Women In Taste के जरिये रेणुका डंग-Double Tree By Hilton की अनूठी पहल

होम कुक्स को होटल के किचन में खाना बनाने का मौका मिलेगा. इससे आगरा घूमने आये ट्रैवलर्स कुछ नए तरीके के भोजन का भी आनंद भी उठा पायेंगे.

Last Modified:
Tuesday, 14 March, 2023
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उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित होटल डबलट्री बाय हिल्टन (Double Tree By Hilton) ने मंगलवार को होटल में ‘वीमन इन टेस्ट’ (Women in Taste) का आयोजन किया था. इस कार्यक्रम के जरिये होटल ने आगरा की महिलाओं को सशक्त बनाने का एक मंच प्रस्तुत किया है और इसमें आगरा के होम कुक्स ने अपनी कुकिंग स्किल का शानदार प्रदर्शन करने का मौका भी मिलेगा।

आगरा के लोकल खाने का आनंद उठा सकेंगे ट्रेवलर्स
होटल के एग्जीक्यूटिव शेफ अमित राणे ने Gourmet Club Of Agra  की अध्यक्ष डॉक्टर रेणुका डंग (डायटिशियन) के साथ मिलकर आगरा के 12 होम कुक्स को शॉर्टलिस्ट किया है. इन होम कुक्स को होटल के किचन में खाना बनाने का मौका मिलेगा. इससे आगरा में घूमने आये ट्रैवलर्स देसी भोजन का आनंद भी उठा पायेंगे. इस मौके पर डॉक्टर रेणुका डांग ने बताया कि हम हर दिन एक होम कुक  द्वारा तैयार किये गए दो या तीन पकवानों को बुफे में पेश करेंगे. यह एक 10 दिन लंबा कार्यक्रम होगा जिसे 15 मार्च से शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही 25 मार्च को इस कार्यक्रम का फिनाले आयोजित होगा जिसमें रात 7:30 बजे आयोजित होने वाले डिनर में दस दिन में सिखाई गई रेसिपी के व्यंजन उपलब्ध करवाये जाएगे.

डॉ. डंग ने बिजनेस वर्ल्ड हिंदी के साथ इस अनोखे आयोजन के बारे में बात करते हुए बताया कि ये Lost & Healthy Recipes का बुफे होगा, जो अपने आप में अद्भुत है। इसमें पनीर की खीर, कटहल बिरयानी, काली कढ़ाई के करेले, मैंगो सेलैड ले लेकर सिंधी रेसिपीज का समावेश होगा। 

प्रतिभा और कौशल का उत्सव है ‘वीमन इन टेस्ट’
इस अवसर पर होटल के मेनेजर श्याम कुमार ने कहा कि हम आगरा की महिलाओं के लिए कुछ खास करना चाहते थे जिसके लिए हम ‘वीमन इन टेस्ट’ कार्यक्रम के साथ सामने आये. यह एक विशेष कार्यक्रम है जिसे प्रतिभा और कौशल का उत्सव भी कहा जा सकता है. हम यहां चुनिन्दा महिलाओं को उनके खास पकवानों को कुक करने का मौका दे रहे हैं और इन पकवानों को नॉर्थ-27 के बुफे में परोसा जाएगा. 

ये हैं स्पेशल 12 होम कुक्स 
डॉक्टर रेणुका डंग के नेतृत्व में चुने गईं होम कुक्स के नाम कुछ इस प्रकार हैं – रिचा रल्ली, मानसी जुनेजा, हरलीन आहूजा, सिमरन अवतानी, अंजू बजाज, अंजू लालवानी, आशिमा गोयल, डॉक्टर वत्सला श्रीवास्तव, अंकिता मेहरोत्रा, सोनल गर्ग, ज्योति नय्यर और मीनल गुप्ता.

 
 

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ओह Emirates खुद को नंबर 1 बताने वाली एयरलाइन की नाकामी ने ब्रैंड दुबई की छवि को किया धूमिल 

क्या एमिरेट्स ने जो किया वो कहीं से भी कॉर्पोरेट बिहेवियर की परिभाषा में फिट बैठता है? दुनिया की सर्वश्रेष्ठ एयरलाइन की पारदर्शिता, जवाबदेही, निष्पक्षता और ग्राहक संतुष्टि क्या यही है?

Last Modified:
Tuesday, 23 April, 2024
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  • प्रबल बसु रॉय

प्रचार और पीआर कैंपेन से परे, किसी कंपनी या ब्रैंड के दावों और वास्तविक क्षमता की असली परीक्षा केवल प्रतिकूल परिस्थितियों और उस पर उसकी प्रतिक्रिया के दौरान ही होती है. दुबई में बारिश एमिरेट्स के दुनिया में नंबर 1 होने के दावे को परखने का एक मौका था, जिसमें ये एयरलाइन अधिकांश मामलों में बुरी तरह विफल रही. मेरा आशय संकट की घड़ी में दुबई पर टिप्पणी करना नहीं है. मुझे यकीन है कि दुबई इस अप्रत्याशित घटना के प्रभाव को कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. मैं विशेष रूप से एमिरेट्स (एयरलाइन) और संकट की घड़ी में अपने ग्राहकों के प्रति पारदर्शी, उत्तरदायी और संवेदनशील होने में उसकी असमर्थता को उजागर करना चाहता हूं. एमिरेट्स अपने यात्रियों को पहले रखने के सभी दावों में बुरी तरह विफल रही, और इससे यह साबित होता है कि संकट की स्थिति में इस एयरलाइन पर विश्वास बिल्कुल भी नहीं किया जा सकता.

एमिरेट्स की बदइन्तजामी और नाकामी 
मेरे एक युवा, करीबी रिश्तेदार सहित तमाम यात्रियों को एमिरेट्स की बदइन्तजामी और नाकामी का सामना करना पड़ा. चूंकि मैंने वास्तविक समय में घटित घटनाक्रम को फॉलो कर रहा था, इसलिए कुछ बेहद चौंकाने चीजें सामने आईं. मेरा रिश्तेदार सैन फ्रांसिस्को से दुबई होते हुए दिल्ली वापस आ रहा था. एमिरेट्स प्रबंधन ने यह अच्छी तरह से जानते हुए भी कि दुबई में स्थिति कितनी गंभीर है, कनेक्टिंग फ़्लाइट को समय पर दिखाया. जाहिर तौर पर आने वाली फ्लाइट समय पर नहीं उतर सकी और आखिरकार उसे 1.5 घंटे के बाद लैंड करने की अनुमति दी गई. चिंतित यात्री "ऑन टाइम" के बारे में सवाल-जवाब करने के लिए गेट की ओर भागे लेकिन एमिरेट्स की डेस्क पर कोई नहीं था. एक घंटे के बाद उन्हें मेल द्वारा सूचित किया गया कि फ्लाइट रद्द कर दी गई है और कनेक्शन डेस्क की तरफ प्रस्थान करें.

