ब्रिटिश कंजर्वेटिव सांसद और यूनाइटेड किंगडम के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सनक ने रविवार को घोषणा की कि वह निवर्तमान प्रधानमंत्री लिज ट्रस की जगह लेने के लिए रेस में फिर से शामिल होंगे.
नई दिल्लीः ब्रिटिश कंजर्वेटिव सांसद और यूनाइटेड किंगडम के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सनक ने रविवार को घोषणा की कि वह निवर्तमान प्रधानमंत्री लिज ट्रस की जगह लेने के लिए रेस में फिर से शामिल होंगे. यह दूसरा मौका होगा, जब सुनक ब्रिटेन के पीएम बनने के लिए अपनी दावेदारी को पेश करेंगे.
ट्वीट कर की घोषणा
सुनक ने इस बारे में ट्वीट करते हुए कहा, "यूनाइटेड किंगडम एक महान देश है, लेकिन हम एक गहन आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं." उन्होंने कहा, "मैं अपनी अर्थव्यवस्था को ठीक करना चाहता हूं, अपनी पार्टी को एकजुट करना चाहता हूं और अपने देश के लिए काम करना चाहता हूं."
मुकाबले में बोरिस जॉनसन
जब से लिज ट्रस ने प्रधान मंत्री के रूप में इस्तीफा दिया है, ऋषि सनक के समर्थन ने 100 की दहलीज को पार कर लिया है, जिसने उन्हें इस पद के लिए फिर से दौड़ने के योग्य बना दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन को भी 100 सांसदों का सपोर्ट है. ऋषि सनक ने एक बयान में कहा, "मैं जिस सरकार का नेतृत्व करता हूं, उसके हर स्तर पर ईमानदारी, व्यावसायिकता और जवाबदेही होगी और मैं दिन-रात काम करूंगा."
पार्टी के सांसदों को पछतावा
कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के एक नए YouGov पॉलिटिकल पोल में पता चला है कि पार्टी सदस्यों के बीच में लिज ट्रस को नेता चुनने के फैसले को लेकर पछतावा है.
ऋषि सुनक को मौका देना चाहती है पार्टी
YouGov के एक विश्लेषण में कहा गया है, कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के एक नए YouGov पॉलिटिकल पोल में पता चला है कि पार्टी सदस्यों के बीच में लिज ट्रस को नेता चुनने के फैसले को लेकर पछतावा है. YouGov ने यह भी पाया कि बहुमत वाले (55 प्रतिशत) सदस्यों का मानना है कि ट्रस को पार्टी के नेता और प्रधान मंत्री के रूप में कई बार यू-टर्न के लेने के बाद बाद इस्तीफा दे देना चाहिए और केवल 38 परसेंट का मानना है कि उन्हें अपने पद पर बने रहना चाहिए.
बोरिस जॉनसन को वापस चाहते हैं सदस्य
अब सवाल उठता है कि लिज ट्रस नहीं तो कौन? इस सर्वे में सामने आया है कि ऋषि सुनक से पहले सबसे लोकप्रिय विकल्प पार्टीगेट स्कैंडल में फंसे पूर्व प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन है, जो जिन्हें 63 परसेंट वोट हासिल है, जबकि 32 परसेंट ने उन्हें अपने शीर्ष उम्मीदवार के रूप में रखा है, जबकि सुनक को 23 परसेंट मत हासिल है. सर्वे में कहा गया है कि अगर लिज़ ट्रस इस तरह के दबाव के आगे झुक जाती हैं और इस्तीफा देती हैं तो टोरी के सदस्य बोरिस जॉनसन को उनकी जगह लेने के लिए वापस लाना चाहते हैं.
लिज ट्रस के फैसलों का उल्टा असर
दरअसल, लिज ट्रस ब्रिटेन की इकोनॉमी को पटरी पर लाने का वादा करके सत्ता में आईं थी, लेकिन जब से वो आईं हैं और उन्होंने जो फैसले लिये हैं, इससे इकोनॉमी पटरी से उतर गई. उनकी सरकार ने 45 अरब पाउंड की टैक्स कटौती का वादा किया, लेकिन ये कदम बहुत बड़ी गलती साबित हुई. ब्रिटेन की करेंसी कमजोर हो गई और शेयर बाजार टूट गए.
VIDEO: PhonePe का धमाकेदार 'धनतेरस ऑफर', सोना-चांदी खरीदने वालों की बल्ले-बल्ले
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक पार्टी से दूसरी पार्टी में नेताओं के जाने का सिलसिला जारी है. देश की सबसे अमीर महिला ने कांग्रेस छोड़ दी है.
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को हर रोज एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. अब भारत की सबसे अमीर महिला और देश के टॉप अमीरों की लिस्ट में शुमार सावित्री जिंदल ने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया है. सावित्री जिंदल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने इस्तीफे की जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने अपने परिवार की सलाह पर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है. उनका इस्तीफा ऐसे समय पर सामने आया है, जब उनके बेटे नवीन जिंदल हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं.
