डिफेन्स, स्पेस, एजुकेशन, हेल्थ, मोबिलिटी के साथ-साथ लाल सागर और गाजा में जारी आपदा के बीच आर्थिक सहयोग पर सोच-विचार किया गया.
26 जनवरी 2024 को भारत ने अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाया और इस मौके पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रोन (Emmanuel Macron) मुख्य अतिथि के रूप में कर्त्तव्य पथ पर मौजूद थे. गणतंत्र समारोह का कार्यक्रम खत्म होने के बाद भारत और फ्रांस ने साथ मिलकर डिफेन्स औद्योगिक साझेदारी के लिए एक रोडमैप अपनाया है और दोनों ही देशों ने साथ मिलकर मिलिट्री सिस्टम विकसित करने, डिजाईन करने और उत्पादन करने के लिए हामी भरी है.
इन मुद्दों पर दोनों देश करेंगे सहयोग
गणतंत्र दिवस समारोह से पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रोन गुरुवार को जयपुर में मिले थे और यहां उन्होंने डिफेन्स, स्पेस, एजुकेशन, हेल्थ, मोबिलिटी के साथ-साथ लाल सागर और गाजा में जारी आपदा के बीच आर्थिक सहयोग जैसे मुद्दों पर सोच-विचार किया. इसके साथ ही हेलीकॉप्टर और फाइटर जेट विमानों को लेकर भी दोनों देशों के बीच एक काफी महत्त्वपूर्ण डील तय हुई है. इस डील के अंतर्गत फ्रांस और भारत साथ मिलकर मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर का निर्माण करेंगे और फ्रेंच कंपनी साफ्रान द्वारा देश में ही फाइटर जेट विमानों के इंजन का निर्माण करने के लिए 100% टेक्नोलॉजी प्रदान करवाई जायेगी.
दोनों देशों के लिए अहम हैं ये समझौते
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने जानकारी देते हुए मीडिया को यह भी बताया है कि ही दोनों देश डिफेंस स्पेस पार्टनरशिप, सैटेलाईट लॉन्च करने, क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में रिसर्च करने, हेल्थकेयर में सहयोग करने, पब्लिक प्रशासन में सहयोग करने और फ्रांस में अपनी मास्टर्स की डिग्री प्राप्त कर रहे भारतीय छात्रों के लिए पंचवर्षीय शेंगेन वीजा (Schengen Visa) जैसे मुद्दों पर आपसी सहयोग के लिए भी राजी हुए हैं. विनय क्वात्रा ने कहा कि औद्योगिक डिफेंस रोडमैप का प्रमुख ध्यान डिफेन्स उद्योग के क्षेत्र में मौजूद मौकों की तलाश करने के साथ-साथ दोनों देशों के बीच डिफेन्स सप्लाई चेन तैयार करना भी है ताकि भारत के साथ-साथ फ्रांस की डिफेन्स संबंधित जरूरतें भी पूरी हो सकें.
टाटा और एयरबस के बीच हुई डील
इसके साथ ही टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और एयरबस (Airbus) के बीच भारत में H125 हेलीकॉप्टर के निर्माण के लिए असेंबली लाइन तैयार करने के लिए एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किये गए हैं. साथ ही NSIL (न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड) और फ्रांस की अरायनस्पेस SAS के बीच स्पेस सेक्टर को लेकर समझौते तय किये गए हैं.
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budget 2024-25 में कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) में बढ़ोतरी की गई है. इसके बाद दिल्ली में काजू-बादाम समेत अन्य ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
इन दिनों डॉलर के मुकाबले रुपया रिकार्ड लो स्तर पर है. दरअसल, बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी की है. इसके बाद अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया सर्वकालीक निचले स्तर पर आ गया है. इसके बाद दिल्ली में काजू-बादाम समेत अन्य ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इस समय बाजार में काजू, किशमिश, बादाम, अखरोट, सभी के दाम भी बढ़ गए हैं. तो चलिए जानते हैं ड्राई फ्रूट्स की कीमतें क्यों इतनी बढ़ गई हैं?
क्यों बढ़ रही ड्राई फ्रूट्स की कीमत?
इस बार बजट में कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी का ऐलान हुआ. जिसके बाद से भारतीय शेयर बाजार लगातार टूट रहा था. वहीं, दूसरी तरफ विदेशी निवेशक भी बाजार से पैसा निकाल रहे हैं. इस वजह से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया आल टाइम लो पर आ गया है. डॉलर महंगा होने से कई चीजों के दाम भी बढ़ने लगे हैं. जिसमें ड्राई फ्रूट्स भी शामिल हैं. आपको बता दें, दिल्ली के थोक ड्राई फ्रूट्स मार्केट खारी बावली में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ईरान, दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों से ड्राई फ्रूट्स की सप्लाई होती है.
