सितंबर 2023 में ओला ने बैंगलोर में एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया था जिसकी बदौलत देश को सबसे किफायती e-bike प्रदान करवाई गई थी.
जाने-माने राइडिंग प्लेटफॉर्म ओला (Ola) को लेकर इस वक्त एक काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. हाल ही में ओला ने दिल्ली और हैदराबाद में e-bike सुविधाएं लॉन्च की हैं और इसके साथ ही बैंगलोर में शानदार शुरुआत करने के बाद कंपनी अब अपनी मौजूदगी को भी बड़ा करना चाहती है. यह सभी जानकारी कंपनी द्वारा रिलीज के माध्यम से मीडिया के साथ साझा की गई है.
5 रुपए प्रति किलोमीटर
ओला द्वारा इस e-bike सुविधा को लेकर कहा जा रहा है कि यह देश की सबसे किफायती e-bike सुविधा होगी. बताया जा रहा है कि इस e-bike सुविधा का किराया बहुत ही कम होगा और प्रति किलोमीटर के लिए आपको 5 रुपए जितना किराया ही देना होगा. इसका मतलब ये है कि आपको 5 किलोमीटर की यात्रा के लिए रुपए, 10 किलोमीटर के लिए 50 रुपए और 15 किलोमीटर जितनी दूरी के लिए सिर्फ 75 रुपए जितने किराये का ही भुगतान करना है. कंपनी द्वारा जारी की गई प्रेस रिलीज में इस e-bike सर्विस को शहर में यात्रा करने के लिए सबसे किफायती और सुविधाजनक सोल्यूशन बताया है.
2 महीने में 10,000 बाइक्स
ओला मोबिलिटी (Ola Mobility) के CEO हेमंत बख्शी कहते हैं कि बैंगलोर में हमारे द्वारा लॉन्च की गई e-bike टैक्सी प्रोजेक्ट को जबरदस्त सफलता मिली थी और इस सुविधा के माध्यम से हमने इकोसिस्टम में मौजूद सभी भागीदारों – कंज्यूमर के लिए कम कीमत, ड्राईवर के लिए ज्यादा कमाई और ओला के लिए कैटेगरी और कमाई के माध्यम से वैल्यू का टिकाऊ प्रस्ताव सामने रखा था. इसके साथ ही कंपनी बैंगलोर, हैदराबाद और दिल्ली में e-bike टैक्सियों के लिए एक ज्यादा बड़ी मार्केट बनाना चाहती है. अगले दो महीनों के दौरान कंपनी इन तीनों ही शहरों में 10,000 e-bike उतारना चाहती है.
प्राप्त हुई 17 लाख राइड्स
सितंबर 2023 में ओला ने बैंगलोर में एक नया प्रोजेक्ट लॉन्च किया था. इस फैसले की बदौलत देश को सबसे किफायती इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन प्रदान करवाए गए थे और सिर्फ 3 ही महीनों में इस कैटेगरी के भीतर मार्केट में 40% जितनी बढ़ोत्तरी देखने को मिली थी. तब से लेकर आज तक कंपनी को लगभग 17 लाख 50,000 राइड्स प्राप्त हो चुकी हैं.
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मई में 4 रविवार और 2 शनिवार के अलावा लोकसभा चुनाव के लिए मतदान वाली अलग-अलग जगहों पर 14 दिन बैंक बंद रहेंगे.
अप्रैल का महीना बस खत्म ही होने वाला है. इसके बाद मई का महीना शुरू हो जाएगा. क्या आपको पता है, इस मई में बैंक 14 दिन बैंक बंद रहेंगे? अगर नहीं तो फिर ये खबर आपके काम की हो सकती है. मई के महीने बैंकों में शनिवार व रविवार के साथ कुछ अन्य छुट्टियां भी रहेंगी. ऐसे में अगर आपको बैंक से जुड़ा कोई काम निटपाना है, तो बैंक की इन छुट्टियों के हिसाब से उसकी प्लानिंग कर लीजिए, तो चलिए आपको बताते हैं किस दिन बैंक बंद रहने वाले हैं?
RBI ने जारी की छुट्टी की लिस्ट
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मई 2024 के लिए बैंकों की छुट्टियों की लिस्ट जारी कर दी है. मई में कुल 14 दिन बैंक बंद रहेंगे. आरबीआई के छुट्टियों के कैलेंडर के अनुसार मई में कुल 14 दिन बैंकों में छुट्टी रहेगी. इसमें 2 दिन शनिवार और 4 दिन रविवार के कारण बैंक बंद होंगे.
मतदान वाले दिन भी बंद रहेंगे बैंक
आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई छुट्टियों की लिस्ट के अनुसार ये छुट्टियां अलग-अलग राज्यों में हैं. ये सभी छुट्टियां सभी राज्यो में लागू नहीं होंगी. इसके अलावा लोकसभा चुनाव के चलते भी चुनावी क्षेत्रों में पोलिंग वाले दिन बैंक बंद रहेंगे.
1 मई 2024: महाराष्ट्र दिवस के मौके पर पूरे महारष्ट्र में बैंक बंद रहेंगे.