2 लाख करोड़ से ज्यादा है नेटवर्थ
ब्लूमबर्ग बिलनेयर्स इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) के मुताबिक, सावित्री जिंदल देश की सबसे अमीर महिला हैं. वह मुकेश अंबानी और गौतम अडानी जैसे अमीरों के साथ देश के टॉप 5 सबसे अमीर लोगों में भी शुमार हैं. भारत की सबसे अमीर महिलाओं में सबसे ऊपर सावित्री जिंदल की उम्र 84 साल है और वे जिंदल समूह का विशाल कारोबार संभाल रही है. ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक सावित्री जिंदल की कुल संपत्ति 29.6 अरब डॉलर (करीब 2.47 लाख करोड़ रुपये) है. देश की सबसे अमीर महिलाओं की लिस्ट में इनका नाम पहले नंबर पर आता है, तो वहीं दुनिया के टॉप अरबपतियों में सावित्री जिंदल 56वें स्थान पर हैं.
इस प्राइवेट सेक्टर कंपनी का बड़ा ऐलान, वित्त वर्ष 2024-25 में जुटाएगी 6100 करोड़ रुपये
कई देशों में जिंदल ग्रुप का कारोबार
जिंदल ग्रुप (Jindal Group) का कारोबार आज तमाम सेक्टर्स में फैला हुआ है, इनमें स्टील, एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सीमेंट, निवेश और पेंट सेक्टर शामिल हैं. ना केवल देश में बल्कि भारत से बाहर भी जेएसडब्ल्यू ग्रुप (JSW Group) का बड़ा बिजनेस है. कंपनी अमेरिका, यूरोप और यूएई से चिली तक कारोबार करती है. सावित्री जिंदल से पहले उनके बेटे नवीन जिंदल (Navin Jindal) ने भी कांग्रेस छोड़ हाल ही में बीजेपी का दामन थामा है. जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (JSPL) के अध्यक्ष नवीन जिंदल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार को तौर पर कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे.
सावित्री जिंदल का राजनीतिक करियर
सावित्री जिंदल 10 सालों तक हिसार से विधायक रही हैं. वह हरियाणा सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं. 2005 में एक प्लेन क्रैश में पति और जिंदल समूह के संस्थापक ओपी जिंदल की मौत के बाद सावित्री ने हिसार से हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2009 में उन्हें एक बार फिर से इस सीट से जीत मिली. इस दौरान उन्हें 2013 तक हरियाणा सरकार में मंत्री पद दिया गया. हालांकि, 2014 हरियाणा विधानसभा चुनाव में उन्हें हार मिली थी.
अटल पेंशन योजना को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाया था जिसे लेकर निर्मला सीतारमण ने विस्तार से जवाब दिया है. उन्होंने पार्टी पर जमकर हमला भी बोला.
एक ओर जहां चुनावों का ऐलान हो चुका है वहीं दूसरी ओर बीजेपी, कांग्रेस सहित सभी पार्टियों की ओर से उम्मीदवारों की सूची जारी की जा रही है. इस बीच कांग्रेस पार्टी द्वारा केन्द्र सरकार की अटल पेंशन योजना पर सवाल उठाए जाने के बाद इसका जवाब खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता ये नहीं जानते हैं कि अच्छी योजना को बनाने के बुनियादी सिद्धांत क्या होते हैं.
जयराम रमेश ने आखिर क्या कहा था?
कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा, वित्त मंत्री 24 मार्च को बेंगलुरु में थीं, जहां वह मोदी सरकार द्वारा अपने ‘प्रमुख सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम’ के रूप में शुरू की गई अटल पेंशन योजना के लाभों की घोषणा कर रही थीं. ठीक एक दिन बाद, जो सामने आया वह यह है.
• इस योजना में शामिल एक तिहाई ग्राहकों से बिना उनकी स्पष्ट अनुमति लिए इस योजना को शुरू कर दिया गया. ये उन अधिकारियों के द्वारा किया गया जिन पर अपना कोटा पूरा करने दबाव रहता है.
• इस योजना में लगभग 83% ग्राहक 1,000 रुपये की पेंशन के सबसे निचले स्लैब में हैं क्योंकि इसके लिए मासिक योगदान कम है और इस पर लाभार्थियों द्वारा ध्यान नहीं’ जाता है.
ग्राहकों के लिए, रिटर्न की राशि बहुत आकर्षक नहीं है क्योंकि यह एक निश्चित आय पेंशन है, जो बढ़ती कीमतों के साथ मूल्य खो देती है.
मोदी सरकार की फ्लैगशिप अटल पेंशन योजना एक बहुत ही खराब तरीके से डिजाइन की गई योजना है, एक कागजी शेर है जिसमें भाग लेने के लिए लोगों को धोखा देने और मजबूर करने के लिए अधिकारियों की आवश्यकता होती है. यह मोदी सरकार की हेडलाइन प्रबंधन नीति निर्धारण का एक उपयुक्त प्रतिनिधित्व है जो वास्तव में लोगों तक बहुत कम लाभ पहुंच रहा है.
ये भी पढ़ें: अब ये म्यूचुअल फंड कंपनी लेकर आई रिटायरमेंट फंड, इतने से शुरू कर सकते हैं निवेश
इस पर वित्त मंत्री ने दिया जवाब
जयराम रमेश के इस ट्वीट पर वित्त मंत्री ने जवाब देने में देर नहीं लगाई. उन्होंने विस्तार से इसका जवाब देते हुए कहा कि जयराम रमेश तथ्यों को छिपाने और कुतर्क करने के लिए जाने जाते हैं. वो एक अच्छी पेंशन स्कीम को बनाने के मूल सिद्धांतों के बारे में भी नहीं जानते हैं.
