ऐसे अमीरों पर है मेटावर्स कंपनियों की नज़र, तैयार कर रहीं ‘खास’ प्रोडक्ट 

मेटावर्स कंपनियों की नजर ज्यादा कमाने वाले ऐसे लोगों पर है, जिनकी लाइफ में स्ट्रेस काफी ज्यादा है और उन्हें सुकून की तलाश है.

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Friday, 14 October, 2022
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रियल लाइफ जैसी वर्चुअल लाइफ का अहसास कराने वाली टेक्नोलॉजी 'मेटावर्स' का क्रेज बढ़ता जा रहा है. कंपनियों में इसमें एक ऐसा बाजार नज़र आ रहा है, जिसमें मोटा मुनाफा मौजूद है. यही वजह है कि इस टेक्नोलॉजी पर काम करने वाली कंपनियों की संख्या में इजाफा हुआ है. एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल जुलाई तक करीब 200 कंपनियां मेटावर्स पर काम कर रही थीं, लेकिन आज ये संख्या बढ़कर 500 हो गई है. मेटावर्स कंपनियां खासतौर पर ऐसे लोगों पर फोकस कर रही हैं, जो अमीर हैं, लेकिन तनाव में घिरे हुए हैं.

नया हेडसेट आया बाजार में
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मेटावर्स कंपनियों की नजर ज्यादा कमाने वाले ऐसे लोगों पर है, जिनकी लाइफ में स्ट्रेस काफी ज्यादा है और उन्हें सुकून की तलाश है. इसी को ध्यान में रखते हुए नए हेडफोन लॉन्च किए गए हैं, जिसकी कीमत 40 हजार से शुरू होती है. इन हेडफोन के जरिए आभासी दुनिया में खोने के साथ-साथ वर्चुअल मीटिंग भी की जा सकती हैं. इससे पहले 2020 में हेडसेट क्वेस्ट-2 लॉन्च किया गया था, जिसके अब तक डेढ़ करोड़ हेडसेट बिक चुके हैं. दरअसल, मेटावर्स कंपनियां इस धारणा को बदलना चाहती हैं कि ये टेक्नोलॉजी केवल गेमिंग के लिए है. इसलिए वो हर दिन कुछ नया करने पर ध्यान दे रही हैं.

खेलेंगे और काम भी करेंगे
फेसबुक से Meta हुई कंपनी के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि मेटावर्स इंटरनेट का वो एडिशन है, जिस पर अंत में लोग खेलेंगे भी और काम भी करेंगे. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि आने वाला समय मेटावर्स का ही है. याजी वजह है कि कंपनियों ने इस टेक्नोलॉजी पर तेजी से काम शुरू कर दिया है. वो ऐसे प्रोडक्ट तैयार कर रही हैं, जिन्हें सुकून की तलाश करने वाले अमीर लोग आसानी से खरीद सकें.  

क्या है मेटावर्स
Metaverse दो शब्दों से मिलकर बना है, Meta और Verse, जिसमें Meta का मतलब ग्रीक में होता है Beyond या परे या बाहर या आगे की चीज और verse का मतलब यूनिवर्स से है. यानी ऐसी दुनिया जो यूनिवर्स से परे हो. अगर एक लाइन में कहें तो मेटावर्स एक ऐसी आभासी दुनिया है जहां पर आपको शरीर के साथ मौजूद होने की जरूरत नहीं, आप टेक्नोलॉजी की मदद से वहां मौजूद रहते हैं. इंटरनेट के जमाने में जैसे हम आजकल फोन पर बात करते हैं, वीडियो कॉल करते हैं और जूम कॉन्फ्रेंस कॉल करते है. Metaverse इससे आगे की टेक्नोलॉजी है. इस टेक्नोलॉजी में हम महसूस करते हैं कि हम जिनसे बात कर रहे हैं, हम उनके साथ वहीं मौजूद हैं, उन्हें ऐसे देख पाते हैं जैसे वो हमारे सामने ही बैठे हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो मेटावर्स वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी से तैयार की गई ऐसी जगह है, जिस पर दुनियाभर के लोग आपस में मिल सकते हैं.  

किसने रखा मेटावर्स का नाम? 
मेटावर्स का नाम किसी वैज्ञानिक, किसी लेखक या राजनीतिज्ञ ने नहीं बल्कि नोबल पुरस्कार विजेताओं के एक समूह ने रखा है. हालांकि मेटावर्स कोई नया नाम नहीं है, नील स्टीफेंसन ने 1992 में अपने एक उपन्यास "स्नो क्रैश" में मेटावर्स का जिक्र किया था. इसमें मेटावर्स को एक ऐसी दुनिया के रूप में पेश किया गया था, जिसमें लोग किसी गैजेट जैसे VR- वर्चुअल रिएलिटी हेडसेट की सहायता से एक दूसरे से जुड़ते थे. इसी तरह साल 2003 में लॉन्च हुए 'Second Life' को मेटावर्स का पूर्व वर्जन मान सकते हैं जो कि मल्टीमीडिया प्लेटफॉर्म है. 


खत्म हुआ इंतजार! Google ने लॉन्च किए कई AI फीचर्स, यूजर्स को मिलेगा बेहतरीन एक्सपीरियंस

Google IO 2024 इवेंट का आयोजन हुआ. इस इवेंट की शुरुआत Alphabet CEO सुंदर पिचाई ने की. इस दौरान उन्होंने कई नए फीचर्स और अपकमिंग सर्विस की जानकारी दी.

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Wednesday, 15 May, 2024
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टेक दिग्गज गूगल की तरफ से मेगा इवेंट Google I/O 2024 आयोजित किया. गूगल ने अपने इस इवेंट में कई बड़े ऐलान किए. इवेंट की शुरुआत गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने की. इवेंट की शुरुआत में कंपनी ने अपने लॉर्ज लैंग्वेज मॉडल यानी Gemini AI के बारे में जानकारी दी.  गूगल ने इस साल इस इवेंट में कोई भी नया डिवाइस लॉन्च नहीं किया. कंपनी का मुख्य फोकस AI फीचर्स पर रहा. गूगल ने AI पॉवर्ड सर्च, ऑन-डिवाइस AI, रियल-टाइम स्कैम प्रोटेक्शन, AI वीडियो मॉडल VEO और Imagen 3 सहित कई फीचर्स पेश किए. आइए इस इवेंट में पेश किए गए खास फीचर्स के बारे में जानते हैं.

