Women In Taste के जरिये रेणुका डंग-Double Tree By Hilton की अनूठी पहल

होम कुक्स को होटल के किचन में खाना बनाने का मौका मिलेगा. इससे आगरा घूमने आये ट्रैवलर्स कुछ नए तरीके के भोजन का भी आनंद भी उठा पायेंगे.

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Tuesday, 14 March, 2023
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उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित होटल डबलट्री बाय हिल्टन (Double Tree By Hilton) ने मंगलवार को होटल में ‘वीमन इन टेस्ट’ (Women in Taste) का आयोजन किया था. इस कार्यक्रम के जरिये होटल ने आगरा की महिलाओं को सशक्त बनाने का एक मंच प्रस्तुत किया है और इसमें आगरा के होम कुक्स ने अपनी कुकिंग स्किल का शानदार प्रदर्शन करने का मौका भी मिलेगा।

आगरा के लोकल खाने का आनंद उठा सकेंगे ट्रेवलर्स
होटल के एग्जीक्यूटिव शेफ अमित राणे ने Gourmet Club Of Agra  की अध्यक्ष डॉक्टर रेणुका डंग (डायटिशियन) के साथ मिलकर आगरा के 12 होम कुक्स को शॉर्टलिस्ट किया है. इन होम कुक्स को होटल के किचन में खाना बनाने का मौका मिलेगा. इससे आगरा में घूमने आये ट्रैवलर्स देसी भोजन का आनंद भी उठा पायेंगे. इस मौके पर डॉक्टर रेणुका डांग ने बताया कि हम हर दिन एक होम कुक  द्वारा तैयार किये गए दो या तीन पकवानों को बुफे में पेश करेंगे. यह एक 10 दिन लंबा कार्यक्रम होगा जिसे 15 मार्च से शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही 25 मार्च को इस कार्यक्रम का फिनाले आयोजित होगा जिसमें रात 7:30 बजे आयोजित होने वाले डिनर में दस दिन में सिखाई गई रेसिपी के व्यंजन उपलब्ध करवाये जाएगे.

डॉ. डंग ने बिजनेस वर्ल्ड हिंदी के साथ इस अनोखे आयोजन के बारे में बात करते हुए बताया कि ये Lost & Healthy Recipes का बुफे होगा, जो अपने आप में अद्भुत है। इसमें पनीर की खीर, कटहल बिरयानी, काली कढ़ाई के करेले, मैंगो सेलैड ले लेकर सिंधी रेसिपीज का समावेश होगा। 

प्रतिभा और कौशल का उत्सव है ‘वीमन इन टेस्ट’
इस अवसर पर होटल के मेनेजर श्याम कुमार ने कहा कि हम आगरा की महिलाओं के लिए कुछ खास करना चाहते थे जिसके लिए हम ‘वीमन इन टेस्ट’ कार्यक्रम के साथ सामने आये. यह एक विशेष कार्यक्रम है जिसे प्रतिभा और कौशल का उत्सव भी कहा जा सकता है. हम यहां चुनिन्दा महिलाओं को उनके खास पकवानों को कुक करने का मौका दे रहे हैं और इन पकवानों को नॉर्थ-27 के बुफे में परोसा जाएगा. 

ये हैं स्पेशल 12 होम कुक्स 
डॉक्टर रेणुका डंग के नेतृत्व में चुने गईं होम कुक्स के नाम कुछ इस प्रकार हैं – रिचा रल्ली, मानसी जुनेजा, हरलीन आहूजा, सिमरन अवतानी, अंजू बजाज, अंजू लालवानी, आशिमा गोयल, डॉक्टर वत्सला श्रीवास्तव, अंकिता मेहरोत्रा, सोनल गर्ग, ज्योति नय्यर और मीनल गुप्ता.

 
 

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दिल्ली में Green Firecrackers की बिक्री पर भी रोक? सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ये फैसला!

दिल्ली सरकार द्वारा पटाखे बैन करने के फैसले के प्रति समर्थन जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Friday, 22 September, 2023
Last Modified:
Friday, 22 September, 2023
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विकास की प्रक्रिया में हमें कई चीजों से समझौता करना पड़ता है, लेकिन समस्या तब होती है जब लोगों के स्वास्थ्य के साथ समझौते की बात आती है. हर साल पराली जलाए जाने और दिवाली के पटाखों से निकलने वाले धुंए की बदौलत दिल्ली गैस चैम्बर बन जाती है और लोगों को फेफड़ों से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है और इसीलिए दिल्ली सरकार द्वारा पटाखे बैन करने का फैसला लिया गया है. 

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की एप्लीकेशन
दिल्ली सरकार के पटाखे बैन करने के फैसले के प्रति समर्थन जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बेरियम का इस्तेर्माल करके पटाखे बनाने वाली अपील को भी खारिज कर दिया है. AS बोपन्ना और MM सुन्दरेश की न्यायपीठ ने प्रदुषण को रोकने के लिए कोर्ट द्वारा 2018 में पटाखों पर लगाए गए अपने बैन के फैसले को दोहराया है. न्यायपीठ ने कहा कि बेरियम के इस्तेमाल से पटाखों के निर्माण और उनकी बिक्री से संबंधित दो एप्लीकेशन्स को हम खारिज कर रहे हैं. 2018 में सुनाए गए आदेश में हमने कोई बदलाव नहीं किया है और हम इस आदेश को दोहरा रहे हैं.

