बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिनके पास एक नहीं बल्कि बहुत से बैंक अकाउंट्स होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं एक व्यक्ति कितने खाते खुलवा सकता है?
आजकल बैंक अकाउंट होना एक बहुत ही आम बात है. जैसे ही बच्चे की स्कूली शिक्षा शुरू होती है, वैसे ही उसका भी एक बैंक अकाउंट खुलवा दिया जाता है. बैंक में आपका पैसा सुरक्षित रहता है और जमा किए गए पैसे पर आपको ब्याज भी मिलता है. इसके साथ ही एक बैंक अकाउंट आपकी लेन-देन की प्रक्रिया को भी काफी आरामदायक और आसन बना देता है.
एक व्यक्ति विभिन्न अकाउंट्स
आपने अलग अलग तरह के बैंक अकाउंट्स के बारे में भी सुना ही होगा. जहां किसी व्यक्ति के पास सैलरी अकाउंट होता है तो किसी के पास सेविंग्स अकाउंट वहीं किसी-किसी के पास करंट अकाउंट भी देखने को मिलता है. दूसरी तरफ बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिनके पास एक नहीं बल्कि बहुत से बैंकों के अकाउंट्स होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं एक व्यक्ति कितने बैंकों में खाता खुलवा सकता है?
कितनी तरह के होते हैं बैंक अकाउंट्स?
अब सबसे पहले सवाल उठता है कि बैंक अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं? जैसा हमने आपको ऊपर बताया, बैंक अकाउंट्स कई प्रकार के होते हैं जिनमें सेविंग्स, करंट, सैलरी, और जॉइंट अकाउंट भी होता है. अब हम आपको हर एक अकाउंट के बारे में थोड़ा-थोड़ा बता देते हैं. ज्यादातर लोग बैंक में सेविंग्स अकाउंट ही खुलवाते हैं और यह अकाउंट एक छोटे बिजनेस से लेकर नौकरी करने वाले या फिर किसी हाउसवाइफ तक किसी का भी हो सकता है.
क्या होते हैं सैलरिड और जॉइंट अकाउंट्स?
सैलरी या सैलरिड बैंक अकाउंट मुख्य रूप से उन लोगों के लिए ही होता है जो नौकरीपेशा हैं. इसका मतलब यह है कि जिन लोगों की सैलरी हर महीने आती है ये अकाउंट मुख्य रूप से उनके लिए ही प्रदान किए जाते हैं. अगर आपकी सैलरी नियमित तौर पर आ रही है तो आपको इस अकाउंट में किसी प्रकार का न्यूनतम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. इसके साथ ही यह अकाउंट अस्थाई होता है. जिसका मतलब ये है कि आप जब नौकरी बदलते हैं तो आप इस अकाउंट को भी बदल सकते हैं. अब बात करते हैं जॉइंट अकाउंट के बारे में. जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि यह अकाउंट एक नहीं बल्कि दो लोगों या फिर कभी-कभी पूरे परिवार का भी हो सकता है. इस अकाउंट में भी बहुत से फायदे प्रदान किए जाते हैं.
एक व्यक्ति के पास कितने अकाउंट्स?
हालांकि भारत में एक व्यक्ति द्वारा विभिन्न अकाउंट्स रखने पर प्रतिबंध नहीं है लेकिन फिर भी एक्सपर्ट्स का मानना है कि बहुत सारे बैंक अकाउंट्स रखने से आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो एक व्यक्ति को दो से ज्यादा बैंक अकाउंट्स नहीं रखने चाहिए. लोगों को अपने बैंक अकाउंट्स की संख्या अपनी जरूरत के हिसाब से चुननी चाहिए. दरअसल आपको अपने बैंक अकाउंट में एक न्यूनतम राशि स्थायी रूप से बनाए रखनी पड़ती है और इसीलिए एक्सपर्ट्स कहते हैं कि आपको दो से ज्यादा बैंक अकाउंट्स नहीं रखने चाहिए.
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दिल्ली मेट्रो ने मल्टीपल जर्नी क्यूआर टिकट (MJQRT) की सुविधा शुरू की है, जिससे यात्री अपने मोबाइल फोन को स्मार्ट कार्ड की तरह उपयोग कर सकेंगे.
साल 2002 में शुरू हुई दिल्ली मेट्रो अब दिल्ली के कोने-कोने बल्कि दिल्ली-एनसीआर तक के कोने कोने को कवर कर रही है. दिल्ली मेट्रो में यात्रा करने के लिए टिकटिंग सिस्टम भी काफी चेंज हो गया है. पहले जहां टोकन का इस्तेमाल हुआ करता था. तो वहीं अब QR कोड टिकट ने जगह ले ली है. पर मेट्रो स्मार्ट कार्ड पहले की तरह अभी भी काम करते हैं. लेकिन अब मेट्रो स्मार्ट कार्ड के जैसा ही मल्टीपल जर्नी QR टिकट जारी कर दिया है. किस तरह कर पाएंगे इसका इस्तेमाल. चलिए आपको बताते हैं.
कैसे इस्तेमाल होगा मल्टीपल जर्नी QR टिकट?