AI-पॉवर्ड सर्च- एंड्रॉएड के सर्किल टु सर्च फीचर को गूगल एनहैंस कर रहा है. इस फीचर के जरिए आप एंड्रॉएड फोन की स्क्रीन पर किसी भी चीज को सर्किल कर गूगल पर सर्च कर सकते थे. अब इस फीचर के जरिए मैथ-फिजिक्स की प्रॉब्लम्स को हल करने के तरीके पर इंस्ट्रक्शन भी मिल सकेंगे.

रियल-टाइम कॉल स्कैम प्रोटेक्शन- गूगल वर्तमान में एक ऐसे फीचर का टेस्ट कर रहा है जो यूजर्स को संभावित स्कैम के बारे में सचेत करता है. यदि आपको कोई स्कैम कॉल आता है, तो सिस्टम आपको रियल-टाइम में पहचान कर वॉर्निंग दे सकता है, जिससे आपको संभावित धोखाधड़ी से बचने में मदद मिलती है.

जनरेटिव AI वीडियो मॉडल Veo- गूगल ने जनरेटिव AI वीडियो मॉडल Veo पेश किया. ये गूगल का सबसे एडवांस्ड टेक्स्ट टू वीडियो जेनरेशन मॉडल है, जो HD क्वालिटी में सिनेमैटिक वीडियो जनरेट कर सकता है. कंपनी इस मॉडल के साथ प्रयोग के लिए कई फिल्म मेकर्स और क्रिएटर्स को आमंत्रित कर रही है. गूगल का दावा है कि उसका मॉडल 60 सेकेंड से भी ज्यादा लंबे वीडियो जनरेट कर सकता है. Veo एरियल शॉट और टाइमलैप्स जैसे शब्दों को भी समझता है.

आस्क फोटोज (Ask Photos)- गूगल का नया फीचर, आस्क फोटोज जल्द शुरू होगा. इसके बाद इसमें एडिशनल कैपेबिलिटीज भी ऐड होंगी. यह फीचर गूगल फोटोज को "मुझे दिखाओ कि मेरी बेटी की स्विमिंग प्रोग्रेस कैसे हुई" जैसे सवालों के जवाब देने की सुविधा देता है. इसके लिए वह जेमिनी का इस्तेमाल करके फोटो खोजता है और उनका कलेक्शन बनाता है.

इमेजन 3 (Imagen 3)- कंपनी ने इमेजेन 3 को भी अनवील किया, जो टेक्स्ट-टू-इमेज जनरेटर का एक अपडेटेड वर्जन है. पिछले वर्जन की तुलना में Imagen 3 बहुत कम आर्टिफैक्ट के साथ फोटो रिअलिस्टिक बनाने में सक्षम है. यह वर्तमान में ImageFX में एक प्राइवेट प्रीव्यू के रूप में क्रिएटर्स के लिए उपलब्ध है और जल्द ही गूगल के प्लेटफॉर्म वर्टेक्स AI पर आएगा.

प्रोजेक्ट अस्त्र (Project Astra) की घोषणा- गूगल ने अस्त्र को "फ्यूचर ऑफ AI असिस्टेंट" कहा. एक यूनिवर्सल AI एजेंट जो दैनिक जीवन में मदद करेगा. आप फोन कैमरा ऑन करने के बाद उससे किसी भी चीज को पॉइंट कर उसके बारे में डिटेल ले सकते हैं. ये आपको तुरंत उसकी डिटेल बताएगा. गूगल डीपमाइंड के CEO डेमिस हसाबी ने कहा कि अस्त्र के साथ बातचीत की स्पीड और क्वालिटी नेचुरल लगती है.

Gemini AI 68 लैंग्वेज को सपोर्ट करेगा- गूगल ने अपने लेटेस्ट AI Gemini 1.5 प्रो को डॉक्स, शीट्स, स्लाइड्स, ड्राइव और जीमेल जैसे वर्कस्पेस ऐप्स के दाहिनी तरफ साइडबार में इंटीग्रेट किया है. इस वर्चुअल असिस्टेंस के पास आपकी सारी सेव की गई डिटेल्स तक पहुंच होगी. इसके अलावा गूगल मीट में Gemini AI 68 लैंग्वेज को सपोर्ट करेगा।

हर साल होता है गूगल का इवेंट

बता दें कि Google I/O कंपनी का एक वार्षिक इवेंट है और इसमें कंपनी ज्यादातर अपने अपकमिंग प्रोजेक्ट और सॉफ्टवेयर के बारे में जानकारी देती है. Google I/O को दुनियाभर के जानें माने डेवलपर्स और टेक एक्सपर्ट्स अटेंड करने पहुंचते हैं. सामान्यतौर पर यह एक सॉफ्टवेयर इवेंट होता है लेकिन कंपनी इसमें कुछ नए गैजेट्स और दूसरे हॉर्डवेयर्स को भी लॉन्च करती है.
 


कंपनियों के अनचाहे कॉल से मिलने वाली है निजात, सरकार ने कर ली है खास तैयारी

सरकार ने आपके नंबर पर दिन भर आने वाले बैंकिंग, इंश्योरेंस, लोन आदि से जुड़े फर्जी कॉल्स पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है. इससे संबंधित नियमों का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है.

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Tuesday, 14 May, 2024
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स्पैम कॉल को रोकने के लिए सरकार काफी समय से कोशिश कर रही है. मगर, मार्केटिंग कंपनियां हर बार कुछ न कुछ तोड़ निकाल ही लेती हैं. अब सरकार स्पैम कॉल पर लगाम कसने के लिए नए नियम तैयार कर रही है. ऐसा माना जा रहा है कि नई गाइडलाइन सख्त होंगी और स्पैम कॉल की रोकथाम कर सकेंगी. हाल ही में टेलीकॉम सेक्टर के रेगुलेटर ट्राई (TRAI) ने सभी कंपनियों को निर्देश दिए थे कि वह फोन पर कॉलर का नाम दिखाएं. साथ ही सभी स्मार्टफोन निर्माताओं को भी ऐसा फीचर देने की मांग की थी.

