बजट 2023: क्या सीनियर सिटीजंस को मिलेगी इनकम टैक्स में छूट

इस प्रकार देश के विकास को महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ा रहे हैं. इनमें से कई वरिष्ठ नागरिक आय उत्पन्न करते हैं.

Last Modified:
Thursday, 05 January, 2023
Incom Tax Return

नई दिल्लीः 1.39 बिलियन की अनुमानित जनसंख्या के साथ चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है. इसमें से, लगभग 10.36% 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं, अर्थात 144 मिलियन भारतीय जनसांख्यिकी का एक बड़ा हिस्सा हैं और इस प्रकार देश के विकास को महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ा रहे हैं.

इनमें से कई वरिष्ठ नागरिक आय उत्पन्न करते हैं (ज्यादातर प्रकृति में निष्क्रिय). हालांकि, 60 वर्ष की आयु के बाद भी उनके योगदान और जीवन यापन की बढ़ती लागत को देखते हुए, ऐसा लगता है कि ऐसे व्यक्तियों के लिए उपलब्ध वर्तमान कर प्रोत्साहन पर्याप्त नहीं हैं.

धारा 80C की सीमा को बढ़ाना

आईटी अधिनियम की धारा 80सी के तहत कटौती एक छतरी है जिसमें एससीएसएस नियम, 2019 के अनुसार वरिष्ठ नागरिक बचत योजना ('एससीएसएस') में जमा, 5 साल की सावधि जमा, एलआईसी में योगदान, पीपीएफ, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र ('एनएससी') आदि में सदस्यता जैसी अधिकांश बचत/निवेश आधारित कटौती होती है.  अधिकतम कटौती जो एक व्यक्ति दावा कर सकता है, वह 1,50,000 रुपये तक सीमित है. जो कि इस धारा के तहत उपलब्ध बचत/निवेश आधारित कटौती के अवसरों की संख्या को देखते हुए बहुत कम है. इसलिए, उक्त सीमाओं को ऊपर की ओर संशोधित किए जाने की उम्मीद है क्योंकि इसे पिछली बार 2014 के बजट में संशोधित किया गया था.

वैकल्पिक रूप से, 60 वर्ष या उससे अधिक के वरिष्ठ नागरिकों के लिए, 50,000 रुपये की कटौती की एक अतिरिक्त सीमा के अतिरिक्त 150,000 यू/एस 80सी अपेक्षित है.

धारा 80सी के तहत होल्डिंग की लॉक-इन अवधि को युक्तिसंगत बनाया जाए

बैंकों या डाकघरों, एनएससी, इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम ('ईएलएसएस') के साथ फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे कुछ निवेश 3 (ईएलएसएस के लिए) से लेकर 5 साल (ईएलएसएस के लिए) तक की अवधि में निर्दिष्ट लॉक के अधीन कटौती के लिए पात्र हैं. कई वरिष्ठ नागरिकों को अपने शारीरिक स्वास्थ्य, चिकित्सा देखभाल या अन्य आकस्मिकताओं के लिए तरल नकदी की आवश्यकता हो सकती है. इस प्रकार, यह उम्मीद की जाती है कि उक्त लॉक-इन समय-सीमा को संशोधित किया जाएगा और वरिष्ठ नागरिकों के लिए युक्तिसंगत बनाया जाएगा.

धारा 80टीटीबी के लिए सीमा में वृद्धि और एनएससी से ब्याज को शामिल करने के दायरे को बढ़ाना

आईटी अधिनियम की धारा 80टीटीबी प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक को एक आय के लिए कटौती प्रदान करती है जो एक निर्दिष्ट बैंकिंग कंपनी या बैंकिंग के व्यवसाय में लगी एक सहकारी समिति या एक विशेष वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये तक के डाकघर के साथ जमा राशि पर ब्याज की प्रकृति में है. हालांकि, उक्त सीमा को पिछले 5 वर्षों से नहीं बढ़ाया गया है और मुद्रास्फीति की वर्तमान दर के अनुसार सुधार की आवश्यकता ह.। इस प्रकार, यह उम्मीद की जाती है कि 50,000 रुपये तक रुपये की सीमा को  75,000 तक बढ़ाया जा सकता है.

साथ ही, एनएससी पर ब्याज आय कई वरिष्ठ नागरिकों के लिए आय के प्राथमिक स्रोतों में से एक है और इस प्रकार इसे 80TTB के दायरे में शामिल किया जाना चाहिए.

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Personal Loan लेते समय इन बातों का रखें ख्याल, तो कम होगी EMI

पर्सनल लोन जिसे कंज्यूमर लोन भी कहा जाता है. इसके लिए अप्लाई करने से पहले आपको अपनी जरूरतों का आकलन करना चाहिए.

Last Modified:
Thursday, 18 April, 2024
personal loan

पर्सनल लोन लेने की तैयारी कर रहे हैं तो एक सही प्लानिंग ही आगे की राह को आसान कर सकती है. पर्सनल लोन लेने के बाद जो चीज आपको सबसे ज्यादा परेशान करती है वो है बढ़ती EMI. क्योंकि पर्सलन लोन का इंट्रेस्ट रेट दूसरे लोन से बहुत ज्यादा होता है. पर्सनल लोन लेने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखा जाना जरूरी है. लोन और लोन की राशि से जुड़े कुछ सवालों का जवाब पहले ही खोज लिया जाए तो कर्ज के बोझ से जल्द से जल्द छुटकारा पाया जा सकता है. किसी बैंक की पर्सनल लोन की ब्याज दरों को जानने से पहले आपको पता होना चाहिए कि पर्सनल लोन आपको तत्काल भुगतान करने में कैसे मदद कर सकता है. आपको ये 6 जरूरी पॉइंट्स अगले पर्सनल लोन पर सर्वोत्तम ब्याज दर खोजने में मदद कर सकते हैं.