काजू, बादाम की बढ़ी डिमांड
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीते 20 दिनों से काजू के साथ बादाम की डिमांड बढ़ गई है. सबसे ज्यादा डिमांड चार टुकड़े काजू की है. इसका इस्तेमाल मिठाइयों में किया जाता है, इसलिए त्योहारी सीजन शुरू होते ही इसकी मांग भी बढ़ने लगी है. हलवाईयों और बड़ी मिठाई कंपनियों ने काजू की खरीदारी शुरू कर दी है, जिसके चलते काजू के दाम में बढ़ोतरी हुई है. वहीं, ईरानी मामरा बादाम के दाम में भी बढ़ोतरी हुई है. इसके पीछे का कारण भी वहां की करेंसी में हुआ उतार-चढ़ाव है. भारत में काजू की सबसे ज्यादा सप्लाई दक्षिण अफ्रीका से होती है, लेकिन कुछ दिनों से सप्लाई प्रभावित होने के चलते रॉ मटीरियल की कमी रही, जिससे काजू के दाम में बढ़ोतरी हुई है.
20 दिन में इतनी बढ़ गई कीमत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीते 20 दिन में दिल्ली के खारी बावली 1,000 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकने वाली काजू की कीमत 1,200 रुपये किलो हो गई है. वहीं, ईरानी मामरा बादाम की कीमत 2,000 रुपये प्रति किलो से बढ़कर अब 2,600 रुपये तक पहुंच गई है. वहीं बादाम की कीमत 700 से 750 रुपये किलो, किश्मिश की 400 से 450 रुपये और अखरोट की कीमत 1100-1200 से बढ़कर 1400 रुपये किलो हो गई है. सूत्रों का दावा है कि आने वाले दिनों में ड्राई फ्रूट्स के दाम में और तेजी आ सकती है.
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क्या है रुपया की स्थिति?
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया एक पैसे कमजोर होकर 83.72 (अस्थायी) के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया. वहीं, शुक्रवार को रुपया 83.74 पर पहुंच गया. विदेशी बाजार में अमेरिकी मुद्रा की मांग और भारत से विदेशी पूंजी की भारी निकासी के कारण यह गिरावट आई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार घरेलू मुद्रा में यह गिरावट भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के बाद आई है. आपको बता दें, सरकार द्वारा बजट में पूंजीगत लाभ पर कर की दर बढ़ाने की घोषणा के बाद शेयर बाजार नीचे आ रहे हैं.
जब से प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने अपने प्लान महंगे किए हैं, बीएसएनएल का यूजर बेस मजबूत होता जा रहा है.
एक तरह से वेंटिलेटर पर पड़ी सरकारी दूरसंचार कंपनी 'भारत संचार निगम लिमिटेड' यानी BSNL में पिछले कुछ समय से जान आ गई है. जब से रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने अपने टैरिफ प्लान महंगे किए हैं, बीएसएनएल का रुख करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. इन प्राइवेट टेलीकॉम प्रोवाइडरों ने अपने टैरिफ के दाम 11 से 25 प्रतिशत तक बढ़ाए हैं. जबकि सरकारी कंपनी बीएसएनएल ने कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है और उसे इसका फायदा मिल रहा है. एक रिपोर्ट की मानें , तो BSNL ने 27 लाख नए ग्राहक जोड़े हैं. माना जा रहा है कि आने वाले समय में BSNL का यूजर बेस और मजबूत हो सकत है. सोशल मीडिया पर बीएसएनएल के समर्थन में कैंपेन भी चल रहे हैं.
ऐसे हो सकता है लाभ
बीएसएनएल की मजबूत होती स्थिति से उससे किसी न किसी रूप में जुड़ी कंपनियों को भी फायदा हो रहा है और इस 'फायदे' से आप भी मुनाफा कमा सकते हैं. चलिए आपको समझाते हैं कि कैसे. बीएसएनएल शेयर बाजार में लिस्टेड नहीं है, लेकिन उससे जुड़ी कुछ कंपनियां बाजार में सूचीबद्ध हैं. इन कंपनियों को BSNL से बड़े ऑर्डर मिल रहे हैं, जिससे उनकी ऑर्डर बुक मजबूत और इस मजबूती से उनके शेयरों में भी मजबूती संभावना निर्मित हो रही है. ऐसे में यदि आप संबंधित शेयरों को अपने पोर्टफलियों में शामिल करते हैं, तो मुनाफा कमा सकते हैं. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि शेयर बाजार में निवेश किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श के आधार पर ही करें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
इनसे जुड़ा है रिश्ता
रिपोर्ट के मुताबिक, तेजस नेटवर्क (Tejas Network Ltd) को बीएसएनएल से बड़ा ऑर्डर मिला है. दरअसल, मई में इस सरकारी दूरसंचार कंपनी ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की अगुवाई वाले कंसोर्टियम को 4जी नेटवर्क लगाने के लिए 15000 करोड़ रुपए का ऑर्डर दिया था और तेजस नेटवर्क इसी कंसोर्टियम का हिस्सा है. तेजस के लिए वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही शानदार रही है. कंपनी ने इस दौरान 1.47 अरब रुपए का प्रॉफिट कमाया है, जो सालाना आधार 168% अधिक है. ऐसे में बीएसएनएल से मिले ऑर्डर ने उसकी आर्थिक सेहत को और मजबूत कर दिया है. तेजी के शेयर आज बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं. बीते छह महीनों में इसकी कीमत 73.45% चढ़ी है.
