देश की राजधानी दिल्ली में रेलवे अपनी एक जमीन को लीज पर बेचने जा रही है. इस जमीन का उपयोग रेसिडेंशियल उद्देश्य से किया जाएगा.
नौकरी की तलाश में दूसरे राज्यों से दिल्ली आकर रहने वाला हर व्यक्ति चाहता है कि देश की राजधानी में उसका भी एक अपना घर हो. अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं, तो ये खबर आपके काम की है. दरअसल, रेलवे विभाग दिल्ली के पंजाबी बाग (पश्चिम) स्थित शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन के पास खाली पड़ी अपनी जमीन बेचने की योजना बना रही है. इस जमीन का उपयोग रेसिडेंसियल उद्देश्य के लिए किया जाएगा. तो आइए जानते हैं इसे लेकर रेलवे की पूरी योजना क्या है?
99 साल की लीज पर दी जाएगी जमीन
देश की राजधानी दिल्ली में हर कोई अपना मकान बनाना या खरीदना चाहता है, लेकिन अब यहां न्यू रेसिडेंसयल प्रोजेक्ट नहीं आ रहे हैं. इसकी वजह यह है कि दिल्ली में खाली जमीन बहुत कम बची है, लेकिन अब दिल्ली में रेलवे की जमीन पर मकान बनाए जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रेलवे की यह जमीन उत्तर रेलवे में दिल्ली डिवीजन के पंजाबी बाग (पश्चिम) में शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन के पास है. इस इलाके में 46 हजार वर्गमीटर से भी ज्यादा जमीन रेलवे 99 साल की लीज पर बेचने वाली है. इस जमीन का उपयोग रेसिडेंसियल उद्देश्य के लिए होगा. इस जमीन का अनुमानित क्षेत्रफल 46,313.39 वर्गमीटर (4.63 हैक्टेयर) है. इसी जमीन के लिए रेल मंत्रालय के संगठन रेलवे लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (RLDA) ने बोली मंगाई है.
इतनी है जमीन की कीमत
आरएलडीए से मिली जानकारी के अनुसार इस जमीन का रिजर्व प्राइस 1,100 करोड़ रुपये रखा गया है. मतलब जमीन लेने वालों को कम से कम इतनी की तो बोली लगानी ही होगी. इसके ऊपर तो बोली लगाने वालों पर निर्भर करेगा कि कितना दाम लगाया जाता है. इस जमीन पर अधिकतम स्वीकार्य फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) 200 है. बता दें, रेलवे की इस जमीन को लेने के इच्छुक व्यक्ति या फर्म को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से बिडिंग करनी होगी. रेलवे ने ई-बिड करने की अंतिम तिथि 22.11.2024 तय की है. उस दिन दोपहर को 3 बजे तक बोली लगाई जा सकेगी.
मेट्रो से अच्छी कनेक्टिविटी
रेलवे की यह महीन एनएच 9 यानी रोहतक रोड से लगती है. इस जमीन के दक्षिण में ओल्ड रोहतक रोड है. जमीन के उत्तर में शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन है और पूर्व में रेलवे की ही खाली जमीन है. जमीन की पश्चिम दिशा में भी रेलवे की ही खाली जमीन है, जो पार्किंग क्षेत्र से घिरी हुई है. यह साइट ओल्ड रोहतक रोड (NH 9) से बेहतरीन कनेक्टिविटी प्रदान करती है. इस प्रमुख राजमार्ग के साथ जमीन का शानदार फ्रंट मिलेगा. इसके अतिरिक्त, यह जमीन दिल्ली के रिंग रोड या महात्मा गांधी रोड के बिल्कुल पास है. इस साइट के आसपास कई मेट्रो स्टेशन हैं. जैसे मादीपुर मेट्रो स्टेशन से जमीन की दूरी महज 350 मीटर है और शिवाजी पार्क मेट्रो स्टेशन से साइट की दूरी 800 मीटर है.
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रियल एस्टेट में दिल्ली एनसीआर का मार्केट पहले से ही अच्छा कर रहा है, ऐसे में त्योहारी सीजन में रियल एस्टेट डेवलपर्स को प्रॉपर्टी की डिमांड में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
भारतीय लोग नवरात्र और दिवाली पर सोने के जेवर से लेकर घर और गाड़ी लेना शुभ मानते हैं. ऐसे में इन दिनों सुनार से लेकर रियल एस्टेट क्षेत्र में भी बहार आ जाती है. इसे देखते हुए अब रियल एस्टेट डेवलपर्स को हर साल की तरह इस बार भी प्रॉपर्टी की डिमांड में बढ़ोतरी होने की उम्मीदें हैं. रियल एस्टेट में दिल्ली एनसीआर का मार्केट पहले से ही अच्छा कर रहा है, ऐसे में त्योहारी सीजन में डेवलपर्स भी नई हाउसिंग योजनाएं, आकर्षक ऑफर, कीतम में छूट आदि पेश कर सकते हैं, जिससे लोगों की प्रॉपर्टी खरीदने में दिलचस्पी और अधिक बढ़ जाती है.