5 मई 2024: रविवार
7 मई 2024: लोकसभा चुनाव के कारण अलग-अलग राज्यों में बैंक बंद रहेंगे.
8 मई 2024: रवीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती के कारण बैंक बंद रहेंगे.
10 मई 2024: बसव जयंती/अक्षय तृतीया के अवसर पर बैंक बंद रहेंगे.
11 मई 2024: दूसरा शनिवार
12 मई 2024: रविवार
13 मई 2024: लोकसभा चुनाव के कारण अलग-अलग राज्यों में बैंक बंद रहेंगे.
16 मई 2024: राज्य दिवस की छुट्टी के कारण गंगटोक के सभी बैंक बंद रहेंगे.
19 मई 2024: रविवार
20 मई 2024: लोकसभा आम चुनाव 2024, बेलापुर और मुंबई के सभी बैंक बंद रहेंगे.
23 मई: बुद्ध पूर्णिमा
25 मई: चौथा शनिवार
26 मई: रविवार
ऑनलाइन सेवाएं जारी रहेंगी
बैंकों की छुट्टियों के दिन ब्रांच तो बेशक बंद रहेगी लेकिन ऑनलाइन सेवाएं जारी रहेंगी. इसके अलावा एटीएम पर मिलने वाली सेवाएं भी यथावत रहेंगी. आप आसानी से एटीएम पर जाकर इन सुविधाओं का लाभ छुट्टी के दिन भी उठा सकते हैं.
लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के लिए दूसरे चरण के मतदान शुक्रवार यानी 26 अप्रैल को होंगे. दूसरे चरण में देश के 13 राज्यों की 89 लोकसभा सीट पर चुनाव होना है.
लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के चलते सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों व स्कूली छात्रों के लिए शुक्रवार को सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की गई है. इसके लिए चुनाव आयोग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं. दरअसल, शुक्रवार को देश के कई राज्यों में लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण के मतदान होने हैं, ऐसे में इन सभी राज्यों में जहां-जहां मतदान होंगे, वहां स्कूल, कॉलेज के साथ बैंक भी बंद रहेंगे. तो चलिए आपको बताते हैं किन राज्यों में छुट्टी रहेगी?
13 राज्यों में 26 अप्रैल को होंगे मतदान
शुक्रवार को 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 89 निर्वचन क्षेत्र में मतदान होंगे. जिसमें से कई शहरों में राज्य सरकार ने स्कूलों, कार्यालयों और बैंकों में अवकाश घोषित कर दिया है. आपको बता दें. शुक्रवार को असम की छतीसगढ़ और पश्चिम बंगाल की 3, बिहार की 5, जम्मू-कश्मीर की 1, केरल की 20, कर्नाटक की 14, उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की 8, राजस्थान की 13 सीटों सहित 13 राज्यों में मतदान होंगे.
तीन दिन बंद रहेंगे बैंक
जिन राज्यों में चुनाव होंगे, वहां 26 अप्रैल को स्कूल, कॉलेज, दफ्तर और बैंक बंद रहेंगे. साथ ही मतदान के बाद अगले दो दिन यानी 27 और 28 अप्रैल को भी देशभर के सभी बैंक बंद रहेंगे. 27 अप्रैल को अप्रैल महीने का चौथा शनिवार और 28 अप्रैल रविवार को सार्वजनिक छुट्टी रहती है.
ऑनलाइन सेवाएं रहेंगी चालू
लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण की वोटिंग 26 अप्रैल शुक्रवार होनी है। जिसके कारण कई राज्यों में बैंक बंद रहेंगे. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने छुट्टियों का कैलेंडर भी जारी कर दिया है. जिन भी ग्राहकों को बैंक जाकर कोई काम करवाना है, वे तुरंत निपटा लें. इसके अलावा गाहकों के लिए अनलाइन सेवाएं चालू रहेंगी. ग्राहक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर पाएंगे और एटीएम के जरिए कैश भी निकाल कर पाएंगे.
रेलवे सामान्य डिब्बों में यात्रा करने वाले यात्रियों को 'इकोनॉमी मील' उपलब्ध करा रहा है.
ट्रेन के सफर में जनरल कोच के यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ट्रेन के दूसरे कम्पार्टमेंट्स में तो वेंडर खाने-पीने का सामान लेकर घूमते रहते हैं, लेकिन इन डिब्बों का रुख करने वालों की संख्या बेहद कम होती है. इसे ध्यान में रखते हुए रेलवे ने एक नई शुरुआत की है. इसके तहत जनरल डिब्बो में यात्रा करने वालों को किफायती दर पर भोजन उपलब्ध कराया जाएगा.