शेयरों में आया उछाल
हिमाचल फ्यूचरिस्टिक कम्युनिकेशंस (Himachal Futuristic Communications Limited) यानी HFCL को ऑप्टिकल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क अपग्रेड करने के लिए 11.3 अरब रुपए का ऑर्डर मिला है. इसके शेयर आज तीन प्रतिशत से अधिक की तेजी से दौड़ रहे हैं . बीते छह महीनों में इसने 18.31% और एक साल में 87.69% का रिटर्न दिया है. TCS से BSNL के रिश्ते की बात ऊपर हो ही चुकी है, ऐसे में उसके शेयरों में भी आज तेजी दिखाई दे रही है. बीते एक साल में TCS का शेयर अपने निवेशकों को 87.69% का रिटर्न दे चुका है. इस शेयर की कीमत चार हजार से ऊपर है, उस लिहाज से एक साल में इतना रिटर्न काफी मायने रखता है. बता दें कि सरकार Mahanagar Telephone Nigam Ltd (MTNL) ऑपरेशन BSNL को सौंपने पर विचार कर रही है. इस चर्चा से MTNL के शेयरों को बूस्ट मिला है. 26 जुलाई को खबर लिखे जाने तक यह पांच प्रतिशत चढ़कर 97.08 रुपए पर पहुंच गया था.
iPhone बनाने वाली कंपनी Apple भी भी भारत में अपने मोबाइल का प्रोडक्शन कर रही है. इससे भारत के मेक इन इंडिया अभियान को बड़ी सफलता मिली है.
प्रधानमंत्री नरेनंद्र मोदी के मेक इन इंडिया (Make In India) अभियान का डंका अब दुनिया में बजने लगा है. बड़े-बड़े देशों में मेक इन इंडिया प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ रही है. दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में शुमार Apple Inc भी बड़े पैमाने पर अपने फ्लैगशिप प्रोडक्ट iPhone की भारत में ही मैन्यूफैक्चरिंग कर रही है. कंपनी भारत में अपने प्रोडक्ट की मेकिंग करने के बाद दुनियाभर में इसका एक्सपोर्ट करती है. वहीं, अब एक और बड़ी ग्लोबल मोबाइल कंपनी ने भी भारत में स्मार्टफोन बनाने का ऐलान किया है. तो आइए जानते हैं ये कौन-सी कंपनी है और इससे भारत को क्या फायदा होगा?
नोकिया भारत में करेगी स्मार्टफोन की मैन्यूफैक्चरिंग
एप्पल के बाद अब फिनलैंड की मोबाइल हैंडसेट कंपनी Nokia के स्मार्टफोन भी भारत में ही बनाए जाएंगे. इसकी ब्रैंड ओनर कंपनी एचएमडी ग्लोबल (HMD Global) का कहना है कि वह अपने ब्रैंड के सभी नए डेवलप स्मार्टफोन का प्रोडक्शन भारत में करेगी. उसकी प्लानिंग इंडिया में प्रोडक्ट को बनाकर ग्लोबल मार्केट में एक्सपोर्ट करने की है.
भारत में भी है कंपनी की सेल
एक समय में नोकिया भारत में मोबाइल फोन का सबसे पॉपुलर ब्रैंड था. बाद में इस ब्रांड को बिल गेट्स की माइक्रोसॉफ्ट ने खरीद लिया और लूमिया फोन की रेंज पेश की थी. हाल के सालों में एचएमडी ग्लोबल ने नोकिया ब्रैंड के कई स्मार्टफोन मार्केट में लॉन्च किए और अब ये कंपनी एंड्रॉइड बेस्ड फोन की वजह से मार्केट में दोबारा पॉप्युलर हो रही है. एचएमडी ग्लोबल भारत में पहले से ही नोकिया ब्रैंड के तहत बेसिक फीचर फोन की सेल करती रही है.
भारत में चीन से बेहतर मौके
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एचएमडी ग्लोबल के फाउंडर चेयरमैन और सीईओ ज्यां फ्रैंको बेरिल ने कहा है कि भारत में बेहतर अवसर हैं. यहां बनने वाले मोबाइल फोन चीन की बेस्ट कंपनियों की तुलना में भी बेहद प्रतिस्पर्धी हैं. इसके साथ ही एचएमडी ग्लोबल ने एक नया ब्रैंड HMD Crest Mobile भी लॉन्च किया, जोकि एक नई स्मार्टफोन सीरीज है.
