पीएम मोदी का राज्यों को निर्देश! 'बिजली कंपनियों को जल्दी चुकाएं 1 लाख करोड़ रुपये'

पीएम मोदी ने आगे यह भी कहा कि इन कंपनियों को बिजली पर सब्सिडी के लिए अलग-अलग राज्यों में समय पर पूरा पैसा भी नहीं मिल पा रहा है.

Last Modified:
Saturday, 30 July, 2022
PM Modi BW

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को राज्यों से अनुरोध किया कि वे जल्द से जल्द बिजली उत्पादन कंपनियों का बकाया राशि चुका दें.

1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बकाया
प्रधानमंत्री मोदी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "लोगों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि विभिन्न राज्यों पर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है." पीएम ने कहा, "उन्हें यह पैसा बिजली उत्पादन कंपनियों को देना है. बिजली वितरण कंपनियों पर कई सरकारी विभागों और स्थानीय निकायों का 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक बकाया है."

समय पर पूरा पैसा भी नहीं मिल पा रहा
पीएम मोदी ने आगे यह भी कहा कि इन कंपनियों को बिजली पर सब्सिडी के लिए अलग-अलग राज्यों में समय पर पूरा पैसा भी नहीं मिल पा रहा है और यह बकाया भी 75,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है. उन्होंने कहा, "ईमानदारी से उन कारणों पर भी विचार करें कि जब देशवासी ईमानदारी से अपने बिजली के बिलों का भुगतान करते हैं, तो कुछ राज्यों का बार-बार बकाया क्यों होता है?"

यह 'राष्ट्र नीति' और राष्ट्र निर्माण का मामला
राज्यों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "यह राजनीति का मामला नहीं है, बल्कि यह 'राष्ट्र नीति' और राष्ट्र निर्माण से संबंधित है. आजादी के 75 साल पूरे होने तक हमने 175 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता सृजित करने का संकल्प लिया है." पीएम मोदी ने कहा कि राजनीति में लोगों में सच बोलने की हिम्मत होनी चाहिए लेकिन कुछ राज्य इससे बचने की कोशिश करते हैं.

यह सोच देश के लिए अच्छा नहीं
पीएम मोदी ने कहा, "आज की समस्याओं के समाधान से बचने और उन्हें भविष्य के लिए छोड़ने की यह सोच देश के लिए अच्छी नहीं है. इस विचार प्रक्रिया ने कई राज्यों में बिजली क्षेत्र को बड़ी समस्याओं की ओर धकेल दिया है. वितरण क्षेत्र में घाटा दोहरे अंक में है. कई राज्यों में डिस्ट्रीब्यूशन एंड ट्रांसमिशन घाटे को कम करने में निवेश की कमी है."

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिजली का उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ सरकार का जोर बिजली बचाने पर भी है.

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Congress को I-T Dept ने फिर दिया झटका, चुनाव से पहले थमाया करोड़ों का रिकवरी नोटिस

कांग्रेस को इनकम टैक्स विभाग से बड़ा झटका लगा है. IT विभाग ने कांग्रेस पार्टी को रिकवरी नोटिस भेजा है. आईटी विभाग द्वारा भेजी गई नोटिस में टैक्स के साथ ही जुर्माना और और ब्याज भी जोड़ा गया है.

Last Modified:
Friday, 29 March, 2024
Congress

कांग्रेस पार्टी को लगातार झटके लग रहे हैं. बीते दिन दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका खारिज कर दी तो अब आयकर विभाग ने पार्टी को नई टेंशन दे दी है. दरअसल, आईटी विभाग (Income Tax Department) ने कांग्रेस को 1700 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही लोकसभा चुनावों से ठीक पहले देश की सबसे पुरानी पार्टी की आर्थिक चिंताएं बढ़ गई हैं. यह नोटिस साल 2017-18 से लेकर 2020-21 के लिए भेजा गया है. IT डिपार्टमेंट द्वारा भेजी गई इस नोटिस में टैक्स के साथ ही जुर्माना और और ब्याज भी जोड़ा गया है.

अभी और बढ़ेगी राशि

यह राशि और बढ़ने के आसार है. आयकर विभाग 2021-22 से लेकर 2024-25 की आय के मूल्यांकन का इंतजार कर रही है. इसकी कट-ऑफ तारीख रविवार तक पूरी हो जाएगी. कांग्रेस के वकील और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि पार्टी कानूनी चुनौती को आगे बढ़ाएगी, उन्होंने आयकर विभाग की इस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक और अनुचित करार दिया. राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वकील विवेक तन्खा ने आरोप लगाया कि गुरुवार को पार्टी को लगभग 1700 करोड़ रुपये का नया नोटिस बिना प्रमुख दस्तावेजों के भेजा गया.

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HC ने याचिकाओं को किया खारिज

दरअसल, गुरूवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस की आयकर विभाग के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी. इसे पहले वर्ष 2014-15 से लेकर 2016-17 तक के टैक्स के वसूलने को लेकर भी कांग्रेस ने याचिका लगाई थी, उसे भी कोर्ट ने खारिज किया था. नई याचिका भी इसी पुराने आधार पर ही खारिज हुई. कोर्ट ने पिछले आदेश में कहा था कि कांग्रेस ने याचिका का रास्ता तब अपनाया जब टैक्स असेसमेंट की लास्ट डेट नजदीक आ गई. इसी के साथ पुरानी याचिका पर भी कांग्रेस को कोई राहत नहीं मिली थी.