20 से 50 रुपए है कीमत
रेलवे की इस योजना को 'इकोनॉमी मील' नाम दिया गया है. इसकी कीमत 20 और 50 रुपए रखी गई है. रेलवे की कोशिश अनारक्षित डिब्बों के यात्रियों तक सस्ते में खाना पहुंचाना है. ट्रेन के AC और स्लीपर क्लास के यात्रियों को इस तरह की कोई परेशानी नहीं खाने-पीने का सामान उन तक चलती ट्रेन में भी उपलब्ध हो जाता है. वहीं, जनरल कोच के यात्री अमूमन इससे महरूम रह जाते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने जनरल बोगी में सस्ते दर पर भोजन पहुंचाने की शुरुआत की है.
पिछले साल शुरू हुआ था पायलट प्रोजेक्ट
सामान्य श्रेणी यात्री किफायती दर पर भोजन स्पेशल काउंटर्स से खरीद सकते हैं. ये काउंटर प्लेटफॉर्म पर सामान्य श्रेणी के डिब्बों के निकट स्थित होंगे, ताकि यात्रियों को इन तक पहुंचने के लिए ज्यादा परेशानी न उठानी पड़े. इस योजना की शुरुआत पिछले साल 15 स्टेशन पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की गई थी, जिसका अब विस्तार किया जा रहा है. फिलहाल देशभर 100 रेलवे स्टेशनों पर लगभग 150 इकोनॉमी मील काउंटरों से यात्री खाना खरीद सकेंगे. यात्री जिसमें 20 रुपए में इकोनॉमी मील और 50 रुपए में स्नैक्स मील खरीद सकते हैं.
क्या मिलेगा इकोनॉमी मील में?
मध्य रेलवे की बात करें, तो 15 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर जहां लंबी दूरी की ट्रेनें रुकती हैं, वहां इकोनॉमी मील उपलब्ध कराई जा रही है. इसमें पुणे के साथ-साथ इगतपुरी, कर्जत, खंडवा, बडनेरा, मनमाड, शेगांव, मिराज, दौंड, साईंनगर शिरडी, नागपुर, वर्धा, सोलापुर आदि शामिल हैं. 20 रुपए में मिलने वाली इकोनॉमी मील में सात पूरियां और आलू भाजी होगी. जबकि 50 रुपए की स्नैक्स मील में चावल के व्यंजन होंगे.
महाराष्ट्र सरकार ने अब दो शिफ्ट में स्कूल चलाने का फैसला लिया है. इस फैसले का असर स्कूल बस के किराए पर पड़ा है.
इस साल भीषण गर्मी को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने स्कूलों की टाइमिंग में एक बड़ा बदलाव किया है. महाराष्ट्र सरकार के अनुसार अब स्कूलों को दो शिफ्ट में चलाना जाएगा. इस फैसले के बाद स्कूल बस एसोसिएशन ने बसों का किराया बढ़ाने का फैसला लिया है.
स्कूल टाइमिंग में बदलाव, बस का किराया महंगा
महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को स्कूल को 1 शिफ्ट के बजाए 2 शिफ्ट में चलाने का फैसला किया गया है. जानकारी के अनुसार क्लास प्री प्राइमरी से कक्षा 4 तक के बच्चे सुबह 9 बजे से स्कूल आएंगे. वहीं, 5वीं कक्षा से लेकर सेकेंडरी स्कूल के बच्चे सुबह 7 बजे से स्कूल अटेंड करेंगे. आपको बता दें कि मुंबई में बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल स्कूल बस का किया जाता है, सरकार के इस फैसले के बाद पेरेंट्स की जेब पर इसका सीधा असर दिखेगा.
इतना बढ़ सकता है स्कूल बस का किराया
स्कूल बस ऑनर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अनिल गर्ग का कहना है कि नए एकेडमिक ईयर की शुरुआत से स्कूल बस के किराए में बढ़ोतरी की जाएगी. स्कूल बस के किराए में 30 फीसदी तक बढ़ोतरी की जाएगी, क्योंकि ऑपरेशनल कॉस्ट में कई चीजें आती है, जिनमें बस फ्लीट में बढ़ोतरी, अटेंडेंट दीदी की हायरिंग, ट्रैफिक के दौरान फ्यूल कंजप्शन में बढ़ोतरी शामिल हैं.
पैरेंट्स की जेब होगी ढीली
सोसिएशन का कहना है 9 बजे की स्कूल शिफ्ट की बात की गई है, उस समय मुंबई की सड़कों पर गाड़ियों की लाइन लगी रहती है, अगर बच्चे स्कूल पहुंचने में लेट होते हैं, तो बस एसोसिएशन इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगी. वहीं, पेरेंट्स का कहना है कि कोविड के बाद बस किराए में हर साल 10 से 12 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होती है, ऐसे में इस तरह से बस के किराए में बढ़ोतरी उनके घर का बजट बिगाड़ देगी.
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यह सरकारी योजना शानदार ब्याज ऑफर करती है. खास बात ये है कि इस योजना के तहत कम से कम इन्वेस्टमेंट करके महिलाएं अच्छा रिटर्न बना सकती हैं.
