Twin Towers Demolition: ट्विन टावर की वैल्यू की बात करें तो इसकी कीमत करीब 800 करोड़ लगाई गई थी. आपको बता दें कि इसे बनाने में 250 से 300 करोड़ के बीच खर्च हुआ था.
नोएडा: 300 करोड़ से बना 'ट्विन टावर' आज दोपहर 2:30 बजे सिर्फ 9 सेकंड में गिरा दिया गया. जैसे ही 2:30 बजा, जोरदार धमाका शुरू हो गया और देखते ही देखते सिर्फ 9 सेकंड में ट्विन टावर जमींदोज हो गया. इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए करीब 350 कर्मचारी लगे हुए थे. हिंदुस्तान में ऐसा पहली बार हुआ है. यह एक उदाहरण है कि देश में भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं है.
चारों तरफ धुएं का गुबार
धमाका होते ही चारों तरफ धुएं का गुबार देखने को मिला. आस-पास की बिल्डिंग्स धुएं से ढंक गईं. करीब 500 मीटर दूर तक कंपन महसूस किया गया. इसे गिराने में 17 करोड़ रुपये खर्च हुए. यह खर्च भी बिल्डर ही उठाएगा.
250 से 300 करोड़ रुपये हुआ था खर्च
आपको बता दें कि जिस जगह ये ट्विन टावर बना हुआ था, उस जगह की कीमत मौजूदा समय में 10 हजार रुपए प्रति वर्ग फीट है. मतलब ट्विन टावर की कीमत अभी के हिसाब से 1 हजार करोड़ से भी ज्यादा थी, लेकिन विवाद के चलते अगर ट्विन टावर की वैल्यू की बात करें तो इसकी कीमत करीब 800 करोड़ लगाई गई थी. इसे बनाने में 250 से 300 करोड़ के बीच खर्च हुआ था.
#WATCH | 3,700kgs of explosives bring down Noida Supertech twin towers after years long legal battle over violation of construction laws pic.twitter.com/pPNKB7WVD4
— ANI (@ANI) August 28, 2022
क्या था विवाद
नेशनल बिल्डिंग कोड को ताक पर रख कर ट्विन टावर का निर्माण हुआ था. रातोरात बिल्डिंग बायलॉज में बदलाव किया गया था, इसीलिए भ्रष्टाचार की इमारत इतनी तेजी से इतनी ऊंची खड़ी हो गई. 2014 में हाई कोर्ट ने इसे अवैध घोषित किया था.
5 हजार लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए गए
इससे पहले अधिकारियों ने ट्विन टावर के पास स्थित दो सोसाइटी में रह रहे कम से कम 5,000 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया था. नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि ध्वस्तीकरण के बाद आसपास के इलाके में धूल और कंक्रीट से निपटने के लिए पानी के 100 टैंकर तैनात किए गए हैं. इसके अलावा 15 एंटी स्मॉग गन, 6 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन, 200 सफाई कर्मचारी तैनात किए गए हैं.
रसोई गैस और बिजली की आपूर्ति बंद थी
एहतियातन सुबह ही पास की दो सोसाइटी में रसोई गैस और बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई थी. डीसीपी ट्रैफिक गणेश प्रसाद साहा के अनुसार, इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए थे. सभी बातों को ध्यान में रखते हुए एहतियातन एम्बुलेंस अभी भी मौके पर मौजूद हैं.
560 पुलिस कर्मी तैनात
एक्सप्लोजन जोन में 560 पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं. उनके अलावा रिजर्व फोर्स के 100 लोग भी मौजूद हैं. 4 क्विक रिस्पांस टीम के अलावा NDRF की टीम भी तैनात है. धमाके से पहले नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे को बंद कर दिया गया था. नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने भी एक एडवायजरी जारी की थी, जिससे आम लोगों को परेशानी न हो.
कैसे हुआ धमाका
दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर डिमोलिशन एक्सपर्ट चेतन दत्ता ने ब्लैक बॉक्स से जुड़े हैंडल को 10 बार रोल किया. इसके बाद इसमें लगा लाल बल्ब ब्लिंक करने लगा. इसके बाद दत्ता ने हरा बटन दबाया. इससे चार डेटोनेटर तक इलेक्ट्रिक वेव पहुंच गई. इसके बाद 9 सेकेंड तक बिल्डिंग में एक के बाद एक धमाके होते रहे.
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ग्राहकों के लिए यह आखिरी मौका है कि वे 30 दिन के अंदर एनबीसीसी से चाबी ले लें. ऐसा नहीं करने पर उनके फ्लैट की बुकिंग रद्द मानी जाएगी.