क्रेडिट स्कोर होना चाहिए बेहतर

किसी भी भारतीय बैंक से किसी भी पर्सनल लोन के लिए आवेदन करने से पहले आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास एक अच्छी क्रेडिट रिपोर्ट हो. जब आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होगा, तो आपको बैंकों से व्यक्तिगत कर्ज मिलने की संभावना बढ़ जाएगी, और आपके पास कई अच्छे विकल्प उपलब्ध होंगे. जब आप कर्ज के लिए बैंक से बातचीत करते हैं तो आपको फायदा भी मिल सकता है.

आपको ऑफर्स का उठाना होगा फायदा

बैंकों को विशिष्ट समय पर मौसमी ऑफर चलाने के लिए जाना जाता है, और इस प्रकार के ऑफ़र आपको व्यक्तिगत ऋण ब्याज दर प्रदान कर सकते हैं जो सामान्य रूप से दी जाने वाली ब्याज दरों से कम होती हैं. लेकिन आपको ये ऑफर सीमित समय के लिए ही मिल सकते हैं, इसलिए आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि बैंक कब ये ऑफर देते हैं.

पर्सनल लोन इंटरेस्ट रेट

पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करने से पहले आपको ये चेक कर लेना चाहिए कि कौन सा बैंक कितनी ब्याज दर पर लोन ऑफर कर रहा है. आपके लोन अमाउंट के हिसाब से लोन पर अलग-अलग ब्याज दरें हो सकती है. इंटरेस्ट रेट बड़ा फैक्टर है क्योंकि इसी से यह कैलकुलेट होता है कि आपको प्रिंसिपल लोन अमाउंट पर आपको कितना ब्याज चुकाना होगा.

EMI पर क्या है राहत?

पर्सनल लोन दो तरह के होते हैं. प्रिंसिपल अमाउंट यानी मूलधन और इस मूलधन पर इंटरेस्ट यानी ब्याज दर. आपको इन्हें किस्तों या EMI (Equated Monthly Instalments) में चुकाना होता है. आप लोन ले रहे हैं तो इसका कैलकुलेशन कर लें कि आपको हर महीने कितनी EMI भरनी होगी. कुछ बैंक या NBFCs आपको स्टैंडर्ड EMI अमाउंट के साथ-साथ फ्लेक्सिबल EMI का ऑप्शन भी देते हैं. स्टैंडर्ड EMI के तहत आप हर महीने एक बंधी-बंधाई किस्त चुकाते हैं. वहीं फ्लेक्सिबल EMI में आप कम किस्त से शुरू करके धीरे-धीरे इसे बढ़ाते हैं.

लोन चुकाने की शर्तें क्या हैं?

Personal Loan चुकाने के पहले आपको लोन अमाउंट टेन्योर पूरा होने से पहले चुकाने यानी लोन प्रीपेमेंट की शर्तें भी चेक कर लेनी चाहिए. कई बैंक या NBFCs लोन के प्रीपेमेंट पर पेनाल्टी लगाते हैं. यानी आपको लोन की अवधि पूरी होने से पहले ही लोन का पैसा चुका देने पर जुर्माना देना पड़ता है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बैंक को आपको लोन देकर हर महीने ब्याज मिल रहा है, आप जल्दी लोन चुका देते हैं, तो उसके पास ये पैसा आना बंद हो जाता है. आप लोन जारी करवाने से पहले ये पता कर सकते हैं कि अगर आप वक्त से पहले लोन चुकता करना चाहें तो क्या आपको जुर्माना भरना पड़ेगा.

बैंक का ट्रैक रिकॉर्ड

बैंकों का ट्रैक रिकॉर्ड भी चेक करना जरूरी है. आपको पहले लेंडर का ट्रैक रिकॉर्ड चेक कर लेना चाहिए कि वो बाजार में कितने वक्त से है, कितना मजबूत है, ग्राहकों का अनुभव कैसा रहा है. पर्सनल लोन आपकी कई जरूरतों को पूरा कर सकता है और अब ये अलग-अलग प्लान्ड और अनप्लान्ड जरूरतों के लिए अवेलेबल भी हैं, ऐसे में आपको इसके लिए अप्लाई करने से पहले ऊपर बताई गई बातों पर अच्छे से सोच-समझ लेना चाहिए.
 


टैक्‍स बचाने में कारगर साबित हो सकता है होम लोन, जानते हैं इतने लाख तक कर सकते हैं बचत

टैक्स लायबिलिटी को कम करने के लिए इनकम टैक्स नियमों में प्रावधान किए गए हैं. इसमें होम लोन और अंडर कन्स्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर टैक्स छूट जैसे बेनेफिट शामिल हैं.