जल्द जारी होंगे दिशा निर्देश

आपके मोबाइल पर दिन भर आने वाले बैंकिंग फ्रॉड कॉल पर पूर्ण विराम लगाने के लिए सरकार ने तैयारी कर ली है. जल्द ही, इससे संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं. दूरसंचार विभाग और TRAI ने इससे जुड़ा बिल ड्राफ्ट कर लिया है, जिसे जल्द ही पारित किया जाएगा. इस नई ड्राफ्ट गाइडलाइन्स का नाम प्रिवेंशन एंड रेगुलेशन ऑफ अनसोलिसिटेड एंड अनवारंटेड बिजनेस कम्युनिकेशन, 2024 रखा गया है. इस नए बिल के आने के बाद आपके फोन पर क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन आदि से संबंधित फर्जी कॉल्स नहीं आएंगे.

कमेटी की सिफारिशों पर हुई बैठक

डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स (DoCA) ने इस साल की शुरुआत में ही अवैध मार्केटिंग कॉल पर लगाम लगाने के लिए एक कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी ने नई गाइडलाइन का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. इस ड्राफ्ट पर 10 मई को हुई एक बैठक में चर्चा हुई थी. इस बैठक में डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स की सचिव निधि खरे, टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT), ट्राई (TRAI), सेलुलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI), BSNL, Vodafone, Reliance Jio और Airtel के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे.     

अवैध कॉल और मैसेज की परिभाषा भी तय की गई

वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, ड्राफ्ट गाइडलाइन में कई तरह की शर्तें जोड़ी गई हैं. साथ ही इनमें अवैध कॉल और मैसेज की परिभाषा भी तय की गई है. कमेटी को ऐसी कॉल और मैसेज के रोकथाम पर कई तरह की सिफारिशें मिली थीं. ड्राफ्ट तैयार करते समय इनका भी ध्यान रखा गया है. अब डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स को इन गाइडलाइन को मंजूरी देना है.

कॉलर आईडी डिस्प्ले करने की सलाह

इस गाइडलाइंस में TRAI और DoT द्वारा कई पहलुओं पर विचार किया गया है ताकि फर्जी कॉल को रोका जा सके. इससे पहले TRAI ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को कॉलर नेम एक्टिवेट करने की सलाह दी थी. साथ ही, स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों को इस फीचर को इनेबल करने का निर्देश दिया गया था. 
 


Google की बादशाहत को चुनौती देने की तैयारी में Open AI, इवेंट में हो सकता है बड़ा ऐलान

Chat GPT और Sora जैसे AI टूल्स के बाद Open AI एक सर्च इंजन लॉन्च कर सकता है. पिछले कुछ दिनों से इस सर्च इंजन की चर्चा हो रही है. इसका सीधा मुकाबला Google Search से होगा.

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Saturday, 11 May, 2024
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क्या आप भी Open AI के Chat GPT का इस्तेमाल करते हैं? अगर हां, तो आपके लिए गुड न्यज है. कंपनी जल्द ही अपना खुद का सर्च इंजन लॉन्च करने जा रही है. कंपनी ने अगले हफ्ते के लिए अपने Chat GPT इवेंट की डेट कंफर्म कर दिए दी है जिसमें ये नया सर्च इंजन लॉन्च होने की उम्मीद है. जहां एक तरफ 14 मई को Google I/O 2024 AI पर बेस्ड अपना साल का सबसे बड़ा इवेंट करने जा रहा है इससे ठीक 24 घंटे पहले, Open AI दुनिया के सामने नए Chat GPT फीचर्स और GPT-4 अपडेट पेश करने वाला है.

सोशल मीडिया पर दी जानकारी

Open AI ने एक्स (X) पर अपने पोस्ट के जरिए से इवेंट के बारे में अपडेट शेयर किया है जो इवेंट की लाइव स्ट्रीम के बारे में बताता है, जहां हम सैम ऑल्टमैन एंड कंपनी को कंपनी की नई टेक्नोलॉजी दिखाते हुए देखेंगे. यह भी संभावना जताई जा रही है कि Open AI अपने खुद के सर्च इंजन को इम्प्लीमेंट करने के लिए बिंग सर्च के कुछ एलिमेंट्स का यूज कर सकता है. इसके लिए कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के साथ भी पार्टनरशिप कर सकती है.

 

क्या होगा इस सर्च इंजन में नया?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आप इस टूल से जब कोई सवाल करें, तो उनके जवाब के साथ सोर्स की भी जानकारी ब्राउजर पर मिलेगी. नए प्लेटफॉर्म में फोटोज भी शामिल होंगी. ये गूगल सर्च के मुकाबले बहुत तेज होगा. इसके अलावा किसी यूजर को जो सवाल होगा, उसे उसका सटीक जवाब मिलेगा. अगर आप इस प्लेटफॉर्म पर टायर चेंज करने का तरीका सर्च करते हैं, तो तस्वीरों में आपको पूरा प्रॉसेस भी एक्सप्लेन किया जा सकता है. अभी गूगल या किसी दूसरे सर्च इंजन पर जब आप कुछ सर्च करते हैं, तो आपको कई सारी लिंक्स मिलती हैं.

गूगल से होगा मुकाबला

सर्च इंजन मार्केट में Google की बादशाहत पिछले दो दशक से कायम है. हालांकि, AI के आने के बाद Google को Open AI से कड़ी टक्कर मिल रही है. एक के बाद एक Open AI ने कई ऐसे टूल लॉन्च किए हैं, जो गूगल के टूल्स से ज्यादा पॉपुलर हो रहे हैं. ऐसे में Open AI का सर्च इंजन गूगल की बादशाहत को चुनौती दे सकता है, लेकिन इसे एक तरफा भी नहीं समझना चाहिए. क्योंकि गूगल का सर्च एल्गोरिद्म कई भी दूसरे सर्च इंजन के मुकाबले बहुत पावरफुल है. कंपनी अपने सर्च इंजन की काफी ज्यादा रेवेन्यू जनरेट करती है, जो ऐड्स से आता है. ऐसे में अब तक कोई दूसरी कंपनी गूगल को टक्कर नहीं दे पाई है.
 


OTT लवर्स के लिए Jio ने लॉन्च किया धमाकेदार प्लान, सिर्फ 888 रूपये में मिलेंगे ये 15 ऐप्‍स

Jio ने अपने यूजर्स के लिए एक नया प्लान लॉन्च कर दिया गया है. अगर आप भी OTT देखने का शौक रखते हैं तो आप लोगों को Jio का 888 रुपये वाला ये नया प्लान पसंद आएगा.