आम्रपाली प्रोजेक्ट्स के हजारों होम बायर्स की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं. हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के कई खरीदारों का अलॉटमेंट 30 दिनों के बाद कैंसल हो सकता है. कोर्ट रिसीवर ऑफिस ने इस बारे में एक नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट रिसीवर ऑफिस ने होम बायर्स की लिस्ट जारी की है. इस नोटिस में वैसे खरीदारों की सूची दी गई है, जिन्होंने अभी तक एनबीसीसी (NBBC) से अपनी यूनिट की चाबी नहीं ली है. ऐसे होम बायर्स को 30 दिनों के अदंर चाबी लेने का अंतिम अवसर दिया गया है. ऐसे होम बायर्स अगर 30 दिनों के अंदर अपने घर की चाबी नहीं लेते हैं तो उनके फ्लैट का आवंटन रद्द कर दिया जाएगा.
कोर्ट रिसीवर ऑफिस का नोटिस
कोर्ट रिसीरवर अखबारों में जारी एक नोटिस में कहा गया है कि जिन खरीदारों का मकान पूरा हो चुका है वह अपनी चाबी ले लें. अगर वह 30 दिनों के अंदर चाबी नहीं लेते हैं तो उनका आवंटन रद्द कर दिया जाएगा. वे इस बारे में 30 दिन के भीतर कोर्ट रिसीवर के ऑफिस में संपर्क कर सकते हैं. इस सूची में आम्रपाली के विभिन्न योजनाओं के होम बायर्स का नाम शामिल है. ये सारे प्रोजेक्ट्स नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हैं.
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यहां पहुंचने पर होगा समस्या का समाधान
अगर आपने आम्रपाली ग्रुप का फ्लैट खरीदा है और इससे जुड़ा आपका किसी भी तरह का सवाल है तो आप 30 दिन के अंदर कोर्ट रिसीवर ऑफिस जाकर इस बारे में जानकारी कर सकते हैं. यह ऑफिस नोएडा के सेक्टर 62 में प्लॉट नंबर C-56/40 पर है. रिसीवर ऑफिस जाकर डॉक्यूमेंट में किसी भी प्रकार की गलती को ठीक करने में मदद मिल सकती है. कोर्ट रिसीवर की वेबसाइट के अनुसार यदि आप 30 दिन बाद भी फ्लैट की चाबी नहीं लेते तो आपकी बुकिंग रद्द हो सकती है.
चेक बाउंस होने पर शुरू हुई थी समस्या
साल 2017 में आम्रपाली कंपनी जारी किए गए चेक बाउंस होने लगे, तो आम्रपाली के लिए सब कुछ गलत होने लगा. उसी साल बैंक ऑफ बड़ौदा ने आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) में दिवालियापन का दावा दायर किया. अदालत ने 23 जुलाई 2019 के फैसले में होम बायर्स को दिये गए भरोसे को तोड़ने के लिए दोषी बिल्डरों पर कार्रवाई की गई और रियल स्टेट कानून RERA के तहत आम्रपाली ग्रुप का पंजीकरण रद्द करने का आदेश दिया और इसे राष्ट्रीय राजधानी में प्रमुख स्टेट से बाहर कर दिया था.
रेखा झुनझुनवाला ने मालाबार हिल स्थित घर से अरब सागर के व्यू के लिए एक इमारत की सभी यूनिट खरीद ली. एक योजना के तहत रॉकसाइड और वाकेश्वर में 6 दूसरी बिल्डिंग का री-डेवलपमेंट किया जा रहा था.
अपना घर और इससे मिलने वाले व्यू से हर किसी को प्यार होता है. तभी तो अपने घर से अरब सागर के व्यू के लिए रेखा झुनझुनवाला ने 118 करोड़ रुपये खर्च कर दिये हैं. उनका घर मुंबई के मालाबार हिल एरिया में है. फिलहाल उनके घर से अरब सागर का व्यू मिलता है. लेकिन उनके घर के आगे एक इमारत बनने की प्लानिंग थी, जिससे उनके घर के सामने से दिखने वाला खूबसूरत नजारा गड़बड़ होने का खतरा था. दरअसल, झुनझुनवाला का घर रेयर विला (RARE Villa) समुद्र के सामने रॉकसाइड सीएचएस (Rockside CHS) के पीछे है.
इमारत की सभी यूनिट को खरीदा
दिवंगत निवेशक राकेश झुनझुनवाला की पत्नी रेखा झुनझुनवाला ने सिर्फ बेहतर सी-फेसिंग व्यू के लिए ही पूरी बिल्डिंग खरीद ली. दरअसल, एक नए कंस्ट्रक्शन की वजह से उनके घर से सी-फेसिंग व्यू बिगड़ने वाला था. इसे बचाने के लिए उन्होंने 118 करोड़ रुपये में पूरी बिल्डिंग खरीद ली. उन्होंने अपने मालाबार हिल स्थित घर से अरब सागर के बेहतर व्यू के लिए एक बिल्डिंग की लगभग सभी यूनिट्स खरीदी है. झुनझुनवाला का RARE विला रेसिडेंस सी-फेसिंग रॉकसाइड CHS के ठीक पीछे स्थित है. वॉलकेश्वर में रॉकसाइड और छह और बिल्डिंग को एक क्लस्टर स्कीम के तहत री-डेवलपमेंट के लिए शेड्यूल किया जा रहा था.
