इन तरीकों से 2023 में कर सकते है ज्यादा कमाई, बना देगा आपको करोड़पति

हालांकि पिछला साल शेयर बाजार के लिए ज्यादा अस्थिर रहा, लेकिन गोल्ड और प्रॉपर्टी सेगमेंट गुलजार रहा.

Last Modified:
Monday, 02 January, 2023
Money

नई दिल्लीः नए साल के आगमन के साथ ही अगर आप पिछले साल निवेश नहीं कर पाए तो कोई नहीं. आप इस साल निवेश करके ज्यादा कमाई कर सकते हैं. हालांकि पिछला साल शेयर बाजार के लिए ज्यादा अस्थिर रहा, लेकिन गोल्ड और प्रॉपर्टी सेगमेंट गुलजार रहा. इस साल भी अगर आपने इंवेस्टमेंट का प्लान किया हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनको अपनाने से आपको बहुत ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है. 

इक्विटी के बजाय डेट में करें निवेश

बढ़ती ब्याज दरों ने निश्चित आय निवेश को आकर्षक बना दिया है. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि 2023 में सबसे अच्छा रिटर्न इक्विटी के बजाय डेट से मिलेगा. पहली या दूसरी तिमाही में ब्याज दरों के चरम पर होने की उम्मीद है, और फिर कम होना शुरू हो जाएगा. जब ऐसा होता है, तो डेट फंड उच्च एकल अंकों का रिटर्न दे सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह इस अवसर को भुनाने का समय है. 

जल्दी बचत करना शुरू करें

अपनी बचत को बढ़ाने का सबसे आसान तरीका है जल्दी शुरुआत करना. ऐसा करने से आप चक्रवृद्धि की शक्ति का लाभ उठा सकते हैं. अगर अभी से आप बचत शुरू करते हैं तो फिर उम्र के एक पड़ाव पर अच्छी खासी रकम पा सकते हैं. बहुत सारे फंड्स और स्कीम्स हैं जिनमें पैसा निवेश करके बचत की जा सकती है. 

कर्ज को ना कहें

कई लोगों के लिए कर्ज दलदल की तरह होता है. वे अपने वर्तमान ऋणों से बाहर निकलने का प्रयास करते हैं और वित्तीय संकटों में डूबते हुए ऋणों को अधिक से अधिक गहराई तक ले जाते हैं. आखिरकार यह आदत है जो मायने रखती है. एक आदत विकसित करें कि चाहे कुछ भी हो जाए, आप और कर्ज नहीं लेंगे. हम में से अधिकांश के लिए, यह शायद अमीर बनने की सबसे बड़ी बाधा है.

गोल्ड में कर सकते हैं निवेश

गोल्ड ईटीएफ में जहां 9.75 फीसदी की तेजी है, वहीं सिल्वर ईटीएफ में औसतन 22.55 फीसदी की तेजी है. एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) समय के साथ कीमती धातुओं में निवेश करने के लिए लोकप्रिय साधन के रूप में उभरे हैं। हालांकि कीमती धातुओं ने हाल के दिनों में अच्छा प्रदर्शन किया है, निवेशकों को अपने फैसले लेने के लिए केवल इन नंबरों पर भरोसा नहीं करना चाहिए.

सोने की कीमतें  54,574 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बोली गईं और कैलेंडर वर्ष 2022 की शुरुआत के बाद से रुपये के संदर्भ में 13.93 प्रतिशत ऊपर हैं. चांदी 69,033 रुपये पर बंद हुई और 11.76 प्रतिशत ऊपर है.

इक्विटी म्युचुअल फंड

इक्विटी म्युचुअल फंड मुख्य रूप से इक्विटी स्टॉक और संबंधित प्रतिभूतियों में निवेश किए जाते हैं. ये उन छोटे निवेशकों के लिए भारत में सबसे अच्छे निवेश विकल्पों में से एक हैं जो इक्विटी मार्केट ग्रोथ से लाभ उठाना चाहते हैं. आप इक्विटी म्युचुअल फंड के माध्यम से 500 रुपये से इक्विटी शेयरों के अच्छी तरह से विविध पोर्टफोलियो में निवेश शुरू कर सकते हैं. ये फंड इक्विटी स्टॉक और संबंधित उपकरणों में फंड वैल्यू के 70 से 95% के बीच कहीं भी निवेश कर सकते हैं. चूंकि ये इक्विटी आधारित हैं, इसलिए ये उच्च जोखिम-प्रतिफल अनुपात प्रदान करते हैं. 

इक्विटी डेट फंड

डेट म्युचुअल फंड या बॉन्ड फंड ऐसे निवेश विकल्प हैं जिन पर विचार किया जा सकता है कि क्या आपके पास उच्च जोखिम वाली भूख नहीं है या अस्थिरता से बचना चाहते हैं. ये फिक्स्ड-इनकम सिक्योरिटीज का डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो भी हैं.

डेट फंड्स में, राशि को सरकार और कॉर्पोरेट बॉन्ड, डिबेंचर और अन्य दीर्घकालिक निश्चित-आय प्रतिभूतियों सहित निश्चित आय वाली प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है. पोर्टफोलियो में रखी गई प्रतिभूतियों के प्रकार के आधार पर, फंडों में एक विविध जोखिम प्रोफाइल हो सकती है. आपको निवेश करने से पहले जोखिम का आकलन करने के लिए फंड द्वारा धारित प्रतिभूतियों की रेटिंग की जांच करनी चाहिए.

राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस)

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली सरकार समर्थित निवेश योजना में से एक है जिसे आपकी सेवानिवृत्ति को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा विनियमित है. इससे आपको अपने निपटान में एक मजबूत सेवानिवृत्ति कोष बनाने में मदद मिलती है. आप एनपीएस सेवानिवृत्ति खाते का उपयोग वेतनभोगी या स्व-नियोजित निवेशक के रूप में कर सकते हैं.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ)

सुरक्षित निवेश विकल्पों में अपना पैसा लगाने पर विचार करने वाले लोगों के लिए पीपीएफ सबसे लोकप्रिय और सर्वोत्तम निवेश विकल्पों में से एक है. 15-वर्षीय योजना आपके दीर्घकालिक जीवन लक्ष्यों को सुरक्षित रूप से प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम निवेश योजना है. मूल रूप से, स्वरोजगार के लिए एक सुरक्षित सेवानिवृत्ति निवेश योजना के रूप में शुरू की गई, यह योजना लंबी अवधि के निवेशकों के लिए लोकप्रिय रही है.

बैंक एफडी

बैंक सावधि जमा (FD) भारत में एक और लोकप्रिय निवेश विकल्प है जो आपके पैसे की सुरक्षा सुनिश्चित करता है और स्थिर रिटर्न प्रदान करता है. आप एकमुश्त राशि का निवेश कर सकते हैं और यह एक विशिष्ट अवधि के लिए निश्चित ब्याज दर प्रदान करेगा. आपकी अवधि समाप्त होने के बाद, आपको अवधि के दौरान जोड़े गए चक्रवृद्धि ब्याज के साथ मूलधन प्राप्त होगा.