दिल्ली मेट्रो से फिलहाल जो लोग सफर करते हैं. अगर उनके पास मेट्रो का स्मार्ट कार्ड नहीं होता, तो वह QR टिकट लेते हैं. QR टिकट ऑनलाइन बुक की जा सकती है और काउंटर से भी ली जा सकती है. आप जितनी बार भी यात्रा करते हैं. आपको हर बार एक QR टिकट लेनी होती है. लेकिन अब आपको बार-बार QR टिकट लेने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. क्योंकि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन यानी डीएमआरसी ने मल्टीप्ल जर्नी QR टिकट लॉन्च कर दी है.
दिल्ली सारथी यानी Momentum 2.0 एप के जरिए QR कोड खरीद कर उसी का लगातार इस्तेमाल कर पाएंगे. यानी आप स्मार्ट कार्ड की तरह ही उस QR कोड को उसे रिचार्ज कर पाएंगे. बता दें दिल्ली मेट्रो में यह सुविधा 12 सितंबर से लागू हो चुकी है. इससे अब दिल्ली मेट्रो में सफर करना और भी आसान हो गया है.
किस तरह खरीदें QR कोड?
दिल्ली मेट्रो का मल्टीप्ल जर्नी QR टिकट खरीदने के लिए आपको दिल्ली सारथी (Momentum 2.0) ऐप पर लॉगिन करके मल्टीप्ल जर्नी क्यूआर टिकट के ऑप्शन पर जाना होगा. इसके बाद आपको 150 रुपये चुकाकर QR कोड खरीदना होगा. क्यूआर कोड की कीमत के पैसे आप ट्रैवल के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. बता दें इस क्यूआर कोड में आप मिनिमम ₹50 तो वही मैक्सिमम ₹3000 तक का रिचार्ज कर सकते हैं. रिचार्ज यूपीआई, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड किसी से भी किया जा सकता है. अपने फोन पर QR कोड को आप स्कैन करके आसानी से सफर कर सकते हैं.
इन बातों का रखना होगा ध्यान
मल्टीपल जर्नी क्यूआर टिकट खरीदने के लिए यात्री यूपीआई, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड जैसे डिजिटल पेमेंट गेटवे का उपयोग कर सकते हैं. स्मार्ट कार्ड के विपरीत, मोबाइल खो जाने पर भी वॉलेट में शेष राशि सुरक्षित रहती है और यात्री किसी अन्य डिवाइस से लॉग इन करके MJQRT का इस्तेमाल कर सकते हैं. यात्री ऐप के माध्यम से अपनी यात्रा का रिकॉर्ड देख सकते हैं और वहीं से क्यूआर कोड को रिचार्ज भी कर सकते हैं. MJQRT यूजर्स को पीक आवर्स (सुबह 8 से दोपहर 12 और शाम 5 से रात 9 बजे) में 10% और ऑफ-पीक आवर्स में 20% की छूट मिलेगी.
अब देश में 70 साल से अधिक उम्र के हर सीनियर सिटीजन को 'आयुष्मान भारत' योजना के स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा.
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में एक बड़ा फैसला किया गया. अब देश में 70 साल से अधिक आयु वाले हर बुजुर्ग को ‘प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना-आयुष्मान भारत’ का लाभ मिलेगा. इसमें गरीब या अमीर का अंतर नहीं किया जाएगा, बल्कि इसके दायरे में हर किसी को लाया जाएगा. कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत ये एक नई कैटेगरी बनेगी. इसके तहत 70 साल से अधिक उम्र के हर बुजुर्ग को सरकार 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा वाला स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराएगी.
बुजुर्गों के लिए ऐसे काम करेगी योजना
इस योजना के फायदों को विस्तार से बताते हुए मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 70 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये एक यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज होगा. अभी आयुष्मान भारत योजना का फायदा करीब 12.3 करोड़ परिवारों को मिल रहा है. बुजुर्गों के लिए शुरू की जाने वाली सुविधा का फायदा करीब 4.5 करोड़ परिवारों या यूं कहें 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा. ऐसे परिवार जो पहले से आयुष्मान भारत योजना का हिस्सा हैं, उनके परिवार में अगर एक भी व्यक्ति 70 साल से अधिक आयु का है, तो उनको 5 लाख रुपए प्रति साल तक का अतिरिक्त टॉप-अप मिलेगा. ये शेयर्ड हेल्थ कवर होगा.
सरकारी कर्मचारियों को भी मिलेगा चुनने का विकल्प
इतना ही नहीं ऐसे बुजुर्ग जो केंद्र सरकार या राज्य सरकार (CGHS/SGHS) की किसी स्वास्थ्य योजना या सेना की स्वास्थ्य योजना के दायरे में आते हैं. उन सभी को अपनी पुरानी स्कीम के साथ बने रहने या आयुष्मान भारत के इस कवर को चुनने का विकल्प मिलेगा. कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ESCI) या प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस रखने वाले बुजुर्गों को भी आयुष्मान भारत में शामिल होने का मौका मिलेगा. इस योजना का लाभ लोगों को मुफ्त मिलेगा. हालांकि इसके लिए सरकार सभी बुजुर्गों से बीमा लेने का आग्रह करेगी और इसके आवेदन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. इस कैटेगरी के लिए सरकार ने 3,437 करोड़ रुपए का शुरुआती प्रावधान किया है.
क्या है आयुष्मान भारत योजना?
केन्द्र सरकार ने साल 2017 में आयुष्मान योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत देश के सबसे गरीब 40 प्रतिशत लोगों को हर साल 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलेगा. आयुष्मान भारत योजना के तहत देश भर के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाया जा सकता है. इस योजना के तहत 5 लाख रुपए तक का इलाज बिल्कुल मुफ्त होगा. इस योजना सभी तरह की बीमारियां शामिल होती हैं.
