अब Mahua Moitra ने ऐसा क्या कर दिया कि गृह मंत्री तक पहुंच गई शिकायत?

टीएमसी लीडर महुआ मोइत्रा एक नई मुश्किल में फंस गई हैं. उनके पूर्व दोस्त ने उन पर जासूसी का आरोप लगाया है.

Last Modified:
Wednesday, 03 January, 2024
file photo

कैश-फॉर-क्वेरी मामले में संसद से निष्कासित हुई टीएमसी लीडर महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) अब एक नई मुश्किल में फंस गई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसी जमाने में उनके दोस्त रहे सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने महुआ पर जासूसी का आरोप लगाया है. देहाद्राई ने गृह मंत्री अमित शाह और CBI चीफ प्रवीण सूद को पत्र लिखकर इस मामले में जांच की मांग की है. पत्र में जय अनंत देहाद्राई ने लिखा है कि महुआ बंगाल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की मदद से मेरी जासूसी करवा रही हैं. संभवतः मेरे फोन नंबर के जरिए मेरा लोकेशन ट्रैक किया जा रहा है.

पहले भी कर चुकी हैं ऐसा
सुप्रीम कोर्ट के वकील देहाद्राई का कहना है कि पूर्व TMC सांसद महुआ मोइत्रा पहले भी ऐसा कर चुकी हैं. वह 2019 में सुहान मुखर्जी नाम के एक शख्स की लोकेशन ट्रैक करवाती थीं, जिसकी जानकारी महुआ ने मुझे खुद दी थी. देहाद्राई के मुताबिक, महुआ उस समय सुहान के साथ रिलेशनशिप में थीं. उन्हें शक था कि सुहान का किसी जर्मन महिला से संबंध है. इसलिए महुआ सुहान की कॉल डिटेल्स निकलवाती थीं. उन्हें सब पता होता था कि सुहान किससे बात करता है, कहां जाता है.

जवाब देकर डिलीट किया पोस्ट  
वहीं, जय अनंत देहाद्राई के आरोपों के बाद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसका जवाब दिया. उन्होंने तंज भरे लहजे में लिखा- 'मैं गृह मंत्रालय से आग्रह करती हूं कि भारत के सभी एक्स बॉयफ्रेंड्स की शिकायतों की जांच के लिए एक स्पेशल CBI डायरेक्टर नियुक्त किया जाए'. लेकिन बाद में महुआ ने अपने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया. बता दें कि संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने (कैश फॉर क्वेरी) के मामले में TMC लीडर महुआ मोइत्रा को 8 दिसंबर को संसद से निष्काषित कर दिया गया था. महुआ ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. इस याचिका पर 3 जनवरी यानी आज सुनवाई हो सकती है.

ऐसे हुई थी संसद से विदाई 
BJP सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों के बाद महुआ मोइत्रा की जांच शुरू हुई थी, जिसमें उनके ऊपर लगे आरोपों को सही पाया गया. इसके बाद उनकी सांसदी चली गई थी. दुबे ने आरोप लगाया था कि महुआ ने लोकसभा में पैसे लेकर सवाल पूछे हैं. उन्होंने इसकी शिकायत लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से की थी. बिरला ने मामले की जांच के लिए एथिक्स कमेटी बनाई. एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ को दोषी माना गया, जिसके बाद महुआ के निष्कासन का प्रस्ताव 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा में पेश हुआ. इस मुद्दे पर लोकसभा में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी बहस के बाद आखिर में प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, जिसमें विपक्ष ने वॉकआउट किया. लिहाजा, वोटिंग में महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने प्रस्ताव पास हो गया.


Air Pollution से निपटने के लिए डेटा-आधारित नीतियों पर काम करने की जरूरत

डेटा और प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए नीतियों को डिजाइन और लागू करके, भारत साफ हवा प्राप्त करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा सकता है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Friday, 08 November, 2024
Last Modified:
Friday, 08 November, 2024
BWHindia

हवा, वह तत्व जो जीवन को बनाए रखता है और ये प्रकृति का ऐसा संसाधन है, जो सभी के लिए  है, जो सामाजिक-आर्थिक बाधाओं और सीमाओं से परे है, फिर भी इसे वह समानता नहीं दी जाती, जिसकी यह हकदार है. हम एक शहर या देश के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं, लेकिन वायु प्रदूषण हम सभी को विभिन्न स्तरों पर प्रभावित करता है, चाहे हमारा सामाजिक दर्जा कुछ भी हो. यह चुनौती विशेष रूप से दिल्ली जैसे शहरों में स्पष्ट रूप से देखी जाती है, जो अक्सर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल हो जाता है और जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक अक्सर स्वीकार्य सीमाओं को पार कर जाता है. इसका परिणाम एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के रूप में सामने आता है, जो लाखों लोगों को प्रतिदिन प्रभावित करता है. इसका एक ताजा उदाहरण हाल की दिल्ली हाफ मैराथन के दौरान देखा गया, जहां कई प्रतिभागियों को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ा, जो यह दर्शाता है कि खराब वायु गुणवत्ता के कारण नियमित शारीरिक गतिविधियां भी चुनौतीपूर्ण बन जाती हैं.

सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट
वायु प्रदूषण वैश्विक स्तर पर शीघ्र मृत्यु का एक प्रमुख कारण है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से हर साल 7 मिलियन से अधिक शीघ्र मौतें होती हैं, जिनका सबसे अधिक प्रभाव निम्न और मध्य-आय वाले देशों पर पड़ता है. वायुजनित और हृदयवाहिकीय बीमारियाँ, कैंसर, और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव इन प्रदूषकों जैसे कि कण पदार्थ (PM2.5), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), और ग्राउंड-लेवल ओजोन के कारण होते हैं. भारत के आंकड़े इस कड़ी वास्तविकता को दर्शाते हैं: https://www.bmj.com/content/383/bmj-2023-077784 के अनुसार, वायु प्रदूषण भारत में हर साल 20 लाख से अधिक मौतों का कारण बनता है. क्रोनिक श्वसन और हृदयविकार संबंधी विकार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य प्रणाली पर अरबों डॉलर का खर्च हो रहा है.

छिपी हुई लागत की गणना
वायु प्रदूषण केवल स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी गहरा प्रभाव डालता है. ग्रीनपीस और ऊर्जा और स्वच्छ हवा पर शोध केंद्र (CREA) द्वारा 2021 में किए गए एक विश्लेषण के अनुसार, वायु प्रदूषण भारत को हर साल लगभग $36.8 बिलियन का खर्च कराता है, जो उसके GDP का 1.36 प्रतिशत है. इसके कारणों में कर्मचारियों द्वारा लिए गए बीमार दिनों, स्वास्थ्य खर्च में वृद्धि, और कृषि उत्पादकता में गिरावट शामिल है. Environmental Research पत्रिका में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार वायु प्रदूषण में मामूली गिरावट भी अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है. उदाहरण के लिए अगर दिल्ली में PM2.5 स्तर को 10 µg/m³ तक कम किया जाए, तो यह चिकित्सा खर्चों में लाखों डॉलर की बचत कर सकता है और श्रमिकों की उत्पादकता में 7 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है.

वर्तमान प्रतिक्रियाएं और उपाय
भारत ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM), ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP), और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की पहलें शामिल हैं. ये फ्रेमवर्क खासकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में प्रदूषण को कम करने के लिए संरचित प्रतिक्रियाओं का उद्देश्य रखते हैं, उदाहरण के लिए, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक अत्यधिक खराब होता है, तो GRAP औद्योगिक गतिविधियों को प्रतिबंधित करता है और डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध लगाता है, जोकि प्रदूषण के स्तर के आधार पर कदम उठाता है. 2019 में शुरू किए गए भारत के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत 2024 तक 131 शहरों में कण पदार्थ (PM) में 20-30 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा कड़े उत्सर्जन मानक लागू और विद्युत वाहनों को बढ़ावा देता है और 1,400 निगरानी स्टेशनों के नेटवर्क के माध्यम से वास्तविक समय डेटा के आधार पर हस्तक्षेप करता है. इसके अतिरिक्त, अत्यधिक प्रदूषण के दौरों में आपातकालीन उपायों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि फसल अवशेषों के जलने पर प्रतिबंध और जुर्माना, और दिल्ली का विषम-सम कार प्रणाली, जो अस्थायी रूप से सड़क पर गाड़ियों की संख्या को सीमित करता है. हालांकि, ये उपाय अक्सर सीमित समय तक ही प्रभावी होते हैं और दीर्घकालिक प्रभाव के लिए निरंतर कार्यान्वयन की आवश्यकता होती है. बिना व्यापक और डेटा-आधारित समाधानों के ये उपाय केवल अस्थायी सुधार होते हैं, जबकि वास्तविक समाधान की आवश्यकता होती है.

स्वच्छ भविष्य के लिए डेटा-आधारित नीतियां
1. वायु प्रदूषण को संबोधित करने के लिए हमें शॉर्ट-टर्म समाधानों से डेटा-आधारित, स्थायी नीतियों की ओर बढ़ने की आवश्यकता है. डेटा-आधारित नीतियों को अपनाकर, हम प्रदूषण के स्रोतों, कारणों, और प्रभावों को बेहतर समझ सकते हैं और हस्तक्षेपों को इस आधार पर अनुकूलित कर सकते हैं.

2. दिल्ली में सेंसर नेटवर्क का उपयोग यह दिखाता है कि कैसे वास्तविक समय निगरानी और पूर्वानुमान विश्लेषण अधिकारियों को प्रदूषण के हॉटस्पॉट्स की पहचान करने और वायु गुणवत्ता बिगड़ने से पहले कार्रवाई करने में सक्षम बनाता है. भविष्यवाणी मॉडल के द्वारा उच्च प्रदूषण जोखिम वाले समय की भविष्यवाणी की जा सकती है, जिससे फसल अवशेष जलाने जैसी निवारक कार्रवाइयाँ की जा सकती हैं.

3. स्थानीयकृत डेटा भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शहरों को विशिष्ट नियंत्रण लागू करने की अनुमति देता है, जैसे कि उत्सर्जन की सीमा और यातायात प्रतिबंध, जो प्रदूषण-प्रधान क्षेत्रों के लिए अनुकूलित होते हैं. यूरोप के कुछ शहरों, जैसे पेरिस और एम्सटर्डम, ने इस सिद्धांत पर आधारित "लो एमिशन जोन" अपनाए हैं, जो उच्च उत्सर्जन वाहनों के लिए प्रवेश प्रतिबंधित करते हैं.

4. सरकारें पर्यावरणीय संकेतकों को सार्वजनिक स्वास्थ्य डेटा के साथ जोड़कर नीतियों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन कर सकती हैं और आवश्यक समायोजन कर सकती हैं. "समीयर" जैसे ऐप्स, जो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बनाए गए हैं, उपयोगकर्ताओं को स्वास्थ्य सलाह और वास्तविक समय में वायु गुणवत्ता स्तरों को ट्रैक करने की सुविधा प्रदान करते हैं. इन ऐप्स का डेटा सरकार को सामुदायिक स्वास्थ्य के पैटर्न के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है, जिससे वे संसाधनों और प्रयासों को सबसे अधिक आवश्यकता वाले क्षेत्रों में केंद्रित कर सकते हैं.

