिया, जिससे ज्यादा कमाई हो सके. उन्होंने पुलिस को अपनी सफाई देते हुए कहा कि उनका ये अनोखा 'रथ' केवल शादियों के मौसम में इस्तेमाल करने लिए लिए बनाया गया था न कि सड़कों पर नियमित तौर पर चलाने के लिए बनाया था. 


बोनस हुआ पुरानी बात, इस कंपनी ने कर्मचारियों के नाम कर दी इतने % हिस्सेदारी 

एक टेक्नोलॉजी फर्म ने अपने कर्मचारियों के नाम कुछ हिस्सेदारी करने के साथ ही लंबे समय से कंपनी के साथ जुड़े हुए कर्मचारियों को कार देने का भी ऐलान किया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 03 January, 2024
Last Modified:
Wednesday, 03 January, 2024
file photo

ऐसे वक्त में जब कंपनियां कॉस्ट कटिंग के नाम पर कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही हैं या फिर सैलरी बढ़ाने में कंजूसी कर रही हैं, टेक्नोलॉजी फर्म आइडियाज 2आईटी (Ideas2IT Technologies) ने एक अभूतपूर्व उदाहरण पेश किया है. करीब 100 मिलियन डॉलर के स्वामित्व वाली इस कंपनी ने 33% हिस्सेदारी कर्मचारियों को हस्तांतरित करने की घोषणा की है. इसके अलावा भी कंपनी ने बहुत कुछ ऐसा किया है, जिससे कर्मचारियों के चेहरे खिल गए हैं. 

50 कर्मचारियों को मिलेंगी कार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Ideas2IT Technologies ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए घोषणा की है कि 100 मिलियन डॉलर की कंपनी के स्वामित्व का 33% हिस्सा उसके कर्मचारियों को हस्तांतरित किया जाएगा. कंपनी की 33% हिस्सेदारी में से 5% चालीस ऐसे चुनिंदा कर्मचारियों को दिया जाएगा, जो इसकी स्थापना के बाद से फर्म के साथ हैं. जबकि, शेष 700 अन्य कर्मियों के बीच वितरित किए जाएंगे. इसके अलावा, कंपनी उन 50 कर्मचारियों को कारें भी दे रही है, जिन्होंने फर्म में पांच साल से अधिक समय पूरा कर लिया है.

ये भी पढ़ें - बच्चे की नोटबुक से पन्ना मांगकर CFO ने लिखा इस्तीफा, सोशल मीडिया पर हुआ वायरल!

2009 में हुई थी स्थापना
आइडियाज2आईटी के संस्थापक मुरली विवेकानंदन का कहना है कि 2009 में शुरू हुई हमारी कंपनी अब 100 मिलियन डॉलर की कंपनी बन गई है और हम अपनी खुशी कर्मचारियों के साथ साझा करना चाहते हैं. यह हमारे वेल्थ-शेयरिंग इनिशिएटिव का हिस्सा है. हमारे भारत, अमेरिका और मैक्सिको में कुल 750 कर्मचारी हैं. हमारा यह प्रयास एक मजबूत सहयोगी कॉर्पोरेट संस्कृति निर्मित करने में मददगार होगा. मुरली विवेकानंदन इससे पहले, सन, ओरेकल और गूगल सहित अन्य कंपनियों में काम कर चुके हैं.

चुन सकेंगे मनपसंद कार 
कंपनी के अनुसार, यह 'कर्मचारी स्वामित्व कार्यक्रम' (Employee Ownership Programme) कर्मचारियों को मूल्यवान हितधारक बनाएगा, जिससे उनके हित सीधे कंपनी की दीर्घकालिक सफलता के साथ जुड़ जाएंगे. रिपोर्ट्स में बताया गया है कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वह 8-15 लाख रुपए की कीमत वाली मारुति सुजुकी की अपनी पसंदीदा कार चुन सकते हैं. कार पूरी तरह से संबंधित कर्मचारी के नाम पर पंजीकृत की जाएगी, इसमें कोई शर्त नहीं होगी और कर्मचारी को किसी भी तरह का खर्चा नहीं करना होगा. फर्म का कहना है कि इस बार केवल 50 कारें ही दी जा रही हैं, क्योंकि 100 कारें ऐसे कर्मचारियों को पहले ही दी जा चुकी हैं, जिन्होंने 2022 तक कंपनी में 5 साल पूरे कर लिए थे.
 