नियमों का किया था उल्लंघन

इससे पहले आयकर विभाग ने कांग्रेस के खातों से ₹135 करोड़ की रिकवरी की थी. कांग्रेस से यह रिकवरी 2018-19 के लिए की गई थी. दरअसल, कांग्रेस ने आयकर भरने की अंतिम तारीख के एक महीने बाद अपने कागज जमा किए थे और साथ ही उन नियमों का उल्लंघन किया था जिसके अंतर्गत इसे आयकर भरने से छूट मिलती. इसके साथ ही कांग्रेस ने इस वर्ष के आयकर दस्तावेजों में दिखाया था कि उन्हें चंदे में ₹14 लाख रूपए नकद में मिले. यह नियमों के विरुद्ध है. नियम है कि कोई भी पार्टी 2000 रुपये से अधिक का चंदा नकद में नहीं ले सकती. कांग्रेस ने इस नियम का उल्लंघन किया जिसके कारण इसे टैक्स में छूट नहीं मिली. इसके खिलाफ पार्टी ने याचिका भी दाखिल की थी.
 


कारोबारी दुनिया में कमाया नाम, अब राजनीति की बारी; लोकसभा चुनाव लड़ेंगे Santrupt Misra

मिश्रा ओडिशा की कटक सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. BJD ने उन्हें टिकट दिया है.

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Friday, 29 March, 2024
file photo

बिजनेस लीडर संतरूप मिश्रा (Santrupt Misra) ओडिशा की कटक सीट से लोकसभा का चुनाव (Lok Sabha Election 2024) लड़ेंगे. बीजू जनता दल (BJD) ने मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है. मिश्रा आदित्य बिड़ला समूह में सीईओ की भूमिका निभा चुके हैं. कुछ वक्त पहले ही उन्होंने BJD का दामन थामा था. पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी सौंपी थी और अब उन्हें लोकसभा का टिकट दिया गया है.

शुरू किया प्रचार
संतरूप मिश्रा ने पिछले साल दिसंबर में कॉर्पोरेट पोजीशन से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी. तभी से उनकी राजनीति में एंट्री को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं. नवीन पटनायक की पार्टी BJD से टिकट मिलने के बाद मिश्रा ने प्रचार भी शुरू कर दिया है. Maa Cuttack Chandi से आशीर्वाद लेकर मिश्रा ने प्रचार शुरू करते हुए कहा कि ये मेरे लिए एक नई शुरुआत है. 

27 सालों का था साथ
संतरूप मिश्रा ने आदित्य बिड़ला में करीब 27 सालों तक काम किया और पिछले साल दिसंबर में इससे अलग हो गए. उन्होंने बिड़ला कार्बन और बिड़ला केमिकल्स सहित बिड़ला के स्वामित्व वाली कई अन्य कंपनियों में निदेशक के रूप में भी काम किया था. आदित्य बिड़ला समूह में कर्मचारी नीतियों को आकार देने के अलावा, मिश्रा को आर्यमन बिड़ला और अनन्या बिड़ला जैसे बिड़ला वंशजों का मार्गदर्शन करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी. मिश्रा ने भुवनेश्वर के उत्कल विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से कार्मिक प्रबंधन और औद्योगिक संबंधों में स्नातकोत्तर किया. इसके साथ ही उन्होंने इंग्लैंड के बर्मिंघम स्थित एस्टन बिजनेस स्कूल से PHD भी की है. जून 2021 में, ओडिशा सरकार ने मिश्रा को EKAMRA प्रोजेक्ट की परियोजना सलाहकार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया था.
 


PM ने दिखाई डिजिटल भारत की ऐसी तस्वीर, बोल पड़े बिल गेट्स - वाह मोदी जी

पीएम मोदी और माइक्रोसॉफ्ट के संस्‍थापक बिल गेट्स के बीच बातचीत हुई. इसमें दोनों ने AI, हेल्थ और जलवायु सहित कई मसलों पर चर्चा की.

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Friday, 29 March, 2024
PM & BILL GATES

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स से अपने आवास पर मुलाकात की. दोनों के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लेकर डिजिटल पेमेंट्स के मुद्दे पर बातचीत हुई. चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की लखपति दीदी योजना से लेकर स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र तक में बदलाव से बिल गेट्स को अवगत कराया. इस दौरान गेट्स ने भारत की डिजिटल सरकार की तारीफ भी की और पीएम मोदी को इस क्रांति के लिए बधाई दी.

भारत ने की G20 की शानदार मेजबानी

पीएम नरेंद्र मोदी और बिल गेट्स ने 2023 जी20 शिखर सम्मेलन पर चर्चा की जो पिछले साल भारत की अध्यक्षता में संपन्न हुआ. पीएम मोदी ने कहा, जी20 शिखर सम्मेलन से पहले हमने व्यापक चर्चा की और जैसा कि आपने देखा होगा, शिखर सम्मेलन की कार्यवाही में कई मोड़ आए. मेरा मानना है कि अब हम जी20 के मूल उद्देश्यों के साथ जुड़ गए हैं और उन्हें मुख्यधारा में ला रहे हैं. वहीं बिल गेट्स ने कहा जी20 कहीं अधिक समावेशी है और इसलिए भारत को इसकी मेजबानी करते हुए देखना शानदार रहा.

