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आखिर कौन हैं ट्रेड और इंडस्ट्री के 3 लोग, जिन्हें मिला है पद्म सम्मान
जिन तीन लोगों को ट्रेड और इंडस्ट्री कैटेगिरी में पद्म सम्मान दिया जा रहा है. इन तीनों का इस क्षेत्र में जो योगदान रहा है वो हमेशा ही दूसरों के लिए प्रेरणा बनकर सामने आता रहेगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
भारत सरकार की ओर से जिन लोगों को पदम सम्मान के लिए चयनित किया गया है उनमें तीन नाम ऐसे हैं जो ट्रेड और इंडस्ट्री से आते हैं. इन तीन लोगों में कुमार मंगलम बिडला को पद्म भूषण, अरीज खमबत्ता और राकेश राधेश्याम झुनझुनवाला को पद्म श्री सम्मान दिया गया है. आज हम आपको बताते हैं कि आखिर ट्रेड और इंडस्ट्री में इन तीन लोगों ने ऐसा क्या किया है, जिसके कारण इन्हें देश के बड़े सम्मान से नवाजा गया है.
कुमार मंगलम बिरला भारतीय उद्योग जगत के एक जाने-माने चेहरे हैं. जब भी भारत के बड़े-बड़े उद्योगपतियों का नाम लिया जाता है तो उसमें कुमार मंगलम बिड़ला का भी नाम शामिल होता है. इन्हें आदित्य बिरला ग्रुप के अध्यक्ष के रूप में जाना जाता है. आदित्य बिरला ग्रुप भारत में कई सेक्टरों में काम करता है, जिसमें ग्रासिम, हिंडालको, अल्ट्राटेक सीमेंट, आदित्य बिरला, आदित्य बिरला रिटेल और कनाडा में आदित्य बिरला मीनिंग ऑफ और बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस जिसे बिट्स पिलानी भी कहा जाता है. वह सभी इसी ग्रुप के पार्ट है. कुमार मंगलम बिड़ला कई बार फोर्ब्स की लिस्ट में भी शामिल हो चुके हैं. कुमार मंगलम बिड़ला आदित्य बिरला समूह के अध्यक्ष के तौर पर जाने जाते हैं.
इनका जन्म 14 जून 1967 को राजस्थान के एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था. कुमार मंगलम बिड़ला को 1998 में वित्त मंत्रालय द्वारा सेबी के साशी बोर्ड पर एक सार्वजनिक पद के उम्मीदवार के रूप में नियुक्त किया गया था. कुमार मंगलम बिड़ला को वर्ष 2000 में मुंबई मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा द मैनेजमेंट मैन ऑफ द ईयर के रूप में भी सम्मानित किया जा चुका है. 2001 में कुमार मंगलम बिड़ला को राजीव गांधी पुरस्कार, आउटस्टैंडिंग बिजनेस मैन ऑफ द ईयर द जेंट्स इंटरनेशनल पुरस्कार जैसे कई नामी पुरस्कारों को अपने नाम कर चुके हैं. 2004 में कुमार मंगलम बिड़ला को यंग ग्लोबल लेटर के रूप में भी चुना जा चुका है. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने कुमार मंगलम बिरला को डिलीट डिग्री से सम्मानित भी किया है.
केंद्र सरकार की ओर से अरीज खमबत्ता को पद्मश्री अवार्ड दिया गया है. अरीज खमबत्ता भले ही अब इस दुनिया में ना हो लेकिन उनके द्वारा बनाया गया पेय पदार्थ आज भी हर घर में बड़े चाव से इस्तेमाल किया जाता है. अरीज पेय ड्रिंक रसना के फाउंडर है. बीते साल नवंबर में उनका कार्डिक अरेस्ट के कारण निधन हो गया था. अरीज के पिता फिरोजा खमबत्ता ने एक मामूली व्यवसाय की शुरुआत की थी लेकिन यह अरीज खमबत्ता ही थे, जिन्होंने उस कारोबार को 60 से अधिक देशों में पहुंचा कर सबसे बड़ा कंसंट्रेट निर्माता बना दिया था. उन्होंने 1970 में रसना की शुरुआत की. उनका यह पेय पदार्थ है स्वाद में देश के लोगों को बहुत पसंद आया और आज यह 1.8 मिलियन रिटेल आउटलेट पर बिकता है.
रसना आज दुनिया भर में सॉफ्ट ड्रिंक बनाने वाली बड़ी कंपनियों में जानी जाती है. 80 और 90 के दशक में रसना का एक विज्ञापन ‘आई लव यू रसना’ बेहद मशहूर हुआ था. इसकी सबसे खास बात यह थी कि इसके ₹5 का के पाउच के जरिए आप 32 गिलास सॉफ्ट ड्रिंक बना सकते थे, जिसकी प्रति गिलास कीमत लगभग 15 पैसे आती थी. रसना का पूरे देश भर में 9 मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट है जबकि देश के 26 डिपो में यह मौजूद है. कंपनी के पास 900 से ज्यादा की सेल्स फोर्स मौजूद है जो कि 1.6 मिलियन आउटलेट को कवर करती है.
इस क्षेत्र में पद्मश्री अवार्ड पाने वालों में तीसरा नाम है देश के अरबपति व्यवसाई राकेश झुनझुनवाला का, जिन्हें पद्मश्री अवार्ड उनके निधन के बाद दिया जा रहा है. राकेश झुनझुनवाला को देश में वारेन बफेट के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि वह जिस कंपनी में निवेश करते थे उन कंपनी के शेयरों में अच्छी कमाई देखने को मिल जाती थी. राकेश झुनझुनवाला का जन्म 5 जुलाई 1960 को हुआ था और वह एक चार्टर्ड अकाउंटेंट थे. उनकी परवरिश मुंबई के एक राजस्थानी परिवार में हुई थी. उनके पिता आयकर आयुक्त थे. राकेश झुनझुनवाला ने शेयर बाजार में कमाई की जो मिसाल मिसाल पेश की उसका कोई दूसरा सानी देखने को नहीं मिलता है.
कहते हैं वह जिस कंपनी में निवेश करते थे उन कंपनियों के शेयर दिन दोगुनी और रात चौगुनी कमाई करने लगते थे. उनके फैसलों का इंतजार शेयर बाजार के बड़े बड़े निवेशक भी करते थे. जुलाई 2022 में उनकी अनुमानित कुल संपत्ति 5.4 बिलियन थी. वह भारत के 36 सबसे अमीर व्यक्ति थे. कहा जाता है कि राकेश झुनझुनवाला कि शेयर बाजार में दिलचस्पी तब पैदा हुई जब उन्होंने अपने पिता को दोस्तों के साथ शेयर बाजार पर चर्चा करते देखा. उनके पिता ने उन्हें शेयर बाजार के क्षेत्र में गाइड तो किया लेकिन कहा जाता है कि उनके पिता ने कभी उन्हें निवेश करने के लिए पैसे नहीं दिए. लेकिन राकेश में उसके बाद अपनी शुरूआत की और 1985 में अपनी ₹5000 की बचत का निवेश किया, जिससे आज उनका निवेश बढ़कर ₹11000 हो गया है. राकेश का 14 अगस्त 2022 को 62 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया ट्रेड और इंडस्ट्री में उनके इसी योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया है.
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