Last Modified:
Thursday, 11 April, 2024
Home Loan Benefit

इनकम टैक्स एक्ट (Income tax act, 1961) के तहत भारतीय टैक्सपेयर्स को कई तरह के टैक्स बेनेफिट (tax benefits) मिलते हैं. अलाउंस और इन्वेस्टमेंट पर तो टैक्स छूट मिलती ही है, साथ ही आपके कुछ बड़े खर्चों को देखते हुए भी टैक्स लायबिलिटी कम हो जाए, इसके लिए इनकम टैक्स नियमों में प्रावधान किए गए हैं. इसमें ही होम लोन (home loan tax benefits) और अंडर कन्स्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर टैक्स छूट जैसे बेनेफिट आते हैं. तो चलिए हम आपको होम लोन और प्रॉपर्टी कन्स्ट्रक्शन से जुड़े कई सेक्शन और उनकी शर्तें के बारे में बताते हैं.

घर बनवाने पर ये है टैक्स छूट की शर्तें
अगर आप अंडर कन्स्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के लिए टैक्स डिडक्शन क्लेम करना चाहते हैं, तो आप एक साल में जितना ब्याज भरा गया है, उस पर 2 लाख तक के ब्याज और सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख तक टैक्स छूट ले सकते हैं. ब्याज पर ये छूट घर का कन्स्ट्र्क्शन पूरा हो जाने पर लिया जा सकता है, इसके लिए कन्स्ट्रक्शन का 5 साल में पूरा होना जरूरी है. ये डिडक्शन 5 किस्तों में क्लेम की जा सकती है. अगर घर इन 5 सालों में नहीं बन पाता है तो भरे गए ब्याज पर आपको 30,000 रुपये की छूट ही मिल पाएगी. 
 

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ऐसे मिलेगा टैक्स लााभ

1. होम लोन के इंटरेस्ट पर टैक्स छूट (Section 24) मिलेगी. अगर आपने घर बनवाने के लिए लोन लिया है, तो आप लोन के ब्याज पर किए गए भुगतान पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. यह छूट अपने इस्तेमाल में ली जा रही प्रॉपर्टी के लिए भी ले सकते हैं, इसमें अधिकतम छूट 2 लाख सालाना की छूट ली जा सकती है. हालांकि, प्रॉपर्टी को किराये पर दिया है, तो पूरे ब्याज पर आपको टैक्स छूट मिल जाती है.

2.इसके अलावा प्रिंसिपल अमाउंट पर टैक्स छूट (Section 80C) मिल होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट के रीपेमेंट पर आप टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. यह छूट सालाना 1.5 लाख की कुल छूट की लिमिट में आती है.

3. रजिस्ट्रेशन फीस पर टैक्स छूट (Section 80C)- संपत्ति को खरीदते समय दिया गया रजिस्ट्रेशन फीस भी 80C के तहत आयकर छूट दिलाता है.

4 पहली बार घर खरीदने वालों के लिए (Section 80EE)- पहली बार घर खरीदने वाले लोगों को भी अतिरिक्त छूट मिल सकती है. सेक्शन 24b के तहत जो 2 लाख की छूट मिली है, उसके ऊपर से आप अपने होम लोन के ब्याज पर 50,000 की एक्स्ट्रा छूट ले सकते हैं.

5. जॉइंट-ओनर्स के लिए टैक्स छूट- अगर आप संपत्ति के जॉइंट ओनर हैं या फिर किसी के साथ जॉइंट बॉरोअर बनकर जॉइंट होम लोन लिया है तो दोनों ही मालिक अलग-अलग भागीदारी के लिए टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.
 

 


कैश निकालने के लिए ATM जाने का झंझट खत्म, घर पहुंच जाएंगे पैसे, जानते हैं कैसे?

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने पैसे निकालने के लिए अब एटीएम (ATM) जाने का झंझट खत्म कर दिया है. यानी अब आप घर बैठे ही आपको अपने हाथ में कैश मिल जाएगा. 

Last Modified:
Thursday, 11 April, 2024
Cash

अब आपको बार बार कैश निकालने के लिए ATM या बैंक जाना अच्छा नहीं लगता या आपके पास इतना समय नहीं है, तो अब आपकी इस समस्या का हल निकाल लिया गया है. आपको कैश लेने एटीएम जाने की जरूरत नहीं, कैश खुद चलकर आपके घर आएगा. इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने पैसे निकालने के लिए एक गजब की सुविधा शुरू की है, जिसका नाम ‘ऑनलाइन आधार एटीमएम सर्विस’ (AAAS) है. तो आइए जानते हैं कि ये सुविधा क्‍या है और कैसे काम करती है.
 

क्या है ऑनलाइन आधार एटीएम सर्विस?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आधार इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने ऑनलाइन आधार एटीएम सर्विस की सुविधा शुरू की है. इसे आधार इनेबल्‍ड पेमेंट सिस्‍टम (एईपीएस) के जरिये दिया जा रहा है. आधार एटीएम ऐसी सुविधा है, जो आपको घर बैठे कैश निकालने की सुविधा देती है. इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए आपको सबसे पहले अपने बैंक खाते को आधार नंबर से लिंक करना होगा. इस आधार एटीएम सर्विस की मदद से खाताधारक के बायोमेट्रिक का इस्तेमाल कर बैंकिंग सर्विस दी जाती है. बायोमेट्रिक डिटेल के जरिए उन्हें बेसिक बैंकिंग सर्विस की सुविधा जैसे कैश विड्रॉल, बैलेंस इंक्वायरी, कैश विड्रॉल, मिनी स्टेटमेंट जैसी सर्विस घर पर मिल जाती है.  इतना ही नहीं इस सर्विस की मदद से आप आधार टू आधार फंड ट्रांसफर भी कर सकते हैं.