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Saturday, 11 May, 2024
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आप भी OTT लवर हैं जिस वजह से हर महीने Netflix और Amazon Prime पर बहुत पैसे खर्च हो जाते हैं? तो अब बस और नहीं, Reliance Jio ने ओटीटी लवर्स के लिए एक नया प्लान लॉन्च किया है, इस प्लान की कीमत 888 रुपये है और इस प्लान की खास बात यह है कि इस एक प्लान के साथ यूजर्स को एक या दो नहीं बल्कि पूरे 15 OTT Apps का बेनिफिट दिया जाएगा. आइए जानते हैं कि 888 रुपये खर्च करने पर आप लोगों को इस रिचार्ज प्लान के साथ कौन-कौन से बेनिफिट्स मिलेंगे?

OTT प्लेटफार्मों की मिलेगी विस्तृत रेंज

जियो के 888 प्‍लान की सबसे खासियत यह है कि इसमें एक रिचार्ज पर 15 अलग-अलग ओटीटी ऐप्स का एक्‍सेस मिलेगा, जिसमें Netflix (बेसिक प्लान), Amazon Prime और Jio Cinema Premium जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं. इन ऐप्‍स को देखने के लिए अलग-अलग रिचार्ज की जरूरत नहीं होगी. इससे यूजर्स को वैरायटी मिलेगी. वे अपनी पसंद की फिल्मों और टीवी शो से लेकर सीरीज आदि आराम से देख सकेंगे.

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मिलेगी 30 एमबीपीएस की स्पीड

888 रुपये वाले इस Reliance Jio Plan के साथ आप लोगों को 30Mbps की स्पीड से हाई-स्पीड अनलिमिटेड डेटा का फायदा मिलेगा. इस जियो प्लान को JioFiber और Jio AirFiber ग्राहकों के लिए उतारा गया है. एक बात जो यहां ध्यान देने वाली है वह यह है कि जियो फाइबर यूजर्स को इस प्लान के साथ बेशक अनलिमिटेड डेटा मिलेगा ये प्लान 3300 जीबी एफयूपी लिमिट के साथ आता है.

नए प्‍लान में अपग्रेड कराने की सुविधा

Jio के मुताबिक अगर मौजूदा यूजर्स प्रीपेड प्लान का इस्तेमाल कर रहे हैं और वे पोस्‍टपेड प्‍लान में स्विच करना चाहते हैं तो वे ऐसा कर सकते हैं. वे 888 रुपए वाले प्लान का रिचार्ज कराके अनलिमिटेड इंटरटेनमेंट का लुत्फ उठा सकते हैं. यूजर्स आसानी से नए पोस्टपेड प्लान में अपग्रेड कर सकते हैं. हालांकि इस प्लान में उन्‍हें वॉइस कॉलिंग और मैसेजिंग की सुविधा नहीं मिलेगी.

किक्रेट लवर्स के लिए खास सुविधा

क्रिकेट लवर्स को लुभाने के लिए Jio ने एक खास प्‍लान बनाया है. कंपनी ने इस योजना के साथ Jio IPL धन धना धन ऑफर को भी शामिल किया है. इसमें सब्सक्राइबर्स को अपने Jio ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए 50 दिनों का डिस्काउंट क्रेडिट वाउचर मिल सकता है. यह प्‍लान टी20 क्रिकेट सीज़न को ध्‍यान में रखकर तैयार किया गया है. यह ऑफर 31 मई 2024 तक वैलिड होगा.
 


सरकार ने 28 हजार फोन किए ब्लॉक, 20 लाख पर लटकी तलवार, जानिए क्यों लिया गया एक्शन?

दूरसंचार विभाग (DoT) ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि यह कदम गृह मंत्रालय और राज्य पुलिस के विश्लेषण के बाद उठाया गया है.

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Saturday, 11 May, 2024
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केंद्र सरकार ने साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए अहम कदम उठाया है. सरकार ने 28,200 मोबाइल हैंडसेट्स को ब्लॉक करने का निर्देश जारी किया. साथ ही इन हैंडसेटों से जुड़े 20 लाख मोबाइल कनेक्शनों को फिर से वेरिफाई करने के भी निर्देश जारी किया है. टेलीकॉम ऑपरेटर्स को तुंरत इस निर्देश का पालन करने के लिए कहा गया है. केंद्र सरकार ने कहा है कि साइबर क्राइम में टेलीकॉम्युनिकेशन का गलत इस्तेमाल हो रहा था. इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है.

गड़बड़ी करने वाले नंबरों के कटेंगे कनेक्शन

गृह मंत्रालय और राज्य पुलिस की साझा जांच में इस गड़बड़ी में खुलासा है कि साइबर अपराधी देश भर में  28,200 मोबाइल हैंडसेट का इस्तेमाल धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए कर रहे थे. दूरसंचार विभाग (DoT) के मुताबिक, इन संदिग्ध मोबाइल हैंडसेंट के जरिए 20 लाख से ज्यादा नंबरों का इस्तेमाल किया गया. ऐसे में लोगों को डिजिटल खतरों से बचाने के लिए सरकार ने इन नंबरों और हैंडसेट को वेरिफाई करने का फैसला किया है.

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कैसे पकड़ में आई यह साइबर धोखाधड़ी

टेलीकॉम कंपनियों को सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर वेरिफिकेशन के बाद मोबाइल हैंडसेट और नंबरों का इस्तेमाल डिजिटल फ्रॉड के लिए करने की बात पता चलती है तो इनका कनेक्शन तुरंत काट दिया जाए. बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से साइबर फ्रॉड और साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए हाल में एक डिजिटज इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP) लॉन्च की गई है. इसके जरिए सरकार को यह पता चला है कि कई मोबाइल हैंडसेट और नंबरों का गलत इस्तेमाल हो रहा है.

डिजिलटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म की शुरुआत की गई

सरकार ने हाल ही में साइबर क्राइम और फ्रॉड के लिए दूरसंचार के दुरुपयोग से निपटने में हितधारकों के बीच समन्यव बढ़ाने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP) की शरुआत की है. पोर्टल के लॉन्च के बाद से विभाग ने फिशिंग SMS भेजने में शामिल 52 संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट कर दिया. देशभर में 348 मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक कर 10,834 संदिग्ध मोबाइल नंबरों को फिर से वेरिफाई करने के लिए चिह्नित किया गया था. टेलीकॉम विभाग ने 7 मई को फाइनेंशियल स्कैम में इस्तेमाल किए गए एक फोन नंबर को डिस्कनेक्ट किया था, साथ ही उस नंबर से जुड़े 20 मोबाइल हैंडसेट को भी ब्लॉक कर दिया था.