5. वायु प्रदूषण से लड़ना एक जटिल लेकिन साध्य लक्ष्य है। डेटा-आधारित नीतियाँ बदलाव की नींव प्रदान कर सकती हैं, जहाँ पारंपरिक दृष्टिकोणों में अक्सर स्थायी परिणामों के लिए आवश्यक सटीकता और लचीलापन की कमी होती है. एआई में हुए विकास जैसे आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क्स (ANN) अब वास्तविक समय वायु गुणवत्ता निगरानी, पूर्वानुमान मॉडलिंग और यातायात और प्रदूषक संकेंद्रण प्रणालियों से डेटा एकत्र करने में सक्षम बनाते हैं। एआई और बिग डेटा का एकीकरण वायु गुणवत्ता प्रबंधन को भी बदल रहा है, जिससे नीति निर्धारकों को स्वस्थ शहरों के लिए सक्रिय और स्थायी रूप से कार्य करने में मदद मिल रही है. डेटा और प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए नीतियाँ डिजाइन और लागू करके, भारत स्वच्छ हवा प्राप्त करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा सकता है.

लेखिका-मुस्कान गुप्ता, छात्रा 11वीं कक्षा, स्पेप बॉय स्टेप  स्कूल नोएडा व तान्या गुप्ता, पॉलिसी एसोसिएट, डिजिटल इंडिया फाउंडेशन


रेलवे के दावों की खुली पोल, छठ पर घर जाने वाले यात्री जान जोखिम में डाल कर रहे ट्रेन में सफर

इस बार lत्यौहार पर रेलवे ने करीब 7500 स्पेशल ट्रेन चलाने का दावा किया है, जबकि पिछले साल यह संख्या 4500 थी. बावजूद इसके यात्रियों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Monday, 04 November, 2024
Last Modified:
Monday, 04 November, 2024
BWHindia

दिवाली बीतते ही देशभर में छठ पर्व को लेकर उत्साह नजर आने लगता है. अलग अलग जगहों में रहने वाले बिहार और पूर्वांचल के लोग छठ महापर्व मनाने के लिए अपने गांव जाने लगते है. इसी सप्ताह 6 से 8 नवंबर तक देशभर में छठ पर्व मनाया जाएगा. इसे लेकर रेलवे ने अतिरिक्त ट्रेन चलाने का दावा भी किया है, लेकिन छठ के समय हमेशा की तरह इस बार भी बाहर से बिहार आने वाली ट्रेनों में यात्रियों की खचाखच भीड़ दिख रही है. भीड़ का आलम ऐसा है कि यात्री टॉयलेट के गेट तक बैठकर यात्रा करने को मजबूर हैं. 

जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे यात्री
देश के पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में छठ पर्व को धूमधाम और श्रद्धा भाव से मनाया जाता है. दिल्ली, मुंबई, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, राजस्थान जैसे राज्यों में मजदूरी करने वाले हजारों प्रवासी इस अवसर पर अपने घर लौटते हैं, लेकिन इस समय वे लोग ट्रेन में काफी बुरे हाल में सफर कर रहे हैं. ट्रेन में सफर करते लोगों की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं. काफी संख्या में यात्री ट्रेन की गेट पर लटककर जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को विवश हैं. कई यात्री ऐसे भी नजर आ रहे हैं जो अपने सामान को ट्रेन के बाहर खिड़की से बांधकर रखे हुए हैं, क्योंकि ट्रेन में लगेज रखने की जगह नहीं है.

बाथरूम तक में बैठे हैं लोग
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जनरल कोच के अंदर यात्रियों के खड़े होने तक की जगह नहीं है. जो जहां घुस गया वहीं खड़े होकर ही यात्रा करने को मजबूर है. कुछ यात्रियों ने बताया कि पिछले 15 घंटे से वह खड़े होकर यात्रा कर रहे हैं. जनरल डिब्बों के बाथरूम तक में लोग बैठे हैं. वहीं स्पेशल ट्रेन चलाई जाने को लेकर लोगों का कहना है कि रेलवे के दावे फेल हैं. सिर्फ स्पेशल ट्रेनों की बात कही जा रही है. अभी तक अगर स्पेशल ट्रेन चलाई जाती तो यहां इतनी भीड़ देखने को नहीं मिलती, लोग परेशान है.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ट्रेन की तस्वीरें
सोशल मीडिया पर अंबाला की एक तस्वीर वायरल हो रही है. बीते दिनों वहां प्लेटफार्म नंबर दो पर जनसेवा एक्सप्रेस आई. उसमें सवार होने के लिए लोग दौड़ पड़े, लेकिन कहीं जगह नहीं. यहां तक कि ट्रेन के दरवाजे भी बंद, तब भी दो युवक हिम्मत कर ट्रेन में चढ़ गए, लेकिन अंदर के पैसेंजर्स ने दरवाजा नहीं खोला. मजबूरी में उन्होंने खुद को गमछे से ट्रेन से बांधा. यही नहीं, अपने बैग को भी खिड़की से बांध लिया.

ट्रेन में सीट नहीं मिली तो खटिया बुन दिया
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर एक वीडियो इन दिनों खूब शेयर किया जा रहा है. इसमें पैसेंजर्स ट्रेन के डिब्बे में खचाखच भरे हुए हैं. एक उत्साही पैसेंजर ने दो बर्थ के बीच खाली जगह में रस्सी से खटिया की तरह जाली बुन दिया.