यात्रियों ने खड़े-खड़े पूरी रात गुजार दी
इस दौरान, जो कुछ सामने आया, वो एमिरेट्स में संवेदनशीलता का अभाव था. यात्रियों को साढ़े छह घंटे तक खड़ा रखा गया (2230 बजे से 0600 बजे तक) – एयरपोर्ट पर सैंकड़ों की भीड़ बदहवास नजर आ रही थी - पूरी रात उन्हें एयरलाइन की बदइन्तजामी और लापरवाही के चलते खड़े-खड़े काटनी पड़ी. इसमें वरिष्ठ नागरिक, गर्भवती महिलाएं एवं बच्चों के साथ-साथ कई ऐसे यात्री भी शामिल थे अमेरिका/कनाडा से 16 घंटे की कठिन उड़ान के बाद आगे की यात्रा के लिए दुबई पहुंचे थे. एयरलाइन की डेस्क पर उन्हें जानकारी देने वाला कोई नहीं था. ग्राहकों को यह तक नहीं बताया गया कि उन्हें बोर्डिंग पास बाद में दिए जाएंगे. हर छोटी जानकारी के लिए उन्हें बार-बार अपना ईमेल देखने पड़ रहा था. यदि यात्रियों को सही जानकारी दी जाती, तो उनके लिए भोजन-पानी की व्यवस्था करना और लाउंज में आराम करना संभव हो पाता. इसके साथ ही उनकी चिंता भी कुछ हद तक कम हो जाती. जानकारी के अभाव में भला कोई कैसे बिना चिंता के रह सकता है. 

फिर सामने आई एयरलाइन की नाकामी
जब कनेक्शन डेस्क अंततः सुबह 6 बजे बोर्डिंग पास देने के लिए बाध्य हुआ और 1000 बजे दिल्ली के लिए उड़ान की पुष्टि हुई, तो खड़े-खड़े रात गुजारने के कष्टदायक अनुभव के बाद यात्रियों ने एक झपकी, नाश्ते और आराम के लिए लाउंज का रुख किया. यह पुष्टि करने के बाद कि फ्लाइट समय पर है, सुबह 930 बजे लाउंज से बाहर निकले. वह फ्लाइट में सवार होने को लेकर बेहद उत्साहित थे, क्योंकि उनकी परेशानियों को अंत होने वाला था. हालांकि, ऐसा हुआ नहीं. एयरलाइन का काउंटर फिर खाली था, कोई कर्मचारी वहां नजर नहीं आ रहा था. 1000 बजे, उन्हें मैसेज के माध्यम से सूचित किया गया कि फ्लाइट एक घंटे की देरी से उड़ान भरेगी. यह प्रक्रिया पूरे चार बार दोहराई गई और अंततः 1500 बजे लाइट रवाना हो सकी. हैरानी की बात है कि एयरपोर्ट पर जानकारी देने के लिए एमिरेट्स का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था और  टर्मिनल पर फ्लाइट को ‘ऑन टाइम’ ही दर्शाया जा रहा था. अनाउंसमेंट के बजाए यात्रियों को मैसेज के माध्यम से सूचना दी जा रही थी. क्यों खुद को नंबर 1 बताने वाली इस एयरलाइन ने यात्रियों को उनके हाल पर छोड़ दिया? यदि फ्लाइट के स्टेटस के बारे में अग्रिम घोषणा कर दी गई होती, तो वह कुछ देर आराम कर पाते, उनका तनाव कुछ कम होता. जाहिर है यह एयरलाइन की प्राथमिकता नहीं थी.

दिल्ली पहुंचने के बाद भी खत्म नहीं हुई परेशानी
जब फ्लाइट दिल्ली पहुंची तो यात्रियों को एक और झटका लगा – उनका सामान नहीं था. दुबई में यात्रियों को एयरलाइन ने मैसेज भेजकर सूचित किया था कि उनका लगेज विमान में लोड कर दिया गया है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हुआ. एमिरेट्स की नाकामी की गाथा अभी खत्म नहीं हुई है. परेशान यात्रियों से कुछ फॉर्म भरने के लिए कहा गया, जिसके लिए कोई पीआईआर नहीं दी गई थी. हालांकि, यह वादा ज़रूर किया गया कि पीआईआर 24 घंटों में दी जाएगी और उसके माध्यम से वह एयरलाइन के बैगेज रिकवरी सिस्टम में अपने सामान को ट्रैक कर सकते हैं. संपर्क के लिए एक नंबर और ईमेल द्वारा भेजा गया. आज चार दिन हो गए और पीआईआर अब तक नहीं भेजा गया है. ईमेल काम नहीं कर रहे हैं और फोन नंबर पर जवाब नहीं दिया जा रहा है! 

केवल कमाई पर केन्द्रित है टॉप मैनेजमेंट
मेरे इस आर्टिकल के लिखने की तिथि तक अपनी प्रशंसा के पुल बांधने वाली एमिरेट्स के यात्रियों को नहीं पता है कि उनका सामान कहां है और वो उसे कैसे प्राप्त कर सकते हैं. अत्यधिक कम्प्यूटरीकृत प्रणाली के बावजूद एयरलाइन का कोई भी प्रतिनिधि सामान के बारे में कोई निश्चित जानकारी देने के लिए उपलब्ध नहीं है! यह स्थिति तब है जब हालात सामान्य हो गए हैं. हर रोज दुबई से दिल्ली चार फ्लाइट आ रही हैं. इससे प्रतीत होता है कि एमिरेट्स का शीर्ष प्रबंधन काल फ्लाइट ऑपरेट करके जेब भरने तक ही सीमित है. उसके लिए यात्रियों की परेशानी कोई मायने नहीं रखती.  

आज के समय में ग्राहक संतुष्टि केवल एक भ्रम
इस पूरे प्रकरण के माध्यम से मैं बस यही जानना चाहता हूं कि क्या एमिरेट्स ने जो किया वो कहीं से भी कॉर्पोरेट बिहेवियर की परिभाषा में फिट बैठता है? दुनिया की सर्वश्रेष्ठ एयरलाइन की पारदर्शिता, जवाबदेही, निष्पक्षता और ग्राहक संतुष्टि क्या यही है? हमारे नियामक और लाइसेंसिंग निकाय - नागरिक उड्डयन मंत्रालय की क्या भूमिका है? माननीय मंत्री ज्योतिर्दित्य सिंधिया और उनके पीएस को भेजे गए सभी संदेशों पर चुप्पी साध ली गई है. मुझे लगता है कि जिस दुनिया में हम रहते हैं उसमें ग्राहक संतुष्टि एक भ्रम है और तब तक यह भ्रम बना रहेगा जब तक हमारे पास परिभाषित एसएलए, अंतर्निहित दंड और इन सबसे ऊपर, जवाबदेही के साथ एक मजबूत नियामक वातावरण नहीं है.

(The author is a Sloan Fellow from the London Business School, Director and  Advisor to Chairmen of corporate boards)
 


आपकी आंख दिलाएगी फाइनेंशियल फ्रॉड से छुटकारा जानिए कैसे?

देश जैसे-जैसे डिजिटल हो रहा है वैसे ही ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे स्थिति में आपको इस तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए.