मां के साथ AI भी बोलता है भारत का बच्चा

पीएम मोदी ने बिल गेट्स के साथ देश में AI तकनीक के उपयोग पर बात की. उन्होंने कहा कि हमारे देश का बच्चा इतना एडवांस है कि वह पैदा होते ही आयी (कई राज्यों में मां को कहते हैं) और एआई भी बोलता है. पीएम मोदी ने कहा कि AI के जरिए भाषा संबंधी दिक्कत भी दूर हो जाती है. उन्होंने बताया कि काशी में तमिल कार्यक्रम के दौरान आए तमिल लोगों से उनकी भाषा में बातचीत के लिए उन्होंने AI का उपयोग किया. उन्होंने हिंदी में बात की और उसे AI के जरिए तमिल भाषा में तमिलनाडु के लोगों तक पहुंचाया गया. हमें पता होना चाहिए कि इस टूल का इस्तेमाल कैसे करना है. इस पर बिल गेट्स ने कहा कि AI मे लोगों को गोपनीयता संबंधी चिंताएं भी हैं. लेकिन भारत की डिजीटल रफ्तार को देख बिल गेट्स चौंक गए उन्होंने आश्चर्यचकित होकर कहा,'Wow मोदी जी'

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स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा हो रही डिजिटल 

पीएम मोदी और बिल गेट्स के बीच स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा के क्षेत्र पर भी चर्चा हुई. बिल गेट्स ने कहा कि भारत सिर्फ टेक्नोलॉजी को ही नहीं अपना रहा है बल्कि सही मायने में आगे भी बढ़ रहा है. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य गांव-गांव तक, हर बच्चे तक डिजिटल शिक्षा पहुंचाना है. उन्होंने फैसला किया है कि वह भारत में डिजिटल विभाजन नहीं होने देंगे, डिजिटल बुनियादी ढांचे को गांवों तक लेकर जाएंगे. पीएम मोदी ने बिल गेट्स को अपने फ्यूचर लक्ष्य के बारे में भी बताया. पीएम मोदी ने बताया कि वह 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाना चाहते हैं. वह देश के कृषि क्षेत्र को भी आधुनिक बनना चाहते हैं.

महिलाएं उड़ा रही हैं ड्रोन

बिल गेट्स ने पीएम मोदी से पूछा कि भारत की थीम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में यह है कि यह सभी लोगों के लिए होनी चाहिए. इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि वह महिलाओं के लिए टेक्नोलॉजी में उनके अनुकूल चीजों को जोड़ना चाहते थे, क्यों कि महिलाएं चीजों को तेजी से एडॉप्ट करती हैं. उन्होंने नमो ड्रोन दीदी और 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी जैसे कार्यक्रम किए हैं. वह इनके जरिए साइकोलॉजिकल बदलाव लाना चाहते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि गांव की महिलाएं अब सिर्फ गाय-भैंस नहीं चराएंगी. वह उनके हाथों में तकनीक देना चाहते हैं.

2 लाख गांवों में बने आयुष्मान आरोग्य मंदिर

बिल गेट्स के साथ बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा, मैंने 2 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर गांवों में बनाए. मैं स्वास्थ्य केंद्रों को आधुनिक प्रौद्योगिकी से श्रेष्ठ अस्पतालों के साथ जोड़ देता हूं. पहले शुरुआत में उन्हें लगता था कि डॉक्टर तो नहीं है फिर मुझे देखे बिना वह कैसे बताता है कि क्या बीमारी है? लेकिन बाद में उन्हें समझ आया कि तकनीक की मदद से सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठा डॉक्टर भी उन्हें सही निदान दे रहा है. लोगों का विश्वास बढ़ रहा है. ये डिजिटल प्लेटफॉर्म का कमाल है.
 


भारत की सबसे अमीर महिला ने छोड़ा Congress का हाथ, नेटवर्थ में अरबपतियों को देती हैं टक्कर

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक पार्टी से दूसरी पार्टी में नेताओं के जाने का सिलसिला जारी है. देश की सबसे अमीर महिला ने कांग्रेस छोड़ दी है.

Last Modified:
Thursday, 28 March, 2024
Savitri Jindal

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को हर रोज एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. अब भारत की सबसे अमीर महिला और देश के टॉप अमीरों की लिस्ट में शुमार सावित्री जिंदल ने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया है. सावित्री जिंदल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने इस्तीफे की जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने अपने परिवार की सलाह पर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है. उनका इस्तीफा ऐसे समय पर सामने आया है, जब उनके बेटे नवीन जिंदल हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं. 

2 लाख करोड़ से ज्यादा है नेटवर्थ

ब्लूमबर्ग बिलनेयर्स इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) के मुताबिक, सावित्री जिंदल देश की सबसे अमीर महिला हैं. वह मुकेश अंबानी और गौतम अडानी जैसे अमीरों के साथ देश के टॉप 5 सबसे अमीर लोगों में भी शुमार हैं. भारत की सबसे अमीर महिलाओं में सबसे ऊपर सावित्री जिंदल की उम्र 84 साल है और वे जिंदल समूह का विशाल कारोबार संभाल रही है. ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स  के मुताबिक सावित्री जिंदल की कुल संपत्ति 29.6 अरब डॉलर (करीब 2.47 लाख करोड़ रुपये) है. देश की सबसे अमीर महिलाओं की लिस्ट में इनका नाम पहले नंबर पर आता है, तो वहीं दुनिया के टॉप अरबपतियों में सावित्री जिंदल 56वें स्थान पर हैं.

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कई देशों में जिंदल ग्रुप का कारोबार

जिंदल ग्रुप (Jindal Group) का कारोबार आज तमाम सेक्टर्स में फैला हुआ है, इनमें स्टील, एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सीमेंट, निवेश और पेंट सेक्टर शामिल हैं. ना केवल देश में बल्कि भारत से बाहर भी जेएसडब्ल्यू ग्रुप (JSW Group) का बड़ा बिजनेस है. कंपनी अमेरिका, यूरोप और यूएई से चिली तक कारोबार करती है. सावित्री जिंदल से पहले उनके बेटे नवीन जिंदल (Navin Jindal) ने भी कांग्रेस छोड़ हाल ही में बीजेपी का दामन थामा है. जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (JSPL) के अध्यक्ष नवीन जिंदल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार को तौर पर कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. 