उन्होंने कहा कि अटल पेंशन योजना को श्रेष्ठ सिद्धांतों के आधार पर बनाया गया है. इसमें जब तक ग्राहक पेमेंट को लेकर चुनता नहीं है तब तक इसे ऑटोमेटिक पेमेंट के जरिए भुगतान को लेकर डिजाइन किया गया है. ये एक बेहतरीन विकल्प है जो लाभार्थी के हित में है. इसमें लाभार्थी को हर साल इस योजना को जारी रखने का विकल्प देने की बजाए ये विकल्प दिया जाता है कि वो इसे बंद कर सकते हैं. इसके कारण ज्यादातर लोग सही निर्णय लेते हैं और अपने रिटायरमेंट के लिए पैसा बचाते हैं.
उन्होंने कहा कि जयराम रमेश इसे फिक्स आय पेंशन कह रहे हैं लेकिन उन्होंने तथ्यों की जांच करना सही नहीं पाया. केन्द्र सरकार मौजूदा ब्याज दरों से परे सरकार इसके तहत 8 प्रतिशत तक का रिटर्न देती है. उन्होंने कहा कि वास्तविक रिटर्न में किसी भी तरह की कमी न आने देने के लिए सरकार पीएफआरडीए को सब्सिडी का भुगतान करती है. यदि अटल पेंशन योजना के निवेश पर उच्च रिटर्न प्राप्त होगा तो उन्हें उच्च पेंशन का भुगतान किया जाएगा. मौजूदा समय में रिटर्न 8 प्रतिशत से ज्यादा है.
धोखा देने पर कही ये बात
निर्मला सीतारण ने एपीवाई के ग्राहकों को धोखा देने की बात पर कहा कि जयराम रमेश कह रहे हैं कि इसमें भाग लेने के लिए लोगों को धोखा दिया जा रहा है और मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति या अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के नाम पर कांग्रेस हमेशा धोखा देती रही है. उन्होंने कहा कि @TheOfficialSBI आरके तलवार ने इस्तीफा दे दिया क्योंकि उन्होंने परिवार के पसंदीदा लोगों को कर्ज देने से इनकार कर दिया था. निर्मला सीतारमण ने कई और बातें भी कही.
चुनावी बांड योजना को चुनौती देने वाले एक्टिविस्ट्स ने दावा किया कि ईडी, सीबीआई और आईटी विभाग की जांच के दायरे में आने वाली 41 कंपनियों ने बीजेपी को हजारों करोड़ों रुपये का दान दिया है.
कांग्रेस (Congress) महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को चुनावी बांड मुद्दे पर बड़ा दावा किया है. वाड्रा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर (आईटी) विभाग द्वारा जांच की जा रही 41 कंपनियों ने चुनावी फंडिंग योजना के माध्यम से सत्तारूढ़ बीजेपी को 2,592 करोड़ रुपये का दान दिया है. वाड्रा ने यह आरोप सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बांड योजना को चुनौती देने वाली सुनवाई के बाद लगाया है. शुक्रवार को चुनावी बांड योजना को चुनौती देने वाले एक्टिविस्ट्स ने दावा किया था कि ईडी, सीबीआई और आईटी विभाग की जांच के दायरे में आने वाली 41 कंपनियों ने चुनावी बांड के माध्यम से भाजपा को 2,471 करोड़ रुपये का दान दिया था. उन्होंने यह भी दावा किया कि कंपनियों में छापेमारी के तुरंत बाद तीन महीने के अंदर 121 करोड़ रुपये दिये गये थे.
प्रियंका गांधी वाड्रा ने लगाए ये आरोप
प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए आरोप लगाया है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से 38 कॉरपोरेट समूहों ने भाजपा को 2,004 करोड़ चंदा दिया, बदले में इन्हें भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों से 3.8 लाख करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट्स/प्रोजेक्ट मिले. ईडी, सीबीआई और आईटी ने 41 कॉरपोरेट समूहों पर छापे मारे, जिससे बचने के लिए इन समूहों ने बीजेपी को 2,592 करोड़ रुपये का चंदा दिया. 16 शेल कंपनियों ने बीजेपी को 419 करोड़ रुपये का चंदा दिया. इनमें ऐसी कंपनियां भी शामिल हैं जिन्होंने अपनी कुल पूंजी से कई गुना ज्यादा चंदा दिया. उन्होंने यह भी पूछा है कि क्या प्रधानमंत्री देश की जनता को इस लूट का हिसाब देंगे?
◾इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से 38 कॉरपोरेट समूहों ने भाजपा को 2,004 करोड़ चंदा दिया, बदले में इन्हें भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों से 3.8 लाख करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट्स/प्रोजेक्ट मिले।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 24, 2024
◾41 कॉरपोरेट समूहों पर ED, CBI और IT ने छापा मारा। इससे बचने के लिए इन समूहों ने भाजपा को…
प्रशांत भूषण ने भी लगाए आरोप
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने मीडिया को बताया कि कम से कम 30 शेल कंपनियों ने 143 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बांड खरीदे. उनका यह आरोप चुनाव आयोग द्वारा चुनावी बांड पर डेटा का नया सेट सार्वजनिक करने के बाद आया है. भूषण ने कहा है कि भाजपा को 1,751 करोड़ रुपये के चुनावी बांड दान के बदले कंपनियों को परियोजनाओं और अनुबंधों में कुल 3.7 लाख करोड़ रुपये मिले हैं.