कैसे आएंगे पैसे?
एटीएम (Aadhaar ATM)  की मदद से आपको घर बैठे पैसे मिल जाएंगे. पोस्टमैन आपके घर तक कैश पहुंचाएगा, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के जरिए आप बिना बैंक या एटीएम गए ही कैश निकाल सकते हैं. आज की तेजी से भागती दुनिया में बैंक या एटीएम जाने के लिए समय निकालना एक परेशानी हो सकती है. खासकर तब जब आपको कैश की तुरंत जरूरत हो, ऐसे में अब आप अपने घर से बाहर निकले बिना आसानी से कैश हासिल कर सकते हैं.आपको बता दें, अगर आपने अपने एक आधार नंबर से कई बैंक खातों को लिंक कर रखा है, तो ट्रांजैक्शन के वक्त आपको अपना बैंक खाता चुनना होगा, जिससे आप कैश निकालना चाहते हैं.  इस सर्विस के जरिए आप  10,000 रुपये तक का कैश ट्रांजैक्शन कर सकते हैं.

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कितना चार्ज, कैसे करें इस्तेमाल?  
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के जरिए कैश घर पर मंगवाने पर आपको कोई शुल्क नहीं देना है, लेकिन डोर स्टेप सर्विस के लिए बैंक आपसे चार्ज करेंगा.  इस सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले आपको सबसे पहले आईपीपीबी  की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा.  वहां जाकर  डोर स्टेप का ऑप्शन चुनें, फिर अपना नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, एड्रेस, पिन कोड जैसी डिटेल भरें.  उस बैंक का नाम भरें, जहां आपका खाता हैं.  I Agree पर क्लिक कर सब्मिट कर दें. थोड़ी देर में पोस्टमैन आपके घर कैश लेकर आएगा.  

ट्रांजैक्‍शन के नियम और सीमाएं
अगर गलत आधार विवरण दर्ज किया गया है या गलत बैंक चुना गया है, तो लेनदेन अस्वीकार कर दिया जाएगा. सिर्फ प्राइमरी खाते से ही रकम को डेबिट किया जाएगा. आधार कार्ड ले जाना जरूरी नहीं है. लेकिन, आधार-बैंक खाता लिंक होना जरूरी है. ग्राहकों को लेनदेन की सफलता की सूचना माइक्रोएटीएम और एसएमएस अलर्ट के जरिये दी जाएगी. आईपीपीबी एक्‍सेस पॉइंट पर या डोरस्टेप सेवाओं के लिए लेनदेन शुल्क नहीं लेता है. हालांकि, डोरस्टेप सेवा शुल्क लागू होता है. एनपीसीआई ने प्रति एईपीएस लेनदेन पर अधिकतम लेनदेन सीमा 10,000 रुपये तय की है.


इस डेट तक हर हाल में भर दें आईटीआर,  टैक्स में मिलेगी इतने लाख रुपये की छूट

वित्त वर्ष 2024-25 में नई कर व्यवस्था में केवल 50 हजार की मानक कटौती का ही लाभ मिलता है. वहीं, Old Tax  Regime में 80 सी के तहत कर में काफी छूट मिलती है.

Last Modified:
Monday, 08 April, 2024
Tax  Return

वित्त वर्ष 2024-25 (एसेसमेंट ईयर ) के लिए आयकर रिटर्न भरने वाले करदाता (Tax Payers)  सचेत हो जाएं. 1 अप्रैल 2024 से आयकर रिटर्न भरने की शुरुआत हो गई है. आपको बता दें, आईटीआर दाखिल करने के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है. अब जो भी करदाता पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax  Regime)  को अपना कर आईटीआर (ITR) भरना चाहते हैं, उन्हें हर हाल में 31 जुलाई तक रिटर्न दाखिल करना होगा. अगर आपने इसमें चूक कर दी तो पुरानी व्यवस्था का लाभ नहीं मिलेगा और नई प्रणाली के आधार पर आयकर का लाभ मिलेगा. 

ये हुआ है बदलाव
नए नियम के तहत जो करदाता बिना जुर्माना चुकाए 31 जुलाई 2024 तक की अंतिम समय सीमा के अंदर आयकर रिटर्न दाखिल करेंगे, उन्हें पुरानी कर व्यवस्था का लाभ दिया जाएगा. इसके बाद न्यू टैक्स रिजीम की डिफॉल्ट प्रणाली लागू हो जाएगी. पुरानी व्यस्थआ में 2.5 लाख रुपये की कर छूट मिलती है. इसमें 80 सी तहत 1.5 की कर छूट, 50 हजार की मानक कटौती और 50 हजार रुपये एनपीएस में योगदान शामिल है. वहीं, नई व्यवस्था में कवल 50 हदार की मानक कटौती का ही लाभ मिलता है.  

विलंबित आईटीआर में लाभ नहीं मिलेंगे
टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार 31 जुलाई समयसीमा समाप्त होने के बादस करदाताओं को जुर्माने के साथ विलबिंत आईटीआर दाखिल करने का मौका दिया जाता है. इसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर होती है. अगर कोई करदाता इस अवधि में आईटीआर दाखिल करता है, तो उस पर न्यू टैक्स रिजीम के अनुसार आयकर देय होगा. उसे पुरानी व्यवस्था में मिलने वाली कर छूट और अन्य कटौतियों का लाभ नहीं मिलेगा. इससे बचने के लिए एक्सपर्ट्स ने 31 जुलाई तक रिटर्न दाखिल करने की सलाह दी है. 