घरों में कीमतों में 29 प्रतिशत की वृद्धि
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले कुछ सालों में प्रॉपर्टी की कीमतों में भी भारी उछाल देखा गया है, खासकर कोविड-19 के बाद से लोग अब बड़े एवं बेहतर घरों में निवेश करने की इच्छा रखते हैं. हाल ही में रियल एस्टेट कंसल्टेंट एनारॉक की एक रिपोर्ट के अनुसार भारी डिमांड, हाई इनपुट कोस्ट और लक्जरी घरों की सप्लाई में वृद्धि के कारण जुलाई-सितंबर तिमाही में दिल्ली-एनसीआर में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की औसत कीमतें 29 प्रतिशत बढ़कर 7,200 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गईं, जो एक साल पहले की अवधि में 5,570 रुपये प्रति वर्ग फीट थीं. हालांकि हैदराबाद में कीमतों में सबसे अधिक 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह 5,400 रुपये प्रति वर्ग फीट से बढ़कर 7,150 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है. जोकि फेस्टिव सीजन से पहले रियल एस्टेट मार्केट के लिए अच्छे संकेत है और यह उम्मीद जागा रहा है. इस बार फेस्टिव सीजन में घरों की जबर्दस्त बिक्री होने वाली है.
रियल एस्टेट डेवलपर्स ने कही ये बात
हीरो रियल्टी के सीईओ मधुर गुप्ता ने कहा है कि जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आ रहे हैं, गुड़गांव के रियल एस्टेट मार्केट में उत्साह बढ़ता जा रहा है. पिछले कुछ वर्षों में, द्वारका एक्सप्रेसवे, डीएमआईसी और मेट्रो विस्तार जैसे बुनियादी ढांचे के विकास ने गुड़गांव के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है, जिससे आने वाले महीनों में और भी अधिक गति के लिए मंच तैयार हो गया है. खरीदार तेजी से ऐसी प्रॉपर्टी की ओर आकर्षित हो रहे हैं जो आधुनिक सुविधाओं के साथ गुणवत्ता का मिश्रण करती हैं, जो जीवंत समुदायों को बढ़ावा देती हैं.
व्हाइटलैंड कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज पाल ने कहा है कि मिलेनियल्स गुड़गांव के लक्जरी रेजीडेंशियल मार्केट में मांग की एक नई लहर चला रहे हैं, जो पिछली पीढ़ियों की तुलना में जीवन में बहुत पहले ही उच्च-स्तरीय प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं. यह बदलाव बढ़ती डिस्पोजेबल आय, फ्लेग्जिबल फायनेंसिंग तक बढ़ती पहुँच और आधुनिक, सुविधा संपन्न रहने की जगहों के लिए प्राथमिकता जैसे कारकों से प्रेरित है, जो जीवनशैली और निवेश दोनों मूल्य प्रदान करते हैं.
वहीं, रॉयल ग्रीन रियल्टी के मैनेजिंग डायरेक्टर यशंक वासन ने कहा है कि नवरात्रि जैसे त्यौहारों को महत्वपूर्ण खरीदारी, विशेष रूप से रियल एस्टेट के लिए शुभ समय माना जाता है, क्योंकि घर खरीदने वाले इस अवधि को सौभाग्य और समृद्धि से जोड़ते हैं. त्यौहारों के दौरान, डेवलपर्स अक्सर विशेष ऑफर, छूट और फायनेंसिंग स्कीम पेश करते हैं, जिससे घर खरीदने वालों के लिए प्रॉपर्टी में निवेश करने का यह एक आकर्षक समय बन जाता है.
गुरुग्राम के इन इलाकों में प्रॉपर्टी की डिमांड
एनसीआर में प्राइम लोकेशन एवं बेहतरीन इनफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के साथ गुरुग्राम द्वारका एक्सप्रेसवे, ‘सदर्न पेरिफेरल रोड (एसपीआर)’ न्यू गुरुग्राम, गोल्फ कोर्स रोड, गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड, सोहना रोड प्रॉपर्टी के हॉटस्पॉट बने हुए हैं. घर खरीदार भी इन इलाकों में अपनी रुचि दिखा रहे हैं. बता दें, एक्सप्रेसवे होने के साथ-साथ गुरुग्राम में भारतीय रेलवे, रेपिड मेटो, दिल्ली मेट्रो की सुविधा है और आने वाले समय में लोगों को रेपिड रेल की सुविधा भी सुविधा मिलने जा रही है. डेवलपर्स इस शुभ एवं बेहतर अवसर को भुनाने के लिए खास ऑफर्स और विभिन्न योजनाएं पेश कर रहे हैं. गुरुग्राम सहित फरीदाबाद, सोनीपत, नोएडा और दिल्ली में बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर, प्राइम लोकेशन, और बेहतरीन प्रोजेक्ट्स इस मार्केट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे हैं, जिससे निवेशकों और घर खरीदारों के लिए बेहतरीन अवसर पैदा हो रहे हैं.
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Womeki Group ने इस प्रोजेक्ट के लिए प्रतिष्ठित कंस्ट्रक्शन कंपनी टेरा होल्डिंग के साथ साझेदारी की है. 300 प्लॉट्स वाला यह प्रीमियम प्रोजेक्ट, महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में मनोरम कलावी समुद्र तट पर स्थित है
लग्जरी रियल एस्टेट डेवलपर वोमेकी ग्रुप (Womeki Group) ने अपने नवीनतम प्रोजेक्ट ‘आई ऑफ गोवा’ के लॉन्च की घोषणा की है. ये महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में कलावी बीच के प्राचीन तटों पर स्थित 350 करोड़ की एक आवासीय विकास परियोजना है. इस प्रोजेक्ट के लिए वोमेकी ग्रुप ने टेरा होल्डिंग के साथ भी साझेदारी की है. यह 78 एकड़ का विशेष विकास भारत के कोंकण तट के सबसे सुरम्य क्षेत्रों में से एक में लक्जरी जीवन और निवेश के अवसरों का एक अनूठा मिश्रण पेश करेगा. तो चलिए आपको इस प्रोजेक्ट में और क्या खास है.