इसे भी पढ़ें-इस व्यहवार के आगे फीका पड़ा गेंदबाज का प्रदर्शन, लगा भारी जुर्माना
इन समूहों ने दिया इतना चंदा
उनका आरोप है कि कम से कम 49 मामलों में केंद्र या भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों द्वारा पोस्टपेड अनुबंध/परियोजना मंजूरी में 62,000 करोड़ रुपये दिए गए, जिसके लिए चुनावी बांड के रूप में भाजपा को 3 महीने में 580 करोड़ रुपये रिश्वत के रूप में दिए गए. कल्पतरु समूह (Kalpataru Group) ने 3 अगस्त, 2023 को इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी के बाद भाजपा को 5.5 करोड़, फ्यूचर गेमिंग ने 12 नवंबर, 2023 और 1 दिसंबर, 2021 को आईटी और ईडी छापे के बाद 60 करोड़, अरबिंदो फार्मा ने 10 नवंबर, 2022 को ईडी छापे के बाद भाजपा को 5 करोड़ रुपये दिए.
चुनाव आयोग ने शनिवार को चुनावों का ऐलान करते हुए बताया था कि इस साल 7 चरणों में चुनाव कराए जाएंगे. लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा जबकि आखिरी चरण का मतदान 1 जून को होगा.
लोकसभा चुनावों का ऐलान होने के बाद चुनाव आयोग ने पहले ही आदेश में कई राज्यों के गृह सचिव से लेकर पश्चिम बंगाल के डीजीपी को हटा दिया है. पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार सहित कई राज्यों के अन्य अधिकारियों को भी हटाने का निर्देश दिया गया है. चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के बृहनमुंबई नगर पालिका के आयुक्त इकबाल चहल को भी हटाने का निर्देश दिया गया है. आने वाले दिनों में भी कई और तबादले होने की संभावना है.
क्या कहती है ट्रांसफर पॉलिसी?
हाल ही में चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई ट्रांसफर पॉलिसी के अनुसार जो अधिकारी अपने गृह क्षेत्र या एक जिले में तीन साल का समय पूरा कर चुका हो उसे ट्रांसफर किया जाए. लेकिन चुनाव आयोग ने ये भी कहा था कि उसे उस संसदीय क्षेत्र के निकटवर्ती जिले में ट्रांसफर ना किया जाए. ये निर्देश चुनाव आयोग ने तब दिया जब कुछ ऐसी खबरें आई थी कि उन्हें निकटवर्ती जिलों में ट्रांसफर किया जा रहा है. चुनाव आयोग की ओर से इस पॉलिसी को सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को लागू करने को कहा था. लेकिन आयोग ने भी कहा कि जिन राज्यों में दो संसदीय क्षेत्र हैं वहां ये नियम लागू नहीं होगा.
जीरो टालरेंस नीति के तहत करेंगे काम
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि सभी अधिकारी से लेकर सरकारी संस्थान चुनावों में जीरो टालरेंस की नीति के तहत काम करेंगे. किसी भी तरह का मामला सामने आए उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी. चुनाव आयोग ने शनिवार को चुनावों का ऐलान करते हुए बताया था कि इस साल 7 चरणों में चुनाव कराए जाएंगे. लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा जबकि आखिरी चरण का मतदान 1 जून को होगा. 4 जून को लोकसभा चुनावों की गिनती होगी और उसी दिन दोपहर बाद तक पता चल जाएगा कि जनता ने किसे चुना है.
इन चरणों में यहां होगा मतदान
सबसे पहले चरण में 19 अप्रैल 2024 को वोटिंग होगी जिसमें 21 राज्यों की 102 सीटों पर वोट डाले जाएंगे.
दूसरे चरण की वोटिंग 26 अप्रैल 2024 को होगी जिसमें 13 राज्यों की 89 सीटों पर वोट कराया जाएगा.
तीसरे चरण में 07 मई 2024 को वोटिंग होगी इसमें 12 राज्यों की 94 सीटों पर वोट कराया जाएगा.
चौथे चरण में वोटिंग 13 मई 2024 को होगी जिसमें 10 राज्यों की 96 सीटों पर वोटिंग कराई जाएगी.
पांचवें चरण की वोटिंग 20 मई 2024 को होगी जिसमें 8 राज्यों की 49 सीटों पर पोल कराया जाएगा.
छठे चरण की वोटिंग 25 मई 2024 को होगी जिसमें 7 राज्यों की 57 सीटों पर वोटिंग कराया जाएगा.
सातवें चरण की वोटिंग 01 जून 2024 को होगी जिसमें 8 राज्यों की 57 सीटों पर मतदान कराया जाएगा.
4 जून को लोकसभा चुनाव की मतगणना की जाएगी और उसी दिन शाम तक नतीजे आ जाएंगे.