अपने एम्प्लॉयर दो दें सूचना
आयकर कानून के अनुसार न्यू टैक्स रिजीम डिफॉल्ट व्यवस्था है. यानी करदाता के लिए यह पहले से लागू है. यदि कोई वेतनभोगी करदाता ओल्ड रिजीम को चाहता है, तो उसे नए वित्त वर्ष की शुरुआत में अपने एम्प्लॉयर को इस संबंध मे सूचित करना होगा. अगर वह ऐसा नहीं करता है तो वह अपने आप नई कर व्यवस्था में आ जाएगा और इसके तरह तय इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर उसके वेतन से टैक्स काटा जाएगा. आयकर रिफंड का दावा करने के लिए उन्हें अगले वत्त वर्ष का इंतजार करना होगा. 

केवल इन्हें मिलेगी टैक्स बदलने की छूट
अगर कोई टैक्सपेयर अपने एम्प्लॉयर को सूचित करने में विफल रहता है, तब भी आयकर रिटर्न दाखिल करते समय टैक्स सिस्टम को बदल सकता है. लेकिन केवल यह समय सीमा के अंदर किया गया हो. टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार करदाता अपनी सुविधा और लाभ को देखते हुए आयकर रिटर्न दाखिल करते समय इसे बदल भी सकता है. हर साल कर व्यवस्था बदलने की यह सुविधा केवल वेतन भोगियो के लिए है. कारोबारी या व्यापारी सिर्फ एक बार ही इसे बदल सकते हैं. 
     
 


सुरक्षित जगह करना चाहते हैं निवेश, ये 5 बैंक 1 साल की एफडी पर दे रहे अच्छा रिटर्न

बीते कुछ सालों से  बैंक फिक्स्ड डिपोजिट (FD) पर जबरदस्त ब्याज ऑफर कर रहे हैं. ये बैंक अपने ग्राहकों को 1 साल की एफडी पर सबसे अधिक ब्याज ऑफर कर रहे हैं.

Last Modified:
Saturday, 06 April, 2024
Fixed Deposite

सुरक्षित निवेश के लिए अधिकतर लोग बैंकों में फिक्स्ड डिपोजिट (Fixed Deposite) की ओर रुख करते हैं.  अगर आप भी निकट भविष्य में फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने की कोई प्लानिंग कर रहे हैं, तो यह खबर आपके काम आ सकती है. फिक्स्ड डिपोजिट करने पर ग्राहकों को एक निश्चित अवधि के बाद बंपर रिटर्न के साथ गारंटीड पैसा मिलता है. बीते कुछ सालों से एफडी करने वाले ग्राहकों को बैंक अच्छा रिटर्न ऑफर कर रहे हैं, ऐसे में  हम भी आपको ऐसे पांच बैंकों के बारे में बताने वाले हैं, जो ग्राहकों को 1 साल की अपडेट पर सबसे अधिक रिटर्न दे रहे हैं.

इन दो बैंकों में मिलेगा 7.25 प्रतिशत रिटर्न
डीसीबी बैंक (DCB Bank) अपने जनरल ग्राहकों को 1 साल की एफडी करने पर 7.25 प्रतिशत का ब्याज ऑफर कर रहा है. वहीं, बैंक इसी अवधि के लिए अपने सीनियर सिटीजन ग्राहकों को 7.75 प्रतिशत का ब्याज ऑफर कर रहा है. वहीं, तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक (Tamilnad Mercantile Bank) अपने सामान्य ग्राहकों को 1 साल की एफडी करने पर 7.25 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है। दूसरी ओर बैंक इसी अवधि के लिए एफडी करने पर अपने सीनियर सिटीजन ग्राहकों को 7.75 प्रतिशत का ब्याज ऑफर कर रहा है.

इन तीन बैंकों में  7 प्रतिशत रिटर्न

केनरा बैंक (Canara Bank) अपने सामान्य ग्राहकों को 1 साल की एफडी करने पर 7 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है. दूसरी ओर बैंक अपने सीनियर सिटीजन ग्राहकों को इसी अवधि के लिए 7.75 प्रतिशत का ब्याज ऑफर कर रहा है. कर्नाटक बैंक (Karnataka Bank) अपने सामान्य ग्राहकों को 1 साल की एफडी करने पर 7 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है। वहीं, बैंक इसी अवधि के लिए अपने सीनियर सिटीजन ग्राहकों को 7.40 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है. डॉयचे बैंक (Deutsche Bank) अपने सामान्य ग्राहकों को 1 साल की एफडी करने पर 7 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है। दूसरी ओर बैंक अपने सीनियर सिटीजन ग्राहकों को भी इसी अवधि के लिए एफडी करने पर 7 प्रतिशत का ही ब्याज ऑफर कर रहा है. अपने सामान्य ग्राहकों को 1 साल की अवधि करने पर 7 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है.