VIDEO: EV की सेल्स बना सकती है इस साल नया रिकॉर्ड

 


म्युचअल फंड में KYC अपडेट है या नहीं, ऐसे करें चेक, ना होने पर होगा नुकसान

म्यूचुअल फंड के निवेशकों के लिए फ्रेश KYC अनिवार्य है. यानी म्यूचुअल फंड के निवेशकों को फिर से KYC कराने की जरूरत है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 24 April, 2024
Last Modified:
Wednesday, 24 April, 2024
KYC

वित्त वर्ष 2025 की शुरुआत के साथ ही म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए नए नो योर कस्टमर (KYC) नियम लागू हो गए हैं. केवाईसी प्रोसेस पूरा न करने पर आपके म्यूचुअल फंड निवेश पर असर पड़ सकता है. इससे KYC स्टेटस चेक करना अनिवार्य हो गया है. KYC एक ऐसी प्रोसेस है जिसका उपयोग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस अपने ग्राहकों की पहचान और एडरेस डिटेल को वेरिफाई करने के लिए करते हैं. ग्राहकों को शेयर, म्यूचुअल फंड, बीमा (जीवन, स्वास्थ्य, ऑटो) और बैंकिंग सर्विसेज जैसे किसी भी रेगुलेटेड फाइनेंशियल प्रोडक्ट तक एक्सेस के लिए यह वेरिफिकेशन कराना जरूरी है. इस बीच म्यूचुअल फंड के निवेशकों के लिए नियमों में कुछ जरूरी बदलाव किए गए हैं.

नए सिरे से KYC अनिवार्य

एक जरूरी बदलाव KYC यानी नो योर कस्टमर से जुड़ा हुआ है. बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड के निवेशकों के लिए नए सिरे से KYC अनिवार्य कर दिया है. पहले इसकी डेडलाइन 31 मार्च तय की गई थी और कहा गया था कि उससे पहले जो निवेशक फ्रेश केवाईसी नहीं कराएंगे, उनके म्यूचुअल फंड अकाउंट को ब्लॉक कर दिया जाएगा.

होल्ड हो जाएगा आपका अकाउंट

हालांकि बाद में नियामक ने म्यूचुअल फंड के निवेशकों को बड़ी राहत दी और कहा कि फ्रेश केवाईसी नहीं कराने पर भी अकाउंट को ब्लॉक नहीं किया जाएगा, बल्कि उसे सिर्फ होल्ड किया जाएगा. जैसे ही निवेशक फ्रेश KYC कराएंगे, उनके म्यूचुअल फंड अकाउंट से होल्ड हटा दिया जाएगा. यह हर उस म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर के लिए जरूरी है, जिन्होंने आधार वेरिफिकेशन के अलावा किसी भी दूसरे तरीके से KYC कराई थी.

अभी चेक करें KYC का स्टेटस

यहां सबसे जरूरी यह चेक करना हो जाता है कि आपने अपने म्यूचुअल फंड अकाउंट की KYC कैसे कराई थी? अभी नियमों में बदलाव के बाद क्या आपको भी KYC कराने या उसे मोडिफाई कराने की जरूरत है? आप KYC का स्टेटस चेक कर ये सारी बातें मालूम कर सकते हैं, जिसकी प्रक्रिया कुछ इस तरह है.

ऑनलाइन स्टेटस चेक करने का प्रोसस

•    सबसे पहले https: //www.cvlkra.com/ पर विजिट करें
•    अब आप KYC इन्क्वायरी (KYC Inquiry) पर क्लिक करें
•    आपको अपना पैन अकाउंट नंबर सबमिट करना होगा
•    अब आपको KYC के स्टेटस के बारे में पता चल जाएगा


होल्ड होने पर ये नुकसान

KYC के ऑन होल्ड होने का मतलब है कि आप कई सेवाओं का लाभ नहीं उठा सकते हैं. इस स्थिति में आप नई एसआईपी (Systematic Investment Plan) नहीं शुरू कर सकते हैं. आप कोई नया निवेश नहीं कर सकते हैं. इतना ही नहीं, बल्कि आप पुराने निवेश को रिडीम भी नहीं कर सकते हैं. ये सारी सुविधाएं पाने के लिए आपको नए सिरे से केवाईसी की जरूरत पड़ने वाली है.

वैलिड डॉक्यूमेंट में भी बदलाव

सेबी ने KYC डॉक्यूमेंटेशन में भी कुछ बदलाव किया है. नए वित्त वर्ष की शुरुआत यानी 1 अप्रैल 2024 से ये बदलाव लागू हो चुके हैं. अब कुछ चुनिंदा डॉक्यूमेंट के साथ ही निवेशक फ्रेश KYC करा सकते हैं. पहले KYC कराने में बैंक स्टेटमेंट या यूटिलिटी बिल जैसे दस्तावेजों का इस्तेमाल होता था. अब वैलिड डॉक्यूमेंट की लिस्ट से बैंक स्टेटमेंट और यूटिलिटी बिल को हटा दिया है.

अब KYC में सिर्फ ये डॉक्यूमेंट वैलिड हैं
1. आधार कार्ड
2. पासपोर्ट
3. ड्राइविंग लाइसेंस
4. वोटर आई कार्ड
5. नरेगा जॉब कार्ड
6. रेगुलेटर के साथ एग्रीमेंट के तहत केंद्र के द्वारा स्वीकृत कोई अन्य दस्तावेज

ऐसे करा सकते हैं फ्रेश KYC

अगर आपने नॉन-वैलिड डॉक्यूमेंट के साथ KYC कराई थी, तो आपको फ्रेश KYC के लिए ऑफलाइन जाना होगा. इसके लिए आपको अपने सर्विस प्रोवाइडर या फंड हाउस के दफ्तर का विजिट करना पड़ेगा. वैलिड डॉक्यूमेंट के साथ KYC करा चुके इन्वेस्टर ऑनलाइन आधार वैलिडेशन के जरिए फ्रेश KYC करा सकते हैं. इसके लिए आपको अपने संबंधित केआरए की वेबसाइट पर विजिट करना होगा और बताई गई प्रक्रिया का पालन करना होगा.
 


क्या आपके अकाउंट में आ गया PF का ब्याज? इन तरीकों से तुरंत करें चेक

इस साल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने करोड़ों सब्सक्राइबर्स को अच्छी खबर दी है. आपको बता दें, इस नए वित्त वर्ष में ईपीएफओ ने 0.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है.

Last Modified:
Tuesday, 23 April, 2024
EPFO

कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अकाउंट में आपकी सैलरी से जो योगदान दिया जाता है, उस पर सालाना ब्याज (Annual Interest) मिलता है. नया वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही आपके पीएफ अकाउंट (PF Account) में ब्याज के भी पैसे आ जाते हैं. ऐसे में हर कोई यह जानना चाह रहा होगा कि उनके खाते में पैसे आ गए हैं या नहीं? तो चलिए हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताते हैं, जिनकी मदद से आप आसानी से घर बैठे अपना पीएफ बैलेंस चेक कर सकते हैं. 

इस साल ज्यादा मिलेगा ब्याज
इस साल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने करोड़ों सब्सक्राइबर्स को अच्छी खबर दी है. लगभग 6 करोड़ से ज्यादा पीएफ धारक के पीएफ अकाउंट में ब्याज दरें बढ़कर मिलेंगी. फरवरी 2024 में ईपीएफओ ने ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी  (EPF interest rate hiked) हुई थी. इसका मतलब है कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इंटरेस्ट रेट 8.25 प्रतिशत हो गया है. 