ये भी पढ़ें: आखिर किसकी विद्वता के कायल हैं बिल गेट्स.….बोले नहीं कर सकता इस फ्रंट पर उनसे मुकाबला
दिल्ली में मौजूदा सातों सीटें बीजेपी के पास हैं. लेकिन बीजेपी ने इस बार मनोज तिवारी को छोड़कर बाकी सभी उम्मीदवार बदल दिए हैं.
चुनाव आयोग ने आज लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है. चुनाव आयोग ने पूरे देश में सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराने की तैयारी की है. लेकिन क्या आप देश की राजधानी दिल्ली या एनसीआर के क्षेत्र में रहते हैं. अगर हां तो जान लीजिए कि आपके वहां कब चुनाव होने जा रहा है.
दिल्ली में कब होगा चुनाव
दिल्ली में लोकसभा की सात सीटें हैं. इनमें बीजेपी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है. चुनाव आयोग ने जो आज घोषणा की है उसके अनुसार दिल्ली में छठे चरण में मतदान होगा. छठे चरण में दिल्ली की सातों सीटों पर 25 मई को चुनाव होगा.
नोएडा गाजियाबाद में इस दिन होगा चुनाव
नोएडा और गाजियाबाद एनसीआर के दो अहम क्षेत्र है. नोएडा से जहां मौजूदा समय में बीजेपी सांसद महेश शर्मा लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर गाजियाबाद की सीट भी बीजेपी के पास है. एनसीआर की इन दो लोकसभा सीटों पर चुनाव 26 अप्रैल को होगा. चुनाव आयोग के सीईसी राजीव कुमार ने आज चुनावों की तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि दूसरे चरण में जिन सीटों पर चुनाव होगा उनमें गाजियाबाद और नोएडा भी शामिल हैं.
गुरुग्राम में इस दिन होगा लोकसभा चुनाव
गुरुगाम को मिलेनियम सिटी के नाम से भी जाना जाता है. गुरुगाम हरियाणा का सबसे विकसित जिला है. चुनाव आयोग के ऐलान के अनुसार गुरुग्राम में भी छठे चरण में चुनाव होगा. छठे चरण में चुनाव 25 मई को होना है. यानी दिल्ली के साथ साथ चुनाव गुरुग्राम में होगा. गुरुग्राम से मौजूदा सांसद राव इंद्रजीत सिंह हैं. जो बीजेपी से है.
ये भी पढें: आखिर मुख्य चुनाव आयुक्त ने क्यों कहा.. वफा खुद से नहीं होती, खता EVM की कहते हो
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस करके मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मतदाताओं के साथ चुनाव और मतदान से संबंधी कुछ जरूरी बातें भी साझा की हैं.
शनिवार को चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. इसी के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मतदाताओं के साथ चुनाव और मतदान से संबंधी कुछ जरूरी बातें भी साझा की हैं. तो आईए हम आपको बताते हैं क्या है ये जरूरी बातें, जिनका आपको खास ध्यान रखना है -
वोटरों से की मतदान की अपील
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हम वोटरों से अपील करते हैं कि वो वोट करें. क्योंकि ये आपका धर्म है. वोट करना एक जिम्मेदार नागरिक की पहचान है. हर मतदाता वोट जरूर करें.
राजनीतिक दलों से कहा
राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव अभियान में राजनीतिक दल निजी हमलों से बचें. दुश्मनी जमकर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों. चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को रुपये-पैसे का हिसाब-किताब देने को कहा है. आयोग ने कहा है कि वह 2,100 ऑब्जरवर की नियुक्ति कर रहे हैं. निष्पक्ष चुनाव हो इस पर पर्यवेक्षक नजर रखेंगे. सुरक्षाबलों की सही तरीके से तैनाती हो इस पर भी नजर रहेगी.
बुजुर्ग मतदाताओं को मिलेगी विशेष सुविधा
राजीव कुमार ने कहा कि 85 वर्ष से अधिक उम्र के जितने भी मतदाता हैं उनके घर जाकर मतदान करवाया जाएगा. इस बार देश में पहली बार ये व्यवस्था एक साथ लागू होगी कि जो 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता हैं और जिन्हें 40% से अधिक की विकलांगता है, उनके पास हम फॉर्म पहुंचाएंगे अगर वो मतदान का ये विकल्प चुनते हैं. उन सबके पास फॉर्म पहुंचाए जाएंगे. अगर वो ये कहेंगे कि बूथ पर नहीं आएंगे, तो चुनाव आयोग उनके घर वोट लेने जाएंगे. पहाड़ के बर्फ से लेकर जंगल में भी जाएंगे.
.
पोलिंग बूथ पर ये सुविधा
चुनाव आयोग ने बताया कि पोलिंग बूथ पर मतदाताओं के लिए कुछ जरूरी व्यवस्था भी की गई हैं. इसमें पीने का पानी, टॉयलेट्स, रैंप, व्हीलचेयर, हेल्प डेस्क, वोटर फैसिलिटेशन सेंटर, शेड्स और पर्याप्त रोशनी जैसी तमाम सुविधाएं दी जाएंगी.