दिल्ली में भी बुरे हालात
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (X) पर एक फोटो शेयर किया गया है. यह फोटो पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का है. वहां से बिहार की तरफ रवाना होने वाली ट्रेन के एक स्लीपर डिब्बे में लोग ऐसे चढ़ रहे हैं जैसे वह मानव नहीं बल्कि सामाना हों, यह हालत रिजर्व डिब्बे की है. ऐसे में समझ लीजिए कि जनरल डिब्बे की क्या हालत होगी. 

चेयर कार में भी सफर का इंतजाम
एक और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जोकि फोटो कुर्सी यान का दिख रहा है. इसमें एक नहीं बल्कि कई पैसेंजर अपने गमछे को उपर छत से लटके रिंग और सामान रखने वाले रैक से बांध दिया है. उसी गमछे के झूले में वे समा गए हैं और यात्रा कर रहे हैं. 

रेलवे का दावा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार का दावा है कि पिछले साल छठ पर्व में करीब 4,000 स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी. इस बार करीब 7,750 स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही हैं. इसके साथ ही ऑन डिमांड भी स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है. इसका मतलब कि जिस रूट पर पैसेंजर्स ज्यादा हैं, वहां ऑन डिमांड ट्रेन चलाई जा रही हैं. रेलवे बोर्ड का दावा है कि भारतीय रेलवे ने नई दिल्ली, आनंद विहार, अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, मुंबई, बांद्रा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु सहित देश के सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों पर छठ पूजा के दौरान अपने घरों की यात्रा करने वाले लोगों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश के लिए विभिन्न ट्रेनें चला रहे हैं. भीड़ को प्रबंधित करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के स्टाफ को तैनात किया गया है और यात्रा से संबंधित शंकाओं को दूर करने के लिए रेल सेवक भी लगाए गए हैं. विशेष ट्रेनों में अतिरिक्त कोच भी जोड़े गए हैं और रेलवे ने स्टेशनों पर सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं ताकि लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. 
 


दिवाली मनाकर सोये, सुबह आंख खुली तो पता चला जेब कट गई, गैस सिलेंडर महंगा

लक्ष्मी पूजन के ठीक बाद लोगों पर महंगाई का बम फूट गया है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने एलपीजी गैस सिलेंडर के दामों में इजाफा कर दिया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Friday, 01 November, 2024
Last Modified:
Friday, 01 November, 2024
BWHindia

दिवाली सेलिब्रेट करने के बाद जब आज लोगों की नींद खुली तो पता चला कि उनकी जेब कट गई है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने दिवाली पर आम जनता के चेहरे पर मुस्कान बिखरने वाला गिफ्ट देने के बजाये उसकी जेब का बोझ बढ़ा दिया है.  आज यानी 1 नवंबर को गैस सिलेंडर की कीमतों में इजाफा किया गया है. कमर्शियल LPG सिलेंडर के दाम में करीब 62 रुपए की बढ़ोतरी हुई है. 

अब इतने हो गए हैं दाम
इंडियन ऑयल द्वारा जारी ताजा रेट के अनुसार, आज से दिल्ली में कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1802 रुपए हो गई है. कोलकाता में 19 किलो वाले इस सिलेंडर के लिए अब 1911.50 रुपए चुकाने होंगे. इसी तरह, मुंबई में कमर्शियल सिलेंडर की नई कीमत 1754.50 और चेन्नई में 1964.50 रुपए कर दी गई है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने घरेलू सिलेंडर की कीमतों में बदलाव नहीं किया है. दिल्ली में 14.2 किलो वाले इस सिलेंडर की कीमत 803 रुपए है. चेन्नई में यह 818.50, कोलकाता में 829 और मुंबई में 802.50 रुपए के दम पर मिल रहा है.

पहले से ज्यादा होंगे खर्चे
कमर्शियल सिलेंडर का इस्तेमाल रेस्टोरेंट और होटल आदि में होता है. इसके महंगा होने पर बाहर खाना-पीना महंगा हो जाता है, लेकिन क्रूर सच्चाई यह है कि कीमत घटने पर चढ़े दाम वापस नीचे नहीं आते. ऐसे में आपको अब बाहर चाय पीने से लेकर कुछ खाने के लिए पहले से ज्यादा दाम चुकाने पड़ सकते हैं. यानी आपके खर्चों में इजाफा होने वाला है. बता दें कि हर महीने की पहली तारीख को LPG सिलेंडर की कीमतें तय होती हैं. इसी के तहत कंपनियों ने आज से सिलेंडर महंगा कर दिया है. कंपनियों ने घरेलू सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं किया है. 


आज आंख खुली तो पता चला जेब कट गई, LPG सिलेंडर के दामों में भारी इजाफा

महंगाई के मोर्चे पर जनता को बड़ा झटका लगा है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने एलपीजी सिलेंडर के दामों में इजाफा कर दिया है. नई कीमतें आज से लागू हुई हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Tuesday, 01 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 01 October, 2024
BWHindia

अक्तूबर के पहले दिन ही महंगाई का झटका लगा है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने LPG सिलेंडर के दाम बढ़ा दिए हैं. महंगाई पहले से ही लोगों की जेब काट रही है. ऐसे में सिलेंडर के दामों में इजाफा उसके लिए दोहरी मार की तरह है. हालांकि, यह मूल्यवृद्धि केवल कमर्शियल LPG सिलेंडर के लिए की गई है. घरेलू सिलेंडर की कीमतों में कंपनियों ने कोई बदलाव नहीं हुआ है. कमर्शियल सिलेंडर का इस्तेमाल रेस्टोरेंट और होटल आदि में होता है. इसके महंगा होने पर बाहर खाना-पीना महंगा हो जाता है, लेकिन क्रूर सच्चाई यह है कि कीमत घटने पर चढ़े दाम वापस नीचे नहीं आते.   