Last Modified:
Saturday, 20 April, 2024
online fraud

देश में बढ़ते फाइनेंशियल फ्रॉड को कम करने के लिए कई उपाय किये जा रहे हैं. ग्राहकों को और अधिक वित्तीय सुरक्षा देने, उनके लेनदेन की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए वाणिज्यिक बैंक वेरिफिकेशन के लिए आईरिस स्कैन (Iris Scan) के विकल्प का इस्तेमाल किया जा सकता है. ये विकल्प खास तौर पर वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए लाया जा रहा है. उम्र बढ़ने के कारण बुजुर्गों की उंगलियों के निशान भी अलग हो जाते हैं. जिसके कारण वेरिफिकेशन में परेशानी का सामना करना पड़ता है. 

Iris Scan स्थापित करने की तैयारी में SBI?

देश में पब्लिक सेक्टर का सबसे बड़ा बैंक SBI भी आईरिस स्कैन के विकल्पों की तलाश कर रहा है. पिछले साल ही भारतीय स्टेट बैंक ने इस बारे में कहा था कि वे अपने ग्राहकों और वरिष्ठ पेंशन भोगियों के लिए सीएसपी केन्द्रों पर आईरिस स्कैनर स्थापित करने के विकल्पों की तलाश कर रहे हैं. बता दें कि एक्सिस बैंक देश का पहला बैंक है, जिसने आईरिस प्रमाणीकरण सुविधा की शुरुआत की. बैंक ने अगस्त, 2018 में आधार आधारित आईरिस स्कैन के विकल्प की शुरुआत की थी.

भारत में लोग बड़ी संख्या में डिजिटल लेन-देन कर रहे हैं. इसके बावजूद सिक्योरिटी इशूज में कोई कमी नहीं आई है. शिक्षा की कमी और ऑनलाइन पेमेंट के बारे में जानकारी कम होने के कारण अधिकांश लोग ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं. ऑनलाइन धोखाधड़ी से लोग सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं. हालांकि, थोड़ी सावधानी से इससे आसानी से बचा जा सकता है. ये हैं कुछ प्रमुख कारण जिनके माध्यम से फाइनेंशियल फ्रॉड हो रहा है.

स्क्रीन शेयरिंग फ्रॉड- लोग अक्सर जल्दबाजी में धोखेबाज द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हैं और रिमोट एक्सेस/स्क्रीन शेयरिंग ऐप इंस्टॉल कर लेते हैंय जैसे ही आप उन्हें एक्सेस देते हैं, स्कैमर्स संवेदनशील जानकारी जैसे ओटीपी, सेव किए गए पासवर्ड, बैंकिंग क्रेडेंशियल आदि प्राप्त करके काम पर लग जाते हैं.

UPI फ्रॉड- भारत में सबसे ज्यादा ऑनलाइन लेन-देन UPI के जरिए होता है. ऐसे में स्कैमर्स अशिक्षित और ऑनलाइन पेमेंट की जानकारी कम रखने वाले यूजर्स को अपना शिकार बनाते हैं. UPI यूजर को स्कैमर अक्सर ऐसे मैसेज भेजते हैं, जिसमें उन्हें शानदार डील ऑफर की जाती है. इसके बाद वह थोड़ी बातचीत करते हैं और फिर पूछते हैं कि क्या वे ऑनलाइन पेमेंट करके प्रोडक्ट को बुक कर सकते हैं? इसके बाद यूजर खुशी -खुशी उनको पेमेंट करने लिए राजी हो जाते हैं और स्कैमर्स के जाल में फंस जाते हैं.

क्यूआर कोड से फ्रॉड- क्यूआर कोड स्कैम ने भारत में अपनी जगह बना ली है क्योंकि अधिकांश लोग अपने स्मार्टफोन से ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त क्यूआर कोड का उपयोग करते हैं. ज्यादातर स्कैमर्स ग्राहकों को संपर्क करके उनसे क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए कहते हैं. स्कैमर्स लोगों को उनके फोन पर बैंकिंग एप्लिकेशन का उपयोग करने के लिए आश्वस्त करते हैं और जैसे ही यूजर कोड को स्कैन करते हैं उनके अकाउंट से स्कैमर पैसे चुरा लेते हैं.

सर्च इंजन रिजल्ट में हेरफेर- बहुत से लोग अपने बैंकों, बीमा कंपनियों और व्यापारियों के कॉन्टैक्ट डिटेल प्राप्त करने के लिए सर्ज इंजन का सहारा लेते हैं. आमतौर पर यह बहुत अच्छे से काम करता है, लेकिन कभी-कभी, धोखेबाज SEO जैसी तकनीकों का उपयोग करके वास्तविक वेबसाइट में हेरफेर किए गए क्रेडेंशियल्स को रैंक कर देते हैं जिससे ग्राहक असली बैंक वेबसाइट के बजाय फर्जी वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं और वहां नंबर ले लेते हैं.

फिशिंग स्कैम- स्कैमर्स संस्थाओं से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर यूजर्स को बरगला सकते हैं. ऑनलाइन ट्रांजेक्श और ई-कॉमर्स के नए ग्राहक ऐसी वेबसाइटों की पहचान करने और लेनदेन को पूरा करने में विफल हो सकते हैं. मैसेजिंग ऐप और सोशल मीडिया पर ऐसी वेबसाइटों का URL मिलना आम बात है. इसके अलावा स्कैमर यूजर्स को SMS ब्रॉडकास्ट करने के लिए बल्क मैसेजिंग सेवाओं का भी उपयोग करते हैं.

क्या है जामताड़ा मॉडल?

झारखंड के जामताड़ा ज़िले में होने वाले अपराधों को 'जामताड़ा मॉडल' कहा जाता है. इस साइबर स्कैम में, अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों से पैसे ऐंठते हैं. जामताड़ा मॉडल अब कई जगहों पर फैल गया है. बिहार के छह ज़िलों में साइबर अपराधी सक्रिय हैं. राजस्थान, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर बसे तीन ज़िलों का त्रिकोण भी अब 'नया जामताड़ा' बनता जा रहा है.

यूजर्स को भी रहना होगा जागरुक

देश जैसे जैसे डिजिटल (Digital) हो रहा है वैसे ही ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड (Online Financial Fraud ) के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे स्थिति में अगर आप भी इस तरह की ऑनलाइन ठगी (online fraud) के शिकार हो जाते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि क्या करना है. ऐसी स्थिति में घबराने की बजाय कुछ जरूरी कदम उठा कर आप अपने पैसे वापस पा सकते हैं.
 


नहीं है वोटर आईडी कार्ड, तो भी आप कर सकते हैं वोटिंग, बस करना होगा ये काम

अगर आपके पास वोटर आईडी कार्ड नहीं है तो भी आप मतदान कर सकेंगे. इसके लिए आपको इन 11 जरूरी दस्तावेजों में से किसी एक को मतदान केंद्र में दिखाना होगा. फिर आप आसानी से मतदान कर सकेंगे.