नो योर कैंडिडेट
राजीव कुमार ने मतदाताओं को बताया है कि नो योर कैंडिडेट एप्लीकेशन में आपको उम्मीदवार की समस्त जानकारी अपने मोबाइल पर मिलेगी. निर्वाचन आयोग की 'नो योर कैंडिडेट' (केवाईसी) नाम की मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए आम नागरिक उम्मीदवार के बारे में तमाम जानकारियां हासिल कर सकते हैं. उसमें आपको कैंडिडेट के क्रिमिनल रिकॉर्ड के बारे में भी जानकारी पता लग सकती है. ऐसे में आप जान पाएंगे कि आपके कैंडिडेट का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड है या नहीं और इस आधार पर आप अपने कैंडिडेट का चुनाव कर सकते हैं.
देश में चुनावी बिगुल बज चुका है. इस बार लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे. इस बार करीब 97 करोड़ वोटर चुनाव में मतदान करेंगे.
भारत में लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व लोकसभा चुनावों का बिगुल बज गया है. चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी है. इस बार लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे, जिसमें पहले चरण में मदान 19 अप्रैल और सातवें चरण में मतदान 1 जून होंगे. वहीं, 4 जून को मतगणना होने के साथ ही देश में एक नई सरकार का गठन हो जाएगा. शनिवार को चुनाव आयोग द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव की तारीख की घोषणा करने से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हमारी टीम चुनाव के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि भारत के चुनाव पर पूरी दुनिया की नजर रहती है. ये चुनाव का पर्व पूरे देश के लिए गर्व का विषय है. भारत में चुनाव लोकतंत्र का एक बड़ा पर्व है. राजीव कुमार ने जानकारी दी कि 2024 के लोकसभा चुनाव में 543 सीटों, जिनमें 412 सामान्य सीटें, एससी 84 और एसटी 47 होंगी. इन सभी सीटों पर करीब 97 करोड़ वोटर मतदान करेंगे.
इतने चरणों में होंगे चुनाव
पहले चरण - 19 अप्रैल
दूसरे चरण - 26 अप्रैल
तीसरा चरण -7 मई
चौथा चरण-13 मई
पांचवा चरण-20 मई
छठा चरण -25 मई
सातवां चरण -1 जून
लोकसभा से पहले इन राज्यों में होंगे विधानसभा चुनाव
लोकसभा चुनाव के साथ ही देश के चार राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होंगे, जिनमें उड़ीसा, सिक्किम, आंध्र प्रदेश और अरूणांचल प्रदेश शामिल हैं. वहीं, 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे. आपको बता दें, आंध्र प्रदेश में 18 अप्रैल को नोटिफिकेशन और 13 मई को वोटिंग, अरुणाचल प्रदेश में 20 मार्च को नोटिफिकेशन और 19 अप्रैल को वोटिंग, सिक्किम में 20 मार्च को नोटिफिकेशन और 19 अप्रैल को वोटिंग और ओडिशा में पहला नोटिफिकेशन 18 अप्रैल को और वोटिंग 13 मई को होगी.
बंगाल में सात चरणों में होगा चुनाव
पहला चरण में 3 सीटों पर 19 अप्रैल, दूसरा चरण में 26 अप्रैल को 3 सीटों पर, तीसरा चरण में सात मई को 4 सीटों पर, चौथा चरण- में 13 मई को 8 सीटों पर, पांचवे चरण में 20 मई को 7 सीटों पर, छठे चरण में 25 मई को 8 सीटों पर और सातवें चरण में एक जून को 9 सीटों पर चुनाव होंगे.
बिहार में इतने चरणों में होंगे चुनाव
इस बार बिहार में सात चरणों में लोकसभा चुनाव संपन्न कराए जाएंगे, यानी 18 अप्रैल से लेकर 7 मई तक यहां चुनाव होंगे.
तीन चरणों में होंगे छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव
छत्तीसगढ़ में चुनाव का आयोजन तीन चरणों में होगा, पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल, दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल और तीसरे चरण का मतदान 7 मई को किया जाएगा.
मध्य देश में चार चरणों में होंगे चुनाव
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई और 13 मई को वोटिंग होगी, जबकि चार जून को नतीजे सामने आएंगे.
दिल्ली में छठे चरण में होगा मतदान
दिल्ली में सातों लोकसभा सीटों पर 26 मई को छठे चरण में मतदान होंगे.
गुजरात में इस दिन होंगे चुनाव
गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों के लिए मतदान 7 मई को तीसरे चरण में होगा. वहीं, वोटों की गिनती एक साथ ही चार जून को होगी.
तमिलनाडु में इस दिन होंगे चुनाव
तमिलनाडु में लोकसभा की कुल 39 सीटें हैं, चुनाव आयोग के मुताबिक राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर एक चरण में चुनाव कराए जाएंगे. यहां पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होंगे.
केरल में इस दिन होंगे चुनाव
केरल में लोकसभा की कुल 20 सीटें हैं, चुनाव आयोग के मुताबिक यहां दूसरे चरण में 26 अप्रैल को लोकसभा की सभी 20 सीटों पर मतदान होंगे.
कर्नाटक में इस दिन होंगे चुनाव
कर्नाटक में लोकसभा की कुल 28 सीटें हैं और यहां दो चरणों में लोकसभा के चुनाव संपन्न होंगे. चुनाव आयोग के मुताबिक राज्य की 14 लोकसभा सीटों पर 26 अप्रैल को दूसरे चरण में वोटिंग होगी जबकि बाकी की 14 सीटों पर 7 मई को तीसरे चरण में मतदान होगा.