सावित्री जिंदल का राजनीतिक करियर

सावित्री जिंदल 10 सालों तक हिसार से विधायक रही हैं. वह हरियाणा सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं. 2005 में एक प्लेन क्रैश में पति और जिंदल समूह के संस्थापक ओपी जिंदल की मौत के बाद सावित्री ने हिसार से हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2009 में उन्हें एक बार फिर से इस सीट से जीत मिली. इस दौरान उन्हें 2013 तक हरियाणा सरकार में मंत्री पद दिया गया. हालांकि, 2014 हरियाणा विधानसभा चुनाव में उन्हें हार मिली थी.
 


अटल पेंशन योजना को लेकर छिड़ा घमासान, खुद वित्‍त मंत्री ने दिया करारा जवाब 

अटल पेंशन योजना को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाया था जिसे लेकर निर्मला सीतारमण ने विस्‍तार से जवाब दिया है. उन्‍होंने पार्टी पर जमकर हमला भी बोला. 

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Tuesday, 26 March, 2024
Nirmala Sitharaman

एक ओर जहां चुनावों का ऐलान हो चुका है वहीं दूसरी ओर बीजेपी, कांग्रेस सहित सभी पार्टियों की ओर से उम्‍मीदवारों की सूची जारी की जा रही है. इस बीच कांग्रेस पार्टी द्वारा केन्‍द्र सरकार की अटल पेंशन योजना पर सवाल उठाए जाने के बाद इसका जवाब खुद वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया है. उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस के नेता ये नहीं जानते हैं कि अच्‍छी योजना को बनाने के बुनियादी सिद्धांत क्‍या होते हैं. 

जयराम रमेश ने आखिर क्‍या कहा था? 
कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा, वित्त मंत्री 24 मार्च को बेंगलुरु में थीं, जहां वह मोदी सरकार द्वारा अपने ‘प्रमुख सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम’ के रूप में शुरू की गई अटल पेंशन योजना के लाभों की घोषणा कर रही थीं. ठीक एक दिन बाद, जो सामने आया वह यह है. 
• इस योजना में शामिल एक तिहाई ग्राहकों से बिना उनकी स्‍पष्‍ट अनुमति लिए इस योजना को शुरू कर दिया गया. ये उन अधिकारियों के द्वारा किया गया जिन पर अपना कोटा पूरा करने दबाव रहता है. 
• इस योजना में लगभग 83% ग्राहक 1,000 रुपये की पेंशन के सबसे निचले स्लैब में हैं क्योंकि इसके लिए मासिक योगदान कम है और इस पर लाभार्थियों द्वारा ध्यान नहीं’ जाता है. 
ग्राहकों के लिए, रिटर्न की राशि बहुत आकर्षक नहीं है क्योंकि यह एक निश्चित आय पेंशन है, जो बढ़ती कीमतों के साथ मूल्य खो देती है. 
मोदी सरकार की फ्लैगशिप अटल पेंशन योजना एक बहुत ही खराब तरीके से डिजाइन की गई योजना है, एक कागजी शेर है जिसमें भाग लेने के लिए लोगों को धोखा देने और मजबूर करने के लिए अधिकारियों की आवश्यकता होती है. यह मोदी सरकार की हेडलाइन प्रबंधन नीति निर्धारण का एक उपयुक्त प्रतिनिधित्व है जो वास्तव में लोगों तक बहुत कम लाभ पहुंच रहा है. 

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इस पर वित्‍त मंत्री ने दिया जवाब 
जयराम रमेश के इस ट्वीट पर वित्‍त मंत्री ने जवाब देने में देर नहीं लगाई. उन्‍होंने विस्‍तार से इसका जवाब देते हुए कहा कि जयराम रमेश तथ्‍यों को छिपाने और कुतर्क करने के लिए जाने जाते हैं. वो एक अच्‍छी पेंशन स्‍कीम को बनाने के मूल सिद्धांतों के बारे में भी नहीं जानते हैं. 
उन्‍होंने कहा कि अटल पेंशन योजना को श्रेष्‍ठ सिद्धांतों के आधार पर बनाया गया है. इसमें जब तक ग्राहक पेमेंट को लेकर चुनता नहीं है तब तक इसे ऑटोमेटिक पेमेंट के जरिए भुगतान को लेकर डिजाइन किया गया है. ये एक बेहतरीन विकल्‍प है जो लाभार्थी के हित में है. इसमें लाभार्थी को हर साल इस योजना को जारी रखने का विकल्‍प देने की बजाए ये विकल्‍प दिया जाता है कि वो इसे बंद कर सकते हैं. इसके कारण ज्‍यादातर लोग सही निर्णय लेते हैं और अपने रिटायरमेंट के लिए पैसा बचाते हैं. 
उन्‍होंने कहा कि जयराम रमेश इसे फिक्‍स आय पेंशन कह रहे हैं लेकिन उन्‍होंने तथ्‍यों की जांच करना सही नहीं पाया. केन्‍द्र सरकार मौजूदा ब्‍याज दरों से परे सरकार इसके तहत 8 प्रतिशत तक का रिटर्न देती है. उन्‍होंने कहा कि वा‍स्‍तविक रिटर्न में किसी भी तरह की कमी न आने देने के लिए सरकार पीएफआरडीए को सब्सिडी का भुगतान करती है. यदि अटल पेंशन योजना के निवेश पर उच्‍च रिटर्न प्राप्‍त होगा तो उन्‍हें उच्‍च पेंशन का भुगतान किया जाएगा. मौजूदा समय में रिटर्न 8 प्रतिशत से ज्‍यादा है. 

धोखा देने पर कही ये बात 
निर्मला सीतारण ने एपीवाई के ग्राहकों को धोखा देने की बात पर कहा कि जयराम रमेश कह रहे हैं कि इसमें भाग लेने के लिए लोगों को धोखा दिया जा रहा है और मजबूर किया जा रहा है. उन्‍होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति या अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के नाम पर कांग्रेस हमेशा धोखा देती रही है. उन्‍होंने कहा कि @TheOfficialSBI आरके तलवार ने इस्तीफा दे दिया क्योंकि उन्होंने परिवार के पसंदीदा लोगों को कर्ज देने से इनकार कर दिया था. निर्मला सीतारमण ने कई और बातें भी कही. 
 