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2023 में खरीदा था कमर्शियल ऑफिस
रॉकसाइड अपार्टमेंट डील रेखा झुनझुनवाला द्वारा की गई दूसरी बड़ी रियल एस्टेट डील है, इससे पहले उन्होंने कांदिवली इलाके में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में 1.94 लाख वर्ग फीट कमर्शियल स्पेस खरीदा था. रेखा झुनझुनवाला की फर्म किन्नटेस्टो एलएलपी (Kinnteisto LLP) ने नवंबर 2023 में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) 1.94 वर्ग फुट कमर्शियल ऑफिस स्पेस खरीदा था. यह सौदा 740 करोड़ रुपये में हुआ था.
65 हजार करोड़ की है कुल नेटवर्थ
रेखा झुनझुनवाला के पति स्वर्गीय राकेश झुनझुनवाला जाने-माने निवेशक थे, जिनका 14 अगस्त 2022 को निधन हो गया. उनके पास उस वक्त 5 अरब डॉलर की संपत्ति थी. राकेश झुनझुनवाला की पत्नी रेखा के पोर्टफोलियो में कई दिग्गज कंपनियों के शेयर हैं और इनकी नेटवर्थ लगभग 65 हजार करोड़ रुपये के आसपास है. राकेश झुनझुनवाला के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा एक बेटा और एक बेटी भी है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने विमानन, बंदरगाह, सड़क और राजमार्ग, मेट्रो और रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर में इम्पैक्ट, सस्टेनेबिलिटी और इनोवेशन करने वाली कंपनियों को अवार्ड देकर सम्मानित किया.
देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली कंपनियों को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा बिल्ड इंडिया अवार्ड्स से नवाजा गया. प्राइमस पार्टनर्स द्वारा आयोजित इस अवार्ड के पहले संस्करण में न केवल भारत की महत्वपूर्ण भागीदारी देखी गई, बल्कि विजेताओं ने भारत में हुए इंजीनियरिंग के चमत्कारों को प्रतिबिंबित किया. इस दौरान उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने देश के विकास को बढ़ावा देने वाले महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन आदि पर भी चर्चा की.
नितिन गडकरी ने क्या कहा?
इस अवसर पर मुख्य रूप से शामिल सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क निर्माण में हमें निर्माण की गुणवत्ता को कम किए बिना, निर्माण की लागत को कम करना होगा. हमें दुनिया में मौजूद वैकल्पिक सामग्री, अच्छी तकनीक और सफल व टिकाऊ प्रथाओं को खोजना और अपनाना होगा. इसी तरह हम देश को विकासित बना पाएंगे.
विशेषज्ञों ने क्या कहा?
प्राइमस पार्टनर्स प्राइवेट लिमिटेड के को फाउंडर दविंदर संधू ने कहा कि आज हम यहां न केवल बनाए गए इंफ्रास्ट्रक्चर का जश्न मनाएंगे, बल्कि हमारे द्वारा भारत को राष्ट्र निर्माण की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए विकसित किए गए ट्रास्फार्मेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव का भी जश्न मनाएंगे. बिल्ड इंडिया इंफ्रा अवार्ड्स के फाउंडर और क्यूरेटर वैभव डांगे ने कहा कि हम सभी इस बात से सहमत हैं कि भारत को कम समय में विकसित अर्थव्यवस्था बनाने में हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. पर्यटन मंत्रालय के पूर्व सचिव और एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन अरविंद सिंह ने कहा कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप्स (पीपीपी) मॉडल हवाई अड्डों में सफल साबित हुआ है. इससे इंडियन एयरपोर्ट अथोरिटी पर बोझ कम हुआ है और राजस्व में भी वृद्धि हुई है.
यूरोपियन बिजनेस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर के मैनैजिंग डायरेक्टर ने क्या कहा?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पूर्व सचिव विजय छिब्बर ने कहा है कि किसी भी प्रोजेक्ट की समयबद्धता इस बात पर निर्भर करती है कि, आप उसे कैसे वित्तपोषित करते हैं. अगर आप समय का ईमानदारी से पालन करेंगे, तो आप देखेंगे कि वह समय पर पूरे हो जाते हैं. यूरोपियन बिजनेस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर के मैनैजिंग डायरेक्टर पॉल जेन्सेन ने कहा कि यूरोप और भारत दोनों के लिए एक साथ काम करना और एक-दूसरे से सीखना बिल्कुल महत्वपूर्ण है. 2005 से उन्होंने भारत में रहना शुरू किया और तब से अब तक भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर में जबरदस्त बदलाव आया है.