भारतए में हुआ एचएमडी क्रेस्ट फोन का प्रोडक्शन
कंपनी ने अनुसार एचएमडी क्रेस्ट (HMD Crest) स्मार्टफोन सीरीज में सेल्फी के लिए 50 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है. इस स्मार्टफोन फोन का प्रोडक्शन भारत में ही हुआ है. इसके बाद अब कंपनी ने घोषणा कर दी है कि वह अपने सभी फोन भारत में ही मैन्यूफैक्चर करेगी. अब ये फोन भारत से दुनियाभर के बाजारों में पहुंचेगा. कंपनी के कहा है कि भारत का स्मार्टफोन बाजार मुश्किलों से भरा है, बावजूद इसके कंपनी मुनाफे में बनी हुई है.
बायोफार्मास्युटिकल्स में 5 दशकों से अधिक के अनुभव के साथ, Bharat Serums and Vaccines के पास महिलाओं के स्वास्थ्य में एक विशिष्ट पोर्टफोलियो है.
मैनकाइंड फार्मा और भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स को लेकर चल रही बातचीत आखिरकार फाइनल हो गई है. मैनकाइंड फार्मा एडवेंट इंटरनेशनल से भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स का पूर्ण अधिग्रहण करेगी. इसके लिए 13, 630 करोड़ रुपये में डील फाइनल हुई है. कंपनी ने एक बयान जारी कर बताया कि मैनकाइंड फार्मा 13,630 करोड़ रुपये में भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स का अधिग्रहण करेगी। कंपनी ने लगभग 13,630 करोड़ रुपये में भारत सीरम्स एंड वैक्सीन्स (BSV) में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के समझौते को अंतिम रूप दिया है.
मैनकाइंड फार्मा ने क्या कहा?
मैनकाइंड फार्मा ने एक बयान में कहा कि यह रणनीतिक कदम मैनकाइंड फार्मा के लिए एक महत्वपूर्ण छलांग है, जो इसे भारतीय महिला स्वास्थ्य और फर्टिलिटी दवा बाजार में एक मार्केट लीडर के रूप में स्थापित करता है. साथ ही स्थापित जटिल आरएंडडी टेक प्लेटफार्म्स के साथ क्रिटिकल केयर में अन्य हाई एंट्री बैरियर प्रोडक्ट्स तक पहुंच प्रदान करता है. सौदे को लेकर मैनकाइंड फार्मा के लिए Moelis & Company ने एक्सक्लूसिव फाइनेंशियल एडवायजर और AZB & Partners ने लीगल काउंसिल के तौर पर काम किया. Advent और BSV के लिए Jefferies LLC और J.P. Morgan फाइनेंशिल एडवायजर रहे. वहीं लीगल काउंसिल Khaitan & Co रहे.
भारत सीरम्स ने क्या कहा?
BSV के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव नवंगुल ने कहा कि हमें उन कुछ भारतीय कंपनियों में से एक होने पर गर्व है, जिनके पास अपनी तरह के पहले स्वदेशी रूप से विकसित कई जटिल उपचार हैं, जिन्होंने मरीजों को बेहतर परिणाम दिए हैं. यह अधिग्रहण अत्याधुनिक उत्पादों को लाने और भारत और दुनिया भर में लाखों मरीजों तक हमारी पहुंच का विस्तार करने की हमारी प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है.
50 साल से ज्यादा पुरानी है भारत सीरम्स
बायोफार्मास्युटिकल्स में 5 दशकों से अधिक के अनुभव के साथ, Bharat Serums and Vaccines के पास महिलाओं के स्वास्थ्य में एक विशिष्ट पोर्टफोलियो है, जो फर्टिलिटी से लेकर गर्भावस्था के बाद तक के पूरे लाइफसाइकिल को कवर करता है. मैनकाइंड फार्मा का मानना है कि संरचनात्मक अनुकूल परिस्थितियों के कारण महिला स्वास्थ्य और फर्टिलिटी क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर मजबूत विकास संभावना के साथ-साथ बड़े अवसर हैं.
हीरो मोटोकॉर्प ने जनवरी 2019 में आयकर विभाग से 2,336.71 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड का नोटिस मिलने की जानकारी दी थी.
दोपहिया वाहन कंपनी हीरो मोटाकॉर्प को इनकम टैक्स के मामले में बड़ी राहत मिली है. इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल ने हाल ही में एक आदेश में कंपनी को यह राहत प्रदान की है और 23 सौ करोड़ रुपये से ऊपर की टैक्स डिमांड के ऑर्डर को रद्द कर दिया है. कंपनी ने इसकी जानकारी दी है. ITAT ने कंपनी के पक्ष में फैसला देते हुए इस टैक्स डिमांड की खारिज कर दिया है.
इनकम टैक्स डिपाटमेंट ने की थी ये डिमांड
हीरो मोटो कॉर्प ने गुरुवार 25 जुलाई को शेयर बाजारों को एक रेगुलेटरी फाइलिंग में इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) के हालिया फैसले की जानकारी दी. कंपनी के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, आईटीएटी ने 2,336.71 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड के एक ऑर्डर को निरस्त कर दिया है, जो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से कंपनी को असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए भेजा गया था.