Last Modified:
Thursday, 18 April, 2024
Voter Id

लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होना है. मतदाताओं में भी इसको लेकर खासा उत्साह है. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हो सकते हैं जिनका वोटर आईडी कार्ड (Voter ID Card) अपडेट होकर न आया हो या फिर गुम हो गया हो. उन मतदाताओं की चिंता का निवारण निर्वाचन आयोग (Elections Commission) ने कर दिया है. निर्वाचन आयोग का कहना है कि बना वोटर आईडी कार्ड के भी वोट डाला जा सकता है बशर्ते मतदाता के पास कुछ अन्य जरूरी आईडी कार्ड मौजूद हों. आइए जानते हैं वे कौन से दस्तावेज हैं, जिसके माध्यम से भी वोट डाला जा सकता है.

इन दस्तावेज से भी कर सकेंगे मतदान

चुनाव आयोग के मुताबिक, अगर कोई मतदान केंद्र पर वोटर आईडी कार्ड ले जाना भूल गया है, तब भी वो चुनाव में हिस्सा ले सकता है. नियमों के अनुसार, मतदान केंद्र पर वोटर आईडी के अलावा और भी ऐसे दस्तावेज हैं जिनको दिखाकर वोट करने की अनुमति मिल जाती है. ये दस्तावेज हैं-

- पासपोर्ट
- ड्राइविंग लाइसेंस
- अगर आप सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट के कर्मचारी हैं या फिर, PSUs और पब्लिक लिमिटेड कंपनी में काम कर रहे हैं तो कंपनी की फोटो आईडी के आधार पर भी मतदान किया जा सकता है
- PAN कार्ड
- आधार कार्ड
- पोस्ट ऑफिस और बैंक द्वारा जारी किया गया पासबुक
- MGNREGA जॉब कार्ड
- लेबर मिनिस्ट्री द्वारा जारी किया गया हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड
- पेंशन कार्ड जिसपर आपकी फोटो लगी हो और अटेस्टेड हो
- नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड
- सांसद या विधायक की तरफ से जारी आधिकारिक पहचानपत्र

इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि अगर आपके पास वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड या कोई भी वाजिब पहचान पत्र है लेकिन आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है, तो आप वोट नहीं दे सकते हैं. वोटर लिस्ट में नाम चेक करने के लिए आप चुनाव आयोग की एसएमएस सर्विस का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें आपको ‘ ECI (अपना EPIC नंबर)’ लिखकर 1950 नंबर पर एसएमएस भेजना होता है.
 


कल से शुरू लोकसभा चुनाव, कई राज्यों के बजट से ज्यादा होगा चुनाव का खर्च!

चुनाव आयोग की अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव पर हुए खर्च, लोगों की धारणा, अनुभव और अनुमान के आधार पर यह चुनाव में खर्च की गई कुल राशि का आकलन किया है.

Last Modified:
Thursday, 18 April, 2024
election spend

18वीं लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का चुनाव कल से शुरू हो रहा है. पहले चरण का मतदान 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) में फैले 102 चुनाव क्षेत्रों में होगा. सभी राजनीतिक दलों ने सत्ता का सुख पाने के लिए जोर-आजमाइश के साथ वो सभी पैतरें अपना रहे हैं, जिससे मतदाताओं को रिझा सकें. इसके लिए उम्मीदवार से लेकर पार्टी स्तर पर भी खूब पैसे उड़ाए जा रहे हैं. बड़े राजनीतिक दल जहां मीडिया, सोशल मीडिया में विज्ञापन देने के साथ पारंपरिक तरीके से प्रचार कर करोंड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं. जिसकी वजह से हर चुनाव में खर्च का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों और सरकारी खर्चों का छोटे राज्यों के बजट के बराबर पहुंच जाता है. 

कई गुना बढ़ा चुनावी खर्चा

1952 में हुए पहले चुनाव से लेकर 2019 के लोकसभा चुनाव तक चुनावी खर्च कई गुना बढ़ चुका है. चुनाव आयोग के मुताबिक, 1952 में हुए देश के पहले चुनाव में 10.5 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में यह खर्च बढ़कर 3,870.3 करोड़ रुपये पहुंच गया. गैर लाभकारी संगठन सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (CMS) की एक स्टडी के मुताबिक, 2019 के लोकसभा चुनाव में 55,000-60,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. वहीं, 2024 में यह खर्च बढ़कर 1.20 लाख करोड़ रुपये हो सकता है. 

2024 में खर्च हो सकते हैं 1.20 लाख करोड़

2024 लोकसभा चुनाव 7 चरणों में हो रहे हैं. इस चुनाव में धुआंधार खर्च प्रचार से लेकर विभिन्न गतिविधियों में किए जा रहे हैं. पिछले चुनाव में खर्च हुए आंकड़ों से पता चल रहा है कि इस बार का चुनाव खर्च 1.20 लाख करोड़ रुपये से अधिक पहुंच सकता है. भाजपा से लेकर कांग्रेस करोड़ों रुपये का विज्ञापन दे रही है. वहीं, स्टार प्रचारकों पर भी करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं. बड़े-बड़े नेता हेलिकॉप्टर और हवाई जहाज से पहुंचकर जनसभा को संबोधित कर रहे हैं. वहीं, इस बार करीब 96.8 करोड़ मतदाता देश में हैं, जो प्रधानमंत्री चुनेंगे.

2019 में 9000 करोड़ रुपये हुए खर्च

भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा और 303 सीटें जीतीं. इस बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री चुने गए, लेकिन चुनावी खर्च में बेहताशा वृद्धि हो गई. इस चुनाव में 9000 करोड़ रुपये खर्च किए गए. जोकि पिछले चुनाव के अपेक्षा लगभग तीन गुना अधिक था. इस चुनाव में 90 करोड़ मतदाता थे, जिसमें से 67.4 फीसद ने मतदान किया था. इस चुनाव में एक वोटर पर करीब 100 रुपये खर्च हुए.

क्या होती है खर्च की सीमा

चुनाव में खर्च की सीमा उस राशि को कहते हैं, जो उम्मीदवार चुनाव अभियान में वैध रूप से खर्च कर सकता है. इसमें पब्लिक मीटिंग, रैली, विज्ञापन, पोस्टर- बैनर और वाहन पर होने वाला खर्च शामिल है. चुनाव खत्म होने के 30 दिन के अंदर सभी उम्मीदवारों को खर्च का विवरण चुनाव आयोग को देना होता है. ऐसा करना जरूरी है.

पार्टियों के लिए नहीं है खर्च की सीमा

चुनाव में कोई राजनीतिक दल कितना खर्च कर सकता है, इसकी तो कोई सीमा नहीं है, लेकिन लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के लिए यह राशि 95 लाख रुपये तय की गई है. इसी तरह विधानसभा चुनाव में एक प्रत्याशी 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. कुछ छोटे राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में लोकसभा प्रत्याशी के लिए खर्च की सीमा 75 लाख रुपये और विधानसभा प्रत्याशी के लिए खर्च की सीमा 28 लाख रुपये है.
 