गोवा में इस दिन होंगे चुनाव
गोवा में लोकसभा की कुल दो सीटें हैं। यहां तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग होगी। चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे।
ओडिशा में इस दिन होंगे चुनाव
ओडिशा में लोकसभा की कुल 21 सीटें हैं। यहां कुल चार फेज में चुनाव कराए जाएंगे। लोकसभा की 4 सीटों पर चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा। लोकसभा की 5 सीटों पर पांचवें चरण में 20 मई को वोटिंग होगी। लोकसभा की 6 सीटों पर छठे चरण में 25 मई को वोटिंग होगी जबकि बाकी की 6 सीटों पर आखिरी चरण में 1 जून को वोटिंग होगी। चुनाव के परिणाम 4 जून को घोषित होंगे।
हिंसा के खिलाफ सख्त चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर किसी भी मतदान केंद्र पर हिंसा होगी, तो मतदाता वोटर आयोग से शिकायत कर सकेंगे. शिकायत पर 100 मिनट्स में रिस्पॉंस मिलेगा. किसी भी तरह की हिंसा पर कड़ी कार्रवाई होगी. इसके लिए पुलिस और जिलाधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं. चुनाव आयोग का देश में हिंसा मुक्त चुनाव कराने हैं. हिंसा को लेकर गैरजमानती वारंट जारी किया जाएगा. हर जिले में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है. अंतर्राष्ट्रीय बार्डर, एयरपोर्ट और हिस्ट्रीशीटर पर भी चुनाव आयोग की नजर रहेगी.
आयोग के सामने चार बड़ी चुनौतियां
चानाव आयोग के सामने चार चुनौतियां हैं, जिसमें बाहुबल, धनबल, गलत सूचना और एमसीसी का उल्लंघन शामिल है. चुनाव आयोग ने कहा है कि वह इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं. पैसा बांटने वालों पर उनकी सख्त नजर रहेगी. कुछ राज्यों में पैसा बहुत बंटता है, ऐसे राज्यों में चेकिंग होगी. टीवी और सोशल मीडिया पर भी नजर रहेगी. मुफ्त साड़ी, शराब, पैसा आदि बांटने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी. हेलीकॉप्टर की लैंडिंग पर भी जांच होगी. एयरपोर्ट बॉर्डर पर नियमित नजर रखी जाएगी. गलत सूचना फैलाने वालों पर कार्रवाई होगी. आयोग ने कहा कि आलोचना ठीक है, लेकिन कोई भी फेक न्यूज न फैलाएं. फेक न्यूज पर आईटी कानून के तहत कार्रवाई होगी.
चुनाव से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
-चुनाव में 55 लाख ईवीएम का इस्तेमाल होगा.
-10.5 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं.
-10 लाख मतदाता केंद्र बनाए गए हैं.
-96 करोड़ 88 लाख वोटर हैं.
-इस बार 1.82 करोड़ नए मतदाता हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे.
-543 सीटों पर मतदान होंगे, जिनमें हैं 412 सामान्य सीटें, एससी 84 और एसटी 47 सीटें शामिल हैं.
-महिला वोटर की संख्या पुरुष वोटर से ज्यादा है.
-11.5 करोड़ चुनाव अधिकारी और सुरक्षाकर्मी की ड्य़ूटी होगी.
-47.1 करोड़ महिला मतदाता हैं.
-21.5 करोड़ युवा मतदाता हैं.
-18 से 19 साल की उम्र की 85 लाख लड़कियां फर्स्ट टाइम वोटर हैं.
-82 लाख मतदाता 85 साल से अधिक उम्र वाले हैं.
-20-29 साल के मतदाता 19.74 करोड़ हैं.
-49.7 पुरुष मतदाता हैं.
लोकसभा चुनाव से पहले मशहूर सिंगर अनुराधा पौडवाल शनिवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं. 2024 के फाइनल मुकाबले से पहले बीजेपी के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है.
मशहूर गायिका अनुराधा पौडवाल की आज राजनीतिक पारी की शुरुआत हुई. अनुराधा आज भाजपा में शामिल हो गईं. इसके साथ ही उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. चर्चा है कि बीजेपी अनुराधा पौडवाल को लोकसभा चुनाव का टिकट देगी. जानकार बताते हैं कि पार्टी उन्हें चुनावों के लिए बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है. वे पार्टी की स्टार चुनाव प्रचार हो सकती हैं.
क्या बोलीं अनुराधा पौडवाल?
बीजेपी में शामिल होने पर गायिका अनुराधा पौडवाल ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि सरकार में शामिल होने जा रही हूं, जिसका सनातन धर्म से गहरा नाता है. यह मेरा सौभाग्य है कि मैं आज बीजेपी में शामिल हो रही हूं.
कौन हैं अनुराधा पौडवाल?