इन्हें मिले अवॉर्ड
बिल्ड इंडिया इंफ्रा अवार्ड्स विमानन (Aviation), बंदरगाह, (Ports), सड़क और राजमार्ग ( Roads & Highways), मेट्रो और रेलवे (Metros & Railways) के इंफ्रास्ट्रक्चर में इम्पैक्ट, सस्टेनेबिलिटी और इनोवेशन करने वाली कंपनियों को दिए गए. इसमें एविएशन सेक्टर में जीएमआर को दिल्ली एयरपोर्ट पर एक्सपेंशन, यमुना इंटरनेश्नल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटिड को सस्टेनेबिलिटी, और अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग को मैंगलुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए इनोवेशन अवार्ड दिया गया. पोर्ट सेक्टर में जेएनपीए, अडानी पोर्ट्स, रोड सेक्टर में ढोला इंफ्रा प्रोजेक्ट और टाटा प्रोजेक्ट्स, मेट्रो सेक्टर में मुंबई मेट्रो रेल कार्पोरेशन, द नेशनल रीजन ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन को दिल्ली मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम के लिए बेस्ट प्रोजेक्ट सहित अलग अलग प्रोजेक्ट के लिए कई कंपनियों को अवार्ड प्रदान किए गए.
ज्यूरी में ये लोग रहे शामिल
नालेज पार्टनर्स के रूप में प्राइमस पार्टनर्स ने अवार्ड नोमिनेशन और ज्यूरी का नेतृत्व किया. इस अवार्ड के लिए विजेताओं का चयन करने वाली जूरी में भारत के पूर्व कैबिनेट सचिव प्रदीप कुमार सिन्हा, नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत, एमओआरटीएच के पूर्व सचिव विजय छिब्बर मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष संजय भाटिया आदि विशेषज्ञ शामिल रहे.
दरअसल प्रॉपर्टी के दामों में इजाफा इसलिए हुआ है क्योंकि पिछले कुछ सालों से लगातार दाम बढ़ रहे हैं और स्थिर बने हुए हैं.
देश में तेजी से बढ़ते आर्थिक बाजार का फायदा प्रॉपर्टी सेक्टर को भी मिल रहा है. देश के 8 अहम शहरों में प्रॉपर्टी बाजार में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. क्रेडाई, कोलियर्स और लियासस फोरस की ज्वॉइंट रिपोर्ट कहती है कि देश के प्रापॅर्टी बाजार पिछले दो सालों में जिस तरह से मांग मजबूत बनी हुई है उससे प्रॉपर्टी के दामों में 20 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है. इससे पहले भी रियल स्टेट बाजार में इस साल तेजी की खबरें साल की शुरुआत में आई थी.
आखिर किन शहरों में आई है तेजी?
सभी संस्थाओं की संयुक्त रिपोर्ट बता रही है कि जिन शहरों में प्रॉपर्टी के दामों में इजाफा हुआ है उसमें अहमदाबाद, बेंगलुरु, दिल्ली एनसीआर, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन और पुणे शामिल है. ये रिपोर्ट तीनों संस्थाओं ने मिलकर तैयार की है. इसमें क्रेडाई, रियल स्टेट सलाहकार कोलियर्स और डेटा एनालिटिक फर्म लियासस फोरस जैसी कंपनियां शामिल हैं. ये रिपोर्ट कहती है कि इन आठ शहरों में 2021 के प्रॉपर्टी के दामों के मुकाबले 2023 में 30 प्रतिशत तक इजाफा हुआ है. इस पूरे मामले को लेकर लियासस फोरस के एमडी पंकज कपूर ने कहा कि रियल स्टेट की स्थिति उस समय सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव होती है जब बिक्री स्पलाई और कीमतों में इजाफा होता है ना कि केवल अफवाहें होती हैं.
दिसंबर में भी आई थी रिपोर्ट
इससे पहले पिछले साल दिसंबर में भी आवासीय प्रॉपर्टी की कीमतों में इजाफा देखा गया था. नाइट फ्रैंक ग्लोबल हाउस प्राइस इंडेक्स (Knight Frank Global House Price Index) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल की तीसरी तिमाही में भी प्रॉपर्टी की कीमतों में साल दर साल के अनुसार, 5.9 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. दामों में हो रहे इजाफे का ही असर है कि प्रॉपर्टी के दामों की सूची में भारत 18 वें पायदान से 14वें पायदान पर आ गया है.
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EaseMyTrip ने हाल ही में मालदीव विवाद को लेकर अपने फैसले के चलते सुर्खियां बटोरी थी.
मालदीव विवाद को लेकर सुर्खियों में आई ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी EaseMyTrip के को-फाउंडर रिकांत पिट्टी (Rikant Pitti) ने एक बड़ी प्रॉपर्टी डील फाइनल की है. मीडिया रिपोर्ट्स में रियल एस्टेट डेटा एनालिटिक्स फर्म सीआरई मैट्रिक्स के हवाले से बताया गया है कि पिट्टी ने गुरुग्राम में लगभग 99.34 करोड़ रुपए की कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदी है. रिकांत पिट्टी ने इस डील के लिए 6.95 करोड़ रुपए की स्टांप ड्यूटी का भुगतान किया है. यह प्रॉपर्टी 4050 वर्ग मीटर में फैली है.