अब इतने में मिलेगा सिलेंडर
कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम में करीब 50 रुपए की बढ़ोतरी की गई है. आज से दिल्ली में 19 किलोग्राम वाला इंडेन का सिलेंडर 1740 रुपए में मिलेगा. जबकि 14 किलो वाला सिलेंडर पहले की तरह 803 रुपए में ही उपलब्ध है. इंडियन ऑयल द्वारा नए रेट के मुताबिक,  1 अक्टूबर से मुंबई में कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर 1692.50 रुपए, कोलकाता में 1850.50 रुपए और चेन्नई में 1903 रुपए का हो गया है. इससे पहले सितंबर में भी इस सिलेंडर के दाम करीब 39 रुपए बढ़ाए गए थे.  

1 तारीख को होता है अपडेट 
हर महीने की पहली तारीख को LPG सिलेंडर की कीमतें तय होती हैं. इसी के तहत कंपनियों ने आज से सिलेंडर महंगा कर दिया है. कंपनियों ने घरेलू सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं किया है. 14.2 किलो वाले सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 803 रुपए, कोलकाता में 829 रुपए, मुंबई में 802.50 रुपए और चेन्नई में 818.50 रुपए बनी हुई है. हालांकि, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को सामान्य ग्राहकों की तुलना में घरेलू सिलेंडर सस्ता मिलता है. कमर्शियल सिलेंडर के दामों में हर थोड़े अन्तराल में बदलाव होता रहता है, लेकिन घरेलू सिलेंडर की कीमतों से कम्पनियां कम छेड़छाड़ करती हैं. लोकसभा चुनाव से पहले इस पर कुछ राहत मिली थी.


रात में सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करने पर भी ढीली होगी जेब, यहां हो रही बड़ी तैयारी

पार्किंग की उचित व्यवस्था न होने के चलते अक्सर लोग रात के समय सड़क किनारे अपने वाहन खड़े कर देते हैं. लेकिन अब ऐसे लोगों को जेब ढीली करनी होगी.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Friday, 27 September, 2024
Last Modified:
Friday, 27 September, 2024
BWHindia

उत्तर प्रदेश में रहने वालों को रात में सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करने पर भी जेब ढीली करनी होगी. एक रिपोर्ट के अनुसार, नगर विकास विभाग रात्रिकालीन पार्किंग की व्यवस्था लागू करने जा रहा है. इसके तहत नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाले स्थानों पर यदि कोई रात में गाड़ी खड़ी करता है, तो उससे पार्किंग शुल्क लिया जाएगा. 

इतना होगा पार्किंग शुल्क
पार्किंग शुल्क की दरें भी लगभग तय हो गई हैं. यदि कोई एक रात के लिए नगर नियम के अधिकार क्षेत्र वाली सड़क पर गाड़ी खड़ी करता है, तो उसे प्रति रात के लिए 100 रुपए शुल्क देना होगा. इसी तरह, हफ्ते भर के लिए 300 रुपए, महीने भर के लिए 1000 और साल भर के लिए 10,000 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है.

जुर्माने का भी है प्रावधान
इतना ही नहीं, यदि कोई बिना नगर निगम की अनुमति या  परमिट के गाड़ी खड़ी करता है तो उससे तीन गुना शुल्क वसूल किया जाएगा. फिलहाल, इस प्रस्ताव को सुझाव और आपत्ति मांगी गई हैं. यदि योगी कैबिनेट प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो पार्किंग की इस नई नीति को लागू कर दिया जाएगा. हालांकि, इससे उन लोगों की परेशानी ज़रूर बढ़ जाएगी जो अब तक बिना किसी शुल्क के सड़क किनारे गाड़ी लगा रहे हैं.

CM ने दिया था निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में सुनियोजित पार्किंग के लिए नगर विकास विभाग को नीति लाने का निर्देश दिया था, जिस पर अमल करते हुए इस नई पार्किंग नीति का खाका तैयार किया गया है. खबर यह भी है कि नगर निगम द्वारा विकसित पार्किंग को निजी हाथों में भी देने पर विचार किया जा सकता है. इसके अलावा,  मल्टी लेवल कार पार्किंग की सुविधा भी विकसित करने की तैयारी है.

इस आदेश पर अमल शुरू
हाल ही में आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने होटल, ढाबा और रेस्टोरेंट जैसे खाद्य प्रतिष्ठानों के लिए नए आदेश जारी किए थे. इसके तहत प्रदेश के हर ढाबा और रेस्टोरेंट पर मालिक-संचालकों का नाम लिखना अनिवार्य किया गया है. इसके साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया है कि ढाबा-रेस्तरां में काम करने वाला प्रत्येक कर्मचारी मास्क लगाएगा और वहां CCTV की भी व्यवस्था की जाएगी. CM के निर्देश पर अमल शुरू हो गया है. दरअसल, हाल के दिनों में खाने-पीने की चीजों में थूकने या पेशाब करने की कई घटनाएं सामने आई हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने यह सख्त फैसला लिया है.