50 और 60 लाख रुपये होगी प्लॉट की कीमत
इस 300 प्लॉट्स के प्रोजेक्ट में डेवपल हो रहे प्रत्येक प्लॉट की कीमत 50 और 60 लाख रुपये तय की गई है. आई-ऑफ-गोवा का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा, जिसमें केवल 35 प्रतिशत भूमि विकसित की जाएगी, बाकी विशाल स्थल को खुले हरे स्थानों के लिए अलग रखा जाएगा. ये हरे-भरे क्षेत्र निवासियों को विश्राम के लिए शांत वातावरण और प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण संबंध प्रदान करेंगे. प्रीमियम हाउसिंग प्रोजेक्ट में 250 वर्ग मीटर के विशाल रहने वाले क्षेत्रों के साथ शानदार विला अपार्टमेंट और 250 से 300 वर्ग मीटर तक के बड़े आवासीय प्लॉट आकार होंगे, जो लग्जरी और निवेश पर उच्च रिटर्न (ROI) चाहने वाले खरीदारों की मांगों को पूरा करेंगे. प्लॉट की कीमत 250 वर्ग मीटर के लिए 50 लाख रुपये से शुरू होगी और 300 वर्ग मीटर के लिए 60 लाख रुपये तक जाती है.
वास्तु और हरियाली का होगा मिश्रण
आई-ऑफ-गोवा को एक स्टेट ऑफ दी आर्ट के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जो समकालीन वास्तुशिल्प डिजाइन को पर्यावरणीय प्रबंधन के साथ मिश्रित करता है. पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं पर जोर देते हुए, इसमें हरित निर्माण सामग्री, ऊर्जा-कुशल प्रणाली और टिकाऊ भूनिर्माण को शामिल किया जाएगा.
हरियाली के बीच रहने की चाहत रखने वालों के लिए बेहतर विकल्प
इस अवसर पर वोमेकी ग्रुप के फाउंडर एंड मैनेजिंग डायरेक्टर गौरव के सिंह ने कहा कि आई ऑफ गोवा आकांक्षी घर खरीदारों को निवेश या व्यक्तिगत उपयोग के लिए लग्जरी और सुपर-लक्जरी रहने की जगह की प्रदान करेगा. उन्होंने कहा कि सिंधुदुर्ग, एक हरा-भरा स्थान, विश्व स्तर पर प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जो लंबी पैदल यात्रा, पर्वतारोहण, स्कूबा डाइविंग, रॉक क्लाइंबिंग और वैली क्रॉसिंग जैसे साहसिक खेलों के लिए जाना जाता है. गोवा से इसकी निकटता इसे निवेशकों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बनाती है और घर खरीदने वालों को निर्बाध कनेक्टिविटी, समुद्र तट, राजसी पहाड़ियों, किलों और अद्वितीय वनस्पतियों और जीवों के लुभावने दृश्य प्रदान करता है. इसके अलावा सरकार की आगामी परियोजनाएं संपत्ति के मूल्यों को बढ़ावा देते हुए इस क्षेत्र को लक्जरी जीवन के लिए एक संपन्न केंद्र में बदल देंगी.
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रियल एस्टेट सेक्टर में मंदी के कोई संकेत नहीं हैं. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस सेक्टर में डिमांड लगातार बनी हुई है.
रियल एस्टेट (Real Estate) सेक्टर के लिए आने वाले दिन और भी अच्छे साबित होने वाले हैं. इस सेक्टर में मांग लगातार बनी हुई है और उसमें तेजी आने की संभावना है. रियल्टी क्षेत्र की शीर्ष संस्था क्रेडाई और रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स इंडिया का कहना है कि भारत के रियल एस्टेट बाजार का आकार 2047 तक कई गुना बढ़कर 10 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है.
कमी की केवल यही वजह
बढ़ती आर्थिक वृद्धि और तेजी से होते शहरीकरण के चलते रियल एस्टेट गुलजार बना रहेगा. मौजूदा समय में भी आवास की मांग मजबूत बनी हुई है और इसे पूरा करने के लिए अधिक आवासीय परियोजनाएं लॉन्च करने की जरूरत है. क्रेडाई और कोलियर्स इंडिया ने एक संयुक्त रिपोर्ट इंडियन रियल एस्टेट : द क्वांटम लीप में कहा है कि किसी तिमाही में मकानों की बिक्री में कमी की वजह पर्याप्त पेशकश का अभाव हो सकती है. कोरोना महामारी के बाद बढ़ी उपभोक्ता मांग अभी बरकरार है.
तेजी से बिक रहे प्रोजेक्ट
चालू तिमाही में बिक्री में अनुमानित गिरावट पर क्रेडाई के राष्ट्रीय चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा कि सितंबर तिमाही में नई पेशकश कम रही हैं. उन्होंने आगे कहा कि अच्छे डेवलपर की ओर से सही स्थान और आकर्षक कीमतों पर पेश की जा रही आवासीय संपत्तियां तेजी से बिक रही हैं. बता दें कि एक अनुमान के मुताबिक, देश में जुलाई-सितंबर में नौ प्रमुख शहरों में मकानों की बिक्री 18% घटकर 1,04,393 यूनिट रह गई.