इन तरीकों से कर सकते हैं बैलेंस चेक 
ईपीएफओ यूजर आसानी से ऑनलाइन ईपीएफ बैलेंस (EPF Balance) चेक कर सकते हैं. वह पासबुक के ट्रांजेक्शन से बड़ी आसानी से जान सकते हैं, कि उनके अकाउंट में ब्याज का पैसा आया है या फिर नहीं. यूजर के पास ईपीएफ बैलेंस चेक करने के कई तरीके हैं. यूजर EPFO Portal, Missed Call, Umang App और SMS के जरिये भी ईपीएफ बैलेंस चेक कर सकते हैं.  

EPFO Portal से कैसे चेक करें बैलेंस?
1.यूजर को सबसे पहले ईपीएफओ पोर्टल (https://www.epfindia.gov.in/site_en/index.php) पर जाकर यूएएन नंबर (Universal Account Number) की मदद से लॉग-इन करना है.
2.अब 'Our Services' पर क्लिक करके ड्रॉप-डाउन मेन्यू  में‘ for employees’ को सेलेक्ट करें.
3.इसके बाद 'member passbook' पर क्लिक करें.
4.अब फिर से UAN और Password दर्ज करें और कैप्चा डालकर लॉग-इन करें.
5.लॉग-इन करने के बाद मेंबर आईडी (Member ID) भरें, जिसके बाद आपको ईपीएफ बैलेंस शो हो जाएगा.

उमंग/ईपीएफओ ऐप से ऐसे चेक करें बैलेंस
कर्मचारी अपने फोन पर यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन फॉर न्यू-एज गवर्नेंस (UMANG) ऐप डाउनलोड करके अपना ईपीएफ बैलेंस चेक कर सकते हैं. ईपीएफ बैलेंस की जांच करने के अलावा, ऐप आपको दावे दर्ज करने और ट्रैक करने की अनुमति देता है. ऐप तक पहुंचने के लिए सदस्यों को अपने यूएएन-पंजीकृत सेलफोन नंबर का उपयोग करके एक बार पंजीकरण पूरा करना होगा.
1. Google Play Store या App Store से UMANG ऐप डाउनलोड करें।
2. सभी सेवाएं' टैब के अंतर्गत सूचीबद्ध "ईपीएफओ" विकल्प चुनें।
3. कर्मचारी केंद्रित सेवा' के अंतर्गत, 'पासबुक देखें' पर क्लिक करें 

 
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एक एसएमएस भेजकर चेक करें बैलेंस
एक बार जब यूएएन आपके केवाईसी विवरण के साथ एकीकृत हो जाए, तो इन चरणों का पालन करें.
1. मोबाइल नंबर - 7738299899 पर एसएमएस भेजें.    
2. संदेश ' EPFOHO UAN ENG ' फॉर्मेट में भेजा जाएगा.
3. आपको एसएमएस में संचार की अपनी पसंदीदा भाषा सेट करनी होगी. ऐसा करने के लिए बस अपनी पसंदीदा भाषा के पहले तीन अक्षरों का उपयोग करें. जैसे अंग्रेजी के लिए EPFOHO UAN ENG और हिंदी के लिए   EPFOHO UAN HIN सेट करें. आपको रिप्लाई में बैलेंस की जानकारी मिल जाएगी.
4. एसएमएस भेजकर बैलेंस चेक का उपयोग तभी कर सकते हैं जब आपका यूएएन सक्रिय हो और आपके बैंक खाते, आधार नंबर और पैन से जुड़ा हो. यदि आपने अपने यूएएन को अपने बैंक खाते, आधार और पैन से लिंक   नहीं किया है, तो आपको एसएमएस के माध्यम से अपना बैलेंस जांचने के लिए यूएएन के साथ ईकेवाईसी पूरा करना होगा. 

मिस्ड कॉल के जरिए पीएफ बैलेंस चेक करें
1.अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर से 9966044425 पर मिस्ड कॉल दें.
2. मिस्ड कॉल करने के बाद आपको अपने पीएफ विवरण के साथ एक एसएमएस प्राप्त होगा.
3. मोबाइल नंबर सेवा के माध्यम से ईपीएफ बैलेंस चेक का लाभ उठाने के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना होगा.

इन बातों का भी रखें ध्यान
1.आप अपना ईपीएफ बैलेंस ईपीएफओ पोर्टल पर तभी चेक कर सकते हैं, जब आपका यूएएन सक्रिय हो और ईपीएफओ पोर्टल पर पंजीकृत हो.
2. ईपीएफओ पोर्टल पर पंजीकरण के 6 घंटे बाद पासबुक देखने की सुविधा उपलब्ध होगी.
3. पासबुक ईपीएफओ फील्ड कार्यालयों द्वारा मिलान की गई नवीनतम प्रविष्टियां दिखाएगी.
4. छूट प्राप्त प्रतिष्ठान सदस्य और निजी ट्रस्ट अपना ईपीएफओ बैलेंस चेक नहीं देख सकते हैं.


आप भरने जा रहे हैं इनकम टैक्स जो जान लीजिए नए टैक्स सिस्टम का फायदा

टैक्स रिटर्न भरने से पहले आप इन बातों को ध्यान में रखते हुए किसी एक टैक्स रिजीम का चुनाव कर सकते हैं. तो आइए नई टैक्स रिजीम बड़े बदलावों के बारे में जानते हैं.

Last Modified:
Monday, 22 April, 2024
New Tax

अप्रैल का महीना चल रहा है और आपको अपने इनकम टैक्स का हिसाब-किताब करना होगा. लेकिन अब देश में एक नहीं बल्कि इनकम टैक्स के दो रिजीम हैं. ऐसे में आप कौन-सा इनकम टैक्स रिजीम चुनें? किसमें ज्यादा फायदा है, चलिए समझते हैं… मौजूदा सरकार ने साल 2020 के बजट में देश के अंदर एक नया इनकम टैक्स सिस्टम पेश किया था. इसका मकसद देश को एक कंजप्शन इकोनॉमी बनाना है, जहां लोग सेविंग कम करें और अपनी इनकम का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा खर्च कर दें. इसलिए इसमें ओल्ड टैक्स रिजीम से अलग तरह के बेनेफिट दिए जाते हैं.

नई कर व्यवस्था के फायदे

1. लोअर टैक्स रेट्स- टैक्स पेयर्स को नई टैक्स व्यवस्था में लो टैक्स रेट्स से लाभ हो सकता है. इसके परिणामस्वरूप टैक्स देनदारी कम होगी और खर्च करने योग्य आय अधिक होगी. मोदी सरकार करदाताओं के लिए इसे और अधिक आर्कषक बनाकर न्यू टैक्स रिजीम पर जोर दे रही है. नई कर व्यवस्था करदाताओं को काफी टैक्स रेट प्रदान करती है.