कौन बनवा सकता है ये कार्ड?
आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने के लिए आयुष्मान कार्ड बनवाना पड़ता है. इसके लिए एक पात्रता सूची है. आयुष्मान कार्ड वो बनवा सकते हैं.
• जो लोग दिहाड़ी मजदूरी करते हैं
• गांव में रहते हैं
• निराश्रित या आदिवासी हैं
• असंगठित सेक्टर में काम करते हैं
• जिनके परिवार में कोई दिव्यांग हो
• गरीबी रेखा के नीचे आने वाले लोग
मोदी सरकार ने 70 साल और उससे ज्यादा के बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने का फैसला लिया है. इस योजना का लाभ लेने के लिए बुजुर्गों को आयुष्मान भारत के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसकी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी.
अब जीपीएस और ओबीयू का उपयोग करके वाहनों से दूरी के आधार पर टोल वसूला जाएगा. यह बदलाव टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए किया गया है.
केंद्र सरकार ने जीपीएस आधारित टोल प्रणाली को मंजूरी दे दी है. इससे टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा. यह नई प्रणाली आपके सफर को आसान बनाएगी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नेशनल हाईवे फीस नियम, 2008 को संशोधित किया है. इसमें सैटेलाइट-आधारित सिस्टम के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह को शामिल किया गया है. इस नए सिस्टम से अब गाड़ियों से जीपीएस के जरिए टोल वसूला जाएगा. यह फास्टैग की तरह ही होगा. लेकिन, इसमें गाड़ी के चलने की दूरी के हिसाब से टोल लगेगा. इसमें 20 किमी तक की यात्रा पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. फिलहाल फास्टैग का इस्तेमाल भी जारी रहेगा.
GNSS वाली गाड़ियों के लिए अलग लेन
सरकार ने नए नियमों को ऑफिशियल गजट में भी प्रकाशित कर दिया है. नोटिफिकेशन के मुताबिक, फिलहाल फास्टैग और ऑटोमेटिक नंबर रिकग्निशन टेक्नोलॉजी (ANPR) का इस्तेमाल भी होता रहेगा. इसमें कहा गया है कि जीएनएनएस ओबीयू वाली गाड़ियों के लिए टोल प्लाजा पर अलग से लेन बनाई जाएंगी ताकि उन्हें टोल कलेक्शन के लिए रुकना न पड़े. ऐसी गाड़ियों को सिर्फ उतनी दूर का ही टोल देना पड़ेगा, जहां तक उन्होंने टोल रोड का इस्तेमाल किया है.
यात्रा की दूरी तय करके टोल काट लिया जाएगा
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने बताया कि जो गाड़ियां भारत में रजिस्टर्ड नहीं है और जिनमें जीएनएनएस डिवाइस नहीं है, उनके लिए टोल कलेक्शन का पुराना सिस्टम ही चलता रहेगा. अभी आपको हर टोल प्लाजा पर रुककर फास्टैग (Fastag) से पैसा कटवाना पड़ता है या फिर कैश देना पड़ता है. इससे प्लाजा पर भीड़ होती है. अब जीपीएस की मदद से यात्रा की दूरी तय करके टोल काटा जाएगा. इससे लोगों का समय भी बचेगा. सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पिछले काफी समय से इस सिस्टम को लाने के लिए प्रयासरत थे.
कैसे काम करेगा नया सिस्टम?
इस सिस्टम को लागू करने के लिए गाड़ियों में OBUs लगाए जाएंगे. ये OBU ट्रैकिंग डिवाइस की तरह काम करेंगे और गाड़ी की लोकेशन की जानकारी सैटेलाइट को भेजते रहेंगे. सैटेलाइट इस जानकारी का इस्तेमाल करके गाड़ी की तय की गई दूरी को कैलकुलेट करेंगे. दूरी का सही कैलकुलेशन के लिए जीपीएस और जीएनएसएस तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा, हाईवे पर लगे कैमरे गाड़ी की लोकेशन की पुष्टि करेंगे. शुरुआत में यह सिस्टम कुछ चुनिंदा हाईवे और एक्सप्रेसवे पर लागू किया जाएगा.
10 साल पुराने आधार में करेक्शन के लिए सरकार की ओर से फ्री अपडेट का ऑफर दिया जा रहा है. ये ऑफर केवल ऑनलाइन और सीमित समय के लिए है.
अगर आपको अपने आधार कार्ड (Aadhaar Card) में कोई करेक्शन कराना है, तो आपके पास अभी इसे फ्री में अपडेट कराने का मौका है. दरअसल, यूनिक आइडेंटीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) की ओर से आधार कार्ड को लेकर एक जरूरी सूचना दी गई है, जिसके अनुसार अगर आपका आधार कार्ड 10 साल पुराना है और आपको उसमें कोई करेक्शन करानी है, तो आपके पास 14 सितंबर 2024 तक इसे फ्री में अपडेट कराने का मौका है. इसका मतलब आपके पास फ्री में आधार कार्ड अपडेट के लिए 5 दिनों का समय है. अगर आप इस डेडलाइन के बाद आधार कार्ड अपडेट करते हैं, तो आपको इसके लिए चार्ज देना होगा. इससे पहले तक फ्री आधार कार्ड अपडेट की डेडलाइन 14 जून 2024 थी, जिसे बाद में आगे बढ़ा दिया गया था. तो आइए जानते हैं आप कैसे और कहां से अपने आधार को फ्री में अपडेट करा सकते हैं?