चुनावी बांड के बदले कॉर्पोरेट समूहों को मिले प्रोजेक्ट्स, प्रियंका गांधी ने किया ट्वीट

चुनावी बांड योजना को चुनौती देने वाले एक्टिविस्ट्स ने दावा किया कि ईडी, सीबीआई और आईटी विभाग की जांच के दायरे में आने वाली 41 कंपनियों ने बीजेपी को हजारों करोड़ों रुपये का दान दिया है. 

Last Modified:
Sunday, 24 March, 2024
Priyanka Gandhi Vadra

कांग्रेस (Congress) महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को चुनावी बांड मुद्दे पर बड़ा दावा किया है. वाड्रा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर (आईटी) विभाग द्वारा जांच की जा रही 41 कंपनियों ने चुनावी फंडिंग योजना के माध्यम से सत्तारूढ़ बीजेपी को 2,592 करोड़ रुपये का दान दिया है. वाड्रा ने यह आरोप सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बांड योजना को चुनौती देने वाली सुनवाई के बाद लगाया है. शुक्रवार को चुनावी बांड योजना को चुनौती देने वाले एक्टिविस्ट्स ने दावा किया था कि ईडी, सीबीआई और आईटी विभाग की जांच के दायरे में आने वाली 41 कंपनियों ने चुनावी बांड के माध्यम से भाजपा को 2,471 करोड़ रुपये का दान दिया था. उन्होंने यह भी दावा किया कि कंपनियों में छापेमारी के तुरंत बाद तीन महीने के अंदर 121 करोड़ रुपये दिये गये थे.

प्रियंका गांधी वाड्रा ने लगाए ये आरोप

प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए आरोप लगाया है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से 38 कॉरपोरेट समूहों ने भाजपा को 2,004 करोड़ चंदा दिया, बदले में इन्हें भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों से 3.8 लाख करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट्स/प्रोजेक्ट मिले.  ईडी, सीबीआई और आईटी ने 41 कॉरपोरेट समूहों पर छापे मारे, जिससे बचने के लिए इन समूहों ने बीजेपी को 2,592 करोड़ रुपये का चंदा दिया. 16 शेल कंपनियों ने बीजेपी को 419 करोड़ रुपये का चंदा दिया. इनमें ऐसी कंपनियां भी शामिल हैं जिन्होंने अपनी कुल पूंजी से कई गुना ज्यादा चंदा दिया. उन्होंने यह भी पूछा है कि क्या प्रधानमंत्री देश की जनता को इस लूट का हिसाब देंगे?

प्रशांत भूषण ने भी लगाए आरोप
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने मीडिया को बताया कि कम से कम 30 शेल कंपनियों ने 143 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बांड खरीदे. उनका यह आरोप चुनाव आयोग द्वारा चुनावी बांड पर डेटा का नया सेट सार्वजनिक करने के बाद आया है. भूषण ने कहा है कि भाजपा को 1,751 करोड़ रुपये के चुनावी बांड दान के बदले कंपनियों को परियोजनाओं और अनुबंधों में कुल 3.7 लाख करोड़ रुपये मिले हैं.

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इन समूहों ने दिया इतना चंदा
उनका आरोप है कि कम से कम 49 मामलों में केंद्र या भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों द्वारा पोस्टपेड अनुबंध/परियोजना मंजूरी में 62,000 करोड़ रुपये दिए गए, जिसके लिए चुनावी बांड के रूप में भाजपा को 3 महीने में 580 करोड़ रुपये रिश्वत के रूप में दिए गए. कल्पतरु समूह (Kalpataru Group) ने 3 अगस्त, 2023 को इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी के बाद भाजपा को 5.5 करोड़, फ्यूचर गेमिंग ने 12 नवंबर, 2023 और 1 दिसंबर, 2021 को आईटी और ईडी छापे के बाद 60 करोड़, अरबिंदो फार्मा ने 10 नवंबर, 2022 को ईडी छापे के बाद भाजपा को 5 करोड़ रुपये दिए. 


 


चुनाव आयोग ने उठाया बड़ा कदम, कलम के पहले आदेश में हटा दिए राज्‍यों के ये बड़े अधिकारी

चुनाव आयोग ने शनिवार को चुनावों का ऐलान करते हुए बताया था कि इस साल 7 चरणों में चुनाव कराए जाएंगे. लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा जबकि आखिरी चरण का मतदान 1 जून को होगा.

Last Modified:
Monday, 18 March, 2024
Election Commission

लोकसभा चुनावों का ऐलान होने के बाद चुनाव आयोग ने पहले ही आदेश में कई राज्‍यों के गृह सचिव से लेकर पश्चिम बंगाल के डीजीपी को हटा दिया है. पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार सहित कई राज्‍यों के अन्‍य अधिकारियों को भी हटाने का निर्देश दिया गया है. चुनाव आयोग ने महाराष्‍ट्र के बृहनमुंबई नगर पालिका के आयुक्‍त इकबाल चहल को भी हटाने का निर्देश दिया गया है. आने वाले दिनों में भी कई और तबादले होने की संभावना है. 