बच्चे की नोटबुक से पन्ना मांगकर CFO ने लिखा इस्तीफा, सोशल मीडिया पर हुआ वायरल!

अपने अनोखेपन की वजह से रिंकू पटेल का इस्तीफा फिलहाल सोशल मीडिया पर काफी चर्चित हो रहा है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Friday, 22 December, 2023
Last Modified:
Friday, 22 December, 2023
Rinku patel resignation letter

वैसे तो जब भी किसी नामी कंपनी में महत्त्वपूर्ण पद पर बैठा कोई व्यक्ति इस्तीफा देता है तो बिजनेस जगत में यह एक जरूरी खबर बन जाती है, लेकिन फिलहाल सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति का इस्तीफा पत्र काफी सुर्खियां बटोर रहा है और इसकी वजह जानकार आप हैरान रह जायेंगे. यह पत्र किसी ई-मेल या फिर एक आधिकारिक पत्र नहीं है बल्कि यह पत्र नोटबुक के एक पन्ने पर लिखा गया है. 

लोगों को नहीं हो रहा विश्वास
दरअसल हम यहां बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्टेड एक कंपनी के पूर्व चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO), रिंकू पटेल के इस्तीफे के पत्र के बारे में बात कर रहे हैं. अपने अनोखेपन की वजह से रिंकू पटेल का इस्तीफा फिलहाल सोशल मीडिया पर काफी चर्चित हो रहा है. इन्टरनेट और ई-मेल से भरे जमाने में रिंकू ने हाथ से लिखकर अपना इस्तीफा मितिशी इंडिया (Mitishi India) को सौंपा है और लोगों को अभी भी विश्वास नहीं हो पा रहा है कि आज के समय में ऐसा भी हो सकता है. आपको बता दें कि रिंकू पटेल, मितिशी इंडिया में चीफ फाइनेंशियल अफसर के पद पर तैनात थे और उन्होंने नोटबुक के पन्ने पर हाथ से लिखकर अपना इस्तीफा पेश किया है. 

क्यों इतना खास है यह पत्र?
इस्तीफे के पत्र का यहां हाथ से लिखा होना भी लोगों को उतना नहीं चौंका रहा जितना कि ये बात कि आखिर यह पत्र किस चीज पर लिखा गया है. आमतौर पर आधिकारिक पत्र हमें ए4 साइज के प्लेन कागज पर लिखे हुए देखने को मिलते हैं लेकिन रिंकू पटेल का इस्तीफा लाइन वाले एक पन्ने पर लिखा गया है और उससे भी कमाल की बात ये है कि यह इस्तीफा जिस पन्ने पर लिखा गया है वह बच्चों की नोटबुक का पन्ना ही मालूम होता है. इस पत्र पर 15 नवंबर की  तारिख अंकित है और इस पत्र में रिंकू ने कहा है कि वह निजी कारणों की वजह से कंपनी के CFO के पद से फौरन इस्तीफा देना चाहते हैं. इस पत्र की एक कॉपी 21 दिसंबर को BSE की आधिकारिक वेबसाइट पर साझा की गई थी और वहीं से इसने सोशल मीडिया तक अपनी जगह बनाई है. 

कैसे वायरल हुआ पत्र?
इस पत्र को मीडिया के एक सदस्य के द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया गया था और यह पत्र यहीं से वायरल हो गया. पत्र की एक फोटो साझा करते हुए शख्स ने लिखा कि इस CFO ने अपने बच्चे की रफ नोटबुक से एक पन्ना उधार मांगकर उस पर अपना इस्तीफा लिख दिया और उसे BSE लिस्टेड कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइट पर साझा कर दिया. कुछ यूजर्स ने इस फोटो पर चुटकी लेते हुए कहा कि ‘वैसे हैंडराइटिंग अच्छी है और लगता है कि खुद बच्चे ने ही यह पत्र लिखा है. एक अन्य यूजर ने कहा कि 20 करोड़ की मिड-कैप अंपनी है और मेरे पड़ोसी ऐसे घरों में रहते हैं जो इससे महंगे हैं तो शायद रफ नोटबुक के पन्ने वाली बात सही है.
 