यहां से फ्री में आधार करें अपडेट
UIDAI के ऑफिशियल एक्स हैंडल पर जारी पोस्ट के अनुसार यूजर फ्री में आधार अपडेट के लिए My Aadhaar पोर्टल का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस ऑनलाइन सर्विस में 14 सितंबर तक फ्री आधार कार्ड अपडेट की सुविधा दी जा रही है. आपको बता दें, फ्री आधार अपडेट की सुविधा केवल ऑनलाइन मोड में उपलब्ध होती है. ऐसे में अगर आप ऑफलाइन मोड में आधार कार्ड अपडेट करते हैं, तो आपको पहले की तरह ही 50 रुपये चार्ज देना होगा.
आधार कार्ड के लिए जरूरी दस्तावेज
अगर आप ऑनलाइन आधार अपडेट करा रहे हैं, तो आपको अपने पास कुछ जरूरी डॉक्टूमेंट्स रखने होंगे. जैसे आपको आधार अपडेट कराने के दौरान राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जन-आधार, मनरेगा/एनआरईजीएस जॉब कार्ड, श्रम कार्ड, भारतीय पासपोर्टपैन/ई-पैन कार्ड, सीजीएचएस कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी. अगर आपके पास यह वैध डाक्यूमेंट नहीं है, तो उसकी जगह पर अन्य डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें बिजली, पानी, गैस या टेलीफोन/मोबाइल/ब्रॉडबैंड बिल को शामिल किया गया है. हालांकि यह सभी करीब 3 माह से ज्यादा पुराने नहीं होने चाहिए. इसके अलावा बैंक और डाकघर पासबुक का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा घर की रजिस्ट्री का यूज कर सकते हैं.
घर बैठे ऐसे करें अपडेट
ऑनलाइन आधार अपडेट करने के पूरे स्टेप नीचे दिए गए है, जिसकी मदद से आप अपने आधार कार्ड को अपडेट कर सकते है-
1. सबसे पहले myaadhaar.uidai.gov.in वेबसाइट पर जाएं. वहां अपना आधार नंबर डालें और पंजीकृत मोबाइल नंबर पर आए हुए OTP से लॉगिन करें.
2. लॉगिन के बाद, अपने प्रोफाइल में दी गई पहचान और पते की जानकारी को ध्यानपूर्वक चेक करें.
3. यदि सभी जानकारी सही लगती है, तो 'I verify that the above details are correct' बटन पर क्लिक करें.
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4. इसके बाद, ड्रॉप-डाउन मेनू से वह डॉक्यूमेंट चुनें, जिन्हें आप पहचान और पते के प्रमाण के रूप में जमा करना चाहते हैं.
5. चुने हुए दस्तावेज़ों को अपलोड करें, यह सुनिश्चित करते हुए कि फाइल का आकार 2 MB से कम हो और वह JPEG, PNG, या PDF फॉर्मेट में हो.
6. अंत में, अपने आधार विवरण को अपडेट करने के लिए सभी जानकारी की समीक्षा करें और सबमिट बटन पर क्लिक करें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को 10 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का उद्घाटन करने वाले हैं. इनमें पुणे और नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन भी शामिल है.
महाराष्ट्र की जनता के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है. दरअसल, इस महीने राज्य के लोगों की दो बड़ी मांगे पूरी होने जा रही हैं. महाराष्ट्र के लोगों की काफी समय से मांग थी कि वंदे भारत एक्सप्रेस को नागपुर और पुणे से भी जोड़ा जाए. ऐसे में अब उनकी ये मांग पूरी होने जा रही है. इन दोनों ट्रेनों के चलने के बाद रोज हजारों यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी. तो चलिए जानते हैं ये ट्रेन कब और किन रूट्स पर चलेंगी?
इस दिन महाराष्ट्र में शुरू होगा दो वंदे भारत एक्सप्रेस
वंदे भारत ट्रेनों को नागपुर और पुणे के इन रूट पर चलाने की मांग काफी दिनों से चल रही थी. वहीं, अब 15 सितंबर से वंदे भारत एक्सप्रेस का संचलान नागपुर से सिकंदराबाद और पुणे से हुबली के बीच शुरू हो जाएगा. वंदे भारत से पुणे सांगली तक का सफर महज 3 घंटे 55 मिनट का होगा.
अभी हो रहा है 6 वंदे भारत ट्रेन का संचालन
अभी महाराष्ट्र में सीएसएमटी से शिरडी, सीएसएमटी से सोलापुर, सीएसएमटी से गोवा, नागपुर से बिलासपुर, नागपुर से इंदौर के बीच 6 वंदे भारत चल रही हैं. इनमें दो और वंदे भारत जुड़ जाएंगीं और इनकी संख्या 8 हो जाएगी.
महाराष्ट्र से जुड़ेगा कर्नाटक
महाराष्ट्र में अब विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, उससे पहले ही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की मांग पूरी हो गई है. इस ट्रेन के चलने के बाद पश्चिम महाराष्ट्र और उत्तरी कर्नाटक हाई स्पीड रेल से जुड़ेंगे. सेंट्रल रेलवे के अधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन का रखरखाव हुबली में किया जाएगा.