सरकारी योजनाएं बिना रिस्क लोगों को तगड़ा मुनाफा देती हैं. ऐसी ही एक स्कीम महिलाओं से जुड़ी हुई है, जो कम समय में अमीर बना सकती है. इसमें ज्यादा पैसे भी लगाने की भी जरूरत नहीं है. सरकार इस योजना के तहत तगड़ा ब्याज दे रही है. पोस्ट ऑफिस (Post Office) के जरिए आप इस योजना में अकाउंट खुलवा सकते हैं. आइए जानते हैं कौन सही है ये योजना और आप इसमें कैसे निवेश कर सकते हैं?
योजना पर मिलता है शानदार ब्याज ऑफर
सरकार ने महिलाओं को लाभ देते हुए स्माल सेविंग स्कीम के तहत एक योजना की शुरुआत की थी, जिसे महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट (Mahila Samman Saving Certificate Scheme) के नाम से जाना जाता है. यह योजना शानदार ब्याज ऑफर करती है. खास बात ये है कि इस योजना के तहत कम से कम इन्वेस्टमेंट करके महिलाएं अच्छा रिटर्न बना सकती हैं.
टैक्स बेनिफिट का भी मिलता है लाभ
केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की थी. ना केवल महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम में निवेश पर 7.5 फीसदी का जोरदार ब्याज दिया जा रहा है, बल्कि इसमें TDS कटौती से भी छूट मिलती है. सीबीडीटी के मुताबिक, सीनियर सिटीजन के मामले में टीडीएस इस योजना पर तभी लागू होगा, जब एक फाइनेंशियल ईयर के दौरान ब्याज से कमाई 40 से 50 हजार रुपये होती है. इस स्कीम की एक और खास बात ये है कि इसमें 10 साल या फिर इससे कम उम्र की लड़कियों का खाता भी खुलवाया जा सकता है.
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कितने के डिपॉजिट पर कितने का फायदा?
महिला सम्मान बचत पत्र योजना कैलकुलेटर के हिसाब से देखें तो इस स्कीम में अगर महिलाएं 50,000 रुपए निवेश करती हैं तो इस पर दो साल में 8011 रुपए ब्याज के तौर पर मिलेंगे और इस तरह मैच्योरिटी पर कुल 58,011 रुपए मिलेंगे. अगर 1,00,000 रुपए का निवेश करेंगी तो 7.5 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से मैच्योरिटी के समय 1,16,022 रुपए मिलेंगे. अगर वो 1,50,000 रुपए डिपॉजिट करती हैं तो आपको दो साल बाद 1,74,033 रुपए मिलेंगे यानी 24,033 रुपए आपको सिर्फ ब्याज के मिलेंगे और अगर 2,00,000 रुपए इस स्कीम में निवेश किए तो तो 7.5 फीसदी ब्याज के हिसाब से दो साल बाद निवेशित रकम पर 32,044 रुपए ब्याज के तौर पर मिलेंगे. इस तरह मैच्योरिटी पर कुल 2,32,044 रुपए मिलेंगे.
एक साल बाद आंशिक निकासी की सुविधा
ये स्कीम दो साल में मैच्योर होती है. दो साल बाद आपको ब्याज समेत अपनी जमा रकम वापस मिल जाती है. लेकिन अगर आपको बीच में ही पैसों की जरूरत पड़ जाए तो 1 साल पूरा होने के बाद आप जमा किए गए पैसों का 40 फीसदी तक निकाल सकती हैं. यानी अगर आपने 2 लाख रुपए जमा किए हैं तो एक साल बाद आप 80 हजार रुपए की निकासी कर सकती हैं.
कैसे कर सकते हैं अप्लाई?
महिला सम्मान बचतपत्र योजना स्कीम में मिलने वाले ब्याज का कैलकुलेशन देखें तो इस योजना के तहत दो साल के निवेश पर 7.5 फीसदी का ब्याज मिल रहा है और इसमें अगर कोई महिला निवेशक 2 लाख रुपये का निवेश करती है तो दो साल की अवधि में कुल रिटर्न 31,125 रुपये होगा. इस योजना को पोस्ट ऑफिस या बैंकों के माध्यम से खुलवाया जा सकता है. खाता खुलवाने के लिए आपको आधार कार्ड, पैन कार्ड, केवाईसी और एक चेक देना होगा.
यदि आप क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं, तो फिर ये खबर आपके बेहद काम की है.
क्रेडिट कार्ड (Credit Cards) का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है. खासकर पिछले कुछ समय में उसमें अच्छी-खासी तेजी आई है. फरवरी महीने में ही क्रेडिट कार्ड से लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपए के पेमेंट किए गए. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्रेडिट कार्ड को कितना ज्यादा पसंद किया जा रहा है. एक रिपोर्ट बताती है कि क्रेडिट कार्ड से पेमेंट में सालाना आधार पर 26 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. हालांकि, अब Credit Cards से कुछ तरह के पेमेंट पर रोक लग सकती है.