बैन का मतलब पूरी तरह बैन
पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आदेश देते हुए कहा था कि वह राजधानी में अस्थायी तौर पर पटाखों की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी न करें. AS बोपन्ना और MM सुन्दरेश वाली न्यायपीठ ने सोलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि हमें यह देखना होगा कि पिछले कुछ सालों के दौरान किस प्रकार का काम किया गया है और क्या हमें आगे किसी प्रकार के अतिरिक्त फैसले लेना जरूरी है? हमें देखने को मिला है कि ज्यादातर पहलुओं पर इस कोर्ट द्वारा समय-समय पर दिए गए आदेशों की बदौलत काम किया गया है. जब सरकार द्वारा बैन की बात आती है तो बैन का मतलब होता है पूरी तरह बैन. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि दिल्ली पुलिस द्वारा किसी प्रकार के अस्थायी लाइसेंस जारी न किए जाएं. अगर किसी भी प्रकार के लाइसेंस जारी किए जाते हैं तो इसे हमारे आदेशों का उल्लंघन माना जाएगा. 

सिर्फ Green Firecrackers के लिए जारी किए लाइसेंस 
ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि 2018 में एपेक्स कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बाद दिल्ली-NCR क्षेत्र में पटाखे बैन किए गए थे और सिर्फ ग्रीन पटाखों (Green Firecrackers) की बिक्री को ही अनुमति दी गई थी. सोलिसिटर जनरल ने यह भी बताया कि साल 2016 के बाद से ही पटाखों की बिक्री के लिए किसी प्रकार लाइसेंस जारी नहीं किया गया है और जो अस्थायी लाइसेंस जारी किए गए थे वह भी ग्रीन पटाखों (Green Firecrackers) के लिए ही किए गए थे. 
 

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सोशल मीडिया पर क्यों ट्रोल हुआ दिल्ली का ये बुकस्टोर, क्या है पूरा मामला?

दिल्ली स्थित Kunzum Cafe and Bookstore ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X, पर नौकरी के लिए विज्ञापन साझा किया था.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Tuesday, 19 September, 2023
Last Modified:
Tuesday, 19 September, 2023
Kunzum Bookstore and Cafe

हाल ही में सोशल मीडिया पर दिल्ल्ली के एक बुकस्टोर को लोगों द्वारा काफी ज्यादा ट्रोल किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर मौजूद सभी लोगों का मानना है कि अपने संभावित कर्मचारियों से इस बुकस्टोर की आकांक्षाएं कुछ बहुत ही ज्यादा हैं और कई लोगों ने तो इस बुकस्टोर की मांगों को भद्दा और हास्यास्पद बताया है. 

क्या है पूरा मामला?
हाल ही में दिल्ली स्थित बुकस्टोर और कैफे कुंजुम कैफे एवं बुकस्टोर (Kunzum Cafe and Bookstore) ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X, जिसे पहले ट्विटर के नाम पर जाना जाता था, पर नौकरी के लिए विज्ञापन साझा किया था. अब आप सोच रहे होंगे कि एक विज्ञापन साझा करके कोई ट्रोल कैसे हो सकता है? कुंजुम कैफे ने इस सोशल मीडिया पोस्ट में बताया था कि बुकस्टोर को ग्राफिक डिजाइनर, विडियो एडिटर, इवेंट्स मैनेजर और कंटेंट क्रिएटर जैसे पदों के लिए कर्मचारियों की आवश्यकता है. पदों के नाम के साथ-साथ कुंजुम बुकस्टोर और कैफे द्वारा कर्मचारियों से अपेक्षित इच्छाओं की एक लिस्ट भी जारी की थी. इस लिस्ट में बताया गया था कि कर्मचारी में किसी भी दिन, कितने भी घंटों के लिए काम करने की क्षमता होनी चाहिए.

बुकस्टोर की मांग
कुंजुम कैफे और बुकस्टोर (Kunzum Cafe and Bookstore) ने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा है कि बुकस्टोर वीकेंड पर भी खुला होता है, सभी छुट्टियों पर भी बुकस्टोर कार्यरत रहता है और बुकस्टोर 24 घंटे काम करता है. इतना ही नहीं, बुकस्टोर ने यह भी बताया है कि कर्मचारियों को घर से काम करने का विकल्प यानी WFH प्रदान नहीं किया जाएगा. इसके अलावा कैफे एवं बुकस्टोर द्वारा यह जानकारी भी दी गई थी कि आपकी हंसी प्राकृतिक होनी चाहिए, आपको अन्दर से खुश रहना चाहिए और आपको इतना सोशल होना चाहिए कि आप अनजान लोगों से भी बात कर सकें. 

https://twitter.com/kunzum/status/1703975984406446266?t=cARJZfoGfDt7r1ZfyXLaYA&s=19