पुणे-हुबली वंदे भारत का शेड्यूल
हुबली-पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस सुबह 5 बजे हुबली से रवाना होगी. यह शाम 6:55 बजे बेलगाम पहुंचेगी. यह सुबह 9:15 बजे मिराजेला, 9:30 बजे सांगली और 10:35 बजे सतारा पहुंचेगी. ट्रेन दोपहर 1:30 बजे पुणे पहुंचेगी. पुणे से हुबली के लिए ट्रेन दोपहर दो बजकर पंद्रह मिनट पर रवाना होगी. यह शाम 6:00 बजे सांगली पहुंचेगी, जबकि यह ट्रेन रात 11:00 बजे हुबली पहुंचेगी.
पुणे वंदे भारत में क्या है खास?
1. पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस में आठ कोच होंगे और यह पूरी तरह से वातानुकूलित होगी.
2. हुबली-पुणे वंदे भारत सोमवार को छोड़कर सप्ताह के हर दिन चलेगी.
3. इस रूट पर वंदे भारत की औसत स्पीड 66 किमी प्रति घंटा होगी.
4. पुणे-हुबली की दूरी 558 किमी होगी.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में सोमवार को जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक हुई.
जीएसटी काउंसिल (GST Council) की 54वीं बैठक सोमवार को संपन्न हुई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए. हालांकि, लंबे समय से चर्चा में रहे कुछ मसलों को जीएसटी काउंसिल ने फिलहाल टालने का फैसला किया है. जीएसटी काउंसिल ने कैंसर दवाओं, नमकीन और धार्मिक यात्राओं के लिए हेलीकॉप्टर सर्विस लेने पर जीएसटी घटने का ऐलान किया है. दरअसल, इस परिषद की अध्यक्षता देश के वित्त मंत्री के पास होती है; जबकि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री या उनके प्रतिनिधि इसके सदस्य होते हैं. जीएसटी से जुड़े किसी भी निर्णय को लेने वाली ये सर्वोच्च इकाई है.
नमकीन, कैंसर दवा और हेलीकॉप्टर सर्विस पर मिली राहत
जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बताया कि नमकीन पर जीएसटी अब 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया है. इसके अलावा कैंसर की दवाओं पर भी 12 फीसदी की बजाय 5 फीसदी जीएसटी ही लिया जाएगा. इससे कैंसर की दवाएं काफी सस्ती होंगी और मरीजों को राहत मिलेगी. संजय मल्होत्रा ने कहा कि धार्मिक यात्रा करने वाले वृद्धों की समस्याओं को देखते हुए सीट शेयरिंग के आधार पर हेलीकॉप्टर सर्विस इस्तेमाल करने वाले यात्रियों को जीएसटी से राहत दी गई है. इसे 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. इससे केदारनाथ, बद्रीनाथ और वैष्णोदेवी जैसे तीर्थस्थलों के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी.
वित्त मंत्री का ऐलान, रिसर्च फंड पर नहीं देना होगा जीएसटी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि राज्य या केंद्र सरकार के कानून से बनी कोई यूनिवर्सिटी और रिसर्च सेंटर अगर सरकार या प्राइवेट सेक्टर से फंड हासिल करती हैं तो उन्हें इसपर कोई जीएसटी नहीं देना होगा. दरअसल, पिछले महीने यह खबर आई थी कि आईआईटी दिल्ली समेत विभिन्न अन्य शैक्षणिक संस्थानों को रिसर्च के लिए फंड पर जीएसटी का नोटिस मिला है. इसके बाद वित्त मंत्रालय की भारी आलोचना हो रही थी. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (DGGI) ने आईआईटी दिल्ली समेत कुल 7 संस्थानों को टैक्स डिमांड का नोटिस भेज दिया था.
GST काउंसिल की बैठक में अन्य बड़े ऐलान
काउंसिल ने बिजनेस टू कस्टमर जीएसटी इनवॉइसिंग शुरू करने का फैसला किया है. वहीं काउंसिल ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिये 2,000 रुपये तक के छोटे डिजिटल लेनदेन के लिए बिलडेस्क और सीसीएवेन्यू जैसे भुगतान एग्रीगेटरों (पीए) पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने के मुद्दे को कर कमिटी के पास भेज दिया है. इसके साथ ही संजय मल्होत्रा ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ जीएसटी काउंसिल की बैठक में हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को घटाने पर भी चर्चा हुई. इसके बाद इस मुद्दे को ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) के पास भेज दिया गया है.
ICICI Bank की वेबसाइट के अनुसार बैंक ने अपने कुछ डेबिट कार्ड के लिए एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस के नियमों में बदलाव किया है.
क्या आपको पता है कई क्रेडिट और डेबिट कार्ड के जरिए आप हवाई सफर के दौरान एयरपोर्ट लाउंज का फ्री में इस्तेमाल कर सकते हैं? अगर नहीं, तो आपको इसकी जानकारी जरूर होनी चाहिए. एयरपोर्ट लाउंज में यात्री को आराम करने से लेकर खाना-पीने तक कई तरह की सुविधाएं मिल जाती हैं. अगर आप इस सुविधा का लाभ लेने के लिए आईसीआईसीआई बैंक के डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. दरअसल, आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने अपने कुछ डेबिट कार्ड के लिए एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस के नियमों में बदलाव किया है. तो चलिए जानते हैं ये बदलाव क्या हैं और ये कब से लागू होंगे?