RBI को है ये आपत्ति
क्रेडिट कार्ड से पेमेंट में तुरंत जेब से पैसा नहीं जाता, इसलिए लोग इसे कई तरह के पेमेंट के लिए इस्तेमाल करने लगे हैं. जैसे कि रेंट पेमेंट, ट्यूशन फीस, वेंडर पेमेंट या फिर सोसाइटी की मेंटेनेंस का भुगतान. सामान्य क्रेडिट कार्ड यूजर और उसे जारी करने वाले कंपनियों को भले ही इसमें कोई परेशानी नजर न आती हो, लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को इस पर आपत्ति है. RBI का मानना है कि क्रेडिट कार्ड मर्चेंट को भुगतान करने के लिए बनाया गया है. इससे व्यक्तिगत माध्यम से लेनदेन यानी कि पर्सन-टू-पर्सन पेमेंट नहीं किया जा सकता. इसलिए माना जा रहा है कि RBI सख्त कदम उठाते हुए क्रेडिट कार्ड से किराये, सोसायटी शुल्क, ट्यूशन फीस और वेंडर शुल्क के भुगतान पर रोक लगा सकता है.
नियमों का पालन है जरूरी
आरबीआई ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल पर्सन टू मर्चेंडाइज भुगतान के लिए हो सकता है, लेकिन अगर ग्राहक और कारोबारी से इतर इससे लेनदेन किया जाता है, तो पैसे प्राप्त करने वाले को मर्चेंट अकाउंट खोलना पड़ेगा. दोनों के नियम एवं मानकों में काफी अंतर है, लिहाजा इसका पालन करना बेहद जरूरी है. RBI के इस रुख के बाद फिनटेक कंपनियों और बैंकों ने इस तरह के भुगतान को रोकने की कोशिशें भी शुरू कर दी हैं. कई बैंक अब रेंट भुगतान पर रिवॉर्ड प्वाइंट नहीं दे रहे हैं. वहीं, कुछ ने वार्षिक फीस माफ करने के लिए खर्च की लिमिट से रेंट या ट्यूशन फीस भुगतान वाले विकल्प को सूची से हटा दिया है.
इसलिए खौफ में हैं कंपनियां
पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर RBI की कड़ी कार्रवाई से फिनटेक कंपनियां काफी डरी हुई हैं. उन्हें समझ आ गया है कि नियमों के उल्लंघन पर उनकी गर्दन भी RBI के हाथों में आ सकती है. इसलिए वह खुद भी क्रेडिट कार्ड के पर्सन टू मर्चेंडाइज भुगतान के इतर इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा सकती हैं. RBI ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए थे, जिससे कंपनी को बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ा है. गौरतलब है कि मौजूदा वक्त में कई ऐसी फिनटेक कंपनियां हैं, जो क्रेडिट कार्ड के जरिए किराए का भुगतान करने की सुविधा देती हैं. इसके लिए क्रेडिट कार्ड धारक का स्पेशल एस्क्रो अकाउंट खोला जाता है. कार्ड से इस अकाउंट में राशि डाली जाती है और फिर उसे संबंधित मकान मालिक के खाते में भेज दी जाती है.
यदि आप भी PF अकाउंट होल्डर हैं, तो फिर ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
पीएम खाताधारकों (PF Account Holders) के लिए एक राहत भरी खबर आई है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने PF Account को लेकर एक बड़े नियम में बदलाव किया है, जिसका फायदा EPFO से जुड़े 27 करोड़ से ज्यादा खाताधारकों को होगा. दरअसल, EPFO ने ऑटो क्लेम सेटलमेंट की लिमिट को बढ़ाकर डबल कर दिया है. इसका मतलब है कि इलाज के लिए अकाउंट होल्डर अब 50,000 के बजाए 1 लाख रुपए रुपए निकाल पाएंगे. इलाज के लिए पैसों की निकासी के संबंध में किया गया यह बदलाव 16 अप्रैल 2024 से लागू कर दिया है.
इसलिए मिलती है ये सुविधा
नियम में हुए इस बदलाव के बाद अब खाताधारक या फिर उसके आश्रित सदस्य के गंभीर बीमारी से पीड़ित होने पर अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में अग्रिम स्वास्थ्य दावे के तहत एक लाख रुपए की निकासी की जा सकती है. ईपीएफओ ने पैराग्राफ 68J के तहत ऑटो क्लेम सेटलमेंट की लिमिट को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख कर दिया है. पैराग्राफ 68J के तहत ईपीएफ खाताधारकों को गंभीर बीमारी या विपरीत स्वास्थ्य परिस्थितियों में इलाज के लिए पीएफ अकाउंट से पैसे निकालने की सुविधा मिलती है.
क्लेम हुआ और आसान
लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहने, बड़ी सर्जरी और TB, लेप्रोसी, पैरालैसिस, कैंसर, मानसिक बीमारी या दिल की बीमारियों जैसी गंभीर स्थिति में काफी ज्यादा खर्चा हो जाता है. इसी को ध्यान में रखते हुए EPFO ने निकासी की लिमिट ओ दोगुना कर दिया है. इस बात का ध्यान रखें कि नियम में हुए संशोधन का लाभ उठाने के लिए अतिरिक्त दस्तावेज जैसे मेडिकल प्रमाणपत्र की ज़रूरत नहीं है. इससे अकाउंट होल्डर्स के लिए क्लेम का प्रोसेस आसान हो गया है. गौरतलब है कि चिकित्सा खर्चों के अलावा, ईपीएफ खाताधारक शादी, घर खरीदने, लोन चुकाने या घर के रिनोवेशन के लिए भी अपने अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं.