छोटे शहरों में होगा विकास
क्रेडाई और कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि रियल एस्टेट वृद्धि केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं रहेगी. यह कई छोटे शहरों तक भी पहुंचेगी. 2047 तक देश की 50 प्रतिशत आबादी शहरों में निवास करेगी. इसके चलते आवासीय, कार्यालय, डेटा सेंटर और रिटेल स्पेस में अभूतपूर्व मांग पैदा होगी. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2047 तक भारत की GDP में रियल एस्टेट क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़कर 14-20% पहुंचने की उम्मीद है.
इन छह फैक्टर्स की भूमिका
रियल एस्टेट में दीर्घकालिक वृद्धि में छह प्रमुख कारकों की भूमिका होगी. ये हैं- तेजी से होता शहरीकरण, बुनियादी ढांचे का विकास, डिजिटलीकरण, जनसांख्यिकीय बदलाव, स्थिरता और निवेश विविधीकरण. क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र में जीएसटी इनपुट क्रेडिट के प्रावधान की जरूरत है. रियल्टी क्षेत्र में कीमतें तेजी से बढ़ी हैं. ऐसे में किफायती आवास की परिभाषा बदली जानी चाहिए. 2017 में इसकी सीमा 45 लाख रुपए तय की गई थी.
गुरुग्राम का द्वारका एक्सप्रेसवे और सोहना रोड एनसीआर में घर खरीदारों के लिए टॉप रियल्टी हॉट-स्पॉट, जहां घर खरीदारों की रुचि सबसे अधिक दिखाई दे रही है.
आईटी हब और मिलेनियम सिटी के नाम से मशहूर गुरुग्राम रियल एस्टेट (Real Estate) क्षेत्र में निवेश के लिए एक बेहतरीन जगह है. दिल्ली-एनसीआर में गुरुग्राम और नोएडा तेजी के साथ उभरे और रियल एस्टेट मार्केट को दिशा दी है. इन क्षेत्रों में लग्जरी प्रॉपर्टी की मांग में जबरदस्त बढ़ोत्तरी देखी गई है. तो आइए इसका कारण जानते हैं?
इस साल पहली छमाही में करीब 32,200 हाउसिंग यूनिट्स की बिक्री
प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक (ANAROCK) की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 की पहली छमाही में, दिल्ली-एनसीआर में करीब 32,200 हाउसिंग यूनिट्स की बिक्री हुई. इनमें 45 प्रतिशत से ज्यादा यूनिट्स लग्जरी सेगमेंट के थे, जबकि 24 प्रतिशत यूनिट्स अफॉर्डेबल सेगमेंट के थे. जबकि 2019 में लग्जरी यूनिट्स की बिक्री सिर्फ 3 प्रतिशत और अफॉर्डेबल यूनिट्स की बिक्री 49 प्रतिशत थी.
ये इलाके बने रियल्टी हॉटस्पॉट
बता दें, गुरुग्राम का द्वारका एक्सप्रेस-वे और सोहना रोड क्षेत्र बड़े रियल एस्टेट के रूप में स्थापित हो गया है और यहाँ रियल एस्टेट मार्केट में लोगों का रुझान सबसे अधिक है. पिछले 5 साल में दिल्ली एनसीआर के रियल एस्टेट मार्केट में बहुत बदलाव आया है, खासकर कोविड के बाद लोगों ने घर और लाइफस्टाइल के बारे में सोचना शुरू किया है. अब लोग ऐसे घरों की तलाश में हैं, जहां सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ ही हरे भरे क्षेत्र हों और जीवन सुकून से गुजरे.
द्वारका एक्सप्रेस इसलिए बना हॉटस्पॉट
द्वारका एक्सप्रेसवे, जिसे नॉर्दर्न पेरिफेरल रोड के रूप में भी जाना जाता है. लगभग 29 किलोमीटर तक फैला है, जो दिल्ली में द्वारका को हरियाणा के गुड़गांव से जोड़ता है. एक्सप्रेसवे की रणनीतिक स्थिति इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे तक सीधी पहुँच के साथ मिलकर, इसे रियल एस्टेट डेवलपमेंट के लिए एक आकर्षण बना दिया है. कॉरिडोर के साथ-साथ कमर्शियल, रेसिडेंशियल और रिटेल परियोजनाओं की बढ़ती संख्या के साथ यह एंड यूजर्स और निवेशकों दोनों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन रहा है. इसके विकास से एक्सप्रेस-वे के आस-पास तो विकास हो ही रहा है साथ ही लोगों के आवागमन में बहुत अधिक सुविधा भी हुई है. वहीं, हीरो रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ मधुर गुप्ता के अनुसार द्वारका एक्सप्रेसवे ने पिछले पांच वर्षों में 79 प्रतिशत की कीमत में उछाल देखा है, जो इसकी असाधारण निवेश क्षमता को उजागर करता है. एनसीआर में उच्च श्रेणी के रेजिडेंशियल और कमर्शियल स्थानों की बढ़ती मांग ने प्रोपर्ती के मूल्यों को बढ़ा दिया है, जिससे द्वारका एक्सप्रेसवे निवेशकों और एंड यूजर्स दोनों के लिए एक आकर्षक निवेश अवसर बन गया है.