इस होम्योपैथी दवा से नशे की लत से मिलेगा छुटकारा, देखिए कैसे काम करती है ये मेडिसिन?

आज हम आपके ऐसे डॉक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने नशे को खत्म करने का बीड़ा उठाया है. जो लोग नशे की आदत से छुटकारा चाहते हैं लोग उन्हें अपना मसीहा मानते हैं

Last Modified:
Sunday, 14 April, 2024
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किसी भी तरह के नशे की लत (Addiction) नुकसानदायक ही होती है. नशे से छुटकारा पाना भी लगभग सभी लोग चाहते हैं, लेकिन यह आसान काम नहीं है क्योंकि जो व्यक्ति नशे का आदी है, उसका शरीर उसे इसकी इजाजत ही नहीं देता. नशा छोड़ने की कोशिश करने पर शरीर पर ऐसे-ऐसे आफ्टर इफेक्ट दिखते हैं कि व्यक्ति फिर से नशे की ओर मुड़ जाता है. लेकिन आज हम आपके ऐसे डॉक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने नशे को खत्म करने का बीड़ा उठाया है. जो लोग नशे की आदत से छुटकारा चाहते हैं लोग उन्हें अपना मसीहा मानते हैं. इनके द्वारा अविष्कृत मेडिसिन के सेवन से सिगरेट शराब तथा हर प्रकार की ड्रग्स बहुत ही आसानी से छोड़ी जा सकती है.

घर बैठे मंगा सकते हैं मेडिसिन

ऐसी अद्वितीय औषधि के आविष्कारक और कोई नहीं डॉक्टर मोहम्मद शोएब खान है. जितनी विचित्र इनकी औषधि है उतनी ही विचित्र इनका किसी व्यक्ति के डायग्नोसिस का तरीका भी है. यह मेडिसिन मोबाइल फोन अथवा इंटरनेट के द्वारा विश्व के किसी भी कोने में ऑडर कर इस्तेमाल की जा सकती है. नशे से पीड़ित व्यक्ति को केवल उनकी वेबसाइट www.nashamukti.com , www.de-addiction.com अथवा www.deaddiction.in के चैट रूम में लॉग इन करना पड़ता है या फिर मोबाइल 9868742743, 09211456256 अथवा 9411453526 पर कॉल करना पड़ता है.

कैसे किया जाता है इलाज?

चैट रूम में चैट करते समय अथवा मोबाइल पर कॉल करते समय नशे से पीड़ित व्यक्ति को अपनी पसंद की सिगरेट पीने, गुटका खाने अथवा शराब सूंघने को कहा जाता है इसके साथ ही डिटॉक्सिन मेडिसिन की उनमें ट्रांसमिट की जाती है. इस मेडिसिन के प्रभाव से सिगरेट, गुटखा फीके लगने लगते हैं तथा शराब की बदबू धीमी लगने लगती है. जिस मेडिसिन से ऐसा होता है वहीं नशे से पीड़ित व्यक्ति को खाने को दी जाती है जिससे नशा 1 दिन में छूट जाता हैं लेकिन शराब के लिए 2 माह का कोर्स आवश्यक है. ड्रग्स के केस में पीड़ित व्यक्ति को बिना ड्रग्स लिए दर्द होने के समय टेस्टिंग की जाती है तथा 10 मिनट में दर्द दूर होने पर मेडिसिन दी जाती है जिससे 4 दिन में ड्रग्स छूट जाती है लेकिन फिर भी 3 मास का कोर्स करना अनिवार्य होता है.

25,000 पीड़ित व्यक्तियों का किया इलाज

डॉ. मुहम्मद शोएब खान बताते हैं कि नशे के सेवन से शरीर का वोल्टेज तथा आवेश ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है. मेडिसिन से उसे आवश्यक स्थान पर लाया जाता है. वह कहते हैं कि पिछले 30 वर्षों में उन्होंने विभिन्न प्रकार के लगभग 25,000 पीड़ित व्यक्तियों का सफलता पूर्वक उपचार किया हैं. उनके द्वारा स्वास्थ्य लाभ पाने वाले लोगों में दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एम एस ए सिद्दीकी, रिटायर एअर वाइस मार्शल अरविंद डाल्या, एस्कॉर्ट हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रमेश चांदना, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के निदेशक अबरार अहमद, फिल्म निर्माता कुंवर विक्रम सिंह इत्यादि है तथा वह रिलायंस इंडस्ट्री के साथ मिलकर भी कई लोगों का उपचार कर चुके हैं.

दवा का नहीं है कोई साइड इफेक्ट

डॉ. खान का दावा है कि उनकी दवा का न तो कोई साइड इफेक्ट है और न ही इसकी अपनी कोई लत है. मेडिसिन नशे के प्रति घृणा भी उत्पन्न करती है और नशीले पदार्थों से शरीर को हुए नुकसान की भरपाई भी करती है. वर्तमान में डॉ. खान हौज रानी मालवीय नगर नई दिल्ली में अपना क्लिनिक चला रहे हैं और उनके पास प्रतिदिन तीन से चार मरीज आते हैं. अपनी नई आविष्कृत दवाओं के साथ क्लिनिकल परीक्षण के लिए उनका आवेदन सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी में लगभग 25 वर्षों से लंबित है. 

सरकार इस दवा के इस्तेमाल की दे मंजूरी

वह नशे के प्रभावी उपचार के प्रति उदासीनता के लिए सरकार को सीधे तौर पर दोषी ठहराते हैं. अगर सरकार ने उनके अभियान को संरक्षण दिया होता, तो ये नशे को खत्म करने में बहुत कारगर साबित होती. इसके साथ ही डॉक्टर का कहना है कि मैं चाहता हूं कि मेरी दवा का क्लिनिकल परीक्षण किया जाए और अगर नशे को खत्म करने में प्रभावी पाया जाता है, तो इस मेडिसिन को भारत सरकार द्वारा अस्पतालों में इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

 

(डिस्क्लेमर: उपरोक्त लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. ये विचार पब्लिशिंग हाउस के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं न ही उन्हें दर्शाते है.लेखक यह लेख अपनी व्यक्तिगत क्षमता में लिख रहा है. उनका उद्देश्य किसी भी एजेंसी या संस्था के आधिकारिक विचारों, दृष्टिकोणों या नीतियों का प्रतिनिधित्व करना नहीं है और न ही ऐसा माना जाना चाहिए.)


एयरोसिटी फेस्‍टिवल का हुआ भव्य आयोजन, लोगों ने शानदार तरीके से किया ‘Weekend’ का ‘End’

नई दिल्ली के जीएमआर एरोसिटी स्थित द स्क्वायर में आयोजित दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम ने दिल्ली और अन्य स्थानों से आए दर्शकों का मन मोह लिया.