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जानते हैं क्या है प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, ऐसे उठा सकते हैं इसका लाभ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का ऐलान किया था. इस योजना के तहत सरकार घर में सोलर सिस्टम लगवाने पर सब्सिडी प्रदान कर रही है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 03 April, 2024
Last Modified:
Wednesday, 03 April, 2024
Solar Plant

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के नागरिकों के लिए बहुत सारी योजनाएं शुरू की गई हैं. ऐसे ही एक योजना का ऐलान प्रधानमंत्री मोदी ने 22 जनवरी को किया था, जिसका नाम है प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, इस योजना के तहत सरकार घर में सोलर सिस्टम लगवाने पर सब्सिडी प्रदान कर रही है. इस योजना के लिए आप बैंकों से लोन भी ले सकते हैं. तो चलिए जानते हैं पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लिए कितनी सब्सिडी मिल रही है और कौन-कौन से बैंक कितना लोन दे रहे हैं. 

इतनी मिल रही है सब्सिडी 
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लिए अलग-अलग तरह के रूफटॉप सोलर सिस्टम के लिए सब्सिडी दी जा रही है. इसमें अगर कोई 1 kw का रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवाता है, तो उसे 30,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी. वहीं, अगर 2 kw का सिस्टम लगवाते हैं, तो 60,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी. इसी तरह अगर कोई वह 3 kw का सिस्टम लगवाता है तो उसे 78,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी. 

ये लोग ले सकते हैं योजना का लाभ
इस योजना के लिए आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए. सोलर पैनल लगाने के लिए उपयुक्त छत वाला घर होना चाहिए. परिवार के पास वैध बिजली कनेक्शन होना चाहिए. परिवार ने सौर पैनलों के लिए किसी अन्य सब्सिडी का लाभ नहीं उठाया हो. 

लोन का लाभ उठाने के लिए न्यूनतम आय मानदंड
अगर लोग 3 किलोवाट क्षमता तक सोलर रूफ टॉप की स्थापना के लिए है, तो कोई मानदंड नहीं है. वहीं, 3 किलोवाट से अधिक और 10 किलोवाट तक की क्षमता की स्थापना के लिए लोन लेने के लिए वार्षिक आय 3 लाख रुपये और उससे अधिक होनी चाहिए.

ये बैंक दे रहे हैं लोन
एसबीआई 3 किलोवाट क्षमता तक सोलर रूफ टॉप की स्थापना के लिए 2 लाख और 3 किलोवाट से अधिक और 10 किलोवाट क्षमता तक सोलर रूफ टॉप की स्थापना के लिए 6 लाख रुपये तक का लोन दे रहा है. वहीं सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया 3 kw का तीन सिस्टम लगवाने के लिए  अधिकतम 6 लाख रुपये तक लोन दिया जा रहा है. पंजाब नेशनल बैंक द्वारा 10 kw के सोलर सिस्टम के लिए 6 लाख का लोन दिया जा रहा है. 
 


बदल गया है NPS Account में लॉग-इन करने का तरीका, जानिए क्या है नई प्रोसेस?

1 अप्रैल 2024 से National Pension Scheme अकाउंट में लॉग-इन करने का प्रोसेस बदल गया है. अब एनपीएस अकाउंट में Two-Factor Authentication के जरिये लॉग-इन किया जाएगा.

Last Modified:
Tuesday, 02 April, 2024
NPS

नए वित्त वर्ष में कई नियमों में बदलाव होते हैं. सोमवार से अप्रैल का महीना और नया वित्त वर्ष शुरू हो गया है. ऐसे में 1 अप्रैल से नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) के अकाउंट में लॉग-इन करने का तरीका भी अब बदल चुका है. अब आपको एनपीएस अकाउंट में लॉग-इन करने के लिए टू-फैक्टर ऑथेन्टिकेशन (Two-Factor Authentication) की जरूरत होगी. तो चलिए हम आपको बताते हैं, कैसे आप अपने एनपीएस अकाउंट में लॉग-इन कर सकते  हैं.

क्यों बदला गया लॉगइन प्रोसेस?
पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने कहा कि एनपीएस अकाउंट को ज्यादा सिक्योर करने के लिए टू-फैक्टर ऑथेन्टिकेशन को अनिवार्य किया गया है। वर्तमान में सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी (CRA) एनपीएस अकाउंट को ऑपरेट करती है।
केवल यूजर आईडी और पासवर्ड के जरिये अकाउंट लॉगइन करना कई स्थितियों में अनसिक्योर है। फ्रॉड से बचने के लिए पीएफआरडीए ने लॉगइन प्रोसेस में बदलाव की घोषणा की थी.

कैसे काम करता है टू-फैक्टर ऑथेन्टिकेशन?

मार्च महीने तक एनपीएस मेंबर अकाउंट लॉग-इन करने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल करते थे. यहां तक कि वो लॉग-इन करने के बाद अकाउंट में बदलाव के साथ पैसे भी निकाल सकते थे. लेकिन इस महीने से इसमें बदलाव किया गया है. अब आप इस प्रोसेस को फॉलो करके अपने अकाउंट में लॉग-इन कर सकते हैं. 