इस तरह निकालें पैसा
यदि आप अपने PF खाते से पैसा निकालना चाहते हैं, तो सबसे पहले EPFO की वेबसाइट www.epfindia.gov.in पर जाकर लॉग इन करें. फिर Online Services ऑप्शन पर क्लिक करके संबंधित क्लेम फॉर्म भरें. आपको PF Account के अंतिम 4 नंबर डालकर इसे सत्यापित करना होगा. इसके बाद Proceed For Online Claim पर क्लिक करके फॉर्म 31 को भरें. फिर आपको अपने खाते की डिटेल भरकर चेक या बैंक पासबुक की कॉपी अपलोड करनी होगी. आखिरी में 'Get Adhaar OTP' पर क्लिक करके उसे फॉर्म में दर्ज करके फॉर्म सबमिट कर दें.
यदि आप भी इनकम टैक्स में छूट पाने की चाहत रखते हैं, तो ये खबर आपके बहुत काम आएगी.
कमाई पर टैक्स देना शायद ही किसी को अच्छा लगता हो. इसलिए टैक्स के बोझ को कम करने के लिए लोग लाखों जतन करते हैं. कई ऐसी योजनाएं हैं जिनमें किया गया निवेश आपको टैक्स में कुछ राहत दिला सकता है. अब चूंकि नया वित्त वर्ष शुरू हो गया है, इसलिए आप केवल उन निवेश के लिए ही राहत के पात्र होंगे जो आपने 31 मार्च 2024 से पहले किया है. हालांकि, अगले वित्त वर्ष की तैयारी के तहत आप संबंधित योजनाओं में अभी निवेश जरूर कर सकते हैं. चलिए नजर डालते हैं ऐसे कुछ विकल्पों पर जो आपको टैक्स के मोर्चे पर बड़ी राहत दिलवाते हैं.
नेशनल पेंशन सिस्टम
राष्ट्रीय पेंशन योजना यानी NPS में किए गए निवेश पर आपको 50,000 रुपए की छूट मिल सकती है. यह एक वालंटियर स्कीम है और इसके अंतर्गत आप इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80CCD (1B) के तहत 50,000 रुपए तक की टैक्स छूट पा सकते हैं. लिहाजा, यदि आपने पहले ही इसमें निवेश कर रखा है, तो इसका प्रूफ तैयार रखिए. और यदि ऐसा करना भूल गए हैं, तो अगले वित्त वर्ष में छूट के लिए अभी से निवेश शुरू कर सकते हैं. इससे न केवल आप प्रति वर्ष किए गए निवेश पर इनकम टैक्स बचा सकेंगे, बल्कि रिटायरमेंट के बाद आपको पेंशन भी मिलेगी.
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी
जीवन बीमा पॉलिसी पर भी कर इनकम टैक्स में छूट मिलती है. इसमें आप 1.5 लाख रुपए तक के लिए टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं. वहीं, यदि आप 60 वर्ष से कम आयु के हैं और अपने लिए, लाइफ पार्टनर के लिए या आश्रित बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम चुका रहे हैं, तो आप 25,000 रुपए तक की छूट के पात्र भी होंगे. इसी तरह यदि आपके माता-पिता की आयु 60 वर्ष से अधिक है और आप उनके लिए भी प्रीमियम चुका रहे हैं, तो 50,000 रुपए तक की अतिरिक्त छूट पा सकते हैं.
FD यानी फिक्स्ड डिपॉजिट
हमारे देश में बचत के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट को आज भी अच्छा ऑप्शन माना जाता है. यह ऑप्शन आपके टैक्स डिडक्शन का विकल्प भी बन सकता है. 5 साल की अवधि वाले वाली FD में आप आयकर अधिनियम के 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक टैक्स बेनिफिट के पात्र हैं. अमूमन एफडी पर 7 से 8 फीसदी तक का ब्याज मिलता है. वैसे, FD पर मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स लगता है, लेकिन आप टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं. तो यदि आपने पहले ही FD करवाई हुई हैं, तो उनका प्रूफ जरूर साथ रख लें.
पब्लिक प्रोविंडेंट फंड
पब्लिक प्रोविंडेंट फंड (PPF) अच्छा टैक्स सेविंग ऑप्शन माना जाता है. PPF पर अभी 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है. PPF के निवेशकों को भी कर आयकर में छूट मिलती है. आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत आप पीपीएफ में सालाना 1.5 लाख रुपए के निवेश पर टैक्स छूट के हकदार बन जाते हैं. पब्लिक प्रॉविडेंड फंड (PPF) का लॉक इन पीरियड 15 साल का होता है. यानी टैक्स बचाने के लिए आप इस स्कीम में भी निवेश कर सकते हैं.