Last Modified:
Saturday, 13 April, 2024
Fest

एरोसिटी एंटरटेनमेंट फेस्ट 2024 का भव्य आयोजन किया गया. इस फेस्ट को हाजमोला, BW Businessworld और GMR Aerocity द्वारा प्रस्तुत व आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में Bisleri Limonata रिफ्रेशमेंट पार्टनर, 24SEVEN कन्वीनियंस पार्टनर, JT Talent एंटरटेनमेंट पार्टनर, Meena Bazaar क्लोथिंग पार्टनर, Arckbeauty & makeup byrua मेकअप पार्टनर, Joya Art Jewellers by Honey Creations ज्वैलरी पार्टनर और Weaving Threads फुटवियर पार्टनर थे. अन्य इवेंट सपोर्ट पार्टनर्स में जॉय ट्रैवल्स (Joy Travels), फैंड्रम (Fandrum), थिकशेक फैक्ट्री (Thickshake Factory), रियल्टी+ (Realty+), ई4एम (E4M), आईडब्ल्यूएम बज़ (IWM Buzz), इम्पैक्ट (Impact), पिच (Pitch) और वीडियो प्रोडक्शन शामिल थे.

फेस्ट 2024 का हुआ भव्य आयोजन

कार्यक्रम की शुरुआत ऊर्जा डांस ट्रूप द्वारा डांस फ्यूजन के एक रोमांचक फ्लैश मॉब प्रदर्शन के साथ हुई, इसके बाद दर्शकों ने लिफ्टअप्रोमीडिया- नुक्कड़ नाटक समूह द्वारा फैमिली मैडनेस: ए डेली ड्रामा नामक एक मज़ेदार नुक्कड़ नाटक का आनंद लिया, जिसमें सार्वजनिक परिवहन की अव्यवस्था पर व्यंग्य किया गया था. जादूगर विनोद कुमार द्वारा पेश किए गए जादू के करतबों ने सबका मन मोह लिया. परनीत सिंह, साहिल शर्मा और कनिष्का शर्मा के शानदार संगीत ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया. इस बीच, फेस्टिवल में लोगों ने फेस्ट फन ब्रेक का आनंद लिया, जिसमें एंटरटेनमेंट मस्कट ब्लू फॉक्स और बम्बल बी ट्रांसफॉर्मर और एंगेजमेंट ज़ोन में आर्केड गेमिंग शामिल थे.

संगीतमय प्रस्तुति ने लगाए चार चांद

जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया नज़्म अनप्लग्ड ने संगीतमय प्रस्तुति के साथ फेस्ट में चार चांद लगा दिए, इसके बाद मनोज भंडारी ने एक स्टैंड-अप शो किया, इसके साथ ही लोगों ने मीना बाज़ार और आर्कब्यूटी एंड मेकअपबायरूआ के सौजन्य से एक आकर्षक फैशन फिएस्टा का आनंद लिया. वहीं मालविका श्रीवास्तव और उनके बैंड द्वारा संगीतमय शाम में समा बांध दिया. सूफी बैंड ने मोहित सिंह द्वारा रचित रंगरेज़ और तथा देविका अरोड़ा और उनके संगीत बैंड द्वारा प्रस्तुत किए गए गानों से इस भव्य फेस्ट का समापन हुआ जो सभी लोगों के लिए एक यादगार अनुभव रहा. 

लोगों ने लिया भरपूर आनंद

एरोसिटी एंटरटेनमेंट फेस्ट 2024 ने कलाकारों के बेहतरीन प्रदर्शनों, कई आकर्षणों केंद्रो और यादगार अनुभवों ने लोगों को आकर्षित किया. संगीत, कला, भोजन और संस्कृति के मिश्रण के साथ एरोसिटी एंटरटेनमेंट फेस्ट ने सभी के लिए कुछ न कुछ जरूर था. विभिन्न शैलियों के प्रसिद्ध कलाकारों के लाइव संगीत ने जनता को मनमोहित कर दिया. इसके साथ ही फेस्ट में उपस्थित लोगों ने स्थानीय विक्रेताओं के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लिया.

कार्यक्रम में विदेशी भी शामिल हुए

इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण गेमिंग जोन था, जिसने पूरे दिन दर्शकों को बांधे रखा. विकएंड पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में लोगों को संगीत, भोजन और डांस के विभिन्न रूप देखने को मिले. इस उत्सव में न केवल भारतीय बल्कि एरोसिटी के होटलों के आस-पास रहने वाले विदेशी भी शामिल हुए. इस कार्यक्रम ने देश भर के कई विक्रेताओं को मंच भी प्रदान किया. BW बिजनेसवर्ल्ड और GMR एरोसिटी ने फैशन फिएस्टा के लिए अपने फुटवियर पार्टनर्स, आउटरीच पार्टनर्स Paytm इनसाइडर और बुकमायशो, टीवी पार्टनर NewsX, गिफ्टिंग पार्टनर बीनली, इवेंट सपोर्ट पार्टनर्स जॉय ट्रैवल्स, फैंड्रम, थिकशेक फैक्ट्री, रियल्टी+, E4M, आईडब्ल्यूएम बज़, इम्पैक्ट और पिच का आभार व्यक्त किया.
 


पर्यावरण सुरक्षा और स्‍वरोजगार है इस 3000 किलोमीटर से लंबी यात्रा का मकसद 

ये यात्रा 30 दिनों में 3333 किमी की दूरी तय कर पर्यावरण जागरुकता और महिलाओं में रोजगार की भावना को पैदा करने का प्रयास करेगी. 

Last Modified:
Saturday, 09 March, 2024
Sustainability

महिला सशक्तिकरण के साथ देश में हरित पर्यावरण का मजबूत संदेश देने के लिए भारत की पहली इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर रैली लॉन्च की गई है जो कन्याकुमारी से कश्मीर तक देश के एक छोर से दूसरे छोर की दूरी तय करेगी.  इस यात्रा की खास बात ये है कि ये पूरी तरह से महिला थ्री व्हीलर से होगी. इस यात्रा को भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कंपनी (इमास) और महिलाओं के सामाजिक उत्थान, उद्यम तथा कौशल गतिशीलता के लिए प्रतिबद्ध सामाजिक संगठन एमओडब्लूओ के साथ मिलकर ईटीओ मोटर्स इंडिया ने इस अनोखे 'ईटीओवाली' रैली का आयोजन किया है.  

यात्रा का ये है मकसद 
इस रैली में 8 सदस्यीय महिलाओं का टीम है जो इलेक्ट्रिक 3-पहिया वाहन, एक इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल और एक इलेक्ट्रिक एसयूवी के साथ कन्याकुमारी से कश्मीर का सफर करेंगी. महिलाओं की यह रैली टीम 30 दिनों में 3333 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करेगी. महिला थ्री-व्हीलर रैली को कन्याकुमारी से हरी झंडी दिखाई जाएगी जिसके बाद यह रैली मदुरै, बेंगलुरु, हैदराबाद, नागपुर, इंदौर, जयपुर और दिल्ली से होते हुए जम्मू में समाप्त होगी. इस रैली का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ यह संदेश देना भी है कि कैसे इलेक्ट्रिक 3-पहिया वाहन स्थिर आजीविका की तलाश कर रही महिलाओं के लिए रोजगार का एक बेहतर अवसर प्रदान कर सकती हैं.