क्या वाकई कम होने वाले हैं पेट्रोल-डीजल के दाम? इस रेटिंग एजेंसी ने कही ये बड़ी बात

पेट्रोल-डीजल के दामों में लोकसभा चुनाव से पहले दो रुपए की कटौती हुई थी. हालांकि, पेट्रोल-डीजल पहले से ही इतना महंगा हो चुका है कि उस राहत से जनता को कुछ खास फर्क नहीं पड़ा.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Thursday, 26 September, 2024
Last Modified:
Thursday, 26 September, 2024
BWHindia

पेट्रोल-डीजल के दामों में लंबे अर्से के बाद राहत मिलने की उम्मीद  बढ़ गई है. माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2 से 3 रुपए की कमी हो सकती है. दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में लगातार नरमी बनी हुई है. इससे घरेलू ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के मुनाफे में सुधार हुआ है. इसके अलावा, हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. इन सभी कारणों के चलते आम जनता को कुछ राहत मिल सकती है.

CLSA को भी है उम्मीद 
एक रिपोर्ट में रेटिंग एजेंसी इक्रा के हवाले से बताया गया है कि कच्चे तेल में नरमी के चलते कंपनियों के लिए पेट्रोल-डीजल के दामों में 2 से तीन रुपए कटौती की गुंजाइश बन गई है. इसी तरह, इन्वेस्टमेंट एवं कैपिटल मार्केट्स ग्रुप CLSA का मानना है कि 5 अक्टूबर के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हो सकती हैं. बता दें कि हाल ही में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में सचिव पंकज जैन ने कहा था कि यदि क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट बनी रहती है, तो  ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमत में कमी पर विचार कर सकती हैं.

मार्च में मिली थी कुछ राहत
इक्रा ने एक नोट में कहा है कि कच्चे तेल की कीमतों में कमी के साथ हाल के सप्ताहों में भारतीय पेट्रोलियम कंपनियों के लिए पेट्रोल-डीजल की खुदरा बिक्री पर मुनाफे में सुधार हुआ है.  रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि यदि कच्चे तेल की कीमतें मौजूदा स्तर पर स्थिर रहती हैं, तो खुदरा फ्यूल की कीमतों में कमी की गुंजाइश है. पेट्रोल-डीजल के दाम मार्च, 2024 से यथावत हैं. लोकसभा चुनाव के चलते 15 मार्च को पेट्रोल-डीजल के दाम में 2 रुपए प्रति लीटर की कटौती की गई थी.

इस वजह से आई गिरावट 
वैश्विक अर्थव्यवस्था की ग्रोथ धीमी पड़ने से तेल की मांग में कमी आने की आशंका है. इस वजह से कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आई है. क्रूड ऑयल सस्ता होने से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के मार्जिन में सुधार हुआ है. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड का देश के 90% ऑयल मार्केट पर कब्जा है. कई राज्यों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर से अधिक हो गई है और डीजल का दाम भी 90 रुपए प्रति लीटर के पार है. डीजल का सीधा संबंध महंगाई से है. ऐसे में महंगे पेट्रोल-डीजल ने लोगों का पूरा गणित बिगाड़ दिया है. 


बारिश में फिर बेबस मुंबई: शाम को ऑफिस से निकले लोग अल सुबह ही घर पहुंच सके 

कभी न थमने वाली मुंबई बारिश के आगे बेबस हो जाती है. बुधवार को भी यही नज़ारा देखने को मिला. आज भी मुंबई में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Thursday, 26 September, 2024
Last Modified:
Thursday, 26 September, 2024
BWHindia

कभी न थमने वाली मुंबई एक बार फिर बारिश (Mumbai Rain) के आगे बेबस नज़र आई. बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश ने पूरी मुंबई को जैसे जाम कर दिया. सड़क, ट्रेन से लेकर हवाई जहाज तक हर रूट बारिश के चलते प्रभावित रहा. ऐसे में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. शाम को घर जाने के लिए ऑफिस से निकले अधिकांश लोग दूसरे दिन अल सुबह ही अपने ठिकाने पर पहुंच सके. मौसम विभाग ने आज भी तेजी बारिश का अलर्ट जारी किया है. इसके मद्देनजर सभी स्कूल और कॉलेज आज बंद रहेंगे. हालांकि, नौकरीपेशा लोगों को सामान्य दिनों की तरह ही ऑफिस जाना होगा. 

बीच सफर में रद्द हुई ट्रेन 
बारिश के चलते जगह-जगह सड़कों और रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया, जिसकी वजह से लोग बीच रास्ते में ही फंस गए. CST से नवी मुंबई को जाने वाली लोकल को कुर्ला स्टेशन पर रोक दिया गया. काफी देर तक यात्री ट्रेन के चलने का इंतजार करते रहे. करीब एक घंटे के बाद लोकल के रद्द होने की घोषणा की गई. आसपास के इलाकों में पानी भरने के चलते यहां से लोगों को कैब या कोई दूसरा साधन भी नहीं मिला. मजबूरन उन्हें काफी दूर तक पैदल चलकर जाना पड़ा. शाम को ऑफिस से निकले लोग गुरुवार अल सुबह ही अपने घर पहुंच सके. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं.    

गूगल मैप भी हुआ लाल
रेलवे ट्रैक पर पानी जमा होने के कारण कई रूट्स पर लोकल ट्रेनों के पहिये थम गए. गूगल मैप में शहर की अधिकांश सड़कें लाल नजर आईं, क्योंकि जलभराव के चलते ट्रैफिक जाम हो गया था. मुंबई में शाम के समय जोरदार बारिश हुई. मौसम विभाग ने बारिश का अनुमान जताया था, लेकिन इतनी तेज होगी ये शायद किसी ने नहीं सोचा था. बारिश और तेज हवा के चलते कई फ्लाइट को भी डायवर्ट किया गया. कल मुंबई हवाई अड्‌डे पर स्पाइसजेट, इंडिगो और विस्तारा की उड़ानें प्रभावित होने की जानकारी है.  