1 अक्टूबर से लागू होंगे ये नए नियम
आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट के अनुसार 01 अक्टूबर 2024 से आप पिछली कैलेंडर तिमाही में 10000 रुपये खर्च करके दो कॉम्पलीमेंट्री एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस का फायदा उठा सकते हैं. पिछली कैलेंडर तिमाही में किए गए खर्च से अगली कैलेंडर तिमाही के लिए एक्सेस अनलॉक हो जाएगा. अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर 2024 तिमाही में कॉम्पलीमेंट्री लाउंज एक्सेस के लिए पात्र होने के लिए आपको जुलाई-अगस्त-सितंबर 2024 तिमाही में कम से कम 10000 रुपये खर्च करने होंगे और इसी तरह अगली तिमाहियों के लिए भी खर्च करने होंगे.
19 डेबिट कार्ड्स पर लागू होंगे नए नियम
जानकारी के अनुसार कॉम्पलीमेंट्री डोमेस्टिक एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस का लाभ उठाने के लिए यह अपडेटेड नियम नीचे दिए गए कार्डों के लिए लागू होंगे. इनमें ICICI बैंक कोरल पेवेव डेबिट कार्ड, ICICI बैंक एक्सप्रेशन बिजनेस मास्टरकार्ड, ICICI बैंक रूपे कोरल, ICICI बैंक एक्सप्रेशन मास्टरकार्ड, ICICI बैंक कोरल बिजनेस मास्टरकार्ड, ICICI बैंक एक्सप्रेशन पेवेव, ICICI बैंक कोरल बिजनेस, ICICI बैंक एक्सप्रेशन बिजनेस, ICICI बैंक कोरल मास्टरकार्ड, ICICI बैंक पेवेव एक्सप्रेशन, ICICI बैंक कोरल पेवेव बिजनेस, ICICI बैंक एक्सप्रेशन कोरल बिजनेस मास्टरकार्ड, ICICI बैंक कोरल चिप, ICICI बैंक एक्सप्रेशन कोरल मास्टरकार्ड, ICICI बैंक रूबीक्स, ICICI बैंक एक्सप्रेशन बिजनेस कोरल, ICICI बैंक रूपे रूबीक्स, ICICI बैंक एक्सप्रेशन कोरल, ICICI बैंक रूबीक्स मास्टरकार्ड शामिल हैं.
ऐसे करें कॉम्पलीमेंट्री एयरपोर्ट लाउंज का इस्तेमाल
1. आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट के अनुसार पात्र कार्डधारकों को एंट्री पाने के लिए उसी दिन या अगले दिन लाउंज के एंट्रेंस पर अपने वैलिड, अन-एक्सपायर्सड कार्ड और वैलिड एयर टिकट या बोर्डिंग पास प्रेजेंट करना होगा.
2. लाउंज के एंट्रेंस पर प्रस्तुत किए जाने वाले प्रत्येक पात्र कार्ड पर 2 रुपये की ऑथराइजेशन फीस ली जाएगी.
3. ध्यान रहे कि फ्री एक्सेस आम तौर पर कार्डधारक तक ही सीमित होती है, साथ में आने वाले किसी भी गेस्ट कपर शुल्क लग सकता है.
4. यह प्रोग्राम किसी थर्ड पार्टी द्वारा प्रदान किया जाता है और ऐसे थर्ड पार्टी के नियमों और शर्तों द्वारा शासित होता है.
इस निर्णय से धार्मिक स्थलों की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी और यात्रा का खर्च कम होगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल (GST Council) ने सोमवार की बैठक में धार्मिक यात्रा करने वालों को बड़ी खुशखबरी दी है. बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया है कि अब धार्मिक यात्रा करने वालों को हेलीकॉप्टर सेवा (Helicopter Services) लेने पर 18 फीसदी की बजाय सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी ही देना पड़ेगा. उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल (Premchand Aggarwal) ने यह जानकारी एएनआई को दी है.
उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा
प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि उनकी ओर से यह मांग की गई थी. इस पर जीएसटी काउंसिल ने आज मुहर लगा दी है. इससे उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों को काफी फायदा पहुंचेगा. साथ ही धार्मिक पर्यटन में भी इजाफा होगा. उन्होंने बताया कि केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे दुर्गम इलाकों तक पहुंचने के लिए वृद्ध जनों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ता है. उसकी सुविधा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की गई थी. अब तक इस पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया जा रहा था. हालांकि, अब सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी हो जाने से लोगों को हेलीकॉप्टर से यात्रा करने में कम पैसा देना होगा. इसमें शेयरिंग हेलीकॉप्टर सेवा लेने पर 5 फीसदी कर चार्टर्ड सर्विस लेने पर 18 फीसदी जीएसटी देना पड़ेगा.
रिसर्च ग्रांट पर जीएसटी का मसला फिटमेंट कमेटी को भेजा
उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं को रिसर्च के लिए मिलने वाली ग्रांट पर जीएसटी का मसला फिलहाल फिटमेंट कमेटी को भेज दिया गया है. कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद जीएसटी काउंसिल इस पर फैसला लेगी. इसके अलावा ऑनलाइन पेमेंट पर जीएसटी का मामला भी फिटमेंट कमिटी पर भेज दिया गया है. यह मसला पिछले काफी दिनों से चर्चा में है. जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक में हुए फैसलों की जानकारी बाद में दी जाएगी. जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक 22 जून, 2024 को हुई थी. इस कमिटी में केंद्रीय वित्त मंत्री के अलावा सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं.