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सोहना रोड इसलिए बना रियल्टी हॉटस्पॉट
गुरुग्राम का सोहना रोड इन दिनों रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए सबसे खास पसंद में से एक बना हुआ है. दरअसल, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का सोहना-दौसा स्ट्रेच, सोहना रोड के पास ही है. यही वजह है कि डेवलपर्स इसके आसपास की जगहों को जल्द से जल्द डेवलप करना चाहते हैं. यह ऐसा क्षेत्र हैं जहां लोग निवेश करेंगे और डेवलपर्स को हाई रिटर्न मिलने की उम्मीद है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के साथ अपने मजबूत कनेक्शन के अलावा, सोहना रोड को छह-लेन एलिवेटेड गुरुग्राम-सोहना कॉरिडोर (NH-248A) तक निर्बाध पहुंच का लाभ मिलता है. यहां से गुरुग्राम के प्रमुख कमर्शियल, रिटेल और एंटरटेनमेंट हब तक 15 मिनट में आसानी से पहुंचा जा सकता है, साथ ही अच्छे स्कूल, हॉस्पिटल, मॉल और ग्रोसरी शॉप बहुत ही नजदीक हैं. सबसे अच्छी बात यह है की गुरुग्राम में काम करने वाले लोगों के ऑफिस बहुत पास हैं, जहां आसानी से पहुंचा जा सकता है. सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के फाउंडर एंड चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने गुरुग्राम-सोहना एलिवेटेड रोड से निर्बाध कनेक्टिविटी इसे पेशेवरों के लिए एक आकर्षक स्थान बनाती है, जैसे द्वारका एक्सप्रेसवे और साउथ ऑफ गुरुग्राम तेजी से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में संपन्न उपनगरों में से एक में बदल रहा है, जो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और साइबर सिटी और गोल्फ कोर्स रोड जैसे कमर्शियल सेंटर से नजदीक है और लोगों को इससे फायदा भी है.
कंगना रनौत ने अपनी एक प्रॉपर्टी बेचकर मोटा मुनाफा कमाया है. कंगना की यह प्रॉपर्टी मुंबई के पाली हिल इलाके में थी.
अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वालीं भाजपा सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) अब एक प्रॉपर्टी डील को लेकर खबरों में हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, कंगना ने मुंबई के पाली हिल इलाके में नरगिस दत्त रोड पर स्थित अपना बंगला 32 करोड़ रुपए में बेच दिया है. यह बंगला उन्हें 12 करोड़ रुपए का प्रॉफिट देकर गया है.
20 करोड़ में खरीदा था
कंगना रनौत ने इस बंगले को सितंबर 2017 में 20 करोड़ रुपये में खरीदा था. यह कुल 3,075 वर्ग फुट में फैला है और इसमें 565 वर्ग फुट में पार्किंग स्पेस है. प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट के अनुसार, यह लेनदेन 5 सितंबर को पंजीकृत किया गया है. इसके लिए 1.92 करोड़ की स्टांप ड्यूटी और 30,000 रुपए रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान किया गया है.
कितनी अमीर हैं कंगना?
भाजपा सांसद के इस आलीशान बंगले को कमलिनी होल्डिंग्स की पार्टनर श्वेता बथीजा ने खरीदा है. कंगना की संपत्ति की बात करें, तो उनके पास बेशुमार दौलत है. हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ते समय कंगना ने हलफनामे में अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया था. कंगना रनौत ने 91 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति घोषित की थी, जिसमें चल संपत्ति में 28.7 करोड़ और अचल संपत्ति में 62.9 करोड़ रुपए शामिल हैं.
कई सेलिब्रिटीज का घर
कंगना हाल ही में मुंबई के अंधेरी इलाके में 1.56 करोड़ रुपए में एक ऑफिस स्पेस भी खरीदा था . 407 वर्ग फुट में फैली ये प्रॉपर्टी आर्क वन नामक बिल्डिंग की 19 वीं मंजिल पर स्थित है. बता दें कि मुंबई का पाली हिल इलाका कई सेलिब्रिटीज का घर है. दिवंगत सुनील और नरगिस दत्त, दिवंगत ऋषि कपूर, नीतू सिंह, गुलजार, इमरान खान, आमिर खान, संजय दत्त और आदि के बंगले इसी इलाके में हैं.
सुपरटेक लिमिटिड को सरकारी कंस्ट्रक्शन कंपनी NBCC ने 50 हजार फ्लैट्स बनाने का ऑफर दिया है. ये फ्लैट्स तीन साल में तीन चरणों में पूरे होने हैं.
रियल्टी कंपनी सुपरटेक (Supertech) के हजारों होमबायर्स के लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल, मुश्किलों में घिरी सुपरटेक लिमिटिड को सरकारी कंस्ट्रक्शन कंपनी नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (NBCC) ने 50 हजार फ्लैट्स बनाने का ऑफर दिया है. तो आइए जानते हैं ये फ्लैट्स कहां बनाए जाएंगे और इसमें कितना खर्च आएगा?
यहां बनाएं जाएंगे 50 हजार फ्लैट्स
सरकारी कंपनी एनबीसीसी ने सुपरटेक लिमिटेड के 17 प्रोजेक्ट्स को तीन साल में तीन चरणों में पूरा करने का प्रस्ताव दिया है. इन प्रोजेक्ट्स के तहत कुल 50,000 अपार्टमेंट बनाए जाने हैं. ये फ्लैट्स नोएडा, ग्रेटर नोएडा, देहरादून, रुद्रपुर और बेंगलुरू में बनाए जाएंगे.
