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इन गेमिंग कंपनियों ने नहीं भरा GST? मिल सकता है नोटिस!
इसी आरोप के तहत GST से संबंधित संस्थाओं ने इन कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago
पिछले कुछ समय के दौरान भारत में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कई इंडस्ट्रीज काफी तेजी से उभरकर सामने आई हैं. ऐसी ही एक इंडस्ट्री, गेमिंग इंडस्ट्री भी है. पिछले कुछ सालों के दौरान भारत में गेमिंग कम्युनिटी बहुत ही तेजी से बड़ी हुई है. लेकिन फिलहाल भारत में स्थित कुछ गेमिंग कंपनियों के लिए एक बुरी खबर सामने आ रही है. माना जा रहा है कि 40 गेमिंग कंपनियों को जल्द ही सरकार द्वारा नोटिस भेजा जा सकता है.
क्या है पूरा मामला?
इन कंपनियों पर GST (Goods And Services Tax) से बचने का आरोप है और इसी आरोप के तहत GST से संबंधित संस्थाओं ने इन कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया है. हाल ही में सर्वोच्च न्यायलय ने कर्नाटक के उच्च न्यायलय द्वारा दिए गए एक आदेश पर रोक लगाते हुए GTPL (गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड) को GST के संबंध में जारी किए गए नोटिस पर रोक लगा दी थी. GTPL पर 21,000 करोड़ रुपयों के GST से बचने का आरोप लगाया गया था और इसी आरोप के तहत कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अआदेश देते हुए मई में इस कंपनी के खिलाफ नोटिस जारी किया था और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर को कर्नाटक न्यायालय के इस आदेश पर रोक लगा दी थी.
40 कंपनियों को भेजा जाएगा नोटिस
अप्रत्यक्ष करों की बात की जाए तो बैंगलोर आधारित GTPL को भेजा गया नोटिस अब तक का ऐसा सबसे बड़ा दावा है. एक GST इंटेलिजेंस यूनिट ने GTPL को सितंबर 2022 में कारण बताओ नोटिस जारी किया था. GTPL उन 40 कंपनियों की लिस्ट में शामिल है जिनकी जांच DGGI (डायरेक्टर जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स इंटेलिजेंस) द्वारा की जा रही है. इन सभी 40 कंपनियों पर टैक्स से बचने का आरोप लगाया गया है और इसी आरोप के तहत इनकी जांच की जा रही है.
उच्च न्यायालय का फैसला बना था अड़चन
इस मामले से जुड़े एक सरकारी अधिकारी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जल्द ही कारण बताओ नोटिसों की भीड़ देखने को मिल सकती है. GST से संबंधित संस्थाएं अन्य ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को नोटिस भेजने की कोशिश कर रही थी लेकिन तभी कर्नाटक उच्च न्यायालय का आदेश बीच में आ गया. लेकिन अब कोई अड़चन नहीं है और अब फिर से उसी आदर्श के अनुसार नोटिस जारी किए जाएंगे, जिसके अनुसार पहले किए जाने थे. इसके साथ ही अधिकारी ने यह भी बताया है कि गेम्सक्राफ्ट और अन्य कंपनियों की गतिविधियां भी एक जैसी हैं और कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के बाद GST संस्थाओं ने अपने कारण बताओ नोटिसों को रोकने का फैसला किया था.
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