आईटीएटी ने डिमांड को बताया इनवैलिड
कंपनी के अनुसार, इनकम टैक्स अपीलीय न्यायाधिकरण ने अपने हालिया आदेश में उसकी अपील को सही ठहराया है और इनकम टैक्स के डिमांड ऑर्डर को इनवैलिड करार दिया है. इस तरह हीरो मोटो कॉर्प से की गई 2,300 करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स डिमांड अमान्य हो गई है. हीरो मोटो कॉर्प ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के टैक्स डिमांड ऑर्डर के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण में याचिका दायर की थी.
2010 में अलग हुए हीरो और होंडा के रास्ते
यह मामला लगभग एक दशक पहले भारतीय कंपनी हीरो और जापानी कंपनी होंडा के जेवी से अलग होने से जुड़ा हुआ है. पहले हीरो और होंडा मिलकर हीरो होंडा नाम से जॉइंट वेंचर चला रही थी और हीरो होंडा ब्रांड नाम से भारतीय बाजार में दोपहिया वाहनों की बिक्री करती थी. जॉइंट वेंचर को 2010 में टर्मिनेट कर दिया गया था. होंडा ने उस समय हुई डील के तहत जॉइंट वेंचर में अपनी पूरी हिस्सेदारी हीरो समूह को बेच दी थी. उसके बाद से हीरो समूह और होंडा दोनों भारतीय बाजार में अलग-अलग दोपहिया वाहनों का बिजनेस कर रही हैं.
इस सौदे को लेकर आई थी टैक्स की डिमांड
जॉइंट वेंचर हीरो होंडा मोटर लिमिटेड में होंडा के पास 26 फीसदी हिस्सेदारी थी. हीरो समूह की हीरो इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने होंडा की 26 फीसदी हिस्सेदारी (5.19 करोड़ शेयर) को 3,841.83 करोड़ रुपये में खरीदा था. सौदा 739 रुपये प्रति शेयर की दर से ऑफ-मार्केट हुआ था. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टैक्स डिमांड उसी डील से जुड़ी हुई थी. हालांकि हीरो का कहना था कि उसने सौदे के बदले बकाए टैक्स का भुगतान कर दिया है.
अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी के लंदन में होने वाले जश्न के लिए मुकेश अंबानी ने लग्जरी होटल दो महीने के लिए बुक कर लिया है.
अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी ज़रूर हो गई है, लेकिन उसका जश्न अभी बाकी है. अंबानी परिवार अब लंदन में पोस्ट वेडिंग सेलिब्रेशन की तैयारी कर रहा है. इसके लिए बाकायदा अगस्त से सितंबर तक यानी दो महीने के लिए लग्जरी 7-स्टार स्टोक पार्क (Stoke Park) होटल को बुक किया गया है. पोस्ट वेडिंग सेलिब्रेशन पर भी मुकेश अंबानी भारी-भरकम खर्चा करने वाले हैं.
अब तक इतना खर्चा
अनंत-राधिका की शादी से पहले गुजरात के जामनगर में तीन दिनों का प्री-वेडिंग फंक्शन आयोजित हुआ था, जिस पर करीब 1200 करोड़ रुपए का खर्चा आया था. इसके बाद 12 जुलाई को हुई शादी पर लगभग 5000 करोड़ रुपए खर्च हुए और अब शादी के बाद के जश्न पर भी अंबानी परिवार पानी के तरह पैसा बहाने को तैयार है. लंदन में होने वाले इस भव्य आयोजन में तमाम दिग्गज हस्तियां शिरकत करेंगी. खबरों की मानें तो प्रिंस हैरी, पूर्व ब्रिटिश PM बोरिस जॉनसन, टोनी ब्लेयर और उनकी पत्नी चेरी ब्लेयर के साथ-साथ हॉलीवुड, बॉलीवुड के सितारों और दुनिया के दिग्गज बिजनसमैन इसका हिस्सा बनेंगे.
592 करोड़ में लीज
'द सन' की रिपोर्ट बताती है कि इस आलीशान प्रॉपर्टी पर यह सेलिब्रेशन होने वाला है, उसे मुकेश अंबानी ने की रिलायंस ने तीन साल पहले 592 करोड़ रुपए में लीज पर लिया था. इस होटल में जेम्स बॉन्ड फिल्मों की दो बार शूटिंग हो चुकी है. लंदन के बकिंघमशायर में स्थित यह होटल 300 एकड़ के पार्कलैंड के बीच में बना है. इसमें 49 बेडरूम और सुइट्स, 27 गोल्फ कोर्स, 13 टेनिस कोर्ट और 14 एकड़ में प्राइवेट गार्डन है. इस प्रॉपर्टी क 1000 साल पुराना इतिहास है. अंबानी द्वारा होटल को लीज पर लिए जाने के बाद से ही इसे आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था. केवल अंबानी परिवार के सदस्य ही यहां आते-जाते रहे हैं.