सोशल मीडिया पर जमकर हुई ट्रोलिंग
यह पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा होते ही इसे जबरदस्त तरीके से ट्रोल किया जाने लगा था. सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों ने बुकस्टोर और कैफे की मांगों की तुलना मजदूरों की हायरिंग से की. दूसरी तारफ बहुत से लोगों ने यह भी कहा कि वीकेंड, छुट्टियों और 24 घंटे काम करने की बुकस्टोर और कैफे की मांग भारतीय श्रम कानूनों के भी विरुद्ध हैं. जोमैटो में प्रोडक्ट मेनेजर के रूप में कार्यरत आशीष सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा कि हायरिंग अलर्ट: X मजदूरों को हायर कर रहा है.
 

https://twitter.com/ashzingh/status/1704007320400019538?t=D8gupDOG590DfTarDgdhgg&s=19

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मैं वादा करता हूं कि आईआईटी कैंपस गोवा में जरूर आएगा : गोवा सीएम 

पांच्‍यजन्‍य के ‘आधार Infra Confluence 2023’ कार्यक्रम में गोवा सीएम ने कहा कि गोवा इसके लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहा है. हम आईआईटी गोवा में जरूर लेकर आएंगे.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 13 September, 2023
Last Modified:
Wednesday, 13 September, 2023
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देश की राजधानी दिल्‍ली में आयोजित हुए ‘आधार Infra Confluence 2023’ कार्यक्रम में कई नामी लोग शामिल हुए. इस कार्यक्रम के पहले चरण में जहां केन्‍द्रीय ऊर्जा मंत्री ने अपनी बात रखी. वहीं दूसरे चरण में गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने अपनी बात रखी. इस कार्यक्रम में पहुंचे गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने अपने राज्‍य में आईआईटी का स्‍थाई कैंपस लाने को लेकर कहा कि वो लगातार प्रयास कर रहे हैं और मैं वादा करता हूं कि आईआईटी का कैंपस जरूर गोवा में खुलेगा. 

क्‍या बोले गोवा सीएम? 
गोवा सीएम प्रमोद सावंत ने अपनी बात कहते हुए कहा कि अगर केन्‍द्र सरकार का सहयोग मिलता है तो किसी भी प्रोजेक्‍ट पर काम पूरा हो जाता है. उन्‍होंने उससे पहले कहा कि हमसे पहले जब कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी तो उनके समय में कई प्रोजेक्‍ट को बंद कर दिया गया. उन्‍होंने कहा कि जब 2014 में केन्‍द्र में बीजेपी की सरकार आई तो उसके बाद हमारे सभी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर से लेकर दूसरे प्रोजेक्‍ट तेजी से पूरे हो गए.

उन्‍होंने ये भी बताया कि पुर्तगाली काल में जो मंदिर ध्‍वस्‍त हो गए थे हमने उन्‍हें लेकर भी एक कमिटी बनाई है जिसकी रिपोर्ट जल्‍द ही आने वाली है. टूटने वाले कोई हजार मंदिर थे, हम नये मंदिर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्‍होंने ये भी कहा कि हमने पर्यावरण के सभी नियमों का पालन करते हुए सभी निर्माण पूरे कराए हैं. उन्‍होंने कहा कि रिन्‍यूएबल एनर्जी लॉन्‍च करने वाला गोवा पहला राज्‍य है. उन्‍होंने भविष्‍य की ऊर्जा को लेकर अपनी बात कहते हुए कहा कि हमारा प्रदेश पूरी तरह से सोलर एनर्जी पर आधारित होगा. उन्‍होंने ये भी बताया कि गोवा ऐसा पहला राज्‍य है जिसने हर घर में जल पहुंचाया है. 

क्‍या बोले केन्‍द्रीय ऊर्जा मंत्री? 
इस कार्यक्रम में पहुंचे केन्‍द्रीय ऊर्जा मंत्री ने अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर हमें राउंड ओ क्‍लॉक काम करना है तो उसके लिए हमें सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा को स्‍टोर करना होगा. उन्‍होंने कहा कि लेकिन स्‍टोरेज की कॉस्‍ट बहुत ज्‍यादा है. स्‍टोरेज की कॉस्‍ट कोई 10 रुपये प्रति किलोवाट तक बैठती है. उन्‍होंने कहा कि दुनिया में जो कार्बन डाई ऑक्‍साइड का लोड है उसमें हमारा योगदान केवल 5 प्रतिशत का है जबकि हमारी आबादी 17 प्रतिशत की है. उन्‍होंने कहा कि इसी कारण धरती का तापमान बढ़ रहा है. उन्‍होंने बिजली सब्सिडी को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर राज्‍यों को उन्‍हें छूट देनी है तो दें लेकिन हम तो उसका पैसा वसूल करेंगे.  


भारत का पहला सोलर मिशन Aditya L1 हुआ लॉन्च, पढ़िए पूरी जानकारी

ISRO का आदित्य L1 (Aditya L1) मिशन सूर्य से संबंधित है और आज 2 सितंबर 2023 को इस मिशन को लॉन्च किया जा चुका है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Saturday, 02 September, 2023
Last Modified:
Saturday, 02 September, 2023
Aditya L-1

हाल ही में भारत के चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) मिशन ने चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी, जिसके बाद चंद्रमा के दक्षिणी पोल पर लैंड करने वाला भारत पहला देश बन गया. जब देश भर में चंद्रयान 3 की सफलता का जश्न मनाया जा रहा था तब देशवासियों की नजरें, भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO के अगले मिशन पर भी टिकी हुई थी. आज ISRO का यह मिशन लॉन्च हो चुका है और इसे आदित्य L1 (Aditya L1) नाम दिया गया है. 