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) एक प्रकार का इक्विटी फंड होता है. इस योजना के तहत सालाना 1 लाख रुपए तक के रिटर्न/लाभ पर टैक्स नहीं लगता. ELSS में 3 साल का सबसे छोटी लॉक-इन पीरियड होता है. इसके अलावा, आप यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) खरीदकर भी इनकम टैक्स में छूट का लाभ उठा सकते हैं. वहीं, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) भी टैक्स सेविंग विकल्पों में शामिल है. इस पर 6.8 फीसदी का ब्याज मिलता है और आप 1 वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपए का टैक्स डिडक्शन कर सकते हैं.
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
यह योजना सरकार द्वारा खासतौर पर बेटियों के लिए संचालित की जाती है. यह टैक्स फ्री स्कीम है, यानी कि इसके ब्याज पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता. आप अपनी 10 साल से कम उम्र की बच्ची के नाम पर सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खुलवाकर टैक्स बचा सकते हैं. इस स्कीम में अधिकतम 1.5 लाख रुपए सालाना जमा करके इनकम टैक्स में छूट हासिल की जा सकती है. इसी तरह, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के जरिए भी टैक्स बचाया जा सकता है. इसमें आपको 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक का टैक्स बेनिफिट मिल सकता है.
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (Senior Citizen Saving Scheme) में पैसा लगाने वालों को भी टैक्स में छूट मिलती है. इसमें आप सालाना अधिकतम 1.5 लाख का निवेश कर सकते हैं. आपको बता दें कि होम लोन पर भी टैक्स छूट मिलती है. इसके अलावा, यदि आप किराये के घर में रहते हैं, तो मकान किराए की रसीद देकर इनकम टैक्स में छूट पा सकते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी का चुनावी घोषणा पत्र लॉन्च करते हुए मुद्रा योजना को लेकर भी बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि इसके तहत मिलने वाली लोन की लिमिट को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया जाएगा.
अगर आपके मन में भी बिजनेस करने का विचार है. लेकिन आपके पास उतने पैसे नहीं. तो ऐसी स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है. आपके बिजनेस के लिए सरकार आपकी मदद करेगी. सरकार की इस योजना से आप अपने बिजनेस के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन ले सकते हैं. वह भी कम ब्याज दर में. चलिए जानते हैं कैसे मुद्रा लोन योजना के लिए आप कर सकते हैं आवेदन.
क्या है पीएम मुद्रा लोन योजना?
रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने पीएम मुद्रा लोन की शुरुआत की थी. मकसद ये था कि इसके जरिए उन युवाओं को आर्थिक मदद दी जा सके, जो पैसों की कमी के चलते अपना बिजनेस शुरू नहीं कर पाते हैं. प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत बिजनेस शुरू करने वाले लोगों को बैंक से अभी तक 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है वो भी काफी कम ब्याज दर पर. अच्छी बात ये है कि मुद्रा लोन लेने के लिए किसी गारंटी की ज़रूरत नहीं होती है. साल 2015 से ही इस स्कीम के तहत गैर-कॉरपोरेट, नॉन-फार्म स्मॉल/माइक्रो एंटरप्राइजेज़ को लोन दिया जा रहा है. ये लोन कॉमर्शियल बैंक, RRBs, स्मॉल फाइनेंस बैंक, MFIs, NBFCs देती हैं.
जरूरत के हिसाब से मिलता है लोन
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत अभी 3 तरह के लोन मिलते हैं- शिशु लोन, किशोर लोन और तरुण लोन. शिशु लोन में आपको 50,000 रुपये तक का लोन मिलता है, जबकि किशोर लोन में आपको 50 हजार रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का लोन मिलता है. अगर आपको इससे भी ज्यादा का लोन चाहिए तो आपको तरुण लोन लेना होगा, जिसमें आपको 5 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक लोन मिलता है. लोन का ब्याज दर, अलग-अलग बैंक द्वारा निर्धारित किया जाता है.
किन कार्यों के लिए मिलता है लोन?
यह लोन छोटे उद्योगों के लिए दिया जाता है. यह किसी भी तरह के उद्योग हो सकते हैं. इसके अलावा कृषि से संबंधित काम, जैसे मक्खी पालन, मछली पालन, मुर्गी पालन जैसे कामों के लिए भी मुद्रा लोन लिए जाते हैं. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों, सहकारी बैंक, ग्रामीण बैंक और लोन देने वाली बाकी संस्थाओं से लोन प्राप्त किया जा सकता है. मुद्रा योजना के तहत लोन प्राप्त करने के लिए पीएमएमवाई पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
कैसे कर सकते हैं अप्लाई?
मुद्रा एक रीफाइनेंसिंग संस्था है, ये सीधे लोन नहीं देती है, बल्कि इसके जरिए बैंक लोन देते हैं. इसका फायदा लेने के लिए आपको किसी भी बैंक, NBFC, MFIs (माइक्रोफाइनेंस संस्थानों) के करीबी ब्रांच पर जाना होगा और फॉर्म भरना होगा. आप ऑनलाइन ऐप्लीकेशन भी डाल सकते हैं, जिसके लिए आपको Udyamimitra portal (www.udyamimitra.in) पर जाना होगा. आवेदन करने के लिए आपके पास पासपोर्ट साइज फोटो, पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज होने चाहिए.