और भी कई फैसले होने की संभावना
अग्रवाल ने बताया कि परिषद ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिये 2,000 रुपये तक के छोटे डिजिटल लेनदेन के लिए बिलडेस्क और सीसीएवेन्यू जैसे भुगतान एग्रीगेटरों (पीए) पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने के मुद्दे को कर अनुशंसा समिति के पास भेज दिया है. इस समय भुगतान एग्रीगेटरों को 2,000 रुपये से कम की राशि के लेनदेन पर जीएसटी का भुगतान करने से छूट है. परिषद जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के कराधान पर फिटमेंट समिति की रिपोर्ट पर भी चर्चा कर सकती है.
Airtel ने अपने प्रीपेड यूजर्स के लिए एक फेस्टिव ऑफर लॉन्च किया है, इस ऑफर के तहत कंपनी की तरफ से यूजर्स को Free Data और OTT बेनेफिट दे रही है.
अगर आप एयरटेल यूजर हैं, तो ये खबर आपके काम की है. दरअसल, इस फेस्टिव सीजन में रिलायंस जियो (Reliance Jio) के बाद अब टेलीकॉम कंपनी एयरटेल (Airtel) अपने प्रीपेड यूजर्स के लिए एक स्पेशल ऑफर लेकर आई है. एयरटेल फेस्टिव ऑफर (Airtel Festive Offer) का फायदा आप लोगों को केवल कंपनी के तीन रिचार्ज प्लान्स के साथ ही मिलेगा. तो आइए जानते हैं आपको इन प्लान्स में क्या खास मिलेगा और आप कब तक इनका लाभ ले सकते हैं.
6 दिनों के लिए ही मिल रहा है ये ऑफर
इस फेस्टिवल ऑफर का फायदा आपको एयरटेल के 979 रुपये, 1029 रुपये और 3599 रुपये वाले प्लान के साथ मिलेगा. आपको बता दें, एयरटेल का ये फेस्टिव ऑफर केवल 6 दिनों के लिए ही लाइव है. ये ऑफर 6 सितंबर से लाइव हो गया है, जिसका लाभ आप 11 सितंबर तक ही उठा सकते हैं. अगर आपका रिचार्ज खत्म हो गया है या होने वाला है, तो आप ये रिचार्ज कराके काफी फायदे में रहेंगे.
979 रुपये वाले प्लान में मिलेगा ये सब
आपको 979 रुपये वाले एयरटेल प्लान के साथ हर रोज 2 जीबी हाई स्पीड डेटा, अनलिमिटेड कॉलिंग, प्रतिदिन 100 एसएमएस दिए जा रहे हैं. 84 दिनों की वैलिडिटी वाले इस प्लान के साथ कंपनी की तरफ से अनलिमिटेड 5जी डेटा, एयरटेल एक्स्ट्रीम प्ले प्रीमियम, तीन महीने के लिए अपोलो 24/7 सर्कल सब्सक्रिप्शन, रिवॉर्ड मिनी सब्सक्रिप्शन और हेलो ट्यून्स का फायदा दिया जाता है. फेस्टिव ऑफर के तहत इस प्लान में प्रीपेड यूजर्स को फ्री 10GB डेटा कूपन मिलेगा, जो 28 दिनों के लिए वैलिड होगा.
1029 वाले प्लान में मिलेगा ये फायदा
84 दिनों की वैलिडिटी वाले Airtel 1029 Plan के साथ भी फेस्टिव ऑफर का फायदा मिल रहा है. इस प्लान में हर दिन 2 जीबी डेटा, हर रोज 100 एसएमएस और अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग का फायदा दिया जाता है. एक्स्ट्रा बेनिफिट्स की बात करें तो इस प्लान के साथ तीन महीने के लिए डिजनी प्लस हॉटस्टार, तीन महीने के लिए अपोलो सर्कल मेंबरशिप, अनलिमिटेड 5जी डेटा और फ्री हेलो ट्यून्स का फायदा मिलता है. फेस्टिव ऑफर के तहत फ्री 10 जीबी डेटा कूपन और एयरटेल एक्सट्रीम प्ले प्रीमियम का सब्सक्रिप्शन मिलेगा जिसमें 22 से ज्यादा ओटीटी ऐप्स का एक्सेस मिलता है. ये बेनिफिट 28 दिनों के लिए ही वैलिड होगा.
365 दिनों की वैलिडिटी वाले प्लान में है ये फायदा
365 दिनों की वैलिडिटी वाले Airtel 3599 Plan के साथ अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग, हर दिन 2 जीबी हाई स्पीड डेटा, प्रतिदिन 100 एसएमएस दिए जाते हैं. अनलिमिटेड 5जी डेटा वाले इस प्लान में फ्री हेलो ट्यून और तीन महीने के लिए अपोलो सर्कल मेंबरशिप का भी फायदा मिलता है. फेस्टिव ऑफर के तहत यूजर्स को एयरटेल एक्स्ट्रीम प्ले प्रीमियम (22 से ज्यादा ओटीटी) और 10 जीबी फ्री डेटा कूपन दिया जाएगा जो 28 दिनों के लिए वैलिड होगा.