लॉन्च हुआ Aditya L1

भारत के लिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से बहुत ही शानदार खबर आ रही है. सूर्य को स्टडी करने के लिए भारत द्वारा अपना पहला सोलर मिशन, आदित्य L1 (Aditya L1) लॉन्च किया जा चुका है. इस मिशन को PSLV-C57 रॉकेट की मदद से लॉन्च किया गया है और इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लांच किया जा चुका है. इस स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी और सूर्य के बीच मौजूद लंग्रंगियन पॉइंट (Langrangian Point) पर स्थिर किया जाएगा, जो सूर्य से 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर स्थित है. 

Aditya L1 को कैसे मिला इसका नाम?
भारत हिंदी भाषी देश है और हिंदी में सूरज या सूर्य का एक पर्यायवाची आदित्य भी होता है. भारतीय स्पेस रिसर्च संस्था (ISRO) का यह मिशन सूर्य से संबंधित है और आज यानी 2 सितंबर 2023 को यह मिशन लॉन्च किया गया है. ISRO का यह मिशन असल में एक सोलर ऑब्जर्वेटरी क्लास मिशन है और भारत के भविष्य में आने वाले स्पेस मिशनों में इसका महत्त्व अत्यंत गंभीर है. ISRO द्वारा इस स्पेसक्राफ्ट को सूरज से 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थिर किया जाएगा और यह स्पेसक्राफ्ट इस पॉइंट पर रहकर सूर्य का निरिक्षण करेगा. इस पॉइंट को लंग्रंगियन पॉइंट (Langrangian Point) के नाम से जाना जाता है और इसके आधार पर ही ISRO ने अपने मिशन को Aditya L1 नाम दिया है. इस मिशन को आज सुबह 11:50 मिनट पर श्रीहरिकोटा से लॉन्च कर दिया गया है.

Aditya L1 का महत्त्व
अभी तक ISRO द्वारा 2023 में 6 मिशन लॉन्च किए जा चुके हैं. आदित्य L1 के लिए PSLV रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है. भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO की तरफ से यह पहला ऑब्जर्वेटरी क्लास मिशन है. आपको बता दें कि ऑब्जर्वेटरी क्लास में ऐसे मिशनों को रखा जाता है जिनका मकसद सिर्फ और सिर्फ किसी गृह को स्टडी करना होता है. इस स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी और सूर्य के बीच मौजूद हेलो ऑब्जर्वेटरी में स्थिर किया जाएगा और इस जगह पर रहने की वजह से सूर्य ग्रहण के दौरान भी सूर्य पर नजर रखी जाएगी. ISS (अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन) के पूर्व कमांडर Chris Hadfield ने भारत की तकनीकी शक्ति को नमन किया है और साथ ही यह भी कहा है कि पृथ्वी पर मौजूद सभी लोगों की नजर भारत के इस मिशन और भारतीय तकनीक पर होगी.
 

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OCCPR की रिपोर्ट ने फिर बाहर निकाला जेपीसी का जिन्‍न, अडानी पर बरसी कांग्रेस 

इस रिपोर्ट से पहले जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आई थी उस वक्‍त भी कांग्रेस ने इसकी जांच जेपीसी से कराने की मांग की थी. 

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Thursday, 31 August, 2023
Last Modified:
Thursday, 31 August, 2023
Adani-Jairam ramesh

अडानी मामले में OCCPR की रिपोर्ट सामने आने के बाद देश की सियासत गर्मा गई है. अडानी को लेकर पहले आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अब OCCPR की रिपोर्ट सामने आने के बाद फिर जेपीसी(ज्‍वॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी) का जिन्‍न फिर बाहर आ गया है. कांग्रेस ने एक बार फिर अडानी मामले की जांच संयुक्‍त संसदीय समिति से करवाने की मांग की है. कांग्रेस ने फिर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उन पर अपने दोस्‍तों को बचाने का आरोप लगाया है. 

क्‍या बोली कांग्रेस? 
अडानी मामले को लेकर कांग्रेस की ओर से पार्टी के नेशनल मीडिया इंचार्ज जयराम रमेश ने कई आरोप लगाए. उन्‍होंने कहा कि अडानी समूह में बेनामी पैसे के निवेश की जांच के लिए संयुक्‍त जांच समिति बनाई जाए. उन्‍होंने ये भी कहा कि इस पर भी चर्चा होनी चाहिए कि आखिर कैसे विदेशी नागरिक भारत की महत्‍वपूर्ण राष्‍ट्रीय बुनियादी ढ़ाचे में अपनी भूमिका को निभाने के लिए आए. अडानी समूह के खिलाफ आई ओसीसीआरपी (संगठित अपराधन और भ्रष्‍टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्‍ट)  द्वारा लगाए गए नए आरोपों को लेकर उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी ने अपने दोस्‍त को बचाने के लिए बहुत कुछ किया है. 