1. PFRDA के अनुसार एनपीएस मेंबर को अपने लॉग-इन आईडी को आधार से लिंक करना होगा. अकाउंट लॉग-इन के लिए मेंबर को ओटीपी दर्ज करना होगा.
2. एनपीएस मेंबर को पहले लॉग-इन आईडी और पासवर्ड दर्ज करना होगा.
3. इसके बाद आधार ऑथेंटिकेशन से लिंक मोबाइल में ओटीपी आएगा. यूजर को यह ओटीपी दर्ज करना होगा, जिसके बाद अकाउंट लॉग-इन हो जाएगा.
4. बता दें कि यूजर के पास स्किप का ऑप्शन नहीं होगा. ऐसे में लॉग-इन करने के लिए सभी स्टेप्स को कंप्लीट करना होगा.
5. यूजर के पास अकाउंट लॉगइन करने के लिए 5 मौके होंगे. अगर वह 5 बार गलत पासवर्ड दर्ज करता है तो उनका अकाउंट लॉक हो जाएगा.
6. अकाउंट को अनलॉक करने के लिए यूजर को नया पासवर्ड सेट करना होगा.
7. नया पासवर्ड को सेट करने के लिए आईपिन की रिक्वेस्ट देनी होती है.


 


कहीं फ्रीज तो नहीं हो गया आपका PPF, NPS, Sukanya अकाउंट? जानें एक्टिव करने का तरीका

सोमवार यानी 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष 2024-25 शुरू हो गया है. इस वित्त वर्ष के शुरुआत में ही कई पीपीएफ, एनपीएस और सुकन्या अकाउंट होल्डर का अकाउंट फ्रीज हो गए हैं.

Last Modified:
Monday, 01 April, 2024
Sukanya Scheme

नए वित्त वर्ष के शुरू होते ही 1 अप्रैल 2024 को कई पीपीएफ (Public Provident Fund) एनपीएस (National Pension Account) और सुकन्या समृद्धि खाता (Sukanya Samriddhi Account) बंद हो गए हैं. आपको बता दें, जिन लोगें ने पिछले वित्त वर्ष में इन अकाउंट में मिनिमम अमाउंट डिपॉजिट नहीं किया है, उन सभी का अकाउंट फ्रीज हो गया है. अगर आपका भी अकाउंट फ्रीज हो गया है तो आप घबराएं नहीं, हम आपको बताते हैं इसे दोबारा एक्टिव कैसे किया जा सकता है. 

क्यों बंद हुआ अकाउंट?
नियमों के अनुसार अगर इन सभी स्कीम्स के होल्डर एक वित्त वर्ष में अपने अकाउंट में मिनिमम बैलेंस डिपॉजिट नहीं करते हैं, तो उनका अकाउंट इनएक्टिव हो जाएगा. इसका मतलब है कि जिन लोगों ने पिछले वित्त वर्ष में मिनिमम अमाउंट डिपॉजिट नहीं किया है, उनका अकाउंट फ्रीज हो गया है. आपको बता दें, अगर अकाउंट फ्रीज हो जाता है तो स्कीम में मिल रहे सभी लाभ भी बंद हो जाते हैं. यानी कि अगर स्कीम में टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit) मिल रहा है तो वो भी बंद हो जाएगा.

कितना मिनिमम अमाउंट रखना होता है?
सुकन्या समृद्धि योजना में निवेशक एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं. वहीं, न्यूनतम 250 रुपये निवेश करने होते हैं. एनपीएस अकाउंट में निवेशक को न्यूनतम 500 रुपये का निवेश करना होता है. इस स्कीम में अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है. पीपीएफ अकाउंट में भी निवेशक को 500 रुपये का कम से कम निवेश करना होता है। इसमें एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये से ज्यादा का निवेश नहीं किया जा सकता है.

कैसे करें अकाउंट को एक्टिव?
अगर आपका पीपीएफ, एनपीएस या फिर सुकन्या अकाउंट इनएक्टिव हो गया है तो उसे दोबारा एक्टिव करने के लिए आपको न्यूनतम राशि के साथ पेनल्टी का भुगतान करना होगा. इन स्कीम में न्यूनतम राशि न जमा करने पर 50 रुपये प्रति वर्ष की पेनल्टी लगती है. 


FY 2024 से पहले वित्त मंत्रालय ने टैक्स पेयर्स को क्यों किया सावधान, जानिए पूरा मामला?

टैक्‍सपेयर्स के लिए अहम जानकारी है. वित्‍त मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर नए टैक्‍स रिजीम को लेकर सर्कुलेट हो रही जानकारी पर स्‍पष्‍टता दी है.

Last Modified:
Monday, 01 April, 2024
Tax

1 अप्रैल, 2024 से नए टैक्स सिस्टम में बदलाव होने जा रहा है. अगर आप भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चल रही इस जानकारी पर भरोसा कर बैठे हैं, तो जरा ठहर जाइए, क्योंकि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है. इसकी सफाई खुद वित्त मंत्रालय की ओर से जारी की गई है. वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया है कि 1 अप्रैल 2024 से नए टैक्स सिस्टम में कोई नया बदलाव नहीं होने जा रहा है. 

वित्त मंत्रालय की सफाई

वित्त वर्ष 2024-25 का आगाज हो चुका है और वित्त मंत्रालय ने बीती रात नए महीने की तारीख बदलने से ठीक एक मिनट पहले ट्वीट किया है. ऐसा करके गलतफहमी फैलाने वाले सोशल मीडिया पोस्ट्स को लेकर आगाह किया है. इसमें वित्त मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि न्यू टैक्स रिजीम से जुड़ी गलत और भ्रम फैलाने वाली जानकारी से बचें. वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि टैक्सपेयर्स के लिए कोई नया बदलाव 1 अप्रैल 2024 से नहीं लाया जा रहा है ऐसा देखने में आया है कि कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर न्यू टैक्स रिजीम से जुड़ी भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही हैं. 