यह भी पढ़ें: इस तरह से हर महीने इन्वेस्ट करें 1000 रुपए और पाएं 34 लाख का रिटर्न!


हजारों फीट की ऊंचाई पर पति-पत्नी में हुई लड़ाई, विमान की करानी पड़ गई इमरजेंसी लैंडिंग

विमान में सवार अन्य यात्री और क्रू सदस्यों ने पति-पत्नी को समझाने की लाख कोशिश की, लेकिन दोनों में से कोई सुनने को तैयार नहीं था.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 29 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 29 November, 2023
file photo

पति-पत्नी के बीच झगड़ा आम बात है. हालांकि, कुछ झगड़े इतने बड़े हो जाते हैं कि क्या कहने. रेमंड के मालिक गौतम सिंघानिया और उनकी पत्नी नवाज मोदी (Gautam Singhania & Nawaz Modi) के झगड़े की चर्चा पूरे देश में है. इस झगड़े ने रेमंड के निवेशकों को परेशान कर रखा है. इस बीच, एक और झगड़े की खबर सामने आई है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है. हालांकि, चर्चा की वजह झगड़ने वालों का रसूख नहीं बल्कि झगड़े का समय और स्थान है. अब बातों को ज्यादा गोल-गोल घुमाने की वजह हम सीधे मुद्दे पर आते हैं. पति-पत्नी के बीच यह झगड़ा उड़ते विमान में हुआ और इसके चलते विमान में सवार हर व्यक्ति की जान पर बन आई. 

बैंकॉक जा रही थी फ्लाइट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पति-पत्नी के बीच हुए झगड़े के चलते फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. दरअसल, म्युनिख से बैंकॉक के बीच उड़ान भर रहे लुफ्थांसा के विमान में मौजूद दंपत्ति के बीच शुरू हुई कहासुनी इतनी बढ़ गई कि विमान को दिल्ली डायवर्ट करना पड़ा. झगड़ा जब हद से ज्यादा बढ़ गया, तो लुफ्थांसा की फ्लाइट संख्या LL 772 के पायलट ने ATC से संपर्क कर स्थिति की जानकारी दी और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर उतरने की अनुमति मांगी. इसके बाद आज सुबह 10.26 बजे विमान ने एयरपोर्ट पर लैंडिंग की.

पाक ने नहीं दी अनुमति 
विमान में एक जर्मन व्यक्ति और उसकी थाई पत्नी के बीच शुरू हुई कहासुनी ने थोड़ी ही देर में गंभीर रूप अख्तियार कर लिया. पत्नी ने पहले अपने पति के बर्ताव को लेकर पायलट से शिकायत की. उसने कहा कि उसे धमकाया जा रहा है. इसके बाद दोनों पागलों की तरह झगड़ने लगे. विमान में सवार अन्य यात्री और क्रू मेंबर्स ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन दोनों कुछ सुनने को तैयार नहीं थे. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पायलट ने पहले पाकिस्तान में लैंडिंग की इजाजत मांगी, लेकिन परमिशन नहीं मिली. इस पर पायलट ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से संपर्क किया और अनुमति मिलने के बाद विमान की इमरजेंसी लैंडिंग हो सकी.

सिक्योरिटी को सौंपे आरोपी
रिपोर्ट्स में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि पति-पत्नी के बीच पहले बहस हुई, जो देखते ही देखते झगड़े में बदल गई. जब दोनों को समझाने की सभी कोशिशें नाकाम हो गईं तो अन्य यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विमान को डायवर्ट करने का फैसला लिया गया. दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंडिंग के बाद आरोपियों को विमान से उतारकर एयरपोर्ट सिक्योरिटी के हवाले कर दिया गया. हालांकि, इस पूरे मामले में अब तक Lufthansa एयरलाइन की ओर से कोई बयान नहीं आया है.