आखिर क्‍या है ये पूरा मामला? 
ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के मॉरिशस मे किए गए ट्रांजैक्शन की डीटेल का पहली बार खुलासा करने का दावा है. रिपोर्ट बताती है कि अडानी समूह की कंपनियों ने 2013 से 2018 तक गुपचुप तरीके से अपने शेयरों को खरीदा. OCCRP का कहना है कि उसने मॉरिशस के रास्ते हुए ट्रांजैक्शन और अडानी ग्रुप के इंटरनल ईमेल्स का बारीकी से अध्ययन किया है. उसकी जांच में यह सामने आया है कि कम से कम दो मामलों में निवेशकों ने विदेशी कंपनियों के जरिए अडानी ग्रुप के शेयर खरीदे और बेचे हैं.

अपने पोस्‍ट में क्‍या बोले जयराम रमेश 
जयराम रमेश ने अपने पोस्‍ट में कहा कि एक ओर पीएम मोदी अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाहों को खत्‍म करने और अंतराष्‍ट्रीय नियमों को तोड़ने की बात करते हैं तो वहीं दूसरी ओर नियामक और जांच एजेंसियों को ऐसे मामलों की जांच करने की बजाए विपक्ष के खिलाफ जांच करने के लिए लगाया हुआ है. जयराम रमेश ने कहा कि वे इस बात को याद दिलाना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री अपने भ्रष्ट मित्रों और उनके कुकर्मों को बचाने के लिए किस हद तक और गहराई तक चले गए हैं.  उन्‍होंने भारत की नियामक और जांच एजेंसियों को नपुंसक बना दिया है और उन्हें गलत कामों की जांच करने के बजाय विपक्ष को डराने के लिए राजनीतिक उपकरण बना दिया है.

जयराम रमेश ने एक दूसरे पोस्‍ट में कही ये बात 
जयराम रमेश ने अपने एक ट्वीट में ये बात भी कही कि मोदी सरकार के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, सच्चाई हमेशा के लिए दबी नहीं रहेगी. हालांकि, अडानी समूह में बेनामी धन के प्रवाह के बारे में पूरी कहानी, कैसे विदेशी नागरिक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे में भूमिका निभाने आए और कैसे पीएम मोदी ने नियमों का उल्लंघन किया , अपने करीबी दोस्तों को समृद्ध करने के लिए नियमों और मानदंडों का खुलासा केवल जेपीसी द्वारा ही किया जा सकता है.
 


वैश्विक स्तर पर मजबूत हो रहा भारत, लेकिन इन देशों का नजरिया हुआ नेगेटिव!

ऐसे यूरोपीय देशों की संख्या में इजाफा हुआ है, जो भारत को लेकर नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 30 August, 2023
Last Modified:
Wednesday, 30 August, 2023
Photo Credit:  Rough Guides

वैश्विक स्तर पर भारत (India) की मजबूत होती छवि के बीच, यूरोपीय देशों (European Countries) के भारत के प्रति नजरिए में बदलाव आया है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अधिक यूरोपीय देश अब भारत के प्रति कम अनुकूल दृष्टिकोण (Less Favourable Attitude) रखते हैं. प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Centre) द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, ऐसे यूरोपीय देशों की संख्या पहले से ज्यादा हो गई है, जिनका भारत के प्रति दृष्टिकोण नकारात्मक हुआ है.

France में सबसे ज्यादा बदलाव 
अध्ययन में शामिल पांच देशों में भारत के लिए अनुकूल विचारों में 10 प्रतिशत अंक या उससे अधिक की गिरावट आई है. वॉशिंगटन बेस्ड इस थिंक टैंक ने निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए 20 फरवरी से 22 मई के बीच 24 देशों में 30,861 लोगों का सर्वेक्षण किया और मंगलवार को इस संबंध में रिपोर्ट जारी की है. भारत को लेकर सबसे बड़ा बदलाव फ्रांस (France) में देखने को मिला. यहां महज 39 प्रतिशत लोग ही भारत के प्रति अनुकूल दृष्टिकोण रखते हैं, जबकि 2008 में यह आंकड़ा 70 प्रतिशत था. स्पेन में भी भारत के प्रति अनुकूल दृष्टिकोण में काफी गिरावट आई है.

जर्मनी के लोगों की भी बदली सोच
मौजूदा वक्त में स्पेन के केवल 34% लोगों की नजर में भारत की छवि सकारात्मक है, जो 2007 के 48 प्रतिशत के मुकाबले काफी कम है. इसी तरह, जर्मनी में भी भारत की छवि को लेकर बदलाव आया है. पहले 60 फीसदी जर्मनिवासियों की सोच भारत को लेकर पॉजिटिव थी, जो अब केवल 47 प्रतिशत रह गई है. इसी तरह, पोलैंड के लोग भी भारत को कम अनुकूल मानते हैं. पहले 59 पोलैंडवासियों का नजरिया भारत को लेकर सकारात्मक था, अब यह आंकड़ा 46 प्रतिशत हो गया है. UK के 75 प्रतिशत लोग भी भारत के प्रति कम अनुकूल दृष्टिकोण रखते हैं. कुल मिलाकार ये रिपोर्ट बताती है कि यूरोपीय देशों में भारत को लेकर नेगेटिव सेंटिमेंट बढ़ रहा है. 