अगर आप भी आने वाले दिनों में हवाई सफर करने जा रहे हैं तो आपके लिए काम की खबर है. दरअसल देश के कई ऐसे रूट हैं जहां आप मात्र 150 रुपये में हवाई सफर कर सकते हैं.
महंगी फ्लाइट की टिकट के चलते प्लेन में बैठना आज भी कई लोगों के लिए एक सपने जैसा है, लेकिन अब यह सपना पूरा हो सकता है. क्योंकि केंद्र सरकार की उड़ान स्कीम के तहत अब देश का आम आदमी भी उड़ान भर सकता है. यात्रियों द्वारा असम के लिए सिर्फ 150 रुपय में हवाई सफर किया जा रहा है और यह देश की सबसे सस्ती फ्लाइट है. उड़ान स्कीम के तहत विमानन कंपनी एलायंस एयर (Alliance Air) यह खास सुविधा दे रही है. यह फ्लाइट तेजपुर से लेकर लखीमपुर जिले के लीलाबरी एयरपोर्ट तक उड़ती है. कंपनी की इस रूट पर रोजाना दो उड़ाने जाती है जो पिछले 2 महीने से फुल चल रही है.
क्या है ये ऑफर?
केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही उड़ान स्कीम के तहत आपको इन सस्ती फ्लाइट्स के सफर का मजा मिल रहा है. इसमें सिर्फ 150 रुपये का भुगतान करके आप असम में लीलाबाड़ी से तेजपुर तक 50 मिनट का हवाई सफर कर सकते हैं. सिर्फ इसी मार्ग पर नहीं, ऐसी कई उड़ानें हैं जहां टिकट का मूल किराया 1,000 रुपये से भी कम है. ट्रैवल पोर्टल 'ixigo' के मुताबिक, कम से कम 22 ऐसे डेस्टिनेशन हैं, जहां मूल हवाई किराया 1,000 रुपये प्रति व्यक्ति से कम है.
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अन्य राज्यों के लिए भी मिल रहा है ऑफर
देश के कई मार्गों पर क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS) के तहत परिचालित उड़ानों की अवधि लगभग 50 मिनट है. अधिकतर मार्ग जहां मूल हवाई किराया 150 रुपये से 199 रुपये प्रति व्यक्ति के बीच है, ये पूर्वोत्तर और दक्षिण क्षेत्र में हैं. दक्षिण में बेंगलुरु-सलेम, कोचीन-सलेम जैसे मार्ग भी हैं जहां मूल टिकट की कीमतें इस सीमा में हैं. गुवाहाटी और शिलॉन्ग से आने-जाने वाली उड़ानों के लिए मूल किराया 400 रुपये है. इम्फाल-आइजोल, दीमापुर-शिलॉन्ग और शिलॉन्ग-लीलाबाड़ी उड़ानों के लिए, हवाई किराया 500 रुपये है. बेंगलुरु-सलेम उड़ान में मूल टिकट किराया 525 रुपये है. वहीं गुवाहाटी-पासीघाट उड़ान के लिए मूल हवाई किराया 999 रुपये है और लीलाबाड़ी-गुवाहाटी मार्ग के लिए यह 954 रुपये है.
इतनी सस्ती कैसे?
ये उन मार्गों में से हैं जहां मांग कम है और अन्य परिवहन माध्यमों से इन जगहों पर 5 घंटे से अधिक समय में पहुंचा जा सकता है. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के अनुसार, 31 मार्च, 2024 तक क्षेत्रीय संपर्क योजना यानी UDAN के तहत 559 मार्गों को चिन्हित किया गया है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने बताया कि इस रूट पर किराए को किफायती बनाने के लिए उड़ान योजना के तहत एयरलाइंस को वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) दी जा रही है. इससे कंपनी को मूल किराए में हुए नुकसान की भरपाई हो जाती है. इसके अलावा इन उड़ानों के लिए कोई लैंडिंग या पार्किंग शुल्क नहीं है.
UDAN Scheme का उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार शुरुआत से देश में हवाई संपर्क बढ़ाने पर जोर दे रही है. इसके लिए पीएम मोदी ने 2017 में ‘उड़े देश का आम नागरिक’ (UDAN) योजना शुरू की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उड़ान योजना का उद्देश्य कम सेवा वाले या बिना सेवा वाले हवाई अड्डे पर नियमित उड़ान की संख्या बढ़ाना है. उड़े देश का आम नागरिक या उड़ान योजना का मकसद देश में क्षेत्रीय स्तर पर हवाई संपर्क को बढ़ाना है. केंद्र सरकार उड़ान योजना के तहत देश में छोटे-छोटे हवाई अड्डे विकसित करना चाहती है. UDAN योजना के तहत, टियर 2 और टियर 3 शहरों में लोग केवल 2500/– प्रति घंटे की दर से उड़ान योजना के तहत हवाई यात्रा कर सकते हैं.