राज्‍यों में जुड़ेंगे अलग-अलग लोग 
कन्‍याकुमारी से शुरू होने वाली ये यात्रा जब विभिन्न प्रदेशों में जब यह रैली प्रवेश करेगी तब राज्यों के परिवहन, महिला कल्याण मंत्रालयों तथा अन्य सरकारी संस्थाओं के सहयोग से इस दौरान विशेष जागरूरकता कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी. इन कार्यशालाओं में हरित परिवहन के साधन के रूप में ईवी की बेहद महत्वपूर्ण हो रही भूमिका को रेखांकित कर जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. इसके साथ ही देश की आधाी आबादी को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों में किस तरह महिलाएं काम के घंटे चुनने के लचीलेपन के साथ अपनी आय बढ़ाने के लिए ऑटो ड्राइविंग के माध्यम से सूक्ष्म उद्यमी बन सकती हैं.

इस यात्रा से हम हैं रोमांचित  
इस रैली को झंड़ी दिखाकर रवाना करने के मौके पर अपने संबोधन में ईटीओ मोटर्स के निदेशक सुरेंद्र नाथ ने कहा हम एमओडब्लूओ और सिडबी के साथ साझेदारी करके रोमांचित हैं. ‘ईटीओवाली’ कार्यक्रम हमारे महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम ‘ईटीओ एम्पावर्स’ से बहुत निकटता से जुड़ा हुआ है जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य और जीवन बीमा कवरेज जैसे अत्यधिक लाभकारी प्रोत्साहन प्रदान करने के साथ-साथ ड्राइवरों को उचित रोजगार के अवसर प्रदान करना है. "ईटीओवाली" को विशेष रूप से महिलाओं को इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर्स के बारे में जागरूक करने के लक्ष्य के साथ इस तथ्य से जागरूक करने के लिए भी तैयार किया गया है कि यह आधी आबादी को सुरक्षित और टिकाऊ रोजगार के अवसर प्रदान करता है. ‘ईटीओवाली’ कार्यक्रम को कई चरणों में विभाजित किया गया है. मार्च 2024 में पहला चरण महिलाओं की रैली पर केंद्रित होगा और जागरूकता बढ़ाएगा। दूसरे चरण में 500 महिलाओं का चयन किया जाएगा जिन्हें ई3डब्ल्यू चलाने और भारत के कई शहरों में सेवाएं शुरू करने के लिए प्रशिक्षित कर जरूरी ड्राइविंग कौशल प्रदान किया जाएगा.


DGCA ने Air India पर लगाया इतने करोड़ का जुर्माना, वजह जानकर रह जायेंगे दंग!

DGCA के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि एक वरिष्ठ पायलट द्वारा एयर इंडिया के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 24 January, 2024
Last Modified:
Wednesday, 24 January, 2024
Air India

डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और एयर इंडिया (Air India) को लेकर इस वक्त एक काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. हाल ही में DGCA ने सूचना देते हुए बताया है कि उसने एयर इंडिया के खिलाफ प्रमुख रूप से एक्शन लेते हुए 1.10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. एयर इंडिया पर ये जुर्माना सेफ्टी के नियमों का उल्लंघन करने के लिए लगाया गया है. 

Air India के खिलाफ क्यों लिया गया एक्शन?
एक बयान देते हुए DGCA ने बताया कि एयर इंडिया (Air India) द्वारा किराए पर लिए गए बोइंग 777 प्लेन को अमेरिका भेजा गया जबकि इसमें आवश्यक इमरजेंसी ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम मौजूद नहीं था. DGCA के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि एक वरिष्ठ पायलट द्वारा एयर इंडिया के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा गया था कि एयरलाइन द्वारा बोइंग 777 हवाई जहाजों को बिना आवश्यक आपातकालीन ऑक्सीजन सिस्टम के अमेरिका तक उड़ान भरने की मंजूरी दी गई. इसी शिकायत के आधार पर सिविल एविएशन मंत्रालय और DGCA ने एयर इंडिया के खिलाफ एक्शन लिया है. 

क्यों दर्ज करवाई है शिकायत?
जिस पायलट द्वारा एयर इंडिया (Air India) के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई थी वह B777 कमांडर के रूप में काम कर चुका है और इस अभ्यास के बारे में पायलट ने मंत्रालय और DGCA के समक्ष 29 अक्टूबर को शिकायत दर्ज करवाई थी. आपको बता दें कि यह पायलट अब एयरलाइन के साथ काम नहीं करते हैं. आपको बता दें कि ज्यादातर एयरक्राफ्ट्स में सिलिंडर होते हैं जिनकी मदद से ओवरहेड मास्क्स में ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है और कैबिन के डि-प्रेशर होने की स्थिति में ही ओवरहेड मास्क्स की जरूरत पड़ती है. इन सिलिंडरों के द्वारा कैबिन में 12-15 मिनट प्रति यात्री की दर से ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है. 

जरूरी हैं ये बातें
इतना समय प्लेन के लिए काफी होता है और इस समय के दौरान हवाई जहाज 10,000 फीट जितनी ऊंचाई तक आ जाते हैं और इसे इंसानों के लिए ठीक वातावरण माना जाता है. इस ऊंचाई पर आकर एयरक्राफ्ट को ठंडा करने के लिए और लोगों के सांस लेने के लिए प्लेन के इंजन से हवा ली जाती है. लेकिन अगर कोई जहाज काफी ऊंचे पर्वतों पर उड़ान भर रहा है तो वह 10,000 फीट जितनी ऊंचाई पर तभी आ सकता है जब वह पर्वत श्रृंखला को पार कर ले. इसका मतलब ये है कि प्लेन को ज्यादा ऊंचे एलटीट्यूड पर ज्यादा अधिक समय तक उड़ान भरनी पड़ेगी और इसके लिए एयरक्राफ्ट में अतिरिक्त सिलिंडरों की आवश्यकता भी पड़ती है, ताकि 25-30 मिनट तक यात्रियों के मास्क तक ऑक्सीजन सप्लाई की जा सके.
 

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Ayodhya Ram Temple: जानिए कब कहां और कैसे देख पाएंगे प्राण प्रतिष्ठा समारोह?

कार्यक्रम का प्रसारण गांव के साथ-साथ देश के विभिन्न शहरी इलाकों और सार्वजनिक जगहों पर भी किया जाएगा.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Thursday, 18 January, 2024
Last Modified:
Thursday, 18 January, 2024
Ram Mandir

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि करीब आ रही है और ज्यादा से ज्यादा लोग इस कार्यक्रम का हिस्सा बनना चाहते हैं. साथ ही लोग ये भी जानना चाहते हैं कि आखिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को कब और कहां देखा जा सकता है? आपको बता दें कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को 22 जनवरी को दूरदर्शन पर लाइव देखा जा सकता है. 