इन्हें विश्वास, बढ़ रहा भारत का प्रभाव
इस सर्वेक्षण में मोदी सरकार के बारे में भारतीयों की भी राय जानी गई. लगभग 10 में से आठ भारतीय मोदी के बारे में सकारात्मक राय रखते हैं. 55 प्रतिशत का दृष्टिकोण मोदी सरकार को लेकर बेहद अनुकूल रहा. सर्वे में बड़ी संख्या में लोगों ने माना कि भारत का वैश्विक प्रभाव बढ़ रहा है. करीब 71% पुरुषों का मानना है कि वैश्विक मंच पर भारत मजबूत हो रहा है. वहीं, ऐसी सोच रखने वाली महिलाओं की संख्या 65 प्रतिशत है. 


Chandrayaan-3 की सफलता के बाद दो हफ्तों में सूर्य पर जाएगा भारत?

चांद पर तिरंगा लहराने के बाद भारत सूरज के बारे में ज्यादा जानने के लिए मिशन आदित्य L-1 (Aditya L-1) लॉन्च करने जा रहा है.

पवन कुमार मिश्रा by
Published - Friday, 25 August, 2023
Last Modified:
Friday, 25 August, 2023
Aditya L-1

भारत में चांद और सूरज को भगवान का दर्जा दिया जाता है. हाल ही में भारत ने सफलतापूर्वक चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन को अंजाम दिया है और इस वक्त पूरी दुनिया भारत का लोहा मान रही है. चांद के दक्षिणी पोल पर लैंड करने वाला भारत पहला देश बन गया है. इस बीच भारत द्वारा अपने अगले मिशन की तैयारी भी शुरू की जा चुकी है. 

क्या है नया मिशन?
भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) द्वारा अगले दो हफ्तों में ही नया मिशन लॉन्च किया जाना है और अबकी बार भारत चांद की ठंडी सतह नहीं बल्कि सूरज की गर्मी की तरफ बढ़ने जा रहा है. चांद पर तिरंगा लहराने के बाद भारत अब सूरज के बारे में ज्यादा जानने के लिए अपना नया मिशन आदित्य L-1 (Aditya L-1) लॉन्च करने जा रहा है. यह पहला मिशन होगा जिसमें एक भारतीय स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी से सबसे ज्यादा दूरी पर भेजा जाएगा और इसे सूरज से 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर एक पॉइंट पर स्थिर कर दिया जाएगा . इस पॉइंट को लंग्रंगियन (Langrangian Point) के नाम से भी जाना जाता है. 

2023 में इतने मिशन कर चुका है इसरो
विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) के डायरेक्टर A Rajarajan ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया है कि सतीश धवन स्पेस सेंटर में आदित्य L-1 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. स्पेसक्राफ्ट को लेकर फाइनल चेकिंग की जा रही है और इस मिशन के लिए PSLV रॉकेट (मिशन संख्या C57) को भी तैयार किया जा रहा है. आदित्य L-1 को सितंबर के पहले हफ्ते में ही लॉन्च किया जाएगा. अभी तक 2023 में ISRO द्वारा 6 मिशन लॉन्च किए जा चुके हैं. 

क्यों महत्त्वपूर्ण है आदित्य L-1 (Adtiya L-1) मिशन?
हिंदी भाषा में सूर्य के पर्यायवाचियों में से एक होता है आदित्य, और इस मिशन को भी वही नाम दिया गया है. आदित्य L-1 भारत की तरफ से पहला ऑब्जर्वेटरी-क्लास मिशन है. ऑब्जर्वेटरी क्लास में ऐसे मिशन रखे जाते हैं जिनको लॉन्च करने का मकसद ही किसी ग्रह को बस स्टडी करना होता है. इस स्पेसक्राफ्ट को सूर्य और पृथ्वी के सिस्टम के बीच हेलो ऑब्जर्वेटरी में पहले Lagrange पॉइंट, L-1 के पास प्लेस किया जाएगा. इस पॉइंट पर एक सैटेलाईट के होने का फायदा ये होगा कि ग्रहण की स्थिति में भी सूर्य पर नजर रखी जा सकती है और सूर्य की एक्टिविटी पर भी ध्यान रखा जा सकता है. आदित्य L-1 में में 7 विभिन्न पेलोड (Payload) होंगे जो Photosphere, Chromosphere और सूर्य की बाहरी परत (The Corona) पर प्रमुख रूप से ध्यान देगा और इसके लिए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पार्टिकल डिटेक्टर्स का इस्तेमाल किया जाएगा. 

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भारत ने चांद को किया फतेह, सफलतापूर्वक लैंड हुआ Chandrayaan-3!

यह लैंडर सफल रूप से अपने प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो चुका है और अब पूरे देश की निगाहें विक्रम लैंडर पर टिकी हुई हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 23 August, 2023
Last Modified:
Wednesday, 23 August, 2023
Chandrayaan 3 on Moon

इस वक्त पूरे देश की निगाहें Chandrayaan-3 मिशन पर हैं. Chandrayaan-3 आज शाम को चांद की सतह पर लैंड कर सकता है. देश भर में सोशल मीडिया और विभिन्न टीवी चैनलों पर Chandrayaan-3 की विभिन्न मूवमेंट्स को बार-बार लगातार चलाया जा रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Chandrayaan-3 की लैंडिंग के साथ भारत चांद के दक्षिणी पोल पर लैंड करने वाला पहला देश बन जाएगा. 