टेलीकॉम डिर्पाटमेंट ने लोगों को किया आगाह

टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने लोगों को आगाह किया है कि इस प्रकार की धोखाधड़ी से सावधान रहें. धोखेबाज अक्सर बैंक KYC पूरा नहीं होने, बैंक अकाउंट, पेमेंट वॉलेट, गैस कनेक्शन, सिम वेरिफिकेशन और बिजली कनेक्शन डिएक्टिवेट होने से जुड़ा SMS भेज कर लोगों को झांसे में लेते हैं और फिर मोटी रकम का चूना लगा देते हैं. डिपार्टमेंट ने कहा है कि अगर इस प्रकार की धोखाधड़ी होती है तो टोल फ्री नंबर 1930 या फिर साइबर www.cybercrime.gov.in. पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. 
 


स्पैम कॉल या SMS से है परेशान, तो जल्द आने वाला है समाधान, जानिए कैसे?

विभाग इस बात की भी योजना बना रहा है कि दूरसंचार कंपनियों के लिए DCA प्लेटफॉर्म को लागू करना अनिवार्य बनाया जाए.

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Thursday, 09 May, 2024
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क्या आप भी वक्त–बेवक्त आने वाले स्पैम कॉल्स और मैसेज्स से परेशान है तो हम, आपके लिए राहत भरी खबर लेकर आए हैं. अब इस पर अंकुश के लिए दूरसंचार विभाग (DOT) नई सरकार गठन के बाद पहले 100 दिन के एजेंडे में शामिल करने की तैयारी कर रहा है. टेलीकॉम डिपार्टमेंट देशभर में स्पैम कॉल और SMS पर अंकुश लगाने के लिए ठोस योजना तैयार करने में लगा है. इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) आधारित डिजिटल सहमति मंच (DCA) से दूरसंचार कंपनियों को अनिवार्य रूप से जोड़ा जाएगा. साथ ही चक्षु पोर्टल को भी अपडेट किया जाएगा.

उभोक्ता को मिलेगा अधिकार

गौरतलब है कि ट्राई ने स्पैम और बड़ी मात्रा में होने वाले टेली कॉलिंग पर अंकुश के लिए इस डीसीए मंच को लागू करने का निर्देश दिया था. DCA किसी कंपनी या कारोबार से कॉमर्शियल कॉल या SMS प्राप्त करने के लिए ग्राहकों द्वारा दी गई सहमति प्राप्त करने, उसे बनाए रखने और रद्द करने के लिए एक एकीकृत मंच है. इसे इसलिए लाया गया है ताकि उपभोक्ता के पास यह नियंत्रण रहे कि कौन उसे संदेश भेज सकता है और कौन नहीं. हालांकि, उपभोक्ताओं को अब तक इसका फायदा नहीं मिल पाया है. वहीं, ट्राई ने इस मामले में दूरसंचार कंपनियों द्वारा इस मंच से जुड़ने की धीमी चाल पर सवाल उठाया है.

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नई समिति बनेगी

अब इस मामले में दूरंसचार विभाग द्वारा एक नई समिति बनाए जाने की उम्मीद है ताकि बेहतर समन्वय हो सके. इस समिति में दूरसंचार विभाग, उपभोक्ता के मंत्रालय और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण को शामिल किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि यह समिति इंटरनेट से होने वाले फोन कॉल और व्हाट्सऐप के लिए प्रारूप दिशा निर्देश तैयार करने पर काम करेगी. इसमें दूरसंचार ऑपरेटरों को भी शामिल किया जा सकता है.

चक्षु पोर्टल को भी किया जाएगा अपडेट

विभाग इस बात की भी योजना बना रहा है कि उसके चक्षु पोर्टल को लगातार अपडेट किया जाए. इस पोर्टल के जरिए लोगों को यह सुविधा मिलती है कि वे फर्जी संचार की आशंका वाले फोन कॉल या SMS के मोबाइल नंबर या व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया से मिले ऐसे संचार के बारे में शिकायत दर्ज करा सकें. वैसे तो यह प्लेटफॉर्म किसी तरह की चूक से परे है, लेकिन कुछ लोगों ने सवाल उठाए हैं कि क्या अवांछिततत्व इसका भी दुरुपयोग कर सकते हैं? इसलिए आगे चलकर पोर्टल को अपडेट किया जाएगा ताकि न सिर्फ जालसाजी पर बल्कि कुछ नंबरों से आने वाले बड़े मात्रा के स्पैम पर भी निगरानी सख्त की जा सके.

TRAI ने कंपनियों पर उठाया सवाल

ट्राई ने इस मामले में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल द्वारा अपने सिस्टम में निजी व्यवसायों को जोड़ने को लेकर धीमी चाल पर सवाल उठाया है, लेकिन ऑपरेटरों का कहना है कि उन्हें इस मामले में उद्योग से ही सुस्त प्रतिक्रिया मिल रही है. अभी तक ग्राहकों को कोई ऐसी एकीकृत प्रणाली नहीं मिल पाई है जिसके जरिए वे सहमति दे या उसे निरस्त कर सकें. पहले व्यवस्था यह थी कि ग्राहक की मंजूरी को हासिल करने या बनाए रखने की जिम्मेदारी व्यवसायों की ही है.
 


Apple का सबसे पतला डिवाइस iPad Pro लॉन्च, बेहतरीन फीचर्स के साथ इतनी है कीमत

Apple की ओर से 'Let Loose' इवेंट में दो नए टैबलेट लॉन्च किए गए हैं. इन्हें कंपनी पावरफुल परफॉर्मेंस के साथ लेकर आई है और ये कंपनी के अब तक के सबसे पतले प्रोडक्ट हैं.