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1 अप्रैल से क्या हैं टैक्स रेट्स?

वित्‍त मंत्रालय की ओर से सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स (X) पर स्पष्टीकरण जारी कर कहा गया कि धारा 115 बीएसी (1ए) के तहत न्यू टैक्स रिजीम को मौजूदा ओल्ड टैक्स रिजीम (छूट के बिना) की तुलना में फाइनेंस बिल 2023 में पेश किया गया था. न्यू टैक्स रिजीम कंपनियों और फर्मों के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए लागू है, वित्तीय वर्ष 2023-24 से डिफॉल्ट व्यवस्था के रूप में लागू है और इसके अनुरूप ऐसेसमेंट ईयर (AY) 2024-25 है. नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत, टैक्स की दरें काफी कम हैं, हालांकि ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) की तरह विभिन्न छूट और कटौतियों (सैलरी से 50,000 रुपये और पारिवारिक पेंशन से 15,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के अलावा) का टैक्स बेनेफिट मौजूद नहीं है.

 

टैक्सपेयर्स से की अपील

वित्त मंत्रालय ने टैक्सपेयर्स से अपील की है कि वो सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक जानकारियों की बजाय मंत्रालय की ओर से जारी की गई आधिकारिक जानकारियों पर भरोसा करें. टैक्सपेयर्स अपनी परिस्थितियों के हिसाब से नए और पुराने टैक्स सिस्टम में से किसी एक का चुनाव करना होता है. इसमें, इंडिविजुअल असेसमेंट ईयर (IAY) 2024-25 की टैक्स फाइलिंग तक नए टैक्स सिस्टम से बाहर निकल सकते हैं. व्यक्ति हर वित्त वर्ष में अपनी सुविधा के मुताबिक नया या पुराना टैक्स सिस्टम चुन सकता है. 
 


HDFC बैंक से होम लोन अब पड़ेगा महंगा, इंटरेस्ट रेट में हो गया इतना इजाफा

 HDFC Bank ने होम लोन पर इंटरेस्ट रेट बढ़ा दिया है. ये बढ़े हुए इंटरेस्ट रेट जनवरी से लागू होंगे, इसका मतलब पुराने ग्राहकों की जेब पर इस वृद्धि का कोई असर नहीं पड़ेगा.

Last Modified:
Friday, 29 March, 2024
Home loan

एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने इस साल जनवरी से रेपो रेट से लिंक्ड अपने होम लोन के इंटरेस्ट रेट बढ़ाए हैं. हालांकि पिछले साल अप्रैल से आरबीआई ने रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है. यह वृद्धि सिर्फ नए सेक्शमड होम लोन के लिए है. इसका मतलब है कि होम लोन के पुराने ग्राहकों की जेब पर इस वृद्धि का कोई असर नहीं पड़ेगा. एचजीएफसी बैंक जनवरी में 50 लाख के होम लोन पर 8.35 प्रतिशत इंटरेस्ट था. और अब यह बढ़कर 8.70 प्रतिशत हो गया है. 

विलय के बाद लगातार बढ़ाया होम लोन
1 अक्टूबर 2019 के बाद सैक्शंड सभी रिटेल लोन एक एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक्ड हैं. ज्यादातर बैंक मामलों में ये बेंचमार्क रेपो रेट है. एचडीएफसी लिमिटिड का अब एचडीएफसी बैंक में विलय हो चुका है. एक्सपर्ट्स के अनुसार एचडीएफसी बैंक में विलय से पहले एचडीएफसी 8.30 से 8.45 प्रतिशत इंटरेस्ट रेट पर होम लोन दे रही थी. विलय के बाद एचजीएफसी बैंक पोर्टफोलियो लेवल पर होम लोन का इंटरेस्ट रेट बढ़ता रहा है. बैंक ने फंड की बढ़ती कास्ट को इस वृद्धि का कारण बताया है. अब बैंक ने 10 से 15 बेसिस प्वाइंट्स (0.10-0.15 प्रतिशत) बढ़ाए हैं.

फंड की लागत बढ़ने का असर
एक्सपर्ट्स का कहना है कि एचडीएफसी बैंक के होम लोन का इंटरेस्ट रेट बढ़ाने की वजह लिक्विडिटी पर चल रहा दबाव है. इसका असर न सिर्फ एचडीएफसी बैंक बल्कि दूसरे बैंकों पर भी पड़ रहा है. एक डेटा के अनुसार एक्सिस बैंक (Axis Bank) और करूर विसिसा बैंक Karur Vysya Bank) ने भी होम लोन पर इंटरेस्ट रेट इस साल 5 बेसिस प्वाइंट्स तक बढ़ाए हैं. 

इंटरेस्ट रेट बढ़ने से ग्राहकों पर बढ़ा आर्थिक बोझ

होम लोन का इंटरेस्ट रेट बढ़ने से ग्राहकों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है. मान लिजिए किसी ग्राहक ने जनवरी में एचडीएफसी बैंक से 50 लाख रुपये का होम लोन 25 साल के लिए लिया है. तब इंटरेस्ट रेट 8.35 प्रतिशत था, इसका मतलब इंटरेस्ट पर होने वाला कुल खर्च 69.27 लाख रुपये था. अब इंटरेस्ट रेट बढ़ने के बाद ग्राहक को उसी 50 लाख के लोन के लिए 8.70 प्रतिशत की दर से कुल 73.32 लाख रुपये चुकाने होंगे.