2. सिम्पल टैक्स स्ट्रक्चर- न्यू टैक्स व्यवस्था कम टैक्स रेट्स की पेशकश करके इस स्ट्रक्चर को बेहद आसान बना दिया है. नई टैक्स व्यवस्था के तहत स्लैब्स इस प्रकार हैं
- 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं.
- 3 लाख से 6 लाख रुपये के बीच की इनकम पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा.
- 6 लाख से 9 लाख रुपये के बीच की आय पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा.
- 9 लाख से 12 लाख रुपये के बीच आय पर 15 लाख टैक्स लगेगा.
- 12 लाख से 15 लाख रुपये के बीच आय पर 20 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान है.
- 15 लाख रुपये और उससे अधिक की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा.

3. कोई टैक्स कटौती नहीं- नई टैक्स व्यवस्था के तहत करदाताओं के लिए समय और प्रयास की बचत करने के उद्देशय से टैक्स डिडक्शन को ट्रैक करने और दावा करने की आवश्यकता को खत्म कर दी गई है. करदाताओं को खर्च और निवेश के लिए विवरण और साक्ष्य एकत्र करने और सबमिट करने की परेशानी भी नहीं है.

4. मूल छूट सीमा यानी बेसिक एक्जंप्शन लिमिट- बेसिक एक्जंप्शन लिमिट ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹3 लाख कर दी गई है. यह बढ़ी हुई छूट सीमा न्यू टैक्स रिजीम को और अधिक आकर्षक बनाती है. ध्यान दें कि सबसे हाई टैक्स रेट यानी 30%, 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर लगाई जाएगी.

5. सरचार्ज रेट में बदलाव- नई टैक्स व्यवस्था के लागू होने से सरचार्ज 37% से घटकर 25% हो गई है. यह 5 करोड़ से अधिक आय वाले व्यक्तियों के लिए लागू है. यह घटा हुआ सरचार्ज केवल उन करदाताओं के लिए मान्य है, जो नई टैक्स व्यवस्था चुनते हैं और जिनकी आय 5 करोड़ रुपये से अधिक है.

6. छूट सीमा में बदलाव- ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत 5 लाख रुपये तक की आय के लिए लागू छूट सीमा 12,500 रुपये है. हालांकि, नई टैक्स व्यवस्था के तहत यदि टैक्स योग्य सैलरी 7 लाख रुपये से कम या उसके बराबर है, तो यह छूट सीमा बढ़कर 25,000 हो गई है. ध्यान दें कि धारा 87A छूट दोनों आयकर व्यवस्थाओं के तहत लागू है. फिर, बजट घोषणा ने न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्सेबल लिमिट को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दिया गया.

7. लीव इनकैशमेंट पर छूट- न्यू टैक्स रिजीम के तहत आपको लीव इनकैशमेंट पर छूट मिलेगी. बजट 2023 में, गैर सरकारी कर्मचारियों के लिए लीव इनकैशमेंट की छूट की सीमा 8 गुना यानी 3 लाख से बढ़ाकर 25 लाख कर दी गई थी. इसलिए सेवानिवृत्ति पर धारा 10(10AA) के अनुसार, 25 लाख तक की लीव इनकैशमेंट टैक्स फ्री है.
 


हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में लोग ज्यादा लगा रहे हैं पैसा?, जानते हैं क्या है इसका कारण?

हाइब्रिड फंड में आमतौर पर इक्विटी और डेट सिक्योरिटीज के कॉम्बिनेशन में और कभी-कभी सोने जैसी अन्य एसेट कैटेगरी में निवेश किया जाता है.

Last Modified:
Monday, 22 April, 2024
Hybrid Mutual Funds

पिछले साल लोंगों ने 1.45 लाख करोड़ रुपये के हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (एचएमएफ) खरीदे. इस एसेस में बढ़ोतरी निवेशकों की संख्या बढ़ने के कारण हुई है. आपको बता दें, इस मार्च 2024 में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (एचएमएफ) में निवेशकों की संख्या बढ़कर 1.35 करोड़ पहुंच गई है,  जो एक साल पहले 1.21 करोड़ थी. आइए जानते हैं कि हाइब्रिड म्यूचुअल फंड क्या होते हैं और लोगों को इन इनमें पैसा लगाने पर कितना फायदा मिल रहा है?

इस वर्ष इतने लाख निवेशक जुड़े
पिछले साल हाइब्रिड म्यूचुअल फंड योजनाओं में 1.45 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया था. इससे पहले साल 2022-23 में शुद्ध निकासी देखी गई थी. मार्च,  2024 में निवेशकों की संख्या 1.35 करोड़ तक पहुंच गई है, जो इससे एक साल पहले 1.21 लाख करोड़ था. ऐसे में इसमें 14 लाख निवेशक जुड़ गए हैं,  जिससे हाइब्रिड फंड्स के प्रति निवेशकों के बढ़ते आकर्षण का पता चलता है. 

क्या है हाइब्रिड म्यूचुअल फंड?
इक्विटी (Equity) और डेट स्कियोरिटीज (debt securities) दोनों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड को हाइब्रिड कहा जाता है. ये लोग रिस्क मैनेजमेंट के लिए गोल्ड तक में भी निवेश करते हैं. ये आम म्यूचुअल फंड ही होते हैं, लेकिन कई तरह के एसेट क्लास में निवेश करते हैं. 

इसलिए बढ़ गया निवेशकों का रुझान
अप्रैेल की शुरुआत से ही ऋण वाले फंड्स के लिए कराधान में बदलाव के बाद से यह श्रेणी नियमित निवेश को आकर्षित कर रही है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक हाइब्रिड श्रेणी में बीते वित्त वर्ष में 1.45 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध प्रवाह देखा गया, जबकि वर्ष 2022-23 में 18,813 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी. इक्विटी ओरिएंटेड कैटेगरी ने वर्ष 2024 में 1.84 लाख करोड़ रुपये आकर्षित किए, जो 25.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. आंकड़ों से पता चलता है कि 1.45 लाख करोड़ रुपये में से 90,846 करोड़ रुपये की भारी मात्रा मध्यस्थता श्रेणी (arbitrage category) में, 33,000 करोड़ रुपये से अधिक बहु-परिसंपत्ति आवंटन(multi-asset allocation) में, 10,765 करोड़ रुपये संतुलित लाभ निधि (balanced advantage fund) में और 10,327 करोड़ रुपये इक्विटी बचत निधि(equity savings fund) में देखी गई.

इसे भी पढ़ें-कम समय में अच्छी कमाई, ये 10 बैंक 6 महीने की FD पर दे रहे सबसे अधिक ब्याज

कम जोखिम चाहते हैं तो इसमें करें निवेश
अगर आप कम जोखिम चाहते हैं, तो हाइब्रिड फंड में निवेश करना अच्छा विक्लप हो सकता है. जैसे कि जो म्यूचुअल फंड सिर्फ शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं, ऐसे में उन पर मार्केट की गिरावट का बुरा असर होता है. लेकिन, अगर बाजार का माहौल बिगड़ता है, तो हाइब्रिड म्यूचुअल फंड का डेट और सोने में लगे पैसे के जरिए भरपाई हो जाती है. ऐसे ही अगर सोने से कम रिटर्न आया, तो डेट और इक्विटी से उसकी भरपाई हो जाती है.
 


कम समय में अच्छी कमाई, ये 10 बैंक 6 महीने की FD पर दे रहे सबसे अधिक ब्याज

इस समय कई बैंक शार्ट टर्म फिक्स्ड डिपॉडिट (FD) पर कई प्रकार के लाभ दे रहे हैं. आज भी इनका लाभ ले सकते हैं.  