इतने करोड़ होंगे खर्च
एनबीसीसी ने सुपरटेक के सभी प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की लागत लगभग 9,500 करोड़ रुपये और रिसीवेबल्स 16,000 करोड़ रुपये आंकी है. इसमें सेल पर लगे 10,000 अपार्टमेंट भी शामिल हैं, जिनसे 14,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं. इनसॉल्वेंसी रेजॉल्यूशनल प्रोफेशनल ने निर्माण लागत 6,406 करोड़ रुपये आंकी थी. एनबीसीसी के अनुसार विभिन्न प्रोजेक्ट्स के पूरा होने की संभावित समय अवधि 'डे जीरो' से 12 से 36 महीने तक होगी. डे जीरो में लैंड तक एक्सेस से लेकर मंजूरी प्राप्त करने और धन की उपलब्धता तक सब कुछ शामिल है.
सुपरटेक होमबॉयर्स की जागी उम्मीद
बता दें, सुपरटेक लिमिटेड को एक इनसॉल्वेंसी प्रोफेशनल द्वारा चलाया जा रहा है. कंपनी के प्रमोटर पर फंड की हेराफेरी समेत कई आरोप हैं. यूनियन बैंक ने सुपरटेक के खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग शुरू की है. ऐसे में एनबीसीसी ने एनसीएलएटी से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट के रूप में सुपरटेक के रुके हुए प्रोजेक्ट्स में एंट्री करने की अनुमति मांगी है. एनबीसीसी पहले ही आम्रपाली में यह काम कर रही है. ऐसे में इस कदम से अब सुपरटेक के होमबायर्स को भी प्रोजेक्ट पूरा होने की उम्मीद जागी है.
एनबीसीसी करेगी अब ये काम
एनबीसीसी ने एनसीएलएटी द्वारा नियुक्त एक समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा है. इसमें बैंकों और कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ-साथ इनसॉल्वेंसी प्रोफेशनल भी शामिल होंगे. यह समिति प्रोजेक्ट को पूरा करने, होमबायर्स से पैसा लेने, अनबिके फ्लैट्स को बेचने और बैंकों को बकाये के भुगतान पर फैसला करेगी.
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रियल एस्टेट से जुड़ी 21 बड़ी कंपनियों ने 35 हजार करोड़ की संपत्तियों की बिक्री के लिए बुकिंग की है. इनमें बिक्री का बड़ा हिस्सा हाउसिंग क्षेत्र से आया.
एक ओर देश में खाने-पीने और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों की नींद उड़ाई हुई है. वहीं, इसी महंगाई के बीच प्रॉपर्टी की मांग के चलते रियल एस्टेट कंपनियों ने फ्लैट्स की बुकिंग करके हजारों-करोड़ों की कमाई ली है. दरअसल, देश में रियल एस्टेट से जुड़ी 21 बड़ी कंपनियों ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून तिमाही के दौरान कुल मिलाकर लगभग 35,000 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी बेची हैं. इनमें गोदरेज प्रॉपर्टीज ने सबसे अधिक बिक्री बुकिंग की सूचना दी है. तो चलिए जानते हैं गोदरेज के अलावा किस कंपनी ने कितनी कमाई की है?
इन तीन कंपनियों ने की सबसे ज्यादा कमाई
शेयर बाजार से मिली जानकारी के अनुसार भारत गोदरेज प्रॉपर्टीज जून तिमाही में 8,637 करोड़ रुपये की बिक्री बुकिंग के साथ सबसे बड़ी सूचीबद्ध कंपनी के रूप में उभरी. इसके अलावा देश की सबसे बड़ी रियल्टी कंपनी डीएलएफ लिमिटेड की चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बिक्री बुकिंग तीन गुना से अधिक की वृद्धि के साथ 6,404 करोड़ रुपये रही है. ‘लोढ़ा’ ब्रांड के तहत संपत्तियां बेचने वाली मुंबई की मैक्रोटेक डेवलपर्स ने 4,030 करोड़ रुपये की बिक्री बुकिंग दर्ज की.
सिग्नेचर ग्लोबल सहित बेंगलुरु की कंपनियों ने बेचे इतने फ्लैट
हाल ही में सूचीबद्ध हुई गुरुग्राम स्थित सिग्नेचर ग्लोबल ने जून तिमाही में 3,120 करोड़ रुपये की बिक्री बुकिंग हासिल की, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही की तुलना में तीन गुना है. वहीं, बेंगलुरू स्थित प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स ने 3,029.5 करोड़ रुपये की बिक्री बुकिंग दर्ज की, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से कम है. बेंगलुरू स्थित फर्म शोभा लिमिटेड और ब्रिगेड एंटरप्राइजेज ने इस वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि के दौरान क्रमशः 1,874 करोड़ रुपये और 1,086 करोड़ रुपये की संपत्तियां बेचीं. बेंगलुरु स्थित पूर्वांकरा लिमिटेड ने 1,128 करोड़ रुपये की बिक्री बुकिंग हासिल की, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में लगभग स्थिर रही.