क्‍या कहती है ट्रांसफर पॉलिसी?  
हाल ही में चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई ट्रांसफर पॉलिसी के अनुसार जो अधिकारी अपने गृह क्षेत्र या एक जिले में तीन साल का समय पूरा कर चुका हो उसे ट्रांसफर किया जाए. लेकिन चुनाव आयोग ने ये भी कहा था कि उसे उस संसदीय क्षेत्र के निकटवर्ती जिले में ट्रांसफर ना किया जाए. ये निर्देश चुनाव आयोग ने तब दिया जब कुछ ऐसी खबरें आई थी कि उन्‍हें निकटवर्ती जिलों में ट्रांसफर किया जा रहा है. चुनाव आयोग की ओर से इस पॉलिसी को सभी राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों को लागू करने को कहा था. लेकिन आयोग ने भी कहा कि जिन राज्‍यों में दो संसदीय क्षेत्र हैं वहां ये नियम लागू नहीं होगा. 

जीरो टालरेंस नीति के तहत करेंगे काम 
चुनाव आयोग ने स्‍पष्‍ट किया है कि सभी अधिकारी से लेकर सरकारी संस्‍थान चुनावों में जीरो टालरेंस की नीति के तहत काम करेंगे. किसी भी तरह का मामला सामने आए उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी. चुनाव आयोग ने शनिवार को चुनावों का ऐलान करते हुए बताया था कि इस साल 7 चरणों में चुनाव कराए जाएंगे. लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा जबकि आखिरी चरण का मतदान 1 जून को होगा. 4 जून को लोकसभा चुनावों की गिनती होगी और उसी दिन दोपहर बाद तक पता चल जाएगा कि जनता ने किसे चुना है. 

इन चरणों में यहां होगा मतदान 
सबसे पहले चरण में 19 अप्रैल 2024 को वोटिंग होगी जिसमें 21 राज्यों की 102 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. 

दूसरे चरण की वोटिंग 26 अप्रैल 2024 को होगी जिसमें 13 राज्यों की 89 सीटों पर वोट कराया जाएगा.

तीसरे चरण में 07 मई 2024 को  वोटिंग होगी इसमें 12 राज्यों की 94 सीटों पर वोट कराया जाएगा.

चौथे चरण में वोटिंग 13 मई 2024 को होगी जिसमें 10 राज्यों की 96 सीटों पर वोटिंग कराई जाएगी. 

पांचवें चरण की वोटिंग 20 मई 2024 को होगी जिसमें 8 राज्यों की 49 सीटों पर पोल कराया जाएगा.

छठे चरण की वोटिंग 25 मई 2024 को होगी जिसमें 7 राज्यों की 57 सीटों पर वोटिंग कराया जाएगा.

सातवें चरण की वोटिंग 01 जून 2024 को होगी जिसमें 8 राज्यों की 57 सीटों पर मतदान कराया जाएगा.

4 जून को लोकसभा चुनाव की मतगणना की जाएगी और उसी दिन शाम तक नतीजे आ जाएंगे. 

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क्‍या दिल्‍ली एनसीआर में रहते हैं आप, जान लीजिए कब होगा आपके वहां चुनाव? 

दिल्‍ली में मौजूदा सातों सीटें बीजेपी के पास हैं. लेकिन बीजेपी ने इस बार मनोज तिवारी को छोड़कर बाकी सभी उम्‍मीदवार बदल दिए हैं. 

Last Modified:
Saturday, 16 March, 2024
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चुनाव आयोग ने आज लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है. चुनाव आयोग ने पूरे देश में सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराने की तैयारी की है. लेकिन क्‍या आप देश की राजधानी दिल्‍ली या एनसीआर के क्षेत्र में रहते हैं. अगर हां तो जान लीजिए कि आपके वहां कब चुनाव होने जा रहा है. 

दिल्‍ली में कब होगा चुनाव 
दिल्‍ली में लोकसभा की सात सीटें हैं. इनमें बीजेपी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अपने उम्‍मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है. चुनाव आयोग ने जो आज घोषणा की है उसके अनुसार दिल्‍ली में छठे चरण में मतदान होगा. छठे चरण में दिल्‍ली की सातों सीटों पर 25 मई को चुनाव होगा.

नोएडा गाजियाबाद में इस दिन होगा चुनाव 
नोएडा और गाजियाबाद एनसीआर के दो अहम क्षेत्र है. नोएडा से जहां मौजूदा समय में बीजेपी सांसद महेश शर्मा लोकसभा का प्रतिनिधित्‍व कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर गाजियाबाद की सीट भी बीजेपी के पास है. एनसीआर की इन दो लोकसभा सीटों पर चुनाव 26 अप्रैल को होगा. चुनाव आयोग के सीईसी राजीव कुमार ने आज चुनावों की तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि दूसरे चरण में जिन सीटों पर चुनाव होगा उनमें गाजियाबाद और नोएडा भी शामिल हैं. 

गुरुग्राम में इस दिन होगा लोकसभा चुनाव 
गुरुगाम को मिलेनियम सिटी के नाम से भी जाना जाता है. गुरुगाम हरियाणा का सबसे विकसित जिला है. चुनाव आयोग के ऐलान के अनुसार गुरुग्राम में भी छठे चरण में चुनाव होगा. छठे चरण में चुनाव 25 मई को होना है. यानी दिल्‍ली के साथ साथ चुनाव गुरुग्राम में होगा. गुरुग्राम से मौजूदा सांसद राव इंद्रजीत सिंह हैं. जो बीजेपी से है. 

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लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, मुख्य चुनाव आयुक्त ने कही ये बातें

चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस करके मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मतदाताओं के साथ चुनाव और मतदान से संबंधी कुछ जरूरी बातें भी साझा की हैं.

Last Modified:
Saturday, 16 March, 2024
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शनिवार को चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. इसी के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मतदाताओं के साथ चुनाव और मतदान से संबंधी कुछ जरूरी बातें भी साझा की हैं. तो आईए हम आपको बताते हैं क्या है ये जरूरी बातें, जिनका आपको खास ध्यान रखना है -

वोटरों से की मतदान की अपील
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हम वोटरों से अपील करते हैं कि वो वोट करें. क्योंकि ये आपका धर्म है. वोट करना एक जिम्मेदार नागरिक की पहचान है. हर मतदाता वोट जरूर करें. 