अब Credit Card यूजर्स को नेटवर्क चुनने का विकल्प भी दिया जाएगा. इससे पहले बैंक और गैर-बैंकिंग कार्ड जारीकर्ता क्रेडिट कार्ड के लिए एक ही कार्ड नेटवर्क के साथ साझेदारी करते थे.
अगर आप क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल करते हैं, तो ये खबर आपके काम की है. दरअसल, अब क्रेडिट कार्ड धारकों को अपना कार्ड नेटवर्क चुनने का विकल्प दिया जाएगा. अब से क्रेडिट कार्ड यूजर्स नए क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते समय या मौजूदा कार्ड को रिन्यू कराते समय उपलब्ध कार्ड नेटवर्क वीजा (Visa), मास्टरकार्ड (Mastercard), रुपे (Rupay) में से अपनी पसंद का कार्ड नेटवर्क चुन सकते हैं, यानी आप कार्ड रिन्यू करते समय वीजा से मास्टरकार्ड्स में ट्रांसफर भी करा सकते हैं. तो आइए जानते हैं क्रेडिट कार्ड यूजर्स को ये सुविधा कब से मिलनी शुरू होगी और इससे उन्हें क्या फायदा होगा?
6 सितंबर से लागू होगा नियम
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक और गैर-बैंकिंग कार्ड जारीकर्ता के लिए ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर उनकी पसंद का नेटवर्क चुनने का विकल्प देने का आदेश जारी किया है. ये नियम शुक्रवार यानी 6 सितंबर से लागू कर दिया गया है. इस आदेश में RBI ने कार्ड जारीकर्ताओं और नेटवर्क के बीच विशेष व्यवस्था को प्रतिबंधित करने वाले नियम लागू किए. यह नया आदेश ग्राहकों को अपना मनचाहा कार्ड नेटवर्क चुनने की स्वतंत्रता देता है. आरबीआई ने अपने परिपत्र में इस बात पर जोर दिया कि कार्ड जारीकर्ताओं को पात्र ग्राहकों को नया कार्ड प्राप्त करते समय या उसके बाद किसी भी समय अपना पसंदीदा कार्ड नेटवर्क चुनने का विकल्प देना अनिवार्य है.
ग्राहकों को होगा ये फायदा
यह पहल आरबीआई द्वारा ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने और डिजिटल भुगतान परिदृश्य में कंपटीशन को बढ़ावा देने के लिए दिशा-निर्देश पेश किए जाने के बाद की गई है. इससे पहले बैंक और गैर-बैंकिंग कार्ड जारीकर्ता क्रेडिट कार्ड के लिए एक ही कार्ड नेटवर्क के साथ साझेदारी करते थे, जिससे ग्राहकों के पास अपने पसंदीदा कार्ड नेटवर्क को चुनने के विकल्प सीमित हो जाते थे.
इन्हें होगा फायदा
आरबीआई ने अपने ड्राफ्ट सर्कुलर में कहा है कि कार्ड जारीकर्ता अपने पात्र ग्राहकों को कई कार्ड नेटवर्क में से किसी एक को चुनने का विकल्प प्रदान करेंगे. ग्राहक इस विकल्प का इस्तेमाल जारी करने के समय या बाद में किसी भी समय कर सकते हैं. उपरोक्त शर्त 10 लाख या उससे कम एक्टिव कार्ड वाले क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं पर लागू नहीं होती है. यानी 10 लाख रुपये से ज्यादा एक्टिल कार्ड वाले क्रेडिट कार्ड धारकों को ही ये सुविधा मिलेगी. यह सर्कुलर विशेष रूप से उन कार्ड जारीकर्ताओं को बाहर करता है जो अपने स्वयं के अधिकृत कार्ड नेटवर्क का उपयोग करके क्रेडिट कार्ड वितरित करते हैं.
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इसलिए लिया गया ये फैसला
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट कार्ड बाजार में अधिक लोकतांत्रिक माहौल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिशा-निर्देश पेश किए हैं. इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य विभिन्न कार्ड नेटवर्क के बीच कंपटीशन को प्रोत्साहित करना है. पहले बैंक ग्राहकों को सौंपे गए कार्ड नेटवर्क को चुनने के लिए जिम्मेदार थे. हालांकि, इसमें बदलाव आया है, जिससे ग्राहकों को अब अपनी व्यक्तिगत जरूरतों और प्राथमिकताओं के आधार पर अपने मनपसंद नेटवर्क को चुनने की आजादी मिल गई है.
ये कंपनियां देती हैं क्रेडिट कार्ड नेटवर्क सर्विस
कार्ड नेटवर्क जिन्हें पेमेंट नेटवर्क के रूप में भी जाना जाता है, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और प्रीपेड कार्ड जैसे कार्ड-आधारित उत्पादों को जारी करने और उसे प्रोसेस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ये नेटवर्क व्यापारियों, कार्डधारकों और कार्ड जारीकर्ताओं के बीच लेन-देन की सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे सुचारू और सुरक्षित भुगतान सुनिश्चित होता है. भारत में 5 रजिस्टर्ड कार्ड नेटवर्क हैं जो पेमेंट इकोसिस्टम के भीतर काम करते हैं. इनमें अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प, डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड, मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक पीटीई लिमिटेड, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया-रुपे और वीजा वर्ल्डवाइड पीटीई शामिल हैं.