भारत के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है Chandrayaan-3?
Chandrayaan-3 के लैंडर मॉड्यूल को विक्रम साराभाई के नाम पर ‘विक्रम लैंडर’ (Vikram Lander) का नाम दिया गया है. फिलहाल यह लैंडर सफल रूप से अपने प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो चुका है और अब पूरे देश की निगाहें विक्रम लैंडर पर टिकी हुई हैं. माना जा रहा है कि 6 बजके 5 मिनट के आस पास यह लैंडर चांद पर लैंडिंग करेगा. इस मिशन के पूरा होने के साथ ही भारत उन देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा जिनके मून-मिशन अभी तक सफल रहे हैं. यही वजह है कि इस मिशन पर सरकार द्वारा करोड़ों रूपए खर्च किए जाते हैं.

इनके लिए भी महत्त्वपूर्ण है Chandrayaan-3
जहां सरकार द्वारा इस मिशन पर करोड़ों रूपए खर्च किए गए हैं, वहीं ऐसे मिशन को सफल बनाने के लिए बहुत ही कड़ी मेहनत करते हैं. वैसे तो अंतरिक्ष से जुड़े भारत के सभी मिशनों के लिए ISRO (भारतीय स्पेस रिसर्च संस्था) जिम्मेदार होती है लेकिन ISRO के साथ अन्य कई कंपनियां भी होती हैं जो इन अंतरिक्ष मिशनों में शामिल होती हैं. आज जहां एक तरफ पूरे देश की निगाहें Chandrayaan-3 पर टिकी हुई हैं वहीं कुछ कंपनियां भी हैं जो इस मिशन पर बहुत ही करीबी रूप से नजर रखेंगी. आइए जानते हैं ऐसी कंपनियों के बारे में. 

Chandrayaan-3 पर है इन कंपनियों की निगाहें
BHEL:
Chandrayaan-3 के लिए बैटरी की सप्लाई BHEL द्वारा की गई है. BHEL का विस्तृत रूप भारत हेवी इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड है और यह एक सरकारी कंपनी है. 
 

L&T: L&T यानी लार्सन एवं टूब्रो के पास अपना एक एयरोस्पेस यूनिट है और इस यूनिट के द्वारा ऐसे पुर्जों की सप्लाई की गई है जिनका इस्तेमाल Chandrayaan-3 मिशन के लॉन्च व्हीकल में किया गया है. आपको बता दें कि L&T देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी है. 

Mishra Dhatu Nigam: ये पब्लिक सेक्टर की एक कंपनी है और इस कंपनी ने भी Chandrayaan-3 में इस्तेमाल होने वाले कई अहम मैटेरियल सप्लाई किए हैं. इस कंपनी द्वारा सप्लाई किए गए मैटेरियल का इस्तेमाल इस मिशन का लॉन्च व्हीकल बनाने के लिए किया गया है.

MTAR Technologies: Chandrayaan-3 के मिशन में इस कंपनी का बहुत ही अहम योगदान है. इस कंपनी ने Chandrayaan-3 मिशन के लिए इंजन और बूस्टर पंप जैसे महत्त्वपूर्ण उपकरण प्रदान करवाए हैं. 
 

लैंड हो गया Chandrayaan-3 

Chandrayaan-3 आखिरकार चांद की सतह पर लैंड हो चुका है. पूरे देश द्वारा इस एक पल को सोशल मीडिया चैनलों पर लाइव देखा गया है और इस वक्त पूरे देश में Chandrayaan-3 की सफ़लत लैंडिंग का जश्न मनाया जा रहा है. चांद के दक्षिणी पोल पर लैंड करने वाला भारत पहला देश बन चुका है और Chandrayaan-2 की असफलता के बावजूद ISRO द्वारा Chandrayaan-3 की प्लानिंग की गई और इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया. 

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वित्त मंत्री: इकॉनमी के डिजिटलाइजेशन में RRB भी करें सहयोग!

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश के दक्षिणी भाग में मौजूद RRBs द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन को जांचने के लिए इस वक्त चेन्नई में मौजूद हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Saturday, 05 August, 2023
Last Modified:
Saturday, 05 August, 2023
file Pic Nirmala Sitharaman

भारत सरकार इस वक्त डिजिटलाइजेशन पर प्रमुख रूप से काम कर रही है. सरकार शायद यह कोशिश कर रही है कि देश में ज्यादा से ज्यादा प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाया जाए जिससे इन्हें देश के नागरिकों के लिए आसान और सुविधाजनक बनाया जा सके. हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के दक्षिणी भाग में मौजूद RRBs (रीजनल रूरल बैंकों) से इकॉनमी के डिजिटलाइजेशन में सहयोग मांगा है. 

RRBs से मांगा सहयोग
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश के दक्षिणी भाग में मौजूद RRBs द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन को जांचने के लिए इस वक्त चेन्नई में मौजूद हैं. इस मौके पर उन्होंने RRBs से निवेदन किया कि वह डिजिटल तौर पर एक्टिव कस्टमर्स की वृद्धि पर अपना ध्यान केन्द्रित करें. जैसा कि हमने आपको बताया कि सरकार द्वारा इकॉनमी को ज्यादा से ज्यादा डिजिटल बनाने की कोशिश की जा रही है और इसी कोशिश को और बेहतर बनाने के लिए वित्त मंत्री ने RRBs से सहयोग मांगा है. 