राजनीतिक दलों से कहा 
राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव अभियान में राजनीतिक दल निजी हमलों से बचें. दुश्मनी जमकर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों. चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को रुपये-पैसे का हिसाब-किताब देने को कहा है. आयोग ने कहा है कि वह 2,100 ऑब्जरवर की नियुक्ति कर रहे हैं. निष्पक्ष चुनाव हो इस पर पर्यवेक्षक नजर रखेंगे. सुरक्षाबलों की सही तरीके से तैनाती हो इस पर भी नजर रहेगी. 

बुजुर्ग मतदाताओं को मिलेगी विशेष सुविधा
राजीव कुमार ने कहा कि 85 वर्ष से अधिक उम्र के जितने भी मतदाता हैं उनके घर जाकर मतदान करवाया जाएगा. इस बार देश में पहली बार ये व्यवस्था एक साथ लागू होगी कि जो 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता हैं और जिन्हें 40% से अधिक की विकलांगता है, उनके पास हम फॉर्म पहुंचाएंगे अगर वो मतदान का ये विकल्प चुनते हैं. उन सबके पास फॉर्म पहुंचाए जाएंगे. अगर वो ये कहेंगे कि बूथ पर नहीं आएंगे, तो चुनाव आयोग उनके घर वोट लेने जाएंगे. पहाड़ के बर्फ से लेकर जंगल में भी जाएंगे. 
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पोलिंग बूथ पर ये सुविधा

चुनाव आयोग ने बताया कि पोलिंग बूथ पर मतदाताओं के लिए कुछ जरूरी व्यवस्था भी की गई हैं. इसमें पीने का पानी, टॉयलेट्स, रैंप, व्हीलचेयर, हेल्प डेस्क, वोटर फैसिलिटेशन सेंटर, शेड्स और पर्याप्त रोशनी जैसी तमाम सुविधाएं दी जाएंगी.

नो योर कैंडिडेट 
राजीव कुमार ने मतदाताओं को बताया है कि नो योर कैंडिडेट एप्लीकेशन में आपको उम्मीदवार की समस्त जानकारी अपने मोबाइल पर मिलेगी. निर्वाचन आयोग की 'नो योर कैंडिडेट' (केवाईसी) नाम की मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए आम नागरिक उम्मीदवार के बारे में तमाम जानकारियां हासिल कर सकते हैं. उसमें आपको कैंडिडेट के क्रिमिनल रिकॉर्ड के बारे में भी जानकारी पता लग सकती है. ऐसे में आप जान पाएंगे कि आपके कैंडिडेट का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड है या नहीं और इस आधार पर आप अपने कैंडिडेट का चुनाव कर सकते हैं.


लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव का बजा बिगुल, जानें कब हैं आपके इलाके में चुनाव?

देश में चुनावी बिगुल बज चुका है. इस बार लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे. इस बार करीब 97 करोड़ वोटर चुनाव में मतदान करेंगे.

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Saturday, 16 March, 2024
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भारत में लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व लोकसभा चुनावों का बिगुल बज गया है. चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी है. इस बार लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे, जिसमें पहले चरण में मदान 19 अप्रैल और सातवें चरण में मतदान 1 जून होंगे. वहीं, 4 जून को मतगणना होने के साथ ही देश में एक नई सरकार का गठन हो जाएगा. शनिवार को चुनाव आयोग द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव की तारीख की घोषणा करने से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हमारी टीम चुनाव के लिए तैयार है.  उन्होंने कहा कि भारत के चुनाव पर पूरी दुनिया की  नजर रहती है. ये  चुनाव का पर्व पूरे देश के लिए गर्व का विषय है. भारत में चुनाव लोकतंत्र का एक बड़ा पर्व है.  राजीव कुमार ने जानकारी दी कि 2024 के लोकसभा चुनाव में  543 सीटों, जिनमें 412 सामान्य सीटें, एससी 84 और एसटी 47 होंगी. इन सभी सीटों पर करीब 97 करोड़ वोटर मतदान करेंगे.  

इतने चरणों में होंगे चुनाव

पहले चरण - 19 अप्रैल

दूसरे चरण - 26 अप्रैल 

तीसरा चरण -7 मई 

चौथा चरण-13 मई

पांचवा चरण-20 मई 

छठा चरण -25 मई 

सातवां चरण -1 जून 

लोकसभा से पहले इन राज्यों में होंगे विधानसभा चुनाव 

लोकसभा चुनाव के साथ ही देश के चार राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होंगे, जिनमें उड़ीसा, सिक्किम, आंध्र प्रदेश और अरूणांचल प्रदेश शामिल हैं. वहीं, 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे.  आपको बता दें, आंध्र प्रदेश में 18 अप्रैल को नोटिफिकेशन और 13 मई को वोटिंग, अरुणाचल प्रदेश में 20 मार्च को नोटिफिकेशन और 19 अप्रैल को वोटिंग, सिक्किम में 20 मार्च को नोटिफिकेशन और 19 अप्रैल को वोटिंग और ओडिशा में पहला नोटिफिकेशन 18 अप्रैल को और वोटिंग 13 मई को होगी.

बंगाल में सात चरणों में होगा चुनाव
पहला चरण में 3 सीटों पर 19 अप्रैल,  दूसरा चरण में 26 अप्रैल को 3 सीटों पर, तीसरा चरण में सात मई को 4 सीटों पर, चौथा चरण- में 13 मई को 8 सीटों पर, पांचवे चरण में 20 मई को 7 सीटों पर, छठे चरण में 25 मई को 8 सीटों पर और सातवें चरण में एक जून को 9 सीटों पर चुनाव होंगे.