कितने बजे से शुरू होगा लाइव टेलीकास्ट?
राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Temple Trust) ने लोगों से अपील की है कि वह इस कार्यक्रम में वर्चुअली हिस्सा लें और साथ ही ट्रस्ट के द्वारा यह जानकारी भी दी गई है कि कार्यक्रम का प्रसारण गांव के साथ-साथ देश के विभिन्न शहरी इलाकों और सार्वजनिक जगहों पर भी किया जाएगा. 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में वाराणसी के पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के द्वारा ही प्रमुख परंपराओं को पूरा किया जाएगा. सुबह 11 बजे से प्राण प्रतिष्ठा समारोह का लाइव प्रसारण शुरू हो जाएगा और दोपहर 1 बजे तक इस कार्यक्रम का प्रसारण अयोध्या के राम मंदिर से किया जाएगा.

कहां देखें लाइव प्रसारण?
अयोध्या धाम के राम मंदिर में होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के लिए तैयारियां की जा रही हैं. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का पूरा प्रसारण दूरदर्शन न्यूज (DD News) और दूरदर्शन के सभी राष्ट्रीय चैनलों पर किया जाएगा. दूरदर्शन द्वारा लाइव प्रसारण की फीड को अन्य न्यूज एजेंसियों के साथ भी साझा किया जायेगा और अन्य न्यूज ब्रॉडकास्टरों के लिए दूरदर्शन द्वारा एक यूट्यूब लिंक भी साझा किया जाएगा. दूरदर्शन द्वारा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के लिए पूरी अयोध्या नगरी में लगभग 40 कैमरे लगाए जायेंगे और राम मंदिर के प्रांगण में भी दूरदर्शन द्वारा कैमरे लगाए जाएंगे. दूरदर्शन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि पूरे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्राम का प्रसारण 4K टेक्नोलॉजी में किया जाएगा. 

कहां-कहां होगा लाइव प्रसारण?
जहां एक तरफ दूरदर्शन द्वारा प्रमुख राम मंदिर के प्रांगण को दिखाया जाएगा वहीं सरयू घाट के पास मौजूद राम की पैड़ी, कुबेर टीले पर मौजूद जटायु की मूर्ति और अन्य जगहों से भी लाइव प्रसारण किया जाएगा. इसके साथ ही देश भर में मौजूद सभी मंदिरों, विदेशों में मौजूद भारतीय दूतावासों और अन्य दूतावासों में भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाएगा.
 

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दिल्‍ली की सर्दी में कांपा रेलवे का 139 सिस्‍टम, जिस ट्रेन को बताया कैंसिल वो आ गई

कोहरे के कारण इस वक्‍त रेल, सड़क और हवाई सभी प्रकार के यात्रियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 

ललित नारायण कांडपाल by
Published - Tuesday, 16 January, 2024
Last Modified:
Tuesday, 16 January, 2024
Northern Railway

कोहरे का सितम रोड, हवाई जहाज से लेकर रेलवे पर बुरी तरह पड़ा है. हर यातायात में सफर करने वाले यात्री बुरी तरह से परेशान हैं. लेकिन इन्‍हीं परिस्थितियों में हमारी व्‍यवस्‍थाओं की परख भी होती है. लेकिन रेलवे का 139 सिस्‍टम दिल्‍ली की सर्दी में ऐसा हांपा कि दिल्‍ली-कानपुर शताब्‍दी से सफर करने वाले एक शख्‍स को पहले तो सिस्‍टम बताता रहा कि ट्रेन देरी से आ रही है लेकिन उसी ट्रेन को कुछ देर बाद कैंसिल बता दिया. लेकिन हद तो तब हो गई जब यात्री ने देखा कि कुछ घंटे बाद वो ट्रेन आ गई. लेकिन तब तक वो यात्री दूसरी ट्रेन में टिकट कर चुका था. कोहरे के कारण यात्रियों को इसी तरह की कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 

आखिर क्‍या है ये पूरा मामला? 
दरअसल दिल्‍ली में अपनी रिश्‍तेदारी में आए ओम हरि शर्मा अपनी पत्‍नी और पुत्रबधू के साथ दिल्‍ली आए हुए थे. उन्‍होंने मंगलवार को कानपुर जाने के लिए ट्रेन नंबर 12034 नई दिल्‍ली-कानपुर सेंट्रल ट्रेन से तीन टिकट कराई हुई थी. कोहरे के कारण गा‍ड़ी के लेट होने की खबरों के बीच एक ओर जहां वो अपनी गाड़ी को लाइव ट्रैकिंग सिस्‍टम पर वॉच कर रहे थे तो दूसरी ओर 139 पर पूछताछ कर रहे थे. 
ओम हरि शर्मा ने बताया कि पहले तो 139 सिस्‍टम ये बताता रहा कि ट्रेन काफी घंटे लेट है. लेकिन उसके बाद 139 ने ये बता दिया कि ट्रेन कैंसिल हो गई है. इस पर जब उन्‍होंने जब टिकट को कैंसिल करना चाहा तो उसमें दो विकल्‍प दिखाने लगा या तो आपकी ट्रेन 3 घंटे देरी से हो या कैंसिल हो चुकी हो. लेकिन आईआरसीटीसी के एप से ये टिकट कैंसिल नहीं हो पाई. अकेले ओम हरि शर्मा ही नहीं बल्कि कई और भी यात्री रेलवे स्‍टेशन पर गाडि़यों की सही जानकारी न मिलने के कारण परेशान दिखे. किसी को उसकी गाड़ी की सही जानकारी नहीं मिल रही थी तो कोई दूसरी व्‍यवस्‍थाओं के कारण परेशान थे. 

अब ये उन्‍हें सता रही है ये चिंता 
ओम हरि शर्मा का जाना जरूरी था तो उन्‍होंने कानपुर सेंट्रल शताब्‍दी की टिकट छोड़कर लखनऊ शताब्‍दी से टिकट करा दी. अब ओम हरि शर्मा का कहना है कि 139 की गलती के कारण जो जानकारी मिली और उसके बाद टिकट कैंसिल हो पाई तो उसका रिफंड उन्‍हें मिलेगा भी या नहीं. दूसरा ये कि जब ट्रेन कैंसिल नहीं थी तो 139 ने उसे कैंसिल क्‍यों बताया. 

क्‍या कहता है रेलवे? 
नार्दन रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार का कहना है कि जहां तक यात्री के टिकट के रिफंड का सवाल है तो वो स्‍टेशन पर जाकर टीडीआर (टिकट डिपॉजिट रिसिप्‍ट) ले सकते हैं. उससे उन्‍हें रिफंड मिल जाएगा. वहीं दूसरी ओर 139 के गलत जानकारी देने का सवाल है तो इसे चेक कराया जाएगा कि आखिर ऐसा कैसे हुआ. 

कई ट्रेनों पर पड़ा है कोहरे का असर 
कोहरे का असर कई ट्रेनों पर पड़ा है. यूपी, हरियाणा, राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश और दूसरे कई राज्‍यों की ओर जाने वाली कई ट्रेनें इसके चलते प्रभावित हुई हैं. अकेले 16 जनवरी को दो दर्जन से ज्‍यादा ट्रेनों पर कोहरे का असर हुआ है.