Last Modified:
Monday, 22 April, 2024
Fixed Deposite

अगर आप कम समय के लिए पैसा लगाकर अच्छी कमाई करना चाहते हैं, तो ये खबर आपके काम आ सकती है. आपको बता दें कि निजी व सरकारी बैंकों सहित 10 ऐसे बैंक हैं, जो आपको 6 महीने की एफडी पर बहुत अधिक ब्याज और उस ऑफर कर रहे हैं, तो चलिए जानते हैं ये कौन से बैंक हैं और कितना ब्याज दे रहे हैं? 

बैंक                                                                                                                   6 महीने-1 साल (ब्याज दर)
1. बैंक ऑफ इंडिया(Bank Of India)                                                                              5.5-5.75%  
2. कैनेरा बैंक (Canara Bank)                                                                                     6.15-6.25%
3. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया(Central Bank Of India)                                                         6.0-6.25 %
4. बैंक ऑफ बड़ोदा(Bank Of Baroda)                                                                        5.60-7.10 %
5. बैंक ऑफ महाराष्ट्र(Bank Of Maharashtra)                                                                 5.0-10-6%
6. पंजाब नेशनल बैंक(Punjab National Bank)                                                                  6.0-7.5%
7. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(State Bank Of India)                                                               5.75-6.0 %
8. एक्सिस बैंक(Axis Bank)                                                                                             5.75-6.0 %
9. कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटिड (Kotak Mahindra Bank Ltd)                                               6.0-7.0 %

10. कर्नाटक बैंक (Karnataka Bank)                                                                                6..0-6.05%                              

मिलेगा इतना रिटर्न
आपतो बता दें, उदाहरण के तौर पर अगर आप पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कर्नाटक बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक में 6 महीने के लिए 1 लाख रुपये निवेश करते हैं, तो आपको 6 हजार रुपये रिटर्न मिलेंगे. वहीं, कैनेरा बैंक में अगर आप 1 लाख रुपये निवेश करेंगे तो आपको 6,150 रुपये रिटर्न मिलेंगे. ऐसे ही स्टेट बैंक में अगर पर 1 लाख का निवेश करते हैं तो आपको 5, 750 रुपये रिटर्न मिलेंगे. 

फ्लेक्सिबिलिटी और लिक्विडिटी का लाभ
कम समय की एफडी के प्राइमरी बेनिफिट में से एक उसका फ्लेक्सिबिलिटी और लिक्विडिटी है. लंबी अवधि की एफडी के उलट छोटी अवधि वाली एफडी निवेशकों को अपेक्षाकृत जल्दी अपने फंड तक पहुंचने की अनुमति देती है. ये लिक्विडिटी सुविधा उन्हें उन व्यक्तियों के लिए उपयुक्त बनाती है, जिन्हें निकट भविष्य में विभिन्न कारणों से आई खर्चों के लिए फंड तक पहुंच की आवश्यकता हो सकती है.

पैसा रहता है सुरक्षित

एफडी में निवेशका का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित रहता है. साथ ही इसमें गारंटीड रिटर्न भी मिलता है. ऐसे एफडी पर ब्याज दरें निवेश के समय ही फिक्स्ड रहती हैं. ऐसे में निवेशकों को उनकी कमाई पर स्पष्टता मिलती है. पहले से तय दर उन निवेशकों के लिए बेहतर है, जो अपने निवेश पोर्टफोलियो में स्थिरता चाहते हैं.

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कम समय की एफडी पर अच्छी कमाई 
कम समय में मेच्योर होने वाली एफडी पर भी निवेशकों की अच्छी कमाई होती है. थोड़े समय की एफडी का एक अन्य लाभ उनकी सादगी और निवेश में आसानी है. इस एफडी अकाउंट को खोलने की प्रक्रिया कापी आसान है, इसमें कम दस्तावेज की जरूरत होती है. आमतौर पर ऑनलाइन बैंकिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से पहुंच योग्य होती है. यह सुविधा इसे अनुभवी निवेशकों और वित्तीय निवेश में नए लोगों दोनों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाती है.

इन बातों का भी रखें धयान
आप इस प्रकार के निवेश का इस्तेमाल निकट भविष्य की जरूरतों जैसे की छुट्टी, सामान खरीदारी, एजुकेशन फीस, घर के रिनोवेशन पर आने वाले खर्चों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं. हालांकि, निवेशकों के लिए शार्ट टर्म एफडी में निवेश करते समय कुछ कारकों पर जैसे ब्याज दरें, समय से पहले निकासी के लिए जुर्माना और कोई अन्य चार्ज आदि पर विचार करना महत्वपूर्ण है


इन दो बैंकों ने बदले सेविंग अकाउंट के नियम, जानिए अगर आपका भी है खाता

Yes Bank और ICICI Bank ने कई सर्विसेज पर चार्च बढ़ा दिया है. साथ ही कई तरह के सेविंग्स अकाउंट्स को भी बंद करने कका फैसला लिया है.

Last Modified:
Saturday, 20 April, 2024
Banks

अगर आपका भी यस बैंक (Yes Bank) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) में सेविंग्स अकाउंट है, तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. आपको बता दें, इन दोनों बैंकों ने अपने बचत खातें के सर्विस चार्जिस में बदलाव करने की घोषणा की है. ये बदले हुए नियम 1 मई 2024 से लागू होंगे. यस बैंक ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर भी इससे संबंधित जानकारी दी है. तो चलिए हम आपको बताते हैं इन बैंकों ने क्या बदलाव किए हैं?  

मिनिमल एवरेज बैलेंस और बदले हुए चार्जिस
यस बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार बैंक ने सेविंग्स अकाउंट्स के अलग-अलग वैरिएंट्स के मिनिमम एवरेज बैलेंस में बदलाव किया गया है. जिन लोगों का अकाउंट प्रो मैक्स है, उनके लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस 50,000 रुपये का हो जाएगा. वहीं, मैक्सिमम चार्ज के लिए 1,000 रुपये की लिमिट तय की गई है. वहीं, जिन ग्राहकों के पास सेविंग अकाउंट प्रो प्लस, Yes Essence SA और YES Respect SA है, उनके लिए मिनिमम बैलेंस अब से 25,000 रुपये हो जाएगा. अगर किसी ग्राहक के पास Saving Account PRo  है, तो उनके लिए मिनिमम बैलेंस 10,000 रुपये होगा. इन अकाउंट्स के चार्जिस के लिए अधिकतम लिमिट 750 रुपये कर दी गई है.

ये खाते होंगे बंद
इसी के साथ यस बैंक ने अपने कुछ अकाउंट्स को बंद करने का फैसला भी लिया है. जानकारी के अनुसार यस बैंक सेविंग एक्सक्यूजिव (Saving Exclusive), यस सेविंग सेलेक्ट (Yes Saving Select) सहित कुछ ऐसे अकाउंट्स बंद किए जाएंगे. ये सभी अकाउंट्स ग्राहकों की जरूरतों को देखते हुए शुरू किए गए थे, लेकिन अब इन्हें बंद किया जा रहा है. 