हर बार की यही कहानी    
मौसम कार्यालय ने गुरुवार को भी मुंबई और पड़ोसी जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. विभाग के मुताबिक, मुंबई, ठाणे, रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों में अलग-अलग स्थानों पर बिजली और तेज़ हवाओं के साथ भारी बारिश की संभावना है. बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है. बारिश के दिनों में अक्सर मुंबई थम जाती है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. प्रशासन ने ऐहतियात के तौर पर आज सभी स्कूल-कॉलेज बंद रखे हैं, लेकिन सरकारी और निजी कार्यालय खुले रहेंगे. 


पहले से हल्की जेब पर महंगाई की मार, आम आदमी का यही सवाल - 'करें तो करें क्या'

महंगाई लोगों की परेशानियों में इजाफा कर रही है. आमदनी पहले ही सीमित है और उस पर लगातार चढ़ते दामों ने मिडिल क्लास की मुसीबतों में इजाफा कर दिया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 25 September, 2024
Last Modified:
Wednesday, 25 September, 2024
BWHindia

महंगाई (Inflation) आंकड़ों में भले ही नीचे आई हो, लेकिन आम आदमी के लिए हालात नहीं बदले हैं. सबसे ज्यादा परेशानी मिडिल क्लास हो उठानी पड़ रही है, क्योंकि उसे सरकार की मुफ्त राशन वाली योजनाओं का भी लाभ नहीं मिलता. फल-सब्जी से लेकर आटे-दाल तक सबके दाम आसमान छू रहे हैं. बीते दो साल में आलू-प्याज और टमाटर की कीमतें दोगुनी से भी ज्यादा हो गई हैं. इसी तरह, दालें भी खूब भाव दिखा रही हैं.

टमाटर हो रहा है लाल
आरबीआई ने भी अपनी मासिक समीक्षा में माना है कि आलू-प्याज और टमाटर के दाम पिछले दो सालों में दोगुना या उससे अधिक बढ़े हैं. एक रिपोर्ट की मानें, तो सितंबर 2022 से सितंबर 2024 के बीच इनकी कीमतों में ज़बरदस्त उछाल आया है. सितंबर 2022 में टमाटर का औसत मूल्य 20 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास था, जबकि अब कई जगहों पर यह 50 रुपए तक पहुंच गया है. फूल गोभी के दाम भी तेजी से बढ़े हैं. चंद दिन पहले तक एक छोटी फूल गोभी 100 रुपए में मिल रही थी.  

आंसू निकाल रही प्याज
इसी तरह, प्याज भी लोगों की आंखों में आंसू की वजह बन गई है. देश के कई हिस्सों में इसकी कीमत 60-70 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं. आलू की बात करें, तो कुछ शहरों में यह 60 रुपए किलो के भाव पर मिल रहा है. सब्जियां भी नहीं, खाने का स्वाद बढ़ाने वाले मसलों पर भी महंगाई की मार पड़ी है. पिछले कुछ महीनों में इनकी कीमत भी तेजी से बढ़ी है.  

तेल में भी लगी है आग 
जीरा 27 हजार रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गया है और आने वाले दिनों में इसके 29 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंचने का अनुमान है. सरसों, सोयाबीन और रिफाइंड सहित  खाद्य तेल की कीमतों में भी फेस्टिवल सीजन से पहले उछाल देखने को मिल रहा है. दाल की बात करें, तो अरहर की कीमतों में सबसे ज्यादा तेजी आई है. इसके दाम 50 से 60 रुपए किलो तक चढ़ चुके हैं. जबकि उड़द 10 रुपए और मूंगदाल भी लगभग इतनी महंगी हुई है. 


यूपी वालों की सेहत के लिए योगी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, जारी किये नए निर्देश 

यूपी सरकार ने प्रदेश के सभी खाद्य प्रतिष्ठानों के लिए नए निर्देश जारी किए हैं. सरकार की इस कवायद का मकसद प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Tuesday, 24 September, 2024
Last Modified:
Tuesday, 24 September, 2024
BWHindia

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने होटल, ढाबा और रेस्टोरेंट जैसे खाद्य प्रतिष्ठानों के लिए नए आदेश जारी किए हैं. अब प्रदेश के हर ढाबा और रेस्टोरेंट पर मालिक-संचालकों का नाम लिखना अनिवार्य किया गया है. इसके साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया है कि ढाबा-रेस्तरां में काम करने वाला प्रत्येक कर्मचारी मास्क लगाएगा और वहां CCTV की भी व्यवस्था की जाएगी. सरकार ने अधिकारियों को इसकी निगरानी करने के निर्देश दिए है. 

क्यों पड़ी इसकी ज़रूरत?
हाल के दिनों में खाने-पीने की चीजों में थूकने या पेशाब करने की कई घटनाएं सामने आई हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने यह सख्त फैसला लिया है. सरकार ने कड़े शब्दों में कहा है कि ऐसा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. देश के विभिन्न हिस्सों से सामने आईं ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक CM योदी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को प्रदेश के सभी होटलों/ढाबों/रेस्टोरेंट आदि प्रतिष्ठानों की गहन जांच और सत्यापन के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन करने को भी कहा है.