लग्जरी कार भी खरीदी थी
रिकांत पिट्टी ने पिछले साल लेम्बोर्गिनी Urus Performante खरीदी थी. इसकी तस्वीरें उन्होंने अपने लिंक्डइन पेज पर तस्वीरें साझा की थीं. गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा को लेकर मालदीव के कुछ नेताओं द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणी के बाद विवाद खड़ा हो गया था. भारतीय मालदीव के बहिष्कार का अभियान चला रहे थे. इस बीच, EaseMyTrip मालदीव के लिए सभी उड़ान बुकिंग रोकने का ऐलान करके सुर्खियों में आ गई थी. कंपनी के को-फाउंडर और सीईओ निशांत पिट्टी ने खुलकर इस मुद्दे पर अपनी बात कही थी.
ये हैं कंपनी के फाउंडर
EaseMyTrip की बात करें, तो यह कंपनी साल 2008 में अस्तित्व में आई. इसकी स्थापना निशांत पिट्टी, रिकांत पिट्टी और प्रशांत पिट्टी ने की थी. कंपनी के नोएडा, दिल्ली और गुरुग्राम के अलावा बेंगलुरु और मुंबई सहित देश के कई शहरों में कार्यालय हैं. इसके अंतरराष्ट्रीय कार्यालय (सहायक कंपनियों के रूप में) सिंगापुर, फिलीपींस, थाईलैंड, UAE, UK, US और न्यूजीलैंड में हैं. कंपनी ट्रैवल के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग सहित कई अलग-अलग तरह की सेवाएं देती है.
क्या था पूरा विवाद?
विवाद की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद हुई थी. पीएम मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा करने के बाद एक वीडियो शेयर किया था. उन्होंने भारतीयों से अपील की थी कि वह यहां घूमने के लिए आए. इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग कहने लगे कि लाखों रुपए खर्च कर मालदीव जाने से बेहतर होगा कि लक्षद्वीप जाएं. बस इसी बात से मालदीव के मंत्री एवं नेता नाराज हो गए और आपत्तिजनक पोस्ट कर बैठे. इसके बाद सोशल मीडिया पर भारतीयों और मालदीव के नागरिकों के बीच जंग छिड़ गई. भारतीयों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि देश में हैशटैग BoycottMaldives ट्रेंड करने लगा. इसके मद्देनजर EaseMyTrip ने मालदीव के लिए सभी उड़ान बुकिंग रोक दी थीं.
बॉलीवुड अभिनेता जॉन अब्राहम ने मुंबई में एक आलीशान घर खरीदा है, जिसकी कीमत 70 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है.
एक्टर और प्रोड्यूसर जॉन अब्राहम (John Abraham) ने एक बड़ी प्रॉपर्टी डील फाइनल की है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जॉन ने मुंबई के खार स्थित लिंकिंग रोड पर एक आलीशान बंगला खरीदा है, जिसकी कीमत 75.07 करोड़ रुपए है. '372 निर्मल भवन' नामक यह बंगला 7,722 वर्ग फीट में फैला हुआ है. जॉन अब्राहम ने इसे प्रवीण नत्थालाल शाह से खरीदा है. जॉन ने यह डील पिछले साल 27 दिसंबर को क्लोज की थी, लेकिन इसकी जानकारी अभी सामने आई है.
समंदर के किनारे बंगला
372 निर्मल भवन समंदर के किनारे स्थित है. इस बंगले के लिए जॉन अब्राहम ने 4.24 करोड़ रुपए की स्टैंप ड्यूटी चुकाई. खार एरिया मुंबई के पॉश इलाकों में आता है, यहां कई फिल्म स्टार्स और बिजनेसमैन के घर हैं. बता दें कि जॉन अब्राहम एक शानदार अभिनेता होने के साथ-साथ सक्सेसफुल बिजनेसमैन और प्रोड्यूसर भी हैं. यानी वह हर तरफ से पैसा कमा रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में उनकी नेट वर्थ 251 करोड़ रुपए थी.
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कई जगह किया निवेश
जॉन ने कई जगह प्रॉपर्टी में निवेश किया हुआ है. बांद्रा में उनका समंदर के किनारे 4 हजार स्क्वायर फीट में फैला एक पेंटहाउस है. इसकी कीमत करीब 60 करोड़ रुपए बताई जाती है. इसके अलावा, जॉन का अमेरिका में भी एक आलीशान घर है. कुछ वक्त पहले उन्होंने लॉस एंजेलिस के पास स्थित सबसे महंगे इलाके में एक घर खरीदा था. यहां जेनिफर लोपेज सहित कई हॉलीवुड स्टार्स रहते हैं. इसी तरह, लंदन में भी जॉन अब्राहम की एक प्रॉपर्टी है. इसे उन्होंने अपने प्रोडक्शन हाउस के ओवरसीज हेडक्वॉर्टर में तब्दील कर रखा है.