ICICI Bank ने किए ये बदलाव
आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक ने भी अपनी कई तरह की सर्विस की फीस में बदलाव किया है. इनमें मिनिमम एवरेज बैलेंस, कैश ट्रांजेक्शन चार्ज, एटीएम इंटरचेंज फीस आदि शामिल हैं.  इसी के साथ बैंक ने कुछ अकाउंट्स को बंद करने का ऐलान किया है. जिनमें एडवांटेज वुमन सेविंग अकाउंट (Advantage Woman Savings Account), प्रीविलेज अकाउंट्स एडवांटेज वुमन सेविंग अकाउंट, (Privilege Accounts Advantage Woman Saving Account), अस्सेट लिंक्ड सेविंग अकाउंट ( Asset Linked Saving Account) और ऑरा सेविंग अकाउंट (Aura Savings Account) शामिल हैं.

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रेगुलेटर सेविंद अकाउंट में ये किए बदलाव
आईसीआईसीआई बैंक ने डेबिट कार्ड की एनुअल फीस 2,000 रुपये कर दी है. ग्रामीण इलाकों में यह फीस 1000 रुपये ली जाएगी. एक साल में 25 पन्ने वाली चेक बुक पर कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा, जबकि इसके बाद हर पन्ने के लिए 4 रुपये चुकाने होंगे. आईएमपीएस के ट्रांजेक्शन अमाउंट पर चार्ज लगेगा, यह 2.50 से 15 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन के बीच होगा, जो ट्रांजेक्शन की वैल्यू पर निर्भर होगा.
 


ये 7 ट्रिक अपनाइए, घटेगी आपके होम लोन की EMI

होम लोन लेना आसान होता है लेकिन चुकान मुश्किल क्योंकि यह लंबी अवधि का लोन होता है. हालांकि, कुछ बातों का ख्याल रखकर आसानी से होम लोन को समय से पहले चुकाया जा सकता है.

Last Modified:
Friday, 19 April, 2024
Home Loan

हर किसी का सपना होता है कि उसका अपना घर हो. कुछ लोग इसके लिए फ्लैट खरीदते हैं तो कुछ लोग प्लॉट लेकर उस पर अपना घर बनाते हैं. अधिकतर लोग घर बनाने के लिए होम लोन लेते हैं और फिर घर बनाते हैं. नौकरी लगने के बाद शुरुआती दिनों में तो होम लोन की ईएमआई चुकाने में कोई दिक्कत नहीं होती है, लेकिन धीरे-धीरे जिम्मेदारियां बढ़ने लगती हैं. जैसे-जैसे जिम्मेदारियां बढ़ती हैं, वैसे-वैसे आपकी सैलरी कम पड़ने लगती है. होम लोन की EMI बोझ लगने लगती है. कुछ लोग तो यहां तक सोचने लगते हैं कि घर बेचकर होम लोन से छुटकारा पा लिया जाए. अगर आप भी होम-लोन की EMI से परेशान हो गए हैं तो आइए जानते हैं इसके बोझ को कैसे कम करें.

1. महीने की किस्त का अमाउंट बढ़ा दें

आपके लोन के टाइप को देखते हुए आप ये पता कर सकते हैं कि आप अपने महीने की किस्त बढ़ा सकते हैं या नहीं. अगर आपका फिक्स्ड रेट लोन है तो इससे आपको मदद मिलेगी. रीफाइनेंस न करा पाने की स्थिति में आप मंथली पेमेंट को बढ़ाकर लोन जल्दी जमा कर सकते हैं. इससे आप ब्याज को बढ़ने का मौका ही नहीं देते हैं और प्रिंसिपल अमाउंट भी घटता रहता है. आप हर महीने एक किस्त बढ़ाकर भी दे सकते हैं.

2. बैलेंस ट्रांसफर करवाने का विकल्प

आप अपने बैंक से इसपर चर्चा कर सकते हैं कि आपका बैंक, लोन की अवधि के बीच आपकी ब्याज दर कम करके राहत दे सकता है या नहीं. अगर ऐसा नहीं हो सकता है तो आप अपना लोन किसी दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा सकते हैं, जहां आपको कम ब्याज पर लोन चुकाना होगा.

3. लोन की अवधि को छोटा कराना

आप एक लमसम अमाउंट भरकर अपना होम लोन टर्म छोटा करा सकते हैं. अगर आपके पास एक्स्ट्रा कैश है जिसकी आपको लंबे समय तक जरूरत नहीं पड़ने वाली है तो आप अपने बैंक से बात करके एडिशनल पेमेंट कर सकते हैं. लोन टर्म शॉर्ट कराने के लिए आप अपना लोन रीफाइनेंस करा सकते हैं. ये ऑप्शन तब ही लेना चाहिए, जब आप बिल्कुल श्योर हों कि आप हर महीने बढ़ा हुआ पेमेंट कर सकते हैं या नहीं.

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4. एक्स्ट्रा लमसम पेमेंट करना

आप एक्स्ट्रा लमसम पेमेंट भरकर भी अपना लोन जल्दी बंद करवा सकते हैं. लमसम पेमेंट मतलब वन टाइम पेमेंट, जिसमें आप बड़ा अमाउंट बैंक को दे देते हैं, इससे आपका ब्याज और प्रिंसिपल अमाउंट कवर हो जाता है. इस तरीके का इस्तेमाल अधिकतर लोग करते हैं.

5. लोन कंसॉलिडेट कराना

अगर आप होम लोन के अलावा, कुछ दूसरे छोटे लोन का खर्च भी वहन कर रहे हैं तो आप अपने लोन कंसॉलिडेट करा सकते हैं. यानी कई सारे लोन को एक में मिलाकर एक ही लोन की तरह भर सकते हैं. इससे आपके ऊपर ज्यादा ब्याज भरने का बोझ भी कम होगा.

6. होम लोने के लिए SIP की मदद लें

होम लोन की लागत काफी अधिक होती है और यह आप पर भारी पड़ सकता है. कई मामलों में ब्याज पर किया जाने वाला भुगतान मूलधन से ज्यादा होता है. ऐसे में हाई रिटर्न वाले निवेश आपके होम लोन को चुकाने में आपकी मदद कर सकते हैं. लंबी अवधि के निवेश से होम लोन की ब्याज दर को काफी हद तक कवर करने में मदद मिलती है. सरल शब्दों में, इन निवेशों पर मिलने वाला रिटर्न अंततः होम लोन पर चुकाए गए ब्याज की भरपाई करेगा.

7. लोन प्रीपेमेंट की ले सकते हैं मदद

अच्छी बात है कि आपके अपना होम लोन जल्दी चुकाकर खत्म करने का विकल्प रहता है. अगर आपका लोन टेन्योर 20 सालों का है, तब भी आप इससे कम टाइम में लोन चुकाकर लाखों रुपये बचा लेंगे. होम लोन ही नहीं, अधिकतर लोन के प्रीपेमेंट के साथ पेनाल्टी की शर्त आती ही है. अगर आप होम लोन टेन्योर खत्म होने से पहले चुकाना चाह रहे हैं, तो पहले आपको अपने बैंक से इसकी जानकारी लेनी चाहिए कि वो प्रीपेमेंट पर किस तरह की पेनाल्टी लेता है. अगर आपको लगता है कि पेनाल्टी चुकाकर लोन भरने में आप फायदे में रहेंगे, तो आप बिल्कुल प्रीपेमेंट का रास्ता अपना सकते हैं.
 