अनुराधा पौडवाल किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं उन्होंने सिंगिंग के दम पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है. फिल्मी दुनिया के बाद अब भजन गायिकी की दुनिया में उनका डंका बजता है. 27 अक्टूबर, 1954 को मुंबई में जन्मीं अनुराधा ने अपने गायन करियर की शुरुआत 1973 में आई अमिताभ बच्चन और जया प्रदा की फिल्म ‘अभिमान’ से की थी. अनुराधा पौडवाल ने 1969 में अरुण पौडवाल के साथ शादी की थी. अनुराधा पौडवाल के दो बच्चे हैं. एक का नाम आदित्य और दूसरे का नाम कविता पौडवाल है. इसके साथ इस ही गायिका को 2017 में पद्मश्री अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है. पद्मश्री अवार्ड के अलावा भी इस गायिका ने चार राष्ट्रीय अवार्ड को अपने नाम किया है.
9 हजार से ज्यादा गाने किए हैं रिकॉर्ड
पांच दशकों से अधिक के करियर में अनुराधा पौडवाल ने गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मराठी, संस्कृत, बंगाली, तमिल, तेलुगु, उड़िया, असमिया, पंजाबी, भोजपुरी, नेपाली और मैथिली सहित कई भाषाओं में 9,000 से अधिक गाने और 1,500 से अधिक भजन रिकॉर्ड किए हैं।
करोड़ों की मालकिन हैं अनुराधा
अनुराधा का नाम देश के सबसे लोकप्रिय सिंगरों में शामिल है. अगर इनकी संपत्ति की बात करें तो मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इनके पास 1 से 5 मिलियन डॉलर तक की कुल संपत्ति है और वह मुंबई में खार के डुप्लेक्स घर में अपने परिवार के साथ रहती हैं. अनुराधा के भजन दर्शकों को काफी ज्यादा पसंद आते हैं और इनकी आवाज काफी ज्यादा मधुर है जिसके कारण इनकी फैन फॉलोइंग लाखों में है. लाखों लोग अनुराधा पौडवाल की आवाज के दीवाने हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में चुनाव आयुक्त के नाम पर सहमति बन गई है.
देश को 2 नए चुनाव आयुक्त मिल गए हैं. ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू के नाम पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में हुई बैठक में सहमति बन गई है. चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दिया था. इसके साथ ही चुनाव आयुक्त के दो पद रिक्त हो गए थे, क्योंकि एक पद पहले से ही खाली चल रहा था. ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू, दोनों पूर्व नौकरशाह हैं.
कौन हैं ज्ञानेश कुमार?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ज्ञानेश कुमार रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं. वह कुछ दिन पहले ही सहकारिता मंत्रालय के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. ज्ञानेश कुमार इस मंत्रालय के गठन के समय से ही यहां काम कर रहे थे. जबकि इससे पहले वह गृह मंत्रालय में कश्मीर डिवीजन के संयुक्त सचिव थे. उनके कार्यकाल में ही जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म खत्म की गई थी. वह 1988 बैच के केरल कैडर के IAS अधिकारी रहे हैं.
रंजन ने साधा निशाना
सुखबीर सिंह संधू भी 1988 बैच के उत्तराखंड कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी हैं. 2021 में जब पुष्कर सिंह धामी CM बने थे, तब उन्हें राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था. वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस मामले में सरकार पर निशाना साधा है. चुनाव आयुक्त चुनने वाली समिति की बैठक के बाद चौधरी ने कहा कि सरकार के पास समिति में बहुमत है. कल रात जांच के लिए मुझे 212 नाम दिए गए थे. मैं कल रात दिल्ली पहुंचा और बैठक आज दोपहर को थी. कोई एक दिन में इतने सारे उम्मीदवारों की जांच कैसे कर सकता है?
लोकसभा चुनावों के साथ होने वाले अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी ने कुछ दिन पहले ही सीईसी में सभी उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया था.
लोकसभा चुनावों की पहली सूची जारी करने के बाद अब बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने एक ही बार में 60 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. पार्टी ने 60 में से 55 एसटी उम्मीदवार उतारे हैं. वहां लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा का भी चुनाव होगा.
सभी उम्मीदवारों का किया ऐलान
बीजेपी की ओर से जो सूची जारी की गई है उसमें एक ही बार में सभी 60 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया गया है. पार्टी की ओर से हाल ही में बुलाई गई सीईसी में इस सूची को फाइनल किया गया है. पार्टी ने अपनी इस सूची में तीन महिला उम्मीदवारों को भी मैदान में उतारा है. उनमें पार्टी ने बसर से नयाबी जीनी डिरची, खोंसा वेस्ट से छकत अबोह को और हायूलियांग से डसनग्लू पुल से अपना उम्मीदवार बनाया है.
लोकसभा के लिए जारी हो चुकी है पहली सूची
बीजेपी अभी तक लोकसभा के लिए पहली सूची जारी कर चुकी है. इस सूची में बीजेपी 195 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है. इनमें पीएम मोदी से लेकर सभी बड़े मंत्रियों जैसे अमित शाह और राजनाथ सिंह के नामों का ऐलान कर चुकी है. पार्टी की दूसरी सूची का भी बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. इस सूची में एमपी से लेकर बिहार और दक्षिण भारत के कई राज्यों के लिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान होने की संभावना है.
ये भी पढ़ें: 1 पेन ड्राइव में दो PDF फाइल, आखिर कौन हैं वो जिन्होंने दिया पार्टियों को चंदा?