स्पोर्ट्स में भी लगा है पैसा
खार इलाके में ही जॉन का अपना ऑफिस भी है. उन्होंने 2016 में यहां जगह खरीदी थी, जिसकी कीमत अब 21 करोड़ रुपए बताई जाती है. जॉन की कमाई फिल्मों, विज्ञापनों के साथ-साथ कई दूसरे सोर्स से भी होती है. वह फिल्मों के लिए मोटी फीस वसूलते हैं. वह 2023 में शाहरुख खान की 'पठान' में नजर आए थे, और इसके लिए उन्होंने 20 करोड़ रुपए लिए थे. जॉन अब्राहम इंडियन सुपरलीग में फुटबॉल टीम नॉर्थईस्ट यूनाइटेड और हॉकी टीम दिल्ली वेवराइटर्स के को-ओनर भी हैं. वह JA Fitness के नाम से अपनी फिटेनस चेन भी चलाते हैं, जिसकी ब्रांच मुंबई और पुणे में हैं.
देश का दूसरा सबसे महंगा शहर हैदराबाद है जिसका सामर्थ्य 30 प्रतिशत है. ये 2022 से वैसा ही बना हुआ है. गौरतलब बात ये है कि 2022 के बाद से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.
क्या आप आने वाले दिनों में अफोर्डेबल प्रॉपर्टी खरीदने की तैयारी कर रहे हैं. देश के अलग-अलग शहरों की प्रॉपर्टी के दामों को लेकर इस सेक्टर में काम करने वाली संस्था Knight Frank का हाल ही में किया गया सर्वे सामने आया है. ये सर्वे देश के अफोर्डेबल शहरों के बारे में बताता है. इसकी रिपोर्ट के अनुसार अहमदाबाद, कोलकाता और पुणे देश के सबसे अफोर्डेबल बाजार हैं. जबकि दिल्ली एनसीआर की रैंकिंग में पिछले साल के मुकाबले बेहतरीन सुधार हुआ है.
क्या कहती है सर्वे रिपोर्ट?
नाइट फ्रैंक की सर्वे रिपोर्ट कहती है कि कम होती महंगाई दर और ब्याज दरों के बीच लोगों की ईएमआई और आय के अनुपात में सुधार हुआ है. रिपोर्ट ये भी कह रही है कि अगर ये रुझान आगे भी जारी रहता है तो आने वाले साल यानी 2024 में इसमें और सुधार होना चाहिए. सर्वे रिपोर्ट कहती है कि अहमदाबाद इस सूची में सबसे ऊपर है. उसकी सामर्थ्य 21 प्रतिशत है. यहां सामर्थ्य से अभिप्राय ये है कि अहमदाबाद में किसी भी शख्स को ईएमआई चुकाने के लिए अपनी आय का 21 प्रतिशत खर्च करना पड़ता है. इसी सामर्थ्य क्षमता में पुणे 24 प्रतिशत और कोलकाता 8 प्रतिशत के सुधार के बाद दूसरे नंबर पर है.
क्या बोले सर्वे एजेंसी के अधिकारी?
रियल स्टेट बाजार को लेकर सर्वे करने वाली संस्था नाइट फ्रैंक के अध्यक्ष और निदेशक शिशिर बैजल ने आने वाले साल को लेकर सकारात्मकता जताई है. उन्होंनें कहा कि स्थिर जीडीपी और मुद्रास्फीति में नरमी की उम्मीद के बीच बाजार में सामर्थ्य और मजबूत होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि अगर वर्ष 2024 के अंत में अगर रिजर्व बैंक ब्याज दरों को कम करता है जैसा कि उम्मीद की जा रही है, तो 2024 में लोगों की सामर्थ्य में और इजाफा होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि इससे इस क्षेत्र में और ज्यादा तेजी आने की उम्मीद है.
ये है देश का सबसे महंगा शहर
नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट बता रही है कि पुणे, अहमदाबाद और दिल्ली के आंकड़ों में सुधार के बीच मुंबई देश का सबसे महंगा शहर है. यहां की सामर्थ्य का प्रतिशत 50 तक है. इतने ज्यादा प्रतिशत वाला ये अकेला शहर है. हालंकि इस बार मुंबई ने अपनी सामर्थ्य में 2 प्रतिशत का सुधार किया है. 2022 में ये 53 प्रतिशत हुआ करता था लेकिन इस बार ये 51 प्रतिशत हो गया है. इसके बाद दूसरा सबसे महंगा शहर हैदराबाद है जिसका सामर्थ्य 30 प्रतिशत है. ये 2022 से वैसा ही बना हुआ है. गौरतलब बात ये है कि 2022 के बाद से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है. दिल्ली की सामर्थ्य प्रतिशत 29 से 27 प्रतिशत तक आ गया है. बेंग्लुरु भी 29 प्रतिशत के साथ महंगा शहर बना हुआ है.