Personal Loan लेते समय इन बातों का रखें ख्याल, तो कम होगी EMI

पर्सनल लोन जिसे कंज्यूमर लोन भी कहा जाता है. इसके लिए अप्लाई करने से पहले आपको अपनी जरूरतों का आकलन करना चाहिए.

Last Modified:
Thursday, 18 April, 2024
personal loan

पर्सनल लोन लेने की तैयारी कर रहे हैं तो एक सही प्लानिंग ही आगे की राह को आसान कर सकती है. पर्सनल लोन लेने के बाद जो चीज आपको सबसे ज्यादा परेशान करती है वो है बढ़ती EMI. क्योंकि पर्सलन लोन का इंट्रेस्ट रेट दूसरे लोन से बहुत ज्यादा होता है. पर्सनल लोन लेने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखा जाना जरूरी है. लोन और लोन की राशि से जुड़े कुछ सवालों का जवाब पहले ही खोज लिया जाए तो कर्ज के बोझ से जल्द से जल्द छुटकारा पाया जा सकता है. किसी बैंक की पर्सनल लोन की ब्याज दरों को जानने से पहले आपको पता होना चाहिए कि पर्सनल लोन आपको तत्काल भुगतान करने में कैसे मदद कर सकता है. आपको ये 6 जरूरी पॉइंट्स अगले पर्सनल लोन पर सर्वोत्तम ब्याज दर खोजने में मदद कर सकते हैं.

क्रेडिट स्कोर होना चाहिए बेहतर

किसी भी भारतीय बैंक से किसी भी पर्सनल लोन के लिए आवेदन करने से पहले आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास एक अच्छी क्रेडिट रिपोर्ट हो. जब आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होगा, तो आपको बैंकों से व्यक्तिगत कर्ज मिलने की संभावना बढ़ जाएगी, और आपके पास कई अच्छे विकल्प उपलब्ध होंगे. जब आप कर्ज के लिए बैंक से बातचीत करते हैं तो आपको फायदा भी मिल सकता है.

आपको ऑफर्स का उठाना होगा फायदा

बैंकों को विशिष्ट समय पर मौसमी ऑफर चलाने के लिए जाना जाता है, और इस प्रकार के ऑफ़र आपको व्यक्तिगत ऋण ब्याज दर प्रदान कर सकते हैं जो सामान्य रूप से दी जाने वाली ब्याज दरों से कम होती हैं. लेकिन आपको ये ऑफर सीमित समय के लिए ही मिल सकते हैं, इसलिए आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि बैंक कब ये ऑफर देते हैं.

पर्सनल लोन इंटरेस्ट रेट

पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करने से पहले आपको ये चेक कर लेना चाहिए कि कौन सा बैंक कितनी ब्याज दर पर लोन ऑफर कर रहा है. आपके लोन अमाउंट के हिसाब से लोन पर अलग-अलग ब्याज दरें हो सकती है. इंटरेस्ट रेट बड़ा फैक्टर है क्योंकि इसी से यह कैलकुलेट होता है कि आपको प्रिंसिपल लोन अमाउंट पर आपको कितना ब्याज चुकाना होगा.

EMI पर क्या है राहत?

पर्सनल लोन दो तरह के होते हैं. प्रिंसिपल अमाउंट यानी मूलधन और इस मूलधन पर इंटरेस्ट यानी ब्याज दर. आपको इन्हें किस्तों या EMI (Equated Monthly Instalments) में चुकाना होता है. आप लोन ले रहे हैं तो इसका कैलकुलेशन कर लें कि आपको हर महीने कितनी EMI भरनी होगी. कुछ बैंक या NBFCs आपको स्टैंडर्ड EMI अमाउंट के साथ-साथ फ्लेक्सिबल EMI का ऑप्शन भी देते हैं. स्टैंडर्ड EMI के तहत आप हर महीने एक बंधी-बंधाई किस्त चुकाते हैं. वहीं फ्लेक्सिबल EMI में आप कम किस्त से शुरू करके धीरे-धीरे इसे बढ़ाते हैं.

लोन चुकाने की शर्तें क्या हैं?

Personal Loan चुकाने के पहले आपको लोन अमाउंट टेन्योर पूरा होने से पहले चुकाने यानी लोन प्रीपेमेंट की शर्तें भी चेक कर लेनी चाहिए. कई बैंक या NBFCs लोन के प्रीपेमेंट पर पेनाल्टी लगाते हैं. यानी आपको लोन की अवधि पूरी होने से पहले ही लोन का पैसा चुका देने पर जुर्माना देना पड़ता है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बैंक को आपको लोन देकर हर महीने ब्याज मिल रहा है, आप जल्दी लोन चुका देते हैं, तो उसके पास ये पैसा आना बंद हो जाता है. आप लोन जारी करवाने से पहले ये पता कर सकते हैं कि अगर आप वक्त से पहले लोन चुकता करना चाहें तो क्या आपको जुर्माना भरना पड़ेगा.

बैंक का ट्रैक रिकॉर्ड

बैंकों का ट्रैक रिकॉर्ड भी चेक करना जरूरी है. आपको पहले लेंडर का ट्रैक रिकॉर्ड चेक कर लेना चाहिए कि वो बाजार में कितने वक्त से है, कितना मजबूत है, ग्राहकों का अनुभव कैसा रहा है. पर्सनल लोन आपकी कई जरूरतों को पूरा कर सकता है और अब ये अलग-अलग प्लान्ड और अनप्लान्ड जरूरतों के लिए अवेलेबल भी हैं, ऐसे में आपको इसके लिए अप्लाई करने से पहले ऊपर बताई गई बातों पर अच्छे से सोच-समझ लेना चाहिए.
 


टैक्‍स बचाने में कारगर साबित हो सकता है होम लोन, जानते हैं इतने लाख तक कर सकते हैं बचत

टैक्स लायबिलिटी को कम करने के लिए इनकम टैक्स नियमों में प्रावधान किए गए हैं. इसमें होम लोन और अंडर कन्स्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर टैक्स छूट जैसे बेनेफिट शामिल हैं.

Last Modified:
Thursday, 11 April, 2024
Home Loan Benefit

इनकम टैक्स एक्ट (Income tax act, 1961) के तहत भारतीय टैक्सपेयर्स को कई तरह के टैक्स बेनेफिट (tax benefits) मिलते हैं. अलाउंस और इन्वेस्टमेंट पर तो टैक्स छूट मिलती ही है, साथ ही आपके कुछ बड़े खर्चों को देखते हुए भी टैक्स लायबिलिटी कम हो जाए, इसके लिए इनकम टैक्स नियमों में प्रावधान किए गए हैं. इसमें ही होम लोन (home loan tax benefits) और अंडर कन्स्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर टैक्स छूट जैसे बेनेफिट आते हैं. तो चलिए हम आपको होम लोन और प्रॉपर्टी कन्स्ट्रक्शन से जुड़े कई सेक्शन और उनकी शर्तें के बारे में बताते हैं.