लोगों ने जताई थी आपत्ति
होटल को सिर्फ अंबानी परिवार के लिए खोले जाने पर स्थानीय लोगों और लोकल काउंसिल ने कड़ी आपत्ति जताई थी. क्योंकि लीज के नियमों के मुताबिक, इसे कमर्शियल प्रॉपर्टी की तरह इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इसके बाद लीज के नियमों का पालन किया गया. ऐसे में अब मुकेश अंबानी ने दो महीने के लिए पूरा होटल ही बुक कर लिया है, ताकि किसी बिन बुलाये मेहमान की एंट्री न होने पाए. स्टोक पार्क एस्टेट और आसपास के इलाके में सुरक्षा कड़ी की जा रही है. दो महीने तक होटल में कई जश्न होंगे, जिसमें ब्रिटेन के शाही परिवार के साथ-साथ दुनिया भर की दिग्गज हस्तियां शिरकत करेंगी. भारत से अनंत-राधिका की पोस्ट वेडिंग सेलिब्रेशन में कौन शामिल होगा, इसकी फिलहाल कोई जानकारी नहीं है.
बजट के बाद से शेयर बाजार के अच्छे दिन कहीं गायब हो गए हैं. कल भी बाजार में गिरावट आई और आज भी उतार-चढ़ाव के आसार हैं.
शेयर बाजार (Stock Market) में कल भी बेजार रहा. बाजार का असर, विदेशी बाजारों में नरमी और कुछ चुनिंदा सेक्टर्स शेयरों में हुई बिकवाली के चलते मार्केट गिरावट के साथ बंद हुआ. दरअसल , मोदी सरकार ने शेयर बाजार से होने वाली कमाई पर भी कैंची चलाने का काम किया है. बजट में सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) और शॉर्ट-लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स बढ़ाने की घोषणा के बाद से ही निवेशक बाजार से पैसा निकाल रहे हैं. इस वजह से मार्केट लाल है. खास बात यह है कि विदेशी संस्थागत निवेशक (FPI) ने बड़े पैमाने पर भारतीय बाजार से निकासी कर रहे हैं. कल बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 109.08 लुढ़ककर 80,039.80 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 7.40 अंक फिसलकर 24,406.10 पर बंद हुआ. शेयर बाजार के लिए आज सप्ताह का आखिरी कारोबारी दिन है. चलिए जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.
MACD के ये हैं संकेत
सबसे पहले बात करते हैं MACD की. मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने DOMS Industries, Sky Gold, AstraZeneca Pharma, LTTS, Epigral और Ethos में तेजी का रुख दर्शाया है. इसका मतलब है कि इन शेयरों में उछाल देखने को मिल रहा है. जाहिर है ऐसे में इन पर दांव लगाने वालों के लिए मुनाफा कमाने की गुंजाइश भी बन सकती है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि शेयर बाजार में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श लेना न भूलें अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. इसी तरह, MACD ने Apollo Hospitals Enterprise, CAMS, Supreme Petrochem, Metro Brands, Emami और RVNL में मंदी के संकेत दिए हैं.
इन पर भी रखें नजर
अब उन शेयरों के बारे में भी जान लेते हैं, जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में Tata Motors, MMTC, Nuvama Wealth Management, Jyothy Labs, United Spirits और ONGC का नाम शामिल है. इनके अलावा, आज Samvardhana Motherson International, BPCL और फेडरल बैंक पर भी नजर रखें. इन शेयरों में उछाल देखने को मिल सकता है. फेडरल बैंक के शेयर कल बढ़त के साथ 204.80 रुपए पर बंद हुए थे. इसी तरह BPCL करीब चार प्रतिशत की उछाल के साथ 326.50 रुपए पर पहुंच गया था. इस साल अब तक इस शेयर में 44.45% का उछाल आया है.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
जिंदल समूह की कंपनी जिंदल रेल, उच्च गुणवत्ता वाले रेलवे माल कार उत्पादों को डिजाइन करने और बनाने के लिए जानी जाती है. यह इस्पात उद्योग के लिए बीएफएनवी वैगनों जैसे माल ढुलाई के डिजाइन में माहिर है.
टेक्समैको रेल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड ने अपने रोलिंग स्टॉक व्यवसाय का विस्तार करने के लिए एक रणनीतिक कदम में जिंदल रेल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का अधिग्रहण कर लिया है. कंपनी ने जिंदल रेल का 100% अधिग्रहण करने की घोषणा की है. 615 करोड़ रुपये मूल्य का यह अधिग्रहण भारत के रोलिंग स्टॉक उद्योग के इतिहास में सबसे बड़ा अधिग्रहण है, और इससे टेक्समैको की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे टेक्समैको भारत में वैगनों का सबसे बड़ा उत्पादक बन जाएगा. टेक्समैको, एडवेंट्ज़ समूह की कंपनी, एल्यूमिना, सीमेंट/फ्लाई ऐश, स्टील, ईंधन, रसायन, लौह-अयस्क (गोंडोला वैगन) के साथ-साथ ऑटोमोबाइल ले जाने वाले वैगनों के थोक परिवहन के लिए वैगनों में अग्रणी कंपनी है.