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यूपी सरकार ने कोविड काल को जीरो पीरियड करार देते हुए उस पर लगने वाले ब्याज को माफ कर दिया है. बॉयर्स को अब इस समय का ब्याज नहीं देना होगा.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अधूरे पड़े 2.40 लाख घरों को पूरा करने की मंजूरी दे दी है. यूपी सरकार ने कोविड के समय को जीरो पीरियड करार देते हुए उस दौरान लगने वाले ब्याज को भी माफ कर दिया है. योगी सरकार के इस फैसले से खरीदारों को राहत मिलने के साथ-साथ लंबे समय से लटके प्रोजेक्ट जल्द पूरे हो सकेंगे. इस फैसले के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लंबे समय से रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा और फ्लैट के खरीदारों को तुरंत रजिस्ट्री कराकर उन्हें कब्जा दिया जाएगा.
कोविड काल का मिलेगा पूरा फायदा
योगी कैबिनेट ने फैसला लिया है कि फ्लैट खरीददारों को कोविड जीरो पीरियड का भी फायदा मिलेगा, यानी 1 अप्रैल 2020 से 31 अप्रैल 2022 तक की अवधि में बिल्डर को ब्याज नहीं देना होगा. सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में करीब 19 प्रस्तावों पर मुहर लगी. इस पूरे मामले को लेकर एक समिति का भी गठन किया था जिसने अपनी रिपोर्ट इस मामले में दी है.
नीति आयोग के पूर्व सीईओ की अध्यक्षता में बनी थी समिति
योगी कैबिनेट ने उस फैसले पर निर्णय लिया है जिसमें रियल स्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्याओं के निदान के लिए नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था, जिसने डेवलपर्स की खराब वित्तीय हालत को देखते हुए अपनी संस्तुतियां दी थी. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लाखों की संख्या में अधूरे फ्लैट बने हुए हैं जिसका कब्जा अभी घर खरीदारों को नहीं मिला है. ऐसे में योगी कैबिनेट के इस फैसले के बाद लाखों होम बॉयर्स को फायदा मिलने जा रहा है.
क्या बोले बिल्डर?
क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ ने कहा कि डेवलपर्स के अनुरोध पर विचार करने और जीरो पीरियड पर ब्याज माफी के सरकार के निर्णय का हम स्वागत करते हैं. इस कदम से एनसीआर में रहने वाले 2.40 लाख घर खरीदारों को सीधा लाभ मिलेगा. जीरो पीरियड में ब्याज की छूट मिलने के बाद अब लोग अपने घरों की रजिस्ट्री करवा सकेंगे. यह निर्णय रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बेहद पॉजिटिव है. सरकार ने सेक्टर से जुड़ी समस्याओं को पहचानते हुए उनके समाधान की ओर कदम बढ़ाया है इससे न सिर्फ फाइनेंशियल प्रेशर कम होगा बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती भी मिलेगी. इससे खरीदारों का विश्वास बढ़ेगा और वे निवेश की ओर कदम बढ़ाएंगे. इससे सीधे तौर पर देश को लाभ होगा और सेक्टर विकास में अपना योगदान देगा.
एनसीआर के दो लाख बॉयर्स को होगा फायदा
काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी ने बताया कि साल 2023 रियल एस्टेट सेक्टर के लिए ऊर्जा भरा रहा है. ऐसे में अब अंत में आया सरकार का यह निर्णय न सिर्फ खरीददारों बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर और डेवलपर्स के लिए भी बेहतरीन है. सरकार के इस निर्णय से साबित कर दिया है कि हर आम आदमी के बारे में सोचकर ही निर्णय लिए जा रहे हैं. एनसीआर के दो लाख से अधिक घर खरीददारों को तो इसका लाभ होगा ही, साथ ही रियल एस्टेट में आने वाला समय बूम लेकर आएगा.
मिग्सन ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर यश मिगलानी का कहना है कि सरकार का यह कदम पूरी तरह से लाखों लोगों के हित में है. लंबे समय से घर खरीदारों की रजिस्ट्री न होने से उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही थी। ऐसे में अब यह निर्णय न सिर्फ लोगों के लिए फायदेमंद होगा बल्कि रियल एस्टेट को और भी विश्वसनीय सेक्टर बना देगा. सीआरसी ग्रुप के डायरेक्टर सेल्स और मार्केटिंग सलिल कुमार ने कहा यूपी कैबिनेट के इस कदम से न सिर्फ लाखों लोगों को इसका लाभ होगा बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर को भी इसका फायदा मिलेगा. 4.12 लाख लोगों की रजिस्ट्री और पजेशन मिलने से उन्हें अपना आशियाना मिलेगा.
अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है, जिसका उद्घाटन अगले साल जनवरी में किया जाएगा.
अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir, Ayodhya) निर्माण के चलते रियल एस्टेट (Real Estate) कंपनियों की शहर में दिलचस्पी बढ़ गई है. कई रियल एस्टेट डेवलपर अयोध्या में निवेश की संभावनाएं तलाश रहे हैं. इस बीच, Lodha Group के 'द हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा' (HOABL) ने राम की नगरी में करीब 300 करोड़ रुपए का निवेश किया है. HOABL ने अयोध्या में 25 एकड़ जमीन खरीदी है, जिस पर अगले साल जनवरी से प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा.