Last Modified:
Wednesday, 08 May, 2024
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Apple ने अपने लूट इंवेट में दो नए iPads लॉन्च किए हैं. ये हैं iPad Air, iPad Pro. ये कंपनी का लेटेस्ट मिड रेंड iPad मॉडल है, जो दो साइज के साथ उतारा गया है, 11 इंच और 13 इंच. टिम कुक ने इवेंट शुरू होते ही बताया कि Porsche विज़न प्रो के साथ एक बेहतरीन एक्सपीरियंस देने की तैयारी कर रहा है. iPad के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि यह स्टूडेंट्स से लेकर टीचर्स और आर्किटेक्ट्स से लेकर डिजाइनर्स तक की पूरी मदद करता है. इसी के साथ कंपनी ने Apple Pencil, Magic Keyboard, M4 Chipset लॉन्च किया है.

सबसे पतला डिवाइस है Apple iPad Pro

Apple iPad Pro का नया जेनरेशन नए M4 चिप और OLED डिस्पले के साथ लॉन्च हो गया है. एप्पल का यह अब तक लॉन्च हुआ सबसे पतला डिवाइस है, जिसकी मोटाई महज 5.1mm है. iPad Air (2024) की तरह ही इस नए iPad Pro को भी दो स्क्रीन साइज 11 इंच और 13 इंच में पेश किया गया है. एप्पल का यह नया iPad Pro भी AI फीचर से लैस है. कंपनी ने इसकी प्री-बुकिंग शुरू कर दी है. भारत समेत 29 देशों में यह 15 मई से सेल के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.

iPad Pro (2024) के फीचर्स

एप्पल के इस स्पेशल Let Loose इवेंट में पेश हुआ यह नया iPad Pro OLED डिस्प्ले पैनल के साथ आता है. इसका डिस्प्ले 1600 निट्स की पीक ब्राइटनेस को सपोर्ट करता है. इसके 11 इंच वाले मॉडल की मोटाई 5.3mm है, जबकि 13 इंच वाला मॉडल 5.1 इंच पतला है. एप्पल के इस नए iPad Pro (2024) में अल्ट्रा रेटिना XDR डिस्प्ले दिया गया है. Apple ने इसके अलावा इस नए iPad Pro (2024) के ओवरऑल डिजाइन को भी अपग्रेड किया है. इसमें एंटी-ग्लेयर नैनो टेक्स्चर डिजाइन मिलता है, जिसे पहली बार किसी iPad में इस्तेमाल किया गया है. 

नए लॉन्च हुए M4 चिप की बात करें तो यह OLED डिस्प्ले को बेहतर तरीके से कंट्रोल करता है. इसके ओवरऑल CPU और GPU को इंप्रूव किया गया है. यह चिप सेकेंड जेनरेशन के 3 नैनोमीटर फेब्रिकेशन प्रोसेस पर काम करता है. इसके अलावा इसमें नया न्यूरल इंजन मिलता है, जो इसे एक पावरफुल AI चिप बनाता है. यह भी एप्पल के लेटेस्ट iPadOS 17 पर काम करता है.

तीन स्टोरेज वेरिएंट में हुए लॉन्च

iPad Pro (2024) को 256GB, 512GB, 1TB और 2TB स्टोरेज वेरिएंट में लॉन्च किया गया है. इस नए iPad Pro के कैमरा को भी इंप्रूव किया गया है. इसमें अडैप्टिव फ्लैश का इस्तेमाल किया गया है. यही नहीं, इसके भी फ्रंट फेसिंग कैमरा को लैंडस्केप एज पर फिट किया गया है ताकि यूजर्स को FaceTime कॉल करने में दिक्कत न आए.

iPad Pro (2024) की कीमत

iPad Pro (2024) के 11 इंच वाले Wi-Fi मॉडल की शुरुआती कीमत 99,900 रुपये है. वहीं, इसका Wi-Fi + 5G वाला मॉडल 1,19,900 रुपये से शुरू होता है. वहीं, इसके 13 इंच वाले Wi-Fi मॉडल की कीमत 1,29,900 रुपये से शुरू होती है. वहीं, इसका Wi-Fi + 5G मॉडल 1,49,900 रुपये की शुरुआती कीमत में उपलब्ध है. स्टूडेंट्स के लिए iPad Pro (2024) की कीमत 10,000 रुपये कम रखी गई है. इसे 15 मई से ऑनलाइन और ऑफलाइन चैनल के माध्यम से खरीद सकेंगे.

पेंसिल प्रो और मैजिक बोर्ड भी लॉन्च

एप्पल के इस लूट इंवेट में इसके साथ ही Apple Pencil Pro, Magic Keyboard भी लॉन्च हुए. Apple Pencil Pro में कई सेंसर को शामिल किया है. इसको दबाने (स्क्वीज) पर यूजर्स नए टूल्स को एक्सेस कर सकते है,  जो एक टाइम सेविंग टूल है. साथ ही इसमें कई नए एडिटिंग टूल्स और शॉर्टकट को शामिल किया है.  इसकी कीमत 11,900 रुपये है, वहीं एप्पल का Magic Keyboard का डिजाइन काफी स्लीक और स्लिम है. इस कीबोर्ड को दो कलर वेरिएंट में पेश किया गया है. इसके फीचर्स भी काफी अपडेटेड है. नया 11-इंच मैजिक कीबोर्ड 29900 रुपये में और नया 13-इंच मैजिक कीबोर्ड 33900 रुपये में उपलब्ध है.
 


ऑनलाइन स्कैम पर सख्त हुआ WhatsApp, बैन किए करीब 8 करोड़ अकाउंट, जानिए बचने के तरीके

व्हाट्सऐप ने 8 करोड़ अकाउंट्स के खिलाफ की कार्रवाई करते हुए उन्हें बैन कर दिया है. WhatsApp ने यह कार्रवाई पॉलिसी के उल्लंघन को लेकर की है जोकि पिछले साल के आंकड़ों से ज्यादा हैं.

Last Modified:
Saturday, 04 May, 2024
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यदि आप भी WhatsApp का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है. आपको जानकर हैरानी होगी कि महज तीन महीने में ही WhatsApp ने भारत में करीब 8 करोड़ अकाउंट बैन किए हैं. WhatsApp ने यह कार्रवाई पॉलिसी के उल्लंघन को लेकर की है. इसी अवधि में पिछले साल के मुकाबले यह आंकड़ा दोगुना है. ये आंकड़े साइबर स्कैम के बढ़ते मामले की ओर भी इशारा कर रहे हैं.