बिहार में इतने चरणों में होंगे चुनाव

इस बार बिहार में सात चरणों में लोकसभा चुनाव संपन्न कराए जाएंगे, यानी 18 अप्रैल से लेकर 7 मई तक यहां चुनाव होंगे.

तीन चरणों में होंगे छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव
छत्तीसगढ़ में चुनाव का आयोजन तीन चरणों में होगा, पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल, दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल और तीसरे चरण का मतदान 7 मई को किया जाएगा.
 

मध्य देश में चार चरणों में होंगे चुनाव
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई और 13 मई को वोटिंग होगी, जबकि चार जून को नतीजे सामने आएंगे.

दिल्ली में छठे चरण में होगा मतदान
दिल्ली में सातों लोकसभा सीटों पर 26 मई को छठे चरण में  मतदान होंगे.
 

गुजरात में इस दिन होंगे चुनाव

गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों के लिए मतदान 7 मई को तीसरे चरण में होगा. वहीं, वोटों की गिनती एक साथ ही चार जून को होगी.

तमिलनाडु में इस दिन होंगे चुनाव
तमिलनाडु में लोकसभा की कुल 39 सीटें हैं,  चुनाव आयोग के मुताबिक राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर एक चरण में चुनाव कराए जाएंगे.  यहां पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होंगे. 

केरल में इस दिन होंगे चुनाव
केरल में लोकसभा की कुल 20 सीटें हैं, चुनाव आयोग के मुताबिक यहां दूसरे चरण में 26 अप्रैल को लोकसभा की सभी 20 सीटों पर मतदान होंगे.

कर्नाटक में इस दिन होंगे चुनाव
कर्नाटक में लोकसभा की कुल 28 सीटें हैं और यहां दो चरणों में लोकसभा के चुनाव संपन्न होंगे. चुनाव आयोग के मुताबिक राज्य की 14 लोकसभा सीटों पर 26 अप्रैल को दूसरे चरण में वोटिंग होगी जबकि बाकी की 14 सीटों पर 7 मई को तीसरे चरण में मतदान होगा.

गोवा में इस दिन होंगे चुनाव
गोवा में लोकसभा की कुल दो सीटें हैं। यहां तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग होगी। चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे।

ओडिशा में इस दिन होंगे चुनाव
ओडिशा में लोकसभा की कुल 21 सीटें हैं। यहां कुल चार फेज में चुनाव कराए जाएंगे। लोकसभा की 4 सीटों पर चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा। लोकसभा की 5 सीटों पर पांचवें चरण में 20 मई को वोटिंग होगी। लोकसभा की 6 सीटों पर छठे चरण में 25 मई को वोटिंग होगी जबकि बाकी की 6 सीटों पर आखिरी चरण में 1 जून को वोटिंग होगी। चुनाव के परिणाम 4 जून को घोषित होंगे।

हिंसा के खिलाफ सख्त चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर किसी भी मतदान केंद्र पर हिंसा होगी, तो मतदाता वोटर आयोग से शिकायत कर सकेंगे. शिकायत पर 100 मिनट्स में रिस्पॉंस मिलेगा. किसी भी तरह की हिंसा पर कड़ी कार्रवाई होगी. इसके लिए पुलिस और जिलाधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं. चुनाव आयोग का देश में हिंसा मुक्त चुनाव कराने हैं. हिंसा को लेकर गैरजमानती वारंट जारी किया जाएगा. हर जिले में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है.  अंतर्राष्ट्रीय बार्डर, एयरपोर्ट और हिस्ट्रीशीटर पर भी चुनाव आयोग की नजर रहेगी. 

आयोग के सामने चार बड़ी चुनौतियां

चानाव आयोग के सामने चार चुनौतियां हैं, जिसमें बाहुबल, धनबल, गलत सूचना और एमसीसी का उल्लंघन शामिल है. चुनाव आयोग ने कहा है कि वह इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं. पैसा बांटने वालों पर उनकी सख्त नजर रहेगी.  कुछ राज्यों में पैसा बहुत बंटता है, ऐसे राज्यों में चेकिंग होगी. टीवी और सोशल मीडिया पर भी नजर रहेगी. मुफ्त साड़ी, शराब, पैसा आदि बांटने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी. हेलीकॉप्टर की लैंडिंग पर भी जांच होगी. एयरपोर्ट बॉर्डर पर नियमित नजर रखी जाएगी. गलत सूचना फैलाने वालों पर कार्रवाई होगी. आयोग ने कहा कि आलोचना ठीक है, लेकिन कोई भी फेक न्यूज न फैलाएं. फेक न्यूज पर आईटी कानून के तहत कार्रवाई होगी.

चुनाव से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
-चुनाव में 55 लाख ईवीएम का इस्तेमाल होगा. 
-10.5 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं.
-10 लाख मतदाता केंद्र बनाए गए हैं.
-96 करोड़ 88 लाख वोटर हैं. 
-इस बार 1.82 करोड़ नए मतदाता हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे. 
-543 सीटों पर मतदान होंगे, जिनमें  हैं 412 सामान्य सीटें, एससी 84 और एसटी 47 सीटें शामिल हैं. 
-महिला वोटर की संख्या पुरुष वोटर से ज्यादा है. 
 -11.5 करोड़ चुनाव अधिकारी और सुरक्षाकर्मी की ड्य़ूटी होगी.
-47.1 करोड़ महिला मतदाता हैं.
-21.5 करोड़ युवा मतदाता हैं.
-18 से 19 साल की उम्र की 85 लाख लड़कियां फर्स्ट टाइम वोटर हैं.
-82 लाख मतदाता 85 साल से अधिक उम्र वाले  हैं.
-20-29 साल के मतदाता 19.74 करोड़ हैं. 
-49.7 पुरुष मतदाता हैं.