1200 करोड़ का होगा कुल निवेश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'द हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा' ने जनवरी 2024 में एक प्लॉटेड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बनाई है. रिपोर्ट्स में कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) समुज्जवल घोष के हवाले से बताया गया है कि यह प्रोजेक्ट राम मंदिर से लगभग 12 से 15 मिनट की दूरी पर स्थित है. कंपनी की अयोध्या को लेकर बड़ी योजना है. HOABL अगले तीन से चार वर्षों में लगभग 1200 करोड़ रुपए का निवेश करेगी. 300 करोड़ का मौजूदा निवेश इसी योजना का हिस्सा है.
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इतनी होगी प्लॉट की कीमत
HOABL ने अयोध्या में 25 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया है. कंपनी आवश्यक नियामक मंजूरी हासिल कर रही है. उसकी योजना अगले साल राम मंदिर उद्घाटन के बाद अयोध्या में 200-250 प्लॉट बेचने की है. प्लॉट की कीमत की बात करें, तो 1250 वर्ग फुट के प्लॉट के लिए बिना टैक्स के 1.8 करोड़ रुपए के आसपास हो सकती है. HOABL का यह प्रोजेक्ट लखनऊ-गोरखपुर राजमार्ग पर स्थित है और अयोध्या के राम मंदिर से इसकी दूरी 12-15 मिनट की है. अयोध्या एयरपोर्ट से इस प्रोजेक्ट तक पहुंचने में लगभग 20 मिनट लगेंगे. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में 'द हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा' ने अयोध्या में निवेश की घोषणा की थी.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने लंदन में 100 साल पुरानी एक हवेली खरीदी है.
कोरोना काल में वैक्सीन (Corona Vaccine) बनाकर चर्चा में आए अरबपति कारोबारी अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने लंदन में एक 100 साल पुरानी हवेली खरीदी है. इस हवेली के लिए उन्होंने 1446 करोड़ रुपए का भुगतान किया है. कीमत के लिहाज से यह इस साल लंदन में हुई दूसरी सबसे बड़ी डील है. 'वैक्सीन किंग' के नाम से मशहूर अदार पूनावाला की ये हवेली 25000 वर्ग फुट में फैली हुई है.
किससे खरीदी है हवेली?
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने जिस हवेली को अपना बनाया है वो लंदन के हाइड पार्क के पास स्थित है. एबरकॉनवे हाउस नाम की इस बिल्डिंग को 1920 में बनाया गया था. इस डील को जहां साल 2023 की सबसे महंगी डील में शामिल किया गया है. वहीं, इस साल किसी भी भारतीय द्वारा खरीदा गया ये सबसे महंगा घर है. पहले इस हवेली का मालिकाना हक पोलैंड के सबसे अमीर कारोबारी जान कुलजिक की बेटी डोमिनिका कुलजिक के पास था. हवेली को एक कंपनी के गेस्ट हाउस के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था. इस बिल्डिंग को Edmund Wimperis, W. B. Simpson और John Murray Easton ने डिजाइन किया था.
2011 में संभाली थी कंपनी
अदार पूनावाला की कंपनी SII ने कोरोना वायरल के खिलाफ कोविशील्ड वैक्सीन बनाई थी. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की नींव 1966 में अदार पूनावाला के पिता साइरस पूनावाला ने सीरम इंस्टीट्यूट की नींव रखी थी. SII की कोरोना वैक्सीन को दुनिया के कई देशों में भेजा गया था. कोरोना के अलावा पूनावाला नी कंपनी ने खसरा, पोलियो, टिटनेस की वैक्सीन भी बनाई है. अदार पूनावाला ने लंदन की वेस्टमिंस्टर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद 2001 में अपने पिता की कंपनी जॉइन की थी. 2011 में उनके साइरस पूनावाला ने कंपनी की कमान बेटे के हाथों में सौंप दी.
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अभी कहां रहते हैं पूनावाला?
लंदन में हवेली खरीदने का ये मतलब नहीं है कि पूनावाला फैमिली लंदन में बसने जा रही है. दरअसल, अदार पूनावाला ने इस घर को अपने पर्सनल और प्रोफेशनल इस्तेमाल के लिए खरीदा है. यह बिल्डिंग SII का बेस बनेगी और यहां कंपनी के इवेंट और पार्टनर्स के साथ मीटिंग होंगी. पूनावाला की योजना अपने कारोबार को ग्लोबल लेवल पर फैलाने के लिए इस हवेली का इस्तेमाल करने की योजना है. पूनावाला फैमिली महाराष्ट्र के पुणे में रहती है. यहां उनका 22 एकड़ में फैला घर है, जिसका नाम Adar Abad Poonawalla House है. इसके अलावा, उनकी मुंबई में Lincoln House नाम से एक बड़ी हवेली है.