WhatsApp ने की बड़ी कार्रवाई

व्हाट्सऐप (WhatsApp) ने बड़ी जानकारी देते हुए बाताया कि कंपनी ने +91 से शुरू होने वाले 7 करोड़ से ज्यादा मोबाइल नंबर को व्हाट्सऐप से बैन कर दिया गया है. यह डेटा जनवरी से लेकर नवंबर 2023 तक का है. कंपनी ने एक और पोस्ट में बताया कि उसने 1 जनवरी से लेकर 31 मार्च 2024 के बीच 7,954,000 अकाउंट को बैन कर दिया है. इनमें से 1,43,000 अकाउंट को यूजर्स की तरफ से कोई रिपोर्ट मिलने से पहले ही सक्रिय रूप से बैन कर दिया गया. 

किस महीने कितने अकाउंट पर प्रतिबंध

WhatsApp ने बताया कि जनवरी 2023 में उसने 29 लाख अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाया था. इसके बाद यह सिलसिला बढ़ता ही गया. फरवरी में कंपनी ने 45 लाख अकाउंट, मार्च में 47 लाख, अप्रैल में 74 लाख, मई में 65 लाख, जून में 66 लाख, जुलाई में 72 लाख, अगस्त में 74 लाख, सितंबर में 71 लाख, अक्टूबर में 75 लाख और नवंबर में 71 लाख अकाउंट प्रतिबंधित कर दिए, इसके अलावा, व्हाट्सएप ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यूजर्स से कोई भी रिपोर्ट मिलने से पहले ही इनमें से 2 करोड़ से ज्यादा अकाउंट्स को सक्रिय रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया था.

2024 में कितने अकाउंट पर लगाया बैन

WhatsApp की तरफ से जारी मंथली रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी से लेकर मार्च 2024 यानी इस साल के पहले तीन महीनों में 22,310,000 (करीब 2.23 करोड़) अकाउंट बैन किए गए. फरवरी 2024 में कंपनी ने 7,628,000 अकाउंट्स को बैन किया, जिनमें से 1,424,000 अकाउंट यूजर्स की तरफ से रिपोर्ट करने के पहले ही कंपनी के नियमों का उल्लंघन करते हुए पहचान लिए गए और सक्रिय रूप से प्रतिबंधित कर दिए गए. इसी तरह मार्च 2024 में 7,954,000 अकाउंट बैन किए गए, जिसमें से 1,430,000 अकाउंट सक्रिय रूप से बैन किए गए.

इस वजह से लगाया बैन

कंपनी ने कहा कि लोकसभा चुनावों के मद्देनजर वह सूचना प्रौद्योगिकी (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) नियम, 2021 के नियम 4(1)(d) (IT नियम, 2021) का पालन करने के लिए धोखाधड़ी और अवैध टेलीमार्केटिंग की सभी रिपोर्टों की ‘सक्रिय रूप से जांच’ कर रहा है. इसके अलावा व्हाट्सएप ने शिकायतों के आधार पर कई अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाया जो किसी न किसी रूप में कानूनी उल्लंघन कर रहे थे, या व्हाट्सऐप के नियमों का उल्लंघन कर रहे थे. कंपनी ने कहा कि उसे भारत सरकार की शिकायत अपीलीय समिति (GAC) से भी कई अकाउंट्स को बैन करने का आदेश मिला, जिसके बाद कंपनी ने उन्हें बैन कर दिया.

बैन से कैसे बच सकते हैं आप?

अगर आपको भी इस बात का डर सता रहा है कि कहीं आपका अकाउंट न बैन कर दिया जाए तो डरने की कोई जरूरत नहीं है. अगर आप व्हाट्सऐप और भारत के आईटी नियमों को फॉलो करते हैं तो आपको इससे कोई समस्या नहीं होने वाली है. आपको नीचे बताई गई कुछ बातों का ध्यान देना होगा. 

संदेहास्पद मैसेज से बचें- यानी आप जिसे पहले से जानते हैं उनसे ही बातचीत करें. कभी भी आपको कोई ऐसा मैसेज आता है जो संदेहास्पद है तो बिलकुल जवाब न दें. इसके अलावा, अगर आपको किसी अनजाने नंबर से फर्जी वीडियो या वाइस कॉल आती है तो रिसीव करने से बचें.

संदेह होने पर तुरंत रिपोर्ट करें- अगर आपको ऐसे कोई मैसेज आते हैं तो व्हाट्सऐप पर ब्लॉक करने और रिपोर्ट करने का ऑप्शन होता है. तुरंत उसपर क्लिक करें और रिपोर्ट कर जानकारी दें. रिपोर्ट करते समय कई तरह की विकल्प के जरिये जानकारी मांगी जाती है, आपको जिस तरह का संदेह लगे, उसे रिपोर्ट में जरूर बताएं.

कोई फर्जी मैसेज फॉरवर्ड न करें- आप किसी को मैसेज सेंड करने से पहले उसे वेरिफाई कर लें कि क्या वह सही है, उसमें कितनी सच्चाई है. बहकावे या आवेश में आकर बिलकुल मैसेज सेंड या फॉरवर्ड न करें.
 


फोन में किसी का नंबर नहीं है सेव, तो आने वाला है ये जबरदस्त फीचर, जिससे काम होगा आसान

सरकार ने कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन का ट्रायल शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इससे पहले टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने इसकी सिफारिश की थी. ट्राई ने प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट शुरू करने के लिए कहा था.

Last Modified:
Thursday, 02 May, 2024
BWHindia

अगर आपके स्मार्टफोन में किसी का नंबर सेव नहीं है और आपके पास कोई अनजान नंबर से कॉल आती है, तो आपके दिमाग में पहला सवाल यही आता है कि कॉल करने वाला कौन हो सकता है. अगर अक्सर आपके साथ ऐसा होता है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने देशभर में टेलीकॉम कंपनियों को कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन लागू करने का आदेश दिया है, जिसके बाद अगर आपके फोन पर कोई अनजान व्यक्ति कॉल करेगा तो उसका नाम आपको अपने फोन की स्क्रीन पर दिखाई देगा.

कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन का ट्रायल शुरू

ट्राई ने देशभर में मौजूद सभी दूरसंचार कंपनियों को कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन फीचर रोलआउट करने का निर्देश दिया है. जिसके बाद देश में मौजूद मोबाइल सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों ने इसका ट्रायल शुरू कर दिया है. ट्राई के अनुसार, अगर ये ट्रायल सफल होता है तो कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन फीचर देशभर में लागू किया जाएगा. जिसके बाद आपको अननॉन नंबर के बारे में जानकारी करने के लिए किसी भी थर्ड पार्टी ऐप की जरूरत नहीं होगी.

इस राज्य में शुरू हुआ ट्रायल

ट्राई ने कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन फीचर को टेस्ट करने के लिए देश के सबसे छोटे सर्कल का चुनाव किया है. जिसके बाद मोबाइल सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों ने कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन फीचर की टेस्टिंग हरियाणा में शुरू करने जा रही हैं. जानकारी के अनुसार ट्राई के निर्देश के बाद कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन फीचर की टेस्टिंग हरियाणा में इसी महीने शुरू हो जाएगी.

यूजर्स थर्ड पार्टी ऐप्स का करते हैं इस्तेमाल 

स्मार्टफोन यूजर्स अपने फोन में अनजान कॉल के बारे में जानकारी लेने के लिए थर्ड पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें बहुत सारे यूजर्स ट्रू कॉलर का इस्तेमाल करते हैं. थर्ड पार्टी ऐप्स अपनी सुविधाएं देने के लिए इस्टॉल होने के टाइम पर बहुत सारी परमिशन मांगते हैं, जिसमें कॉन्टैक्ट डिटेल, फोन गैलरी, स्पीकर, कैमरा और कॉल हिस्ट्री की जानकारी शामिल होती है. अगर आप इन सभी की परमिशन नहीं देते हैं तो ये थर्ड पार्टी ऐप काम नहीं करते और अगर आप परमिशन दे देते हैं तो आपकी पर्सनल डिटेल लीक होने का डर बना रहता है.
 


IPL का स्टेडियम आएगा आपके घर, Samsung का ये टीवी आपको बनाएगा क्रिकेटर

दक्षिण कोरियाई इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज Samsung ने बेंगलुरु के सैमसंग ओपेरा हाउस में आयोजित 'अनबॉक्स एंड डिस्कवर' इवेंट में AI-ऑपरेट टेलिवीजन लॉन्च किये है.

Last Modified:
Thursday, 18 April, 2024
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कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी Samsung ने भारत में अपना अल्ट्रा-प्रीमियम नियो QLED 8K, नियो QLED 4K और OLED टीवी को लॉन्च करते हुए AI टीवी के लिए एक नए युग की घोषणा की है. नियो QLED 8K, नियो QLED 4K और OLED टीवी की 2024 सीरीज पावरफुल, AI आधारित सोल्यूशन के साथ आपके घरेलू एंटरटेनमेंट को और बेहतर बनाएगी. कंपनी ने 55, 65, 75 और 98 इंच साइज में इन्हें पेश किया है. गेमिंग को बेहतर बनाने के लिए भी ये टीवी बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकते हैं.

कितनी है कीमत?

सेमसंग नियो QLED 8K की कीमत 3,19,990 रुपये से शुरू होती है. वहीं नियो QLED 4K सीरीज की कीमत 1,39,990 रुपये से शुरू होती है. सेमसंग OLED टीवी सीरीज की कीमत 1,64,990 रुपये से शुरू होती है. सैमसंग ने इनके साथ कुछ स्पेशल ऑफर्स का भी ऐलान किया है. सैमसंग का कहना है कि ब्रैंड के लेटेस्ट स्मार्ट टीवी के साथ कंपनी 79,990 रुपये की कीमत वाला साउंडबार फ्री दे रही है. इसके अलावा म्यूजिक फ्रेम भी अवील कर सकते हैं, जिसकी कीमत 29,990 रुपये है.

शानदार ऑडियो और स्मार्ट एक्सपीरिएंस

सैमसंग का फ्लैगशिप टीवी नियो QLED 8K में एडवांस NQ8 AI GEN3 प्रोसेसर दिया गया है. ये AI टीवी तकनीक में एक महत्वपूर्ण छलांग है. NQ8 AI GEN3 प्रोसेसर में एक न्यूरल प्रोसेसिंग यूनिट (NPU) दी गई है जो अपने पिछले वर्जन की तुलना में दोगुनी गति प्रदान करता है, साथ ही न्यूरल नेटवर्क में 64 से 512 तक आठ गुना बढ़त करता है. इससे इनपुट स्रोत की परवाह किए बिना स्पष्ट विवरण के साथ एक शानदार पिक्चर देखने को मिलती है.

मिलेगा खास AI एक्सीरियंस

2024 नियो QLED 8K सीरीज में बड़े स्क्रीन के अनुभव को फिर से परिभाषित करने के लिए कई AI फीचर्स एक साथ मिलते हैं. AI पिक्चर टेक्नोलॉजी चेहरे के भाव और अन्य सूक्ष्म बारीकियों सहित एकदम स्पष्ट और स्वाभाविक डिटेल के साथ टीवी देखने का अनुभव शानदार बनाती है. AI अपस्केलिंग प्रो 8K डिस्प्ले से निकटता से मेल खाने के लिए कंटेंट को बदल देता है. मैच के दौरान, यह बिना किसी रूकावट के गेंद को ट्रैक करने में मदद करता है, जिससे यूजर को लगता है कि वे स्टेडियम में लाइव मैच देख रहे हैं. रियल डेप्थ एन्हैंसर प्रो तस्वीर में जीवंतता और गहराई लाता है और दर्शकों को अलग ही एक्सीरियंस मिलता है.

बैकग्राउंड शोर करता है कम

AI साउंड टेक्नोलॉजी एक्टिव वॉयस एम्प्लीफायर प्रो के साथ सटीक ऑडियो देने में मदद करती है. ये बैकग्राउंड शोर का पता लगाता है और टीवी के वॉल्यूम को अपने आप एडजस्ट करता है. ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग साउंड प्रो ऑन-स्क्रीन एक्शन के साथ ऑडियो को सिंक करके, ज्यादा डायनैमिक और आकर्षक ऑडियो-विजुअल इफेक्ट जेनरेट करता है. एडेप्टिव साउंड प्रो वास्तव में स्पष्ट और जीवंत साउंड के लिए कंटेंट और कमरे की जरूरत के मुताबिक ऑडियो को एडजस्ट करके ऑडियो अनुभव को और शानदार बनाता है.