लग्जरी घरों की डिमांड
जानकारी के अनुसार लगभग सभी प्रमुख लिस्टिड रियल एस्टेट डेवलपर ने अप्रैल-जून तिमाही में बिक्री बुकिंग में अपनी एनुअल ग्रोथ दिखाई है. इसमें हाउसिंग प्रॉपर्टीज, विशेष रूप से लग्जरी घरों के लिए मजबूत कंज्यूमर डिमांड का बड़ा योगदान रहा है.
NeoLiv और Royal Green Realty की साझेदारी में तैयार होने वाले इस परियोजना का उद्देश्य एक वर्ल्ड क्लास कम्यूनिटी का निर्माण करना है.
भारत के अग्रणी फंड संचालित डेवलपर नियोलिव (NeoLiv) ने रॉयल ग्रीन रियल्टी (Royal Green Realty) के साथ एक डेवलपमेंट एग्रीमेंट के जरिए उत्तर भारत (North India) की मार्केट में अपनी रणनीतिक एंट्री की घोषणा की है. इस प्रोजेक्ट के तहत सोनीपत में दोनों कंपनियों की साझेदारी में वर्ल्ड क्लास रेजिडेंशियल टाउनशिप डेवलप की जाएगी, जिसमें लोगों के लिए लग्जीरियस विला का निर्माण किया जाएगा.
600 करोड़ रुपये से अधिक का प्रोजेक्ट
इस 600 करोड़ रुपये से अधिक के ग्रोस डेवलपमेंट वैल्यू वाले 20 एकड़ के प्रोजेक्ट में प्रीमियम विला, इंडिपेंडेंट फ्लोर, कस्टम-डिजाइन किए गए प्लॉट और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डिजाइन किया गया क्लब हाउस होगा. रेजिडेंट्स 18 मीटर चौड़ी आंतरिक पहुंच सड़कों और क्षेत्र के सबसे बड़े केंद्रीय पार्कों में से एक की उम्मीद कर सकते हैं, जो एक सुरक्षित, संरक्षित और टिकाऊ रहने वाले वातावरण का वादा करते हैं. ये प्रोजेक्ट कुंडली-सोनीपत मास्टर प्लान और आगामी 900 एकड़ में फैले मारुति सुजुकी के एशिया के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के पास डेवलप किया जाएगा.
ग्राहकों को मिलेगा एक्शेप्शनल लिविंग एक्सपीरियंस
इस समझौते की घोषणा करते हुए नियोलिव के फाउंडर और सीईओ मोहित मल्होत्रा ने कहा है कि यह अधिग्रहण नियोलिव के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि हम एनसीआर क्षेत्र में अपनी पहली परियोजना की घोषणा कर रहे हैं. हमारे सेबी-अनुमोदित फंड के माध्यम से यूएचएनआई निवेशकों द्वारा समर्थित और 100 से अधिक वर्षों की संयुक्त विशेषज्ञता वाली एक अत्यधिक अनुभवी टीम के नेतृत्व में, हम अपने ग्राहकों को एक्शेप्शनल जीवन जीने का अनुभव प्रदान करने के लिए समर्पित हैं.
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रेजिडेंट्स और बिजनेस के लिए बेहतरीन डेस्टिनी
मोहित मल्होत्रा के अनुसार सोनीपत शहरीकरण, बुनियादी ढांचे के विकास और मजबूत औद्योगिक विकास के साथ शहर सड़कों और राजमार्गों के विशाल नेटवर्क के माध्यम से उत्कृष्ट कनेक्टिविटी प्रदान करता है, जो इसे रेजिडेंट्स और बिजनेस के लिए एक बेहतरीन डेस्टिनी है. इसके अलावा मारुति सुजुकी का महत्वपूर्ण निवेश भी इस क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
रॉयल ग्रीन रियल्टी के MD ने कहा
वहीं, रॉयल ग्रीन रियल्टी के मैनेजिंग डायरेक्टर यशांक वासन ने कहा है कि इस प्रमुख भूमि का अधिग्रहण हरियाणा के रियल एस्टेट परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा. हम एक साथ मिलकर लग्जीरियस टाउनशिप डेवलप करेंगे. यह साझेदारी कुंडली- सोनीपत क्षेत्र में रेजिडेंशियल डेवलपमेंट के लिए मानक बढ़ाने की दिशा में प्रयासों को बनाए रखते हुए गुणवत्ता और नवाचार को बढ़ावा देगी.
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (Greater Noida Authority) 5 प्लॉट्स की नीलामी करने जा रही है. इनका रिजर्व प्राइस 738 करोड़ रुपये था, लेकिन इन्हें 1,500 करोड़ रुपये की बोली लगी है.
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (Greater Noida Authority) प्लॉट्स की नीलामी करने जा रही है. अथॉरिटी को 5 प्लॉट्स के लिए 1,500 करोड़ रुपये की बोलियां मिली हैं. इनका रिजर्व प्राइस 738 करोड़ रुपये था, ऐसे में अथॉरिटी को रिजर्व प्राइस से दोगुना राशि मिली है. आपको बता दें, इन प्लॉट्स के लिए देश की दिग्गज कंपनियों ने बोली लगाई है. तो आइए जानते हैं ये कौन-सी कंपनियां हैं और उन्होंने कितनी-कितनी बोली लगाई हैं?