क्या करती है जिंदल रेल इंफ्रास्ट्रक्चर?
टैक्समैको ने जिस कंपनी का अधिग्रहण किया है उसका मौजूदा समय में पृथ्वीराज जिंदल नेतृत्व कर रहे हैं. जिंदल समूह की कंपनी जिंदल रेल, उच्च गुणवत्ता वाले रेलवे माल कार उत्पादों को डिजाइन करने और बनाने के लिए जानी जाती है. यह इस्पात उद्योग के लिए बीएफएनवी वैगनों जैसे माल ढुलाई के डिजाइन में माहिर है, साथ ही ऑटोमोबाइल कैरिज के लिए एसीटी1 और अधिक उद्योग विशिष्ट वैगन डिजाइन प्रोटोटाइप चरण में हैं. जिंदल रेल ने परंपरागत रूप से विभिन्न प्रकार के कमोडिटी-विशिष्ट, विशेष प्रयोजन वैगन, कोच और लोकोमोटिव के लिए घटकों का निर्माण किया है, और 2012 में अपनी स्थापना के बाद से 8,600 से अधिक वैगनों की डिलीवरी की है. इसकी विनिर्माण सुविधा 123 एकड़ में फैली हुई है, जिसने 1,650 वैगनों का उत्पादन किया है. पिछले वित्तीय वर्ष में उत्पादन कई गुना बढ़ने की संभावना है.
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क्या बोले टैक्समैको के प्रेसीडेंट?
अधिग्रहण पर टिप्पणी करते हुए, टेक्समैको के अध्यक्ष सरोज कुमार पोद्दार ने कहा, ‘एडवेंट्ज़ समूह हमेशा भारत के विकास में भाग लेने के लिए प्रतिबद्ध रहा है. जिंदल रेल अधिग्रहण से घरेलू और विदेशी बाजारों में हमारी भागीदारी तेजी से बढ़ेगी, जिससे देश की आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी. वडोदरा में 61 एकड़ का भूमि बैंक यात्री गतिशीलता जैसे संबद्ध व्यवसायों में त्वरित क्षमता विस्तार को बढ़ावा देगा, जबकि टेक्समैको की विशेषज्ञता परिचालन के ऊर्ध्वाधर एकीकरण की अनुमति देगी.
क्या बोले टैक्समैको के वाइस चेयरमैन?
टेक्समैको के वाइस चेयरमैन इंद्रजीत मुखर्जी ने कहा, "हम हमेशा विकास को बढ़ावा देने और पूरे उद्योग में तालमेल बढ़ाने के लिए रणनीतिक गठबंधन बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, और यह कम जोखिम वाला अधिग्रहण हमारे व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है. इस अवसर पर टेक्समैको के प्रबंध निदेशक श्री सुदीप्त मुखर्जी ने कहा की “यह अधिग्रहण टेक्समैको रेल को देश के भीतर माल ढुलाई स्टॉक बाजार में और अल्पावधि में अंतरराष्ट्रीय रेल माल उद्योग मानचित्र पर महत्वपूर्ण बढ़त दिलाएगा. यह नई उत्पाद श्रृंखलाओं में प्रवेश के साथ-साथ संपूर्ण रेलवे रोलिंग स्टॉक और घटक मूल्य श्रृंखलाओं में भागीदारी को बढ़ावा देने के जबरदस्त अवसर भी खोलता है. हमारा दृढ़ विश्वास है कि टेक्समैको रेल, पश्चिमी भारत में अपने विस्तार के साथ, सरकार के आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के दृष्टिकोण में अधिक सशक्त रूप से योगदान देगी.
कंपनी की ओर से इस मामले में जानकारी दी गई है कि वो ग्रोथ और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए इस तरह का कदम उठा रही है. कंपनी आने वाले दिनों में निकाले गए लोगों की जगह नए कर्मचारियों को लेगी.
AI (Artificial Intelligence) की बात जब भी आती है उसके साथ छंटनी का जिक्र जरूर होता है. इसी आशंका को और गहराती अब एक एआई स्टार्टअप कंपनी से ये खबर सामने आ रही है उसने बड़े स्तर पर कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी कर ली है. खबर यहां तक आ रही है कि कंपनी ने इसे लेकर निकाले जाने वाले कर्मचारियों को सूचना भी दे दी है. गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत से ही कंपनियों में छंटनी का दौर शुरू हुआ था वो अभी भी लगातार जारी है.