सरकार उठा रही ठोस कदम
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हाल के दिनों में खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट-गंदी आदि मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं. ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं. उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस प्रबंध किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि खाने-पीने से जुड़े प्रतिष्ठानों की जांच की जाएगी. प्रदेशव्यापी सघन अभियान चलाकर इन प्रतिष्ठानों के संचालक सहित वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का सत्यापन किया जाएगा. उन्होंने निर्देश दिया कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पुलिस और स्थानीय प्रशासन संयुक्त रूप से इस कार्यवाही को जल्द से जल्द शुरू करें.

हर जगह लगाए जाएं CCTV
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों निर्देश दिया कि खाद्य प्रतिष्ठानों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर आदि के नाम और पता प्रमुखता से डिस्प्ले होना चाहिए. यहां CCTV भी लगे होने चाहिए. न केवल ग्राहकों के बैठने के स्थान पर बल्कि प्रतिष्ठान के अन्य हिस्से भी CCTV की निगरानी में होने चाहिए. CM ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि हर प्रतिष्ठान संचालक सीसीटीवी की फीड को सुरक्षित रखेगा और आवश्यकता पड़ने पर उपलब्ध कराएगा. उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि खाद्य पदार्थों को तैयार करने तथा सर्विस के समय संबंधित व्यक्ति मास्क-ग्लव्स का उपयोग करें, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. नियमों का उल्लंघन करने वालों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए.


देश को आज मिलेंगी 3 नई वंदे भारत ट्रेनें, PM मोदी दिखाएंगे हरी झंडी, जानें पूरा रूट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीन नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. इनसे यात्रा में लगने वाले समय में कमी आएगी.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Saturday, 31 August, 2024
Last Modified:
Saturday, 31 August, 2024
BWHindia

देश को आज 3 नई वंदे भारत ट्रेनें मिलने वाली हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  हरी झंडी दिखाकर इन रेलगाड़ियों को रवाना करेंगे. रेलवे का दावा है कि इन नई वंदे भारत ट्रेनों में यात्रियों को विश्व स्तरीय सेवाएं प्रदान की जाएंगी. इन ट्रेनों से यात्रा के समय में कमी आएगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. ये वंदे भारत गाड़ियां उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में दौड़ेंगी. 

इतना बचेगा समय
प्रधानमंत्री मोदी आज शनिवार को दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन रेलगाड़ियों को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना करेंगे. अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस तीन राज्यों के मेरठ-लखनऊ, मदुरै-बेंगलुरु और चेन्नई-नागरकोइल रूट पर कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी. इन ट्रेनों की रफ्तार पहले से मौजूद गाड़ियों से ज्यादा है. ऐसे में इनसे यात्रा के समय में कमी आएगी. मेरठ सिटी-लखनऊ वंदे भारत से यात्रियों का लगभग 1 घंटे का समय बचेगा. इसी तरह, चेन्नई एग्मोर-नागरकोइल वंदे भारत से 2 घंटे और मदुरै-बेंगलुरु वंदे भारत से सफर करीब डेढ़ घंटे छोटा हो जाएगा.

केवल 2 ही स्टॉपेज
मेरठ और लखनऊ के बीच चलने वाली वंदे भारत का स्टॉपेज लेवल मुरादाबाद और बरेली में होगा. यह ट्रेन 560 किमी दूरी सात घंटे 10 मिनट में पूरी करेगी. इस ट्रेन की औसत रफ्तार 75 किमी प्रति घंटा रहेगी. मेरठ से यह ट्रेन सुबह 6:35 बजे निकलेगी और दोपहर 1:45 बजे लखनऊ पहुंचेगी. वापसी में यह लखनऊ से दोपहर 2:45 बजे रवाना और रात 10 बजे मेरठ पहुंच जाएगी.

दक्षिण में यहां दौड़ेंगी ट्रेनें
इसी तरह, डॉ. एमजीआर चेन्नई सेंट्रल-नागरकोइल वंदे भारत और मदुरै- बेंगलुरु छावनी वंदे भारत एक्सप्रेस भी आज से पटरी पर दौड़ना शुरू कर देंगी. नागरकोइल तक चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस केवल उद्घाटन वाले दिन डॉ. एमजीआर चेन्नई सेंट्रल स्टेशन से रवाना की जाएगी, लेकिन इसकी नियमित सेवा चेन्नई एग्मोर (चेन्नई एषुंबूर) से होगी. यह ट्रेन बुधवार को छोड़कर सप्ताह के बाकी दिन संचालित की जाएगी. ट्रेन चेन्नई एग्मोर से सुबह 5 बजे रवाना निकलेगी और उसी दिन दोपहर 1.50 बजे नागरकोइल पहुंचेगी. वापसी में यह ट्रेन नागरकोइल जंक्शन से दोपहर 2.20 बजे रवाना होगी और रात 11 बजे चेन्नई एग्मोर पहुंचेगी.

ऐसा रहेगा गाड़ियों का रूट
मदुरै और बेंगलुरु छावनी के बीच वंदे भारत सेवा मंगलवार को छोड़कर सप्ताह के बाकी दिन चलेगी. मदुरै से सुबह 5.15 बजे रवाना होगी और दोपहर 1 बजे बेंगलुरु कैंट पहुंचेगी. वापसी में यह दोपहर 1.30 बजे बेंगलुरु छावनी से रवाना होगी और रात 9.45 बजे मदुरै पहुंचेगी. बता दें कि वंदे भारत ट्रेनों को खास तरह से डिज़ाइन किया गया है. ये ट्रेनें बाकी रेलगाड़ियों की तुलना में तेज रफ़्तार से दौड़ती हैं. इससे यात्रा में लगने वाला समय कम हो जाता है.