घर बनवाने पर ये है टैक्स छूट की शर्तें
अगर आप अंडर कन्स्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के लिए टैक्स डिडक्शन क्लेम करना चाहते हैं, तो आप एक साल में जितना ब्याज भरा गया है, उस पर 2 लाख तक के ब्याज और सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख तक टैक्स छूट ले सकते हैं. ब्याज पर ये छूट घर का कन्स्ट्र्क्शन पूरा हो जाने पर लिया जा सकता है, इसके लिए कन्स्ट्रक्शन का 5 साल में पूरा होना जरूरी है. ये डिडक्शन 5 किस्तों में क्लेम की जा सकती है. अगर घर इन 5 सालों में नहीं बन पाता है तो भरे गए ब्याज पर आपको 30,000 रुपये की छूट ही मिल पाएगी. 
 

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ऐसे मिलेगा टैक्स लााभ

1. होम लोन के इंटरेस्ट पर टैक्स छूट (Section 24) मिलेगी. अगर आपने घर बनवाने के लिए लोन लिया है, तो आप लोन के ब्याज पर किए गए भुगतान पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. यह छूट अपने इस्तेमाल में ली जा रही प्रॉपर्टी के लिए भी ले सकते हैं, इसमें अधिकतम छूट 2 लाख सालाना की छूट ली जा सकती है. हालांकि, प्रॉपर्टी को किराये पर दिया है, तो पूरे ब्याज पर आपको टैक्स छूट मिल जाती है.

2.इसके अलावा प्रिंसिपल अमाउंट पर टैक्स छूट (Section 80C) मिल होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट के रीपेमेंट पर आप टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. यह छूट सालाना 1.5 लाख की कुल छूट की लिमिट में आती है.

3. रजिस्ट्रेशन फीस पर टैक्स छूट (Section 80C)- संपत्ति को खरीदते समय दिया गया रजिस्ट्रेशन फीस भी 80C के तहत आयकर छूट दिलाता है.

4 पहली बार घर खरीदने वालों के लिए (Section 80EE)- पहली बार घर खरीदने वाले लोगों को भी अतिरिक्त छूट मिल सकती है. सेक्शन 24b के तहत जो 2 लाख की छूट मिली है, उसके ऊपर से आप अपने होम लोन के ब्याज पर 50,000 की एक्स्ट्रा छूट ले सकते हैं.

5. जॉइंट-ओनर्स के लिए टैक्स छूट- अगर आप संपत्ति के जॉइंट ओनर हैं या फिर किसी के साथ जॉइंट बॉरोअर बनकर जॉइंट होम लोन लिया है तो दोनों ही मालिक अलग-अलग भागीदारी के लिए टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.
 

 


कैश निकालने के लिए ATM जाने का झंझट खत्म, घर पहुंच जाएंगे पैसे, जानते हैं कैसे?

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने पैसे निकालने के लिए अब एटीएम (ATM) जाने का झंझट खत्म कर दिया है. यानी अब आप घर बैठे ही आपको अपने हाथ में कैश मिल जाएगा. 

Last Modified:
Thursday, 11 April, 2024
Cash

अब आपको बार बार कैश निकालने के लिए ATM या बैंक जाना अच्छा नहीं लगता या आपके पास इतना समय नहीं है, तो अब आपकी इस समस्या का हल निकाल लिया गया है. आपको कैश लेने एटीएम जाने की जरूरत नहीं, कैश खुद चलकर आपके घर आएगा. इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने पैसे निकालने के लिए एक गजब की सुविधा शुरू की है, जिसका नाम ‘ऑनलाइन आधार एटीमएम सर्विस’ (AAAS) है. तो आइए जानते हैं कि ये सुविधा क्‍या है और कैसे काम करती है.
 

क्या है ऑनलाइन आधार एटीएम सर्विस?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आधार इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने ऑनलाइन आधार एटीएम सर्विस की सुविधा शुरू की है. इसे आधार इनेबल्‍ड पेमेंट सिस्‍टम (एईपीएस) के जरिये दिया जा रहा है. आधार एटीएम ऐसी सुविधा है, जो आपको घर बैठे कैश निकालने की सुविधा देती है. इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए आपको सबसे पहले अपने बैंक खाते को आधार नंबर से लिंक करना होगा. इस आधार एटीएम सर्विस की मदद से खाताधारक के बायोमेट्रिक का इस्तेमाल कर बैंकिंग सर्विस दी जाती है. बायोमेट्रिक डिटेल के जरिए उन्हें बेसिक बैंकिंग सर्विस की सुविधा जैसे कैश विड्रॉल, बैलेंस इंक्वायरी, कैश विड्रॉल, मिनी स्टेटमेंट जैसी सर्विस घर पर मिल जाती है.  इतना ही नहीं इस सर्विस की मदद से आप आधार टू आधार फंड ट्रांसफर भी कर सकते हैं.

कैसे आएंगे पैसे?
एटीएम (Aadhaar ATM)  की मदद से आपको घर बैठे पैसे मिल जाएंगे. पोस्टमैन आपके घर तक कैश पहुंचाएगा, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के जरिए आप बिना बैंक या एटीएम गए ही कैश निकाल सकते हैं. आज की तेजी से भागती दुनिया में बैंक या एटीएम जाने के लिए समय निकालना एक परेशानी हो सकती है. खासकर तब जब आपको कैश की तुरंत जरूरत हो, ऐसे में अब आप अपने घर से बाहर निकले बिना आसानी से कैश हासिल कर सकते हैं.आपको बता दें, अगर आपने अपने एक आधार नंबर से कई बैंक खातों को लिंक कर रखा है, तो ट्रांजैक्शन के वक्त आपको अपना बैंक खाता चुनना होगा, जिससे आप कैश निकालना चाहते हैं.  इस सर्विस के जरिए आप  10,000 रुपये तक का कैश ट्रांजैक्शन कर सकते हैं.

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कितना चार्ज, कैसे करें इस्तेमाल?  
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के जरिए कैश घर पर मंगवाने पर आपको कोई शुल्क नहीं देना है, लेकिन डोर स्टेप सर्विस के लिए बैंक आपसे चार्ज करेंगा.  इस सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले आपको सबसे पहले आईपीपीबी  की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा.  वहां जाकर  डोर स्टेप का ऑप्शन चुनें, फिर अपना नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, एड्रेस, पिन कोड जैसी डिटेल भरें.  उस बैंक का नाम भरें, जहां आपका खाता हैं.  I Agree पर क्लिक कर सब्मिट कर दें. थोड़ी देर में पोस्टमैन आपके घर कैश लेकर आएगा.  

ट्रांजैक्‍शन के नियम और सीमाएं
अगर गलत आधार विवरण दर्ज किया गया है या गलत बैंक चुना गया है, तो लेनदेन अस्वीकार कर दिया जाएगा. सिर्फ प्राइमरी खाते से ही रकम को डेबिट किया जाएगा. आधार कार्ड ले जाना जरूरी नहीं है. लेकिन, आधार-बैंक खाता लिंक होना जरूरी है. ग्राहकों को लेनदेन की सफलता की सूचना माइक्रोएटीएम और एसएमएस अलर्ट के जरिये दी जाएगी. आईपीपीबी एक्‍सेस पॉइंट पर या डोरस्टेप सेवाओं के लिए लेनदेन शुल्क नहीं लेता है. हालांकि, डोरस्टेप सेवा शुल्क लागू होता है. एनपीसीआई ने प्रति एईपीएस लेनदेन पर अधिकतम लेनदेन सीमा 10,000 रुपये तय की है.