इन दो कंपनियों ने लगाई सबसे बड़ी बोली
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुंबई की कंपनी गोदरेज प्रॉपर्टीज ने दो और बेंगलुरु की शोभा लिमिटेड ने एक प्लॉट के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई है. गोदरेज प्रॉपर्टीज (Godrej Properties) ने 38,771 वर्ग मीटर के प्लॉट के लिए 400 करोड़ रुपये और 32,350 वर्ग मीटर के प्लॉट के लिए 442 करोड़ रुपये की सबसे ज्यादा बोली लगाई. सोभा लिमिटेड (Sobha Limited) ने 13,938 वर्ग मीटर के प्लॉट के लिए 161 करोड़ रुपये में सबसे बड़ी बोली लगाई है. इसके अलावा प्रसु इंफ्राबिल्ड (Prasu Infrabuild) ने 28,265 वर्ग मीटर के प्लॉट के लिए 201 करोड़ रुपये की बोली लगाई है. इसी तरह ऐशटेक इंडस्ट्रीज (Ashtech Industries) ने 22,558 वर्ग मीटर के प्लॉट के लिए 294 करोड़ रुपये में बोली जीती है.
ग्रेटर नोएडा में बढ़ रही निवेशकों और ग्राहकों की संख्या
एक्सपर्ट्स के अनुसार देश के टॉप डेवलपर द्वारा इतनी बड़ी बोली लगाने से पता चलता है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के रियल एस्टेट मार्केट में कितनी संभावनाएं हैं. ये प्रोजेक्ट्स इस रीजन में रियल एस्टेट मार्केट को और बेहतर बनाएंगे. यहां पहले से ही निवेशकों और ग्राहकों की संख्या बढ़ रही है.
गोदरेज इस वर्ष कई प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने के लिए तैयार
जुलाई 2023 में गोदरेज प्रॉपर्टीज ने गुरुग्राम के गोल्फ कोर्स रोड माइक्रो मार्केट में दो लक्जरी ग्रुप हाउसिंग प्लॉट के लिए सबसे अधिक बोली लगाई थी. कंपनी ने हाल ही में नोएडा के सेक्टर 146 में स्थित अपने प्रोजेक्ट गोदरेज जार्डिनिया में 650 फ्लैट करीब 2,000 करोड़ रुपये में बेचे थे. मई 2024 में लॉन्च होने वाला यह प्रोजेक्ट नोएडा में बिक्री के मामले में कंपनी का अब तक का सबसे सफल लॉन्च है. हाल ही में कंपनी ने नोएडा के सेक्टर 44 में 6.46 एकड़ के प्लॉट के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई थी. आपको बता दें. गोदरेज प्रॉपर्टीज ने वित्त वर्ष 2024 में गुरुग्राम में बिक्री में पिछले साल की तुलना में 473 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. वहीं, इस वित्त वर्ष में भी कई प्रोजेक्ट लॉन्च करने के लिए तैयार है.
हाल ही में मुंबई से एक बड़ी प्रॉपर्टी डील की खबर सामने आई थी. योहान पूनावाला और उनकी पत्नी मिशेल पूनावाला ने इस डील को पूरा किया है.
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बड़ी प्रॉपर्टी डील आम बात है. अरबपतियों की इस नगरी में कोई न कोई अरबपति कुछ न कुछ खरीदता ही रहता है. अब कारोबारी योहान पूनावाला और उनकी पत्नी मिशेल पूनावाला (Yohan Poonawalla and Michelle Poonawalla) ने मुंबई में एक आलीशान घर खरीदा है. दक्षिण मुंबई के कफ परेड इलाके में स्थित इस 30,000 वर्ग फीट के बंगले के लिए उन्होंने भारी-भरकम कीमत चुकाई है.
पुणे में है मुख्य आवास
इस आलीशन बंगले की सटीक कीमत की जानकारी नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि योहान पूनावाला ने उसके लिए 500 करोड़ रुपए से अधिक चुकाए होंगे. कारोबारी योहान, पूनावाला इंजीनियरिंग ग्रुप के चेयरमैन हैं. योहान और मिशेल इस आलीशान प्रॉपर्टी को अपना दूसरा घर बनाएंगे. उनका मुख्य आवास अभी पुणे में है, जिसका नाम - पूनावाला हाउस है. योहान पूनावाला सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला के बड़े चचेरे भाई हैं.
100 करोड़ की हैं कारें
बताया जा रहा है कि मिशेल पूनावाला के नेतृत्व वाला डिजाइन स्टूडियो ही इस बंगले के रेनोवेशन का काम संभालेगा. योहान पूनावाला के विश्व प्रसिद्ध और बेशकीमती ऑटोमोबाइल कलेक्शन का एक हिस्सा भी इस घर में रखा जाएगा. योहान पूनावाला के पास 100 करोड़ रुपए से भी ज्यादा कीमत की कारें हैं. जिसमें बेंटले बेंटेगा, फेरारी 488 पिस्टा स्पाइडर और रोल्स रॉयस फैंटम जैसी लग्जरी कारें शामिल हैं.
रियल एस्टेट से भी हैं जुड़े
योहान पूनावाला इंजीनियरिंग ग्रुप और El-O-Matic India के चेयरमैन हैं. इसके अलावा, वह सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया में शेयरहोल्डर, पूनावाला फाइनेंसियल्स के चेयरमैन, Poonawalla Stud Farms और Poonawalla Racing & Breeding के निदेशक भी हैं. वह कई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स से भी जुड़े हुए हैं. उनकी कंपनी पुणे के बंड गार्डन क्षेत्र में 1,750 करोड़ रुपए की लागत से एक कमर्शियल ग्लास टावर भी बना रही है, जो 2026 तक पूरा हो सकता है.