इन बातों पर भी दें विशेष ध्यान
RRBs के प्रदर्शन को जांचने की बैठक की अध्यक्षता करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने RRBs से एक अन्य मुद्दे पर भी बैंकों का सहयोग मांगा है. वित्त मंत्री ने RRBs से मांग की है कि बैंक प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, PM SVANidhi, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, KCC (किसान क्रेडिट कार्ड) और भारत सरकार की अन्य फ्लैगशिप योजनाओं पर भी प्रमुख रूप से ध्यान दें.

सहयोग और आग्रह
देश के दक्षिणी भाग में स्थित RRBs का प्रदर्शन जांचने पहुंचीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि यहां स्थित RRBs के  क्रेडिट-डिपॉजिट रेशो और प्रोविजन कवरेज रेशो जैसे मानक राष्ट्रीय एवरेज से बेहतर हैं. इसके साथ ही उन्होंने RRBs और स्पॉन्सर बैकों से आग्रह किया कि वे सेविंग्स और करंट अकाउंट के रेशो (CASA Ratio) को भी बेहतर करें.
 

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मध्‍य प्रदेश में 4 अगस्‍त से शुरू होगा युवा इंटर्नशिप कार्यक्रम, इतने इंटर्न होंगे शामिल 

इस योजना को लाने का मकसद सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की निगरानी करना और उनका समर्थन करना होगा. इन्‍हें सरकार 8000 रुपये का वजीफा भी देने जा रही है. 

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 02 August, 2023
Last Modified:
Wednesday, 02 August, 2023
Shivraj Singh Chouhan

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 4 अगस्त को राज्य सरकार की प्रमुख योजना ‘मुख्यमंत्री युवा इंटर्नशिप कार्यक्रम’ के दूसरे चरण का उद्घाटन करने जा रहे हैं. इस कार्यक्रम के तहत, सरकार राज्‍य के 52 जिलों में प्रत्येक ब्लॉक में 15 इंटर्न (जिन्हें मुख्यमंत्री जनसेवा मित्र के रूप में जाना जाता है) की नियुक्ति करेगी. ये सभी इंटर्न राज्य के 52 जिलों के अंतिम छोर तक सरकार की योजनाओं की निगरानी करने के साथ ही उस पर नजर भी रखेंगे. प्रत्येक इंटर्न को उनकी इंटर्नशिप पूरी होने तक 8000 रुपये प्रति माह का वजीफा दिया जाएगा.

दूसरे चरण में क्‍या होगा खास? 
सरकार के इस दूसरे चरण में लगभग 4600 नए युवा इंटर्न, जन सेवा मित्र शामिल होंगे, जिससे ब्लॉक स्तर पर काम करने वाले इंटर्न की कुल संख्या लगभग 9,000 इंटर्न हो जाएगी. यह कार्यक्रम अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान (एआईजीजीपीए) के तत्वावधान में भोपाल के लाल परेड मैदान में आयोजित किया जाएगा. इस कार्यक्रम में सीएम पिछले छह महीनों में बेहतर कार्य करने वाले कुछ प्रशिक्षुओं को उत्कृष्टता प्रमाण पत्र भी प्रदान करेंगे. मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनके परिवार के सदस्यों से आमने-सामने बातचीत भी करेंगे. महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के दूसरे चरण की शुरुआत करने के अलावा, मुख्यमंत्री नव चयनित प्रशिक्षुओं को नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे.

सरकार की योजना पहुंचे हर जन तक 
शिवराज सरकार की इस योजना का मकसद राज्य के युवाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं को जमीनी स्तर पर मौजूद लोगों तक पहुंचाने का है. इस योजना का मकसद ये है कि कुशल लोगों का एक समूह तैयार किया जाए जो सामुदायिक जुड़ाव की दिशा में काम करेगा, योजना के डिस्‍ट्रीब्‍यूशन को मजबूत करेगा, विकास संबंधी कार्यों को पूरा करने में निर्वाचित सदस्यों का समर्थन करेगा और सूक्ष्म संचार को बढ़ावा देगा.

क्‍या है जन सेवा मित्र कार्यक्रम का मकसद?  
सरकार के इस जन सेवा मित्र कार्यक्रम का मकसद सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को लेकर आम आदमी की प्रतिक्रिया लेना है. इनका मकसद बड़े स्‍तर पर मौजूद डेटा के आधार पर पब्लिक सर्विस डिलीवरी को मजबूत करना,  योजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत करना, जिससे किसी भी क्षेत्र की लोकल समस्‍याओं को पहचाना जा सके. साथ ही ये भी देखने का मकसद है कि योजनाएं आम आदमी को कितना फायदा पहुंचा रही हैं. अगर नहीं पहुंचा रही हैं तो उसका क्‍या कारण है. दूसरे बैच के चयन के लिए आवेदन प्रक्रिया 2 जुलाई को शुरू हो चुकी है और 10 जुलाई तक जारी रहेगी.  राज्य भर में लगभग 4600 नए प्रशिक्षुओं का चयन किया गया, जिससे जिलों के प्रत्येक ब्लॉक में प्रशिक्षुओं की कुल संख्या 30 हो गई.

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