आखिर क्यों हो रही है ये छंटनी?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एआई स्टार्टअप कंपनी कोहेयर (Cohere) को इसी मंगलवार को अच्छी खबर तब मिली जब एक नए फंडिंग राउंड में कंपनी 500 मिलियन डॉलर जुटाने में कामयाब हो गई. कंपनी का वैल्यूएशन 5.5 बिलियन डॉलर आंका गया है. लेकिन कंपनी ने अपनी इस खुशी में कर्मचारियों को जो खबर सुनाई उसने सभी को परेशान कर दिया है. फंडिंग मिलने के बाद ही कंपनी ने कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने का फरमान सुना दिया.
इतने प्रतिशत कर्मचारियों पर पड़ सकता है असर?
कंपनी के पास मौजुदा समय में 400 कर्मचारी काम कर रहे हैं. लेकिन कंपनी इस राउंड में 20 कर्मचारियों को बाहर निकालने जा रही है. ये कंपनी के 5 प्रतिशत कर्मचारियों की संख्या है. इन 5 प्रतिशत कर्मचारियों को निकाले जाने के बाद कंपनी में 380 कर्मचारी बचेंगे. कंपनी के सीईओ ऐदान गोमेज ने कर्मचारियों को पत्र लिखकर इस संभावित छंटनी के बारे में बताया है.
सीईओ ने ये बताई वजह?
कंपनी के सीईओ ऐदान गोमेज ने बताया कि अगर कंपनी को प्रतिस्पर्धी और आगे बढ़ना है तो उसके लिए जरूरी ये है कि सही आदमी सही पोजीशन पर हो. उन्होंने कहा कि हम इसी लक्ष्य के साथ ये छंटनी कर रहे हैं. उन्होंने भरोसा दिलाया कि कंपनी आने वाले समय में लोगों को हायर करना जारी रखेगी. उन्होंने कहा कि कंपनी इन कर्मचारियों को हटाकर उनकी जगह नए कर्मचारियों को लेकर आना चाहती है. वो उनकी नियुक्ति जल्द से जल्द करेगी.
ऑक्सफैम की रिपोर्ट बता रही है कि इन अमीरों की कमाई से लेकर संपत्ति में तो इजाफा हुआ है लेकिन इनके टैक्स में कमी हुई है और सरकारें असमानता रोकने में फेल रही हैं.
समूची दुनिया के ज्यादातर देश भले ही आर्थिक संकट का सामना कर रहे हों लेकिन अमीरों की दौलत में कोई कमी नहीं आई है. आलम ये है कि हाल ही में हुए एक सर्वे में ये बात सामने आई है कि पिछले 10 सालों में दुनिया के 1 प्रतिशत टॉप अमीरों की दौलत में 42 ट्रिलियन का इजाफा हुआ है. रिपोर्ट ये भी कह रही है कि जिन अमीरों की दौलत में इजाफा हुआ है उनमें ज्यादातर जी 20 देशों के नागरिक हैं.
क्या कहती है ऑक्सफोम की ये रिपोर्ट?
ऑक्सफॉम की ये रिपोर्ट बता रही है कि दुनिया के 1 प्रतिशत अमीरों की दौलत में 42 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है. 42 ट्रिलियन डॉलर वो रकम है जो सबसे गरीब आबादी की 36 गुना से भी ज्यादा है. रिपोर्ट का कहना है कि इन अमीरों की संपत्ति में रियल टर्म्स में 400000 डॉलर के करीब बढ़ी है. जबकि बाकियों की संपत्ति में केवल 335 डॉलर का इजाफा हुआ है.
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संपत्ति बढ़ी लेकिन घट गया टैक्स
ऑक्सफैम की रिपोर्ट बता रही है कि इन अमीरों की कमाई से लेकर संपत्ति में तो इजाफा हुआ है लेकिन इनके टैक्स में कमी हुई है. इस साल जी 20 की मीटिंग ब्राजील में हो रही है. जी 20 देशों की अगर दुनिया की जीडीपी में हिस्सेदारी पर नजर डालें तो वो 80 प्रतिशत है. ऐसे में ये देश सुपर रिच पर टैक्स लगाने को लेकर अंतराष्र्ट्रीय सहयोग को आगे बढ़ा रहे हैं. ब्राजील में इस साल जी 20 देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों की मीटिंग होने जा रही है. इस मीटिंग में इस पर चर्चा हो सकती है.
चरम पर पहुंच चुकी है असमानता
ऑक्सफैम की रिपोर्ट कह रही है कि इसके कारण असमानता तेजी से फैल रही है और ये मौजूदा समय में अपने उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि दुनिया भर की सरकारें इस असमानता को कम करने में पूरी तरह से फेल रही हैं. ऑक्सफैम के असमानता पॉलिसी के प्रमुख मैक्स लॉसन ने कहा कि दुनिया के 1 फीसदी लोग अपनी जेबें भर रहे हैं जबकि बाकी को ऐसे ही छोड़ दिया गया है.